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DiseasePrescritions
जलोदर रोग➺ जलोदर ( नसों की सूजन), हाथ तथा पैरों में, आँखों के नीचे घेरे, कम प्यास लगना – APIS MELLIFICA Q दिन में दो बार ।
जलोदर रोग➺ निचले अंगों का जलोदर, गैस्ट्रिक या जुकाम के लक्षणों के साथ - ANTIMONIUM TARTARICUM 3 X दिन में तीन बार
जलोदर रोग➺ मलेरिया आदि गंभीर रोगों, रक्तस्राव के बाद जलोदर - CINA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
जलोदर रोग➺ जलोदर, जीवनी द्रवों या रक्त की कमी अथवा दमित मलेरिया या अधिक कुनैन लेने के कारण - FERRUM METALLICUM-6 दिन में तीन बार |
जलोदर रोगजलोदर, दमित पसीने, दमित स्राव या ठंड लगने के कारण - DULCAMARA-30 दिन में तीन बार |
जलोदर रोग➺ जलोदर, हृदय संबंधी समस्याओं के कारण-COLLINSONIA CANADENSIS 200 की एक खुराक प्रतिदिन (जब अन्य दवाएँ लाभ न पहुँचाएँ तो इसे आजमाएँ) ।
जलोदर रोग➺ जलोदर, यकृत तथा गुरदे से संबंधित समस्याओं के कारण, एल्बुमिनेरिया के साथ, लाल बुखार के बाद - COLCHICUM AUTUMNALE (COLCHICUM)-30 दिन में दो बार (जब APIS MELLIFICA तथा ARSENICUM ALBUM लाभ न दें ) ।
जलोदर रोग➺ जलोदर, उन वृद्धों या हृदय रोगियों में, जो श्वास संबंधी समस्या से पीड़ित हैं KALIUM CARBONICUM-200 की एक खुराक । आवश्यक हो तो दुहराएँ।
जलोदर रोग➺ जलोदर, खराब यकृत वाले शराबियों में-Acid Fluoric 6 दिन में दो बार।
जलोदर रोग➺ प्यास से शरीर के अंगों के सीरस मेंब्रेन का जलोदर - Apocynum cannabinum Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
जलोदर रोग➺ जलोदर, गले का, कम मात्रा में पानी पी सकते हैं, बेचैनी तथा थकान -ARSENICUM ALBUM-30 दिन में दो बार ।
जलोदर रोग➺ दवा के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए CAMPHORA Q आधे कप पानी में एक बूँद, दिन में तीन बार |
जलोदर रोग➺ अंडाशय में जलोदर - Aurum Muriaticum Natronatum-3X दिन में तीन बार ।
जलोदर रोग➺ गुदा संबंधी जलोदर, मांसल महिलाओं और भावुक लोगों में, थोड़ा भी भावुक होने पर जिनका हृदय तेज धड़कने लगता है- Calcarea Arsenica 30 दिन में दो बार ।
जलन या दाह➺ फफोलों में जलन तथा दर्द- CANTHARIS VESICATORIA-30 दिन में तीन बार
जलन या दाह➺ मूत्र त्याग से पहले और बाद में जलन - CANTHARIS VESICATORIA 200 की एक खुराक रोज ।
जलन या दाह➺ जलन, परंतु गरमी देने पर राहत - ARSENICUM ALBUM 30 दिन में तीन बार।
जलन या दाह➺ पैरों में जलन तथा पिंडलियों में ऐंठन-Secale cornutum-30 दिन में तीन बार ।
जलन या दाह➺ तलवों तथा हथेलियों में जलन- SULPHUR 30 दिन में तीन बार
जलन या दाह➺ रीढ़ की हड्डी में जलन, मानसिक थकान के कारण - PICRIC ACID 6 दिन में तीन बार ।
जलन या दाह➺ मूत्रमार्ग में जलन, जब मूत्र त्याग न कर रहे हों- Staphysagria 30 दिन में तीन बार ।
जलन या दाह➺ मूत्रमार्ग में जलन, जख्म के कारण-Cannabis sativa X आधा कप पानी में दस बूँदें सुबह-शाम
जलन या दाह➺ योनि में जलन - Berberis Vulgaris Q दो पाँच बूँदें दिन में तीन बार ।
जलन या दाह➺ हाथों तथा पैरों की जलन, उन्हें खुला रखने तथा हवा देने की इच्छा Medorrhinum 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
जलन या दाह➺ तलवों में जलन, रात में पैरों को चादर के बाहर रखना - CHAMOMILLA 200 की एक खुराक रोजाना।
जलन या दाह➺ अल्सर या गैंगरीन में जलन - PLUMBUM METALLICUM 200 की एक खुराक ।
जलन या दाह➺ शरीर के अंगों में जलनयुक्त पीड़ा, जो तिरछे रूप में उभरती है, जैसे ऊपर का दायाँ भाग, फिर बाएँ पैर का निचला भाग - PHOSPHORUS- 200 दो सप्ताह में एक बार
जलन या दाह➺ मल-त्याग से पहले तथा बाद में जलन के साथ दर्द – AESCULUS HIPPOCASTANUM-30 दिन में तीन बार
जलन या दाह➺ पेट की हृदय गुहा में जलन और दर्द - Ranunculus Bulbosus 30 दिन में तीन बार ।
जलन या दाह➺ गंभीर रोगों के कारण जलन का एहसास, गरमी से राहत - ARSENICUM ALBUM 200 की एक खुराक
जलन या दाह➺ कमर के नीचे जलन, रोगी स्पर्श तथा शोरगुल सहन नहीं कर सकता - Theridion Curassavicum-30 दिन में दो बार
जलन या दाह➺ जलन महसूस होना, शरीर ठंडा होने के बावजूद जलन का एहसास होना, गरमी असहनीय होती है, कुछ ओढ़ना पसंद नहीं करता - Secale cornutum-30 दिन में दो बार – सीकेल कंधों के बीच जलन- LYCOPODIUM 200 की एक खुराक या PHOSPHORUS - 200 की एक खुराक रोजाना ।
जलन या दाह➺ जलन के बावजूद गरम कपड़े ओढ़ने की इच्छा-ARSENICUM ALBUM – 30 हर छह घंटे पर
जलन या दाह➺ जलन, मानो शरीर पर लाल मिर्च लगा दी गई हो - CAPSICUM ANNUUM 30 दिन में तीन बार |
जलन या दाह➺ कंधे के नीचे, पैरों और उँगलियों में जलन- KALIUM PHOSPHORICUM 200 की एक खुराक ।
जलन या दाह➺ शरीर के सभी अंगों में जलन-OXALICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार |
जलन या दाह➺ शरीर के किसी छोटे से भाग में जलन- Ranunculus Bulbosus 200 की एक खुराक रोज ।
जलन या दाह➺ रीढ़ की हड्डी, विशेषकर पीठ के नीचे जलन-NATRIUM PHOSPHORICUM 30 दिन में दो बार ।
जलन या दाह➺ भोजन नली में जलन, पानीदार डायरिया, खट्टे पित्त का वमन, गुदा में अत्यधिक जलन-IRIS VERSICOLOR-30 दिन में तीन बार ।
जलन या दाह➺ पूरी रीढ़ की हड्डी में जलन - ZINCUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
जलन या दाह➺ शरीर के अंदर जलन, लेकिन बाहर से शरीर ठंडा, कुछ ओढ़ने-पहनने की . इच्छा नहीं— Secale cornutum 30 दिन में दो बार
जलन या दाह➺ कंधों के बीच जलन, मालिश से बेहतर-PHOSPHORUS-30 की एक खुराक या ARSENICUM ALBUM-30 दिन में दो बार
जलन या दाह➺ फफोले और जलन- CANTHARIS VESICATORIA-30 हर चार घंटे पर और CANTHARIS VESICATORIA मलहम बाह्य इस्तेमाल के लिए या URTICA URENS-Q आधे कप पानी में दस बूँदें बाहरी प्रयोग के लिए ।
जलन या दाह➺ फफोले या त्वचा की जलन से प्रभावित भागों पर URTICA URENS का मदर टिंचर लगाएँ, साथ में URTICA URENS-6 हर चार घंटे पर लें।
जलन या दाह➺ फफोले, जलन का एहसास-CANTHARIS VESICATORIA-1X या 2X उबले पानी में 10 : 1 के अनुपात में मिलाकर दिन में तीन बार यह जलन तथा दर्द में में तुरंत राहत देता है ।
जलन या दाह➺ जली त्वचा, बाहरी इस्तेमाल के लिए URTICA URENS-Q या CANTHARIS VESICATORIA Q मलहम तथा CALCAREA CARBONICA 200 सप्ताह में एक बार।
जलन या दाह➺ फफोले, जिनके घाव बनने की संभावना हो - CARBOLICUM ACIDUM – 30 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मूत्र में बिल्ली के जैसी गंध - VIOLA ODORATA-6 हर छह घंटे पर ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ गरमी से मूर्च्छा - PSORINUM 200 सुबह-शाम ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मूर्च्छा की स्थिति, चेतनता, परंतु चलने या बोलने की शक्ति नहीं - GRAPHITES-30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ बेहोशी, चेहरा लाल हो जाए CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार लें ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ सांत्वना पाने की इच्छा, अकेले रहने में असमर्थ - PHOSPHORUS-30 या SEPIA 200 की एक खुराक नित्य लें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ सांत्वना न चाहना, अकेले रहना पसंद-NATRIUM MURIATICUM-200 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ शराबियों में मिर्गी, भय से जबड़े खिंच जाते हैं, पुतलियाँ विस्तृत या संकुचित हो जाती हैं, चेहरा चित्तीदार हो जाता है, गरम पसीना, दाईं ओर पक्षाघात - OPIUM 30 दिन में तीन बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, चेहरा खिंचना तथा लाल व बैंगनी हो जाना, मस्तिष्क तथा पूरे शरीर में सिहरन महसूस होना- CACTUS GRANDIFLORUS Q की दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ उन्माद (उग्र ), काटने, थूकने, मारने तथा चीजों को तोड़ने की प्रवृत्ति; हँसी के दौरे, दाँत पीसना, अटेंडेंटों को मारने तथा काटने की प्रवृत्ति, रोगी भाग जाना चाहता है— BELLADONNA-30 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺उन्माद, रात में बड़बड़ाना, उनींदा, लाल चेहरा, धीरे तथा कठिनाई से में बोलना, सिर को अचानक तकिये पर से झटक देना- LACHESIS - 200 की एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ उन्माद (चित्त-भ्रांति), वृद्ध कमजोर व्यक्ति में, सूजा चेहरा, आँखों जलन, जोर के खर्राटे-OPIUM 30 हर चार घंटे पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ उन्माद (चित्त-भ्रांति), उत्तेजना तथा अनिद्रा के कारण-COFFEA CRUDA-30 दो सप्ताह में एक खुराक
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ उन्माद, उदरशूल के साथ-PLUMBUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ उन्माद, गंभीर संक्रमणों के कारण, निरंतर ज्वर, रोगी अपने व्यवसाय के बारे में बात करता है, बायाँ पैर और बाँह लगातार हिलाता रहता है BRYONIA-30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ उन्माद, तेज ज्वर, बेचैनी, बिस्तर से कूदकर भागने का प्रयास, अप्रासंगिक उत्तर देता है, सोचता है कि वह गलत स्थान पर है, काल्पनिक चीजों के बारे में बात करता है, कोई इच्छा या शिकायत नहीं SINAPIS NIGRA।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ उन्माद, अवसाद, बेचैनी, मौत का भय, अकेले पड़ने का डर तथा सशक्त आत्मघाती प्रवृत्ति – ARSENICUM ALBUM 200 की रोज एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, दौरे के समय सिर तथा गरदन पीछे की ओर मुड़ जाते हैं और दाँत जुड़ जाते हैं - CICUTA VIROSA-3X की पानी में दस बूँदें मिलाकर, पंद्रह मिनट के अंतराल पर दें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, लाल चेहरा, बेहोशी, विस्फारित पुतलियाँ, निगलने में परेशानी, मूत्र स्वतः निकल जाता है, दौरा- BELLADONNA-6 पंद्रह-पंद्रह मिनट के अंतराल पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, अचेतनता की अवस्था घंटों या दिनों तक रह सकती है और . आवाज देने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है— CHLORALUM HYDRATUM – 30 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिंसक मिर्गी, दौरे से पहले गरम कमरे में रहने पर हालत खराब, अचेतनता, पीला चेहरा, जो चटख लाल वर्ण में बदल जाता है; हृदय की धड़कन का स्पंदन पूरे शरीर, खासकर सिर पर महसूस होता है - GLONOINUM 30 हर तीन घंटे या दौरों के बाद, जब तक रोगी सामान्य महसूस न करने लगे ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ बंद जबड़े के साथ मिर्गी, चेतनता खोना, रात के दौरों के दौरान हाथ पैरों की विकृति, पहले कम और फिर लंबे अंतराल तक, लाल या नीला चेहरा, पेट में कमजोरी का एहसास, इसके बाद हिचकी या भारी थकान - CICUTA VIROSA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, नवचंद्र के समय, , दौरे के बाद सिरदर्द - KALIUM BROMATUM - 30 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, किशोरावस्था के आरंभ में या दमित स्राव के कारण - CAUSTICUM-6 हर चार घंटे पर ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, नींद में दौरा, जीवनी द्रव की कमी से, जलन से LACHESIS – 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, दौरे में अचानक निकटवर्ती व्यक्ति को पीटना शुरू कर देना - ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, रात में नींद के दौरान वृद्धि, नियमित अंतरालों पर, हर मासिक धर्म के साथ – CUPRUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, मानसिक विकृति के कारण दौरे, परंतु रोगी अपने काम करने में सक्षम होता है -BARYTA MURIATICA-30 दिन में तीन बार सेवन कराएँ ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, प्रेम में निराशा या बुरे समाचार के कारण - IGNATIA AMARA 200 की एक खुराक रोज ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, भय (जो नींद के दौरान भी होता है) के कारण अनुभूति का अभाव, प्रतिक्रिया का अभाव - OPIUM-30 दिन में तीन बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, घंटों या दिनों तक, दौरे से पहले पुतलियाँ फैल जाती हैं- ARGENTUM NITRICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, टीकाकरण से - THUJA-30 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, हृदय रोगों से, सिर की ओर रक्त का प्रवाह, उड़ने की अनुभूति, पसीना आना तथा दिल धड़कना-CALCAREA ARSENICOSA-6 दिन में तीन बार।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, अपूर्ण सहवास से - PLATINUM METALLICUM 30 की एक खुराक रोजाना ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, दमित एग्जीमा के कारण - KALIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, दमित स्रावों के कारण-AGARICUS MUSCARIUS-200 एक खुराक रोजाना।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, दौरे के समय असामान्य स्वेदन- PILOCARPUS 30 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, दमित स्रावों के कारण - TUBERCULINUM 30 पूरी तरह ठीक होने तक दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, रस्सीदार लार के साथ-KALIUM BICHROMICUM - 30 हर छह घंटे पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी, मस्तिष्क में तरंगों जैसा एहसास-ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिर्गी के दौरे, सिर पर चोट लगने से- Natrum sulph-30 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ बेहोशी, गंध से, खाने के बाद, हर प्रसव पीड़ा के बाद, सुबह के समय - NUX VOMICA- 30 दिन में दो बार (हर छह घंटे पर)।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ बेहोशी के दौरे, रक्ताल्पताग्रस्त लोगों में-ACETICUM ACIDUM -6 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ बेहोशी, रक्ताल्प तथा दुर्बल लोगों में जरा सी मेहनत के बाद Carbo Vegetabilis-30 दिन में तीन बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ नीचे उतरते समय बेहोशी, ऊपर चढ़ने में कोई परेशानी नहीं, अधिक कमजोरी–STANNUM METALLICUM 30 की कुछ खुराकें ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ सुबह उठने के तुरंत बाद ठंडी हवा से बेचैनी महसूस करना - PULSATILLA-30 छह घंटे के अंतराल पर तीन खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ पैरों की बेचैनी, मानसिक तनाव या बेचैनी के कारण लगातार पैर हिलाते रहना - Medorrhinum-200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हाथों की बेचैनी, बिस्तर पर उँगलियाँ फिराने या अपनी घड़ी की चेन के साथ खेलने में अच्छा महसूस करना- KALIUM BROMATUM-3 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ भय, चक्कर, मूर्च्छा, काँपना, गर्भपात या मासिक धर्म को जन्म देता है। - ACONITUM NAPELLUS 30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ दाँत पीसना, चेहरे का विकृत होना-CICUTA VIROSA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ नींद में दाँत पीसना- CANNABIS INDICA -30 दिन में तीन बार लें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हाथ और पैरों का सुन्न हो जाना, सूजा हुआ लगना-COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हाइड्रोफोबिया, बहते जल को देखने और उसकी आवाज सुनने से स्थिति और खराब - HYDROPHOBINUM 30 सप्ताह में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हाइपोकॉण्ड्रिएसिस, ऊँचे भवनों को देखने से चक्कर आता है और लड़खड़ाहट होती है; ऐसा महसूस होता है कि दोनों ओर के घर एक साथ आकर उसे कुचल देंगे, सड़क से गुजरने में डरता है – ARGENTUM METALLICUM 200 की एक खुराक रोज ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया - Valeriana --Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार दें |
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया रोगी, जल्दी क्रोधित होता हो, तुरंत उत्तेजित हो जाता हो, उसकी बदलती रहती हो, कटु स्राव - काली PHOSPHORUS 30 हर छह घंटे पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, बदलता मूड, कभी प्रसन्नता, कभी अवसाद, आवाज खोना, मूत्र जमा होता है या प्रचुर मात्रा में निकलता है, लेटने पर अत्यधिक खाँसी, चेहरे की मांसपेशियों में ऐंठन और झटके – SINAPIS NIGRA-30 की एक खुराक रोज।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, पूर्ण अचेतनता, दमित मूत्र, प्यास नहीं लगना, शुष्क मुँह, बेहोशी के दौरे, प्रतिक्रियाहीन, दमित मासिक-धर्म, हमेशा नींद आना NUX MOSCHATA 30 की एक खुराक रोजाना ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, उँगलियाँ अलग-अलग हो जाती हैं और अंदर की ओर मुड़ जाती हैं – CUPRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, रोगी की उँगलियाँ अलग-अलग होकर पीछे की ओर मुड़ जाती हैं - Secale cornutum-30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, ऐसा लगता है मानो पीठ पर साँप हों, हवा में चलने का एहसास, स्पर्श के प्रति अत्यंत संवेदनशील, मासिक धर्म से पहले और दौरान स्तनों में दर्द, योनि से गैस निकलती है, निरंतर मूत्र त्याग की इच्छा, अनियमित पीड़ा-LAC CANINUM-200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया - IGNATIA AMARA -30 दिन में तीन बार, यदि यह विफल रहे तो जिंकम PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार दें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया - IGNATIA AMARA-30 हर दौरे के बाद एक खुराक और इसके बाद सुबह के समय एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, युवतियों में मासिक धर्म के दबे होने के कारण – ZINCUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, मोटी महिलाओं में, मासिक धर्म की गड़बड़ी से संबंधित, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान - THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, ऐसा लगना मानो काई चीज गले में लटक रही है, जिसे निगलना जरूरी है, गले में शुष्कता और रूखापन, यह भ्रम कि वह बीमार है और शरीर के अंग सिकुड़ गए हैं, कि वह गर्भवती है, कि उसे कोई गले की घातक समस्या है - SABADILLA-30 दिन में तीन बार दें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, जिस करवट सो रहे हों उस ओर की मांसपेशी का काँपना, अनिद्रा, सुन्नपन, बेचैनी - ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया, कभी रोना, कभी हँसना, विलंबित और दर्दयुक्त मासिक धर्म, प्रचुर मात्रा में हरे रंग का तिक्त ल्यूकोरिया, हृदय का धक-धक करना, हृदय का धड़कना पूरे शरीर को हिलाता है, सपने में चोरों को देखना, जीभ पर बाल महसूस होना- NATRIUM MURIATICUM 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया संबंधी मिर्गी के दौरे, हँसना, ईर्ष्यालु होना, डरना और हिंसक होना - SINAPIS NIGRA-30 की एक खुराक रोजाना।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ हिस्टीरिया की अवस्था, रोगी कभी प्रसन्न, कभी अवसादग्रस्त होता है; प्रसन्नता के समय गाता, नाचता, कूदता, हँसता और सीटी बजाता है; सभी को चूमना चाहता है और अवसादग्रस्त स्थिति में रोता है, क्रोधित होता है, मित्रों को गाली देता है और फिर पछताता है - CROCUS SATIVUS-30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ नींद में चलना-KALIUM BROMATUM-30 दिन में दो बार लें। . बेचैनी, लेकिन रात में आँख बंद करने के बावजूद सो नहीं पाना MAGNESIUM MURIATICUM-200 दिन में एक बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ ऐंठन संबंधी रोग, किशोरावस्था के दौरान विकसित मिर्गी और हिस्टीरिया से या मासिक क्रियाएँ शुरू होने से-CAULOPHYLLUM-30 हर छह घंटे पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ बच्चों में दाँत निकलते समय मांसपेशियों की ऐंठन, हाथ-पैरों और पूरे शरीर का विकृत होना, दौरा ऊपर से नीचे की ओर फैलता है, दौरे से पहले दर्द से चीखता है, पुतलियाँ विस्फारित होती हैं, बेहोशी, कमजोरी - CICUTA VIROSA 30 की एक खुराक रोजाना दें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ दौरा, हाथ या उँगलियों की जकड़न के साथ, पैर की उँगलियाँ फैली हुईं या पीछे की ओर मुड़ी हुईं- Secale cornutum-30 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ दौरा या ऐंठन, शरीर की सभी मांसपेशियों की ऐंठन-HYOSCYAMUS NIGER-30 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ ऐंठन, स्कलेरोसिस या ट्यूमर के कारण- PLUMBUM METALLICUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ ऐंठन, भय, क्रोध या भावुक कारणों से, खाँसने तथा प्रसव के दौरान KALIUM BICHROMICUM 30 हर छह घंटे पर दोहराएँ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ अचेतनता, बोलते, पढ़ते या लिखते समय बेहोश हो जाना, स्मरण शक्ति चले जाना, परिवर्तनशील मूड, उत्तर देने से पहले याद करने की जरूरत-NUX MOSCHATA-200 की एक खुराक प्रतिदिन
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मूर्च्छा, गहरा लाल चेहरा और जोर लगाकर साँस लेना, आँखें विस्फारित, चेहरा लाल और सूजा हुआ, आसानी से भयभीत होनेवाला और बेचैन – OPIUM 30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ झटका लगना, मांसपेशियों के एक समूह में, खासकर पलकों की मांसपेशियों में, हिस्टेरिकल लोगों में सामान्य CROCUS SATIVUS 30 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ झटका लगना, चेहरे, पलकों और हाथ-पैरों में, नींद के दौरान बंद हो जाता है - AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ अर्ध- अचेतनता-ARNICA -30 दिन में तीन बार लें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ अचेतनता, मूत्र के प्रवाह, जो दिन-रात टपकता रहता है, को नियंत्रित करने में असमर्थता- TEREBINTHINA 200 दो सप्ताह में एक बार लें ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ पेट के कीड़ों के कारण चक्कर आना-GRANATUM या COCCULUS-30 दिन में दो बार।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ वृद्ध लोगों में चक्कर आना, सुबह, सोने के बाद और खाने के बाद स्थिति बदतर - AMBRA GRISEA 30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ मिचली के साथ चक्कर आना, सोने के बाद उठने पर बढ़ जाता है—  BRYONIA 30 सुबह-शाम एक-एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ बिस्तर से उठने के बाद चक्कर आना, वृद्धों को बेहोशी PHOSPHORUS - 30 सुबह-शाम दें ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ सोने के बाद चक्कर आना- LACHESIS 30 की एक खुराक रोजाना।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, ऐसा लगना मानो शरीर बेसुध और दिमाग भ्रमित हो, बिस्तर से उठने पर तेज चक्कर, जो फिर से लेट जाने के लिए विवश करता है – COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, वमन और दस्त, माथे पर ठंडा पसीना-VERATRUM ALBUM 200 की सुबह-शाम एक-एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, वेसो-मोटर गड़बड़ी के कारण, स्नायविक समस्याएँ, रजोनिवृत्ति के दौरान – THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, सिर में रक्त के जमाव के कारण-CACTUS GRANDIFLORUS-6 दिन में दो बार खाएँ ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, मानसिक परिश्रम और लंबे समय तक खड़े रहने के कारण- PICRIC ACID 30 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, सिर में रक्त के तेज प्रवाह के कारण-Calcarea Arsenica-6 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, वृद्ध व्यक्तियों में बिस्तर पर लेटने के दौरान सिर को घुमाने और उठने से, सुन्नता - CONIUM MACULATUM 30 हर छह घंटे पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, सुबह उठने के तुरंत बाद-CALCAREA OSTREARUM 200 की एक खुराक लें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, गरदन के पीछे दर्द से आरंभ होता है GELSEMIUM SEMPERVIRENS 200 दिन में दो बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, पूरी नींद न ले सकने के कारण - COCCULUS-200 की एक खुराक रोजाना ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, कोई भी गति करने पर - BRYONIA-30 हर छह घंटे पर।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, सिर को झुकाने पर KALIUM BROMATUM -30 दिन में तीन बार।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, आँखों को बंद करने पर या हलके से शोर से भी - THERIDION CURASSAVICUM 200 साप्ताहिक खुराक लें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, ऊपर की ओर देखने या ऊपर चढ़ने पर KALIUM SULPHURICUM-200 की एक खुराक रोजाना ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, नीचे देखने पर और आँखों को घुमाने पर या आगे झुकने पर, पर लेटने पर राहत - SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, नीचे की ओर देखने पर PHOSPHORUS - 30 की एक खुराक रोजाना या SPIGELIA ANTHELMIA 30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, ऊपर की ओर देखने पर - PULSATILLA-30 दिन में तीन बार या SILICEA 200 दो सप्ताह में एक बार।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, आगे की ओर झुकने पर और मासिक धर्म के समय - CYCLAMEN EUROPAEUM -30 छह घंटे के अंतराल पर ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, सिर में दर्द, चेहरे का लाल हो जाना, बेसुधी का एहसास, सिर को हिलाने से मूर्च्छित हो जाना, आगे की ओर झुकने से बढ़ता है GLONOINUM 30 हर छह घंटे पर
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, अत्यधिक पीलापन, चेतनता खो जाना, खुली हवा में और वमन करने पर बेहतर महसूस करना, उठने या ऊपर की ओर देखने और आँखों को खोलने पर पुनः चक्कर- TABACUM 6 दिन में तीन बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, ऑक्सीपुट से फैलता है, किसी वस्तु के दो प्रतिबिंब दिखना, क्षीण दृष्टि या दृष्टिलोप, चलने-फिरने में विषाक्तता महसूस करना - GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर छह घंटे पर दोहराएँ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, गंभीर – SYPHILINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, किसी भी प्रकार की अवस्था में SABADILLA-30 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, आँखों को बंद करते समय THUJA - 200 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, ठंडी हवा में जाने पर Ranunculus Bulbosus - 30 दिन में तीन बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, ऊपर की ओर सीढ़ियाँ चढ़ने पर CALCAREA CARBONICA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, सीढ़ियाँ उतरते समय BORAX 6 हर छह घंटे पर लें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, कानों में भनभनाहट की आवाज, सामान्य कमजोरी और कंपन, बंद आँखों के साथ नहीं चल सकते, ऊँची इमारतों को देखने से चक्कर आता है- ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, सिरदर्द से, गले से शुरू होता है, आगे की ओर गिरने का एहसास, ऊपर की ओर देखने पर बदतर - SILICEA 200 आवश्यकता के अनुसार एक खुराक या कुछ खुराकें।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, दृष्टि लोप के कारण- TEREBINTHINA - 200 साप्ताहिक खुराक ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, मिचली के साथ, खासकर आँख बंद करने पर - THERIDION CURASSAVICUM 200 सप्ताह में एक बार।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, मिचली और रक्तचाप के साथ -CALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, मिचली के साथ - VERATRUM VIRIDE-6 दिन में चार बार ।
मिरगी, बेहोशी, चक्कर आना➺ चक्कर आना, दाहिनी करवट सोने पर बदतर-MURIATICUM ACIDUM-30 हर छह घंटे पर।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ ठंड पीठ या कमर से आरंभ होती है - EUPATORIUM PURPUREUM-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार ।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ ठंड, ठंड से पहले हड्डियों में पीड़ा - EUPATORIUM PERFOLIATUM- 30 दिन में दो बार ।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ ठंड या कँपकँपी, कुछ पीने के साथ ही ठंड कंधों से शुरू होती है और पूरे शरीर में फैल जाती है - CAPSICUM ANNUUM 6 दिन में तीन बार ।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ नम और ठंडे बेसमेंटों, आइसक्रीम फैक्टरियों, वातानुकूलित कमरों या दूध की डेयरी में रहने से उत्पन्न रोग - DULCAMARA-30 दिन में तीन बार
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ हर तीन सप्ताह बाद उभरनेवाले विकार, आराम करने और मासिक धर्म के दौरान अधिक बढ़ते हैं-MAGNESIUM CARBONICUM 6 की एक खुराक प्रतिदिन ।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ समय-समय पर उभरनेवाले रोग, बेचैनी, हिंसा और नम मौसम से रोग में वृद्धि; बाई करवट सोने, खुली हवा लगने और मलने पर राहत – - TARENTULA HISPANICA 30 दिन में तीन बार
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ खाँसी, दमा, तंत्रिका - शूल, भोर से शुरू होकर अगली सुबह तक मौजूद रहनेवाला हड्डियों का दर्द - SYPHILINUM-1M की एक खुराक ।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ बहते पानी या गिरते पानी के दृश्य को देखने या ध्वनि और सूर्य की गरमी से होनेवाले रोग, जिसमें पागल होने का डर लगता है, कुत्ते के काटने के बाद LYSSINUM 30 की एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो एक खुराक और लें।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ मध्य रात्रि में अधिक तकलीफ, बैठना अनिवार्य, बाईं करवट और नीचा सिर करके लेटने से अधिक तकलीफ, शीतल पेय पदार्थों और सूखी-ठंडी हवा से तकलीफ बढ़ना – LYSSINUMSAMBUCUS NIGRA-6 दिन में तीन बार
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ हवाई यात्रा के दौरान विमान के उड़ान भरने और उतरने के समय तकलीफ BORAX 6 दिन में तीन बार हवाई यात्रा के दौरान कमजोरी- BELLADONNA-30 यात्रा करने से पहले एक खुराक ।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ हवाई यात्रा के दौरान कमजोरी-COCCULUS 30 यात्रा समाप्त होने तक हर चार घंटे पर ।
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ कार से सफर करने में परेशानी-PETROLEUM 30 यात्रा के दौरान हर चार घंटे पर CARBOLICUM ACIDUM-3 दिन में तीन बार |
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ हर मांसपेशी में दर्द, शारीरिक मेहनत से राहत, हिलने-डुलने पर आरंभ में सख्ती तथा दर्द महसूस होना- RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में दो बार
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ लू, उदासी, शोर या संगीत के प्रति अति संवेदनशील - NATRIUM CARBONICUM 30 दिन में दो बार |
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ लू NATRIUM MURIATICUM 30 या GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में दो बार
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ लू, सिर का भरा लगना, दोहरी या आंशिक दृष्टि, धमनियों का धड़कना, शोर के प्रति संवेदनशील - VERATRUM VIRIDE-6 दिन में चार बार
वातावरण मौसम-जन्य रोग➺ लू, भयंकर सिरदर्द, रोगी सिर को हाथों से पकड़ता है, सिर को हिलाने और रुकने से स्थिति बदतर- GLONOINUM 6 गंभीर मामले में आधे घंटे पर और पुराने रोग के मामले में 200
मौसम संबंधी रोग➺ बरसात में उभरनेवाले रोग - DULCAMARA-30 दिन में तीन बार । तूफानी मौसम में उभरनेवाली बीमारियाँ - RHODODENDRON 200 की एक खुराक रोजाना ।
मौसम संबंधी रोग➺ नमीवाले मौसम में उभरनेवाले रोग Natrum sulph 30 दिन में तीन बार या NUX MOSCHATA-30 दिन में तीन बार ।
मौसम संबंधी रोग➺ बर्फीली हवा चलने और बर्फ पिघलने से उत्तेजित होनेवाली व्याधियाँ - NATRIUM PHOSPHORICUM 30 प्रत्येक छह घंटे पर।
मौसम संबंधी रोग➺ सिर और पीठ में हवा लगने के कारण उत्पन्न विकार SILICEA 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
मौसम संबंधी रोग➺ गरमियों में झील या नदी में नहाने से उत्पन्न विकार- RHUS TOXICODENDRON. 30 दिन में तीन बार ।
मौसम संबंधी रोग➺ ठंडी हवा के स्पर्श, संपर्क और गति से होनेवाले रोग, जो शाम को . अधिक बढ़ जाते हैं–Ranunculus Bulbosus. 30 दिन में तीन बार ।
मौसम संबंधी रोग➺ नम धरती पर सोने से उत्पन्न रोग-RHUS TOXICODENDRON. 30 दिन में दो बार
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ क्रोध, खीज आदि के बाद परेशानी - CHAMOMILLA 200 की रोजाना एक खुराक।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ अत्यंत चिड़चिड़ा तथा अधीर व्यक्ति, जो सवाल पूछने पर क्रोधित हो जाता है, चीजें फेंकने लगता है- COLOCYNTHIS-30 दिन में तीन बार दें।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ जिन रोगों के सभी लक्षण रात बढ़ जाते हैं - SYPHILINUM 200 सप्ताह में एक खुराक ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ दोपहर तक लक्षणों के बढ़ने और फिर घटनेवाले रोग-SANICULA AQUA-30 दिन में तीन बार ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ चिड़चिड़ाहट के साथ गुस्सा - CHAMOMILLA 30 हर छह घंटे पर।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ क्रोध, सांत्वना से NATRIUM MURIATICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ अवसाद, तकिये से सिर उठाने पर बेहोश हो जाना Apocynum cannabinum-Q की दो से पाँच बूँदें प्रतिदिन
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ अवसाद, आत्मघाती प्रवृत्ति, चिड़चिड़ा तथा आवेशपूर्ण, थोड़ा भी छेड़ने पर क्रोधित हो जाता है - AURUM METALLICUM 30 की एक खुराक रोजाना ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ लिखने के दौरान हाथ काँपना-GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में दो बार ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ शरीर के किसी भाग से भूरे रंग का स्राव - ARGENTUM METALLICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ छाले पड़ना / उठना स्त्राव के संपर्क में आने से–Staphysagria-30 दिन में दो बार ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ आँख, कान, नाक आदि से स्त्राव, ल्यूकोरिया (पीले या नीले रंग का) - KALIUM SULPHURICUM-30 हर छह घंटे पर।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ किसी प्रकार का दुर्गंधयुक्त स्त्राव, जैसे मासिक धर्म, पसीना, साँस आदि - PYROGENIUM 30 हर छह घंटे पर ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ दुर्गंधयुक्त स्त्राव, जैसे दस्त, ल्यूकोरिया, मासिक धर्म, पसीना तथा ओटोरिया – PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ दुर्गंधयुक्त स्त्राव, ल्यूकोरिया, मवाद, घाव, वमन, साँस आदि CARBOLICUM ACIDUM 30 हर छह घंटे पर।
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ दुर्गंधयुक्त या क्षरणकारी स्राव - ARUM TRIPHYLLUM-30 एक खुराक प्रतिदिन
आवेग, क्रोध-जनित रोग➺ बदबूदार स्त्राव, दुर्गंध के कारण पास खड़े होना कठिन - PSORINUM 200 सप्ताह में एक खुराक या KREOSOTUM-30 दिन में तीन बार लें।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ हैमरेज (रक्तस्राव), नसों का, शरीर के किसी भी अंग जैसे- नाक, फेफड़ों, आँतों, गर्भाशय, मूत्राशय से रक्तस्त्राव खून प्रचुर और गहरे रंग का, खून का थक्का नहीं बनना दिन में दो बार | HAMAMELIS VIRGINIANA.-Q दो से पाँच बूँदें
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ गंभीर रक्तस्राव, नाक या गर्भाशय से काला, रेशेदार खून के थक्के CROCUS SATIVUS-Q या ELAPS CORALLINUS-6 दोनों छह घंटे पर।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ मस्तिष्क का रक्तस्राव, हृदय तेज धड़कना, सीने के हिलने से दिखना, बेचैनी तथा मांसपेशियों का अकड़ना - GLONOINUM 3 पंद्रह मिनट के अंतराल पर ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ मस्तिष्क का रक्तस्राव, पीला चेहरा, तेज रक्तस्राव और एनीमिया से पीड़ित व्यक्तियों में रेशेदार रक्तस्त्राव FERRUM PHOSPHORICUM-6 दिन में तीन बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव की विशेष प्रकृति, छोटे जख्मों से भी प्रचुर रक्तस्त्राव - KREOSOTUM-200 की एक खुराक रोजाना ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ किसी भी छिद्र से रक्तस्त्राव - CROTALUS HORRIDUS 30 हर तीन घंटे पर।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ पेल्विक अंगों से रक्तस्त्राव, मलद्वार तथा मूत्राशय में खुजली - ERIGERON CANADENSE-Q की दो से तीन बूँदें, दिन में दो बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ बवासीर से रक्तस्राव, प्रचुर मात्रा में, पीड़ा, भरापन तथा भारीपन जैसे पीठ टूट जाएगी–HAMAMELIS VIRGINIANA-Q की दो से पाँच बूँदें, हर छह घंटे पर।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ पेट से रक्तस्त्राव - CROTALUS HORRIDUS 30 हर छह घंटे पर।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ गर्भाशय से रक्तस्त्राव, गर्भाशय कैंसर के कारण VARIOLINUM 1 M सप्ताह में एक बार।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ गर्भाशय से रक्तस्राव - FICUS RELIGIOSA-Q हर तीन घंटे पर पानी में पाँच बूँदें।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ गर्भाशय से रक्तस्त्राव, प्रचुर मात्रा में, चटख लाल रक्त, साँस चलना और मिचली आना - IPECACUANHA 30 दिन में दो बार तेज
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ निष्क्रिय रक्तस्त्राव ऐसे लोगों में, जो ठंड और गरमी दोनों के प्रति संवेदनशील हों-CARBONEUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ प्रचुर रक्तस्त्राव, गहरे रंग का तथा थक्केदार रक्त, बड़े थक्के, गर्भाशय में दर्द के साथ उससे रक्तस्त्राव, थकान, पहला मासिकस्राव समाप्त होते-होते दूसरा आरंभ हो जाना Thlaspi Bursa Q की दो से पाँच बूँदें हर छह घंटे पर ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ गर्भाशय संबंधी रक्तस्त्राव, गर्भपात या प्रसव पीड़ा या रजोनिवृत्ति के दौरान, गरमी लगने या ओढ़ने से परेशानी होती है - Secale cornutum-200 एक खुराक रोज।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, किसी प्रकार के बलगम से ACETICUM ACIDUM 30 दिन में दो बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ गर्भाशय संबंधी रक्तस्त्राव, झटके खाने या खराब सड़क पर वाहन में चलने से - HAMAMELIS VIRGINIANA 6 हर चार घंटे पर ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ पीठदर्द के साथ रक्तस्त्राव, दर्द पीठ से गर्भाशय तथा योनि की हड्डियों तक जाता है – SABINA 200 एक खुराक प्रतिदिन या Viburnum Prunifolium-Q दो बूँदें, दिन में दो बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ मासिक धर्म के दौरान रक्तस्त्राव - Laurocerasus-30 हर छह घंटे पर।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, काला गाढ़ा या तारकोल जैसा रक्त- ANTHRACINUM 30 दिन में तीन बार |
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव, चटख लाल या गहरे रंग का रक्त, आँतों से या गर्भपात से NITRICUM ACIDUM 30 दो खुराक प्रतिदिन
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव, चटख लाल रक्त, निष्क्रिय या सक्रिय प्रकार का, मूर्च्छा, क्षीण दृष्टि तथा कानों में आवाजों के साथ- - TRILLIUM PENDULUM 6 दिन में तीन बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, चटख लाल रक्त- - MILLEFOLIUM --Q पाँच से दस बूँदें, दिन में दो बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, गहरे रंग का काला रक्त- - HAMAMELIS VIRGINIANAक्यू पाँच से दस बूँदें, दिन में दो खुराक ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव, चटख लाल रक्त, बेचैनी तथा भय - ACONITUM NAPELLUS 30 दिन में
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, किसी भी छिद्र से चटख लाल रक्त-FERRUM PHOSPHORICUM-30 हर छह घंटे पर ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, दुर्गंधयुक्त रक्त (सामान्यतः चटख लाल), नाक, फेफड़ों, गुरदों या गर्भाशय से TRILLIUM PENDULUM 6 दिन में तीन बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव, रक्तस्त्राव की प्रकृति, कानों में आवाजें आना, मूर्च्छा, क्षीण दृष्टि- CINA 30 हर छह घंटे पर।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव, नाक से रक्त आना, बवासीर संबंधी, प्रचुर तथा चटख लाल रंग का मासिकस्राव, आकस्मिक तथा तीव्र- IPECACUANHA 30 हर चार घंटे पर ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, रजोनिवृत्ति काल में अत्यधिक BOVISTA LYCOPERDON -30 दिन में दो बार।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, अकसर और प्रचुर मात्रा में, कानों में घंटियों की आवाज, मूर्च्छा, दृष्टिहीनता, ठंड लगना, कभी-कभी मरोड़ के साथ, छोटे जख्म से भी खूब रक्त बहना, दाँत निकालने के बाद या अधिक तेजी से बढ़ने वाले बच्चों की नाक से खून आना-PHOSPHORUS-30 एक खुराक प्रतिदिन।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, शरीर के किसी भी अंग से, प्रचुर मात्रा में, रक्तस्त्राव की प्रकृति, गहरे थक्कों के साथ हलका रक्त, आसानी से थक्का जम जाना – FERRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ मस्तिष्क से रक्तस्त्राव, हृदय का तेज धड़कना, जो सीने के हिलने के रूप में दिखता है, बेचैनी और मांसपेशियों में दर्द-GLONOINUM-3 पंद्रह मिनट के अंतराल पर एक खुराक ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, गर्भाशय के कैंसर से - PHOSPHORUS - 200 या THLASPI BURSA 6 हर छह घंटे पर।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव विभिन्न अंगों से, रक्त काला, चिपचिपा, थक्केदार और छिद्र से एक लंबी काली श्रृंखला बनाते हुए CROCUS SATIVUS-Q दो-तीन बूँदें, दिन में दो बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, मासिक समस्या के कारण स्त्री जननांगों से रक्तस्त्राव, दर्द के साथ, गरम कमरे में बदतर और खुली हवा में बेहतर SABINA 200 की एक खुराकुरोजाना ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, गर्भाशय में फायब्राइड या ट्यूमर के कारण, रक्त लाल या गहरे रंग का और थक्केदार TRILLIUM PENDULUM पी-Q दिन में तीन बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव, फायब्राइड से, गर्भपात के बाद, रजोनिवृत्ति के समय, क्लोरोसिस, रक्त चटख लाल, कुछ पतला और कुछ थक्केवाला, जरा सा हिलने-डुलने पर प्रचुर रक्तस्राव - USTILAGO MAYDIS-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, गर्भाशय की कमजोरी के कारण, खून के काले थक्के - CAULOPHYLLUM-200 प्रतिदिन एक खुराक
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, मूत्राशय में पथरी के कारण, मूत्राशय में तेज खुजली - ERIGERON CANADENSE-Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव – HAMAMELIS VIRGINIANA-Q की पाँच से दस बूँदें, दिन में दो बार।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव गर्भपात के बाद गर्भाशय से, अत्यंत कमजोरी और आंतरिक कंपन - CAULOPHYLLUM 6 दिन में तीन बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव अकस्मात्, गहरे रंग के रक्त के साथ-CYCLAMEN EUROPAEUM -30 दिन में तीन बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, निष्क्रिय और अकस्मात् उभरनेवाला, रक्त गहरे रंग का और द्रवीय, हलकी सी गति पर भी रक्तस्त्राव तेज Secale cornutum-30 दिन में दो बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, निष्क्रिय रक्तस्राव के साथ, पीला चेहरा तथा ठंडा पसीना Carbo Vegetabilis 30 दिन में तीन बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव, चोट लगने या गिरने के कारण प्रचुर तथा चटख लाल रक्तस्त्राव, फेफड़ों का तपेदिक, जख्मों से अधिक थकान या परिश्रम के बाद, गर्भपात या मासिक धर्म के दौरान MILLEFOLIUM 30 हर चार घंटों पर ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्राव, प्रचुर, रक्त के अत्यधिक बहने के कारण मूर्च्छा, अधिक कमजोरी, दृष्टिहीनता, कानों में घंटियों की सी आवाज - CINA दो चम्मच पानी में दो बूँदें, दिन में तीन बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ रक्तस्त्राव, शिराओं से संबंधित, रक्त गहरे रंग का तथा थक्केवाला, नसें भारी और छूने पर दर्द महसूस होना- HAMAMELIS VIRGINIANA वर्जीनिका--Q की पानी में पाँच बूँदें, दिन में तीन बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ नाक से रक्तस्राव – FORMICA RUFA-3X की एक बार में पाँच बूँदें, दिन में तीन बार या TEUCRIUM MARUM VERUM-200 एक खुराक, सप्ताह में तीन बार व - SANGUINARIA CANADENSIS 6 या 30 दिन में दो बार ।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ नाक से रक्तस्राव - नाक से रक्तस्राव, दुर्गंध के साथ-CALCAREA CARBONICA 30 दिन में तीन बार और BACILLINUM BURNETT 200 की एक आवधिक खुराक।
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ ध्वनि रज्जु का रक्तस्राव, लालिमा के साथ Berberis Vulgaris – 30 दिन में तीन बार
रक्तस्त्राव संबंधी रोग➺ पोस्टमार्टम रक्तस्त्राव - TRILLIUM PENDULUM पी-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार ।
कान संबंधी रोग➺ कान में केंद्रित विकार, जैसे कानों तक जानेवाला दाँतदर्द या आँखदर्द – MANGANUM ACETICUM-30 दिन में दो बार
कान संबंधी रोग➺ बेसिलर मेनिनजाइटिस, रुके हुए कान के स्राव के कारण - STRAMONIUM 6 दिन में तीन बार
कान संबंधी रोग➺ बुढ़ापे में बहरापन – MERCURIUS DULCIS 6 X दिन में तीन बार
कान संबंधी रोग➺ वृद्धों में बहरापन-Baryta phosphorica -30 दिन में दो बार Baryta phosphorica 200 सप्ताह में एक खुराक ।
कान संबंधी रोग➺ बहरापन (तंत्रिका संबंधी), जुकाम के साथ-ASARUM EUROPAEUM 30 दिन में तीन बार ।
कान संबंधी रोग➺ बहरापन, , केवल शोर सुनाई देता है - NITRICUM ACIDUM 200 की एक खुराक रोज।
कान संबंधी रोग➺ बहरापन, यूस्टेचियन ट्यूबों की अधिक वृद्धि के कारण-ARSENICUM IODATUM - 6 दिन में तीन बार
कान संबंधी रोग➺ बहरापन, ठीक प्रकार से सुनने में असमर्थ - ELAPS CORALLINUS 6 दिन में तीन बार
कान संबंधी रोग➺ बहरापन, यूस्टेचियन ट्यूब में जलन होने तथा उसके बंद हो जाने के कारण - KALIUM MURIATICUM दिन में तीन बार लें।
कान संबंधी रोग➺ बहरापन, शोरगुल में, किसी वाहन या कार से चलते समय तथा गरज की आवाज में बेहतर सुन सकते हैं- GRAPHITES 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
कान संबंधी रोग➺ कानों से दुर्गंधित स्त्राव - Acid Fluoric-30 दिन में तीन बार
कान संबंधी रोग➺ कान में नजला की अवस्था, पीलापन लिये हुए बलगम का स्राव या हरे रंग का स्त्राव, गरम कमरे में, शाम के समय स्थिति अधिक बदतर, खुली हवा में बेहतर KALIUM SULPHURICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
कान संबंधी रोग➺ कान स्स्राव, उस ओर करवट करके नहीं लेट सकते, ठंड के प्रति संवेदनशील – HEPAR SULPHUR-30 दिन में तीन बार ।
कान संबंधी रोग➺ कान से स्राव, कान अवरुद्ध, हलका बहरापन भी KALIUM MURIATICUM 30 तथा MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों को बारी बारी से हर चार घंटे पर दें।
कान संबंधी रोग➺ कान से स्राव, गाढ़ा हरा तथा ठंड के प्रति संवेदनशील- PULSATILLA 30 दिन में तीन बार ।
कान संबंधी रोग➺ कान से स्राव, गाढ़ा, पानीदार, ठंड तथा ठंडी हवा के प्रति संवेदनशील - SILICEA 30 हर दिन चार बार ।
कान संबंधी रोग➺ कान में दर्द – मुलेन तेल कान में एक बूँद ।
कान संबंधी रोग➺ कान में दर्द या सफेद पस - KALIUM MURIATICUM 30 हर छह घंटे पर।
कान संबंधी रोग➺ कान में नजला, बढ़ता बहरापन, दाँत या गले का दर्द कानों तक फैलता है, ठंडे तथा नम मौसम में कानदर्द, खाँसी के दौरों से श्रव्यनली छिल जाती है, यूस्टेचियन ट्यूब का स्राव, कंठ में चुभनेवाला दर्द, जो कान तक फैलता है- MANGANUM ACETICU-30 दिन में तीन बार
कान संबंधी रोग➺ कान में दहाड़ की-सी आवाज-KALIUM IODATUM-30 दिन में दो बार ।
कान संबंधी रोग➺ कान में कोई आवाज देर तक गूँजती रहती है- LYCOPODIUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।
कान संबंधी रोग➺ कानदर्द के साथ नजले के लक्षण - BELLADONNA-30 तथा MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों को बारी-बारी से हर दो घंटे पर लें ।
कान संबंधी रोग➺ कानदर्द, सूखी ठंड में निकलने से - VALERIANA OFFICINALIS 3 X दिन में तीन बार।
कान संबंधी रोग➺ कानदर्द, बाईं ओर, स्पर्श तथा दबाव से अधिक बदतर – MERCURIUS IODATUS र्यूबर-30 हर छह घंटे पर।
कान संबंधी रोग➺ कानदर्द, रात में तथा गरमी से बदतर, खासकर बच्चों में Chimaphila Umbellata 30 दिन में तीन बार
कान संबंधी रोग➺ कानदर्द, रात में स्थिति बदतर PULSATILLA-6 दिन में चार बार |
कान संबंधी रोग➺ कान की स्थायी सूजन, लाल बुखार के बाद दबा हुआ, बढ़ा हुआ सख्त सब मैक्सीलरी ग्लैंड -BARYTA MURIATICA - 3 दिन में दो बार
कान संबंधी रोग➺ कान की सूजन, रेशेदार स्राव - KALIUM BICHROMICUM 200 की एक खुराक रोज।
कान संबंधी रोग➺ कान की गंभीर सूजन - FERRUM PHOSPHORICUM 30 हर छह घंटे पर।
कान संबंधी रोग➺ कान की सूजन, गाढ़ा पीला स्राव, रात में और गरमी के कारण स्थिति बदतर - Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS 200 दोनों एक खुराक रोजाना। क्षयकारी स्राव के साथ कान की सूजन - ARSENICUM IODATUM – 30 दिन में दो बार ।
कान संबंधी रोग➺ कान से मवाद निकलना - ELAPS CORALLINUS 6 या TELLURIUM METALLICUM 6 दिन में तीन बार
कान संबंधी रोग➺ मवाद का बनना रोकने के लिए-CALCAREA SULPHURICA-200 दिन में एक बार या HEPAR SULPHUR-1000 एक खुराक ।
सीने / छाती के रोग➺ सीने में दर्द, इधर से उधर खिसकता है, कष्टकारी तथा जलनयुक्त - MERCURIUS CORROSIVUS 200 सप्ताह में एक खुराक लें।
सीने / छाती के रोग➺ सीने में पीड़ा, खरोंच, स्पर्श, चलने या शरीर को मोड़ने पर अधिक दर्द – Ranunculus Bulbosus 30 दिन में दो बार .
सीने / छाती के रोग➺ फेफड़ों के रोग, ऊपरी पलक और भौंहों के बीच थैली जैसी सूजन के साथ - KALIUM CARBONICUM-30 की सप्ताह में एक खुराक लें।
सीने / छाती के रोग➺ फेफड़ों का संकुचन, थूक या बलगम में खून, सीने में जलन - TEREBINTHINA 200 सप्ताह में एक बार।
सीने / छाती के रोग➺ हाइड्रोसिफेलस, आँखें बाहर की ओर निकली हुईं और सिर बड़ा, परिवार में तपेदिक का इतिहास - TUBERCULINUM 1M की खुराक तब तक दोहराएँ जब तक रोग ठीक न हो जाए।
सीने / छाती के रोग➺ फेफड़ों का संकुचन- ACONITUM NAPELLUS 6 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ फेफड़े की झिल्ली की सूजन - BRYONIA 6 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ सीने में दर्द, ठंडी हवा से बढ़ता है, दबाव और बाईं करवट सोने से स्थिति खराब PHOSPHORUS 200 दो सप्ताह में एक बार ।
सीने / छाती के रोग➺ बाएँ सीने के ठीक नीचे दर्द - CIMICIFUGA RACEMOSA -30 दिन में दो बार
सीने / छाती के रोग➺ बाएँ कॉलर बोन के नीचे तीव्र पीड़ा, सीने में भारीपन और साँस लेने में कठिनाई-Acid Fluoric-30 दिन में दो बार
सीने / छाती के रोग➺ परिवर्तनशील दर्द, कभी एक हिस्से में तो कभी दूसरे हिस्से में Berberis Vulgaris Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार ।
सीने / छाती के रोग➺ प्लूरिसी (फेफड़े की झिल्ली में सूजन) के कारण असहनीय दर्द शारीरिक व मानसिक वेदना - ACONITUM NAPELLUS 6 दिन में दो बार
सीने / छाती के रोग➺ बाईं ओर हँसली की हड्डी के नीचे दर्द-CRATAEGUS OXYACANTHA - 30 हर छह घंटे पर।
सीने / छाती के रोग➺ बाएँ कंधे के नीचे दर्द, कभी-कभी दर्द काफी तेज हो जाता है CHENOPODIUM ANTHELMINTICUM-30 दिन में दो बार
सीने / छाती के रोग➺ यकृत-विकार के कारण दाएँ कंधे के नीचे दर्द-CHELIDONIUM MAJUS-30 दिन में दो बार ।
सीने / छाती के रोग➺ क्षय रोग, सीने में चोट के कारण, बलगम में खून आना, काली खाँसी – RUTA GRAVEOLENS-6 दिन में तीन बार ।
सीने / छाती के रोग➺ क्षय रोग, सीने में अधिक कमजोरी, प्रचुर मीठा कफ, पसीना चलना, अवसाद STANNUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार ।
सीने / छाती के रोग➺ क्षय रोग, दुर्गंधयुक्त बलगम के साथ, अधिक थकान, कमजोरी, रात में पसीना आना, फेफड़े की झिल्ली की सूजन-GUAIACUM-30 दिन में दो बार ।
सीने / छाती के रोग➺ फेफड़े की झिल्ली की सूजन (गंभीर), बुखार समाप्त होने के बाद, तेज दर्द, टीस, चलने-फिरने, छींक और साँस लेने पर भी अधिक दर्द - BRYONIA 6 दिन में चार बार
सीने / छाती के रोग➺ फेफड़े की झिल्ली की सूजन (गंभीर या सामान्य ) - ACONITUM NAPELLUS 6 हर छह घंटे पर ।
सीने / छाती के रोग➺ फेफड़े की झिल्ली में सूजन, तेज दर्द के साथ साँस लेने में कठिनाई - VERATRUM ALBUM-6 दिन में चार बार
सीने / छाती के रोग➺ प्लूरिसी, मस्तिष्क या जोड़ों में- SULPHUR-30 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया के बाद कभी स्वस्थ महसूस न करना और विभिन्न शिकायतें होना – KALIUM CARBONICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया और प्लूरिसी–Ranunculus Bulbosus-30 दिन में दो बार लें । स्थायी निमोनिया, नथनों का फड़फड़ाना और सीने में खड़खड़ाहट - ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में दो बार
सीने / छाती के रोग➺ प्लूरिसी के साथ निमोनिया - ACONITUM NAPELLUS 30 की एक खुराक । इसके बाद SULPHUR 30 की एक खुराक । राहत मिलने तक दें।
सीने / छाती के रोग➺ बच्चों में निमोनिया, जो आसानी से कफ को निकाल सकते हैं और शारीरिक रूप से दुर्बल भी नहीं हैं- KALIUM SULPHURICUM-30 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, नम कफ, तेज दर्द, खाँसने और गतिमान से स्थिति बदतर, शुष्क और परतदार जीभ, अत्यधिक प्यास और मतिभ्रम - BRYONIA 30 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, सीने में भारीपन, बाईं करवट न सो पाना-PHOSPHORUS – 30 की एक खुराक रोजाना लें।
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, बच्चों में साँस लेने में कठिनाई, सीने में कुकुरखाँसी, नीलाभ चेहरा, अनिद्रा-ANTIMONIUM TARTARICUM-3X दिन में तीन बार लें।
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, दाएँ फेफड़े में, पीलिया या यकृत की समस्या के साथ - CHELIDONIUM MAJUS-30 दिन में तीन बार लें ।
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया या स्थायी खाँसी-CALCAREA IODATA-3X दिन में तीन बार ।
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, साँस लेने के दौरान सीने में दर्द, दर्द की ओर जोर डालकर लेटने पर बेहतर- BRYONIA-6 दिन में तीन बार ।
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, सीने में खड़खड़ाहट, हमेशा नींद आना और चेहरा काला लाल - OPIUM-30 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, सीने में कफ की खड़खड़ आवाज, कफ फेंकने में परेशानी - IPECACUANHA X दिन में तीन बार इसके बाद ANTIMONIUM TARTARICUM-2X दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, ठंड के प्रति संवेदनशील- BACILLINUM BURNETT 200 की सप्ताह में एक खुराक, एक माह तक ।
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, वमन तथा दस्त के साथ, शरीर ठंडा । आरंभ में शरीर में मरोड़ - CUPRUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार लें |
सीने / छाती के रोग➺ निमोनिया, नाक की पंखे जैसी गति, माथे पर ऐंठन, कफ निकलने में कठिनाई, चार से आठ बजे शाम के बीच स्थिति बदतर, गरमी से राहत - LYCOPODIUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
सीने / छाती के रोग➺ फेफड़ों के ऊपरी सिरे पर तपेदिक का जमाव-TUBERCULINUM 200 हड्डियों में क्षय संबंधी साइनस - TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक सप्ताह में एक बार।
सीने / छाती के रोग➺ आनुवंशिक तपेदिक - DROSERA ROTUNDIFOLIA -1X की पानी में दो से पाँच बूँदें। प्रारंभिक तपेदिक, खाँसी, महिलाओं में लगातार वजन में कमी, विलंबित मासिक धर्म से संबंधित PULSATILLA = 1M की साप्ताहिक खुराक।
सीने / छाती के रोग➺ हड्डियों और ग्रंथियों का तपेदिक- DROSERA ROTUNDIFOLIA-30 की एक खुराक प्रतिदिन
सीने / छाती के रोग➺ हड्डियों का तपेदिक-AURUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ टिबिया हड्डियों का तपेदिक, दोनों ओर-Acid Fluoric 30 दिन में दो बार बाईं ओर का हो तो LAC CANINUM-30 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ तपेदिक, रात में दुर्गंधित पसीना, जो बिस्तर की चादर पर पीले दाग छोड़ जाता है - CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार )
सीने / छाती के रोग➺तपेदिक, लिंफ ग्रंथियों का बढ़ जाना, लेटने पर खाँसी में आराम, लेटने पर लक्षण शांत हो जाते हैं, दर्द, अत्यंत दुर्बलता महसूस होना MANGANUM ACETICU 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
सीने / छाती के रोग➺ तपेदिक, सूखी दर्दयुक्त खाँसी, मानो सिर और सीना फट जाएगा, सीने के दोनों ओर तेज दर्द, गहरी साँस लेने में परेशानी-BRYONIA 30 दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ तपेदिक, आरंभिक अवस्था में - AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में तीन बार तपेदिक, सभी प्रकार का - ARSENICUM IODATUM-3X दिन में तीन बार
सीने / छाती के रोग➺ तपेदिक, जिस अवस्था में संयोजक और अस्वस्थ ऊतक गुमटों में बदल जाते हैं और व्याप्त हो जाते हैं- KALIUM IODATUM 200 की एक खुराक रोजाना। (KALIUM IODATUM विदेशी जमा पदार्थ को द्रवित करके उसे समाप्त कर देता है । वह शरीर से मरकरी और सीसा के जमाव को भी हटाता है और दोनों का विष दूर करता है । )
सीने / छाती के रोग➺ तपेदिक, बाएँ ऊपरी फेफड़े से पीठ तक दर्द, रात में भयंकर खाँसी, सीने के बीच और उरोस्थि के नीचे दर्द, खाँसते या सीढ़ी चढ़ते समय स्थिति बदतर, अवयवों और जोड़ों में घुमक्कड़ दर्द, हिलना आरंभ करने पर सख्ती, खुली हवा की चाह, दरवाजे-खिड़कियों को खुला रखना चाहता है, तुरंत ठंड लग जाना, अच्छी तरह खाने के बावजूद कमजोर होता है, भूख बहुत लगती है, रात में भी उठकर खाना जरूरी, परिवर्तनशील लक्षण, अचानक आरंभ होता है और अचानक समाप्त होता है TUBERCULINUM 1M, जब लक्षण बने रहें तो इसे दुहराएँ ।
सीने / छाती के रोग➺ तपेदिक, रोगी सुबह लाल चमकदार खून की उलटी करता है और शाम में गहरे रंग के थक्केदार खून की - एकेल्फा इंडिका -30 दिन में दो बार ।
सीने / छाती के रोग➺ बच्चों में गरदन की ग्रंथियों का तपेदिक-TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।
मधुमेह (शुगर)➺ रात में बार। शुगर की अधिकता - CHININUM ARSENICOSUM 6 दिन में तीन
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह (गठिया संबंधी), शुगर होने के साथ यूरिक एसिड उभरता है COLCHICUM AUTUMNALE 3 दिन में तीन बार
मधुमेह (शुगर)➺ मूत्रमेह (डायबिटीज इंडीपीडस या मेलीटस), तेज प्यास तथा बेचैनी, गठिया संबंधी समस्याओं के साथ कमजोरी की दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार HELONIAS DIOICA-क्यू
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह (मेलीटस) - Cephalandra Indica --Q की एक बार में बीस पच्चीस बूँदें, दिन में एक बार (पहले आजमाएँ) ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह (मेलीटस), तेज प्यास, तेज भूख, प्रचुर मूत्र, जिसमें चीनी की मात्रा, जोड़ों में दर्द-LACTICUM ACIDUM-1M, इसे जल्दी-जल्दी दुहराने की आवश्यकता नहीं है।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह (मेलीटस), पीला चेहरा, कमजोरी तथा थकान, शरीर का डिहाइड्रेशन - THYROIDINUM 30 दिन में तीन बार
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह (मेलीटस), मूत्र में एसीटोन तथा एल्बुमिन की मात्रा, मूत्र का प्रवाह अचानक कम हो जाता है, जिससे उनींदापन आता है और कोमा में जाने की आशंका होती है CUPRUM ARSENICOSUM 3 दिन में तीन बार .
मधुमेह (शुगर)➺ एल्बुमिनेरिया के साथ मधुमेह, मूत्र में फॉस्फेट तथा यूरिक एसिड, मूत्राशय की कमजोरी - PICRIC ACID-30 हर भोजन से पहले।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, नमक खाने की तीव्र इच्छा-NATRIUM MURIATICUM-200 दिन में दो बार ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, मूत्र-त्याग की आकस्मिक इच्छा, उसपर नियंत्रण नहीं, मूत्र . त्याग न करने पर वह स्वतः निकल जाता है; मूत्र का रंग पीला तथा उसमें शुगर की मात्रा- KREOSOTUM-30 दिन में तीन बार ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह - LACTICUM ACIDUM 30, PHOSPHORICUM ACIDUM - 30, URANIUM NITRICUM-30 तथा CARBO ANIMALIS-30 दिन में दो बार दिए गए क्रम में ही आजमाएँ ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, गठिया से संबद्ध, रूखी त्वचा, पूरे शरीर पर खुजली, अनैच्छिक मूत्र-त्याग, मूत्र-त्याग के बाद दर्द, घंटे भर के अंदर ही फिर से मूत्र त्याग की इच्छा–NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, शरीर में जलन, तेज प्यास, शुष्क त्वचा, अधिक पसीना, जल्दी-जल्दी मूत्र त्याग, साफ मूत्र, पेट के बल लेटने पर अच्छा महसूस करना, ठंड से रोग बढ़ता है- ACETICUM ACIDUM 30 दिन में तीन बार ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, खराब पाचन शक्ति, तेज भूख, पेट में गैस, शुष्क जीभ, जल्दी जल्दी प्यास – URANIUM NITRICUM-30 दिन में तीन बार ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, रात में जल्दी जल्दी मूत्र त्याग प्यास तथा मूत्र निर्माण में वृद्धि–SYZYGIUM JAMBOLANUM-Q दिन में दो बार दस दस बूँदें।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, मीठा खाने की तीव्र इच्छा, पेट में वायु, गले में दर्द - ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में तीन बार ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, तेज प्यास, जल्दी जल्दी मूत्र त्याग की इच्छा, मूत्र में चीनी, मूत्र के पास चींटियाँ एकत्र हो जाती हैं, त्वचा संबंधी समस्याएँ (खुजली, एक्जीमा आदि), ऊपर या नीचे की ओर देखने से भय - ARSENICUM BROMATUM -30 दिन में तीन बार
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, स्वप्नदोषवाले लोगों में KALIUM BROMATUM 6 दिन में तीन बार
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, मूत्र का रंग सफेद या दूधिया सफेद, रात में अधिक मूत्र त्याग, मूत्र में फॉस्फेट की मौजूदगी, मूत्र को कुछ देर तक रखने पर सफेद तलछट का जमा होना-PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, मूत्र में पित्त- Natrum sulph 200 सुबह शाम । .
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, तंत्रिका संबंधी कमजोरी के साथ, शरीर में कमजोरी महसूस होना, मांसपेशियों तथा कंधों में दर्द, कमजोर याददाश्त, रात में जल्दी जल्दी मूत्र-त्याग, चिंता से रोग में वृद्धि, उदासी का एहसास, दूधिया या साफ मूत्र, परंतु चीनी से भरपूर, दिन में तीन बार PHOSPHORICUM ACIDUM-Q पानी में तीन चार बूँदें
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, बहते पानी को देखकर मूत्र त्याग करने की उत्कट इच्छा LYSSINUM - 30 जल्दी-जल्दी दुहराना नहीं चाहिए ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, तीव्र बेचैनी, कमजोरी, पूरे शरीर में दर्द, अधिक मात्रा में मूत्र, दुर्बलता, मूड में आकस्मिक परिवर्तन, टोकने पर क्रोध, अँधेरे में लेटने तथा बात न करने की इच्छा, संगीत तथा मालिश से राहत - - TARENTULA HISPANICA 200 सप्ताह में एक खुराक ।
मधुमेह (शुगर)➺  मधुमेह, दूधिया, जिलेटिन जैसा मूत्र - COLOCYNTHIS-30 दिन में तीन बार ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, रात में अधिक मूत्र त्याग तथा अत्यधिक भूख - MUREX PURPUREA 30 की रोजाना एक खुराक ।
मधुमेह (शुगर)➺ मधुमेह, जटिलताओं के साथ, अति शर्करा, उच्च रक्तचाप तथा कमजोरी के साथ एल्बुमिनेरिया, कब्ज एवं न्यूराइटिस - LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 दिन में तीन बार
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्राव – ACALYPHA INDICA-Q और Cynodon Dactylon-Q दोनों की पाँच बूँदें आधे कप पानी में ।
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्त्राव, रक्त का रंग चटकीला लाल-MILLEFOLIUM 30 दिन में तीन बार ।
नाक के रोग➺ बच्चों की नाक से रक्तस्राव - ABROTANUM-30 दिन में दो बार
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्त्राव, मासिकस्राव के स्थान पर नाक से रक्तस्राव होता है। - PULSATILLA-30 दिन में तीन बार
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्त्राव, सुबह चेहरा धोते समय - Ammonium Carbonicum 30 दिन में दो बार
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्त्राव, रात में आरंभ होता है, रक्त की गाँठें बन जाती चेहरा लाल-Melilotus-Alba-30 दिन में दो बार हैं,
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्राव - ARNICA MONTANA-30 दिन में तीन बार (यदि इससे लाभ न हो तो ACETICUM ACIDUM -6 दें) ।
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्त्राव - VIPERA BERUS 12C दिन में दो बार सेवन करें।
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्त्राव, सिर में संकुचन के साथ, लाल चेहरा तथा ज्वरग्रस्त क्रियाएँ – ERIGERON CANADENSE-Q की दो-तीन बूँदें दिन में दो बार ।
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्त्राव, पित्ताशय में पथरी - Berberis Vulgaris-Q की दो से पाँच बूँदें या CANTHARIS VESICATORIA-6 हर चार घंटे पर
नाक के रोग➺ नाक से रक्तस्त्राव, दृष्टि दोष के साथ - OXALICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार ।
नाक के रोग➺ सुबह चेहरे को धोते समय नाक से खून निकलना - KALIUM CARBONICUM 30 दो सप्ताह में एक बार
नाक के रोग➺ नाक से खून आना, गंभीर, अनियंत्रणीय- MILLEFOLIUM 30 हर घंटे या CROTALUS HORRIDUS 30 हर घंटे पर।
नाक के रोग➺ नाक से खून आना, चटख लाल रक्त, सुबह में अधिक ACALYPHA INDICA -6 दिन में तीन बार
नाक के रोग➺ नाक से खून आना, नाक को साफ करने या खाँसने पर- AMMONIUM CARBONICUM 30 हर घंटे या ARNICA MONTANA-30 हर घंटे पर।
नाक के रोग➺ नाक से खून आना, प्रचुर मात्रा में, उच्च रक्तचाप के साथ सिरदर्द से बेहतर, रक्त का न जमना - HAMAMELIS VIRGINIANA-30 दिन में तीन बार
नाक के रोग➺ नाक से खून आना, सुबह के समय चेहरा धोते समय - AMMONIUM CARBONICUM-30 दिन में दो बार ।
नाक के रोग➺ नाक से खून आना, मासिक धर्म के दौरान-Natrum sulph 6 दिन में चार बार।
नाक के रोग➺ नाक पर फुंसियाँ - Calcarea Picrica -6 हर तीन घंटे पर
नाक के रोग➺ नजला, गले में जलन – AESCULUS HIPPOCASTANUM 30 दिन में दो बार
नाक के रोग➺ नाक का नजला, नासिका मार्ग से गाढ़े पीले रेशेदार बलगम का प्रचुर स्त्राव – HYDRASTIS CANADENSIS - 6 हर चार घंटे पर ।
नाक के रोग➺ नाक से सख्त, रेशेदार और चिपचिपा स्राव BOVISTA LYCOPERDON या KALIUM BICHROMICUM 30 दिन में तीन बार
नाक के रोग➺ बच्चों और शिशुओं की नाक बंद होना–NUX VOMICA- 30 दिन में दो बार।
नाक के रोग➺ नाक की अंदरूनी हड्डी का बढ़ जाना—ARGENTUM METALLICUM 200 की एक खुराक रोजाना लें।
नाक के रोग➺ नाक बंद हो जाना—CARBONEUM SULPHURATUM-30 की दिन में दो बार सेवन करें ।
नाक के रोग➺ नथनों का हिलना-PHOSPHORUS-30 की एक खुराक प्रतिदिन लें ।
नाक के रोग➺ साइनुसाइटिस, नाक से गाढ़ा चिपचिपा स्राव - KALIUM BICHROMICUM 30 और HYDRASTIS CANADENSIS-Q की पाँच बूँदें, दिन में तीन बार लें।
नाक के रोग➺ साइनुसाइटिस, नाक से गाढ़े, रेशेदार, दुर्गंधयुक्त, खूनी स्राव के साथ, सिरदर्द हो भी सकता है और नहीं भी - TUBERCULINUM 200 की एक खुराक रोजाना लें ।
खसरा और चेचक➺ खसरा (रोग निरोधी) - MORBILLINUM 30 की एक खुराक रोजाना दें।
खसरा और चेचक➺ खसरा (रोग-निरोधी) – PULSATILLA-30 सुबह और ACONITUM NAPELLUS-30 शाम के समय आठ-दस दिनों तक खाएँ ।
खसरा और चेचक➺ खसरा और लाल बुखार, जब फोड़े नहीं होते; चेहरा ठंडा और नीला, लेकिन बच्चा कुछ ओढ़ाए जाने की इच्छा प्रकट नहीं करता- CAMPHORA 30 दिन में तीन बार ।
खसरा और चेचक➺ खसरा, जब नजले के लक्षण हावी हो जाते हैं, प्यास न लगना PULSATILLA-30 दिन में तीन बार
खसरा और चेचक➺ खसरा, खाँसी के बाद - SQUILLA MARITIMA-30 दिन में चार बार । खसरा- ARSENICUM ALBUM 6 दिन में तीन बार (अच्छा रोग-निरोधी भी और उपचार भी ) ।
खसरा और चेचक➺ खसरा, भूरा, रोगी ठंड महसूस करता है और उसे प्यास नहीं लगती GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर चार घंटे पर या SQUILLA MARITIMA 30 दिन में चार बार
खसरा और चेचक➺ खसरा, जब फोड़े धीरे-धीरे उभरते हैं- SULPHUR-30 दिन में तीन बार .
खसरा और चेचक➺ खसरा, तिक्त आँसू और हलका जुकाम- EUPHRASIA OFFICINALIS -30 दिन में तीन बार ।
खसरा और चेचक➺ खसरा, सीने में संकुचन, सूखी खाँसी, खाँसी के दौरान हृदय और सीने में दर्द - BRYONIA 30 दिन में चार बार ।
खसरा और चेचक➺ खसरे के लिए रोग-निरोधी- MORBILLINUM 200 की दो सप्ताह में एक खुराक या PULSATILLA-30 दिन में तीन बार
खसरा और चेचक➺ खसरे के लिए रोग-निरोधी- Parotidinum-200 दो सप्ताह में एक बार।
खसरा और चेचक➺ चेचक के लिए रोग-निरोधी-VARIOLINUM 200 दो सप्ताह में एक बार या वैक्सीनम 200 दो सप्ताह में एक बार ।
खसरा और चेचक➺ डिप्थीरिया के लिए रोग-निरोधी - MERCURIUS CYANATUS 200 एक या दो खुराक पर्याप्त हैं।
खसरा और चेचक➺ फुंसियाँ निकलना (चिकन पॉक्स, स्मॉल पॉक्स), नीला-लाल चिह्न छोड़ जाती हैं- ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में तीन बार ।
खसरा और चेचक➺ चेचक (रोग-निरोधी) – मेलानड्रिनम 200 की एक खुराक सुबह और एक खुराक शाम के समय या वैक्सीनम-200 की एक खुराक ।
खसरा और चेचक➺ चेचक, लक्षणों को समाप्त करने, अवधि को कम करने और प्रभावों को मंद करने के लिए - HYDRASTIS CANADENSIS 30 हर छह घंटे पर।
खसरा और चेचक➺ चेचक, जटिलताएँ और उनमें मवाद -CALCAREA SULPHURICA 6 दिन में तीन बार।
खसरा और चेचक➺ चेचक, द्रव से भरा हुआ - Chlorum - 6 दिन में तीन बार
खसरा और चेचक➺ चेचक, धब्बे नीले रंग के हो जाते हैं- AILANTHUS GLANDULOSA 6 दिन में दो बार
खसरा और चेचक➺ चेचक, टीके के दुष्प्रभाव - THUJA-30 दिन में तीन बार चेचक, नजला और गैस्ट्रिक के लक्षणों के साथ - ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में तीन बार ।
खसरा और चेचक➺ चेचक, नजला और कब्ज HYDRASTIS CANADENSIS 30 हर छह घंटे पर बाहरी इस्तेमाल के लिए जलीय सॉलूशन) चेचक, फोड़ों को समाप्त करने और नियंत्रित करने के लिए - SARRACENIA PURPUREA 6 दिन में दो बार यह रोग-निरोधी का भी काम
खसरा और चेचक➺ चेचक - THUJA-30 दिन में तीन बार । THUJA-200 पंद्रह दिनों में एक बार चेचक से बचाव करेगा। नीले या लाल चिह्नों के लिए ANTIMONIUM TARTARICUM-6 कपड़े उतारने पर अधिक बुरी स्थिति होने पर PULSATILLA 6 या 30 (लक्षणों के अनुसार दिया जाए
पीलिया➺ पीलिया ( दुःसाध्य), कभी सफेद और कभी काला मल, सिर का भारीपन, मुँह में कड़वा स्वाद, जीभ पर परत जमना, कंधे की दाईं ओर दर्द, पित्तयुक्त वमन या डायरिया – Aurum Muriaticum Natronatum- 1 M की एक माह में एक खुराक ।
पीलिया➺ शिशुओं में पीलिया, वमन या डायरिया के साथ - THYROIDINUM – 30 दिन में तीन बार ।
पीलिया➺ अत्यंत कमजोरी के साथ पीलिया-PICRIC ACID-6 दिन में चार बार।
पीलिया➺ निमोनिया के साथ पीलिया - ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में दो बार
पीलिया➺ पीलिया, दाएँ कंधे के निचले भाग में दर्द, यकृत के क्षेत्र में दर्द, मुँह में कड़वा स्वाद, जीभ पर पीली परत, जिसपर दाँत के निशान के रूप में लाल धारियाँ, आँखों के सफेद हिस्से पर पीलापन, भूरा मल, मिट्टी के रंग का या सोने जैसे पीले रंग का, पीला मूत्र, नीबू के रंग का या भूरा, भूख न लगना, मिचली और पित्त का वमन-CHELIDONIUM MAJUS मेजस-Q की पानी में दो से तीन बूँदें, दिन में दो बार लें
पीलिया➺ पीलिया, बढ़े और सूजे हुए यकृत के साथ-CINA- 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
पीलिया➺ पीलिया, संक्रामक हेपेटाइटिस से, ज्वर के साथ, मिट्टी के रंग का मल और सुनहरा पीला मूत्र CARDUUS MARIANUS 6 दिन में तीन बार
पीलिया➺ पीलिया, आँखों का सफेद होना, त्वचा, मल-मूत्र पीला, जबड़ों के किनारों पर नीली रेखा- PLUMBUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
पीलिया➺ पीलिया, दाएँ कंधे में दर्द, खुजली और मिट्टी के रंग का या सफेद मल - CHAMOMILLA 6 हर चार घंटे पर |
पीलिया➺ पीलिया, शरीर में दर्द - EUPATORIUM PERFOLIATUM - 30 हर छह घंटे पर।
पीलिया➺ पीलिया, पीली जीभ, शाम के समय स्थिति अधिक खराब – KALIUM SULPHURICUM-200 की एक खुराक रोजाना।
पीलिया➺ अतिरक्ताल्पता (हाइपरएनीमिया) या मस्तिष्क में संकुचन के साथ सिरदर्द, निमोनिया, जलन और तेज दर्द-VERATRUM VIRIDE-6 दिन में चार बार
पीलिया➺ रक्ताल्पता (एनीमिया), कमजोर व्यक्ति में, थकान के कारण हालत और खराब होना, मासिक धर्म का न्यून मात्रा में होना, मुँह से आवाज न निकलना, तेज सिरदर्द, विलंबित और पीड़ायुक्त मासिक धर्मवाली महिलाओं में अधिक MANGANUM ACETICUM-30 दिन में तीन बार ।
पीलिया➺ रक्त या जरूरी द्रवों की क्षति के कारण एनीमिया - KALIUM CARBONICUM 30 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
पीलिया➺ अत्यधिक मासिकस्राव या अन्य कारणों, जैसे-कमजोरी, उत्साहहीनता या अत्यंत उदासी के कारण होनेवाला एनीमिया, कई अंगों में कमजोरी महसूस होना, पीठ में दर्द, चलने में परेशानी, कमर में सख्ती महसूस होना, पीठ में थकान और कमजोरी महसूस होना - HELONIAS DIOICA 30 दिन में तीन बार ।
पीलिया➺ एनीमिया के साथ पीलापन, कमजोरी, सिरदर्द, साँस लेने में कठिनाई (खासकर सीढ़ियाँ चढ़ते समय), शारीरिक थकान, अवसाद, न्यून मात्रा में मासिकस्राव, हलकी कब्ज, सहानुभूति प्रकट करने पर रोगी रो पड़ता है NATRIUM MURIATICUM 1M की केवल एक खुराक, लक्षणों के बरकरार रहने पर एक खुराक और ली जा सकती है ।
पीलिया➺ कम और अनियमित मासिक धर्म के कारण एनीमिया, कमजोरी, पीला चेहरा, पलकें भारी और आँखों के चारों ओर काले घेरे, अत्यंत कमजोरी और थकान, थोड़ी सी मेहनत से भी हृदय धड़कना, हमेशा ठंड महसूस होना, कभी कभी सूखी खाँसी, भूख न लगना, कब्ज, गरमी से राहत - CHINA OFFICINALIS-30 दिन में तीन बार ।
पीलिया➺ स्टार्च, चॉक, कालीन, कोयला, लौंग और अन्य न पचनेवाली वस्तुओं को खाने की इच्छा रखनेवाली महिलाओं में एनीमिया, प्रचुर मात्रा में ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर ) – ALUMINA 200 की एक खुराक ।
पीलिया➺ एनीमिया, पीला चेहरा, चेहरे का अचानक लाल और उत्तेजित हो जाना, मेहनत या भावुकता के कारण चेहरे पर लाली, सिर की ओर रक्त का तेज प्रवाह, सिर की नसें सूज जाना, सिर में तेज और हथौड़े के प्रहार जैसा दर्द; चलने से राहत, लेकिन कमजोरी के कारण लेटना लाचारी - FERRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
पीलिया➺ मानसिक थकान से एनीमिया-PICRIC ACID 6 दिन में तीन बार
पीलिया➺ मासिकस्राव के साथ एनीमिया-CARBONEUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार ।
पीलिया➺ एल्बुमिनेरिया के साथ एनीमिया, हृदय का धड़कना, पीला चेहरा, आँखों के नीचे नीले घेरे-Calcarea Arsenica-30 दिन में तीन बार
अल्सर➺ गले में अल्सर- ARGENTUM NITRICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
अल्सर➺ गैंगरीन, स्पर्श में ठंडा, लेकिन गरमी से बदतर, अत्यंत जलन- Secale cornutum-30 दिन में तीन बार ।
अल्सर➺ मुँह में अल्सर, , शरीर कमजोर MERCURIUS SOLUBILIS 6 दिन में दो बार लें ।
अल्सर➺ पेट में अल्सर, (गोल आकार का ) - KALIUM PHOSPHORICUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
अल्सर➺ अल्सर, दाँत का-SULPHUR 30 दिन में दो बार दें।
अल्सर➺ मुँह का अल्सर, सफेद रंग का, गुदा तथा गले में भी, अत्यंत कमजोरी के साथ - SULPHURICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार ।
अल्सर➺ अल्सर, गोल और गहरा, नियमित किनारेवाला KALIUM BICHROMICUM 30 दिन में दो बार
अल्सर➺ मुँह में अल्सर, सफेद रंग का - BORAX 6 दिन में दो बार काली
अल्सर➺ अल्सर, यकृत रोग या तपेदिक प्रकृति इतिहास रहा हो - CHELIDONIUM MAJUS 30 हर छह घंटे पर।
अल्सर➺ कॉर्निया में अल्सर, कंजेक्टिवा की शुष्कता और जलन के साथ – NATRIUM CARBONICUM 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
अल्सर➺ मुँह का अल्सर, दुर्गंध, जीभ की शुष्कता, जीभ के मध्य में धारी BAPTISIA TINCTORIA 30 दिन में दो बार
अल्सर➺ मसूड़ों का अल्सर, मसूड़ों से रक्तस्त्राव होता है और कहीं-कहीं दर्द होता है, खट्टा स्वाद, दुखता गला, गले का बलगम लगातार साफ करते रहना पड़ता है— OXALICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार ।
अल्सर➺ गहरा अल्सर, टखने और त्वचा में, दुर्गंधित स्राव के साथ, सूजी ग्रंथियाँ, नहाने और ठंडी खुली हवा से बढ़ता है, गरमी से राहत – CISTUS CANADENSIS - 200 की एक खुराक रोजाना ।
अल्सर➺ अल्सर, भरने में कठिनाई - SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार
अल्सर➺ सुस्त अल्सर- CALCAREA IODATA-6X दिन में तीन बार
अल्सर➺ अल्सर, चिपचिपा स्राव - GRAPHITES 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
अल्सर➺ गहरा अल्सर, नीलाभ, दुर्गंधित, साँस में दुर्गंध-MURIATICUM ACIDUM 30 दिन में दो बार ।
अल्सर➺ पेट का अल्सर या आँत का SYMPHYTUM OFFICINALE-30 दिन में तीन बार
अल्सर➺ सख्त और बैंगनी रंग का अल्सर, एनीमियाग्रस्त लोगों में MANGANUM ACETICUM-30 दिन में तीन बार ।
अल्सर➺ पेट का अल्सर, खाने से बेहतर, रेशेदार लार, सिफलिस का उपदंश KALIUM BICHROMICUM 6 हर छह घंटे पर ।
अल्सर➺ अल्सर या अन्य रोग, पुराना हो जाने पर-Carbo Vegetabilis-1M की दो सप्ताह में एक खुराक ।
अल्सर➺ अल्सर, सिफलिस संबंधी - ASA FOETIDA-6 दिन में तीन बार
अल्सर➺ अल्सर, सुन्नता और संवेदन के अभाव के साथ - OPIUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
अल्सर➺ अल्सर, गाढ़ा पीला सफेद खुरंट, जिसके नीचे गाढ़ा पीला मवाद एकत्रित होता है, अल्सर के आस-पास छाले, तेज खुजली, जलन, रक्तस्राव MEZEREUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
अल्सर➺ वेरीकोज अल्सर, पेट का-CARDUUS MARIANUS-6 हर छह घंटे पर ।
अल्सर➺ वेरीकोज अल्सर, वृद्धों में हठी, दुर्गंधयुक्त स्राव, पीली, ठंडी और राख के रंग की त्वचा-PYROGENIUM - 200 दिन में दो बार ।
अल्सर➺ वेरीकोज अल्सर, मधुमेह पीड़ित लोगों में गैंगरीन बन जाने की प्रवृत्ति - CUPRUM ARSENICOSUM 12X दिन में तीन बार
अल्सर➺ वेरीकोज शिराएँ और वेरीकोज अल्सर-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार
अल्सर➺ अंजीर जैसी गाँठें और कॉण्डाइलेमा-NITRICUM ACIDUM 30 और मरकरी 30 दोनों दिन में दो बार ।
अल्सर➺ मांसल गाँठें, चेहरे या हाथों के पृष्ठभाग तथा उँगलियों पर बड़े आकार के-DULCAMARA-30 दिन में दो बार ।
अल्सर➺ बहुत सी गाँठें – THUJA-Q रात में त्वचा पर लगाएँ और THUJA 200 सप्ताह में एक बार खाएँ । सुबह के समय हाथों और बाँहों पर गाँठें- CAUSTICUM 30 केवल सुबह में लें।
अल्सर➺ गाँठे या गूमड़ उठना-PHYTOLACCA 200 की एक खुराक रोजाना ।
अल्सर➺ सभी प्रकार की गाँठें-Calcarea calcinata-6 दिन में तीन बार | यदि सुधार न हो तो 200 पोटेंसी की एक खुराक रोजाना आजमाएँ ।
अल्सर➺ गाँठों से रक्तस्त्राव और तेज दर्द- NITRICUM ACIDUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
अल्सर➺ फूलगोभी जैसी गाँठे-CHAMOMILLA 200 सुबह-शाम खाएँ ।
अल्सर➺ पलक, नाक के पोर, चेहरे, उँगलियों के पोर पर गाँठें- CAUSTICUM – 30 दिन में दो बार
अल्सर➺ हथेलियों पर दर्दयुक्त गाँठें- RUTA GRAVEOLENS 200 एक खुराक रोजाना।
अल्सर➺ सामान्य गाँठें- Acid Fluoric-30 दिन में दो बार |
अल्सर➺ सख्त गाँठें, खासकर तलवों और हथेलियों पर ANTIMONIUM CRUDUM 200 सप्ताह में एक बार।
अल्सर➺ नाक के बगल में और चेहरे पर गाँठें, चमकीला रक्तस्राव THUJA - 30 दिन में दो बार । गाँठे THUJA X की एक खुराक रोजाना, फिर THUJA 200 हर सप्ताह ।
कैंसर रोग➺ स्तन कैंसर में CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार ।
कैंसर रोग➺ नाक का कैंसर, नाक में सूजन और नाक बहना-EUPHRASIA OFFICINALIS - 30 दिन में तीन बार ।
कैंसर रोग➺ अग्न्याशय का कैंसर, जलन के साथ दर्द- Calcarea Arsenica-6 दिन में दो बार लें।
कैंसर रोग➺ भूरी मिट्टी के रंग के चेहरेवाले लोगों में कैंसर-BROMIUM 30 दिन में दो बार।
कैंसर रोग➺ गुदा का कैंसर – RUTA GRAVEOLENS 200 की एक खुराक रोजाना ।
कैंसर रोग➺ गुदा का कैंसरअसह्य पीड़ा के साथ-SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार।
कैंसर रोग➺ पेट का कैंसर, चार दवाओं– Ornithogalum Umbellatum-30, POLYGONUM 30, HYDRASTIS 30 और KALIUM MURIATICUM 30 को बराबर मात्रा में मिलाकर एक सूखी बोतल में रख लें। इस मिश्रण की एक बूँद दो चम्मच पानी में मिलाकर दिन में चार बार दें। अगले दिन सिराइनम-1M की एक खुराक दें, इसके अलावा उस दिन कोई अन्य दवा न दें। चौबीस घंटे के बाद CARCINOSINUM - 1M की एक खुराक दें तथा इन्हें एक माह तक दुहराते रहें।
कैंसर रोग➺ पेट का कैंसर, भोजन का वमन तथा पेट सख्त होना, निरंतर जलन और पीड़ा, भोजन नली का सख्त होना, उरोस्थि (ब्रेस्ट बोन) के नीचे जलन और पीड़ा जहाँ भोजन जमा प्रतीत होता है - Cundurango-Q की दो चम्मच पानी में पाँच बूँदें, दिन में चार बार ।
कैंसर रोग➺ पेट का कैंसर, अम्लता, मिचली, काले वमन के साथ, पेट में जलन और तीव्र पीड़ा, पेट का संवेदनशील महसूस होना, तेज प्यास, ठंडा पसीना - CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार लें।
कैंसर रोग➺ गर्भाशय का गहरे द्रव तथा दुर्गंधयुक्त रक्तस्त्राववाला कैंसर-CROTALUS HORRIDUS एच.-30 दिन में तीन बार
कैंसर रोग➺ गर्भाशय का कैंसर, उग्र स्राव - ARSENICUM ALBUM 6 दिन में दो बार ।
कैंसर रोग➺ गर्भाशय का कैंसर, श्वेत प्रदर की समस्या के साथ रक्तस्त्राव होता है, यह अनियमित होता है यानी लगभग समाप्त होकर फिर-फिर आरंभ होता है, सीमित होने के दौरान रक्तस्त्राव के साथ योनिस्राव और कभी-कभी गर्भाशय में फोड़ा उत्पन्न होना, पेल्विस में गरम कोयले जैसी जलन, स्राव का थक्का जम जाता है और दुर्गंधयुक्त होता है- KREOSOTUM-200 की एक खुराक रोज लें।
कैंसर रोग➺ गर्भाशय का कैंसर, गर्भाशय में जलन, रक्तस्राव - TEREBINTHINA – 200 साप्ताहिक । .
कैंसर रोग➺ गर्भाशय का कैंसर, महिला शीघ्र उत्तेजित और भयभीत हो जाती है, क्षीण याददाश्त तथा बौना शरीर, रात में बेचैनी-CARBONEUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार ।
कैंसर रोग➺ कैंसर, ग्रंथियों में खरोंच या चोट के बाद विकसित होता है CONIUM MACULATUM 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
कैंसर रोग➺ कैंसर HYDRASTIS 30 कुछ दिनों तक दिन में दो बार, यदि सुधार महसूस हो तो लंबे समय तक जारी रखते हैं। यदि सुधार न दिखें तो HYDRASTIS 200 सप्ताह में एक बार, केवल तीन खुराक दें। फिर HYDRASTIS M पंद्रह दिनों में एक बार, केवल तीन खुराक ।
कैंसर रोग➺ यकृत का कैंसर- cholesterinum 200 दिन में तीन बार लें।
कैंसर रोग➺ कैंसर, पेट में पीड़ा तथा चिड़चिड़े लोगों में कड़वा वमन, गरम भोजन . से स्थिति अधिक खराब तथा ठंडे भोजन से राहत-KREOSOTUM-30 दिन में तीन बार ।
कैंसर रोग➺ कैंसर का दर्द, नश्तर जैसा, तीव्र और जलनकारी-CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार
कैंसर रोग➺ गुदा का कैंसर, प्रचुर दस्त के साथ-CARDUUS MARIANUS 6 हर छह घंटे पर।
कैंसर रोग➺ अल्सर/कैंसर, मुटो-कुटेनस जोड़ पर, स्पर्श से बदतर, आसानी से रक्तस्राव और तीव्र दर्द - NITRICUM ACIDUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
कैंसर रोग➺ अल्सर और गैंगरीन-Acid Fluoric 6 की एक खुराक रोजाना दें।
कैंसर रोग➺ कॉर्नियल अल्सर, सख्त किनारों और कॉर्निया के धुँधलेपन के साथ CALCAREA FLUORICA 30 दिन में दो बार
बवासीर➺ बवासीर (खूनी या बादी) दुःसाध्य प्रकार के कब्ज तथा मलद्वार में चुभने के एहसास के साथ पाँच बूँदें। COLLINSONIA CANADENSIS-Q दिन में तीन बार,
बवासीर➺ खूनी बवासीर CARDUUS MARIANUS-30 हर छह घंटे पर या CIMEX LECTULARIUS 6 दिन में तीन बार
बवासीर➺ बवासीर में ज्यादा रक्तस्त्राव होना बार। ACETICUM ACIDUM -30 दिन में दो
बवासीर➺ मस्से के जख्मों से रक्त निकलना-PHOSPHORUS-30 दिन में दो बार
बवासीर➺ मलद्वार तथा गुदा की दरार, गुदा के खिसकने तथा सिफलिस से संबंधित SYPHILINUM 200 साप्ताहिक ।
बवासीर➺ फिशर, मल-त्याग के बाद घंटों तक दर्द तथा जलन-NITRICUM ACIDUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
बवासीर➺ फिशर - NUX VOMICA 200 की एक खुराक, उसके बाद की सुबह SULPHUR 200; फिर NITRICUM ACIDUM-200 दिन में दो बार, पंद्रह दिनों तक ।
बवासीर➺ गुदा का भगंदर, बवासीर के लक्षणों के साथ, खुजली - Berberis Vulgaris-Q की पाँच बूँदें दिन में दो बार लें |
बवासीर➺ गुदा का भगंदर, गरमी, गरम भोजन तथा पेय से, गुदा की नसों में सूजन . -Acid Fluoric-30 दिन में तीन बार
बवासीर➺ दमित बवासीर, स्थायी रोगों को जन्म देता है- SULPHUR-30 दिन में तीन बार।
बवासीर➺ बवासीर या गुदा की समस्या, गुदा का भरा हुआ महसूस होना, अकसर बवासीर से लगातार रक्तस्त्राव, अधिक कब्ज और उसके कारण उदरशूल - COLLINSONIA CANADENSIS-Q की पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार लें।
बवासीर➺ बवासीर, नीला, दर्द भरा तथा संवेदनशील, गरम सिंकाई से राहत – . MURIATICUM ACIDUM-3 दिन में तीन बार।
बवासीर➺ बवासीर, पीड़ादायक, चलने से बढ़ जाता है, कब्ज, जल्दी-जल्दी मल त्याग की इच्छा, मल त्याग खड़े रहने पर ही अच्छी तरह होता है; खुजली, नमी, जलन - CAUSTICUM - 30 दिन में दो बार ।
बवासीर➺ बवासीर, प्रत्येक मासिक धर्म के बाद - COCCINELLA-3 हर चार घंटे पर ।
बवासीर➺ बवासीर, प्रचुर रक्तस्राव, जलन, पीड़ा, भारीपन, पीठदर्द, मल त्याग . की इच्छा, नीले रंग के बवासीर, गुदा में दर्द HAMAMELIS VIRGINIANA वर्जीनिया-Q की दो से पाँच बूँदें, हर चार घंटे पर लें।
बवासीर➺ बवासीर, सख्त, रक्तस्त्राव तथा पीडायुक्त-CALCAREA FLUORICA – 6 दिन में तीन बार
बवासीर➺ बवासीर, बड़ा, नीलाभ, चलने से दर्द, मल त्याग के बाद दर्द, कब्ज के साथ, गुदा में जलन तथा खुजली-AESCULUS HIPPOCASTANUM 6 दिन में तीन बार।
बवासीर➺ बवासीर, हर मल त्याग के बाद गुदा का खिसक जाना, मल-त्याग के बाद घंटों तक तीव्र पीड़ा - IGNATIA AMARA अमेरा-6 हर चार घंटे पर दोहराएँ । .
बवासीर➺ बवासीर, मूत्र त्याग के समय फैल जाता है - BARYTA CARBONICA – 30 दिन में दो बार ।
बवासीर➺ बवासीर, अंगूरों के गुच्छे की तरह फैलता है, नीला रंग, , अधिक खुजली, ठंडे पानी के प्रयोग से राहत - - ALOE SOCOTRINA-6 दिन में तीन बार
बवासीर➺ बवासीर, फैलता है, फटा हुआ, रक्तस्राव, चटख लाल रक्त, मल त्याग के बाद अत्यंत पीड़ा - NITRICUM ACIDUM-30 की कुछ खुराकें ।
बवासीर➺ बवासीर, दर्द और जलन के साथ टीस, मल-त्याग के बाद गुदा घंटों तक दर्द, खासकर दमित ल्यूकोरिया के साथ - Ammonium Muriaticum 30 दिन में तीन बार
बवासीर➺ बवासीर का उभरना, दर्द के साथ-CALCAREA PHOSPHORICA-30 दिन में तीन बार लें।
बवासीर➺ बवासीर में सूजन के साथ दर्द- CARBONEUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार लें।
बवासीर➺ अंगूर के गुच्छों की तरह बवासीर, ठंडे पानी के इस्तेमाल से राहत - ALOE SOCOTRINA30 दिन में तीन बार, कब्ज को दूर करने के लिए NUX VOMICA 200 चौथे दिन रात में, मिर्च खाने से परहेज करें ।
बवासीर➺ बवासीर से खून निकलना, गरम सिंकाई से आराम, खुजली, जलन, टीस - ARSENICUM ALBUM 30 दिन में दो बार लें।
बवासीर➺ रक्तिम या अरक्तिम बवासीर, स्थायी कब्ज, अंगूरों की तरह उभरता है, तेज दर्द, कभी-कभी मूत्र त्याग करते या गैस निकलते समय मल-त्याग हो जाना, गुदा में भारीपन, गुदा धोते समय ठंडे पानी से आराम, भोजन करने के बाद तुरंत मल त्याग की इच्छा, मल-त्याग के बाद राहत महसूस करना - ALOE SOCOTRINA-30 दिन में तीन बार लें ।
बवासीर➺ खूनी बवासीर, काले रंग का खून, थक्का पड़ना, गंभीर पीठदर्द, बैंगनी रंग का बवासीर – HAMAMELIS VIRGINIANAक्यू की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
बवासीर➺ बवासीर, गुदा में दरार, कब्ज के साथ GRAPHITES-200 हर चार घंटे बाद ।
बवासीर➺ बवासीर, ऐसा महसूस होना कि गुदा में दरार है; रक्तस्त्राव, लाल रक्त, गंभीर कब्ज तीन बार । COLLINSONIA CANADENSIS-Q की दो से पाँच बूँदें पानी में, दिन में बवासीर,
बवासीर➺ रक्तस्राव रुकने पर हृदय की समस्या उभरना COLLINSONIA CANADENSIS-30 दिन में तीन बार ।
बवासीर➺ बवासीर, महिलाओं में, गर्भावस्था के दौरान या बाद में विकसित होना - COLLINSONIA CANADENSIS --Q या 3 की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
बवासीर➺ बवासीर, गुदा से बलगम निकलना, निरंतर बलगम टपकना, जाँघिए पर पीला दाग लगना-ANTIMONIUM CRUDUM 3 दिन में तीन बार ।
बवासीर➺ बवासीर, मल-त्याग के दौरान दर्द, साथ ही बैठते उठते और चलते समय दर्द – ARSENICUM ALBUM-30 हर छह घंटे पर लें। .
बवासीर➺ बवासीर, तेज दर्द, महिलाओं में न्यून मात्रा में मासिकस्त्राव - LACHESIS 30 हर छह घंटे पर।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा में फटन, स्पर्श से दर्द, चारों ओर गूमड़ (चपटे) – THUJA 200 रोजाना।
गुदा संबंधी रोग➺ नवजात शिशु में गुदा पर चकत्ते - Medorrhinum 200 की एक खुराक ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा पर दरार या उसके आस-पास उभार THUJA 6 दिन में तीन बार
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा में जलन- CAPSICUM ANNUUM 30 दिन में तीन बार।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा में बिना बवासीर के दर्द- MURIATICUM ACIDUM 30 हर चार घंटे पर।
गुदा संबंधी रोग➺ माहवारी के दौरान गुदा में दर्द- MURIATICUM ACIDUM-3 हर चार घंटे पर।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का अपने स्थान से खिसक जाना - IGNATIA AMARA 30 या PODOPHYLLINUM-30 दिन में दो बार
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा या मलद्वार का अपने स्थान से खिसकना-CARDUUS MARIANUS 30 हर छह घंटे पर।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का अपने स्थान से खिसकना, मल-त्याग से पहले या दौरान, डायरिया, युवतियों में दमित मासिक-धर्म-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार लें।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का अपने स्थान से खिसकना, कठिनाई से मल-त्याग करते समय, झुकने से बढ़ता है— RUTA GRAVEOLENS-6 दिन में तीन बार ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का अपने स्थान से खिसकना, खिसका हुआ अंग दुखता है और स्पर्श के प्रति संवेदनशील होता है, बिस्तर के चादर से भी दर्द पहुँच सकता है MURIATICUM ACIDUM 30 दिन में तीन बार |
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का अपने स्थान से खिसकना, मूत्र त्याग के समय भी गुदा बाहर आ जाता है - ALOE SOCOTRINA- 6 दिन में तीन बार
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का खिसक जाना, मल-त्याग के लिए जोर लगाने पर, ढीले मल से बदतर - IGNATIA AMARA-30 हर छह घंटे पर।
गुदा संबंधी रोग➺ बच्चों में गुदा का खिसक जाना, रात को गुदा में खुजली - FERRUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा और गर्भाशय का अपने स्थान से खिसक जाना, दबाव देकर मल त्याग करने से – COLLINSONIA CANADENSIS-30 दिन में तीन बार ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का खिसक जाना, गुदा में भरेपन या किसी बाहरी तत्त्व का एहसास, गुदा से द्रव का टपकना- SEPIA 200 की कुछ खुराक।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का खिसक जाना, हर बार मल त्याग करते समय IGNATIA AMARA 30 दिन में तीन बार या NUX VOMICA-30 दिन में तीन बार दें।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का खिसक जाना, जो वापस नहीं जाता - RUTA GRAVEOLENS-Q बाह्य इस्तेमाल के लिए और खाने के लिए RUTA GRAVEOLENS 30 या 200 दिन में दो बार ।
गुदा संबंधी रोग➺ कुछ दिनों के शिशु के गुदा के पास दाने उभर जाना - Medorrhinum 200 केवल एक खुराक, दुहराने की जरूरत नहीं ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा में दर्द - IGNATIA AMARA 30 हर आधे घंटे पर जब तक दर्द कम न हो जाए।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा में तेज खुजली - SANGUINARIA CANADENSIS X दिन में तीन बार
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का पक्षाघात, नरम मल त्याग करने में भी काफी जोर लगाने की जरूरत - ALUMINA-30 दिन में तीन बार
गुदा संबंधी रोग➺ निष्क्रिय गुदा, मल से भरा रहने पर भी आसानी से सख्त या नरम मल त्याग करने में परेशानी – ALUMINA -30 दिन में तीन बार ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदा का अपने स्थान से खिसक जाना, बाहर निकल आने के कारण मूत्र त्याग नहीं कर सकते, साथ ही वायु निकलने और मल त्याग करने में भी कष्ट - MURIATICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार
गुदा संबंधी रोग➺ रीनल कैलकुलस और गुदा में शूल, कम मात्रा में मूत्र, मूत्र में सफेद कण, मूत्र त्याग के बाद तीव्र पीड़ा-SARSAPARILLA OFFICINALIS 30 दिन में दो बार लें
गुदा संबंधी रोग➺ गुदाशूल (गुरदे में दर्द), किडनी की दाईं ओर से आरंभ होकर मूत्रमार्ग तक जाता है - LYCOPODIUM 200 की एक खुराक ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदाशूल, नाभि से शुरू होकर सभी दिशाओं में फैलता है - BERBERIS VULGARIS-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
गुदा संबंधी रोग➺ गुदाशूल, एक या दोनों गुरदों से शुरू होता है और गर्भाशय से होकर मूत्राशय तक जाता है, वहाँ से मूत्रमार्ग की ओर जाता है, मूत्राशय और मूत्रमार्ग में जलन, बाईं ओर ज्यादा, वीर्यनली में से दर्द अंडकोष तक जाता है, थोड़ा भी हिलने-डुलने पर दर्द Berberis Vulgaris-Q की दो - पाँच बूँदें, दिन में तीन बार ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदाशूल, अचानक आता है और लंबे समय तक रहता है, लेकिन अचानक समाप्त भी हो जाता है— BELLADONNA-30 दिन में दो बार ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदाशूल, बाईं ओर, गर्भाशय में तीव्र मरोड्युक्त दर्द, घातक मिचली और ठंडा पसीना- TABACUM 6 हर दर्द के बाद दुहराएँ।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदाशूल, दाएँ गुरदे से नीचे की ओर दर्द-SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।
गुदा संबंधी रोग➺ गुदाशूल, दाईं ओर, वायु और कब्ज के साथ, पीठदर्द, मूत्र त्याग से राहत, मूत्र में लाल रेतकण, रोगी भयभीत होता है और साथ चाहता है LYCOPODIUM-1M की दो सप्ताह में एक खुराक । ➺ गुदाशूल, कैलकुलस निकलने का एहसास-Medorrhinum-200 सप्ताह में एक खुराक लें।
विषजन्य रोग➺ साँप के काटने पर THUJA -30 दिन में तीन बार
विषजन्य रोग➺ तेज विष, जैसे- सिफलिस, मर्करी और स्क्रोफुला जनित रोग NITRICUM ACIDUM 30 दो सप्ताह में एक बार
विषजन्य रोग➺ मधुमक्खी के दंश का विष दूर करने का इसका सामान्य लक्षण है पित्ती, नसों की सूजन-CARBOLICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार
विषजन्य रोग➺ मॉरफीन का विष - मदर टिंचर में IPECACUANHA, पानी में दो से पाँच बूँदें।
विषजन्य रोग➺ टिटनस, मांस में किरच घुस जाने से CICUTA VIROSA 200 की एक खुराक रोजाना ।
विषजन्य रोग➺ टिटनस, विषहर - LEDUM PALUSTRE-200 दिन में दो बार या HYPERICUM PERFORATUM 30 दिन में दो बार विष का प्रभाव (यदि होम्योपैथिक दवाएँ बार बार की गई है) - SEPIA 1M की एक खुराक सभी विषों का प्रभाव दूर करती है।
विषजन्य रोग➺ कुत्ते का काटना - LACHESIS 200 दो सप्ताह में एक बार
विषजन्य रोग➺ पागल कुत्ते द्वारा काटना - BELLADONNA-1M एक सप्ताह तक दिया जाए और फिर BELLADONNA लाख पंद्रह दिनों पर ।
विषजन्य रोग➺ चूहे के काटने पर - LEDUM PALUSTRE- 200 दो सप्ताह में एक बार ।
विषजन्य रोग➺ साँप का काटना- GUAIACUM-30 दिन में दो बार
विषजन्य रोग➺ मधुमक्खी का काटना - काटे गए स्थान पर ARNICA मलहम लगाएँ ।
विषजन्य रोग➺ मधुमक्खी का काटना - CARBOLICUM ACIDUM 30 की एक खुराक तथा URTICA URENS बाहर से लगाएँ ।
विषजन्य रोग➺ मधुमक्खी, मच्छर, ततैया (चूहा, बिल्ली आदि) द्वारा काटने पर - LEDUM PALUSTRE-30 दिन में दो बार
विषजन्य रोग➺ कीटों द्वारा काटने से जलन तथा सूजन - CANTHARIS VESICATORIA 200 की एक खुराक रोजाना।
विषजन्य रोग➺ कीड़ों द्वारा काटना, जिससे खुजली और तेज जलन होती है CALADIUM 6 दिन में तीन बार
विषजन्य रोग➺ सीसा विषाक्तता - PLATINUM METALLICUM 200 दो सप्ताह में एक बार
विषजन्य रोग➺ सीसा विषाक्तता, कब्ज, आँत के अवरोध या गुदा के पक्षाघात के कारण सख्त मल-PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार ।
विषजन्य रोग➺ कीड़ों के काटने, तंबाकू या मशरूम खाने का विषैला या खुजलीकारक प्रभाव - CAMPHORA 6 दिन में तीन बार
विषजन्य रोग➺ रक्त विषाक्तता - PYROGENIUM 6 या 30 या Staphysagria 30 हर चार घंटे के अंतराल पर ।
विषजन्य रोग➺ रक्त विषाक्तता – ECHINACEA-Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
विषजन्य रोग➺ साँप का काटना - . - CEDRON-6, चार बार या पनामा 30 दिन में दो बार |
विषजन्य रोग➺ साँप का काटना-GUACO 3X हर छह घंटे पर।
नशा संबंधी रोग➺ अफीम की लत - AVENA SATIVA--Q दिन में दो या तीन बार, पंद्रह सेबीस बूँदें। यह रोग-निरोधक का काम करेगा।
नशा संबंधी रोग➺ अफीम की लत से मुक्ति पाने के लिए - Berberis Vulgaris-Q की 5 से 10 बूँदें रोजाना ।
नशा संबंधी रोग➺ धूम्रपान की लत- CALADIUM- सीएम की एक खुराक पर्याप्त है।
नशा संबंधी रोग➺ चाय की लत THEA CHINENSIS-200 कीरोजाना एक खुराक ।
नशा संबंधी रोग➺ शराब की लत - SULPHURICUM ACIDUM.-Q का तीन भाग, एक भाग अल्कोहल में मिलाकर रोजाना तीन बार दस-पंद्रह बूँदें दें या एक ड्राम (औंस का सोलहवाँ भाग) अल्कोहल में Sterculia-Q की तीन-पाँच बूँदें मिलाकर दिन में तीन बार दें।
नशा संबंधी रोग➺ शराब की लत से मुक्ति - एक भाग SULPHURICUM ACIDUM-Q और तीन भाग अल्कोहल मिलाकर 3-4 सप्ताह तक दिन में तीन बार दें ।
नशा संबंधी रोग➺ क्रोध, शराब के सेवन तथा भय से होनेवाली परेशानी - OPIUM - 30, दिन में तीन बार ।
नशा संबंधी रोग➺ बच्चों में अफीम या मार्फिया के सेवन की आदत CHAMOMILLA 200 की रोजाना एक खुराक ।
नशा संबंधी रोग➺ नशीली दवाइयों के सेवन से उत्पन्न बीमारियाँ - COFFEA CRUDA – 200 कीएक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो एक और खुराक लें।
नशा संबंधी रोग➺ कॉफी, शराब, तंबाकू, मसालेदार भोजन, अत्यधिक खाने, अनिद्रा के दुष्परिणाम –NUX VOMICA- 200 की रात में एक खुराक ।
नशा संबंधी रोग➺ ब्रांडी पीने से उत्पन्न विकार SULPHURICUM ACIDUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
नशा संबंधी रोग➺ शराब की लत के कारण शरीर में कंपन, कमजोरी तथा थकान— SULPHURICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार
नशा संबंधी रोग➺ शराब से उत्पन्न विकार – COCCULUS INDICUS 30 दिन में तीन बार।
नशा संबंधी रोग➺ शराब पीने की तीव्र इच्छा - ASARUM EUROPAEUM 30 दिन में तीन बार
नशा संबंधी रोग➺ शराब पीने से स्वास्थ्य खराब होना-यूपेटोरियम पर्फ-30 दिन में तीन बार।
नशा संबंधी रोग➺ शराब के दुष्प्रभाव, जैसे सिरदर्द, अनियमित हिचकी और उन्माद या चित्त-भ्रांति — Ranunculus Bulbosus.-Q दिन में तीन बार, हर बार दस से तीस बूँदें।
नशा संबंधी रोग➺ शराब पीने की तलब को दबाया जा सकता है - SULPHURICUM ACIDUM के एक भाग को तीन भाग अल्कोहल में मिलाकर तीन-चार सप्ताह तक दिन में तीन बार दस-पंद्रह बूँदें दें या SULPHURICUM ACIDUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
नशा संबंधी रोग➺ तंबाकू खाने की इच्छा – तंबाकू छोड़ दें, TABACUM 200 या 1M, एक खुराक या Staphysagria 200 दिन में दो बार
नशा संबंधी रोग➺ तंबाकू खाने की तलब CALADIUM 30 दिन में तीन बार
नशा संबंधी रोग➺ शराबी व्यक्तियों को उनके घर तक पहुँचने में सक्षम बनाने के लिए CAPSICUM ANNUUM-Q या एक्स, पानी में मिलाकर जल्दी-जल्दी।
नशा संबंधी रोग➺ शराब का दुष्प्रभाव, मिचली तथा वमन-KALIUM BICHROMICUM 30, दिन में तीन बार ।
नशा संबंधी रोग➺ तंबाकू सेवन को रोकने के लिए CALADIUM 30 दिन में तीन बार, तीन दिनों तक ।
नशा संबंधी रोग➺ अल्कोहल, चाय और तंबाकू के दुष्प्रभावों से उबरने के लिए - LOBELIA INFLATA-6 दिन में तीन बार
नशा संबंधी रोग➺ धूम्रपान की लत - TABACUM 200 सुबह शाम । यदि धूम्रपान की इच्छा बरकरार रहती है तो इस दवा को 15-15 मिनट पर लें ।
नशा संबंधी रोग➺ धूम्रपान की आदत छुड़ाने के लिए GLONOINUM -30 दिन में दो बार या NUX VOMICA-6 दिन में चार या पाँच बार । यदि इससे लाभ न हो तो सीना 6 दिन में चार पाँच बार लें |
नशा संबंधी रोग➺ धूम्रपान से खाँसी-Staphysagria-30 दिन में तीन बार
नशा संबंधी रोग➺ शराब की लत छुड़ाने के लिए - SULPHURICUM ACIDUM 30 दिन में दो बार, दो सप्ताह तक। इसके विफल रहने पर SELENIUM METALLICUM 30 की दो खुराक यानी सुबह शाम
ट्यूमर➺ अंडाशय में ट्यूमर (अर्बुद), अधिकांशतः दाएँ अंडाशय में, दर्द जाँघों तक आता है - PODOPHYLLINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
ट्यूमर➺ स्तन में ट्यूमर, वहाँ टूटता सा है— GRAPHITES 200 की साप्ताहिक खुराक या PHYTOLACCA 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
ट्यूमर➺ स्तन में ट्यूमर CONIUM MACULATUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन MERCURIUS IODATUS फ्लेक्स 6 दिन में तीन बार |
ट्यूमर➺ ट्यूमर, स्तनीय, सख्त, गाँठदार-CARBO ANIMALIS 30 दिन में दो बार । जख्मों का मवाद में बदल जाना- SULPHUR 30 सुबह एक खुराक लें। या CALCAREA FLUORICA 200 की एक खुराक प्रतिदिन या SILICEA 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
ट्यूमर➺ हड्डियों का ट्यूमर, हड्डियों के कुपोषण के कारण - CALCAREA FLUORICA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
ट्यूमर➺ स्तन, अंडकोषों, सख्त मांसपेशियों की चोट के कारण विकसित अर्बुद - CONIUM MACULATUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।
ट्यूमर➺ ट्यूमर, बगल में, नियमित रूप से उभरता है- ELAPS CORALLINUS-6 हर छह घंटे पर।
ट्यूमर➺ ट्यूमर, स्तनीय, गैस्ट्रिक गड़बड़ियों के साथ, गरम पसीना निकलना - MERCURIUS IODATUS FLAVUS 6 दिन में तीन बार
ट्यूमर➺ ट्यूमर, गरदन के पास - AETHUSA CYNAPIUM-30 दिन में तीन बार .
ट्यूमर➺ ट्यूमर, अत्यंत पीड़ादायक और स्पर्श के प्रति संवेदनशील - Staphysagria 30 दिन में तीन बार
ट्यूमर➺ जख्मो का मवाद में बदल जाना - SULPHUR 30 सुबह एक खुराक
कोरिया (एक स्नायु रोग)➺ कोरिया (एक स्नायु रोग, जिसमें अनैच्छिक गति-क्रियाएँ होती है), पैरों की अनियमित अनैच्छिक गति-ZINCUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
कोरिया (एक स्नायु रोग)➺ कोरिया, हर उत्तेजना के बाद - Laurocerasus - 30 दिन में तीन बार ।
कोरिया (एक स्नायु रोग)➺ कोरिया, सिर का लगातार हिलना या झटके खाना, नींद के बाद भी नियंत्रित नहीं - VERATRUM VIRIDE-6 दिन में चार बार ।
कोरिया (एक स्नायु रोग)➺ कोरिया, दबे हुए स्राव के कारण या भय से-ZINCUM METALLICUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।
कोरिया (एक स्नायु रोग)➺ कोरिया, पूरे शरीर का काँपना (खासकर चलने का प्रयास करते समय), मांसपेशियों में तेज ऐंठन, कंपन को नियंत्रित करना असंभव - CUPRUM ARSENICOSUM-6 दिन में तीन बार
कोरिया (एक स्नायु रोग)➺ कोरिया, चेहरे की मांसपेशियों में तेज ऐंठन-Mygale Lasiodora - 6 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्राशय शोथ, यकृत की संवेदनशीलता, मुँह में कड़वा स्वाद – CARDUUS MARIANUS-6 हर छह घंटे पर ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ रात्रिकालीन स्वतः मूत्र त्याग, पहली नींद के दौरान, दुर्गंधयुक्त पीला मूत्र, दंतक्षय KREOSOTUM- 30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ तेज नेफराइटिस (गुरदों में सूजन), लाल बुखार, बहुत कम मूत्र निकलना, बार-बार मरोड़, बेचैनी, ठंडा शरीर, गुदा का तापमान अधिक CUPRUM ARSENICOSUM-6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ शरीर के किसी अंग में जलन (जलन गुरदे से गर्भाशय तक बढ़े), मूत्र में तेज गंध, लाल जीभ - TEREBINTHINA 200 सप्ताह में एक खुराक
मूत्र संस्थान के रोग➺ रात में स्वतः मूत्र त्याग, भयभीत बच्चों में CINA 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ स्वतः मूत्र त्याग, मूत्राशय पर नियंत्रण खोने के कारण - THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ स्वतः मूत्र त्याग, नमी वाले घरों में रहने या नम मौसम से - TEREBINTHINA 200 की साप्ताहिक खुराक।
मूत्र संस्थान के रोग➺ स्वतः मूत्रस्त्राव, वृद्धों में, पीला मूत्र, पानीदार या रक्तिम Secale cornutum-30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ स्वतः मूत्र त्याग, पहली नींद के दौरान स्वतः मूत्र निकल जाना— CAUSTICUM-30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ स्वतः मूत्र त्याग, मूत्र में तेज गंध होती है- NITRICUM ACIDUMम-30 दिन में दो बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ स्वतः मूत्र-त्याग, मूत्र-त्याग की उत्कट इच्छा तथा प्यास, दुर्गंधित पसीना - APOCYNUM CANNABINUM दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ रक्तस्त्राव तथा मूत्राशय की समस्याएँ-Aegle Marmelos-Q दिन में दो बार दो से पाँच बूँदें |
मूत्र संस्थान के रोग➺ शरीर के विभिन्न हिस्सों से रक्तस्राव - MILLEFOLIUM-Q या 3, दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, मूत्र का धीमा या रुक-रुककर आना- CLEMATIS ERECTA-1M यदि जरूरत हो तो इसे दुहराएँ ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, जब बाकी ओषधियाँ विफल हो जाएँ तो PSORINUM M की सप्ताह में एक खुराक लें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, स्थायी परेशानियों का कारण बनता है - SULPHUR-30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक- SEPIA-30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, मूत्र त्याग के बाद मूत्राशय में जलन, गाढ़ा पीला या पस जैसा स्राव – CUBEBA OFFICINALIS 6 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, पहला चरण, तेज अनियंत्रित यौनेच्छा - Acid Fluoric 30 हर छह घंटे पर
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, मूत्राशय तथा ब्लेडर की ग्रीवा में तेज खुजली, पतला तथा दूधिया स्राव, मूत्र में बलगम- COPAVA-6 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, हरा पीला, दर्द रहित गाढ़ा स्राव - Natrum sulph-30 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, पहला चरण, जल्दी-जल्दी मूत्र त्याग और जलनकारी पीड़ा, दर्द भरा उत्थान CANNABIS INDICA -30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, दूसरा चरण, हरा स्राव, मूत्र-त्याग के बाद भी लगातार जलन तथा दर्द – MERCURIUS SOLUBILIS-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, अर्बुद तथा गाँठों के साथ, जब अन्य उपचार काम न करें- Natrum Sulphuricum- 200 दो सप्ताह में एक बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, ऑरकाइटिस, मूत्र मार्ग से पीला-हरा स्राव - ARGENTUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, फिमोसिस/पाराफिमोसिस, पतला तथा खूनी स्राव, बाद में हरे या पीले स्राव में बदल जाता है - NITRICUM ACIDUM 200 की प्रतिदिन एक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, लगातार दर्द के साथ दूसरा चरण, रात में हरा स्राव, तेज जलन तथा पीड़ा - MERCURIUS SOLUBILIS 200 की प्रतिदिन एक खुराक
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, दमित या अंतर्निहित शिकायतें, जैसे सूजाक संबंधी संधिवात, न्यूरेलिज्या, साइटिका, न्यूरेसिस, ओवरी ट्यूमर, गर्भपात, बाँझपन, ऑरकाइटिस, गाँठ, ग्लीट, नपुंसकता, त्वचा रोग रोगी तुरंत रोने लगता है, अँधेरे से डरता है, ठीक होने की आशा नहीं होती, रोग के बारे में सोचने से हालत और खराब होती है, सुबह से शाम तक बदतर स्थिति । पेट के बल लेटने पर, समुद्र के किनारे या नम मौसम में बेहतर महसूस करना - Medorrhinum 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक THUJA-Q की पाँच बूँदें पानी में सुबह शाम |
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, मूत्र मार्ग अत्यंत संवेदनशील, पैरों को नजदीक रखकर नहीं चल सकते, यदि रोग मूत्राशय तक या ब्लेडर तक पहुँच गया है तो ह कुछ मिनटों पर पीठ में तेज दर्द, मूत्र के साथ रक्त आना Cannabis sativa-Q की दो बूँदें दिन में तीन बार । यदि इसके बाद जलन जारी रहे और गाढ़ा व हरा स्त्राव हो तो MERCURIUS SOLUBILIS-1M की महीने में एक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक, मवादयुक्त स्राव, फिमोसिस और मूत्र में जलन, मूत्र मार्ग इतना संवेदनशील कि उसे स्पर्श करना या दबाव देना कठिन, पाँवों को नजदीक रखकर चलने से मूत्राशय में दर्द Cannabis sativa 3X दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक का पहला चरण, निरंतर मूत्र त्याग की इच्छा, लेकिन एक समय में कुछ बूँदें निकलना, मूत्र के साथ रक्त आना तथा मूत्राशय में असहनीय जलन CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक संबंधी ऑरकाइटिस, मूत्र बूँदों के रूप में निकलता है, मूत्राशय का सख्त होना- PULSATILLA 200 दो सप्ताह में एक बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सूजाक संबंधी कंजेक्टिवाइटिस । MERCURIUS CORROSIVUS-6 हर तीन घंटे पर
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्रवाहिनी नलिका में पत्थर के टुकड़े-Thlaspi Bursa.पी.-Q पानी में पाँच बूँदें, दिन में तीन बार मूत्र में रक्त, मूत्र कॉफी की तरह धुँधला, प्रचुर मूत्र, गहरे रंग का या काला, परंतु दर्द रहित – TEREBINTHINA 200 की साप्ताहिक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र में रक्त BELLADONNA-30 दिन में तीन बार और चौथे दिन CANTHARIS VESICATORIA 200 की एक खुराक, इस दिन और कोई ओषधि नहीं । राहत मिलने तक इस उपचार को जारी रखें ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ स्वतः मल-मूत्र निकल जाना, गंभीर संक्रामक रोग के कारण BAPTISIA TINCTORIA 30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे की समस्या, तेज दर्द, सुन्नता के साथ, गुरदे के क्षेत्र में सख्ती और कमजोरी महसूस करना, सोते समय और सुबह के समय अधिक तकलीफ - Berberis Vulgaris Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे या पित्त की पथरी का दर्द - CALCAREA CARBONICA-30 केवल दो खुराक (यह पथरी का बनना भी रोकता है)।
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे में पथरी - LYCOPODIUM - 1M की एक खुराक से आरंभ करें, इसके बाद छह दिनों तक Berberis Vulgaris 30 दिन में तीन बार लें। आठवें दिन LYCOPODIUM 1M दुहराएँ । पथरी को हटाने के लिए यह प्रक्रिया तीन-चार महीनों तक जारी रहनी चाहिए। रोगी को प्रचुर मात्रा में पानी और नीबू का रस दें। गुरदे की पथरी की स्थिति में Berberis Vulgaris-30 की अपेक्षा CALCAREA CARBONICA-30 दिन में तीन बार . गुरदे में पथरी, उसे घुलाने के लिए-SARSAPARILLA OFFICINALIS-30 दिन में तीन बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ पथरी, मूत्र त्याग समाप्त होने के समय तेज दर्द, छोटी पथरियाँ निकलना या मूत्राशय से बलुआ पत्थर निकलना । खड़े होने के दौरान मूत्र अच्छी तरह निकलता है, लेकिन बैठकर मूत्र त्याग करते समय बूँद बूँद निकलता है। बच्चा मूत्र त्याग करने से पहले और करने के दौरान चिल्लाता है – SARSAPARILLA OFFICINALIS 6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ अपने आप मूत्र विसर्जन, चलते, खाँसते या हँसते समय NATRIUM MURIATICUM-200 दो सप्ताह में एक बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ गंभीर नेफ्राइटिस (गुरदे की सूजन), लाल बुखार के बाद, मूत्र कम मात्रा में और एल्बुमिनवाला, निरंतर मरोड़, अधिक बेचैनी, बर्फ जैसा ठंडा शरीर, गुदा का तापमान अधिक- CUPRUM ARSENICOSUM 6 दिन में तीन बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे की सूजन - CUPRUM ARSENICOSUM 3 हर छह घंटे पर ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे की सूजन-KALIUM SULPHURICUM-30 हर छह घंटे पर। .
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे की सूजन, अत्यंत कमजोरी और ठंड लगना, दर्द के साथ मूत्र त्याग, एल्बुमिन का जमाव, मूत्र कम मात्रा में और दबा हुआ होना, हिचकी, मिचली और वमन - MERCURIUS CYANATUS 30 हर छह घंटे पर।
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे की सूजन, मूत्र त्याग से पहले, उसके दौरान और बाद में तेज दर्द - CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार यह मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है)।
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे की सूजन, तेज बुखार के साथ, अधिक बेचैनी, उन्माद, प्यास अधिक, वमन, मूत्र त्याग की इच्छा, मूत्र में रक्त, गुरदे क्षेत्र दबाव के प्रति संवेदनशील - Calcarea Arsenica-6 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग के बाद दर्द, वृद्धों में अंडकोष की समस्याओं के कारण Staphysagria 30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ गुरदे में पथरी के कारण दर्द - Berberis Vulgaris Q की दो से पाँच बूँदें पानी में, कम अंतराल पर
मूत्र संस्थान के रोग➺ यकृत में दर्द, रात में दर्द की ओर करवट करके सोने पर अधिक पीड़ा, चलने पर राहत - CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ पेडू में दर्द - FORMICA RUFA-6 दिन में तीन बार सेवन करें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ नाभि में दर्द, जो शरीर के सभी अंगों में फैलता है - DIOSCOREA VILLOSA 30 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग से पहले और उसके दौरान दर्द MERCURIUS SOLUBILIS-30 या BORAX-6 दोनों हर छह घंटे के अंतराल पर।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र मार्ग में दर्द, मूत्र त्याग की निरंतर इच्छा, मूत्राशय में भारीपन महसूस होना, अधिक मात्रा में मूत्र त्याग - EQUISETUM HYEMALE-30 हर छह घंटे पर।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र मार्ग में दर्द, मूत्र त्याग से पहले, दौरान और बाद में, लगातार मूत्र त्याग की इच्छा, मूत्र अत्यंत पीड़ा के साथ बूँद-बूँद करके निकलता है CANTHARIS VESICATORIA- 200 की कुछ खुराकें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ पेट और पेडू में दर्द, तीव्र, चुभनेवाला तेज दर्द, अकसर तेजी से स्थान बदलता है, मरोड़, गरम सिंकाई और दबाव से राहत - MAGNESIUM PHOSPHORICUM M की एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो दुहराया जा सकता है।
मूत्र संस्थान के रोग➺ ऑपरेशन के बाद मूत्र मार्ग का संक्रमण- POPULUS TREMULOIDES-3 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट ग्रंथियों की अतिवृद्धि, वृद्ध व्यक्तियों में, मूत्र त्याग करने में अत्यंत कठिनाई, रुक-रुककर होनेवाला प्रवाह, रुकता है, फिर आरंभ होता है - CONIUM MACULATUM 30 हर छह घंटे पर ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या, पेरिनियम या गुदा के निकट सूजन महसूस होना, जैसे किसी बॉल पर बैठे हों, अधिक मात्रा में मूत्र त्याग - Chimaphila Umbellata-Q की दो से तीन बूँदें, दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि, वृद्धों में, मूत्र में तेज गंध, मूत्र में अधिक मात्रा में यूरिक एसिड, मूत्र का बूँद-बूँदकर टपकना- - BENZOICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार |
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि - POPULUS TREMULOIDES-Q की पानी में पाँच बूँदें, दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट द्रव का टपकना, बैठने, सोने, चलने या मल-त्याग के समय। चेहरे, हाथों और जाँघ में अत्यंत कमजोरी-SELENIUM METALLICUM 200 की कुछ खुराक।
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि, हृदय समस्या से संबंधित DIGITALIS PURPUREA - 30 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि - नेट्रम कारर्ब 200 हर पंद्रह दिनों पर या BENZOICUM ACIDUM 30 दिन में दो बार, एक सप्ताह तक इसके बाद BENZOICUM ACIDUM- 200 की दो या तीन खुराक हर पंद्रह दिनों पर ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि, मूत्र त्याग के बाद भी मूत्र बूँदों में निरंतर टपकता रहता है— Staphysagria 30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि, मूत्र त्याग के दौरान जलन CANTHARIS VESICATORIA-30 हर छह घंटे पर ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र बूँदों में निकलता है, मूत्र मार्ग में जलन और तीव्र पीड़ा, लिंग को खींचने की निरंतर इच्छा- CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र नहीं निकलना, जबकि मूत्राशय मूत्र से भरा होता है - ZINCUM METALLICUM 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ यूरीमिया (रक्त में मूत्र का मिश्रित हो जाना ) - OPIUM 6 हर दो या तीन घंटे के अंतराल पर ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ यूरीमिया या नम स्थान पर खड़े होने या ठंडे पानी में खड़े होकर काम करने से विकसित होनेवाले अन्य रोग, जैसे धोबी आदि की-CALCAREA CARBONICA 6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ यूरीमिया, एल्बुमिनस मूत्र, कम मात्रा में, हठी खाँसी, लगातार दौरे, अत्यंत बेचैनी और प्यास, मांसपेशियों में ऐंठन, बर्फीला शरीर-CUPRUM ARSENICOSUM 6 हर छह घंटे पर ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ यूरीमिया, दमित मूत्र - PICRIC ACID-30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ यूरीमिया, उनींदापन, मूर्च्छा या कोमा, मूत्र जमा हो जाना और रक्त में मूत्र का मिल जाना- TEREBINTHINA 200 की साप्ताहिक खुराक।
मूत्र संस्थान के रोग➺ सोडा के यूरेट, गुरदे या जोड़ों में जमाव- SILICEA 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्रवाहिनी नली में दर्द, मूत्र के साथ लाल रेतनुमा पदार्थ आते हैं, जो तल में जमा हो जाते हैं – OCIMUM CANUM-Q की दो से तीन बूँदें, दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र मार्ग में जलन, जब मूत्र त्याग न कर रहे हों, मूत्र त्याग करते समय जलन समाप्त हो जाती है, हलके से मानसिक अवसाद के प्रति अत्यंत संवेदनशील, कोई भी छोटी सी बात चोट पहुँचाती है - Staphysagria-30 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ यूरेथ्राइटिस (मूत्र मार्ग में शोथ) और मूत्राशय शोथ, जल्दी जल्दी मूत्र त्याग, कम मात्रा में और गहरे रंग का, मूत्र त्यागते समय दर्द, चटख रक्तिम रंग का BELLADONNA 30 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ यूरेथ्राइटिस संक्रमण, दुर्गंधित मूत्र, जलन- Chimaphila Umbellata 6 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ यूरेथ्राइटिस, साइकोटिक रोगी में, मूत्र की धाराएँ अलग हो जाती हैं, मूत्र-त्याग के बाद तीव्र पीड़ा, गाढ़ा स्राव THUJA 30 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग की तीव्र इच्छा, मूत्र त्याग के लिए काफी देर बैठना पड़ता है (युवा विवाहित महिलाओं में ) - Staphysagria 6 पानी में दो से चार बूँदें, दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्राशय में खुजली, रात में जल्दी जल्दी मूत्र त्याग की इच्छा, वृद्ध लोगों में प्रोस्टेट समस्याओं के कारण-CARBOLICUM ACIDUM-1X की पानी में दो से पाँच बूँदें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ ऐसा लगना मानो मूत्र त्याग के बाद भी मूत्राशय भरा हुआ है RUTA GRAVEOLENS 30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र संबंधी विकार, मूत्राशय में तेज जलन और चुभन - TEREBINTHINA 200 दो सप्ताह में एक बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र संबंधी समस्या, मूत्राशय में दर्द, ऐसा लगना मानो मूत्राशय मूत्र से भरा हुआ हो, बार-बार मूत्र के लिए जाकर उसे खाली करने की इच्छा, मूत्र सामान्य मात्रा में निकलता है - EQUISETUM HYEMALE --Q की दो से तीन बूँदें, दिन में दो बार |
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र संबंधी समस्याएँ, महिलाओं में EUPATORIUM PURPUREUM 30 दिन में दो बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र संबंधी समस्याएँ, नॉक्टरनल न्यूरेसिस, एल्बुमिन के साथ मूत्र, जलन, गहरे पीले रंग का दुर्गंधयुक्त मूत्र, बलगम और फॉस्फेट के साथ - NATRIUM ARSENICOSUM 30 सुबह-शाम लें |
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र विकार - THLASPI BURSA PASTORIS-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार लें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ केवल खड़ी स्थिति में मूत्र त्याग कर पाना - SARSAPARILLA OFFICINALIS-30 दिन में तीन बार या CONIUM MACULATUM 200 दो सप्ताह में एक बार या HYPERICUM PERFORATUM 30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ बूँद-बूँद में मूत्र त्याग - Natrum sulph-30 दिन में दो बार लें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग के बाद तेज दर्द - THUJA 30 दिन में तीन बार खाएँ ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग की निरंतर इच्छा, मूत्राशय के भरे होने के कारण, यदि किसी कारण से मूत्र त्याग नहीं कर सकते तो मूत्र अत्यंत कठिनाई से निकलता , मूत्राशय में दर्द-RUTA GRAVEOLENS-30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ जल्दी-जल्दी मूत्र त्याग, एल्बुमिनेरिया के कारण – Calcarea Arsenica 6 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र संबंधी समस्याएँ, मूत्राशय में अधिक दबाव और दर्द, उससे राहत पाने के लिए मूत्र त्याग की अत्यधिक इच्छा, लेकिन मूत्र त्याग से इसमें से राहत नहीं। इसलिए बार-बार जाने की इच्छा, मूत्र त्याग के दौरान मूत्र मार्ग में जलन, कभी कभी मूत्र त्याग करने के बाद तेज पीड़ा - EQUISETUM HYEMALE-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ असहनीय दर्द के साथ मूत्र त्याग के समय या मूत्र त्याग की समाप्ति पर - SARSAPARILLA OFFICINALIS 6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग न करने के दौरान मूत्र मार्ग में जलन, लेकिन दौरान कोई जलन नहीं - Staphysagria-30 दिन में दो बार मूत्र त्याग के
मूत्र संस्थान के रोग➺ केवल बैठी और पीछे की ओर झुकी अवस्था में मूत्र त्याग कर सकना - ZINCUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग की निरंतर इच्छा, लेकिन बहुत कम मूत्र निकल पाना, मूत्र त्याग शुरू करते समय मूत्र मार्ग में जलन, मूत्र त्याग के लिए न जाने पर स्वतः मूत्र त्याग - Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS- 200 दोनों एक खुराक प्रतिदिन ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ निरंतर मूत्र-त्याग की इच्छा जोर लगाकर मूत्र त्याग का प्रयास, दर्द जाँघों तक जाता है— PAREIRA BRAVA-Q की पानी में दो-तीन बूँदें, दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग के लिए गुदा पर दबाव देना जरूरी, मूत्र बूँदों में निकलता है। - ALUMINA 30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ जल्दी-जल्दी मूत्र त्याग की इच्छा, जलन और चुभनयुक्त पीड़ा के साथ - CANTHARIS VESICATORIA 6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ रात में जल्दी जल्दी मूत्र त्याग, पानी पीने के बाद भी प्यास लगना, मुँह सूखना, गंदी जीभ, कब्ज, मसूड़ों में सूजन, पतला, कमजोर और शुष्क शरीर – ARSENICUM BROMATUM --Q की तीस बूँदें चौथाई कप पानी में दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ अत्यधिक मूत्र-त्याग–EQUISETUM HYEMALE-Q पानी में कुछ बूँदें, दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ जल्दी जल्दी मूत्र त्याग, मूत्र त्याग के दौरान किसी प्रकार का दर्द बढ़ता है - THUJA-30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र-त्याग की आकस्मिक इच्छा, मूत्र मार्ग में खुजली, ऐसा लगना मानो अंदर कोई वस्तु है; जलन, चुभन-PETROSELINUM SATIVUM 6 दिन में तीन बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग के लिए काफी देर तक प्रतीक्षा करना जरूरी-NATRIUM MURIATICUM 30 सुबह-शाम ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ बैठी अवस्था में मूत्र उतरने में परेशानी, खड़ी अवस्था में ही मूत्र त्याग कर सकते हैं – SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र पर नियंत्रण नहीं, पिलटर की कमजोरी के कारण, मूत्र त्याग की आकस्मिक इच्छा, जिसपर नियंत्रण करना कठिन - FERRUM PHOSPHORICUM 30 हर छह घंटे पर।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र पर नियंत्रण नहीं, श्वेत प्रदर से प्रभावित युवा में, मूत्र त्याग की आकस्मिक इच्छा, जिसपर नियंत्रण नहीं कर सकते और अपने कपड़ों या बिस्तर को गीला कर देते हैं- PULSATILLA 200 सुबह-शाम
मूत्र संस्थान के रोग➺ अनैच्छिक मूत्र और बूँद-बूँद टपकना, चलने के दौरान - SELENIUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ स्वतः मूत्र त्याग हो जाना—SQUILLA-30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र में फॉस्फेट की मात्रा - PHOSPHORICUM ACIDUM-12 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का जमा होना, धीरे-धीरे निकलना और स्वतः बूँद-बूँद टपकना ALUMINA-30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का जमा होना / दबा होना, हृदय रोगों से संबंधित - Laurocerasus-30 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ श्रम के बाद मूत्र का जमा होना, महिलाओं में Secale cornutum-30 दिन में दो बार |
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का जमा होना, वृद्धों द्वारा बिना जोर लगाए मूत्र त्याग नहीं, धीरे धीरे निकलता है- STRAMONIUM 6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का जमा होना, चोट के कारण-ARNICA MONTANA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का जमा होना, आघात से - ACONITUM NAPELLUS 6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का दब जाना, टायफाइड ज्वर तथा रक्त में मूत्र के मिश्रित होने के कारण, अत्यंत थकान-COLCHICUM AUTUMNALE (COLCHICUM) 12 हर छह घंटे पर।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का दब जाना, जलोदर के साथ Aurum Muriaticum Natronatum-3X दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का दब जाना, अचेतनता के साथ-PLUMBUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र की मात्रा को कम करने के लिए PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ प्रचुर मात्रा में पानीदार या दूधिया मूत्र-PHOSPHORICUM ACIDUM 6 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ कम या पूरी तरह दमित मूत्र, कॉफी की तरह तलछट - HELLEBORUS NIGER 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ एल्बुमिनयुक्त मूत्र, पस के साथ - Medorrhinum 200 दो सप्ताह में एक बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ एल्बुमिनयुक्त मूत्र, रात में अत्यधिक, शर्करा के साथ - CHININUM ARSENICOSUM 6 चार घंटे के अंतराल पर ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्यागते समय जलन और चुभन; लाल, भूरा, काला या धुएँ जैसा मूत्र - TEREBINTHINA-30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ ठंडा मूत्र, बूँदों में निकलता है, मूत्र मार्ग में चुभन, मूत्र की अंतिम बूँद काफी देर से और धीरे-धीरे निकलती है - AGARICUS MUSCARIUS 200 की एक खुराक प्रतिदिन या PETROLEUM 200 की एक खुराक रोजाना ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ कई चरणों में मूत्र त्याग - CONIUM MACULATUM मैक-30 दिन में दो बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र त्याग की निरंतर और अप्रभावी इच्छा, कुछ बूँदें निकलती हैं, गुदा में ऐंठन और कब्ज-CAUSTICUM - 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ निरंतर मूत्र स्राव - ARGENTUM METALLICUM 30 या CAUSTICUM -30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ वृद्धों का मूत्र लगातार बूँद-बूँद कर टपकना - COPAIVA OFFICINALIS --Q की दो से तीन बूँदें, दिन में दो बार लें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का प्रवाह रुककर फिर शुरू होता है, प्रोस्टेट ग्रंथियों के बढ़ जाने के कारण - CONIUM MACULATUM 30 दिन में तीन बार
मूत्र संस्थान के रोग➺ जल्दी जल्दी मूत्र त्याग, लेकिन फिर भी लगातार इच्छा बने रहना, कम मात्रा में, कभी कभी गाढ़ा, कफयुक्त और जेली जैसा- COLOCYNTHIS 6 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र में एल्बुमिन, अधिक कमजोरी - HELONIAS DIOICA-30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ गरम मूत्र, मूत्र त्यागते समय बच्चा चिल्लाता है - BORAX 30 दिन में तीन बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र में यूरिक एसिड का बढ़ जाना-BARYTA MURIATICA-3 दिन में तीन बार।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का अपने आप निकल जाना, उसके बाद मूत्र मार्ग में जलन और पीड़ा - NATRIUM MURIATICUM - 200 की एक खुराक रोजाना लें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ काले रंग का मूत्र - CARBOLICUM ACIDUM-1X या 6, दिन में दो बार लें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ पीला मूत्र, केवल झुकने पर ही मूत्र त्याग, मूत्राशय कमजोर MAGNESIUM MURIATICUM की एक खुराक । खाँसने, छींकने तथा नाक साफ करने पर स्वतः मूत्र निकल जाना - CAUSTICUM - 30 हर छह घंटे पर।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का धीरे-धीरे निकलना CLEMATIS ERECTA-30 दिन में दो बार खाएँ ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मवाद के साथ मूत्र निकलना, गुरदे के क्षेत्र में दिन-रात दर्द -CALCAREA SULPHURICA-12 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्राशय पर दबाव और जल्दी जल्दी मूत्र विसर्जन, पेट के निचले हिस्से में तनाव, लाल या रक्तिम जमाव के साथ अधिक दुर्गंधित मूत्र, लाल रेतकण सबसे नीचे बैठ जाते हैं- SEPIA 200 की कुछ खुराकें ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का जमा होना या दमन, हृदय समस्याओं के साथ - Laurocerasus- 30 हर छह घंटे पर।
मूत्र संस्थान के रोग➺ कम मात्रा में मूत्र आना, गहरा भूरा, घोड़े के मूत्र की तरह गंध, निकलते समय ठंडा, उसमें OXALICUM ACIDUM, यूरिक एसिड और PHOSPHORUS की मात्रा- NITRICUM ACIDUM 30 दिन में दो बार लें।
मूत्र संस्थान के रोग➺ कम मात्रा में गहरे रंग का मूत्र, प्रोस्टेट ग्रंथियों के बढ़ जाने के कारण बूँदों में टपकता है। तेज गंध, जो देर तक रहती है - BENZOICUM ACIDUM- 30 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ कुछ दुर्गंधयुक्त मूत्र - TEREBINTHINA - 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का कभी निकलना और कभी रुक जाना- LEDUM PALUSTRE-30 दिन में दो बार ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्राशय की सुस्ती के कारण मूत्र का रुक जाना- PLUMBUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
मूत्र संस्थान के रोग➺ खड़े होने पर मूत्र का दूधिया हो जाना CINA 200 की एक खुराक, जल्दी-जल्दी न दुहराएँ।
मूत्र संस्थान के रोग➺ मूत्र का जमा होना - BELLADONNA-200 एक-एक घंटे के अंतराल पर चार खुराक ।
चोट, मोच, सोज➺ मोच तथा खिंचाव - RHUS TOXICODENDRON.-30 दिन में तीन बार लें ।
चोट, मोच, सोज➺ मांसपेशियों में ऐंठन, मरोड़ या तनाव। यह ऐंठन हाथों और पैरों की उँगलियों से शुरू होकर पूरे शरीर में फैलती है - CUPRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
चोट, मोच, सोज➺ टायफाइड में बिस्तर पर लंबे समय तक रहने के कारण बने जख्म NUX MOSCHATA-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
चोट, मोच, सोज➺ ठंड से उत्पन्न सूजन - KALIUM IODATUM-30 दिन में दो बार
चोट, मोच, सोज➺ खरोंच तथा मोच, कंडराओं का संकुचन महसूस होना, शरीर को खींचना काफी मुश्किल–CIMEX LECTULARIUS 200 दिन में दो बार
चोट, मोच, सोज➺ शरीर का टूटा हुआ महसूस होना, सभी हड्डियों में दर्द, पैरों की पिंडलियों में ऐसा महसूस होना मानो उन्हें चोट पहुँचाई गई है - EUPATORIUM PERFOLIATUM-30 दिन में तीन बार
चोट, मोच, सोज➺ चोट से खरोंचें, त्वचा का सख्त हो जाना और प्रचुर मात्रा में पसीना चलना SULPHURICUM ACIDUM 6 दिन में तीन या चार बार ।
चोट, मोच, सोज➺ त्वचा पर खरोंचें-ARNICA 200, दिन में दो बार, ARNICA-Q को पानी में मिलाकर प्रभावित अंगों पर लगाएँ।
चोट, मोच, सोज➺ चोटें, जिनमें लंबे समय तक दर्द होता है, यदि ARNICA से इसमें राहत न हो - MANGANUM ACETICU 6 की एक खुराक रोज ।
चोट, मोच, सोज➺ चोट, जिससे त्वचा फट जाती है- HAMAMELIS VIRGINIANAक्यू पानी में दस बूँदें डालकर लगाएँ ।
चोट, मोच, सोज➺ उँगलियों का संकुचन - SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार
चोट, मोच, सोज➺ उँगली के फ्रैक्चर के बाद उसमें ऐंठन-Cannabis sativa 30 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ चोट या खरोंच, सूजन तथा ग्रंथियों का सख्त हो जाना— CONIUM MACULATUM 30 . हर छह घंटे पर।
चोट, मोच, सोज➺ हाथ-पैरों की उँगलियों में चोट - HYPERICUM PERFORATUM-200 दिन में तीन बार
चोट, मोच, सोज➺ धारदार उपकरणों जैसे चाकू आदि से कट जाना या सर्जिकल ऑपरेशनों के दुष्प्रभाव–Staphysagria 200 की हर चौथे दिन एक खुराक।
चोट, मोच, सोज➺ हाथ पर घाव, ऑपरेशन के कारण LACHESIS - 200 की एक खुराक रोज।
चोट, मोच, सोज➺ कटे हुए घाव, जिनके गैंगरीन में परिणत होने की आशंका हो, सेप्टिक ज्वर, फोड़ा या जलनकारी घातक अल्सर-ANTHRACINUM-30 दिन में दो बार।
चोट, मोच, सोज➺ पैरों में घुटनों तक सूजन, टखने में दर्द के कारण चलने में परेशानी - LEDUM PALUSTRE 200 की एक खुराक प्रतिदिन । ग्रंथि का बढ़ना, जैसे गिल्टी, प्रोस्टेट, हठी अल्सर, रसौली आदि KALIUM IODATUM-30 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ ग्रंथि में सूजन BROMIUM 30 दिन में दो बार
चोट, मोच, सोज➺ ग्रंथियों का सख्त होना-CONIUM MACULATUM कैक-30 दिन में दो बार
चोट, मोच, सोज➺ गेंद की तरह ग्रंथियों का सख्त होना- ALUMINA 30 दिन में दो बार .
चोट, मोच, सोज➺ ग्रंथियों की अतिवृद्धि, शरीर दुर्बल होता है और ग्रंथियों में वृद्धि होती है - iodum 1M माह में एक खुराक ।
चोट, मोच, सोज➺ ग्रंथियों में सूजन, अधिक वृद्धि - BARYTA CARBONICA-30 दिन में दो बार
चोट, मोच, सोज➺ पत्थर जैसी सख्त ग्रंथियाँ - CONIUM MACULATUM-200 की रोजाना एक खुराक अर्ध पक्षाघात, शरीर के एक भाग का पक्षाघात - CAUSTICUM 30 दो सप्ताह तक दिन में दो बार, इसके बाद CAUSTICUM-200 हर सप्ताह तीन या चार खुराक, इसके बाद CAUSTICUM - 1000 हर महीने तीन या चार खुराक ।
चोट, मोच, सोज➺ हड्डियों पर चोट, खरोंच का एहसास, जिन अंगों के बल लेटा जाए उनमें . दर्द होता हो । इसलिए करवट बदलना जरूरी-RUTA GRAVEOLENS-6 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ रीढ़ की हड्डी में चोट, तेज दर्द- HYPERICUM PERFORATUM-30 दिन में दो बार चोट और उसके दुष्प्रभाव - ARNICA MONTANA 200 की एक खुराक रोजाना।
चोट, मोच, सोज➺ चोट, यदि चोट तेज औजार से लगी हो तो Staphysagria-30 दिन में दो बार । यदि चोट तेज नुकीले उपकरण या कील से लगी हो तो LEDUM PALUSTRE-30 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ चोट आँख में – SYMPHYTUM OFFICINALE-30 हर चार घंटे पर सेवन करें।
चोट, मोच, सोज➺ चोट नस में, जिसके कारण दर्द होता है - HYPERICUM PERFORATUM 30 दिन में दो बारखाएँ।
चोट, मोच, सोज➺ घुटनों में कमजोरी, बच्चों में मोच-NATRIUM CARBONICUM-6 दिन में दो बार।
चोट, मोच, सोज➺ घुटनों में सूजन, चमकीला, दर्दयुक्त और संवेदनशील, गठिया के दर्द से संबंधित पीड़ा - APIS MELLIFICA-30 दिन में दो बार ।
चोट, मोच, सोज➺ खरोंचवाले जख्म, तेज हथियारों से, हड्डियों पर भी चोट- CARBOLICUM ACIDUM-30 हर चार घंटे पर ।
चोट, मोच, सोज➺ यांत्रिक चोटें, गैंगरीन होने की प्रवृत्ति, पीड़ादायक जख्म और सेप्टिक की स्थिति – SULPHURICUM ACIDUM 30 दिन में तीन बार
चोट, मोच, सोज➺ नसों की सूजन और शरीर के विभिन्न अंगों में पानी जमा हो जाना— COLCHICUM AUTUMNALE-30 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ चेहरे और पैरों की नसों का सूजना-CHININUM ARSENICOSUM 6 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ पैरों में नसों की सूजन, शरीर के ऊपरी भाग में कमजोरी के साथ ACETICUM ACIDUM 30 दिन में तीन बार
चोट, मोच, सोज➺ नसों की सूजन, शरीर के विभिन्न भागों में जलोदर जैसी सूजन, खास पैरों में, नाक में बलगम और श्वास नली का नजला- LYSSINUMSAMBUCUS NIGRA - 6 दिन में तीन बार लें।
चोट, मोच, सोज➺ हाथ-पाँवों की नसों में सूजन, किडनी में सूजन के कारण SENECIO AUREUS-Q की दो बूँदें दिन में दो बार, चेहरे की नसों में सूजन - PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ दाएँ अंडकोष की नसों में सूजन-CLEMATIS ERECTA-30 दिन में दो बार।
चोट, मोच, सोज➺ नसों की सूजन, ऊपरी पलकों और भौंहों के बीच थैली जैसी सूजन, काली खाँसी के कारण उत्पन्न, वृद्ध लोगों में जलोदर, साँस लेने में कठिनाई से ग्रस्त हृदय रोगियों में, थकान से और यकृत की समस्या के कारण जलोदर से - KALIUM CARBONICUM 30 दो सप्ताह में एक खुराक ।
चोट, मोच, सोज➺ नसों की सूजन, जलन के साथ, गरमी से बेहतर- ARSENICUM ALBUM- 30 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ नसों की सूजन, डायरिया और एमीबिक पेचिश के साथ, बहुत प्यास लगना- ACETICUM ACIDUM -30 दिन में तीन बार |
चोट, मोच, सोज➺ सेप्टिक जख्म, फोड़ा, गैंगरीन और त्वचा रोग, जलन के साथ- -TARENTULA HISPANICA 30 दिन में तीन बार लें।
चोट, मोच, सोज➺ हलकी सी चोट में भी मवाद पड़ जाना-BORAX-6 दिन में तीन बार मोच लंबे समय तक - CALCAREA CARBONICA 200 की एक खुराक रोजाना।
चोट, मोच, सोज➺ नसों की सूजन के साथ टखने की मोच-RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार।
चोट, मोच, सोज➺ टखने की मोच-NATRIUM CARBONICUM 6 दिन में तीन बार
चोट, मोच, सोज➺ अकसर मोच आना-CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ चलने के दौरान एड़ी मुड़ने से मोच-NATRIUM CARBONICUM- 30 दिन में एक बार .
चोट, मोच, सोज➺ मोच, थोड़ा भी चलने-फिरने पर दर्द बढ़ जाता है, इसलिए रोगी चुपचाप लेटे रहना चाहता है- BRYONIA 30 हर तीन घंटे पर ।
चोट, मोच, सोज➺ मोच, जोड़ों की सूजन, . चलने-फिरने से बदतर- KALIUM MURIATICUM 30 हर छह घंटे पर।
चोट, मोच, सोज➺ टखनों की मोच या पैरों की, अकसर - LEDUM PALUSTRE 30 हर छह घंटे पर।
चोट, मोच, सोज➺ मोच और तनाव- RUTA GRAVEOLENS-30 या RHUS TOXICODENDRON-30 या ARNICA 30 दिन में तीन बार इस क्रम से आजमाया जा सकता है।
चोट, मोच, सोज➺ जोड़ों की मोच, खासकर टखने और अन्य की - CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार ।
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, यकृत विकार के साथ हाथ-पैरों में पानी भर जाना— CARBONEUM SULPHURATUM-30, हर छह घंटे पर।
चोट, मोच, सोज➺ वृद्धों के अंडकोषों में सूजन - AURUM METALLICUM 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
चोट, मोच, सोज➺ जोड़ों में सूजन, एडियों में दर्द के साथ - ANTIMONIUM CRUDUM 30 दिन में दो बार ।
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, कलाई और उँगलियों में SABINA 200 की एक खुराक लें।
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, ग्रंथियों के सख्त हो जाने और मवाद भरने के कारण CISTUS CANADENSIS 200 की एक खुराक रोजाना ।
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, आँखों की निचली पलकों के नीचे, पानी की थैली की तरह, प्यास न लगना- APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, आँखों की ऊपरी पलकों पर KALIUM CARBONICUM 30 की एक खुराक ।
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, सीने या यकृत का- - MERCURIUS SOLUBILIS 30 दिन में तीन बार।
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, गुरदे की सूजन के कारण हाथ-पैरों में सूजन-SENEGA-30 हर छह घंटे पर ।
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, आँखों की ऊपरी और निचली पलकों पर और PHOSPHORUS - 30 की एक खुराक ।
चोट, मोच, सोज➺ सूजन, उपअधोहनु ग्रंथियों (सब मैक्सीलरी ग्लैंड्स) की पीड़ादायीसूजन - NITRICUM ACIDUM 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिर पर गंजेपन के गोल निशान-KALIUM PHOSPHORICUM-30 हर छह घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ रूसी, सिर या भौंहों से सफेद कण गिरते हैं- THUJA-30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिर के पृष्ठभाग में रूसी - NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ रूसी, खोपड़ी, भौंह तथा दाढ़ी में - SANICULA AQUA-30 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ रूसी USTILAGO MAYDIS 200 तथा HEPAR SULPHUR-200 दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सूखी बोतल में रखें और दो बूँदें सीधे सूखी जीभ पर रखें। यदि रूसी समाप्त हो जाए तो HEPAR SULPHUR बंद कर दें तथा USTILAGO MAYDIS-200 को केवल कुछ दिनों तक लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ रूसी, गुच्छों में बालों का गिरना तथा खोपड़ी में खुजली - PHOSPHORUS - 30 की एक खुराक नित्य ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों की शुष्कता तथा गिरना-GRAPHITES 200 सप्ताह में दो या तीन बार तथा एक माह के बाद GRAPHITES-1M की एक खुराक एक माह तक लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, गुच्छों में, कुपोषण, ग्रंथि संबंधी रोग की पूर्ववृत्ति, अत्यंत अवसाद - CALCAREA PHOSPHORICA -30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, असहनीय खुजली, कहीं-कहीं गंजापन या माथे के पास, नाक की जड़ का रूखा तथा गंदा दिखना, बाल रूखे व सख्त, मानसिक तथा शारीरिक बेचैनी - ARSENICUM ALBUM-30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, सिर पर खुजली, ज्वर के बाद बाल गिरना, नए बाल रूखे होते हैं तथा टूटते हैं, बालों का ठीक से सेट न होना, अकसर कंघी करने की जरूरत पड़ना- FLUORICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, बाल का अत्यंत रुखा होना, छूने से खोपड़ी में दर्द, रूसी के साथ खुजली - SULPHUR-30 की रोजाना सुबह एक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना तथा सिर में खुजली-KALIUM CARBONICUM-200 सप्ताह में दो बार, नीबू का रस और दही का मिश्रण बाल गिरने की जगह पर मलें ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना - Ammonium Carbonicum-30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, गंजापन-BARYTA CARBONICA -30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, सिर के किनारों से, बाल की जड़ें पीड़ायुक्त और संवेदनशील - CALCAREA CARBONICA 30 की एक खुराक रोजाना ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, सिफिलिस के कारण, खोपड़ी अधिक संवेदनशील - SARSAPARILLA OFFICINALIS-30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बड़ी मात्रा में बाल गिरना, खोपड़ी तथा बालों की जड़ अत्यंत संवेदनशील, सिर में बहुत खुजली - SEPIA 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, किसी भी कारण से SYPHILINUM M की एक खुराक।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाल गिरना, सिर पर रूखापन - GRAPHITES 200 सप्ताह में दो या तीन बार एक खुराक तथा एक माह के बाद GRAPHITES-1M की एक खुराक, माह में एक बार, दो या तीन माह तक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द के साथ नाक की सूजन, सिर में भारीपन - HEPAR SULPHUR 200 सप्ताह में दो बार, इन दो दिनों को छोड़कर शेष दिन KALIUM MURIATICUM 6 X सुबह-शाम गरम पानी के साथ पाँच गोलियाँ दें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों का सफेद होना और गिरना-USTILAGO MAYDIS 200 तथा ARNICA 200; दोनों को एक-एक ग्राम एक बोतल में भरकर सुबह शाम सीधे सूखी जीभ पर दो बूँद लें ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों का गिरना, प्रसव के बाद-Carbo Vegetabilis-30 हर छह घंटे पर ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों का गिरना, बच्चे को दूध पिलाने के बाद-ACETICUM ACIDUM 30 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों का गिरना, रूसी के कारण बड़े गुच्छों में, खोपड़ी पर खुजली, कम आयु में ही बाल सफेद हो जाना— PHOSPHORICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों का गिरना, सामान्य PHOSPHORICUM ACIDUM 6 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों का गिरना, सिर, भौंहों, गलमुच्छों तथा गुप्तांगों से SELENIUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार बालों का सफेद होना - JABORANDI-क्यू, ARNICA-Q, सीना -Q, PHOSPHORICUM ACIDUM-Q और CANTHARIS VESICATORIA-Q प्रत्येक से 10 मिलीलीटर लेकर मिश्रित करके 250 मिलीलीटर नारियल तेल में मिलाएँ और हेयर ऑयल के रूप में लगाएँ ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों का दोमुँहा होना, बाल टूटते और गिरते हैं FLUORICUM ACIDUM 30 या 200 (एक खुराक) ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ कंघी करते समय बालों का उलझना-BORAX 6 दिन में तीन बार लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बालों का गिरना, गंजापन - SYPHILINUM 200 की एक साप्ताहिक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ एक स्थान से बालों का कम होना-KALIUM PHOSPHORICUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ पूरे शरीर पर बाल - THUJA-1M पंद्रह दिनों में एक खुराक स्त्रियों के चेहरे पर अवांछित बाल, थायराइड ग्रंथियों की गड़बड़ी के कारण THYROIDINUM-200 की साप्ताहिक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ स्त्रियों के चेहरे पर अवांछित बाल THUJA 200 सप्ताह में एक खुराक में और ओलियम जेक-6 सर्दियों में तीन बार और ओलियम जेक-30 गरमियों में तीन बार या EUPHORBIA LATHYRISम 30 दिन में दो बार बालों का गिरना, धीरे बढ़ना और रूसी के कारण दो मुँहा होना THUJA 30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिर गरम, परंतु हाथ-पैर ठंडे और नीले NAJA TRIPUDIANS-30 दिन में तीन बार सिरदर्द, दबे मासिकस्राव के कारण, मिचली तथा वमन के साथ - VERATRUM VIRIDE-3 हर चार घंटे पर
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, नदी में स्नान के बाद, सर्दी लगने के कारण, अल्कोहलयुक्त पेय पदार्थ पीने के बाद, दमित स्रावों के कारण-ANTIMONIUM CRUDUM दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द ( दाईं ओर का), भारीपन और भरापन, मानसिक परिश्रम से दर्द स्त्रियों, दबाव या कसकर बाँधने से राहत - ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द दुःख के कारण - PICRIC ACID-6 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द सूर्य की किरणों के कारण – GLONOINUM-6 दिन में दो बार, बाईं ओर सिरदर्द - SPIGELIA ANTHELMIA-30 दो-तीन घंटों के अंतराल पर, राहत मिलने के बाद अंतराल बढ़ाएँ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द पीछे की ओर, जो माथे की ओर फैलता है और आँखों में दृष्टिहीनता उत्पन्न करता है - PETROLEUM 30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, मिचली और वमन के साथ, नींद से उठने के बाद या वाहन . नाव में मूर्च्छा और कमजोरी - COCCULUS INDICUS 30 हर छह घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, ऐसा महसूस होना कि सिर के कई टुकड़े हो गए हैं, रोगी बैठकर दोनों हाथों से सिर थाम लेता है - CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, एक दिन छोड़कर सुबह ग्यारह बजे- CEDRON-30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, ठंडी वायु से-CALCAREA IODATA-30 दिन में तीन बार । .
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, लंबी यात्रा के बाद या सूर्य की गरमी में यात्रा करने के बाद - BELLADONNA 200 रोजाना दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, चमकदार वस्तु को देखने या बहते जल की आवाज को सुनने से बढ़ जाता है— LYSSINUM 30 की एक खुराक । यदि लक्षण बरकरार रहें तो दुहराएँ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, अत्यधिक रक्त-आपूर्ति के कारण आकस्मिक सिरदर्द, सिर को पीछे की ओर मोड़ने पर बढ़ जाता है - BELLADONNA 30 दिन में दो बार सिरदर्द, डायरिया के साथ, हरा तथा पानीदार मल, प्रचुर बलगम PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार सिरदर्द और खुजली, अपच के कारण-ALOE SOCOTRINA-6 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, ऐसा महसूस होना कि एक नाखून निकाल लिया गया हो, दर्द की ओर लेटने पर राहत मिलती है - IGNATIA AMARA अमारा-6 हर चार घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, जैसे सिर को कसकर बाँध दिया गया हो - iodum-Q की दो से पाँच बूँदें पानी में, रोजाना ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द इतना कि लगे खोपड़ी फट जाएगी, सिर तथा गले की धमनी में अधिक स्पंदन, चेहरा लाल होना, पूरे सिर में दर्द जो बैठने या लेटने पर बढ़ जाता है। खड़े होना या चलना जरूरी रक्तस्त्राव या यौन क्रिया के बाद सिरदर्द - CINA 30 हर छह घंटे पर ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, गरदन के पिछले हिस्से से शिखर तक ऊपर चढ़ता है, फिर दाईं आँख तक फैलता है। ठंडी हवा में जाने से अधिक दर्द, सिर को गरम कपड़े से बाँधने तथा अधिक मूत्र त्याग करने पर राहत - SILICEA - 30 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द अंधेपन के साथ, जो सिरदर्द में राहत मिलने के साथ गायब हो जाता है - ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, मिचली, वमन तथा अत्यधिक मूत्र त्याग, इसके बावजूद राहत नहीं- LAC VACCINUM DEFLORATUM दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, मिचली और वमन के साथ-SANGUINARIA CANADENSIS - 30 एक खुराक प्रतिदिन या IRIS VERSICOLOR-30 (खट्टा वमन) या LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द चक्कर के साथ, ऐसा महसूस होना कि सिर बढ़ गया है - ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, कमजोरी, थकान तथा कंपन के साथ GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, सूर्योदय के समय शुरू होता है, दोपहर के समय स्थिति अधिक खराब और सूर्यास्त के समय राहत-KALMIA LATIFOLIA - 6 हर चार घंटे पर ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, हलके से शुरू होता है और धीरे-धीरे अधिकतम तक बढ़ जाता है और फिर धीरे-धीरे कम होता है- STANNUM METALLICUM-200 की एक खुराक साप्ताहिक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, ठंडी सिंकाई से बेहतर - ARSENICUM ALBUM 30 हर छह घंटे तक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, सिर को पीछे की ओर मोड़ने पर राहत - MELILOTUS OFFICINALIS – 30 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, मूत्र त्याग से बेहतर Acid Fluoric 30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, सिर को गरम कपड़े से ढकने से आराम ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, पर भोजन के बाद राहत - LYCOPODIUM 200 की एकखुराक रोजाना ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, आक्रमण से पहले अंधापन, रोशनी तथा शोर से अरुचि, सिरदर्द बढ़ने के साथ दृष्टि लौट आती है - KALIUM BICHROMICUM-30 हर छह घंटे पर |
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, शोर के प्रति संवेदनशील, चलने-फिरने या खुली हवा से हालत बदतर, कसकर बाँधने और लेटने पर राहत – MAGNESIUM MURIATICUM-30 हर छह घंटे पर सिरदर्द, स्थायी, गरमी से-CALCAREA SULPHURICA-6X दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, वृद्ध लोगों में स्थायी - iodum 30 हर चार घंटों पर लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, सिकुड़न संबंधी, चेहरे का लाल हो जाना, मस्तिष्क तथा ग्रीवा धमनी में स्पंदन, मासिक धर्म, हलके से शोर, चंद्रमा की रोशनी, लेटने या थोड़ी सी भी मेहनत से दर्द बढ़ जाता है, दबाव डालने और बाँधने से - BELLADONNA 30 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, चक्कर आना, ठंड से राहत, लेकिन सिर को ढकने से दर्द बढ़ता है - FERRUM PHOSPHORICUM-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, एसिडिटी के कारण ROBINIA PSEUDACACIA 3 दिन में तीन बार .
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, गंभीर नजला दबे होने के कारण, छींक, पीला चेहरा, रोगी सोने डरता है, क्योंकि जागने पर तेज सिरदर्द होता है - LACHESIS 200 की एक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, ऑक्सीपुट (कपाल का पिछला भाग) पर चोट या गिरने के . कारण- HYPERICUM PERFORATUM-6 हर छह घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग सिरदर्द, अनिद्रा के कारण - ACTAEA RACEMOSA-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, गरमी या सनस्ट्रोक के कारण- - NATRIUM CARBONICUM-30 हर चार घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, मासिक धर्म के दौरान क्रोध से- PLATINUM METALLICUM 30 की एक खुराक रोजाना।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, भोजन करने पर ठीक हो जाता है-ANACARDIUM ORIENTALE-30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺सिरदर्द, थोड़ा सा भी खाने पर NUX MOSCHATA 30 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, अल्कोहल से - AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में दो बार सेवन करें ।।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, आँखों पर जोर पड़ने से-KALIUM PHOSPHORICUM-30 हर चार घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, दुःख या स्कूली लड़कियों में थकान से, जल्दी बढ़नेवाले बच्चों में आँखों पर जोर पड़ने से, थोड़ा भी हिलने-डुलने, शोर या संगीत से और परेशानी, सिरदर्द पीछे से आगे की ओर फैलता है, शिखर पर भार महसूस होता है–PHOSPHORICUM ACIDUM-Q की पानी में दो बूँदें, दिन में तीन बार लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, मानसिक थकान और उपवास से, खाने से राहत, अत्यधिक थकान और ठंडे पसीने के साथ सिरदर्द-CISTUS CANADENSIS - 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, मानसिक थकान या पेट के कीड़ों से- SABADILLA-30 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, अधिक थकान, अधिक सोचने या बोलने से, एक ओर का जैसे दिमाग में एक नाखून घुसा दिया गया हो और दिमाग फटकर टुकड़ों में बँट जाएगा, खुली हवा में स्थिति खराब - COFFEA CRUDA- 30 हर छह घंटे में।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, हैट के दबाव से - Carbo Vegetabilis-30 हर छह घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, हलकी सी थकान से भी ऐसा महसूस होना कि सिर काफी बड़ा हो जाएगा और फट जाएगा-NATRIUM CARBONICUM-30 दिन में तीन बार । सिरदर्द, दमित सूजाक से SARSAPARILLA OFFICINALIS 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, भूख तथा दमित मासिक धर्म से, आँखों के आगे टिमटिमाहट और दृष्टिहीनता, आँखों के आगे काले धब्बे या गोल घेरे आना PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, चाय, अल्कोहलयुक्त पेय पदार्थों तथा सूर्य की गरमी से, अधिक भोग-विलास के बाद; हमेशा दोपहर में - SELENIUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, सूर्य की गरमी तथा रोशनी से - Valeriana 3 X दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, वाइन से, बाँधने तथा सोने के बाद या मल त्याग से पहले या दौरान अधिक दर्द, लेकिन मल-त्याग के बाद आराम महसूस करना OXALICUM ACIDUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, सामने के भाग में, सिर को आगे की ओर झुकाने, पढ़ने या लिखने, गरम बंद कमरे में अधिक दर्द, सिर को पीछे की ओर झुकाने और ठंडी खुली हवा राहत- SANICULA AQUA-30 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, ऑक्सीपुट में, मिचली के साथ - COCCULUS INDICUS 30 हर छह घंटे पर ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, सुबह बिस्तर से उठने के बाद तेज सिरदर्द, जो शाम तक धीरे धीरे बढ़ता रहता है, खाँसी के साथ, कब्ज-BRYONIA-30 दिन में तीन बार सिरदर्द, अनियमित मासिक धर्मवाली थकी महिलाओं में - SEPIA 30 हर तीन घंटे पर
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, तेज सिरदर्द, अधिक स्पंदन के साथ सिर में दर्द, भारीपन का एहसास, सिर पर किसी चीज, जैसे टोपी आदि का भार सहन न होना GLONOINUM-1 दो बूँदें पानी में, दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, गंभीर, ग्रीवा धमनी में स्पंदन के साथ चेहरा लाल हो जाना, नाक से प्रचुर खून 'बहने पर दिन में दो बार Melilotus alba – 6
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, व्यापक, माथे का स्पंदन पिछले भाग तक फैलता है; मिचली, वमन और अंधापन, गंभीर कब्ज, कसकर बाँधने से बेहतर LAC VACCINUM DEFLORATUM 200 एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, पिछले भाग में, पूरे सिर में फैलता है और बाईं आँख के ऊपर स्थिर हो जाता है, सूर्योदय के समय सिरदर्द और दोपहर में अधिक गंभीर – SPIGELIA ANTHELMIA 30 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, एनीमियाग्रस्त स्कूली लड़कियों में सूर्योदय से सूर्यास्त तक, बाईं ओर लाल चेहरा, मिचली और वमन । मासिक धर्म से पहले, दौरान और बाद में सिरदर्द दृष्टिहीनता के साथ शुरू होता है। आँखों पर जोर पड़ने, तेज रोशनी से सिरदर्द- NATRIUM MURIATICUM 30 सुबह-शाम ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, वृद्ध व्यक्तियों में मानसिक थकान से - PICRICUM ACIDUM – 6 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, स्कूली लड़कियों में भावनाओं, थकान या अधिक पढ़ाई से, लाल चेहरा, सुबह दस और ग्यारह बजे के बीच या शाम को चार और पाँच बजे के बीच अधिक दर्द, गरमी और दबाव से राहत – MAGNESIUM MURIATICUM-200 की एक खुराक रोजाना।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, स्कूली लड़कियों में, मानसिक मेहनत से CALCAREA PHOSPHORICA -30 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, स्कूली लड़कियों में, हलकी सी मानसिक मेहनत से भी, सिलाई, पेंटिंग आदि कार्यों के लिए आँख के इस्तेमाल और तपेदिक के इतिहास से TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द विद्यार्थियों में, दिमाग से काम करनेवालों में, व्यवसायियों में . मानसिक थकान या किसी अन्य कारण से, आराम करने और सोने से राहत PICRIC ACID 6 दिन में चार बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, हर दिन सुबह ग्यारह बजे - NATRIUM MURIATICUM 30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, स्कूल से आने के तुरंत बाद, सिर के पिछले हिस्से में, थकान के साथ - PICRIC ACID 6 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, आवधिक, साप्ताहिक या हर तीसरे दिन के बाद, सिर में स्पंदन, वमन से आराम, तेज सिरदर्द मानो आँखें बाहर आ जाएँगी, ऑक्सीपुट से शुरू होता है, ऊपर की ओर फैलता है और दाईं आँख के ऊपर स्थिर हो जाता है, सुबह आरंभ होता है, दिन में बढ़ता है और शाम तक समाप्त हो जाता है, दाईं ओर का सिरदर्द, शांत और अँधेरे कमरे में सोने, रगड़ने या दबाव से आराम, मानसिक और शारीरिक थकान तथा चलने-फिरने से और दर्द – SANGUINARIA CANADENSIS - 30 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, अंधेपन के साथ, प्रचुर मात्रा में मूत्र त्याग, सिर को ऊँचा करके सोने, आराम करने में राहत, मानसिक थकान, धूम्रपान, सूर्य की गरमी, सिर को नीचा करके सोने से बदतर, माथे और आँख की पुतली में तेज दर्द - GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर छह घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, गैस्ट्रिक, यकृत संबंधी, पेट और बवासीर संबंधी समस्याएँ, मानसिक थकान, क्रोध और खुली हवा लगने से बढ़ता है NUX VOMICA 200 प्रतिदिन रात में एक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, पित्त वमन से आराम-CARDUUS MARIANUS-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, तुरंत वापस लौटता है- CHIONANTHUS VIRGINICA-Q कुछ बूँदें दिन में तीन बार।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, हर छठे सप्ताह होता है - MAGNESIUM MURIATICUM - 30 दिन मेंतीन बार।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, दाईं ओर, स्पंदन, संकुचन संबंधी, शिखर पर भार जैसा महसूस होना, रजोनिवृत्ति संबंधी और आवधिक - CACTUS GRANDIFLORUS-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार सिरदर्द, मासिक धर्म से पहले और बाद में गंभीर रूप से - KREOSOTUM-30 हर छह घंटे पर
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, गंभीर दर्द के साथ, बाहर की ओर या ऊपर की ओर दबाव, जैसे सिर का ऊपरी हिस्सा उड़ जाएगा, दर्द ऑक्सीपुट में स्थिर होता है और वहाँ से नीचे गरदन की ओर तथा वहाँ से रीढ़ में फैलता है - ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ के धब्बे दिखाई पड़ते हैं, सुबह और मासिक धर्म के दौरान रोग बढ़ जाता है CYCLAMEN EUROPAEUM 30 दिन में दो बार सिरदर्द, हर सप्ताह या हर दूसरे सप्ताह कमजोरी उत्पन्न करता है, सिर का शिखर गरम और पैर ठंडे, शराब की लत छोड़ने की इच्छा, लेकिन अपनी अन्य बीमारियों के कारण वे बार-बार उसकी गिरफ्त में - SULPHUR 200 सप्ताह में एक खुराक
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, सुबह शुरू होता है, दोपहर तक असहनीय, अत्यधिक मिचली के साथ, अत्यधिक वमन, शोर तथा रोशनी से बदतर, दो या तीन दिनों तक रहता है— TABACUM 6 दिन में तीन बार लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, इतना तीव्र कि रोगी अपने सिर को दीवार से टकराता है BACILLINUM BURNETT 200 एक खुराक और स्कूली लड़कियों के लिए BACILLINUM BURNETT 1M की एक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, शाम चार बजे आरंभ होता है और पूरी रात रहता है, लगातार सो और चल नहीं सकते-SYPHILINUM M की एक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, गरदन के पिछले हिस्से से शुरू होता है और सिर के शिखर तक जाता है, वहाँ से आँखों के चारों ओर फैलता है-PETROLEUM 200 की एक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, नाक का स्त्राव रुकने पर शुरू होता है और दर्द नाक की जड़ से आरंभ होता है - STICTA PULMONARIA-30 की एक खुराक रोजाना खाएँ ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, धड़कन सुनाई पड़ती है, सिर को दोनों हाथों से पकड़ना पड़ता है, लेट नहीं सकते, ऐसा लगता है कि लेटने पर तकिया जल जाएगा GLONOINUM 30 हर छह घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, धूप में जाने से तेज होता है- Stramonium-6 दिन में तीन बार .
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, तेज, नाक से रक्त बहने से कुछ आराम-BELLADONNA -30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, चलने पर, आँखों के पीछे और दिमाग में भारी दबाव, लेटने और सिर घुमाने पर बदतर Theridion Curassavicum 3 X की पानी में एक बूँद, दिन में दो बार लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, नाक से पानी बहना, मासिक धर्म से पहले और दौरान, मानसिक मेहनत, आगे की ओर झुकने, शराब और धूमपान से, सोने के बाद, आँखों के ऊपर जो कनपटी की ओर फैलता है, दाहिनी कनपटी से बाईं ओर फैलता है, दबाने व गरमी से अधिक दर्द- NATRIUM ARSENICOSUM 30 की प्रतिदिन सुबह-शाम एक-एक खुराक ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, भौंहों के ऊपर संकुचन महसूस होना-CARDUUS MARIANUS 30 छह घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, यकृत पर भारीपन, खट्टी डकार, चक्कर आना, कब्ज के साथ . डायरिया - PODOPHYLLINUM 30 हर छह घंटे पर। ➺ सिरदर्द, खट्टा तथा पित्तयुक्त वमन- IRIS VERSICOLOR 30 हर चार घंटे पर |
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ अधिकता से स्थिति खराब THUJA 30 दिन में तीन बार । सिरदर्द, मानसिक मेहनत करने पर बदतर, खाँसी और झटका लगने से, भोजन के बाद, मासिक धर्म के दौरान, आवधिक - CHININUM ARSENICOSUM 6 हर चार घंटे पर |
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिरदर्द, कुत्ते के काटने से, शोर या तेज रोशनी से अधिक - LYSSINUM 30 हर छह घंटे पर
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ महिलाओं को आधे सिर का दर्द, तेज आघात, चलने-फिरने, आगे की ओर झुकने और मानसिक परिश्रम से स्थिति खराब, दबाव और लगातार तेज गति से आराम, ऐसी महिलाएँ गर्भाशय संबंधी समस्या से ग्रस्त होती हैं- SEPIA 200 की कुछ खुराकें ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आधे सिर का दर्द, सिर के फैलाव का एहसास, ऐसा महसूस होना कि सिर काफी बड़ा हो गया है- ARGENTUM NITRICUM-200 की एक खुराक रोजाना।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आधे सिर का दर्द, पित्त वमन से समाप्त होता है - ARGENTUM NITRICUM 30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आधे सिर का दर्द, बाईं ओर का, ऐसा लगता है मानो सिर के चारों ओर कसकर पट्टी बाँधी गई हो - SPIGELIA ANTHELMIA -30 दिन में दो बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आधासीसी, दाएँ ओर का, गरमी और चलने-फिरने पर स्थिति बदतर, वमन होने पर राहत–CHELIDONIUM MAJUS 6 हर चार घंटे पर।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आधासीसी, वमन, ठंड, अँधेरे कमरे में और लार गिरने से अच्छा; भोजन करने, शोर और रोशनी से अधिक पीड़ा-Natrum sulph-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आधासीसी, मासिक धर्म के दौरान - SANGUINARIA CANADENSIS-30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आधासीसी, दाईं ओर का, गरमी और गति से स्थिति खराब, वमन से आराम - CHAMOMILLA 6 हर छह घंटे पर ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आधासीसी, ऐसा महसूस होना कि सिर बढ़ गया है, सिर को ढकने पर राहत महसूस करना—ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिर में जुएँ, बाहरी इस्तेमाल के लिए SABADILLA-Q, AZADIRACHTA INDICA-Q तथा OCIMUM CANUM-Q - इन सबकी 10-10 मिलीलीटर मात्रा लेकर सिर पर लोशन की तरह लगाएँ ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ जुएँ, Staphysagriaके मदर टिंचर को 1 : 40 के अनुपात में पानी में पतला करके बाहरी इस्तेमाल करें और STAPHYSAGRIA 30 दिन में तीन बार लें।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ मेस्टायडायटिस (कान के पीछे सूजन), अधिक तेज दर्द और स्पर्श के प्रति संवेदनशील - CAPSICUM ANNUUM 30 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ सिर में दर्द, कील चुभने जैसा-COFFEA CRUDA-30 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ चेहरे, बाईं आँख और सिर में दर्द - SPIGELIA ANTHELMIA 30 हर छह घंटे पर
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ बाईं ओर का सिर दर्द, चलने-फिरने से आराम-FERRUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ दाएँ सीने के ऊपरी भाग में पिन चुभने जैसा दर्द-ARSENICUM ALBUM – 30 दिन में दो बार ।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आँखों के ऊपर दर्द, कनपटियों तक फैलता है, दाईं कनपटी से बाईं कनपटी की ओर-NATRIUM ARSENICOSUM 30 सुबह शाम।
सिर और बालों से संबंधित रोग➺ आइराइटिस और ग्लूकोमा का दर्द, दर्द सिर तक फैलता है, दबाव देने से राहत - COLOCYNTHIS 200 की कुछ खुराकें, एक दिन छोड़कर दवा दें।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ स्नायुओं की कमजोरी और उनका काँपना, रोगी अत्यंत संवेदनशील प्रकृति का होता है— NITRICUM ACIDUM-200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ स्नायु संबंधी कमजोरी, कमजोरी उत्पन्न करनेवाली किसी गंभीर बीमारी के बाद KALIUM PHOSPHORICUM-200 की एक खुराक रोजाना। स्नायु अवसाद, जख्मों के कारण या सर्जरीके बाद HYPERICUM PERFORATUM 6 हर चार घंटे पर |
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ स्नायु विकार - जिंकम Valeriana-3 दिन में तीन बार, ठीक होने तक।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ स्नायु तंत्र की कमजोरी - मेफाइट्स-3 दिन में दो बार । यौन-अधिकता के कारण स्नायु संबंधी कमजोरी-Acid Fluoric-30 दिन में तीन बार
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ यौन अधिकता के बाद बेचैनी-AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में दो बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ न्यूरेलजिया (तंत्रिका शूल) - CHAMOMILLA-6, ACONITUM NAPELLUS-6, RHUS TOXICODENDRON-6 और BRYONIA-6 बराबर मात्रा में मिलाकर इस्तेमाल करें या CHAMOMILLA 6 और BELLADONNA-6 बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में तीन बार।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ चेहरे की तंत्रिका - शूल - COLCHICUM AUTUMNALE 30 दिन में तीन बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ चेहरे की तंत्रिका-शूल, खासकर दाईं ओर का, आँखों में दर्द, सिर को घुमाने पर स्थिति खराब, कड़ेपन और सुन्नता का एहसास - KALMIA LATIFOLIA-6 दिन में तीन बार
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका-शूल, शरीर के अंगों में कमजोरी- PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका-शूल, बाईं ओर का, ठंडे नम मौसम से, बाईं आँख के ऑरबिट में या दाढ़ की हड्डी या दाँत में सुबह से सूर्यास्त तक दर्द, गालों में जलन, गाल गहरा लाल हो जाना-SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका शूल, चेहरे की दाईं ओर का - KALMIA LATIFOLIA 30 की एक खुराक रोजाना।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका-शूल, दाईं ओर का, आवधिक, ठंडी हवा से बदतर, गरमी और दबाव से बेहतर- MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 दिन में दो बार
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका-शूल, स्नायुओं की उत्तेजना के साथ असहनीय दर्द - COFFEA CRUDA 200 की एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो दुहराया जा सकता है।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका - शूल संबंधी दर्द, हलके से स्पर्श से भी बढ़ जाता है और सख्त दबाव से कम हो जाता है - CINA-200 की एक खुराक रोजाना ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका - शूल, दबाव और गरमी से बेहतर-COLOCYNTHIS 200 की एक खुराक रोजाना ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका अवसाद (नर्वस ब्रेकडाउन) -NUX VOMICA-30 सोते समय या TUBERCULINUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका अवसाद, अवसाद के कारण-KALIUM PHOSPHORICUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ दर्द, ऐसा महसूस होना मानो मांसपेशियाँ सिकुड़ गई हों या अधिक छोटी हों - Ammonium Muriaticum-30 दिन में तीन बार )
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ तंत्रिका-शूल और दर्द, आराम करने पर बदतर MAGNESIUM CARBONICUM-6 हर छह घंटे पर।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ अनियमित नाड़ी - RUTA GRAVEOLENS-30 दिन में दो बार, इसके विफल होने पर PODOPHYLLINUM-30 दिन में दो बार कुछ दिनों तक और एसिड NATRIUM MURIATICUM 30 दिन में दो बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, तंत्रिका शूल जैसा, मध्य रात्रि में और ठंड बढ़ता है, प्रभावित भाग पर सोने से अधिक, गरमी से बेहतर, रोगी अत्यंत बेचैन, चिड़चिड़ा और कमजोर रहता है - ARSENICUM ALBUM 200 एक खुराक प्रतिदिन ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, आराम और पहली गति से बदतर राहत, लेकिन लगातार चलने-फिरने या लेटने से बेहतर, ठंडे तथा नम मौसम में गठिया संबंधी रोगों से पीड़ित होनेवाले व्यक्तियों में, बाएँ नितंब में साइटिका का दर्द, पैर संकुचित महसूस होना, दर्दयुक्त झटके, सुन्नता महसूस होना - Ammonium Muriaticum-30 हर छह घंटे पर।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, साइटिका नस में मरोड़, पाँव की मांसपेशियों का क्षय – PLUMBUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, दाईं ओर का - CAUSTICUM - 200 सप्ताह में एक खुराक ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, दोनों ओर - VISCUM ALBUM- 30 हर छह घंटे पर।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, रात में बढ़ जाता है, दिन (खासकर सुबह के समय राहत - RUTA GRAVEOLENS 200 एक खुराक रोजाना ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, न्यूराइटिस के कारण, स्पर्श, गति, झटके से बदतर और आराम, सीधे बैठने तथा गरमी से बेहतर, रोगी का चेहरा लाल हो जाता है— BELLADONNA-200 एक खुराक रोजाना ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, दाईं साइटिक नर्व में अत्यंत पीड़ा, दाएँ नितंब के जोड़ से पैरों तक तेज दर्द, सुन्नता के साथ, लेटने, गति तथा झुकने से बढ़ता है, बैठने से कम होता है—Graphium 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, बाईं ओर का - KALIUM BICHROMICUM 200 एक खुराक पहले आजमाएँ ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, बाईं ओर का दर्द पीठ से निचले पैर तक ACTAEA RACEMOSA-Q की दो से तीन बूँदें, दिन में तीन बार।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, बाईं ओर का, सुबह में बदतर और समुद्र तट पर आराम Medorrhinum-200 की केवल एक खुराक, जरूरत पड़ने पर दुहराया जा सकता है।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, दाएँ पैर में दर्द - DIOSCOREA VILLOSA-30 दिन में तीन बार
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, जाँघ के बाहरी हिस्से में दर्द, जो पैर तक नीचे जाता है - PHYTOLACCA 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, थोड़ा भी हिलने डुलने पर दर्द, आराम करने और लेटने पर राहत, रोगी चिड़चिड़े स्वभाव का हो जाता है - BRYONIA 6 दिन में तीन बार।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, खड़े होने और पैर को जमीन पर रखने, आराम करते समय पैरों को सीधा करने से दर्द अधिक, चलने पर राहत - Valeriana 3 X दिन में तीन बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, आराम करने और पहली बार चलने-फिरने से स्थिति बदतर, लेकिन लगातार चलने-फिरने से अच्छा, ठंडे और नम मौसम में गठिया संबंधी रोगों से पीड़ित होनेवाले व्यक्ति-RHUS TOXICODENDRON-6 दिन में तीन बार खाएँ ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, तेज दर्द, बाएँ पैर, बाएँ नितंब, बाईं जाँघ और घुटने में, नितंबों में मरोड़, गरमी और दबाने से बेहतर-COLOCYNTHIS-6 हर छह घंटे पर लें।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, जलन और दर्द के साथ- ARSENICUM ALBUM 6 सात बजे सुबह पहली खुराक और दूसरी खुराक दोपहर तीन बजे या KALIUM IODATUM-6 दिन में तीन बार। यदि ऐसे लक्षण हों कि रोगी बिस्तर पर नहीं रह सकता तो इसे आजमाया जा सकता है।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, प्रभावित भाग का जड़ हो जाना, बेचैनी – ACONITUM NAPELLUS 30 दिन में तीन बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, बाएँ हाथ का सुन्न हो जाना—KALMIA LATIFOLIA – 30 हर छह घंटे पर।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ साइटिका, चलने पर स्थिति बदतर - NATRIUM ARSENICOSUM 30 सुबह शाम।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ मांसपेशियों में ऐंठन, हाथ-पैर की उँगलियों से शुरू होता है और पूरे शरीर में फैलता है, गर्भावस्था के दौरान ऐंठन-CUPRUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ टोरटीकोलिस (ग्रीवा की पेशियों के संकुचन से गरदन की ऐंठन), ठंड के कारण - CAUSTICUM-30 हर छह घंटे पर।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ हाथ-पैरों का काँपना ZINCUM METALLICUM 200 दिन में दो बार या KALIUM PHOSPHORICUM-1M की एक खुराक प्रतिदिन, रात में ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ हाथों का काँपना या पैरों का, कोई हरकत करने का प्रयास करने पर अत्यंत शिथिलता और कमजोरी, जिसके कारण निष्क्रिय पड़े रहना GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में दो बार
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ जीभ और हाथों का काँपना, गंभीर संक्रामक ज्वर में BAPTISIA TINCTORIA 30 दिन में दो बार
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ पूरे शरीर में तेज कंपन, इतना कि बिस्तर भी हिलने लगता है, तंत्रिका नियंत्रण खो देना - ZINCUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ काँपना, मुख्य उपचार – AGARICUS MUSCARIUS-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ हाथ-पैरों का काँपना, चीजों को हाथ में नहीं पकड़ सकना, हाथ-पैरों का सुन्नपन – COCCULUS INDICUS-30 दिन में दो बार काँपना, झुनझुनी, मरोड़ आदि - TARENTULA HISPANICA 30 दिन में दो बार ।
स्नायु तंत्रिका संबंधी➺ शिराओं में सूजन-ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार
निद्रा संबंधी रोग➺ निराशा, लगातार सोचता है, इसलिए सोने में असमर्थता - PLUMBUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार ।
निद्रा संबंधी रोग➺ हलकी नींद सोना, हलकी सी आवाज से भी उठ जाना, छोटे-छोटे चरणों में सोना, रात में तीन बजे ठीक से सो पाना, सपनों से भरपूर नींद, काफी देर से उठना- SULPHUR 200 सुबह में एक खुराक लें।
निद्रा संबंधी रोग➺ नींद न आना, किसी भी घटना की शुरुआत या घटने से पहले उसके बारे में सोचने के कारण-GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर छह घंटे पर
निद्रा संबंधी रोग➺ नींद न आना, दूर की आवाजों (जैसे-चर्च या मंदिर की घंटियों की आवाज, कुत्तों के भौंकने या निकट की आवाजों, जैसे दरवाजा खुलना आदि) के कारण दिमाग में विभिन्न विचारों और मानसिक व यौन उत्तेजना के कारण - COFFEA CRUDA- 30 हर छह घंटे पर लें।
निद्रा संबंधी रोग➺ स्नायुओं की उत्तेजना के कारण नींद न आना- Valeriana 6 दिन में तीन बार ।
निद्रा संबंधी रोग➺ मध्य रात्रि से पहले नींद न आना-CHININUM ARSENICOSUM 6 दिन में तीन बार ।
निद्रा संबंधी रोग➺ नींद न आना, क्योंकि रोगी पिछली घटनाओं के बारे में गहराई से सोचता रहता है- NATRIUM MURIATICUM 30 हर छह घंटे पर
निद्रा संबंधी रोग➺ पेट के बल सोना-Medorrhinum-200 की एक खुराक लें।
निद्रा संबंधी रोग➺ बाधित नींद, कई चरणों में आती है, प्रेम-संबंधों के बारे में सपना देखता है, सोने के बाद अच्छा महसूस करता है-PHOSPHORUS - 30 की एक खुराक।
निद्रा संबंधी रोग➺ नींद के दौरान साँस लेने में परेशानी- Digitalis Purpurea-30 दिन में दो बार।
निद्रा संबंधी रोग➺ नींद के दौरान अचानक उठ जाना और तुरंत बिस्तर छोड़ देना - LACHESIS - 30 की एक खुराक रोजाना ।
निद्रा संबंधी रोग➺ नींद के दौरान बिजली के झटके जैसा एहसास होना- ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
निद्रा संबंधी रोग➺ हलकी नींद, हलकी सी आवाज से जग जाना और फिर सोने का प्रयास करना - SELENIUM METALLICUM-30 दिन में दो बार
निद्रा संबंधी रोग➺ थकाऊ नींद, जगने पर अधिक थका हुआ महसूस करना - MAGNESIUM CARBONICUM 30 की एक खुराक, लेकिन जल्दी-जल्दी न दुहराएँ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अत्यधिक उनींदापन, भोजन के दौरान या बाद में KALIUM CARBONICUM-30 दिन में दो बार ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अधिक उनींदापन- OPIUM 30 सुबह शाम
निद्रा संबंधी रोग➺ तीव्र श्रवण शक्ति के कारण सोने में परेशानी, हलकी सी आवाज के कारण नहीं सो पाना- OPIUM 30 दिन में दो बार ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, कुछ दिनों तक राहत के बाद फिर फिर होना - ANACARDIUM ORIENTALE 6 दिन में तीन बार लें |
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, दिमाग में विचार भरे होने के कारण-CYPRIPEDIUM PUBESCENS-Q पानी में दो बूँदें, दिन में तीन बार या 6 पोटेंसी, दिन में तीन बार छह घंटे के अंतराल पर।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, उनींदेपन के लक्षणों के साथ - CHAMOMILLA 6 या 30 सुबह में एक खुराक, इसके बाद हर दो या तीन घंटे के अंतराल पर, यदि यह मानसिक कारणों से है तो COFFEA-30 एक खुराक हर चार घंटे पर लें ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, बेचैनी, दिमाग और शरीर के अधिक परिश्रम के कारण, बीमार की सेवा करने या मित्र को खोने के कारण-NITRICUM ACIDUM 30 की एक खुराक रोजाना ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, कॉफी के अत्यधिक सेवन के कारण NUX VOMICA 200 की रात में एक खुराक ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, भय के कारण - ACONITUM NAPELLUS-30 दिन में दो बार
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, खुशी के कारण-COFFEA-30 दिन में तीन बार
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, पारिवारिक समस्याओं या बिजनेस में नुकसान या स्नायविक कमजोरी के कारण - AMBRA GRISEA |
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, बिना किसी कारण के-GRATIOLA ऑफिसिनेलिस-30 या HYOSCYAMUS NIGER-30 दोनों दिन में तीन बार लें ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, बच्चों में CYPRIPEDIUM PUBESCENS 30 बारह घंटे पर दें ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, बुरी खबर से या दिमागी काम करनेवालों और बेचैन रहनेवाले लोगों में GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर छह घंटे पर ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, चिड़चिड़े और जल्दी उत्तेजित हो जानेवाले लोगों में, व्यापारिक . समस्याओं के कारण - SINAPIS NIGRA 30 हर छह घंटे पर ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, सोते समय बेचैनी, मानसिक और शारीरिक मेहनत के कारण - COCA-30 हर छह घंटे पर ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, चिंता, दुःख और संपत्ति व प्रतिष्ठा के नुकसान से बेचैनी, व्यवसाय संबंधी समस्याओं के कारण-KALIUM BICHROMICUM 6 दिन में दो बार।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, शारीरिक व मानसिक उत्तेजना के कारण आँखों को बंद करने में असमर्थ-COFFEA CRUDA 30 हर छह घंटे पर।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, कभी-कभी अधिक नींद आना- ANACARDIUM ORIENTALE 30 दिन में तीन बार खाएँ ।
निद्रा संबंधी रोग➺ अनिद्रा, स्नायविक कमजोरी और पेशी-संकुचन के कारण Valeriana-Q पानी में दस बूँदें, रात में सोने के लिए जाने से पहले। अनिद्रा, स्नायविक कमजोरी, पेशी संकुचन और दमा के कारण पैसीफ्लोरा-Q पानी में दस बूँदें, रात में सोने के लिए जाने से पहले।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ कुनैन के दुष्प्रभाव - IPECACUANHA, ARSENICUM ALBUM, NATRIUM MURIATICUM, FERRUM METALLICUM सभी को 30 पोटेंसी में क्रम से आजमाएँ ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ डंक और दंश के दुष्प्रभाव - ACETICUM ACIDUM 30 दिन में तीन बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ गंभीर (थकाऊ) बीमारी के दुष्प्रभाव - Carbo Vegetabilis 200 की एक खुराक ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पारे के अत्यधिक प्रयोग के दुष्प्रभाव - Carbo Vegetabilis 1M की एक खुराक ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ DIGITALIS PURPUREA के गलत इस्तेमाल के दुष्प्रभाव - NITRICUM ACIDUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ कटे जख्मों के दुष्प्रभाव, ऑपरेशन, लिथोटॉमी से उदरशूल तथा रक्त की कमी-Staphysagria 30 की दिन में तीन बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पारे के इस्तेमाल के दुष्प्रभाव से दर्द तथा फोड़े-Staphysagria-30 दिन में तीन बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पारे के दुष्प्रभावोंके शमन के लिए - PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ अफीम के दुष्प्रभाव - VERATRUM ALBUM 200 दिन में तीन बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ चाय तथा तंबाकू के दुष्प्रभाव - ABIES NIGRA 30 छह-छह घंटे पर।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ जलने के दुष्प्रभाव - CAUSTICUM 30 दिन में तीन बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ सड़ी हुई मछली तथा सब्जी खाने के दुष्प्रभाव - CARBO ANIMALIS – 30 दिन में तीन बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ गंभीर बीमारियों जैसे निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, एरिसिपलिस आदि के . ठीक होने के बाद के दुष्प्रभाव - KALIUM IODATUM दिन में दो बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ मोटापा, तेजी से बढ़ता है- CALCAREA CARBONICA-30 दिन में तीन बार मोटापा, बदहज्मी तथा पेट की बीमारी के साथ FUCUS VESICULOSUS-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ वसा जमाव के कारण मोटापा, अधिक भूख लगना THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ मोटापा - ESCULENTINE-Q कुनकुने पानी में एक चम्मच, दिन में दो बार भोजन से एक घंटा पहले लें।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ कम आयु में मोटापा–ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ मोटापा, जब रोगी गले की समस्याओं से जूझ रहा हो - PHYTOLACCA बेरी-Q गरम पानी में दस बूँदें, भोजन से आधा घंटे पहले, दिन में तीन बार।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ मोटापा, मधुमेह के साथ - THYROIDINUM 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ हठी होना - SILICEA 200 सप्ताह में एक बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ नींद के दौरान खुले भाग में पसीना, जगे रहने पर पसीना न आना THUJA-30 हर छह घंटे पर ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, अत्यधिक और गरम, ऐसा महसूस होना कि बिजली गुजर रही हो - Ammonium Muriaticum 30 दिन में दो बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, खुले अंग में अधिक CAUSTICUM - 30 दिन में तीन बार लें।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, सोने के लिए जाते समय अधिक पसीना आना और जगने के बाद पसीना रुक जाना—CONIUM MACULATUM-30 दिन में तीन बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, किसी भी रोग में प्रचुर पसीना आना JABORANDI X दिन में तीन बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीने का अभाव - LYCOPODIUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, अधिक मात्रा में पानी पीने के बावजूद कम मात्रा में मूत्र त्याग – APOCYNUM CANNABINUM-3 दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, पैरों में जख्म हो जाते हैं - CALCAREA CARBONICA-200 दो सप्ताह में एक खुराक लें।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, केवल रोगयुक्त भाग पर- AMBRA GRISEA 30 दिन में दो बार।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना लाने के लिए - ZINCUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना सोते समय केवल माथे पर - SILICEA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना और अत्यंत दुर्गंधयुक्त मूत्र का होना-BAPTISIA TINCTORIA - 200 एक खुराक प्रतिदिन ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, केवल एक ओर, दूसरा भाग सूखा रहता है PULSATILLA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, केवल शरीर के ढके भाग पर, खुले भागों पर जरा सा भी पसीना नहीं - BELLADONNA 30 दिन में दो बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पसीना आना, गंभीर बीमारी के बाद प्रचुर पसीना, जो रोग को शमित करने में मदद करता है— NATRIUM MURIATICUM 200 दो सप्ताह में एक बार लें।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ आँख बंद करते पसीना आना शुरू - CONIUM MACULATUM 30 दिन में दो बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ कुनैन के दुष्प्रभाव - Natrum sulph-30 दो सप्ताह में एक बार ANTHRACINUM-30 दिन में दो बार .
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ रोगों का बार-बार आक्रमण करना, जीवनी शक्ति और प्रतिरोधात्मक शक्ति के अभाव के कारण-SULPHUR-30 दिन में तीन बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ बगलों और गुप्तांगों से बदबू आना-SULPHUR-30 हर छह घंटे पर खाएँ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ मुँह से दुर्गंध - MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार लें।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ मुँह से दुर्गंध - BAPTISIA TINCTORIA 200 की एक खुराक प्रतिदिन।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ दुर्गंध, धोने से भी नहीं जाता - PSORINUM-30 दिन में तीन बार गंध महसूस न होना ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक रोजाना।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ शरीर के सभी अंगों से खट्टी गंध- SULPHURICUM ACIDUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ पैर में दुर्गंधित पसीना, पैर की उँगलियाँ और तलवे दुखने लगते हैं BARYTA CARBONICA- 30 दिन में दो बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ तीव्र प्यास, हालाँकि जीभ नम लगती है और प्रचुर मात्रा में लार उत्पन्न होता है - MERCURIUS SOLUBILIS 200 की एक खुराक रोजाना ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ अत्यधिक प्यास, मुँह भीगे होने के बावजूद MERCURIUS SOLUBILIS-30 हर छह घंटे पर।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ ठंडी चीजों की प्यास, लेकिन जैसे ही वे पेट में गरम होते हैं, वमन हो जाता है - PHOSPHORUS- 200 की कुछ खुराक ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ बड़ी मात्रा में पानी की प्यास, लंबे अंतराल के बाद - BRYONIA-6 दिन में तीन बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ कम अंतराल पर प्यास लगना-ARSENICUM ALBUM-30 दिन में तीन बार।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ तेज प्यास, लेकिन पानी पीने के साथ ही वमन हो जाता है; पेट में नसों की सूजन – Apocynum cannabinum 6 दिन में दो बार
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ न बुझनेवाली प्यास - ACETICUM ACIDUM -30 दिन में तीन बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ अतिजिह्वा (यूव्यूला) में सूजन, तेज दर्द, जो कानों तक फैलता है— KALIUM BICHROMICUM 200 सुबह-शाम
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ टीकाकरण के दुष्प्रभाव - ANTIMONIUM TARTARICUM-30 या-Q या THUJA-30 दिन में तीन बार ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ टीकाकरण के दुष्प्रभाव, फोड़े और ऐंठन-SILICEA 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभावटीकाकरण के दुष्प्रभाव - VARIOLINUM 1M की एक खुराक या MALANDRINUM 200 की एक खुराक ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ टीकाकरण की पीड़ा को उस स्थान से दूर करने के लिए - THUJA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ टीकाकरण के बाद ज्वर और अत्यधिक सूजन-BELLADONNA-30 हर छह घंटे पर ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ टीकाकरण के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए - SULPHUR-200 सुबह में एक खुराक रोजाना या THUJA-200 की एक खुराक रोजाना।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ टीकाकरण के बाद जख्म के निशान को बढ़ने से रोकने के लिए MALANDRINUM 200 की दो सप्ताह में एक खुराक
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ टीके के स्थान पर स्त्राव को सुखाने के लिए-SILICEA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव➺ टीकाकरण के दुष्प्रभाव - THUJA 30 दिन में दो बार
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ सुन्नता और झुनझुनी, जीभ, होंठों तथा जीभ में, यकृत में दर्द और पाचन अव्यवस्था के कारण - NATRIUM MURIATICUM-सीएम की केवल एक खुराक, जब सुधार रुक जाए तो दुहरा सकते हैं ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ बाँह सुन्न होना, सुबह जगने पर MAGNESIUM MURIATICUM - 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ एनीमिया के साथ पैरों का सुन्न होना- PLATINUM METALLICUM 30 दिन में दो बार।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ बाएँ पैर और हाथ का सुन्नपन, सोने पर अधिक पसीना आना PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ सामान्य सुन्नपन – ACONITUM NAPELLUS-30 या GRAPHITES 30 की एक खुराक प्रतिदिन, तीन-चार दिनों तक ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ हाथ-पैरों में सुन्नता - CARBONEUM SULPHURATUM-1X दिन में दो बार
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ एक हाथ के सुन्न होने के बाद दूसरा हाथ भी सुन्न होना - COCCULUS – 30 दिन में दो बार ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ एक अंग में सुन्नता - NATRIUM PHOSPHORICUM-30 दिन में तीन बार
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ रीढ़ की हड्डी में दर्द के साथ सुन्नता - Graphium 30 दिन में दो बार
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ उँगलियों, बाँह आदि का सुन्न होना - AMBRA GRISEA 30 दिन में तीन बार।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ उँगलियों, एडियों, हथेलियों, पैरों, तलवों का सुन्न होना, मांसपेशियों का ढीलापन - PLUMBUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ सिर की जड़ता - Berberis Vulgaris Q दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन . बार।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ कमजोरी के कारण अंगों का सुन्न होना- Carbo Vegetabilis 30 हर छह घंटे पर।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ हाथ-पैर की उँगलियों और नितंब की जड़ता-ALUMINA 200 की एक खुराक रोजाना ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ रेंगने के एहसास के साथ जड़ता, पक्षाघाती अंग में असंवेदनशीलता - CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात - LATHYRUS SATIVUS-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ मूत्राशय और स्पिंलटर का पक्षाघात, मूत्र का जमा होना या अनैच्छिक मूत्र त्याग के साथ - OPIUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ मूत्राशय का पक्षाघात, परिश्रम के बाद, मूत्र का जमा होना या निकल जाना – SINAPIS NIGRA 30 एक खुराक प्रतिदिन लें।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ मस्तिष्क का पक्षाघात, जीवनी गतिशीलता की कमजोरी के कारण ZINCUM METALLICUM 30 सुबह-शाम एक-एक खुराक ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ बचपन में पक्षाघात - PSORINUM 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ शिशुओं में पक्षाघात - GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 की दिन में दो बार खाएँ ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ आँत का पक्षाघात, टिंपेनिक (कर्णपटक) में सूजन - OPIUM 200 की एक खुराक रोज ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ बाएँ पैर का पक्षाघात, झुनझुनी के साथ-NATRIUM CARBONICUM200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺वृद्ध को पक्षाघात, हाथों का कंपन- CONIUM MACULATUM 30 दिन में दो बार खिलाएँ ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ ग्रास नली का पक्षाघात, कुछ भी निगलने में बहुत कठिनाई - OPIUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ गुदा का पक्षाघात, मल त्याग करने की इच्छा नहीं या स्वतः मल त्याग - OPIUM 200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ जीभ का पक्षाघात - COLCHICUM AUTUMNALE-30 दिन में दो बार जीभ का पक्षाघात, बोलने में कठिनाई - OPIUM 200 की एक खुराक रोज खाएँ ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ जीभ का पक्षाघात, इस कारण हकलाना- CUPRUM METALLICUM 200 दिन में दो खुराक लें ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पैरों का एक ओर का पक्षाघात, झुनझुनी, सुन्नपन और टीस के साथ Secale cornutum-30 दिन में दो बार पक्षाघात, प्रभावित अंगों की जड़ता के साथ - RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में दो बार।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात, हाथ और पैरों की असंवेदनशीलता के लक्षणों के साथ ACONITUM NAPELLUS-30 या GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में तीन बार
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पूर्ण पक्षाघात, मस्तिष्क की समस्या के साथ - HELLEBORUS NIGER-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार लें |
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात, अत्यधिक यौन-संलग्नता के कारण - RHUS TOXICODENDRON 200 की एक खुराक प्रतिदिन खाएँ ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात, अपर्याप्त रक्त संचार के कारण - Laurocerasus 200 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात, नमी से – RHUS TOXICODENDRON 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात, हाथ-पैरों का, मूत्र त्याग की अदम्य इच्छा, हाथ-पाँवों में जड़ता, जिसके कारण शक्तिहीनता आती है- Apocynum cannabinum-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात, मिरगी के दौरे के बाद एक बाँह तथा पैर का - CAUSTICUM - 200 दो सप्ताह में एक बार खिलाएँ ।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात, धीरे-धीरे बढ़ता है, अंततः पूरे शरीर में फैल जाता है PLUMBUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर दें।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात के कारण ऊपरी पलक का गिरना- CONIUM MACULATUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
पक्षाघात, सुन्नता, जकड़न➺ पक्षाघात के कारण कमजोरी, शरीर के एक ओर के भाग की, चुप रहने की इच्छा- CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ डिप्लोपिया (एक वस्तु के दो प्रतिबिंब दिखाई देना) – STRAMONIUM 30
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद परेशानी–RHUS TOXICODENDRON.-30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में चोट लगने से आँख काली होना LEDUM PALUSTRE-30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ कोयले के धुएँ से कष्ट-OPIUM 30 दिन में दो बार
नेत्र संबंधी रोग➺ ब्लेफेरिटिस (पलकों की सूजन), पलकों के किनारों में दर्द, सोने के बाद पलकों का चिपकना - BORAX-3 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ दृष्टि तंत्रिका की क्षीणता के कारण अंधापन-TABACUM-30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ प्रसव के समय महिलाओं में दृष्टिहीनता- CUPRUM METALLICUM 6 दिन में तीन बार (ठीक होने तक) ।
नेत्र संबंधी रोग➺ पैरों का स्वेदन रुकने के कारण दृष्टिहीनता-SILICEA -30 दिन में दो बार।
नेत्र संबंधी रोग➺ दिन में दृष्टिहीनता, आँखों के आगे धुंध, आँखों के वॉल्व में दबाव तथा टीस – Ranunculus Bulbosus - 30 दिन में दो बार.
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों के चारों ओर नीले घेरे- PHOSPHORUS - 200 दो सप्ताह में एक बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद (कैप्सुलर) - COLCHICUM AUTUMNALE-30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद (कैप्सुलर), आँखों के आगे चिंगारियाँ तथा दृष्टिभ्रम Ammonium Muriaticum-30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद (त्वचा संबंधी), क्षीण दृष्टि- SULPHUR 1M की एक खुराक, उसके बाद CALCAREA CARBONICA 200 की एक खुराक रोज ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद (लोशन) – EUPHRASIA OFFICINALIS-Q एक आउंस डिस्टिल्ड वाटर में दस बूँदें, दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद (लोशन) - JABORANDI-Q पाँच भाग डिस्टिल्ड वाटर में एक भाग, यह दूरदृष्टि दोष को भी ठीक करती है (यह ध्यान रखें कि होम्योपैथी दवा का प्रभाव मधुमेह-जनित मोतियाबिंद में कम होता है, हालाँकि यह मोतियाबिंद की आरंभिक अवस्था में अत्यंत लाभदायक होती है)। मोतियाबिंद,
नेत्र संबंधी रोग➺ गठिया रोग में CALCAREA FLUORICA 200 की एक खुराक रोज।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद (प्रारंभिक), आँखों के आगे जाली, धुंध या बादलों का आभास होना-CAUSTICUM-200 की सप्ताह में एक खुराक ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद, देखने में जोर लगाने पर आँखों के आगे धुँधलापन CALCAREA FLUORICA 30 दिन में दो बार
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद, पारदर्शी लेंस की अपारदर्शिता के कारण NATRIUM MURIATICUM 30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद, सबकुछ धुंध की चादर या धूल से ढका जैसा दिखता है, रोगी रोशनी की ओर नहीं देख सकता, परंतु अपने हाथों से आँखों पर छाया करके बेहतर देख सकता है-PHOSPHORUS 6 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद-BARYTA CARBONICA -30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद, टीकाकरण तथा पैरों का पसीना दबने के दुष्प्रभावों से . गुजरनेवाले, ऑफिस में काम करनेवाले लोगों में SILICEA 200 की एक खुराक रोज ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद, उन वृद्धों में, जो अधिक मीठा खाते हैं, परंतु मधुमेह से पीड़ित नहीं हैं – SACCHARUM OFFICINALE-30 दिन में तीन बार लें।
नेत्र संबंधी रोग➺ को मलने की आवश्यकता, मानो उसपर दबाव हो- CALCAREA FLUORICA 12X, दिन में तीन बार तीन माह तक अच्छा।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद, सिकुड़ी त्वचावाली दुबली-पतली वृद्ध महिलाओं में, जो अच्छे से खाने-पीने के बावजूद दुर्बल होती हैं- Secale cornutum-30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद - SULPHUR 200 तथा BARYTA CARBONICA 200 दोनों को सप्ताह में एक बार बदल-बदलकर लें तथा CALCAREA FLUORICA 12X एक बार में चार टेबलेट, दिन में एक बार लें।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद, लेंस के अग्रवर्ती भाग पर सफेद जमाव - TELLURIUM METALLICUM 6 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों की ऊपरी पलकों पर एक के बाद एक ट्यूमर, जो सख्त गाँठें छोड़कर जाता है - Staphysagria-30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ सहवास के बादआँखों में कमजोरी, नपुंसकता, कंपन तथा बेचैनी होना – KALIUM CARBONICUM 30 सप्ताह में एक खुराक ।
नेत्र संबंधी रोग➺ नेत्र रोग, आँखें अधिक थकने के कारण, मंद रोशनी में अधिक काम के कारण, रात में अधिक पढ़ाई-सिलाई करने, घड़ी की मरम्मत करने आदि के कारण, आँखों में जलन RUTA GRAVEOLENS 6 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ नेत्र रोग, आँखों में हर समय पानी आना तथा सुबह पलकों का चिपकना, पलकों का किनारा सूजा हुआ तथा उसमें जलन EUPHRASIA OFFICINALIS 6 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों के आस-पास नीले या काले घेरे SEPIA या Staphysagria-30 दिन में दो बार या CINA पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ नेत्र संकुलता - RUTA GRAVEOLENS-6 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ नेत्र कॉर्निया ज्वलन, आँखों में अल्सर, आँखों के आस-पास और गोलकों में खुजली तथा पीड़ा, रोगी प्रकाश सहन नहीं कर सकता, दृष्टि में कमी-AURUM METALLICUM 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
नेत्र संबंधी रोग➺ नेत्र रोग, रेटिना का अलगाव, रेटिना में रक्ताघात तथा मस्कुलर एथेनोपिया - PHOSPHORUS-30 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में किसी वस्तु की छवि देर तक रहना - TUBERCULINUM 200 की
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में खुजली - COCCULUS INDICUS 6 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में दर्द-BELLADONNA 6 दिन में तीन बार रोजाना एक खुराक ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों से मवाद तथा गरम पानीदार पदार्थ निकलना - EUPHRASIA OFFICINALIS-30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में पीड़ा, ऑपरेशन के बाद - HYPERICUM PERFORATUM 30 दिन में दो बार
नेत्र संबंधी रोग➺ दूरदृष्टि दोष-PHYSOSTIGMA VENENOSUM 30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ निचली पलक का नेत्र संकुचन तथा पक्षाघात के कारण कमजोरी RUTA GRAVEOLENS-6 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों पर जोर, सिरदर्द - RUTA GRAVEOLENS-30 की एक खुराक रोजाना ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों की सूजन, गरम पानीदार द्रव का स्त्राव - RHUS TOXICODENDRON. -30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों की समस्या, रोगी ठंडे पानी से आँखों को धोना और ठंडा पानी पीना चाहता है - AURUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों की समस्या, एक वस्तु के दो प्रतिबिंब दिखना, दृष्टि कमजोर होना, आँखों का झपकना, चमकती हुई वस्तुएँ काली दिखती हैं, सिरदर्द या पेट की कमजोरी - Cyclamen Europaeum-30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों की समस्या, कॉर्निया पर चिपचिपा बलगम जमा होने की प्रवृत्ति, जो आँखों के झपकाने से हटाया जाता है - EUPHRASIA OFFICINALIS -30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों की ऊपरी पलकों का गिरना, फोटोफोपिया के साथ, नेत्रों की मांसपेशियों का संकुचन, पुतलियों का सिकुड़ना-PLUMBUM METALLICUM 6 X दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों के अंदर तथा ऊपर दर्द-RUTA GRAVEOLENS-6 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों के आगे काला धब्बा-सा तैरता प्रतीत होना- PHOSPHORUS - 6 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में भारीपन तथा झाग सा एहसास - CONIUM MACULATUM 200 की एक खुराक रोजाना ।
नेत्र संबंधी रोग➺ स्ट्रेबिसमस, एंब्लायोपिया तथा धुंधली दृष्टि RUTA GRAVEOLENS-6 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ चिपचिपी पलकें, एक-दूसरे से चिपकती हैं या अंदर की ओर मुड़ जाती हैं - BORAX VENETA- 30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ भारी पलकें, आँखें खुली नहीं रख सकते-GELSEMIUM-30 दिन में दो बार।
नेत्र संबंधी रोग➺ पलकों का गिरना-CONIUM MACULATUM-30 हर छह घंटे पर।
नेत्र संबंधी रोग➺ पलकें हड्डी की तरह सख्त हो जाती हैं- ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ पलकों पर एक के बाद एक गुहैरी, गाँठें, चेलाजियन, कभी कभी फोड़ा – Staphysagria-30 दिन में दो बार
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों के ऑपरेशन के बाद ACONITUM NAPELLUS- 1M पंद्रह मिनट के अंतराल पर तीन खुराक ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों के आस-पास नीलाभ घेरे-CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों के आगे कालापन या घूमता हुआ काला बिंदु, आँखों के आगे से शब्दों के खिसकने के कारण पढ़ नहीं सकते - AGARICUS MUSCARIUS एम-30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ आधा दायाँ हिस्सा न दिखना - LYCOPODIUM-30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में लालिमा, चिपकना, रोहा (ट्रेकोमा), फुल्ली आदि – ARGENTUM NITRICUM 30 दिन में दो बार या 200 रोजाना एक खुराक ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में लालिमा, आँखों की गतिविधि पर उनमें पीड़ा SALIX NIGRA-30 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों में लालिमा, खून उतरना, पुतलियों का पहले सिकुड़ना, फिर अधिक विस्फारित होना- BELLADONNA-6 दिन में तीन बार । ऊपरी पलक में सूजन-KALIUM CARBONICUM-200 की एक खुराक ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों पर जोर पड़ना, सिलाई, पढ़ाई या पेंटिंग आदि के कारण MANGANUM ACETICU-30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ बाईं आँख में ग्लूकोमा, आँखों की पुतली में असहनीय दबाव, पूरे शरीर . को मोड़े बिना आँख नहीं घुमा सकते - SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ ग्लूकोमा, वेसो-मोटर गड़बड़ी या एलर्जी के कारण - THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ कॉर्निया की अपारदर्शिता, रात्रि अंधता- CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ अपारदर्शिता, आँखों के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण – AGARICUS MUSCARIUS 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
नेत्र संबंधी रोग➺ आँखों का धुंधलापन-FUCUS VESICULOSUS-Q की पाँच बूँदें, दिन में दो बार
नेत्र संबंधी रोग➺ ऑपरेशन के जख्मों को भरने के लिए Staphysagria-30 दिन में तीन बार।
नेत्र संबंधी रोग➺ मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद SENEGA-30 दिन में तीन बार, दस दिनों तक ।
नेत्र संबंधी रोग➺ नेत्र रोग, पलकों में सूजन, सोते समय आपस में चिपक जाना, रात में दो से पाँच बजे तक तेज दर्द, अधिक मात्रा में पस निकलना, ठंडे पानी से धोने पर राहत- SYPHILINUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
नेत्र संबंधी रोग➺ नेत्र रोग, धुंधला कॉर्निया, फोटोफोबिया, आँखों के आस-पास की ग्रंथियाँ पीड़ायुक्त और सूजी हुई-BARYTA CARBONICA 30 दिन में दो बार .
नेत्र संबंधी रोग➺ नेत्र विकार, कॉर्निया में घाव, पलकों की स्थायी सूजन, कंजेक्टिवाइटिस और लाल आँखें - MERCURIUS DULCIS X हर छह घंटे पर।
नेत्र संबंधी रोग➺ बाईं आँख के ऊपर दर्द, धूप में चलने से परेशानी बढ़ती है - SELENIUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ दाईं आँख के ऊपर तेज दर्द चलने-फिरने पर राहत Ranunculus Bulbosus 6 दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ दर्द आँख से विभिन्न दिशाओं में जाना— Berberis Vulgaris-Q दो या तीन बूँदें, दिन में तीन बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ भेंगापन, दमित दस्त और मस्तिष्क के संकुचन के कारण PODOPHYLLINUM-200 दिन में दो बार
नेत्र संबंधी रोग➺ भेंगापन, पेट के कीड़ों से- CINA 200 की एक खुराक रोजाना।
नेत्र संबंधी रोग➺ सहवास के बाद क्षीण दृष्टि- काली PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ दृष्टि में कमजोरी, आँखों, सिर के पिछले भाग और गरदन में दर्द - ASARUM EUROPAEUM 6 दिन में दो बार
नेत्र संबंधी रोग➺ दृष्टिहीनता, आँखों में दर्द, एल्बुमिनेरिया या ब्राइट्स रोग–KALMIA LATIFOLIA - 6 हर छह घंटे पर ।
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेस्टिव एपोप्लेक्सी, सिर गरम, आँखें रक्तिम, ठीक से बोलने में असमर्थ, गरदन कड़ी तथा सख्त-VERATRUM VIRIDE 3 दिन में चार बार
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस (जुकाम संबंधी), गरम सिंकाई से स्थिति बदतर तथा ठंडी सिंकाई से स्थिति में सुधार - PULSATILLA 200 की एक खुराक रोजाना।
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, (जुकाम संबंधी), चुभन, शुष्कता या स्राव, खुरदरी पलकें - ALUMINA 30 दिन में तीन बार
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, लाल आँखें- ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार।
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, बदहज्मी के साथ, गरम कमरे में अधिक खराब अवस्था - PULSATILLA 200 दिन में दो बार ।
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, सर्दी से गरमी में मौसम परिवर्तन के कारण, गाढ़ा सफेद स्राव तथा आँखों का चिपकना-Carica Papaya- 6 तीन घंटे पर ।
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, आरंभिक अवस्था में - ACONITUM NAPELLUS 30 हर तीन घंटे पर।
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, चिड़चिड़े बच्चों में, जो गोद में उठाया जाना चाहते हैं - CHAMOMILLA-30 हर चार घंटे पर |
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, चोट या तेज खाँसी से - HAMAMELIS VIRGINIANA-3 दिन में चार बार।
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, आँखों में अधिक आँसुओं के साथ - EUPHRASIA OFFICINALIS-30 हर तीन घंटे पर
नेत्र संबंधी रोग➺ कंजेक्टिवाइटिस, गाढ़े पीले स्राव के साथ - PULSATILLA-30 हर चार घंटे पर। यदि इससे लाभ न हो तो ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में तीन बार।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ मस्तिष्क संबंधी कमजोरी, इच्छाशक्ति का अभाव तथा काम करने में अरुचि - PICRIC ACID 200 दिन में दो बार ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ मस्तिष्क ज्वर, सिर पीछे की ओर झुक जाता है और गले की मांसपेशियों में पीड़ा होती है- Natrum sulph-30 सुबह-शाम
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ सेरेब्रो- स्पाइनल मस्तिष्क शोथ, सिर, गले तथा रीढ़ का पीछे की ओर झुक जाना - CICUTA VIROSA 200 की कुछ खुराकें ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ ग्रीवा ग्रंथियाँ, सख्त तथा कठोर-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ ग्रीवा संबंधी मांसपेशियों की कमजोरी, सिर को मुश्किल से ऊँचा रख सकते हैं, सिर का भारीपन - COCCULUS INDICUS 30 दिन में दो बार
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ मस्तिष्क तथा सीने का संकुचन, मिचली तथा वमन के साथ आकस्मिक रूप से - VERATRUM VIRIDE 6 दिन में चार बार
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ दिमाग में झटका लगना, चोट से, त्वचा ठंडी तथा शरीर पसीने में नहाया हुआ - SULPHURICUM ACIDUM 30 दिन में तीन बार
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ मस्तिष्क या रीढ़ या दोनों में झटका - ARNICA 200 शाम के समय एक खुराक ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन - HYOSCYAMUS NIGER - 30 दिन में तीन बार, जब रोगी सामान्यतः बुदबुदाता है।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ कभी-कभी हिंसक हो जाने पर VERATRUM ALBUM-30 दिन में तीन बार जो रोगी हिंसक हैं और चीजें तोड़ते-फोड़ते हैं, धर्म या प्यार के बारे में बात करते हैं, उनके लिए PLATINUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार (ऐसे रोगी के लिए, जो अपने बारे में अधिक सोचता है और दूसरों को खुद से हेय समझता है ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन या अवसाद या हिस्टीरिया, ऐसी भावना कि समस्याएँ नहीं सुलझ सकतीं, अपशब्दों का प्रयोग, किसी भी चीज को जल्दबाजी में करना, बिना काम के व्यस्त रहना, अकेले रहने पर स्थिति बदतर - LILIUM TIGRINUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन और अपने बारे में बढ़-चढ़कर सोचना, दूसरों को हेय-दृष्टि से देखना । सभी लोग मानसिक तथा शारीरिक रूप से खुद से नीचे लगते हैं – PLATINUM METALLICUM 6 दिन में तीन बार ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन, प्रसव के बाद VERATRUM ALBUM-30 दिन में दो बार
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन, चीजों को तोड़ने की लत, दिन-रात चलते रहना, स्थिर न रह सकना, आत्मघाती प्रवृत्ति, लोगों से डरना, हर किसी से दूर रहना - iodum 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन, युवतियों में मासिक धर्म की गड़बड़ी से, वेसो-मोर्टार गड़बड़ियाँ और चयापचय संबंधी अव्यवस्था - THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन, , कपड़े फाड़ना, चीखना, दौड़ना, थूकना, नग्न होने का प्रयास करना, कामुक बातें करना और अश्लील गाने गाना, धार्मिक उन्माद, जोर से प्रार्थना करना, संन्यास के बारे में बात करना, व्याकुल रहना, गर्भाशय तथा मासिक धर्म की गड़बड़ियों से ग्रस्त, निफोमेनिया से ग्रस्त – VERATRUM ALBUM 200 दिन में दो बार ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन, कूदने, दौड़ने, नाचने की तीव्र इच्छा, हाथों को सिर पर मारना, शर्म का एहसास नहीं, आराम नहीं कर सकते या सो नहीं सकते, बेचैनी- TARENTULA HISPANICA 30 दिन में तीन बार
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पागलपन, आत्मघाती प्रवृत्ति, काल्पनिक समस्याओं को लेकर चिंतित रहना NAJA TRIPUDIANS-30 दिन में तीन बार ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ स्मरण शक्ति में सुधार के लिए-अश्वगंधा-Q की पाँच बूँदें पानी में, दिन में तीन बार, लगातार इक्कीस दिनों तक ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ स्मरण शक्ति का हस, विशेषकर वृद्धों में, पेट की बीमारियाँ, निरंतर प्रार्थना करने की इच्छा, दो इच्छाशक्ति, जिनमें से एक उसे कोई चीज करने के लिए उकसाती है, जबकि दूसरी उससे रोकती है ANACARDIUM ORIENTALE 30 दिन में दो बार
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ पूरी तरह स्मरण शक्ति चले जाना, मस्तिष्क की स्तब्ध स्थिति, रोगी . यह भूल जाता है कि वह क्या कर रहा था। आँखें बंद करके लेटता है, लेकिन उसे कुछ भी याद नहीं आता - NUX MOSCHATA- 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ स्मरण शक्ति का हास –PHOSPHORICUM ACIDUM 30 की रोजाना सुबह एक खुराक ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ कमजोर स्मरण शक्ति और बातूनी – GLONOINUM 30 दिन में तीन बार ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ कमजोर स्मरण शक्ति - बेरिटा फॉस्फोरिकम 30 दिन में दो बार, सामान्यतः युवाओं के लिए। ANACARDIUM ORIENTALE 3 X और BARYTA CARBONICA 30 वृद्ध व्यक्ति ये दोनों ओषधियाँ दिन में तीन बार लें
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क की झिल्ली की सूजन), गरदन की सख्ती के साथ - ACTAEA RACEMOSA- 200 दिन में एक बार।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ गंभीर मेनिनजाइटिस, भयभीत, नींद से उठकर चिल्लाने की प्रवृत्ति, स्राव की संभावना -TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार। मेनिनजाइटिस, अपना सिर तकिए पर अलग-बगल घुमाता है, एक हाथ और पैर का निरंतर हिलना, जबकि दूसरे हाथ-पैर पक्षाघातग्रस्त की तरह पड़े रहते हैं, माथे पर पसीना, जबड़ों का चलना-जैसे कुछ चबा रहे हों, विस्फारित पुतली, किसी चीज का एहसास नहीं - HELLEBORUS NIGER 200 एक खुराक रोजाना।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ मेनिनजाइटिस, गंभीर, मुँह का निरंतर हिलना, चेहरे पर सूजन, अधिक तापमान, दुर्गंधयुक्त पसीना, सूखे होंठ, अधिक मात्रा में पानी पीने की ललक, शरीर को खुला रखने की इच्छा-BRYONIA -30 दिन में दो बार ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ मेनिनजाइटिस, ऐसा महसूस होना मानो माथे को लोहे के एक छल्ले से दबा दिया गया हो - FUCUS VESICULOSUS-30 दिन में तीन बार मेनिनजाइटिस, सिर एक ओर घूमा या मुड़ा हुआ – CICUTA VIROSA 6 दिन में तीन बार
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ मेनिनजाइटिस, अचानक चिल्लाना, सिर को हिलाना, सिर पीछे की ओर खिंचा हुआ महसूस होना, दाँत पीसना- APIS MELLIFICA-30 दिन में दो बार ।
मस्तिष्क संबंधी रोग➺ दिमागी कमजोरी, अत्यधिक तंबाकू खाने या यौन-अधिकता के कारण स्मरण शक्ति का क्षीण हो जाना—CALADIUM 30 दिन में तीन बार ।
एलर्जी➺ बच्चों में दूध से एलर्जी, मिचली और वमन, डायरिया - Lac Vaccinum Defloratum.-30, सुबह और शाम।
एलर्जी➺ कॉफी से एलर्जी, डायरिया - OXALICUM ACIDUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
एलर्जी➺ धूल से एलर्जी- BROMIUM 30 दिन में तीन बार फलों से एलर्जी-SAMBUCUS NIGRA-6 दिन में तीन बार दूध, विशेषकर गर्भावस्था के दौरान खाना पकने की गंध से एलर्जी SEPIA-30 दिन में तीन बार
एलर्जी➺ खट्टे फलों, जैसे स्ट्रॉबेरी, सेब, अंगूर आदि से एलर्जी-OXALICUM ACIDUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
एलर्जी➺ लाल मिर्च से एलर्जी- CAPSICUM ANNUUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
एलर्जी➺ अंडा, शहद और प्याज से एलर्जी-NATRIUM MURIATICUM - 200 की एक खुराक रोजाना लें।
एलर्जी➺ वसा, प्रोटीन, नारंगी के रस से एलर्जी - PULSATILLA 200 सुबह-शाम लें।
एलर्जी➺ फूलों की गंध से एलर्जी - GRAPHITES-200 दो सप्ताह में एक खुराक
एलर्जी➺ बगीचे में टहलने से एलर्जी-APIUM GRAVEOLENS 30 सुबह शाम
एलर्जी➺ आइसक्रीम से एलर्जी - ARSENICUM ALBUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
एलर्जी➺ प्याज से एलर्जी - THUJA OCCIDENTALIS 200 की दो सप्ताह में एक खुराक।
एलर्जी➺ ऑइस्टर (एक प्रकार की शंखमीन) खाने से एलर्जी - LYCOPODIUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।
एलर्जी➺ नमक, शराब, सिरका, मिर्च आदि से एलर्जी (सेवन के तुरंत बाद खाँसी होती हो) – ALUMINA-30 दिन में तीन बार बालों का गिरना/गंजापन - BACILLINUM BURNETT-200 एक माह तक सप्ताह में .
एलर्जी➺ एक खुराक या SEPIA 200 एक माह तक साप्ताहिक खुराक लें।
एलर्जी➺ बीयर से एलर्जी, जिससे डायरिया या वमन हो जाता है KALIUM BICHROMICUM-30 दिन में दो बार ।
एलर्जी➺ जरा सी मानसिक या शारीरिक उत्तेजना से चेहरे का लाल हो जाना AMYLENUM NITROSUM-30 दिन में दो बार
रक्तचाप➺ रक्त संचार में क्षीणता और सुन्नपन-Acid Fluoric 30 दिन में तीन बार।
रक्तचाप➺ रक्त संचार में क्षीणता, टिबिया (टाँग की मोटी नली) पर नीले या काले धब्बे, हाथों का कालापन- SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार
रक्तचाप➺ रक्त संचार में अवरुद्धता, इसके कारण त्वचा, विशेषकर हाथों के पृष्ठभाग या टिबिया पर बैंगनी धब्बे, पैरों के छोर तक रक्त नहीं पहुँचना, वृद्ध लोगों के शरीर पर फोड़ों का कारण बन सकता है Secale cornutum-30 दिन में तीन बार
रक्तचाप➺ वृद्धों में रक्त संचार की समस्या - Carbo Vegetabilis 30 दिन में तीन बार।
रक्तचाप➺ रक्त विषाक्तता - HEPAR SULPHUR 200 दो दिनों तक दिन में दो बार और उसके बाद GUNPOWDER-3X दिन में तीन बार दस दिनों तक
रक्तचाप➺ उच्च रक्तचाप – AURUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।
रक्तचाप➺ निम्न रक्तचाप-GELSEMIUM SEMPERVIRENS-30 दिन में तीन बार ।
रक्तचाप➺ सिस्टोलिक तथा डायस्टोलिक दोनों प्रकार के रक्तचाप को कम करने के लिए-VERATRUM VIRIDE-6 दिन में चार बार ।
रक्तचाप➺ रक्त तथा लाल रक्तकणों में वृद्धि के लिए-Natrum sulph 6 दिन में दो बार ।
रक्तचाप➺ शरीर के विभिन्न अंगों से कालिमायुक्त रक्तस्त्राव - Secale cornutum- 30 दिन में दो बार
रक्तचाप➺ रक्त संचार में कमजोरी, तीव्र संक्रमण के बाद, समय-समय पर दमघोंटू दौरे पड़ते हैं, सीढ़ियाँ चढ़ते समय साँस फूल जाती है, थोड़ी सी मेहनत के बाद भी धड़कन तेज हो जाती है- CHININUM ARSENICOSUM 30 दिन में चार बार।
रक्तचाप➺ उच्च रक्तचाप - CRATAEGUS OXYACANTHA Q, PASSIFLORA INCARNATA Q, Rauvolfia serpentina-Q और GLONOINUM 6X इन सभी की समान मात्रा मिलाकर रोज मिश्रण की दो बूँदें लें।
रक्तचाप➺ उच्च रक्तचाप - GLONOINUM 30 दिन में दो बार, सिर पर गरमी के लक्षणों के साथ और यदि यह विफल रहे तो ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार, , माथा ठंडा तथा दिमाग का बेस गरम होने के लक्षणों के साथ।
रक्तचाप➺ उच्च रक्तचाप, गरम खूनवाले लोगों मेंCALCAREA SULPHURICA-6 X दिन में तीन बार |
रक्तचाप➺ उच्च रक्त चाप या एक स्थान पर रक्त संचार-AURUM METALLICUM 30 की एक खुराक रोजाना या BARYTA MURIATICA-3X दिन में तीन बार या GLONOINUM 6 दिन में चार बार या DIGITALIS-6 दिन में तीन बार इस क्रम में आजमाए जा सकते हैं।
रक्तचाप➺ उच्च रक्तचाप, बाधित नींद के साथ-CRATAEGUS OXYACANTHA-Q की पानी में पाँच बूँदें, दिन में दो बार
रक्तचाप➺ उच्च रक्तचाप, ग्रीवा धमनी और कनपटी की धमनियों के दृश्य धक धक के साथ - Aurum Muriaticum Natronatum-एक्स दिन में तीन बार
रक्तचाप➺ निम्न रक्तचाप - VISCUM ALBUM 6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ रात को नौ बजे बुखार बढ़ना- BRYONIA-30 दिन में दो बार और यदि नौ बजे सुबह बुखार तेज हो तो CHAMOMILLA-30 दिन में दो बार । यदि बुखार दोपहर में हो तो BELLADONNA 30 दिन में दो बार । यदि बुखार ग्यारह बजे सुबह में हो तो NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर के बाद भूख में कमी-PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
बुखार / ज्वर➺ लगातार तेज ज्वर–MILLEFOLIUM-30 दिन में तीन बार।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर (टायफाइड), नाक तथा होंठों का लगातार फटना और उनसे खून निकलना - ARUM TRIPHYLLUM-30 दिन में दो बार |
बुखार / ज्वर➺ पुराना ज्वर– GLONOINUM 6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ तेज ज्वर, बेहोशी के साथ, खाली-खाली आँखों से देखना, सिर तकिए में घुसा लेना, लगातार करवटें बदलना, एक हाथ तथा पैर अपने आप हिलते हैं, उँगली से नाक दबाना-HELLEBORUS NIGER 3 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ आवधिक ज्वर, ज्वर के दौरान अधिक बोलना, त्वचा का पीलापन, ठंड लगना, हिंसक होना, इसके बाद तेज ज्वर-PODOPHYLLINUM पी.-30 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ आवधिक ज्वर, ठंड लगने के दौरान उँगलियों और नाखूनों का नीला पड़ जाना, दौरे से पहले माथे पर ठंडा पसीना-VERATRUM ALBUM-30 दिन में तीन बार |
बुखार / ज्वर➺ आवधिक ज्वर, चेहरा लाल होना तथा प्यास लगना, गरमी के दौरान प्यास न लगना, ढकने से अधिक प्रकोप घंटे पर । IGNATIA AMARA अमेरा-6 हर चार
बुखार / ज्वर➺ आवधिक ज्वर, कुछ दिनों तक ठीक रहने के बाद फिर ज्वर आ जाना— TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।
बुखार / ज्वर➺ आवधिक ज्वर, उन्माद तथा ठंड के साथ, हाथ-पैर का ठंडा रहना, लेकिन चेहरा गरम, रोज किसी खास समय ठंड लगना-SABADILLA- 30 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ सेप्टिक ज्वर, तापमान तथा नाड़ी असामान्य रूप से तेज, चलने तथा गरमी से बेहतर, अधिक बेचैनी-PYROGENIUM-6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, शुरू से ही ज्वर रहना, हड्डियों में दर्द, बेचैनी, कब्ज, बिस्तर सख्त महसूस होना-PYROGENIUM-6 दिन में तीन बार।
बुखार / ज्वर➺ तेज ठंड के साथ ज्वर, ज्वर के दौरान कुछ ओढ़ाए जाने की इच्छा जताना, , चलने पर अधिक ठंड-NUX VOMICA-30 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, शाम चार बजे से आठ बजे तक LYCOPODIUM 30 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर में झटके तथा दौरों की प्रवृत्ति- VERATRUM VIRIDE 6 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, शाम तीन-चार बजे से छह बजे तक, प्यास न लगना, ठंड से बेहतर - APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, किसी प्रकार का - TRIOSTEUM PERFOLIATUM 6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, सुबह सात बजे ठंड तथा गरमी के साथ पसीना, चलने के दौरान सोना-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार लें।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, पसीना चलने से राहत - NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, दो दिनों के अंतराल पर आना-CIMEX LECTULARIUS - 30 दिन में तीन बार । ज्वर, भीड़-भाड़ की गरमी या आकस्मिक चोट के कारण FERRUM PHOSPHORICUM-30 हर चार घंटे पर।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, यदि शरीर गरम हो तो हाथ-पाँव का ठंडा रहना – RHUS TOXICODENDRON 6 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, सूर्य की गरमी से या गरमी के मौसम के दौरान, थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, पलकें अधिक भारी प्रतीत होना, उन्हें खुला रखने में दिक्कत - GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर छह घंटे पर ।
बुखार / ज्वर➺ तेज ज्वर, माथे पर पसीने के साथ, प्यास लगना, एक गाल गरम और लाल तथा दूसरा गाल पीला और ठंडा-CHAMOMILLA 30 दिन में दो बार लें।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, बीच-बीच में ठंड लगने के दौरान प्यास लगना, बाहरी गरमी से ठंड में राहत मिलना, ढकने से बुखार और तेज होना, ठंड लगने के दौरान लाल चेहरा - IGNATIA AMARA 30 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, सुबह कम तथा रात में तेज ज्वर - VERATRUM VIRIDE -30 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, सुबह ग्यारह बजे तथा रात में ग्यारह बजे दौरा पड़ना – कैक्ट ग्रैंडिफ्लोरा-3 दिन में तीन बार ज्वर, जगने के बाद पूरे शरीर में प्रचुर पसीना आना, प्यास न लगना, शरीर ढके जाने की इच्छा प्रकट करना- - LYSSINUMSAMBUCUS NIGRA 6 दिन में तीन बार।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, अचानक तेज ज्वर, चेहरे का लाल हो जाना, होंठों के किनारे पीलापन, आँखों के आस-पास गहरा नीला घेरा - CINA 200 की एक खुराक, अधिक बार दुहराने की आवश्यकता नहीं ।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, अधिक मात्रा में ठंडा पानी पीने की इच्छा, बेचैनी और शरीर का गरम रहना ACONITUM NAPELLUS 6 दिन में तीन बार .गालों पर लालिमा के साथ- - SANGUINARIA CANADENSIS- 200 एक खुराक ज्वर, रोजाना।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, ठंडे रसीले पेय पदार्थ पीने और आइसक्रीम खाने की तीव्र इच्छा, जो पेट की जलन में राहत देते हैं - PHOSPHORUS-30 की रोजाना एक खुराक ।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, नम मुँह के बावजूद तेज प्यास, अधिक पसीना, रात में, गरम कमरे और बिस्तर पर अधिक बुरी स्थिति - Mercurius Vivus और MERCURIUS SOLUBILIS-30 हर छह घंटे पर।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, अंदरूनी गरमी और बाहरी ठंड के साथ, पसीना नहीं और ओढ़े रहने की इच्छा–ARSENICUM IODATUM-6 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ आवधिक, इन्फ्लुएंजा तथा टायफाइड ज्वर, शाम में तथा गरम कमरे रोगी की स्थिति और बिगड़ना - KALIUM SULPHURICUM- 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड, टाइफस, मलेरिया ज्वर, मतिभ्रम, जीभ का काँपना और बाहर निकलना, ठंडा पसीना बहना और पीले निशान पड़ना LACHESIS 30 की एक खुराक रोजाना।
बुखार / ज्वर➺ फाइलेरिया, विभिन्न अंगों में ठंड का एहसास - सिस्टस 30 सुबह में एक खुराक । फाइलेरिया, गरमी महसूस करना, ओढ़ने की इच्छा नहीं, प्यास न लगना, प्रभावित अंग में सूजन, गरमी तथा स्पर्श को सहन न कर पाना, में दोपहर में अधिक बुरी स्थिति - APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ फाइलेरिया, ठंड तथा अत्यधिक प्यास के साथ ज्वर के दौरे, पैरों का प्रभावित होना, दबाव और आराम करने से बेहतर, प्रभावित अंग के बल लेटने की इच्छा-BRYONIA-30 दिन में तीन बार |
बुखार / ज्वर➺ फ्लू, ज्वर तथा आलस्य के साथ साधारण सर्दी-जुकाम GELSEMIUM SEMPERVIRENS 200 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ हे ज्वर, वार्षिक आक्रमण, शहद जैसा स्राव, बेचैनी तथा थकान, मध्य रात्रि में सबसे बुरी स्थिति - ARSENICUM IODATUM-6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ हे ज्वर, नाक तथा गले में जलन, नाक तथा गले के सूखे बलगम का टूटना सा महसूस होना, आवाज फटना, फूलों की गंध से संवेदनशील - SANGUINARIA CANADENSIS - 30 की रोजाना तीन खुराक ।
बुखार / ज्वर➺ हे ज्वर, गरमी, धूप या ग्रीष्मकाल की तेज गरमी के कारण – NATRIUM MURIATICUM 30 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ हे ज्वर धूल या पुरानी पुस्तकों से- BROMIUM 30 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ हे ज्वर, में लगातार छींक के बावजूद नाक पूरी तरह बंद - STICTA PULMONARIA दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ हे ज्वर, नाक बहना, रह-रहकर छींक आना, नाक से दुर्गंधयुक्त पानीदार स्राव, नाक में खुजली और चुनचुनाहट, नाक का लाल पड़ना, आँखों की जलन और आँसू आना, माथे में तेज दर्द, गले की शुष्कता तथा रूखापन - SABADILLA- 30 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ हे ज्वर, नाक के बहने से शुरू होना, इसके बाद छींक आना, जो साँस लेना सुविधाजनक बनाती है, लेकिन बाद में फेफड़ों की शुष्कता के कारण फिर साँस लेने में कठिनाई, लेटने पर परेशानी और बैठने पर राहत महसूस होना - NAJA TRIPUDIANS-6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ हे ज्वर, नाक का भरा होना, आँखों तथा पलकों में जलन, शाम के समय लक्षणों का बढ़ जाना—–Ranunculus Bulbosus-30 दिन में तीन बार हे ज्वर, आँखों तथा नाक से पानीदार स्त्राव, छींक- ARSENICUM ALBUM - 30 दिन में तीन बार या PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार या KALIUM PHOSPHORICUM 6 दिन में चार बार खाँसी के साथ तेज ज्वर, हरा और मवादयुक्त कफ – CALCAREA IODATA 6X दिन में तीन बार लें। तेज ज्वर, मवाद बनने से उत्पन्न -CALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार।
बुखार / ज्वर➺ ज्वर, त्वचा सूखी और लाल तथा गरम, बाएँ गाल पर धब्बा, रात में पसीना आना- ACETICUM ACIDUM -6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ इन्फ्लुएंजा (रोग-रोधक) — इन्फ्लुएंजेन 200 और ARSENICUM ALBUM 200 की एक खुराक रोजाना ।
बुखार / ज्वर➺ इन्फ्लुएंजा, ज्वर और शरीर में पीड़ा - RHUS TOXICODENDRON-6 या GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में दो या तीन बार |
बुखार / ज्वर➺ इन्फ्लुएंजा, आँख, कान, नाक और गले में सूजन तथा पानी बहना– ARSENICUM IODATUM 6 दिन में तीन बार लें।
बुखार / ज्वर➺ इन्फ्लुएंजा, वसंत के मौसम के दौरान VARIOLINUM 200 सप्ताह में एक खुराक, जब तक आवश्यकता न हो, न दुहराएँ ।
बुखार / ज्वर➺ इन्फ्लुएंजा, अत्यंत दर्द और थकान — EUPATORIUM PERFOLIATUM - 6 हर चार घंटे पर ।
बुखार / ज्वर➺ सामान्य इन्फ्लुएंजा – Natrum sulph-30 दिन में तीन बार लें ।
बुखार / ज्वर➺ इन्फ्लुएंजा, तेज कमजोरी, शरीर में दर्द-BAPTISIA TINCTORIA 30 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ इन्फ्लुएंजा, पीठदर्द और शरीर दर्द के साथ - VARIOLINUM 200 की एक खुराक, हर दूसरे दिन ।
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया के आक्रमण से आवधिक ज्वर, हर हमले के दो-तीन घंटे के अंदर, हर सातवें या चौदहवें दिन लौटता है, कभी भी रात में नहीं उभरता, ज्वर के दौरान काफी कमजोरी, कानों में घंटियों की सी आवाज और सोने के दौरान या ढकने से पूरे शरीर से पसीना आना पर। CINA MARITIMA-30 हर छह घंटे
बुखार / ज्वर➺ आवधिक ज्वर, कुछ ठंड के साथ तेज कँपकँपी, ठंड पीठ से शुरू होती है और वहाँ से ऊपर तथा नीचे की ओर फैलती है Eupatorium-Purpureum 30 दिन में दो बार
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर आँत से रक्तस्राव, रक्त गहरे लाल रंग का - PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ कालाजार, मिचली और वमन के साथ, बेचैनी, थकान, लेकिन रोगी चुपचाप रहना चाहता है और ध्यान आकृष्ट नहीं करना चाहता - CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया ज्वर, पसीना नहीं निकलना TARENTULA HISPANICA 30 दिन में दो बार
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया में प्लीहा का प्रभावित होना - CEANOTHUS AMERICANUS-Q पाँच से दस बूँदें दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया ज्वर, उदरशूल, हरे पित्त का वमन - Natrum sulph-30 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया ज्वर, होंठ और नाखून नीले, गैस्ट्रिक के लक्षण, ठंड लगने से पहले सिरदर्द और प्यास, पित्त का वमन और पीठदर्द-EUPATORIUM PERFOLIATUM-6 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया ज्वर, पूर्वाह्न दस या ग्यारह बजे ठंड लगना आरंभ, कुनैन द्वारा उपचारित मलेरिया ज्वर का इतिहास - NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार । ज्वर के दौरान न दें। मलेरिया ज्वर, ठंड जाँघों से आरंभ होती है, सिर को छोड़कर शरीर के केवल खुले अंगों पर पसीना, गुप्तांग के पसीने की गंध शहद की तरह THUJA 30 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया ज्वर, ठंड और ज्वर के दौरान अधिक उदासी, अधिक कमजोरी के साथ आवधिक हमले, यकृत और प्लीहा का बढ़ जाना— CHININUM ARSENICOSUM-3X हर छह घंटे पर।
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया ज्वर, निरंतर मिचली और वमन के साथ, कुनैन से दबाए गए आवधिक हमले - IPECACUANHA 200 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ मलेरिया ज्वर, ज्वर के सभी चरणों में प्यास का अभाव, एक ओर पसीना चलना PULSATILLA-30 दिन में तीन बार । मलेरिया ज्वर, . ठंड और गरमी के बीच खट्टा वमन, हृदय में जलन, पानी पीने के लिए उतावली - LYCOPODIUM-30 दिन में दो बार
बुखार / ज्वर➺ सेप्टिक ज्वर, गहरे रंग के रक्त का स्राव-CROTALUS HORRIDUS-3 या 6 हर छह घंटे पर।
बुखार / ज्वर➺ मानसिक और शारीरिक कमजोरी के दौरान टायफाइड – PHOSPHORICUM ACIDUM-30 हर छह घंटे पर।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, अंतिम चरण, कम ज्वर, अत्यधिक कमजोरी, बुदबुदाना, उन्माद, दाँत में दर्द, दुर्गंधित साँस, जीभ का पक्षाघात, मूत्र त्यागते समय स्वतः मल-त्याग हो जाना, निचला जबड़ा लटक जाता है, अचेतनता – MURIATICUM ACIDUM 6 दिन में तीन बार ।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, पेट का अफरा, तेज नाड़ीगति, नाक, मूत्र या गुदा से रक्तस्त्राव, पेट स्पर्श के प्रति अत्यंत संवेदनशील, पानीदार दस्त, प्रचुर और दुर्गंधित या रक्तिम, गुदा में जलन TEREBINTHINA 200 सप्ताह में एक खुराक लें।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, सिरदर्द के साथ शुरू होता है, शुष्क मुँह, जीभ पर परत, अधिक मात्रा में पानी पीने की चाह, चुपचाप लेटे रहना, उन्माद, कब्ज, दुखना, , ठंडी खुली हवा का अच्छा लगना, गरम और बंद कमरे में स्थिति बदतर - BRYONIA ALBA-30 दिन में दो बार
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, उनींदापन, उदासीनता, आस-पास चल रही सभी गतिविधियों से बेखबर, लेकिन सही स्थिति में पूरी तरह सचेत - PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में दो बार खाएँ ।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, उच्च ज्वर, बुदबुदाना, उन्माद, गीत गाना, गरम सिर, लाल चेहरा, हाथ-पैर ठंडे, आँखें विस्फारित, भयभीत, रोशनी और संग साथ की चाह - STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार लें।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, पहला चरण, अत्यंत बेचैनी, ठंड लगना, पूरे शरीर में तेज दर्द, खासकर सिर, पीठ और हाथ-पैरों में, शरीर का खरोंच जैसा दुखना, द्वितीय चरण की कमजोरी, उनींदापन, भ्रमित, किसी प्रश्न का उत्तर देने से पहले या उत्तर देते हुए ही रोगी सो जाता है, टूटा-फूटा सा महसूस करता है, सभी स्राव अत्यंत दुर्गंधित-BAPTISIA TINCTORIA 30 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, दुर्गंधित गहरे रंग का मल, अधिक कमजोरी - TARENTULA CUBENSIS - 30 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, अधिक कमजोरी, त्वचा की शुष्कता, हाथ-पैरों का ठंडा होना, गहरे रंग का काला पानीदार मल, रक्तयुक्त बलगम मिला हुआ- LEPTANDRA VIRGINICA--Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, मल से रक्तस्त्राव, गहरे थक्केदार रक्त के साथ मल, बड़ी मात्रा में ALUMINA 200 की एक खुराक
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, तेज ज्वर और उन्माद, स्वतः मल त्याग और मूत्र त्याग, नग्न होने का प्रयास करता है - SINAPIS NIGRA 6 दिन में तीन बार |
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, शरीर में दर्द और पीड़ा, सख्ती और बेचैनी, राहत पाने के लिए करवट बदलता रहता है, शुष्क जीभ, टिप पर लाल, रात में अत्यंत बेचैनी, तेज प्यास, खाँसी, धीमे स्वर में बुदबुदाना, उन्माद, ठंडे और नम मौसम में जाने से बदतर, गरमी और शरीर को ढकने से बेहतर RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, अत्यंत थकान, कई दिनों तक मल त्याग की कोई इच्छा, उन्माद, विस्फारित आँखों से लगातार बातें करना, अचेतनता, दस्त, स्वतः दुर्गंधित मल, अत्यधिक कमजोरी और निपात - OPIUM 30 दिन में दो बार ।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड ज्वर, पेट में खुजली - CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार।
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड, इसके दौरान उन्माद, बुदबुदाना और आस-पास घट रही घटनाओं से बेखबर, चेतन स्थिति में जागरूक होता है, प्रश्नों के उत्तर धीरे-धीरे और सही देता है, लेकिन फिर से बेहोशी में चला जाता है - PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में चार बार
बुखार / ज्वर➺ टायफाइड, शुष्क तथा नम अवस्था से, कभी ज्वर और कभी रक्तस्राव - VARIOLINUM 200 दो सप्ताह में एक बार । टायफाइड, ज्वर 104 डिग्री सेंटिग्रेड तक हो जाता है PYROGENIUM 200 की एक खुराक चौबीस घंटों के अंदर ज्वर को कम कर देता है ।
बुखार / ज्वर➺ पीत ज्वर, काला वमन, थकान, चलने-फिरने से बदतर, सिरदर्द - CADMIUM SULPHURATUM-6 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ हृदय के वॉल्व संबंधी परेशानी, बाईं करवट सोना कष्टकर; सिर को ऊँचा रखकर केवल दाईं करवट सोना संभव-SPIGELIA ANTHELMIA-30 छह-छह घंटे पर ।
हृदय रोग➺ बाईं करवट सोने में परेशानी, सिर गरम रहना, हाथ-पाँवों का ठंडा और नीला पड़ना, साँस लेने में कठिनाई, गले में संकुचन, बैठने पर राहत, हथेलियों तथा हाथों में पसीना आना, बोलने में विकृति आदि -NAJA TRIPUDIANS30 सुबह-शाम ।
हृदय रोग➺ दाईं ओर से शुरू होकर बाईं ओर फैलनेवाली बीमारी, भय और क्रोध से, चार से आठ बजे शाम तक सबसे बुरी स्थिति । गरमी, सिर को खुला रखने और कपड़ों को ढीला करने से राहत - LYCOPODIUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
हृदय रोग➺ सीने में तेज दर्द, चलने, ठंडी हवा लगने और नम मौसम से स्थिति और बिगड़ती है - SPIGELIA ANTHELMIA -30 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय शूल, ऐसा डर कि हिलने-डुलने से हृदय धड़कना बंद कर देगा - GELSEMIUM SEMPERVIRENS-30 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ हृदय शूल, किसी भी कारण से-Latrodectus Mactans 6 दिन में दो बार
हृदय रोग➺ रात में खाँसी के साथ हृदय में दर्द तेज हो जाता है— SPONGIA TOSTA -30 दिन में दो बार ।
हृदय रोग➺ हृदय के आस-पास दर्द, जो बाईं बाँह तक फैल सकता है, बाईं करवट लेटने पर अधिक दर्द- Tarentula Hispanica -6 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ दर्द सीने के बाईं ओर से बाएँ बाजू की ओर जाता है; नाड़ी की गति तेज, कमजोर और अनियमित, हृदय की धड़कन तेज और साँस लेने में कठिनाई-CRATAEGUS OXYACANTHA-Q पानी में दो से पाँच बूँदें मिलाकर दिन ➺ हृदय में तेज दर्द-OXALICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार (हृदय संबंधी में तीन बार । कई बीमारियों में फायदेमंद है) ।
हृदय रोग➺ हृदय क्षेत्र में टीसदार दर्द गले, बाएँ कंधे और फिर बाँह की ओर फैलता है, अत्यंत बेचैनी तथा मृत्यु का भय, थकान से स्थिति अधिक खराब - NAJA TRIPUDIANS-6 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ मेहनत करने से हृदय में तेज दर्द, ग्रीवा धमनी में धड़कन, ऐसा प्रतीत होता है मानो रक्त हृदय व मस्तिष्क की ओर दौड़ रहा है - GLONOINUM 6 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ जलोदर जैसे लक्षण, तेज संक्रमण के बाद हृदय संबंधी निराशा और रक्त संचार में कमजोरी, कभी-कभी दम घुटने संबंधी दौरे, ऊँचाई पर चढ़ने से साँस लेने में परेशानी, हलकी थकान होने पर भी हृदय धड़कन तेज - CHININUM ARSENICOSUM-3 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय में दर्द, बाईं बाँह में सुन्नता - KALMIA LATIFOLIA 6 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ बेचैनी और हृदय की धड़कन तेज-Tarentula Hispanica 30 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ तंत्रिका रोगियों में हृदय रोग के कारण चिंता, जिसे शांत होने के लिए प्रशांतक दवा (ट्रॅक्विलाइजर) की आवश्यकता पड़ती है CRATAEGUS OXYACANTHA-Q की पानी में दो से पाँच बूँदें ।
हृदय रोग➺ हृदय संबंधी परेशानियाँ, धड़कन की अनियमितता, आवाज खोना, साँस लेने में परेशानी, सीने के मध्य पीड़ा जो पीठ तक जाती है, लेटने पर दिल धड़कना, उरोस्थि के नीचे तीव्र पीड़ा, जो कंधे तथा बाँह तक जाती है- OXALICUM ACIDUM दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ हृदय की गड़बड़ी, बहुत धीमी नाड़ी, बेचैनी के साथ हृदय का अनियमित रूप से धड़कना-KALMIA LATIFOLIA -6 दिन में तीन बार।
हृदय रोग➺ साँस लेने में अत्यंत कठिनाई के साथ हृदय का जलोदर CRATAEGUS OXYACANTHA-30 दिन में दो बार
हृदय रोग➺ हृदय संबंधी न्यूरोसिस, हृदय की कमजोरी के साथ तंत्रिकाओं की विक्षिप्तता, चिड़चिड़े, उत्तेजित, अवसादग्रस्त तथा उदास रोगियों में हृदय संबंधी समस्याएँ, शक्तिहीनता तथा हृदय की कमजोरी के साथ बदहज्मी - CRATAEGUS OXYACANTHA--Q पानी में दो से पाँच बूँदें, कम अंतराल पर दें। ➺ हृदय रोग, गठिया के कारण, हृदय के आकार में वृद्धि, डिप्थीरिया के दुष्प्रभावों से वेसीकुलर एंडो-कारडाइटिस - NAJA TRIPUDIANS-30 दिन में चार बार ➺ हृदय रोग, जब रोगी बीमारी के बारे में सोचता है तो हृदय धड़कने लगता है, जो बढ़ जाता है और साँस की भी समस्या होती है OXALICUM ACIDUM 30 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय रोग – CRATAEGUS OXYACANTHA-Q भोजन के आधे घंटे पहले पाँच बूँदें और ARSENICUM IODATUM-6 भोजन के आधे घंटे बाद। यह हृदय को स्वस्थ स्थिति में रखता है।
हृदय रोग➺ हृदय में जलन, खट्टी डकार के साथ-SULPHURICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ हृदय रोग, गठिया से, गठिया पैरों से हृदय की ओर जाता है, अवसाद, आत्मघाती प्रकृति – AURUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
हृदय रोग➺ हृदय की गड़बड़ी, बाईं करवट सोने पर तेज धड़कन, जो दाईं ओर घूमने पर समाप्त हो जाती है, तेज नाड़ी, अनियमित, घुटनों के नीचे पैरों में सुन्नता और ठंडक, जबकि शरीर गरम, पैरों का काँपना- TABACUM-6 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय डूबना, DIGITALIS के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण, लेरिंक्स में संकुचन के साथ - Laurocerasus 30 हर छह घंटे पर । कमजोर हृदय, थोड़ी सी मेहनत से दिल जोर से धड़कने लगना, सूखी कार्डिएक खाँसी, कुछ सीढ़ियाँ चढ़ने पर साँस लेने में कठिनाई - AMMONIUM CARBONICUM 6 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ हृदय का बिखर जाना सा महसूस होना, जैसे हृदय को इतनी सख्ती से बाँध दिया गया हो कि उसके पास धड़कने के लिए स्थान न हो – CACTUS GRANDIFLORUS -30 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ हृदय की गति में वृद्धि, बढ़ते बच्चों में कठिन व्यायामों से BROMIUM 30 दिन में दो बार ।
हृदय रोग➺ हृदय की अधिक वृद्धि, कठिन व्यायाम से, मेहनत करने पर रोगी की साँस फूलने लगती है – RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय की अति वृद्धि, स्पंदन के साथ, साँस लेने में कठिनाई, मृत्यु का भय, रात में डरकर जग जाना और दम घुटने का एहसास, बिस्तर पर लेट नहीं सकते, लेटने पर और गरम कमरे में अधिक परेशानी; लेकिन गरम पेय पदार्थों को पीने से आराम महसूस करना; हृदय शूल, ऊपर की ओर जाने और रात में अधिक परेशानी-SPONGIA TOSTA -6 दिन में तीन बार |
हृदय रोग➺ हृदय पर दबाव, मेहनत से, सीने में खड़खड़ाहट, लेकिन दम नहीं घुटता है, लेरिंक्स में बलगम के कारण दम घुटने का खतरा BROMIUM-30 दिन में दो बार ।
हृदय रोग➺ हृदय का जोर से धड़कना, अनियमित धड़कन, पूरे शरीर का हिलना, बाईं करवट सोने पर अधिक परेशानी NATRIUM MURIATICUM-200 रोजाना एक खुराक ।
हृदय रोग➺ हृदय का जोर से धड़कना, आगे की ओर झुकते समय थोड़ी भी गति से, सिस्टोलिक (हृदय के सिकुड़ने से दबाव) अधिक हो जाता है - SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय संबंधी परेशानियाँ, पित्त से संबंधित COLLINSONIA CANADENSIS-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय की समस्याएँ, चलने से बढ़ जाती हैं- KALIUM IODATUM-30 हर छह घंटे पर।
हृदय रोग➺ हृदय समस्याएँ, गर्भावस्था के दौरान, एल्बुमिनेरिया के साथ - KALMIA LATIFOLIA 30 हर छह घंटे पर।
हृदय रोग➺ हृदय के लिए टॉनिक–Terminalia arjuna-Q की पानी में पाँच बूँदें, दिन में दो बार
हृदय रोग➺ हृदय के लिए टॉनिक, नाड़ी और धड़कन को नियमित करने के लिए CRATAEGUS OXYACANTHA की पानी में दस बूँदें, दिन में दो बार
हृदय रोग➺ हृदय संबंधी समस्या, कानों में निरंतर धड़कन की आवाज - PYROGENIUM -30 दिन में दो बार ।
हृदय रोग➺ हृदय संबंधी समस्या, सायनोसिस और श्वास समस्या, बैठने पर अधिक परेशानी, लेटने पर बेहतर, कार्डियक खाँसी, मरोड़ और झटके, धीमी नाड़ी, पेय पदार्थ ग्रास नली से नीचे चला जाता है— Laurocerasus-Q की पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय संबंधी समस्या, एनीमिया, बदहज्मी या अतिसार के कारण - CRATAEGUS OXYACANTHA-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय संबंधी समस्या, तेज धड़कन, 150-170 प्रति मिनट, सीने में बाईं ओर तेज दर्द, पूरे शरीर में स्पंदन, ठीक न हो सकनेवाले हृदय रोग का भय, , सीधे चलने में अक्षमता LILIUM TIGRINUM 30 हर छह घंटे पर।
हृदय रोग➺ हृदय संबंधी समस्या, श्वास संबंधी समस्या के साथ – OXALICUM ACIDUM-6 दिन में चार बार |
हृदय रोग➺ हृदय के ऊतक और वॉल्वों में परिवर्तन, रोगी सीधा नहीं सो सकता, तकिए पर सिर ऊँचा करके सोता है, सिर को नीचे रखने पर साँस लेने में कठिनाई और हृदय के आस-पास भारीपन महसूस होता है - SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ वृद्धों के हृदय में वसा, बहुत सी वेस्कुलर परेशानियाँ, तेज धड़कन, बेचैनी और सीने में संकुचन, ग्रीवा-धमनियों और कनपटी की धमनियों का धड़कना साफ दिखाई पड़ता है-AURUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
हृदय रोग➺ हृदय में भारीपन और शरीर में झुनझुनी – GLONOINUM 30 हर छह घंटे पर।
हृदय रोग➺ सोचने में हृदय का धड़कना तेज-काली PHOSPHORUS - 200 की एक खुराक रोजाना ।
हृदय रोग➺ रोगी के शांत होने पर हृदय की धड़कनें तेज- MAGNESIUM MURIATICUM-200 की एक खुराक ।
हृदय रोग➺ धड़कन का एहसास, असुविधा, मृत्यु का भय, दम घुटने का एहसास, सोने के दौरान हृदय का भारीपन, सिर को ऊँचा रखना-SPONGIA TOSTA-30 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ हृदय का तेज धड़कना, अकसर इसके कारण पूरे सीने का हिलना, कुछ दूरी से भी दिल की धड़कन सुनाई पड़ना- SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में दो बार।
हृदय रोग➺ हृदय में बहुत तेज दर्द, जिसके कारण सीना हिलने लगता है, थोड़ी दूरी से भी हृदय की धड़कन सुनी जा सकती है- SPIGELIA ANTHELMIA X दिन में दो बार ।
हृदय रोग➺ हृदय में दर्द, दूसरों द्वारा ध्यान दिए जाने पर बदतर, अकेले रहने पर बेहतर- TARENTULA HISPANICA 30 दिन में तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय का धड़कना (हिस्टीरिया संबंधी), बदहज्मी, कमजोरी, पंखा झले जाने की इच्छा और घोषणा करना कि वह मरने वाला है, अत्यंत उत्तेजना, अशालीनतापूर्वक हँसता या रोता है और अचेत होकर गिर पड़ता है— MOSCHUS 6 दिन में दो बार
हृदय रोग➺ हृदय का धड़कना, हलकी सी मेहनत या उत्तेजना से काँपना और अंगों की जड़ता AMBRA GRISEA 30 दिन में दो बार ।
हृदय रोग➺ हृदय का धड़कना, तीव्र- SPIGELIA ANTHELMIA 30 दिन में दो बार, यदि आवश्यकता हो तो उसके बाद KALMIA LATIFOLIA-6 दिन में दो बार लें या PODOPHYLLINUM 6 दिन में दो बार
हृदय रोग➺ हृदय का धड़कना - Calcarea Arsenica 30 की एक खुराक रोजाना या CRATAEGUS OXYACANTHA-Q थोड़े पानी में पाँच बूँदें, दिन में दो या तीन बार
हृदय रोग➺ हृदय का धड़कना, बाईं करवट सोने पर तीव्र, दाईं ओर मुड़ने पर राहत - LAC CANINUM-30 दिन में दो बार
हृदय रोग➺ हृदय का धड़कना, सीने में दर्द के साथ-SPONGIA TOSTA-6 दिन में तीन बार ।
हृदय रोग➺ अग्न्याशय संबंधी रोग, वसायुक्त डायरिया और अत्यधिक लार के साथ - iodum 30 दिन में तीन बार
यौन रोग➺  अत्यधिक काम उत्तेजना, यौन अधिकता या अत्यधिक संयमजनित विकार- CONIUM MACULATUM-30 दिन में दो बार सुबह-शाम ।
यौन रोग➺ अत्यधिक वीर्यस्त्राव से उत्पन्न रोग-AGNUS CASTUS 30 हर छह घंटे पर।
यौन रोग➺ यौन अधिकता से जनित रोग - THUJA 30 दिन में तीन बार.
यौन रोग➺ गुप्तांगों के ढीलेपन की ओर हमेशा ध्यान रहना-KALIUM CARBONICUM 30 दिन में तीन बार या PHOSPHORUS- 200 दो सप्ताह में एक बार ।
यौन रोग➺ आतशक के प्रारंभिक घाव - SULPHURICUM ACIDUM 200 सप्ताह में एक खुराक (यह उपचार पहले रोग बढ़ाता है, फिर ठीक करता है ।
यौन रोग➺ आतशक, घाव लाल, चपटा तथा अत्यंत संवेदनशील और कभी-कभी पीड़ायुक्त होता है - CORALLIUM RUBRUM 30 की एक खुराक रोज लें।
यौन रोग➺ पति तथा बच्चों से महिलाओं में विरक्ति-SEPIA 30 सप्ताह में एक खुराक।
यौन रोग➺ नजदीकी रिश्तेदारों से विरक्ति- PICRIC ACID 6 दिन में तीन बार । 
यौन रोग➺ विपरीत सेक्स से विरक्ति, सहवास की कोई इच्छा नहीं, सहवास के बाद स्थिति अधिक बदतर - SEPIA 200 एक खुराक । जब भी लक्षण उत्पन्न हों तो खुराक को दुहराया जा सकता है। 
यौन रोग➺ शुक्राणुहीनता, लिंग के ढीलेपन के कारण सहवास करने में असमर्थ, शीघ्रपतन, प्रोस्ट्रेट ग्रंथियाँ अधिक सक्रिय - Damiana-Q सुबह तथा शाम को आधे गिलास पानी में बीस बूँदें (यह वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाता है)।
यौन रोग➺ योनि की शुष्कता के कारण सहवास में असमर्थता - LYCOPODIUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
यौन रोग➺ सहवास के बाद रोगों का उभरना । Acid Fluoric-30 दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ पुरुष व महिला दोनों में तीव्र यौनेच्छा, हर कार्य जल्दबाजी में करना TARENTULA HISPANICA-30 दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ नपुंसकता, सहवास का प्रयास करने पर उत्तेजना समाप्त हो जाती है - ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ नपुंसकता, यौनांगों की कमजोरी CALADIUM-6 और SELENIUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ नपुंसकता और स्वप्नदोष, जब दिमाग कामुक विचारों को नियंत्रित करने में अक्षम होता है - PICRIC ACID-30 दिन में तीन बार
यौन रोग➺ उत्तेजना नहीं होने के कारण नपुंसकता - ARGENTUM METALLICUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
यौन रोग➺ नपुंसकता, उपचार के लिए SULPHUR 200 की एक खुराक, इसके चार घंटे बाद CALCAREA CARBONICA 200 की एक खुराक। अगले दिन LYCOPODIUM - 1M की एक खुराक दो सप्ताह तक प्रतीक्षा करें और फिर ऊपर का क्रम दोहराएँ । यदि नपुंसकता हस्तमैथुन के कारण है तो BARYTA CARBONICA 200 हर सप्ताह या CALADIUM 30 दिन में दो बार 
यौन रोग➺ नपुंसकता, हस्तमैथुन के कारण, सहवास का प्रयत्न करने पर लिंग का उत्थान नहीं होता, इस कारण यौनेच्छा और यौन क्रिया का अभाव, धीमा और कमजोर उत्थान और शीघ्रपतन, सहवास के बाद कमजोरी महसूस होना SELENIUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार । 
यौन रोग➺ नपुंसकता, यौनशक्ति में कमी-YOHIMBINUM --Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ नपुंसकता, अत्यधिक यौन क्रिया या हस्तमैथुन के कारण - Staphysagria-30 दिन में तीन बार
यौन रोग➺ नपुंसकता, लिंग में चोट लगने के कारण पुरुष स्त्री को गर्भवती बनाने में अक्षम - HYPERICUM PERFORATUM 30 दिन में तीन बार
यौन रोग➺ नपुंसकता, पुरुषों में यौन अधिकता से-CALADIUM 30 दिन में दो बार।
यौन रोग➺ नपुंसकता, सहवास के दौरान वीर्य न निकलने से नपुंसकता और महिलाओं को गर्भवती बनाने की कम संभावना-NATRIUM MURIATICUM 30 दिन में तीन बार लें।
यौन रोग➺ नपुंसकता, पतले वीर्य के कारण, यौन अधिकता, बुरी आदतों के कारण लिंग का उत्थान नहीं होना - NATRIUM PHOSPHORICUM 200 की एक खुराक रोजाना।
यौन रोग➺ नपुंसकता, सहवास के दौरान शीघ्रपतन, अंडकोषों की वृद्धि - CARBONEUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार।
यौन रोग➺ नपुंसकता, अत्यधिक यौनइच्छा, सहवास किए बिना ही वीर्यपात और . दर्दयुक्त स्खलन- CONIUM MACULATUM 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
यौन रोग➺ नपुंसकता, लिंग में ढीलापन, उत्थान का अभाव, हमेशा चिंतित, उदास और निराश रहना- ANACARDIUM ORIENTALE-30 दिन में तीन बार । 
यौन रोग➺ अंडाशय या अंडकोष में ग्रंथियों का कठोरपन, यौनइच्छा को बढ़ाकर नपुंसकता को उत्पन्न करता है- Staphysagria-30 दिन में तीन बार ।
यौन रोग➺ अंडकोषों की सूजन-SPONGIA TOSTA 6 दिन में तीन बार
यौन रोग➺ निचले अंगों में संकुचन, कमजोरी, अत्यंत कब्ज और पेट को ऊपर की ओर खींचा जाना महसूस करना- PLUMBUM METALLICUM 200 की एक खुराक रोजाना । 
यौन रोग➺ लोकोमोटर एटेक्सिया, निचले अंगों में काफी भारीपन, मुश्किल से उन्हें घसीट सकते हैं, चलने के दौरान घिसटते हैं और बैठना जरूरी हो जाता है। केवल खुली आँखों और दिन के समय ही चल सकते हैं, सीढ़ी चढ़ते समय एड़ी में सुन्नता, अत्यंत थकान, आराम के लिए बैठना जरूरी - ALUMINA 200 की एक खुराक।
यौन रोग➺ लोकोमोटर एटेक्सिया, लिंग का यंत्रणादायक उत्थान और सोते ही स्खलन – PICRIC ACID 200 दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ उन्माद, बेकार की बातें करना, महिलाओं को चूमने की इच्छा, मानसिक अवसाद, प्रश्न पूछने पर उत्तर न देना, हमेशा खुद से बातें करना, रोना और गाना - AGARICUS MUSCARIUS-30 की एक खुराक रोजाना तब तक जब तक लक्षण बरकरार रहें ।
यौन रोग➺ उन्माद, खुद को महान् मानना, यौन क्रिया का उन्माद (पुरुषों में) PHOSPHORUS-200 की एक या दो खुराक ।
यौन रोग➺ उन्माद, चीजों को तोड़ने-फोड़ने की इच्छा, सेक्स या धर्म की बातें करना, चुप रहने की प्रवृत्ति, लेकिन चिढ़ने पर डाँटना-फटकारना, गाली देना और दूसरे के दोषों के बारे में बात करना-VERATRUM ALBUM-30 दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ स्त्रियों में हस्तमैथुन, श्वेत प्रदर के साथ, अनियमित, लंबा तथा प्रचुर मासिक धर्म – GRATIOLA-3 हर आठ घंटे पर या GRATIOLA- 30 सुबह शाम।
यौन रोग➺ स्त्रियों द्वारा हस्तमैथुन – PLATINUM METALLICUM-30 दिन में दो बार । 
यौन रोग➺ अधिक हस्तमैथुन, ज्यादा कमजोरी, हाथों में कमजोरी और कंपन GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर चार घंटे पर ।
यौन रोग➺ हस्तमैथुन, यौनांगों में जलन - ORIGANUM MAJORANA-3 दिन में दो बार, पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए उपयुक्त।
यौन रोग➺ निंफोमेनिया (कामोन्माद), पुरुषों व स्त्रियों-दोनों में सेक्स के विचार अनिद्रा उत्पन्न करते हैं, यौनांगों में अत्यधिक दर्द के साथ तीव्र फुलाव - CANTHARIS VESICATORIA 200 की एक खुराक रोजाना ।
यौन रोग➺ कामोन्माद, लेटने से बढ़ता है, अत्यधिक यौनेच्छा, यौनांग अत्यंत संवेदनशील, किसी प्रकार का स्पर्श सहन न होना, मेडिकल जाँच के दौरान भी उनमें तनाव होना-PLATINUM METALLICUM 200 की कुछ खुराकें। 
यौन रोग➺ ओलिगोस्पर्मिया (वीर्य में शुक्राणुओं की कमी), महिलाओं को देखकर जल्दी उत्तेजित हो जाना, छोटे और संकुचित अंडकोष, वीर्य में शुक्राणुओं का अभाव - Strychninum-30 दिन में तीन बार ।
यौन रोग➺ वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, यदि अधिक यौनेच्छा के बावजूद लंबे समय तक सहवास से दूर रहे हों। इसके कारण वीर्य के निर्माण में और साथ-साथ शुक्राणुओं की संख्या में कमी आती है CHININUM SULPHURICUM-30 दिन में तीन बार ।
यौन रोग➺ वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, युवाओं में, अधिक हस्तमैथुन के कारण, उत्तेजना नहीं या पैंतीस-चालीस की आयु में वीर्य में शुक्राणुओं की कमी हो जाए तो - PLATINUM METALLICUM 6 दिन में तीन बार
यौन रोग➺ हस्तमैथुन, विवाहित होने के बावजूद हस्तमैथुन की तीव्र इच्छा USTILAGO MAYDIS माइडिस-3 दिन में दो बार और उसके चार घंटे बाद AGNUS CASTUS 30 हर दिन, एक सप्ताह तक (जब तक स्वास्थ्य अच्छा न हो जाए) या DAMIANA-Q सुबह के समय पाँच बूँदें और एसिड PHOSPHORUS--Q की पाँच बूँदें दोपहर के भोजन के एक घंटे बाद और रात में सोने से पहले या AVENA SATIVA-Q की पाँच से दस बूँदें दिन में दो बार, राहत मिलने तक। 
यौन रोग➺ हस्तमैथुन – एसिड PHOSPHORUS-30, उसके चार घंटे बाद SELENIUM METALLICUM 30 और उसके चार घंटे बाद AGNUS CASTUS-30 एक सप्ताह तक लें। अंडाशय में दाईं ओर पीड़ा, सुन्नता, दर्द दाईं जाँघ तक फैलता है PODOPHYLLINUM 200 दिन में दो बार
यौन रोग➺ अंडाशय में दर्द, मासिक धर्म के आरंभ होते ही गायब हो जाता है, लेकिन उसके समाप्त होते ही फिर शुरू हो जाता है - ZINCUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
यौन रोग➺ अंडाशय में रसौली या ट्यूमर- ARGENTUM METALLICUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
यौन रोग➺ अंडाशय का बढ़ जाना और उसमें दर्द-सेबल SABAL SERRULATA --Q की पाँच बूँदें दिन में दो बार
यौन रोग➺ बाएँ अंडाशय में दर्द, कालापन लिये रक्त के स्राव के साथ- LACHESIS 200 दो सप्ताह में एक खुराक । में 
यौन रोग➺ अंडाशय में चाकू से काटने जैसा दर्द- SABADILLA-30 दिन में तीन बार लिंग का क्षय, हस्तमैथुन और अत्यधिक वीर्यपात से ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ यौन उत्तेजना के समय भी लिंग का शिथिल रहना, उत्तेजना नहीं, मानसिक अवसाद के साथ नपुंसकता CALADIUM 30 की एक खुराक रोजाना लें।
यौन रोग➺ लिंग में दर्द और सूजन-CANNABIS INDICA - 30 दिन में एक बार खाएँ।
यौन रोग➺ लिंग की अग्र त्वचा का सख्त हो जाना—JACARANDA CAROBA- एक्स, दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ अग्र त्वचा का सख्त होना, ठंड, गरमी तथा नम मौसम के प्रति संवेदनशील, दाईं करवट सोने पर बढ़ता है; प्रचुर लार, मुँह से दुर्गंध, जीभ बड़ी और शिथिल, काफी पसीना चलना और इसके कारण लक्षण तीव्र हो जाते हैं; अत्यंत कमजोरी और कंपन Mercurius Vivus 30 और MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों दिन में दो बार
यौन रोग➺ अग्र त्वचा का सख्त होना, मूत्र में जलन और संवेदनशील मूत्रमार्ग - Cannabis sativa-30 दिन में तीन बार वीर्य स्खलन, रात में, हस्तमैथुन करने के बाद भी ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
यौन रोग➺ जल्दी वीर्य स्खलन - STANNUM METALLICUM-200 की एक खुराक रोजाना लें।
यौन रोग➺ मल त्याग या मूत्र त्याग के दौरान जोर लगाने पर वीर्यस्त्राव - SALIX NIGRA-30 दिन में दो बार लें।
यौन रोग➺ वीर्यस्राव, खड़े होने, बैठने, चलने, सवारी करने आदि के दौरान SELENIUM METALLICUM 200 की दिन में एक खुराक खाएँ
यौन रोग➺ वीर्यस्राव, मल-त्याग के दौरान, खासकर कब्ज और यौन कल्पना के कारण – SILICEA-30 केवल सुबह के समय लें।
यौन रोग➺ वीर्यस्त्राव - THUJA -Q, पाँच बूँदें सीधे जीभ पर, जब तक राहत न मिले।
यौन रोग➺ यौनेच्छा कम या बिलकुल नहीं - KALIUM SULPHURICUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
यौन रोग➺ मासिक धर्म के बाद तीव्र यौनेच्छा - KALIUM PHOSPHORICUM 30 हर छह घंटे पर |
यौन रोग➺ मोटे लोगों में यौनेच्छा का हस - KALIUM BICHROMICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
यौन रोग➺ यौनांग अत्यंत संवेदनशील, नैपकिन का स्पर्श भी सहन नहीं होता - PLATINUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन लें ।
यौन रोग➺  यौन-शक्ति का हस, अंडकोषों के क्षय या अतिवृद्धि के कारण - iodum 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
यौन रोग➺ यौन कमजोरी, पौरुष ग्रंथि से लगातार स्राव, जो यौन कमजोरी को जन्म देता है, सहवास के दौरान लिंग का ढीलापन- SULPHUR 30 की दो खुराक - एक सुबह और दूसरी दोपहर में ।
यौन रोग➺ यौन कमजोरी, पुरुषों में, तीव्र इच्छा के बावजूद सहवास करने में असमर्थता, महिला के विचार या उपस्थिति से ही स्खलन हो जाना, उत्थान अपर्याप्त, कम समय तक रहता है और रोगी कमजोरी से पीड़ित होता है, जो दिमाग को प्रभावित करता है— CONIUM MACULATUM मैकुलेटम - 30 हर छह घंटे पर लें।
यौन रोग➺ यौन कमजोरी-LYCOPODIUM 1M की एक खुराक और SELENIUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार, पंद्रह दिनों तक ।
यौन रोग➺ यौन कमजोरी, पीठ दर्द के साथ SELENIUM METALLICUM 30 सुबह शाम और भोजन के बाद KALIUM PHOSPHORICUM-6X एक बार में पाँच गोलियाँ।
यौन रोग➺ स्वप्नदोष - BARYTA CARBONICA 30, GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में तीन बार एक के बाद एक आजमाएँ या DIGITALIS-30
यौन रोग➺ सूजाक के बाद मूत्र-त्याग में परेशानी - PLUMBUM METALLICUM - 30, दिन में दो बार ।
यौन रोग➺ सिफलिस, ग्रंथियों के बढ़ने के साथ प्राथमिक तथा द्वितीय अवस्था में, हड्डियों में दर्द, रात और नम मौसम में बदतर - Mercurius Vivus - 200 और MERCURIUS SOLUBILIS- 200 दोनों एक खुराक प्रतिदिन ।
यौन रोग➺ सिफलिस, प्राथमिक उपदंश - MERCURIUS CORROSIVUS 200 दिन में एक खुराक, बाद के चरण में SYPHILINUM 30 सप्ताह में तीन बार ।
यौन रोग➺ सिफलिस, लिंग में निरंतर जलन, मूत्र का बूँदों में टपकना- CANTHARIS VESICATORIA X आधे कप पानी में दस बूँदें, सुबह-शाम
यौन रोग➺ सिफलिस, बाल गिरना- SELENIUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार ।
यौन रोग➺ सिफलिस, सभी चरणों का, खासकर तृतीयक, गाँठों के लक्षणों के साथ- KALIUM IODATUM-30 दिन में तीन बार
यौन रोग➺ सिफलिस, द्वितीय चरण में, मरकरी के इस्तेमाल से जटिल, गला दुखना- GUAIACUM-6 हर छह घंटे पर।
यौन रोग➺ सिफलिस रोग, जब मरकरी का दुरुपयोग किया जाए, रोगी अति संवेदनशील, मुँह से दुर्गंध; मुँह, नाक और गले के रोग, प्राथमिक उपदंश, गाँठों में मवाद, मवादयुक्त स्राव - HEPAR SULPHUR-200 की एक खुराक रोजाना।
यौन रोग➺ सिफलिस उपदंश, इनगुइनल ग्रंथि की सूजन के साथ, मवाद नहीं - MERCURIUS IODATUS रूबर 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
यौन रोग➺ अंडकोष और लिंग का सिकुड़ जाना, यौन अधिकता या दमित इरप्शन के कारण PLUMBUM METALLICUM-200 दो सप्ताह में एक बार । अंडकोषों का कमजोर होना और गाँठ पड़ना - CALCAREA FLUORICA 6 दिन में तीन बार ।
यौन रोग➺ अंडकोषों का बढ़ जाना, दर्द और खासकर दाएँ अंडकोष में सूजन, गठिया या सूजाक के कारण, पाँवों को एक के ऊपर एक रखकर सोना – RHODODENDRON 30 दिन में दो बार
यौन रोग➺ सिफलिस के कारण दाएँ ओर के अंडकोष का सूज जाना AURUM METALLICUM 30 की एक खुराक रोजाना ।
यौन रोग➺ अंडकोषों में सूजन, उनका सख्त हो जाना, वीर्यनली में अधिक पीड़ा SPONGIA TOSTA-30 दिन में दो बार
यौन रोग➺अंडकोषों में सूजन, अंडकोषों का बढ़ना, उनमें दर्द, लालिमा, वीर्यनली मोटी हो जाती है, पीठदर्द, गरम सिंकाई से बेहतर – PULSATILLA 200 की एक खुराक रोजाना या CLEMATIS ERECTA-30 या HAMAMELIS VIRGINIANA-30 दिन में दो बार।
यौन रोग➺ बाएँ अंडकोष में सूजन - Aurum Muriaticum Natronatum - X दिन में दो बार।
यौन रोग➺ अंडकोषों में वृद्धि - THUJA- 1 M, हर पंद्रहवें दिन और PHOSPHORICUM ACIDUM-6 सुबह-शाम दो माह के बाद THUJA को छोड़कर उसके स्थान पर SPONGIA TOSTA 200 सप्ताह में एक बार प्रयोग करें। 
यौन रोग➺ दाएँ अंडकोष में दर्द - ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में दो बार लें ।
यौन रोग➺ दाएँ अंडकोष का सख्त हो जाना—ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में एक . खुराक।
यौन रोग➺ अंडकोषों में सूजन, तेज दर्द, जो पेट और जाँघों तक फैलता है, स्पर्श के . प्रति अति संवेदनशील – RHODODENDRON-6 दिन में तीन बार ।
यौन रोग➺ पुरुषों के रतिजन्य रोग- SALIX NIGRA Q, दस से बीस बूँदें, दिन में दो बार ।
श्वास रोग➺ खाने-पीने के दौरान दम घुटने का एहसास - ANACARDIUM ORIENTALE 30 दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ दमा, अतिसार तथा नाक में सूजन की एलर्जी संबंधी अवस्थाओं में - KALIUM IODATUM की एक खुराक रोजाना लें ।
श्वास रोग➺ श्वासावरोध, रासायनिक धुएँ के कारण BOVISTA LYCOPERDON 6 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ दमा, श्वास में घरघराहट, खड़खड़ाहट के लक्षण, दम घुटना, साँस लेने में परेशानी, दौरे के समय लेटना भी मुश्किल सिर को पीछे करके बैठना पड़ता है- HEPAR SULPHUR.-30 दिन में दो बार (सुबह तथा रात) |
श्वास रोग➺ दमा, धुंधवाले मौसम में HYPERICUM PERFORATUM-3 हर छह घंटे पर।
श्वास रोग➺ दमा, तत्काल राहत के लिए-BLATTA ORIENTALIS-Q प्रिंडिलिया रॉबस्टा Q, लॉबिलिया आई. Q, SENEGA-Q और PASSIFLORA INCARNATA-Q सभी को बराबर मात्रा में मिलाएँ । इस मिश्रण की पाँच बूँदें दो बड़े चम्मच पानी में मिलाकर दिन में तीन-चार बार लें। - IPECACUANHA X यह पहला उपचार होना चाहिए तेज दमा मे और जल्दी जल्दी देना चाहिए ।
श्वास रोग➺दमा, रात में एक बजे से तीन बजे तक हालत बदतर – ARSENICUM ALBUM - 30 दिन में दो बार ।
श्वास रोग➺ दमा का दौरा, रात में दो से चार बजे के बीच, दौरे के समय सिर नीचा करके और घुटनों पर कुहनियाँ टिकाकर बैठना-KALIUM CARBONICUM 200 की साप्ताहिक खुराक ।
श्वास रोग➺ दमा के दौरेमें तत्काल राहत के लिए - BLATTA ORIENTALIS-Q की पाँच बूँदेंहर दो घंटे पर पानी में डालकर, इसके स्थान पर VIBURNUM OPULUS-Q पानी में पाँच बूँदें डालकर भी हर दो घंटे पर ले सकते हैं।
श्वास रोग➺ कार्डिएक दमा (हृदय गति शून्यता के कारण श्वासावरोध), सेप्टिक अवस्था के कारण–PYROGENIUM 30 दिन में तीन बार बच्चों को दमा, सीने में खड़खड़ाहट और वमन के साथ
श्वास रोग➺ श्वसन में कठिनाई और बेचैनी के साथ दमा-ARSENICUM ALBUM- 30 की IPECACUANHA 30 दिन में तीन बार एक या दो खुराक रोजाना लें।
श्वास रोग➺दमा, धीरे-धीरे टहलने पर राहत मिलती है, तेज गति से टहलने या चलने पर लक्षण बढ़ जाते हैं, मध्य रात्रि के बाद बदतर स्थिति-FERRUM METALLICUM 6 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ दमा, पहली नींद के बाद तेज घरघराहट, श्वसन के साथ खाँसी, शाम या रात के समय हालत बदतर- ARALIA RACEMOSA-3 दिन में तीन बार |
श्वास रोग➺ दमा, टीके से या गलत तरीके से इंजेक्शन देने से उभरना THUJA 30 की एक खुराक रोजाना लें।
श्वास रोग➺ दमा, नींद टूटने से पहले और बाद में उभरता है- LACHESIS 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
श्वास रोग➺ दमा, पूर्णिमा के दौरान प्रकोप - SILICEA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
श्वास रोग➺ दमा, बदहज्मी तथा भोजन संबंधी अनियमितताओं से वृद्धि – NUX VOMICA 200 की रात में एक खुराक नित्य ।
श्वास रोग➺ दमा, मौसम के आकस्मिक परिवर्तन से उभरता है - SILICEA 200 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
श्वास रोग➺ दमा, ठंडे नम मौसम, मानसून के मौसम में या झील, समुद्र आदि के किनारे बढ़ता है। खाँसी के दौरान रोगी अपने हाथों से सीना पकड़ लेता है - Natrum sulph. -30 दिन में दो बार
श्वास रोग➺ दमा, सूखे ठंडे मौसम में बढ़ता है और नम मौसम में बेहतर होता है HEPAR SULPHUR. 200 की एक खुराक रोजाना ।
श्वास रोग➺ दमा, गरमियों में या अधिक ऊँचाईवाले स्थान पर उभरता है - NUPHAR LUTEUM - 200 की एक खुराक रोजाना ।
श्वास रोग➺ दमा, नम मौसम में उभरता है और रात तीन बजे से सुबह पाँच बजे के बीच आक्रमण होता है-KALIUM CARBONICUM 200 की साप्ताहिक खुराक।
श्वास रोग➺ दमा, उच्च रक्तचाप के साथ संबद्ध-BARYTA CARBONICA -30 दिन में दो बार प्रतिदिन ।
श्वास रोग➺ दमा, दम घुटने और सीने पर दबाव का एहसास - Yerba santa-Q पानी में पाँच बूँदें, हर दो घंटे के अंतराल पर ।
श्वास रोग➺ दमा, समुद्र तट पर रहने या अधिक नमक खाने पर MAGNESIUM MURIATICUM 30 की एक खुराक रोजाना लें ।
श्वास रोग➺ दमा, दौरे के समय कफ नहीं निकल पाता और बैठे रहने पर पैर लगातार हिलते रहते हैं- ZINCUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ दमा, दौरे के समय रोगी ठंडी वायु पाने की इच्छा करता है - Ammonium Carbonicum 30 दिन में दो बार
श्वास रोग➺ दमा, रात को अचानक दौरा पड़ता है, बच्चा नीला पड़ जाता है, दौरे के बाद हाँफते हुए साँस लेता है, एक और दौरे के साथ जागता है, प्रचुर मूत्र विसर्जन के बाद राहत मिलती है, जागने पर अधिक मात्रा में पसीना आता है - LYSSINUMSAMBUCUS NIGRA 200 दो सप्ताह में एक बार
श्वास रोग➺ दमा, समुद्र तट से दूर - BROMIUM 30 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ दमा, खाना खाने से बेहतर होता है GRAPHITES 30 दिन में दो बार )
श्वास रोग➺ दमा, लेटने और हाथों को शरीर से दूर खुला रखने पर बेहतर होता है PSORINUM 200 की एक खुराक रोज। यदि इससे लाभ न हो तो TUBERCULINUM 200 दिन में दो बार
श्वास रोग➺ दमा, पेट के बल लेटने, समुद्र के पास और नम मौसम के दौरान आराम – Medorrhinum 200 की एक खुराक, यदि लक्षण बने रहें तो एक और खुराक ली जा सकती है।
श्वास रोग➺ दमा, सूखे ठंडे मौसम में ठीक रहता है और नम मौसम में बढ़ जाता है - Natrum sulph.-30 दिन में तीन बार या DULCAMARA-30 दिन में तीन बार।
श्वास रोग➺ दमा, ठंड से आराम – AURUM METALLICUM 200 की एक खुराक रोज ।
श्वास रोग➺ दमा, मानसून के दौरान बेहतर- CAUSTICUM 30 हर छह घंटे पर ।
श्वास रोग➺ दमा, फेफड़ों में पर्याप्त हवा न पहुँचने के कारण हाँफना, खाँसी के कारण लेटने में परेशानी, बैठने से आराम, कफ निकाल नहीं सकते - ANTIMONIUM TARTARICUM 6 हर छह घंटे पर।
श्वास रोग➺ दमा, बदहज्मी के साथ कार्डिएक, लेटने में परेशानी, बैठने पर आराम, नाक की श्लेष्मा कला से अधिक स्राव तथा गले में सिकुड़न के साथ दौरा शुरू होता है - NAJA TRIPUDIANS-6 दिन में चार बार
श्वास रोग➺ दमा, अधिक खाने के कारण-NUX VOMICA- 200 की एक खुराक रोज।
श्वास रोग➺ दमा, प्रदूषण के कारण - SULPHURICUM ACIDUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन (ब्रोकियल अस्थमा में लाभदायक ) ।
श्वास रोग➺ दमा, दौरे के समय सिर को हाथों पर रखकर और उन्हें तकिये पर रखकर सोने की इच्छा होती है- ARALIA RACEMOSA. -6 दिन में चार बार।
श्वास रोग➺ दमा, सक्रिय, अति रक्ताल्पता के कारण- ACONITUM NAPELLUS 6 दिन में तीन बार।
श्वास रोग➺ दमा, चेचक के कारण - Carbo Vegetabilis 200 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
श्वास रोग➺ दमा, माध्यम अधिक स्पष्ट नहीं हैं - IPECACUANHA 30 और ARSENICUM ALBUM- 30 हर तीन घंटे पर बदल-बदलकर लें।
श्वास रोग➺ बच्चों में दमा, वसायुक्त भोजन से एलर्जी-PULSATILLA 30 दो सप्ताह एक बार।
श्वास रोग➺ अनियमित मासिक धर्मवाली महिलाओं को दमा- PULSATILLA 200 की एक खुराक रोजाना लें ।
श्वास रोग➺ सहवास का प्रयास करने पर दमा- AMBRA GRISEA -30 दिन में दो बार ।
श्वास रोग➺ श्वसन मार्ग की शुष्कता के साथ तेज दमा, शुष्क गला, कंठ, श्वासनली की शुष्कता, कभी-कभी खड़खड़ाहट, सीटी की आवाज और घरघराहट, बदहज्मी, कफ निकलने में परेशानी, जिसके कारण उसे निगलना पड़ता है; सिरदर्द, आगे की ओर झुकने पर आराम-SPONGIA TOSTA-6 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ दमा, रात में अचानक शुरू होता है और भोर में समाप्त हो जाता है - SYPHILINUM 200 सप्ताह में दो बार
श्वास रोग➺ दमा, कफ निकालने में असमर्थ, परंतु जैसे ही रोगी कफ निकाल देता है, वह आराम महसूस करता है-ZINCUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
श्वास रोग➺ दमा, सीने में संकुचन के साथ तेज दौरा, घरघराहट भरी खाँसी, दम घुटने का एहसास और बदहज्मी- IPECACUANHA 30 दिन में तीन बार लें।
श्वास रोग➺ दमा, जब रोगी को नजदीक से पंखा झले जाने और पंखे के सामने रहने की इच्छा होती है - Carbo Vegetabilis-30 हर छह घंटे पर। , लंबे समय से मौजूद त्वचा रोगों के साथ-Sulphur Iodatum - 3 दमा, दिन में तीन बार, दो बूँदें।
श्वास रोग➺ दमा, कंठ तथा सीने में सूखेपन तथा जलन के साथ, तलवों तथा हथेलियों में जलन, मुँह में कड़वा स्वाद - SANGUINARIA CANADENSIS-Q दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ दमा, गैस्ट्रिक लक्षणों के साथ - KALIUM MURIATICUM - 6 दिन में दो बार
श्वास रोग➺ दमा, सीने में घरघराहट की आवाज - IPECACUANHA -6 दिन में दो बार दाएँ फेफड़े में तेज दर्द- ARSENICUM ALBUM 6 दिन में दो बार, सुबह सात बजे और दोपहर तीन बजे ।
श्वास रोग➺ दमा, परिवार में फेफड़ों का वंशानुगत रोग BACILLINUM BURNETT 200 साप्ताहिक खुराक या M दस-पंद्रह दिनों के बाद दुहराई जा सकती है ।
श्वास रोग➺ दमा, सोने के तुरंत बाद या पहली नींद के बाद स्थिति बिगड़ती है - ARALIA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ दमा का दौरा, इसके दौरान मिचली और वमन के साथ अधिक मात्रा में लार निकलती है - LOBELIA INFLATA-30 दिन में दो बार ।
श्वास रोग➺ समय-समय पर दमा का दौरा, अत्यंत थकान के साथ – CHININUM ARSENICOSUM 3 दिन में चार बार
श्वास रोग➺ दमा के मरीज, जिन्हें पंखा या तकिए के इस्तेमाल से एलर्जी होती है - MANGANUM ACETICUM-30 दिन में दो बार
श्वास रोग➺ सीढ़ियाँ चढ़ते समय साँस फूलना तथा अत्यंत कमजोरी महसूस होना – iodum-1M महीने में एक खुराक ।
श्वास रोग➺ सीढ़ियाँ चढ़ते समय साँस लेने में कठिनाई-NITRICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार ।
श्वास रोग➺ दुर्गंधयुक्त साँस–MURIATICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार लें।
श्वास रोग➺ सोने के दौरान साँस रुक जानातथा इसके कारण नींद खुलना, साँस लेने के प्रयास में नींद उड़ जाना DIGITALIS PURPUREA 30 दिन में दो बार । खाँसी के दौरान साँस लेने में परेशानी, लेटने पर अधिक परेशानी, खाँसी में खड़खड़ाहट की आवाज तथा बैठने पर बेहतर महसूस करना - ANTIMONIUM TARTARICUM 6 हर छह घंटे पर।
श्वास रोग➺ ऊँचाई पर चढ़ते समय जल्दी-जल्दी साँस लेने के लिए विवश होना . DIGITALIS PURPUREA 30 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ सोने के लिए बिस्तर पर लेटते ही दम घुटने का एहसास होने के कारण सोने में परेशानी – GRINDELIA ROBUSTA-Q की पानी में दो-तीन बूँदें। साँस लेने में परेशानी, इसके कारण कोई पेय पदार्थ पीने में भी परेशानी कम मात्रा में पेय पदार्थ का सेवन संभव है- KALIUM NITRICUM-6 दिन में दो बार ।
श्वास रोग➺ सीने में कफ के कारण साँस लेने में परेशानी- Ammonium Carbonicum 30 हर छह घंटे पर।
श्वास रोग➺ मध्य रात्रि के बाद अचानक साँस लेने में परेशानी और इसके कारण रोगी की नींद टूट जाना— SPONGIA TOSTA -30 दिन में दो बार
श्वास रोग➺ साँस फूलना - BRYONIA-6 दो-तीन दिनों के लिए दिन में तीन बार इससे लाभ न होने पर IPECACUANHA 6 दिन में तीन बार । यदि इससे भी लाभ न हो तो RHUS TOXICODENDRON. 6 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ सीढ़ियाँ चढ़ते समय साँस फूलना, इसके कारण बात नहीं कर सकते - iodum 30 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ सीढ़ियाँ चढ़ते समय साँस फूलना- लॉबीलिया 30 दिन में तीन बार ब्रोंकाइटिस, चिपचिपा तथा रस्सी जैसा बलगम, मूत्र त्याग करने में जलन तथा दर्द CANTHARIS VESICATORIA-30 दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ ठंड के कारण सीने तथा पसलियों में दर्द, निमोनिया या प्लूरिसी में - Ranunculus Bulbosus 30 हर छह घंटे पर दें।
श्वास रोग➺ दमा की खाँसी, सूखी ठंडी वायु के कारण - ACONITUM NAPELLUS नेपीलस-30 दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ दमा, शुष्क ठंडी हवा में जाने पर, गहरी रूखी खाँसी, बलगम की खड़खड़ाहट, सुबह तथा मध्य रात्रि से पहले बदतर, ठंडी हवा तथा शीतल पेय पदार्थों के कारण अधिक खाँसी, गरमी से राहत हिपर SULPHURICUM ACIDUM 200 की एक खुराक नित्य लें।
श्वास रोग➺ दमा, कर्कश सूखी खाँसी, गरम नम मौसम में अधिक बुरी स्थिति, छींक तथा साँस लेने के दौरान चीरने की-सी आवाज - iodum-30 दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ दमा में यदि iodum - 30, HEPAR SULPHUR-30, SPONGIA TOSTA 200 और फॉस्फोरिकम 30 से लाभ न हो तो BROMIUM 30 दिन में दो बार, क्रम से।
श्वास रोग➺ दमा, बेचैनी से, घरघराहट की आवाज, साँस लेने के दौरान और आधी रात के समय बुरी स्थिति – SPONGIA TOSTA-30 दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ श्वास छोड़ने में कठिनाई - HYDROCYANICUM ACIDUM 6 चार घंटे के अंतराल पर या LYSSINUMSAMBUCUS NIGRA-6 दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ श्वास लेने में कठिनाई - ARSENICUM ALBUM-6 चार घंटे के अंतराल पर ।
श्वास रोगश्वसन-प्रक्रिया में कठिनाई, बोलने, पढ़ने, गाने और निगलने पर खाँसी में वृद्धि, सिर को नीचे रखकर लेटने पर राहत-SPONGIA TOSTA - 200 की एक खुराक प्रतिदिन।
श्वास रोग➺ श्वास लेने में कठिनाई, गरम कमरे, भीड़ भरे कमरे, थिएटर, चर्च आदि में दम घुटने का एहसास - LILIUM TIGRINUM-30 दिन में तीन बार । श्वास लेने में कठिनाई, बैठने पर, सोने के बाद और कमरे में अधिक, तेजी से चलने पर स्थिति बेहतर SEPIA 200 की चंद खुराकें।
श्वास रोग➺ श्वास लेने में कठिनाई, बाईं करवट सोने पर, दाईं करवट और सिर ऊँचा करके सोना पड़ता है, दौरा पड़ने पर मरीज की नींद टूट जाती है - SPONGIA TOSTA-30 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ श्वास लेने में कठिनाई, हाँफना, हृदयसंबंधी जलोदर के साथ तेज नाड़ी गति – CRATAEGUS OXYACANTHA-Q की पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार लें।
श्वास रोग➺ श्वास लेने में कठिनाई, दाईं करवट तथा सिर ऊँचा करके सोने पर आराम - SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार
श्वास रोग➺ श्वास लेने में कठिनाई, नील रोग-Carbo Vegetabilis-30 दिन में तीन बार लें।
श्वास रोग➺ कफ न निकल पाना, कफ निकलते ही राहत - ZINCUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार ।
श्वास रोग➺ साँस छोड़ने में परेशानी, परंतु साँस लेने में कोई परेशानी नहीं Chlorum- 6 हर घंटे |
श्वास रोग➺ दमा में साँस लेने में कठिनाई - GRINDELIA ROBUSTA रोबस्टा-Q की एक बार में दो से पाँच बूँदें, जब भी आवश्यकता हो । साँस लेने में कठिनाई - JABORANDI-30 दिन में तीन बार लें। .
चर्म रोग➺ फोड़ा (आरंभिक चरण में) -HEPAR SULPHUR-30 दिन में दो बार। यदि फोड़ा पूरी तरह बढ़ चुका है तो HEPAR SULPHUR-200 प्रतिदिन एक खुराक। फोड़े को थोड़े ही समय में ठीक कर देगा।
चर्म रोग➺ जूतों के दबाव के कारण पैरों की त्वचा सख्त होना-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ सर्दियों में ठंडे पानी से धोने के कारण उँगलियों का फटना तथा खून निकलना–CISTUS CANADENSIS-200 सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ उँगलियों की त्वचा का फटना-GRAPHITES-200 या PETROLEUM 200 की एक खुराक रोज (जब रोग सर्दियों में आरंभ हो और बढ़े) ।
चर्म रोग➺ नथनों तथा मुँह के कोनों का फटना-ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ उँगलियों के किनारों तथा हाथ के पृष्ठभाग में दरारें-PETROLEUM 200 की दो सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ गैंगरीन, जलन के साथ-CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ गैंगरीन, जख्म, दुर्गंधयुक्त स्राववाले फोड़े-KREOSOTUM-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ गैंगरीन, काले रंग का EUPHORBIA LATHYRISम-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ घाव का अल्सर बनना शुरू होना- Ammonium Carbonicum-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ गर्भाशय के द्वार पर जख्म-ALUMINA 200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ नील पड़े हुए जख्म-CALENDULA OFFICINALIS-Q, लगाने के लिए (एक औंस पानी में दस बूँदे) और CALENDULA OFFICINALIS-30 हर तीन घंटे पर खाएँ भी।
चर्म रोग➺ छिद्रवाले घाव-LEDUM PALUSTRE-30 हर दो घंटे पर।
चर्म रोग➺ पैरों में घाव, जो रक्त-विषाक्तता और स्राव के कारण नहीं भर पाते-GUNPOWDER-3X दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ दर्द रहित फोड़ें, बगलों मेंCALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ फोड़े से पीब निकालने के लिए-GUAIACUM-6 दिन में चार बार।
चर्म रोग➺ दुर्घटना से लगी चोट, ऑपरेशन के बाद दर्द या हड्डी में चोट ARNICA-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ लड़कों के चेहरे पर मुहाँसे-Calcarea Picrica-200 की दिन में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ लड़कियों के मुहाँसे-CALCAREA PHOSPHORICA-200 की दिन में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ मासिकस्राव के दौरान चेहरे पर मुहाँसे-PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराका
चर्म रोग➺ बार बार मुहाँसे का उभरना - Silica pure 200 दो सप्ताह में एक बार या ACTAEA RACEMOSA (खुराक X रोजाना दो माह तक)।
चर्म रोग➺ मुहाँसे, नीलाभ लाल फफोले, युवाओं में निशान छोड़ जाते Kali Bichromicum-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ सौंदर्य प्रसाधनों के कारण होनेवाले मुहाँसे BOVISTA LYCOPERDON-200 की रोजाना एक खुराक ।
चर्म रोग➺ रक्ताल्पता (एनीमिया) से ग्रस्त लड़कियों में मुहाँसे-CALCAREA PHOSPHORICA 200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ गुलाबी मुहाँसे Arsenicum Bromatum-Q की दो बूँदें दिन में दो बार ।
चर्म रोग➺ शुष्क चेहरे पर मुहाँसे THUJA-200 दिन में केवल दो बार।
चर्म रोग➺ खुजली के साथ मुहाँसे-JUGLANS REGIA-30 दिन में केवल
चर्म रोग➺ तैलीय चेहरे पर मुहाँसे NATRIUM MURIATICUM-200 सप्ताह Calcarea Picrica-30 रोजाना एक खुराक।
चर्म रोग➺ मवादयुक्त मुहाँसे हेपर SULPHURिस 200 सप्ताह में एक बार तथा Calcarea Picrica-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ गरमियों में अधिक होनेवाले मुहाँसे-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में तीन बार
चर्म रोग➺ बाल कटवाने के बाद परेशानी- ACONITUM NAPELLUS-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ दबाई हुई खुजली, SULPHUR मलहम का इस्तेमाल-SELENIUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ खुजली, स्रावों को रोकने से उत्पन्न रोग-PSORINUM-200 दो सप्ताह में
चर्म रोग➺ कपड़े धोने से त्वचा संबंधी रोग-SEPIA 200 दो सप्ताह में एक एक बार।
चर्म रोग➺ फोड़ा, गैंगरीन, विषैले अल्सर आदि, जिनमें प्रभावित भाग नीला पड़ जाता है, उसमें जलन होती है और जो रोगी को रात भर जागने के लिए मजबूर कर देता है- TARENTULA CUBENSIS-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ बाई बाँह पर खुजली, हृदय रोग तथा सुन्नता के साथ - RHUS TOXICODENDRON 30 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ स्नान के बाद त्वचा पर लाल दाने-Ammonium Carbonicum-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ जलने से फफोले-KALIUM MURIATICUM-6 दिन में दो बार ।
चर्म रोग➺ शरीर पर खुजलीयुक्त काले धब्बे या नीलाभ लाल धब्बे-SULPHURICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ त्वचा का नीलापन (सायनोसिस) पलकों, होंठों, जीभ का, फूली नसें, कान तथा जीभ, साँस लेने में कठिनाई, अनियमित नाड़ी-DIGITALIS PURPUREA 30 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ शरीर पर पसयुक्त फोड़े-फुंसी-Natrum sulph-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ दुर्गंधयुक्त फोड़े तथा घाव-KALIUM PHOSPHORICUM-200 की रोज एक खुराक । बालों के बीच (सिर पर) फोड़े-ARNICA-30 हर तीन घंटे पर या ECHINACEA ANGUSTIFOLIA-Q की पानी में मिलाकर पाँच बूँदें हर दो घंटे पर।
चर्म रोग➺ जोड़ों पर फोड़े, शहद जैसा स्राव-GRAPHITES-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ कानों या नाक में फोड़े-Calcarea Picrata-6 हर तीन घंटे पर।
चर्म रोग➺ हरे पस के साथ फोड़ा-Secale cornutum-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ फोड़ों का फिर से उभरना-GUNPOWDER-2X दिन में तीन बार या PHYTOLACCA-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺  बालों के बीच पसयुक्त छोटे फोड़े, काफी दर्द, बाद में नाक पर उभरते हैं -TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ तीव्र दर्दवाले फोड़े-HEPAR SULPHUR-30 हर तीन घंटे पर।
चर्म रोग➺ फोड़े, घाव, आस-पास की त्वचा बदरंग, नसों की सूजन तथा जलन CROTALUS HORRIDUS एच. 6 दिन में दो बार
चर्म रोग➺ फोड़े, खुजली के बाद त्वचा शुष्क तथा फटी-फटी हो जाती है ALUMINA 200 की एक खुराक रोज।
चर्म रोग➺ हर सर्दी में उभरनेवाले फोड़े, जो गरमियों में ठीक हो जाते हैं PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ सर्दियों के दौरान कान के आस-पास उत्पन्न फोड़े, जो गरमियों में सूख जाते हैं- PETROLEUM-200 की एक खुराक रोज।
चर्म रोग➺ सेप्टिक जख्मों या घावों के रूप में फोड़े-ACTAEA SPICATA.-3X हर चार घंटे पर।
चर्म रोग➺ मासिक धर्म के दौरान उत्पन्न फोड़े-DULCAMARA-6 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ गरमियों के दौरान उभरनेवाले फोड़े-ARNICA -200 की एक खुराक रोज
चर्म रोग➺ सख्त तथा सूजे हुए फोडे, काफी जलन और पीड़ा, जो अचानक होती है BELLADONNA-3 हर चार घंटे पर।
चर्म रोग➺ सख्त फोड़े, आसानी से नहीं फूटते, रात में असहनीय पीडा उत्पन्न MERCURIUS SOLUBILIS-3 दिन में तीन बार (यह फोड़ों और पस को सुखा देता है, यदि पस पहले ही हो गया हो तो फोड़े फूट जाएँगे)।
चर्म रोग➺ जलनयुक्त फोडे, उनसे स्राव भी होता है-SULPHUR-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ बालों के बीच फोड़े, पीडादायक, एक के बाद एक उत्पन्न होते हैं ARNICA-1M एक खुराक ।
चर्म रोग➺ जोड़ों पर फोड़े-HEPAR SULPHUR-200 की एक खुराक।
चर्म रोग➺ बार-बार उत्पन्न होनेवाले फोड़े-SYPHILINUM-1M की एक खुराक फोड़ों के आस-पास सूजन SILICEA-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ कान तथा गले के पृष्ठभाग पर छोटे फोड़े-PICRIC ACID-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ फोड़े निकलते समय लाल रंग के, उनमें जलन तथा दर्द और बुखार ACONITUM NAPELLUS-30 एक घंटे के अंतराल पर (कभी-कभी फोड़े फूट जाते है)।
चर्म रोग➺ अधिक पस तथा तापमानवाले फोड़े-ECHINACEA ANGUSTIFOLIA-Q हर दो घंटे पर, पानी में पाँच बूँदें।
चर्म रोग➺ पस की संभावनावाले फोड़े-HEPAR SULPHUR - 200 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ पसयुक्त फोड़े, जो ठीक होने में समय लेते हैं-SILICEA-200 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ पसवाले फोड़े, जो जख्मों में बदल जाते हैं-MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ सूजन तथा बुखारवाले फोड़े, परंतु उनमें पस नहीं होता BELLADONNA-6 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ पूरे शरीर पर खुजलीवाले पानीदार फोडे, खुजाने पर राहत मिलती है, परंतु बाद में उनमें जलन होती है CARBOLICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ फोड़े, फफोलों का घाव बन जाना—CARBOLICUM ACIDUM-30 सुबह-शाम फोड़े-HEPAR SULPHUR. 30 दिन में तीन बार, यदि फोड़ों के किनारे काले हैं तो LACHESIS- 200 को चौथे दिन दें, LACHESIS देने के दौरान नमक का सेवन कम करें।
चर्म रोग➺ चेचक- PULSATILLA-6 या 30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ तलवों मेंतंग जूते पहनने के कारण त्वचा सख्त हो जाती है-SULPHUR 30 रोज सुबह, एक खुराक
चर्म रोग➺ तलवों पर कॉर्न, पैर ठंडा रहता है-ANTIMONIUM CRUDUM 1M की एक खुराक, आवश्यकता हो तो दुहराएँ।
चर्म रोग➺ हाथ-पैरों में ठंड तथा शुष्कता के कारण दरारें, रक्त निकलता है, त्वचा काफी सूखी, ठंड तथा बिस्तर की गरमी से रोग बढ़ता है ALUMINA 200 की एक खुराक रोज (इन लक्षणों के साथ रजोनिवृत्ति में भी यह दवा उपयोगी है)।
चर्म रोग➺ त्वचा का फटना-GRAPHITES-200 चौथे दिन पर एक खुराक हथेलियों में दरारें तथा सख्त त्वचा-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ सिर पर पपड़ीदार त्वचा, जिसके नीचे गाढ़ा सफेद मवाद एकत्रित होता है, बाल चिपकते हैं, एक समय के बाद मवाद बदबूदार तथा नुकसानदेह हो जाता है- MEZEREUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा तथा टायफॉयड-PSORINUM-1M, दो सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, माथे पर पीला खुरंड-CICUTA VIROSA- 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
चर्म रोग➺ त्वचा की परतों में एक्जीमा, लालिमा, पीड़ा-TUBERCULINUM-200 एक सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ बालों में एक्जीमा, नम तथा पीड़ादायक-TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ नम एक्जीमा-GRAPHITES-1M, अगले दिन से SULPHUR-30 छह दिनों तक दिन में तीन बार, फिर GRAPHITES-1M दुहराएँ (सप्ताह में एक खुराक) तथा SULPHUR-30 दिन में तीन बार, राहत मिलने तक।
चर्म रोग➺ पलकों का एक्जीमा-GRAPHITES 200 दो सप्ताह में एक
चर्म रोग➺ चेहरे का एक्जीमा CICUTA VIROSA-30 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ जननांग में एक्जीमा- PETROLEUM 200 दो सप्ताह में एक बार। छालों जैसा एक्जीमा, तेज खुजली के साथ, परंतु त्वचा इतनी नाजुक होती है कि खुजलाना असंभव होता है, हलकी रगड़ से राहत-CROTON TIGLIUM 30 हर छह घंटे पर।
चर्म रोग➺  खुजलीयुक्त स्राव के साथ एक्जीमा, टीका लगने के बाद, असहनीय खुजली, स्पर्श तथा खुजली करने और बिस्तर की गरमी के कारण स्थिति बदतर, दुर्गंधयुक्त स्त्राव - MEZEREUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ बिना खुजली के एक्जीमा, स्राव से नीबू के रंग जैसी सख्त पपड़ी बनती है -CICUTA VIROSA- 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, बढ़ी ग्रंथियोंवाले लोगों के कानों के पास या चेहरे पर CISTUS CANADENSIS 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, ठंड से स्थिति बेहतर PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, टीके के बाद विकसित-VARIOLINUM-200 की सप्ताह में एक खुराक।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, शुष्क, खुजलीदार, स्त्राव, सर्दियों और ठंडे नम मौसम में बदतर, रात में सोते समय असहनीय खुजली-RHUS TOXICODENDRON-200 दिन में दो बार लें।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, खोपड़ी पर स्राव, कान के पीछे, अंडकोष, गुदाद्वार, हाथों और . पैरों का फटना तथा खून निकलना, सर्दियों में बदतर, गरमियों में राहत - PETROLEUM 200, एक खुराक रोजाना, यदि पूर्ण राहत न हो तभी दुहराएँ।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, हाथों तथा उँगलियों में दरारें, कब्ज-SANICULA AQUA-200 दो सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, जिससे पानीदार पारदर्शी चिपकनेवाला शहद जैसा द्रव रिसता है— GRAPHITES 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, काफी खुजली, कपड़े उतारते समय, रात में तथा गरमी के कारण अधिक बुरी स्थिति, शुष्क त्वचा। धारीदार स्राव, जो खुजलाने पर नम हो जाते हैं—KALIUM ARSENICOSUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन (जल्दी जल्दी न दुहराएँ ।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, सामान्यतः कान के पास, सिर के किनारों पर, शुष्क तथा नम . स्राव, फोड़ों से स्राव होता है, स्राव के संपर्क से नए छाले बनते हैं, तीव्र खुजली, एक स्थान पर खुजलाने से खुजली में राहत मिलती है, परंतु तत्काल वह दूसरी जगह उभर जाता है-STAPHYSAGRIA 200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, कान के पीछे से स्राव-TUBERCULINUM - 200 सप्ताह में एक . बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, चिपकनेवाला पदार्थ निकलता है-GRAPHITES-200 की सप्ताह में एक खुराक या PETROLEUM 200 सप्ताह में एक खुराक (यदि एक्जीमा सर्दियों में बढ़ जाए) ।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, लाल रंग का, दर्द व जलनयुक्त, खासकर बालों के किनारों में, अधिक नमक खाने, समुद्र तट पर या समुद्री यात्रा में बदतर NATRIUM MURIATICUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, हथेली पर पानीदार छोटे फोड़े-Ranunculus Bulbosus 200 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, पूरे शरीर पर दरारें, अत्यंत खुजली, रात में कपड़े उतारने या नहाने पर स्थिति और भी खराब TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, त्वचा से स्राव, गाढ़ा तथा चिपकनेवाला स्त्राव- GRAPHITES-6 . दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, रात में अत्यंत खुजली, धोने से स्त्राव अधिक होता है, रूखी तथा ढीली त्वचा SULPHUR-6 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, पतला तथा पानीदार रिसाव-PETROLEUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, तेज खुजलीदार स्राव, मोटी पपड़ी, गाढ़ा पीला स्राव एकत्र होता है MEZEREUM-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ दाढ़ी में एक्जीमा-ARSENICUM IODATUM-6 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ एक्जीमा, सर्दियों में उभरता है और गरमियों में बेहतर होता है— PETROLEUM 200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ वसायुक्त भोजन का दुष्प्रभाव-Carbo Vegetabilis-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ त्वचा पर फोड़े-फुंसी, शुष्क या नम, त्वचा धारीदार तथा शुष्क, गंदी, दुर्गंधयुक्त, फुंसियाँ हर सर्दी में उभर आती हैं और गरमियों में गायब हो जाती हैं PSORINUM 200 की एक खुराक
चर्म रोग➺ फोड़े-फुंसी, तेज खुजली-KALIUM ARSENICOSUM-6 हर छह घंटे पर।
चर्म रोग➺ फोड़े-फुंसी, शहद जैसा द्रव निकलता है— GRAPHITES-200 की सप्ताह में एक खुराका
चर्म रोग➺ फोड़े-फुंसी, मासिक धर्म के दौरान माथे पर खुजली-SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ फोड़े-फुंसी, त्वचा पर ताँबे के रंग की CARBO ANIMALIS-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ फोड़े-फुंसी, पूरे शरीर पर छालों की तरह, तेज खुजली, रगड़ने से राहत, परंतु बाद में जलन भरा दर्द- CARBOLICUM ACIDUM 30 जब तक लक्षण रहें, दुहरा सकते हैं।
चर्म रोग➺ त्वचा का लाल होना, धूप में जाने पर CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार । पालादंश तथा बिवाई, गरमी के कारण खुजली में वृद्धि AGARICUS MUSCARIUS मसकेरियस-200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ स्त्री के चेहरे पर मूँछें या अवांछित स्थानों पर बाल उगना - THUJA 200 सप्ताह में दो बार पंद्रह दिनों तक, बराबर मात्रा में जैतून के तेल और नीबू के रस का मिश्रण बालवाले स्थान पर मलें या THYROIDINUM-200 सप्ताह में एक बार और सप्ताह के बाकी दिन THUJA-30 की एक खुराक एक माह के पश्चात् THYROIDINUM के स्थान पर LYCOPODIUM-200 सप्ताह में एक बार और THUJA-30 पहले की तरह देते रहें ।
चर्म रोग➺ खुजली और छोटे फोड़ों का उभरना या प्रभावित भाग का लाल हो जाना -SULPHUR 200 सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ आँख के आस-पास और अंदर खुजली-AGNUS CASTUS-6 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ गुदा में खुजली-Aesculus Hippocastanum-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ योनि में खुजली, गुप्तांगों में जलन और दुर्गंध-SULPHUR 30 की एक खुराक सुबह और एक खुराक शाम के समय या LACHESIS 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ तेज खुजली, रात में सोते समय रोगी कपडे फेंक देता है, लेकिन ठंड महसूस करता है और शरीर को ढकना पड़ता है, जिसके बाद खुजली फिर शुरू हो जाती है PSORINUM-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ वृद्धों को खुजली-BARYTA CARBONICA-30 दिन में दो बार लें।
चर्म रोग➺ गुप्तांगों में खुजली-ARSENICUM ALBUM 6 सुबह सात बजे और दोपहर तीन बजे रोजाना।
चर्म रोग➺ अंडकोषों में खुजली-CROTON TIGLIUM-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ तेज खुजली, बिस्तर की गरमी से या खुजलाने के कारण स्थिति और बदतर, जिससे नींद बाधित होती है PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ त्वचा पर कुछ उभरे बिना खुजली, सर्दियों में हालत बदतर ALUMINA-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ फुंसियाँ होने के बाद खुजली-HEPAR SULPHUR-200, एक खुराक रोजाना ।
चर्म रोग➺ खुजली रात में सोने के दौरान बढ़ जाती है- MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ खुजली, सोने के लिए बिस्तर पर जाते ही-SULPHUR-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ खुजली, गुदा में पिन वार्म से-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ खुजली, उँगलियों के बीच या जोड़ों में-PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ खुजली, यौनांगों और योनि में KREOSOTUM-30 हर छह घंटे पर।
चर्म रोग➺ खुजली, शुष्क या नम-ECHINACEA ANGUSTIFOLIA-Q की दस बूँदें, दिन में चार बार।
चर्म रोग➺ खुजली, जननांगों में AMBRA GRISEA 30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ तेज खुजली, ठंडे स्नान से बेहतर, गरमी और खुजलाने से बढ़ती है Fagopyrum-6 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ खुजली, सोते समय या गरम कमरे में तेज खुजली, खुजली एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाती है, त्वचा लाल और मुलायम हो जाती है MEZEREUM-200 हर छह घंटे पर।
चर्म रोग➺ खुजली, नाक तथा गुदा में कीड़ों के कारण-EUPHORBIA LATHYRISम-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ खुजली, भग में जलन के साथ खुजली, रात में बढ़ जाती है, जो नींद में बाधा पहुँचाती है, खुजली के साथ शरीर के अंदर पिन चुभने जैसा एहसास, जल्दी जल्दी मूत्र त्याग की इच्छा डोलीचोस-6 दिन में तीन बार CALENDULA OFFICINALIS-Q का बाहरी इस्तेमाल, पर्याप्त पानी में दस बूँदें डालकर सुबह-शाम धोएँ) ।
चर्म रोग➺ खुजली, पूरे शरीर पर, कोई फोड़ा-फुंसी नहीं-Dolichos-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
चर्म रोग➺ खुजली, बार-बार लौटती है Sulphur Iodatum-3 X दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ खुजली, अत्यंत तेज, खुजली के दौरान जब एक स्थान पर खुजलाने से राहत मिलती है तो दूसरे स्थान पर खुजली होने लगती है STAPHYSAGRIA 200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ खुजली, गुदा में तेज खुजली-KALIUM SULPHURICUM-200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ खुजली, पीलिया में THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार
चर्म रोग➺ खुजली, ठंड के कारण और कपड़े उतारने पर अधिक, गरमी से बेहतर– RUMEX CRISPUS-30 दिन में दो बार लें।
चर्म रोग➺ खुजली, कपडे बदलते समय-ARSENICUM ALBUM 200 की एक खुराक रोजाना। ल्यूकोडर्मा (सफेद दाग) आर्सेनिकम सल्पाऊ फ्लेवम उएक्स दिन में तीन बार और पंद्रह दिनों में एक बार NATRIUM MURIATICUM M (जब धब्बों पर लाल आभा हो) या SYPHILINUM-1M (जब धब्बों पर सफेद रंगत हो); जब एक माह के बाद कोई सुधार न दिखे तो आर्सेनिकम सल्फ फ्लेवम की पोटेंसी बढ़ाकर 30 कर दें (एक खुराक रोजाना) और अन्य दवाएँ उपर्युक्त क्रम में ही दें।
चर्म रोग➺ सफेद दाग- Psoralea corylifolia-Q सुबह के समय दस बूँदें। Hydrocotyle-Q शाम के समय दस बूँदें।
चर्म रोग➺ मुहाँसे और फुंसियाँ, चेहरे परCALCAREA SULPHURICA-6 X दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ माथे और गालों पर लाल मुहाँसे, छूने पर दर्द होता है – LEDUM PALUSTRE-200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ हाथों की खारिश या हथेलियों की त्वचा का सख्त हो जाना GRAPHITES-200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ हाथ और पैरों पर खारिश, इसके बाद पूरे शरीर पर फैलता है, तेज खुजली, रात में गरमी और कपड़े उतारने पर अधिक बुरी स्थिति-KALIUM ARSENICOSUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
चर्म रोग➺ साइकोटिक रोग, जैसे नाखून विकृत होना, बाल झड़ना आदि-Acid Fluoric-30 दिन में दो बार ।
चर्म रोग➺ शरीर पर दरोरे, मधुमक्खी के काटने जैसा दर्द, ठंडी सिंकाई से बेहतर, प्यास न लगना- APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ त्वचा रोग (एक्जीमा आदि), फुंसियाँ, चेहरे, सिर और शरीर के अन्य अंगों पर गाढ़ा पीला निशान छोड़ती हैं-CICUTA VIROSA- 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ त्वचा रोग, त्वचा पर भूरा धब्बा, खुजली के साथ - SEPIA 200 सप्ताह में एक बार।
चर्म रोग➺ त्वचा संबंधी बीमारियाँ (फोड़ा, पित्ती, खाज, सोराइसिस आदि) खुजली से हालत खराब-NATRIUM ARSENICOSUM-6 हर चार घंटे पर।
चर्म रोग➺ त्वचा रोग, हर वसंत में प्रकट होते हैं-Natrum sulph-200 की एक खुराक प्रतिदिन खाएँ।
चर्म रोग➺ त्वचा पर फुंसियाँ, ग्रंथियों की सूजन के साथ-BARYTA CARBONICA-6 दिन में दो बार लें।
चर्म रोग➺ त्वचा संबंधी समस्या - CALOTROPIS GIGANTEA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ अंगों की त्वचा की समस्या, निप्पलों का फटना, होंठों, जीभ, गुदा तथा गर्भग्रीवा का फटना - HYDRASTIS CANADENSIS 200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ त्वचा का सख्त होना-GRAPHITES 200 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
चर्म रोग➺ त्वचा का ठंडा होना, फिर भी उसे ढकने की इच्छा नहीं- Secale cornutum-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ फोड़ों के कारण त्वचा का रंग नीला-LACHESIS 30 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ त्वचा का फटना, हाथ, तलवों, नथनों, छाती, उँगलियों के बीच आदि का और दरारों से शहद जैसा स्राव-GRAPHITES-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ लाल त्वचा, खुजली और जलन-AGARICUS MUSCARIUS-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
चर्म रोग➺ त्वचा पर बड़े आकार के बहुत से गोलाकार धब्बे-SEPIA 1 M की सप्ताह में एक खुराक
चर्म रोग➺ पित्ती, नहाने के बाद, असहनीय खुजली, ठंडी हवा से बदतर, गठिया संबंधी शिकायतों से जुड़ा, ज्वर–RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार ।
चर्म रोग➺ पित्ती, मांस खाने से RUTA GRAVEOLENS-200 की एक खुराक रोजाना। बार। में तीन बार।
चर्म रोग➺ हृदय का तेजी से धड़कना, दस्त, नहाने पर स्थिति बदतर- BOVISTA LYCOPERDON 200 की
चर्म रोग➺ पित्ती, समृद्ध भोजन के बाद, विलंबित मासिकस्राव, कपड़े उतारने से बदतर, दस्त से संबंधित-PULSATILLA-200 की एक खुराक रोजाना।
चर्म रोग➺ पित्ती, गहरे लाल दरीरे, अधिक जलन, मधुमक्खी के दंश की तरह दर्द, ठंड से बेहतर, प्यास न लगना- APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ पित्ती, जलन, खुजली और प्रभावित भागों में सूजन, लालिमा एवं उनका गरम हो जाना—AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ पित्ती, खासकर रात में स्थिति बदतर-APIS MELLIFICA-3X हर दो घंटे पर।
चर्म रोग➺ पित्ती, समुद्र तट के पास रहने पर-ARSENICUM ALBUM-30 दिन में तीन
चर्म रोग➺ पित्ती, अधिक व्यायाम के बाद, पूरे शरीर पर-NATRIUM MURIATICUM-6 दिन
चर्म रोग➺ पित्ती, आकस्मिक आक्रमण, तेज खुजली और अधिक लालिमा BELLADONNA-30 हर तीन घंटे पर।
चर्म रोग➺ पित्ती, अक्सर, शरीर में गरमी महसूस होना-KALIUM IODATUM-30 दिन में दो बार ।
चर्म रोग➺ पित्ती, ज्वर के साथ, ठंडी सिंकाई से बेहतर-Hygrophila spinosa-6 हर तीन घंटे पर।
चर्म रोग➺ छालों का उभरना, चेहरे पर, अत्यंत जलन के साथ Ranunculus Bulbosus 200 की एक खुराक रोजाना ।
चर्म रोग➺ पूरे शरीर पर छाले, दर्द और स्रावयुक्त- CANTHARIS VESICATORIA-30 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ आसानी से परेशान हो जाना, महिलाएँ तुरंत आँसू बहाने लगती हैं PLATINUM METALLICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
चर्म रोग➺ लंबे समय तक पानी में रहकर कपड़े धोने के कारण त्वचासंबंधी समस्याएँ SEPIA 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
चर्म रोग➺ पैर की उंगलियों और नाखून में गलका-SILICEA 200 हर चार घंटे पर
चर्म रोग➺ गलका- - BELLADONNA 30, इसे MERCURIUS SOLUBILIS-30 के साथ बदलकर लें, हर दो घंटे पर।
चर्म रोग➺ गलका- माइरिस्टिका 30 या Natrum sulph-6 दिन में तीन बार।
चर्म रोग➺ गलका, अधिक जलनयुक्त दर्द, काले या नीले रंग का, दुर्गंधित स्राव - ANTHRACINUM-30 दिन में दो बार ।
चर्म रोग➺ गलका, तीव्र पीड़ा के साथ-Acid Fluoric-30 दिन में दो बार।
चर्म रोग➺ गलका, फोडे, फुंसियाँ - SILICEA 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ तीसरे या पाँचवें महीने में गर्भपात, स्त्री बहुत चिड़चिड़ी होती है, मूड में उतार-चढ़ाव, अकेलेपन का भय - SEPIA 200 एक खुराक, जब भी आवश्यकता हो तो एक खुराक ले सकती हैं।
स्त्री रोग➺ गर्भपात पर नियंत्रण के लिए - VIBURNUM OPULUS ओ. पी. क्यू. दिन में दो बार, , दो चम्मच पानी में दो से पाँच बूँद ।
स्त्री रोग➺ सिफलिस रोग के कारण बार-बार गर्भपात ऑरम म्युरिएटिकम नेट्रोनेटम-3X दिन में दो बार
स्त्री रोग➺ गर्भपात के बाद लगातार रक्तस्राव - PSORINUM 306 घंटे पर एक खुराक लें।
स्त्री रोग➺ गर्भपात के दुष्प्रभाव - KALIUM CARBONICUM 30 दो सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ गर्भपात के दुष्प्रभाव के कारण रक्तस्राव, एल्ब्युमिनेरिया, मधुमेह आदि - HELONIAS DIOICA-Q दिन में तीन बार दो से पाँच बूँदें। 
स्त्री रोग➺ बार बार गर्भपात : हिस्टीरिया ग्रस्त महिलाओं में गर्भाशय को सुरक्षित तथा दुरुस्त करने के लिए CAULOPHYLLUM 30 हर 6 घंटे पर । बार-बार गर्भपात, तीसरे माह में ACTAEA RACEMOSA- 3 X एक सप्ताह तक हर तीन घंटे पर । 
स्त्री रोग➺ यदि बार-बार गर्भपात हो - SYPHILINUM-200 दो सप्ताह में एक बार दें।
स्त्री रोग➺ यदि रोगिणी में पहले भी गर्भपात की प्रवृत्ति रही हो, खासकर एक माह के गर्भ की, तो रोगिणी को उस अवधि में पूरा आराम करना चाहिए और उसे SABINA 30 की खुराक देनी चाहिए ।
स्त्री रोग➺ आठवें माह में गर्भपात - CALCAREA FLUORICA-30 दिन में तीन बार । गर्भपात - PULSATILLA - 1 M एक खुराक, यदि फायदा न हो तो तीसरे दिन के बाद फिर लें। दो माह का गर्भ गिराया जा सकता है या GOSSYPIUM HERBACEUM-Q तीन दिनों तक दिन में तीन बार, दो चम्मच पानी में दस बूँदें।
स्त्री रोग➺ हिस्टीरिया या वात से ग्रस्त महिलाओं में लगातार तीसरे माह गर्भपात - ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार । तीसरे माह में गर्भपात के खतरे और गर्भपात के बाद के कुप्रभावों से निपटने के लिए-SECALE CORNUTUM-30 दिन में तीन बार
स्त्री रोग➺ तीसरे माह में गर्भपात के खतरे और गर्भपात के बाद के कुप्रभावों से निपटने के लिए-SECALE CORNUTUM-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ पीठदर्द के कारण गर्भपात का खतरा, खड़े होने तथा चलने पर अधिक परेशानी, बैठने तथा दबाव देने से आराम-KALIUM CARBONICUM-200 सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ गर्भपात की प्रवृत्ति को रोकने के लिए-CHINA OFFICINALIS-30 सप्ताह में दो बार एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ छाती में दूध जमा होना- BRYONIA-30 या PHYTOLACCA-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ प्रसव या गर्भपात के बाद कष्ट-ARNICA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ बीमारी में सोने से राहत-MANGANUM ACETICUM एसिटिकम-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ दबाए गए स्त्रावों, जैसे- मासिक-धर्म, पसीना, प्रसवोत्तर स्राव, गनोरिया आदि के कारण उत्पन्न रोग, जो इन स्रावों के होने पर ठीक होते हैं-ZINCUM METALLICUM 1M सप्ताह में एक खुराक।
स्त्री रोग➺ दुर्गंधयुक्त स्राव-KALIUM PHOSPHORICUM्फॉरिकम-200 एक खुराक रोजाना। .
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के दौरान कष्ट-Actaea Racemosa-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ स्तन का सख्त होना या निप्पलों का संकुचन, निप्पल छोटे और ढीले हो जाते हैं-SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ क्रोध, उदरशूल, डायरिया, दमित प्रसवस्त्राव, वमन और रुके मासिक-धर्म से उत्पन्न बीमारियाँ-COLOCYNTHIS-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के आरंभिक काल में उच्च तापमान के साथ ज्वर, मूत्र में एल्बुमिन की अधिक मात्रा, मूत्रमार्ग में जलन, मूत्र कम मात्रा में आना MERCURIUS SOLUBILIS-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
स्त्री रोग➺ भय के कारण ऋतुस्राव का न होना- ACONITUM NAPELLUS-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ कम आयु की लड़कियों में पेट और हाथ-पैरों की जलोदर जैसी अवस्था होना और मासिकस्राव का न होना- APOCYNUM CANNABINUM-Q दिन में दो बार पाँच से दस बूँदें।
स्त्री रोग➺ गर्भनिरोध- CYCLAMEN EUROPAEUM-Q पाँच बूँदें या जेंथोजाइलम-Q पाँच बूँदें, मासिक धर्म समाप्त होने के दिन से आरंभ करके सात से दस दिनों तक लगातार लेने पर गर्भधारण से बचाव हो सकता है।
स्त्री रोग➺ गर्भ निरोध-PULSATILLA-200 हर माह मासिक धर्म की संभावित तिथि से पहले के चार दिनों तक लगातार सेवन करने पर गर्भधारण से बचाव संभव है।
स्त्री रोग➺ गर्भ निरोध Testis Siccati-3X हर माह मासिक धर्म की समाप्ति के बाद सात दिनों तक 3 दाने दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ गर्भ निरोध NATRIUM MURIATICUM-200 X की तीन खुराक मासिक-धर्म की समाप्ति के बाद पहले, दूसरे तथा तीसरे दिन ली जाए और इसे हर माह दुहराया जाए, जब तक कि गर्भधारण की इच्छा न हो।
स्त्री रोग➺ रक्तस्राव, चटख लाल तथा प्रचुर रक्त- IPECACUANHA-6 हर दो या तीन घंटों पर ।
स्त्री रोग➺ रक्तस्राव, महिलाओं में निरंतर-KALIUM CARBONICUM-200 सप्ताह में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव BELLADONNA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ शरीर के किसी भी अंग से अत्यधिक रक्तस्राव ACETICUM ACIDUM -30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का अर्बुद - CONIUM MACULATUM-30 या PHYTOLACCA-30 या CHAMOMILLA 30 दिन में तीन बार, लक्षणों के अनुसार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय में पथरी-हाइड्रास्ट्रिस-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार गर्भाशय से रक्तस्त्राव, सिरदर्द, पेट में जीवित बच्चे के चलने फिरने का एहसास-CROCUS SATIVUS-6 दिन में चार बारा
स्त्री रोग➺ बच्चे को दुग्धपान कराते समय गर्भाशय से रक्तस्त्राव SILICEA 200 केवल एक खुराक।
स्त्री रोग➺ चलने पर गर्भाशय से रक्तस्त्राव-USTILAGO MAYDIS-30 दिन में दो बार
स्त्री रोग➺ किसी भी प्रकार का रक्तस्राव-SABINA-30 दिन में तीन बार, स्थायी उपचार के लिए सुबह में SULPHUR या PSORINUM-1M की एक खुराक दी जा सकती है।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के बीच में रक्तस्राव, जरा सी थकान या मल त्याग में जोर लगाने पर AMBRA GRISEA-30 एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ स्तन तथा निप्पल को छूने पर दर्द, स्तन तथा निप्पल ठंडे रहते हैं, जबकि शेष शरीर गरम रहता है, खासकर मासिक धर्म के दौरान Medorrhinum-200 सप्ताह में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ स्तनों में सूजन, पीड़ायुक्त तथा संवेदनशील, निप्पल सिकुड़े होते हैं ARSENICUM IODATUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ स्तनों का दूध सुखाने के लिए AGNUS CASTUS-30 सुबह-शाम या URTICA URENS-Q की दस बूँदें आधा कप पानी में मिलाकर, सुबह-शाम।
स्त्री रोग➺ स्तनों में अचानक सूख गया दूध बढ़ाने के लिए LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ दूध (गाढ़ा या पतला) के साथ रक्त आता हो-PHYTOLACCA-Q दो से चार बूँदें, दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ स्तनों में गाँठ, अत्यंत सख्त CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ स्तनों में सूजन, ठंड के कारण, स्तनों में दर्द, जो पीठ तक फैलता है PHYTOLACCA-Q दो से चार बूँद दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ स्तनों में गाँठ की तरह ट्यूमर, इधर-उधर हिलनेवाला, अत्यंत संवेदनशील, बाँह हिलाने पर काफी दर्द तथा मासिक धर्म से पहले कष्ट अधिक CALCAREA IODATA-3X दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ शरीर के अनुपात में स्तनों का अधिक बढ़ना-Chimaphila Umbellata-Q दिन में दो बार पानी में पाँच बूँदें मिलाकर लें।
स्त्री रोग➺ स्तन पत्थर की तरह सख्त, हलकी गतिविधि पर भी दर्द, चलते समय दर्द से राहत के लिए स्तनों को हाथ से पकड़ना पड़ता है- BRYONIA-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ सख्त स्तन, पीड़ादायक ट्यूमर-PHYTOLACCA 200 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ स्तनों में जलन, दर्द, शरीर थोड़ा सा हिलने पर भी तेज दर्द, सीढ़ियाँ चढ़ते या उतरते समय उन्हें थामने की जरूरत पड़ती है-LAC CANINUM. 200 एक खुराक रोज।
स्त्री रोग➺ ज्वर के दौरान स्तनों में दर्द तथा लालिमा-BELLADONNA-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ छोटे स्तन, पूर्ण विकसित नहीं हो पाना-सेबल SABAL SERRULATA-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ स्तनों में सूजन, निप्पलों में दर्द, काफी कमजोरी-HELONIAS DIOICA-6 हर चार घंटे पर ।
स्त्री रोग➺ स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए Yohimbinum 3 या 6 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ काफी सख्त स्तन, सूजे हुए, गरम, काफी दर्द, बच्चे को दुग्धपान कराने पर दर्द पूरी पीठ में फैल जाता है-PHYTOLACCA-सी. एम. महीने में एक खुराक चाँद घटने के दौरान।
स्त्री रोग➺ दुग्धपान करने के दौरान माँ को स्तनों तथा गर्भाशय में दर्द या रक्तस्त्राव SILICEA 200 सप्ताह में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ बच्चे द्वारा स्तनपान करने के दौरानमाँ को पेट के खाली होने का एहसास -CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के दौरान दर्दयुक्त, सख्त स्तन या चोट अथवा खरोंच के बाद स्तनों में सूजन-CONIUM MACULATUM मैक.-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का नासूर, गर्भाशय में तीव्र पीड़ा, निरंतर रक्तस्राव, बाद में यह प्रचुर स्राव काला और अत्यंत दुर्गंधयुक्त हो जाता है, पूरे बीमार अंग में जलनयुक्त तीव्र पीड़ा होती है LAPIS ALBUS-30 सप्ताह में एक खुराक।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति के दौरान अधिक अवसाद MUREX PURPUREA -30 एक खुराक (यदि) लक्षण बरकरार रहें तो खुराक दुहराई जा सकती है)।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति, गरमी की कौंध, जो श्रोणीय अंगों में आरंभ होकर वहाँ से पूरे शरीर में फैलता है, साथ ही पसीना और चक्कर आते हैं- SEPIA 200 की कुछ खुराकें।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति, हानिकारक निकास के कारण-SULPHUR-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति, बाएँ स्तन के नीचे दर्द-ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान खाँसी, दाँत दर्द, बेहोशी, मिचली, वमन, डायरिया आदि-NUX MOSCHATA-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के बाद कब्ज, बड़ा तथा सख्त मल-MEZEREUM-30 की एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था में कब्ज के साथ डायरिया-PODOPHYLLINUM-200 सुबह शाम एक-एक खुराक । और
स्त्री रोग➺ महिलाओं को कब्ज, वृद्धों में बारी-बारी डायरिया के साथ-ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ कब्ज, हमेशा मासिक-धर्म से पहले और दौरान, मल अत्यंत जोर लगाने के बाद उतरता है, परंतु आंशिक रूप से निकलता है या फिर वापस चला जाता है - SILICEA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के समय कब्ज, हरापन लिये हुए पानीदार डायरिया के साथ- AETHUSA CYNAPIUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म से पहले नाक बहना MAGNESIUM CARBONICUM-6 एक खुराक रोज।
स्त्री रोग➺ विलंबित प्रसव पीड़ा, ऐंठन, गर्भग्रीवा में सुई चुभने जैसा दर्द CAULOPHYLLUM-6 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ प्रसव के बाद नसों की सूजन-ARNICA M एक माह में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ समय पूर्व प्रसव, जिसमें महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया हो-ACTAEA RACEMOSA-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ आसान तथा सफल प्रसव के लिए-CAULOPHYLLUM-3 प्रसव की संभावित तिथि से कुछ दिन पहले से, दिन में चार बार।
स्त्री रोग➺ महिलाओं में अवसाद- IGNATIA AMARA-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ स्त्री रोग संबंधी समस्याओं से संबद्ध अवसाद SEPIA-30 दो सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ गर्भवती स्त्रियों में अवसाद-CIMICIFUGA RACEMOSA-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ किसी भी कारण से अवसाद-CADMIUM SULPHURATUM-200 या उपर्युक्त, दिन में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ दुग्धपान के दौरान बेचैनी के कारण दूध का गायब होना-CAUSTICUM-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान समस्या, तीसरे माह गर्भपात, वमन तथा पैरों की नसों की सूजन, एल्बुमिनेरिया, उच्च रक्तचाप, दिल का तेज धड़कना THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, अधिक जल्दी मासिक-धर्म, ठंड तथा नमी महसूस होना, न्यूनतम मानसिक उत्तेजना भी प्रचुर मासिकस्राव को प्रेरित करती है CALCAREA CARBONICA 6 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, दर्द सभी दिशाओं में फैलता है और नीचे जाँघों तक जाता है - Berberis Vulgaris Q की पाँच बूँदें दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, वमन तथा जल्दी-जल्दी मल-त्याग- VERATRUM ALBUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ कष्टप्रद मासिक-धर्म, कभी-कभी तथा मरोड्युक्त दर्द, पीड़ा से छटपटाना -CAULOPHYLLUM-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, दर्द पीठ से शुरू होता है तथा कमर और गर्भाशय तक जाता है, फिर वहाँ मरोड़ होता है-VIBURNUM OPULUS पानी में पाँच बूँदें मिलाकर दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, मासिक धर्म के दौरान दर्द MAGNESIUM PHOSPHORICUM-30 चार घंटे पर या गरम पानी में 6X की पाँच गोलियाँ, पंद्रह मिनट के अंतराल पर।
स्त्री रोग➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, दर्द पीठ से आरंभ होकर नितंबों से होते हुए जाँघों तक- ACTAEA RACEMOSA-3 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, मासिक धर्म से पहले स्थिति बदतर, ऋतुस्राव के बाद ठीक, नुकीला दर्द, दाई ओर दबाने तथा गरमी से बेहतर MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 एक खुराक रोज।
स्त्री रोग➺ बच्चे को स्तनपान कराते समय सीने में दर्द, जो पूरे शरीर में फैलता है या सीने में मरोड़-PHYTOLACCA-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म से संबंधित स्त्री-रोग, तीसरे या पाँचवें माह में गर्भपात, गर्भावस्था विकार-SEPIA 200 सप्ताह में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ प्रसवजन्य ज्वर, शरीर में दर्द, अधिक बेचैनी, करवट बदलना जरूरी, बिस्तर का सख्त महसूस होना, उच्च तापमान, नाड़ी-गति तेज और कब्ज PYROGENIUM-6 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ स्थूलकाय महिलाओं में यूटेराइन फाइब्रायड - THYROIDINUM-30 दिन में विलंबित प्रसव पीड़ा, ऐंठन संबंधी-CAULOPHYLLUM-6 चार घंटे के
स्त्री रोग➺ कमजोर प्रसव पीड़ा, तीव्र और आसान प्रसव के लिए काली PHOSPHORUS-6 हर छह घंटे पर। तीन बार।
स्त्री रोग➺ गर्भनाल का फिक्सेशन- CIMICIFUGA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ भ्रूण या गर्भनाल बने रहना, काला, अत्यंत दुर्गंधयुक्त स्त्राव - PYROGENIUM 200 दिन में दो बार
स्त्री रोग➺ महिलाओं के संवेदनशील गुप्तांग, इतने संवेदनशील कि वे नैपकिन का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं-Staphysagria-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ सिर चकराना, गंभीर उदासी-COCCULUS INDICUS 30 की प्रतिदिन एकखुराक।
स्त्री रोग➺ दमित सूजाक, महिलाओं में-Aurum Muriaticum Natronatum-3X दिन में चार बार।
स्त्री रोग➺ लंबे समय तक अप्रभावी प्रसव पीड़ा Secale cornutum-6 हर चार घंटे अंतराल पर ।
स्त्री रोग➺ प्रसव पीड़ा बढ़ाने के लिए-SENEGA-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ प्रसव पीड़ा, नीचे की ओर दबाव, गुदा और कभी-कभी मूत्राशय की ग्रीवा तक फैलती है, अपर्याप्त प्रसव पीड़ा, मल-त्याग या जल्दी-जल्दी मूत्र त्याग की इच्छा-NUX VOMICA-200 की एक खुराक लक्षणों के बरकरार रहने पर दुहराएँ।
स्त्री रोग➺ कमजोर प्रसव पीड़ा, दमित दर्द, कमजोर, लेकिन थुलथुल महिलाओं में -Secale cornutum-200 एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ अधिक दूध आना, बच्चा माँ का दूध पसंद नहीं करता-CALCAREA CARBONICA-30 दिन में दो बार (दूध की गुणवत्ता और मात्रा को सुधारता है)।
स्त्री रोग➺ ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) पतली दुर्बल महिलाओं में STANNUM METALLICUM-30 कुछ खुराकें ।
स्त्री रोग➺ खूनी ल्यूकोरिया- CINA-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, मासिक धर्म से पाँच-छह दिन पहले बूँदें, दिन में तीन बार CEDRON-Q दो से पाँच
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, दिन-रात तिक्त स्राव, मासिक धर्म से पहले और बाद में जलन - GRAPHITES 30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, तिक्त जलन, दर्द के साथ खुजली, मूत्र के संपर्क से खुजली बदतर, लेकिन धोने से आराम - Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS-200 दोनों एक-एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, तिक्त, दुर्गंधयुक्त, जलनकारी, मासिक धर्म के दौरान बदतर, स्टार्च की तरह सख्त, कपड़ों पर पीले दाग पड़ जाते हैं-KREOSOTUM-200 एक खुराक प्रतिदिन।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, तिक्त, गर्भग्रीवा में नासूर के कारण जलनकारी-SANGUINARIA CANADENSIS-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, हर बार मूत्र त्याग के बाद नाभि के पास दर्द से शुरू, अंडे की तरह सफेद या भूरा, पतला और दर्द रहित-Ammonium Muriaticum-6 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, मानसिक अवसाद से बढ़ता है, लेकिन ल्यूकोरिया बदतर स्थिति में होने पर अवसाद दूर हो जाता है-MUREX PURPUREA -6 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर ALUMINA 200 सप्ताह में एक खुराक, तीन से चार सप्ताहों तक। यदि ल्यूकोरिया काफी प्रचुर मात्रा में है तो CARBO ANIMALIS-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, बाँझपन को उत्पन्न करता है-CAULOPHYLLUM-6 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, स्थायी, प्रचुर, विनाशक, क्योंकि कपड़ों में छिद्र कर देता है iodum-1M एक खुराक
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, संक्षारक, लेकिन अन्य स्त्राव असंक्षारक-PULSATILLA-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, हरा स्राव-SECALE CORNUTUM-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, पीला, गाढ़ा और गाँठदार स्राव, साथ ही इसी प्रकार का स्राव नाक और गले से-CALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ युवतियों में श्वेत प्रदर, तिक्त स्राव, माथे पर धब्बे CAULOPHYLLUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, हरा या हरे-पीले रंग का स्राव-KALIUM IODATUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, बच्चों में कमजोरी-MILLEFOLIUM 30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, दुबली महिलाओं में मासिक धर्म से पहले SEPIA 200 दो सप्ताह में एक बार और फिर GRAPHITES-200 की एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, जो अंडे की सफेदी की तरह सूखने के बाद कपड़ों पर पीले धब्बे छोड़ जाता है— AGNUS CASTUS-6 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, दुर्गंधयुक्त, पैरों की चमड़ी पर प्रभाव डालता है- ARSENICUM ALBUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, प्रचुर मात्रा में बहकर एडियों तक आता है, लेकिन नैपकिन में आसानी से सोख लिया जाता है-SYPHILINUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर - SEPIA - 1M एक खुराक, एक सप्ताह से पहले न दुहराएँ, फिर CALCAREA CARBONICA-30 दिन में तीन बार, राहत मिलने तक या Ova tosta-3X या 6X दिन में तीन बार और सप्ताह में एक बार PULSATILLA 200 की एक खुराक
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, चिपचिपा, योनि से सफेद स्राव, जो दूधिया या दही जैसा हो सकता है, कभी-कभी पीला या नीला-लाल होता है, स्राव गरम, मासिक धर्म के दौरान अत्यंत दर्द, शरीर में चमक; लेकिन चेहरा शुष्क, भूख न लगना, कब्ज, पेट में भारीपन, योनि में निरंतर खुजली, नीचे की ओर जाने से डरना, कमजोरी और थकान- BORAX-6 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, पानीदार, त्वचा को नुकसान पहुँचानेवाला, पीला, कभी-कभी अंडे की सफेदी की तरह–ALUMINA-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, सफेद या भूरा, पतला या गाढ़ा-KALIUM MURIATICUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, साथ में पीठदर्द भी, चलने से पैर थक जाते हैं-AESCULUS HIPPOCASTANUM-6 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺श्वेत प्रदर, अधिक खट्टी गंध के साथ-HEPAR SULPHUR-30 हर छह घंटे पर। .
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, पुरानी चीज के साथ, समुद्री मछली की गंध के साथ SANICULA AQUA-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, पीला, कमजोरी के साथ-HYDRASTIS-6 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ श्वेत प्रदर, सफेद और गाढ़ा, खुजली, दुर्गंध-NATRIUM PHOSPHORICUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ स्तनों में गाँठ, सख्त, सूजन और दर्द-CARBO ANIMALIS-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
स्त्री रोग➺ स्तनों में पीड़ा, हर मासिक धर्म के समय, ऐसा महसूस होना कि उनमें घाव है - Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS- 200 दोनों एक-एक खुराक रोज।
स्त्री रोग➺ स्तन में नासूर या गाँठ, गाँठे पीड़ादायक और पत्थर की तरह सख्त, जिनसे पीब निकलता है, बैगनी रंग की गाँठे-PHYTOLACCA 200 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ दुग्धग्रंथियों का छीजना, मासिक धर्म के दौरान अधिक कमजोरी, तिक्त श्वेत प्रदर, मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव और दर्द तथा गर्भग्रीवाकठोर–iodum-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
स्त्री रोग➺ मेनिया (उन्माद), सभी प्रकार के, यौनेच्छा काफी अधिकBARYTA MURIATICA-200 दिन में एक बार।
स्त्री रोग➺ मेनिया (प्रसूतिकाल-संबंधी), उदासी, खुद को चोट पहुँचाने की प्रवृत्ति ACTAEA RACEMOSA-3 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ उन्माद (कामुकता), अशालीन, कपड़े फेंक देना, नग्न होकर बिस्तर पर लेटना और अश्लील गाने गाना-SINAPIS NIGRA-30 की एक खुराक प्रतिदिन।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति, गरम पसीना, सिर में जलन और दर्द-LACHESIS-200 की एक खुराक, यदि आवश्यकता हो तो दुहराएँ।
स्त्री रोग➺ स्तनशोथ, अधिक पीड़ा, बच्चे को दूध पिलाते समय निपल से उसी ओर के कंधे की हड्डी की ओर फैलता है CROTON TIGLIUM दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ अवसाद, किशोरावस्था, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के समय, उदासी और रोना, माथे के पिछले भाग में दर्द, ठंड लगना, बेचैनी, दिल तेजी से धड़कना और एनीमिया ग्रस्त स्त्रियों में कब्ज, मुँह में शुष्कता, जीभ पर मैल की परत जमना, अपने भविष्य के बारे में अवसादग्रस्त - NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति, ठंडा शरीर, पीला चेहरा, प्रचुर पसीना, पंखा झले जाने और खुली हवा लेने की इच्छा-Carbo Vegetabilis-200 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति, अत्यधिक रक्तस्राव - VINCA MINOR-3 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्त्राव, गर्भपात के बाद SULPHUR-3 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव, गैस्ट्रिक समस्याओं के साथ, सुबह में अधिक–NUX VOMICA 30 सुबह-शाम ।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्राव, थकान, एक मासिक धर्म से निवृत्त होने के तुरंत बाद दूसरा आरंभ हो जाता है THLASPI BURSA PASTORIS-Q पाँच बूँदें पानी में मिलाकर दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्राव, चटख लाल रंग का हर दो सप्ताह में, विस्थापित गर्भाशय के कारण गहरे रंग के थक्के- TRILLIUM PENDULUM पेंडुलम-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्राव, गर्भाशय स्थायी रूप से कठोर हो जाता है, ग्रंथियों की सूजन-CARBO ANIMALIS-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्त्राव, पीठ में तेज दर्द, जो कूल्हों से होकर जांघों तक जाता है—ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्राव, तेज ऋतुस्राव, केवल रात में महिला बेचैन प्रवृत्ति की होती है - BOVISTA LYCOPERDON 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के बाद, गर्भवती न होने के बावजूद स्तनों में दूध CYCLAMEN EUROPAEUM-6 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ विलंबित मासिकस्राव-PULSATILLA-200 हर सप्ताह दो खुराक और काली PHOSPHORUS-6X दो महीने तक रात में।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के दौरान, हिस्टीरिया के लक्षण और दर्द, जितना अधिक रक्तस्राव उतना ही दर्द-CIMICIFUGA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार
स्त्री रोग➺ मासिकस्राव के कारण थकान, बोल नहीं सकते, पैरों की कमजोरी के कारण खड़े होने में असमर्थ- COCCULUS INDICUS 30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ अनियमित मासिक धर्म, जल्दी और अल्प मात्रा में, केवल चलने-फिरने के दौरान मासिकस्राव, जो रात में बंद हो जाता है, मासिकस्राव से पहले कब्ज-LILIUM TIGRINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक
स्त्री रोग➺ नगण्य, अनियमित या विलंबित मासिक-धर्म-LOBELIA INFLATA-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ क्लोरोसिस के साथ न्यून मासिकस्राव - ACETICUM ACIDUM -6 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ दमित मासिकस्राव, युवतियों में-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ दमित मासिकस्राव, पेट में दर्द-MILLEFOLIUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ दमित मासिकस्राव, मूड में तेजी से बदलाव, मतिभ्रम, लाल चेहरा STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ दमित मासिकस्राव, चक्कर आना और सिरदर्द-CYCLAMEN EUROPAEUM यूरो-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ दमित मासिकस्राव, हाथों को ठंडे पानी में रखने से, एक गिलास दूध पीना -LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के समय, कोई स्राव नहीं, स्तनों में दूध बनना- MERCURIUS SOLUBILIS-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ जल्दी मासिक-धर्म होना, प्रचुर मात्रा में, लंबे समय तक रहना, उस समय अन्य सभी समस्याओं का बढ़ जाना-NUX VOMICA-200 रात में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म समाप्त होने के बाद पुनः आरंभ होना PULSATILLA 200 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ समय पूर्व मासिक-धर्म, लंबे समय तक रहना-CARBO ANIMALIS-30
स्त्री रोग➺ मासिक चक्र में बदलाव- GLONOINUM 6 सुबह-शाम ।
स्त्री रोग➺ कमजोर महिलाओं में विलंबित मासिकस्राव-FERRUM METALLICUM-1M की दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ मासिक के दौरान काले रंग के रक्त का स्राव, बाएँ अंडाशय में दर्द LACHESIS 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म में चमकीला लाल स्राव, वमन भी- IPECACUANHA 30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ मासिक का कम समय तक रहना, अधिक रक्तस्राव, काला रक्त, थक्के, लेकिन रक्त जमता नहीं है, इस स्राव से यौनांगों की त्वचा छिल जाती है Ammonium Carbonicum-30 हर छह घंटे पर। एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ युवतियों में विलंबित मासिक, पीठदर्द की शिकायत के साथ SENECIO AUREUS-6 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ दुर्बल एनीमियाग्रस्त महिलाओं में विलंबित मासिकस्राव, झुर्रीदार और समय से पहले बूढ़ी होनेवाली महिलाओं में, विलंबित तथा न्यून मात्रा में स्राव, पेट में तेज दर्द-SEPIA 200 की एक खुराक
स्त्री रोग➺ विलंबित मासिक, जिन महिलाओं को अधिक पसीना आता है, कमजोर महिलाओं में, अनियमित मासिक, गुप्तांगों के आस-पास दर्द-KALIUM CARBONICUM-200 दो खुराकें
स्त्री रोग➺ मासिकस्त्राव का केवल दिन में होना और लेटने पर बंद हो जाना . CAUSTICUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ केवल दिन में मासिकस्त्राव होना-COFFEA CRUDA-30 दिन में दो बार सेवन करें।
स्त्री रोग➺ यदि अठारह से बीस वर्ष की आयु तक मासिक आरंभ न हो - MANGANUM ACETICUM-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ मासिक के दौरान और बाद में कमजोरी, बोल नहीं सकना, ठंडे पसीने के साथ पीला चेहरा, थकान से बदतर-Carbo Vegetabilis-200 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ मासिकस्राव के दौरान चेहरे पर फोड़े-फुंसियाँ-PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक लें। खाएँ। CARBO VEGETABILISनिकम-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ केवल लेटने पर मासिकस्राव, बैठने या चलने पर रुक जाता है— KREOSOTUM-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के दौरान असहनीय पीड़ा-SULPHUR-200 सुबह में एक खुराक रोजाना या SEPIA 200 दो सप्ताह में एक खुराक।
स्त्री रोग➺ अधिक और पीड़ादायक मासिकस्राव BACILLINUM BURNETT-200 दिन में दो बार
स्त्री रोग➺ रात में लेटने पर मासिकस्स्राव, दिन में रुक जाता है— Ammonium Muriaticum-30 दिन में तीन बार या BOVISTA LYCOPERDON -6 हर चार घंटे के अंतराल पर या MAGNESIUM CARBONICUM-30 दिन में तीन बार
स्त्री रोग➺ केवल सुबह में मासिकस्राव, दोपहर में रुक जाता है और अगले दिन सुबह फिर आरंभ होता है-SEPIA 200 की एक खुराक ।
स्त्री रोग➺ मासिकस्त्राव केवल रात में या लेटने पर, दर्द रहित मैग्नीशिया
स्त्री रोग➺ रात में धीमा मासिकस्राव Ammonium Muriaticum-6 दिन में दो बार | यदि आराम न हो तो BOVISTA LYCOPERDON-Q दिन में तीन बार
स्त्री रोग➺ केवल चलते समय मासिकस्राव, रुकने पर रुक जाता है LILIUM TIGRINUM-30 दिन में तीन बार । लंबे समय तक मासिकस्राव-BELLADONNA-200 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ बहुत कम समय तक मासिकस्राव - GINSENG-Q की दो-तीन बूँदें, दिन में दो बार
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्स्राव, थक्कों के साथ- -MUREX PURPUREA-30 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ मासिक-धर्म रुकने पर शरीर के किसी अन्य अंग से रक्तस्त्राव आरंभ हो जाना-सीनेसियो SENECIO AUREUS-Q की दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ युवतियों को अनियमित मासिकस्राव THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ अनियमित मासिक-धर्म, समय पर न आना, हर पंद्रह दिनों में फिर आरंभ हो जाना-NUX VOMICA-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ अनियमित मासिक-धर्म, अंडाशय में दर्द - USTILAGO MAYDIS-Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ EUPHRASIA OFFICINALIS - 30 हर मासिकस्राव एक घंटे या एक दिन में समाप्त हो जाना— छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ विलंबित मासिक धर्म, कम मात्रा में स्राव-PULSATILLA-200 दिन में एक बार।
स्त्री रोग➺ पीड़ादायक मासिक-धर्म, तेज मरोड़ के साथ, कब्ज से पीड़ित में MAGNESIUM MURIATICUM-200 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ पीड़ादायक मासिक धर्म, प्रवाह आरंभ होने पर दर्द समाप्त हो जाता है, दबाने और गरम सिंकाई करने पर राहत-MAGNESIUM PHOSPHORICUM 200 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मात्रा में मासिकस्त्राव PHOSPHORUS-200 की दो खुराकें, इसके बाद CAULOPHYLLUM-30 दिन में तीन बार, दो माह तक।
स्त्री रोग➺ प्रचुर और थक्केदार मासिकस्राव CINA MARITIMA-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ मानसिक कारण से प्रचुर स्राव - CHAMOMILLA-200 दिन में एक बार।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म में प्रचुर स्राव, पतला और चटख लाल रक्त MILLEFOLIUM-Q दस बूँदें पानी में मिलाकर दिन में दो या तीन बार ।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्त्राव, गहरे रंग का चमकीला रक्त, लंबे तारों के साथ थक्कों के रूप में निकलता है, थोड़ा भी हिलने-डुलने से स्राव अधिक हो जाता है— CROCUS SATIVUS-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्राव, दर्द के साथ-FICUS RELIGIOSA-Q हर छह घंटे पर पाँच बूँदें।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्राव, चटख लाल रंग का, पीठ दर्द और कमजोरी, चलने फिरने पर स्थिति बदतर- TRILLIUM PENDULUM-30 दिन में तीन बार। इसे CINA MARITIMA-30 या MILLEFOLIUM-30 हर तीन घंटे पर बदल-बदल कर लें।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्राव, चटख रक्त, पीठ के निचले भाग से पेट के निचले भाग तक तेज दर्द, गर्भपात का शिकार हो चुकी महिलाओं के लिए लाभदायक -SABINA 200 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ हर दो सप्ताह के बाद प्रचुर मासिकस्राव, थकान या लंबी यात्रा के कारण एक सप्ताह या अधिक समय तक रहना- - TRILLIUM PENDULUM पेंडुलम-6 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिक-धर्म- HYDRASTIS-1X, HAMAMELIS VIRGINIANA-Q और CINA MARITIMA-Q एक के बाद एक लें।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिक-धर्म-USTILAGO MAYDIS-Q या FICUS RELIGIOSA-Q की पाँच से दस बूँदें, दिन में एक बार।
स्त्री रोग➺ मासिकस्राव को नियमित करने के लिए-JOANESIA ASOCA-Q पाँच से दस बूँदें, कुनकुने पानी में प्रतिदिन लें।
स्त्री रोग➺ दो या तीन दिनों के बाद मासिकस्त्राव पुनः प्रारंभ-FERRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ कम मात्रा में मासिकस्राव, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में कम मात्रा में और विलंबित- GRAPHITES-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ कम मात्रा में या दमित मासिक धर्म-PULSATILLA-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ कम मात्रा में मासिक-धर्म, साथ में पीठदर्द और कमजोरी भी KALIUM CARBONICUM-200 दो खुराक।
स्त्री रोग➺ कम मात्रा में मासिक-धर्म, विलंबित और पीले रंग का, मासिक धर्म के बाद महिला थक जाती है ALUMINA 200 की एक खुराक
स्त्री रोग➺ कम मासिकस्राव, आघात तथा मानसिक अवसाद के कारण देर से आना -MAGNESIUM CARBONICUM-200 की दो या तीन खुराकें।
स्त्री रोग➺ कम मासिकस्राव - SULPHUR-200 सुबह के समय और KALIUM PHOSPHORICUM-6X सोते समय रोजाना। यदि इनसे लाभ न हो तो PULSATILLA-200 की दो खुराक और KALIUM PHOSPHORICUM-6X सोते समय, दो-तीन माह तक
स्त्री रोग➺ बुरी खबर सुनने के कारण मासिकस्राव जल्दी शुरू होना; अनिद्रा, मासिकस्त्राव का लंबे समय तक रहना-COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के रुकने पर फेफड़ों से रक्तस्राव-MILLEFOLIUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ स्तन के बड़े होने और दर्द के कारण मासिक धर्म का समाप्त हो जाना, रुकने पर हथेली और तलवे में जलन- SANGUINARIA CANADENSIS-30 दिन में दो बार
स्त्री रोग➺ दिन में लेटने पर मासिकस्राव का रुक जाना कैक्टस-6 दिन में चार बार या CAUSTICUM-200 की एक खुराक रोज या LILIUM TIGRINUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ ठंडे स्नान से दमित मासिकस्राव-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म के बाद बाल गिरना-SEPIA 200 दो सप्ताह में एक खुराक।
स्त्री रोग➺ मासिक धर्म का जल्दी आना, प्रचुर मात्रा में, थक्केदार, तेज उदरशूल के बाद, त्वचा को छीलनेवाला स्त्राव, जिसके कारण जाँघों में पीड़ा होती है— ANTIMONIUM TARTARICUM-6 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ अधिक जल्दी आने और देर तक रहनेवाला मासिक धर्म, अधिक कमजोरी रहती है, बोलने में परेशानी- CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ अधिक जल्दी आनेवाला और प्रचुर मासिकस्राव, गहरे रंग का थक्का बनना, दुर्गंधयुक्त-HELONIAS DIOICA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ मासिक का जल्दी आना, प्रचुर मात्रा में, मासिक धर्म से पहले उदासी, मासिक के दौरान दाढ़ की हड्डी में दर्द-STANNUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ मासिक का जल्दी आना, अधिक दिनों तक रहना, आरंभ में धीमा और तेज दर्द के साथ-TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ मासिक का जल्दी आना, प्रचुर मात्रा में, अधिक समय तक रहना, लाल चेहरा, कानों में घंटियों की आवाज, प्रवाह पीला, पानीदार-FERRUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ अधिक तेज मासिकस्राव, प्रवाह जितना अधिक उतना ही अधिक कष्ट ACTAEA RACEMOSA- 200 की एक खुराक रोजाना । मासिकसंबंधी गड़बड़ी, केवल रात में या लेटने के दौरान मासिकस्राव, चलने पर रुक जाता है, पीब जैसा रक्त, आसानी से नहीं घुलता, मासिक से पहले गले में दर्द-MAGNESIUM CARBONICUM-30 की एक खुराक रोजाना। मासिक के समय योनि-द्वार की बजाय नाक से रक्तस्त्राव - BRYONIA-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ महीनों तक दमित मासिकस्राव-सबल SABAL SERRULATA-Q की पाँच से दस बूँदें, दिन में दो बार
स्त्री रोग➺ अविकसित मासिक-धर्म, बढ़े टॉन्सिलों, कमजोरी और थकान से संबंधित, कुछ भी करने पर साँस फूल जाना-TUBERCULINUM-1M की एक खुराक, आवश्यकता पड़ने पर दुहराएँ।
स्त्री रोग➺ मम्प्स का मेटास्टेटिस (स्थान परिवर्तन), स्तनों या अंडकोषों तक है-Carbo Vegetabilis-1M की एक खुराक दुहराएँ नहीं पहुँचता
स्त्री रोग➺ मम्प्स का अंडकोषों या दुग्ध-ग्रंथियों तक स्थान परिवर्तन- ABROTANUM-30 की दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ मम्प्स का स्थान परिवर्तन, स्तनों या अंडकोषों तक पहुँचता है PULSATILLA-1M की एक खुराक प्रतिदिन।
स्त्री रोग➺ प्रचुर मासिकस्राव, काला तथा थक्केदार रक्त, अधिक यौनेच्छा, सहवास के दौरान अचेत हो जाना-PLATINUM METALLICUM-200 की कुछ खुराक ।
स्त्री रोग➺ दूध कम बनना, स्तन की अति संवेदनशीलता के साथ-ASA FOETIDA-6, दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ दूध दब जाना, स्तनों का सिकुड़ता-Secale cornutum-30 दिन में तीन बार। अविवाहित लड़कियों और विधवाओं के स्तन से दूध निकलना PULSATILLA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ दुग्धपान करानेवाली माताओं में दूध बढ़ाने के लिए-LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ महिला के चेहरे पर मूँछों का उगना या अवांछित बाल THUJA 200 सप्ताह में दो बार, पंद्रह दिनों तक, जैतून के तेल में बराबर मात्रा में नीबू का रस मिलाकर बालोंवाले भाग पर नियमित रूप से मलें या THYROIDINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक और सप्ताह के बाकी दिनों में THUJA-30 रोजाना और एक माह के बाद THYROIDINUM के स्थान पर LYCOPODIUM-200 सप्ताह में एक बार और THUJA-30 को पहले की तरह दें।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान मिचली और वमन- IPECACUANHA 30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ मिचली और वमन, मस्कुलर सिस्टम के ढीलेपन और मुँह में लार के . अत्यधिक संग्रह के साथ-LOBELIA INFLATA-6 हर वमन के बाद एक खुराक।
स्त्री रोग➺ मिचली, गर्भावस्था के दौरान निरंतर या दौरों में, खाना खाने के बाद स्थिति खराब, जीभ साफ-ASARUM EUROPAEUM-6 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ निपल में दर्द और दरार, पूरे शरीर में दर्द फैल जाता है, दूध पिलाते समय अधिक PHYTOLACCA 200 की एक खुराक प्रतिदिन
स्त्री रोग➺ निपल में दर्द, कपड़ों के स्पर्श से भी दर्द-PETROLEUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय में दर्द, जख्म जैसा एहसास MUREX PURPUREA-6 की एक खुराक प्रतिदिन ।
स्त्री रोग➺ दाएँ स्तन पर एक बिंदु में दर्द- KALIUM BICHROMICUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय में दर्द, पीठ से पेट तक आता है, साँस लेने में कठिनाई, अंगों के उभार से बचने के लिए पैरों को मोड़ना SEPIA 200 की कुछ खुराकें। . प्रसव पीड़ा जैसा दर्द, ऐसा महसूस होना कि योनि से कुछ बाहर आ रहा है, इसलिए पैरों को मोड़कर बैठती है SEPIA-200 की कुछ खुराकें।
स्त्री रोग➺ दर्द, बच्चे को दूध पिलाते समय निप्पल से पीठ की ओर जाता है-CROTON TIGLIUM-30 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान मिथ्या पीड़ा-VIBURNUM OPULUS-Q की पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति-काल में स्तनों के नीचे दर्द-ACTAEA RACEMOSA-Q की दो से तीन बूँदें, दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भनाल के स्थिरीकरण के लिए-CIMICIFUGA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार या CAULOPHYLLUM-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गर्भनाल के कारण संकुचन-Secale cornutum-30 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था की जटिलताएँ, तीव्र वमन, गर्भधारण के बाद एसिडिटी, जल्दी-जल्दी मूत्र-त्याग के साथ तंत्रिका-शूल, सिरदर्द, गुदा में दर्द, गॉल ब्लेडर में दर्द, पीलिया, यकृत का बड़ा होना और संवेदनशीलता-लैक LAC VACCINUM DEFLORATUM-200 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था का वहम, स्त्री सोचती है कि वह गर्भवती है, लेकिन लक्षण परिवर्तनशील होते हैं, शाम में स्थिति बदतर-PULSATILLA-30 दो सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान मिचली तथा वमन-LOBELIA INFLATA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान पानी पीने में असमर्थ PHOSPHORUS-30 की खुराक प्रतिदिन ।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान खाने के बाद खराब स्थिति, निरंतर बेहोशी-ASARUM EUROPAEUM-6 दिन में तीन बार एक जम्हाई और
स्त्री रोग➺ गर्भाशय या योनि का खिसक जाना, मल-त्याग करते समय, अत्यंत कमजोरी-STANNUM METALLICUM-200 सप्ताह में एक खुराक
स्त्री रोग➺ गर्भाशय या योनि का खिसक जाना, सँकरी पेडूवाली महिलाओं में ऐसा महसूस होना मानो पेडू से सबकुछ बाहर आ जाएगा, पैर को क्रॉस करना जरूरी-SEPIA-1M की माह में एक खुराक। बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का दबाव से खिसक जाना-RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का खिसक जाना, भारी सामान उठाने से या दबाव, कब्ज या प्रसव के बाद PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गुदा या गर्भाशय का खिसक जाना, एनीमिया से ग्रस्त कमजोर महिलाओं में MANGANUM ACETICUM-30 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ स्थायी तौर पर गर्भाशय का खिसक जाना-LYSSINUM-30 की एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का खिसक जाना, एनीमिया या एल्बुमिनेरिया से, पीठदर्द, श्वेत प्रदर, गर्भाशय में दर्द- HELONIAS DIOICA-6 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का खिसक जाना, श्वेत प्रदर, कष्टप्रद मासिक धर्म और गर्भाशय से रक्तस्राव – Aurum Muriaticum Natronatum-उएक्स दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺अधिक दिनों तक प्रसवोत्तर स्राव, लगातार कई दिनों तक टपकना . CAULOPHYLLUM-6 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति के दौरान योनि में खुजली-THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ योनि में खुजली, रेशेदार श्वेत प्रदर, गाढ़ा पीला-HYDRASTIS CANADENSIS-30 सुबह-शाम
स्त्री रोग➺ योनि में खुजली, जो गर्भावस्था के दौरान हस्तमैथुन का कारण बनती है। और कीड़े उत्पन्न करती है, और जो छोटी लड़कियों की योनि में प्रवेश कर जाते हैं LEDUM PALUSTRE-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गुप्तांगों में खुजली, गर्भावस्था के दौरान बवासीर, जिसके कारण लेटने में असमर्थ-COLLINSONIA CANADENSIS-3 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ भग में खुजली-PLATINUM METALLICUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ प्रसूति संबंधी ऐंठन, प्रसव के बाद भी इसका जारी रहना या प्रसव पीड़ा के दौरान कुछ सेकंडों के लिए साँस रुक जाना, शरीर के ऊपरी भाग का अधिक प्रभावित होना-CICUTA VIROSA-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ प्रसूति संबंधी मरोड़, चेतनता के साथ, सिर और चेहरे में संकुचन, हाथ पैर ठंडे, जोर से चीखना, लगातार बात करना, हमेशा प्रार्थना करना STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ प्रसूति ज्वर-ARNICA-6 या 30 हर चार घंटे पर।
स्त्री रोग➺ प्रसूति ज्वर, प्रसवोत्तर स्राव रुकने के बाद, कमजोरी के साथ, शरीर का दुखना-BAPTISIA TINCTORIA-12 दिन में तीन बार
स्त्री रोग➺ प्रसूति ज्वर, दुर्गंधयुक्त स्राव के साथ-CROTALUS HORRIDUS हॉरीडस-6 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ प्रसूति ज्वर, अन्य रोगों से संबंधित PYROGENIUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ गर्भवती महिलाओं में लार निकलना-KALIUM IODATUM-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ बाँझपन (महिलाएँ)–क्लोव ऑयल (लौंग का तेल) चीनी में दस-पंद्रह बूँदें रोजाना गर्भधारण में मदद करता है या THLASPI BURSA PASTORIS-Q रोजाना देना भी उतना ही उपयोगी है।
स्त्री रोग➺ महिलाओं में बाँझपन, पुराने और अत्यधिक श्वेत प्रदर के कारण - PULSATILLA-200 एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ बाँझपन, शुक्राणु का नहीं टिक पाना, योनि से अधिक स्त्राव, जो हलकी सी उत्तेजना पर भी स्त्रावित होने लगता है NATRIUM CARBONICUM-30 सुबह-शाम
स्त्री रोग➺ बाँझपन, किसी भी कारण से BORAX-6 दिन में तीन बार तथा Aurum Muriaticum Natronatum-3X दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ बाँझपन, योनि से तिक्त स्राव के कारण PICRIC ACID 200 एक खुराक रोजाना।
स्त्री रोग➺ बाँझपन, फेलोपियन ट्यूब बंद होने के कारण-CALCAREA FLUORICA-12X दिन में दो बार, तीन माह तक बाँझपन, अत्यधिक यौन-संलिप्तता या उत्तेजना के कारण, सहवास समय बेहोश हो जाना-PLATINUM METALLICUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ दूध पिलानेवाली महिलाओं में मुँह की सूजन-HYDRASTIS-6 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ स्तन में ट्यूमर, मोटी महिलाओं में THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार। अंडाशय का ट्यूमर, अक्खड़, उग्र और हिस्टेरिकल महिलाओं में, पीडायुक्त मासिकस्नाव-PULSATILLA-200 दो सप्ताह में एक बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय संबंधी विकार, खिसक जाना, दर्द, हृदय की तेज धड़कन, सिरदर्द, मल त्याग और मूत्र-त्याग की लगातार इच्छा-LILIUM TIGRINUM-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, साथ ही पेट के निचले हिस्से में, भी THUJA-200 की एक खुराक फायब्रॉयड का विकास रोकने में मदद करता है, दुहराने की आवश्यकता।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, रक्तस्राव कम मात्रा में लेकिन लंबे समय तक रहता है–PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, बड़ा और सख्त-ऑरNATRIUM MURIATICUM-6 दिन में दो बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, अत्यधिक गर्भाशय रक्तस्त्राव, तीव्र पीड़ा THLASPI BURSA PASTORIS-6 दिन में दो बार गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, दर्दयुक्त मासिकस्राव और पैरों में मरोड़ FRAXINUS AMERICANA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय से रक्तस्त्राव, प्रचुर प्रवाह, हर दो सप्ताह पर, पीला चेहरा, आसानी से मूर्च्छित हो जाना, हृदय का तेज स्पंदन, कानों में आवाजें सुनाई देना, पेट के गहर में दर्द का एहसास TRILLIUM PENDULUM पेंडुलम-Q दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय संबंधी समस्याएँ, गर्भाशय के क्षेत्र में दर्द, योनि से रक्तस्त्राव होने पर बेहतर महसूस होना, गर्भाशय के क्षेत्र में हलका सा स्पर्श और दबाव भी असहनीय LACHESIS 200 की एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो दुहरा सकते हैं।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का खिसक जाना-CALCAREA FLUORICA-12 X दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का खिसक जाना, हलका दर्द जो चलने और दबाव से कम हो जाता है, कमजोर गर्भाशय-ABIES CANADENSIS 30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का खिसक जाना, अधिक यौन उत्तेजनावाली महिलाओं में, दबाए जाने का एहसास, जैसे अंगों को बाहर धकेला जा रहा हो, दबाव में राहत के लिए बैठना जरूरी-MUREX PURPUREA-30 दिन में दो बार
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का खिसक जाना, ऐसा लगना मानो पेट के सभी पदार्थ योनि से बाहर आ जाएँगे, खड़े होने या सीधे बैठने पर स्थिति बेहतर, लेटने पर बदतर -BELLADONNA-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का अपने स्थान से खिसक जाना-ABIES NIGRA-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय का खिसक जाना या बढ़ जाना—FRAXINUS AMERICANA-Q की दस-पंद्रह बूँदें ।
स्त्री रोग➺ गर्भाशय की सक्रियता बढ़ाने के लिए-PYROGENIUM-200 दिन में दो बार ।
स्त्री रोग➺ अविकसित गर्भाशय, गर्भपात का कारण बनता है- PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार ।
स्त्री रोग➺ योनि से प्रचुर स्राव - Mercurius Vivus-200 और MERCURIUS SOLUBILIS-200 दोनों की एक खुराक, सुबह के समय।
स्त्री रोग➺ शुष्क योनि, उससे गैस निकलना-LYCOPODIUM 200 सप्ताह में एक खुराक।
स्त्री रोग➺ योनिस्राव, रेशेदार और पीला-HYDRASTIS CANADENSIS-6 दिन में तीन . बार।
स्त्री रोग➺ योनि की सूजन, योनि से हरा स्राव - Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS-200 दोनों की एक-एक खुराक
स्त्री रोग➺ वेसो-मोटोरियल विकार, चेहरे का लाल हो जाना, चक्कर आना, मूर्च्छा दौरे और निम्न रक्तचाप THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार। के
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान वमन, चक्कर, बिस्तर से उठते समय बेसुध-सा महसूस करना-COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर।
स्त्री रोग➺ गर्भावस्था के दौरान वमन-SYMPHORICARPUS RACEMOSUS-200 हर तीन घंटे पर।
स्त्री रोग➺ सहवास के दौरान भग में दर्द, संवेदशील और सहवास को सहन न कर पाना-PLATINUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन
स्त्री रोग➺ रजोनिवृत्ति के दौरान गरमी के दौरे SEPIA 200 की एक खुराक, जब भी आवश्यकता हो, दुहराएँ।.
स्त्री रोग➺ मोटी महिलाओं में हर मासिक धर्म के समय जोड़ों की सूजन THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
स्त्री रोग➺ महिलाओं में परिवर्तनशील मूड, यानी कभी अच्छे और तुरंत फिर खराब मूड में PLATINUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में गले की गिल्टी, नाक की जड़ सबसे अधिक पीड़ित होती है CALCAREA IODATA-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ गिल्टी के साथ नाक से गाढ़ा हरा पदार्थ निकलना-CALCAREA FLUORICA-30 दिन में दो बार ।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में दाँत निकलने के समय होनेवाली परेशानी-CHAMOMILLA-30 में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ शरीर के एक भाग में होनेवाली परेशानी, जैसे एक ओर का सिरदर्द, बुखार आदि- PULSATILLA-30 हर छह घंटे पर।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में संवेदनशून्यता, मुँह में सफेद छोटे घाव-MERCURIUS SOLUBILIS-30 (अत्यधिक लार टपकना), सुबह और शाम की खुराक या BORAX-6 (बिलकुल लार नहीं आता) दिन में दो बार या BRYONIA 30
बच्चों के रोग➺ (मुँह की शुष्कता के कारण संवेदनशून्यता), सुबह तथा शाम की खुराक या ARUM TRIPHYLLUM-30 (नाक में पपड़ी जमना, हटाने पर रक्त निकलना) सुबह-शाम ।
बच्चों के रोग➺ पेट के कीड़ों के कारण बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना CINA MARITIMA-30 की एक खुराक रोजाना।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना, लड़कों में SULPHUR-1M सुबह के समय एक खुराक।
बच्चों के रोग➺ पहली नींद के समय बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना-CAUSTICUM-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना, बच्चा पहली नींद में बिस्तर गीला करता है, जिसमें पेशाब अधिक मात्रा में और दुर्गंधयुक्त होता है-KREOSOTUM-200 की प्रतिदिन एक खुराक।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना- LAC CANINUM-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ सोते समय बिस्तर गीला करना- THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार या LYCOPODIUM-200 की रोज एक खुराक
बच्चों के रोग➺ बड़े बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना मूत्र-त्याग के दौरान जलन, मानसिक कमजोरी, मूत्र गहरे पीले रंग का, मूत्राशय में खुजली-KALIUM PHOSPHORICUM-6X दिन में दो बार चार-चार टेबलेट।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना, दिन में अधिक, परंतु रात में भी FERRUM METALLICUM-30 दिन में दो बार
बच्चों के रोग➺ बढ़ते बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना, मूत्र दुर्गंधयुक्त होता है और मूत्र के धब्बे आसानी से नहीं धुलते-BENZOICUM ACIDUM-6 हर छह घंटे पर।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना, मूत्र-त्याग करके सोने के बाद और सोने के ठीक पहले कोई पेय पदार्थ नहीं पीने के बावजूद बच्चा रात के अंतिम पहर में बिस्तर गीला करता है- CHLORALUM HYDRATUM 200 की एक खुराक रोज।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना, ठंड या मानसिक उत्तेजना के कारण रात के पहले चरण में CAUSTICUM-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना, मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण - FERRUM PHOSPHORICUM-6X दिन में दो बार (बुजुर्ग लोगों के लिए भी कारगर)।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना (रोग-निरोधी)-BELLADONNA-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बिस्तर गीला करना, पहले चरण में SEPIA 200 की सप्ताह में एक खुराक। इससे लाभ न होने पर KREOSOTUM-200 सप्ताह में एक बार। बच्चे की नाभि से रक्तस्राव - ABROTANUM-30 दिन में दो बार ।
बच्चों के रोग➺ शिशुओं की नाभि से रक्तिम द्रव का निकलना- CALCAREA PHOSPHORICA-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का डरकर जगना, भय से चिल्लाना, जो भी पास हो उससे चिपक जाना, किसी को न पहचानना- STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का हर समय रोना-CHAMOMILLA-30 हर चार घंटे पर।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का पूरे दिन रोना तथा पूरी रात सोना LYCOPODIUM-200 की एक खुराक रोजाना।
बच्चों के रोग➺ शुरू से ही बच्चों का कुत्तों तथा जानवरों से डरना-BACILLINUM BURNETT 200 सप्ताह में एक बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चा चॉक, पत्थर तथा अन्य अखाद्य पदार्थ खाना चाहता है ALUMINA-30 दिन में तीन बार तब तक जब तक यह प्रवृत्ति पूरी तरह से छूट न जाए, उसके बाद बंद कर दें।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का बाधित मानसिक तथा शारीरिक विकास-BARYTA CARBONICA 200 पंद्रह दिनों में एक बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का हठ-SILICEA-200 की एक खुराक रोजाना।
बच्चों के रोग➺ बच्चा दिन में खेलता है, परंतु पूरी रात रोता है- JALAPA-6 दिन में तीन बार या PSORINUM 200 की एक खुराक रोजाना।
बच्चों के रोग➺ क्रोधित माँ द्वारा स्तनपान कराने पर बच्चा दही जैसी गाँठों की तरह वमन तथा मल त्याग करता है- Valeriana-3X दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ अपरिचित व्यक्ति को देखकर बच्चा रोने लगता है - ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ बच्चा पेट के बल सोता है- Medorrhinum-200 की एक खुराक नित्य ।
बच्चों के रोग➺ माँ का दूध बच्चे को नहीं पचता-MAGNESIUM CARBONICUM दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चा दिन में सामान्य रहता है, परंतु रात में चिल्लाता है और बेचैन है, चिल्लाने के दौरान उसका शरीर नीला पड़ जाता है और शरीर तथा बगल की ओर झुकता रहता है- JALAPA - 12 हर घंटे।
बच्चों के रोग➺ अच्छी तरह बच्चे की सफाई करने के बावजूद उसके पूरे शरीर से खट्टी गंध आती है, खट्टे एसिड का वमन- SULPHURICUM ACIDUM 200 की कुछ खुराकें।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में दिमागी बीमारियाँ, रात लगभग ग्यारह बजे तेज भूख लगना, खाने की तीव्र इच्छा, परंतु तेज न खा पाना-ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में ब्रोंकियल निमोनिया LYCOPODIUM 30 हर चार घंटे पर। .
बच्चों के रोग➺ बच्चों में कब्ज, सूखा, सख्त तथा बड़ा मल-BRYONIA-30 दिन में चार बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में कब्ज, दो या तीन बार शौचालय जाने के बावजूद संतुष्टि नहीं NUX VOMICA-200 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में कब्ज, यदि दूध बोतल से पिलाया जाए-ALUMINA-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में कब्ज, मल थोड़ा सा निकलता है और अचानक रुक जाता है—SILICEA-30 दिन में चार बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में कब्ज, यकृत की समस्या के साथ, गोलाकार पिंडों के रूप में मल-त्याग करता है- CHELIDONIUM MAJUS-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का विकास रुकना-THYROIDINUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चा गंदा, मैला होता है और नहाने में अरुचि दिखाता है, पेट बड़ा और पैर कमजोर होते हैं, बहुत भूख लगने पर भी दुर्बल रहता है, पसीने की दुर्गंध रहती है, त्वचा रोगों के प्रति संवेदनशील होता है SULPHUR-30 दिन में तीन बार
बच्चों के रोग➺ बच्चे का अत्यंत चिडचिडा होना, किसी चीज की इच्छा करने और न मिलने पर क्रोधित हो जाता है, इच्छा पूरी होने पर ही शांत होता है CHAMOMILLA 200 सुबह-शाम
बच्चों के रोग➺ बच्चे का चिड़चिड़ापन- BARYTA CARBONICA 200 दो खुराक (सुबह शाम), इसके बाद STAPHYSAGRIA 200 दो खुराक (सुबह-शाम) और सोते समय KALIUM PHOSPHORICUM-6X छह सप्ताह तक ।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का चिड़चिड़ापन, बच्चा व्यस्त, हिंसक और उतावला होता है MERCURIUS SOLUBILIS-200 की एक खुराक रोज दो सप्ताह तक बच्चे का चिड़चिड़ापन, संवेदनशील स्वभाव, स्पर्श किया जाना भी पसंद नहीं करता, गलती निकालने पर रुष्ट हो जाता है-NUX VOMICA- 200 एक खुराक रोज रात में, कुछ सप्ताह तक।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का चिड़चिड़ापन, जो स्पर्श किया जाना या देखा जाना पसंद नहीं करता, अधिक ध्यान देने या ध्यान न देने पर क्रोधित हो जाता है ANTIMONIUM CRUDUM 200 की एक खुराक रोज।
बच्चों के रोग➺ जन्मजात सिफलिस से पीड़ित बच्चा, सूखा रोग, बड़ा पेट और शुष्क ढीली त्वचा SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ सूखा रोग से पीड़ित बच्चा, चेहरा वृद्धों की तरह और झुरींदार शुष्क ढीली त्वचा- SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ मौसम परिवर्तन के समय बच्चे को तुरंत सर्दी-जुकाम हो जाना— SEPIA 30 सप्ताह में एक खुराक ।
बच्चों के रोग➺ बच्चा अकेले रहना पसंद करता है, बीमार होने पर चाहता है कि कोई उसे छुए नहीं, मगर गोद में ही रहे-ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ चॉक या अखाद्य पदार्थ खाने की इच्छा बच्चों में होना-CICUTA VIROSA-200 की एक खुराक रोजाना।
बच्चों के रोग➺ बच्चे को ज्यादा पसीना आना, माथे पर, बड़ा सिर तथा खुले रंध्र वाला CALCAREA CARBONICA 200 एक खुराक।
बच्चों के रोग➺ बच्चा बदमिजाज होता है, चीजों के लिए रोता है और उन्हें पा लेने पर फेंक देता है, सुबह अधिक चिड़चिड़ा होता है-Staphysagria-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ छोटी संरचना के बच्चे, सर्दी-जुकाम तथा दमा के प्रति संवेदनशील Medorrhinum-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चा हड्डियों का ढाँचा, कुरूप, गोल पेटवाला, जो निरंतर उदरशूल से पीड़ित रहता है, दाँत काले और मसूड़े स्पंजी, संवेदनशील तथा दर्दनाक हो जाते हैं-Staphysagria-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ शिशुओं में क्रोनिक डायरिया- CROTON TIGLIUM-6 दिन में तीन बार। .
बच्चों के रोग➺ बच्चों में उदरशूल, गोद में उठाने पर राहत-CHAMOMILLA-30 एक-एक घंटे के अंतराल पर ।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में उदरशूल-COLOCYNTHIS-30 हर घंटे पर या MAGNESIUM PHOSPHORICUM-6X चार टेबलेट कुनकुने पानी में घोलकर हर पंद्रह मिनट पर दो चम्मच, जब तक राहत न मिले।
बच्चों के रोग➺ शिशुओं में उदरशूल, सुबह लगभग पाँच बजे दर्द KALIUM BROMATUM-3 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का उदरशूल, पेट को माँ के कंधे पर रखकर उठाने से बच्चे को राहत मिलती है-STANNUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में आत्मविश्वास का अभाव-SILICEA 200 की दो खुराक और फिर काली PHOSPHORUS-6X पानी में पाँच गोलियाँ डालकर रात में लें, एक माह तक।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में आत्मविश्वास का अभाव, बाधित विकास, अजनबी से संकोच, सर्दी-जुकाम तथा ग्रंथियों में वृद्धि-BARYTA CARBONICA 200 की दो खुराकें।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में कब्ज, मल-त्याग के लिए जोर लगाना पड़ता है, मल थोड़ा सा निकलता है और फिर वापस चला जाता है- SILICEA 200 की कुछ खुराकें।
बच्चों के रोग➺ शिशुओं में कब्ज, दाँत निकलते समय, बड़ा तथा सख्त मल, मल त्याग . में परेशानी, गुदाद्वार पर मल टूट जाता है MAGNESIUM MURIATICUM-30 की सप्ताह में एक खुराक ।
बच्चों के रोग➺ बोतल से दूध पिलाने के कारण बच्चे को कब्ज या डायरिया PODOPHYLLINUM-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ कब्ज, क्रोनिक या शैशव संबंधी-HYDRASTIS CANADENSIS-Q पानी में दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार या 200 एक खुराक रोजाना।
बच्चों के रोग➺ दाँत निकलते समय ऐंठन या क्रोधित माता द्वारा बच्चे को - CHAMOMILLA 200 की एक खुराक रोजाना।
बच्चों के रोग➺ नींद के अभाव या उसके दुष्परिणामों से मरोड़-COCCULUS INDICUS-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में दाँत निकलने के दौरान झटके, दौरे के समय पीला चेहरा, ज्वर नहीं, आँखें उलट जाती हैं, दाँत किटकिटाना ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।
बच्चों के रोग➺ भय या चीख से बच्चों में ऐंठन, बाद में चैतन्य होते हैं, खाने के तुरंत बाद वमन (आँतों में कीड़े के कारण)-HYOSCYAMUS NIGER-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ भयभीत माता द्वारा अपना दूध पिलाने के बाद बच्चे में ऐंठन OPIUM-30 दिन में तीन बार
बच्चों के रोग➺ बच्चों में दाँत निकलने के दौरान ऐंठन, साथ में ज्वर- ACONITUM NAPELLUS-6 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ चेतनता में ऐठन, चलने-फिरने से बदतर स्थिति, क्रोध-NUX VOMICA-30 दिन में दो बार
बच्चों के रोग➺ ऐंठन–CUPRUM METALLICUM 30 ऐंठन के लिए एक कारगर दवा। दाँत निकलने के दौरान ऐंठन-BELLADONNA-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ ऐंठन, ठंडा शरीर, परंतु सिर तथा पश्च कपाल गरम- HELLEBORUS NIGER की एक खुराक । यदि लक्षण बरकरार रहें तो इसे दुहरा सकते हैं।
बच्चों के रोग➺ ऐंठन, भय से, नींद के दौरान चीखना, ऐंठन से पहले तथा ऐंठन के दौरान चीखना, अचेत हो जाना, चेहरा लाल, पुतलियाँ संकुचित, सिर पीछे की ओर हो जाना, ओढ़ने की इच्छा नहीं, गरमी के कारण बदतर स्थिति, ठंडे स्थान की चाह-OPIUM-30 हर चार घंटे पर।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में दाँत निकलते समय कीड़ों के कारण ऐंठन, ऐंठन के दौरान अँगूठे का अंदर की ओर मुड़ जाता STANNUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ ऐंठन, कम समय के लिए, परंतु काफी बेचैनी–ARGENTUM NITRICUM 30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ ऐंठन, स्नायु संबंधी, स्पर्श तथा तेज रोशनी से हालत बदतर STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ ऐंठन, नीला चेहरा तथा अँगूठों व हाथों की जकडन, हाथ-पैरों में मरोड़, पिंडलियों तथा तलवे में दर्द और पैरों में थकान-CUPRUM METALLICUM-6 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे का रोना, नींद के दौरान, सिर को इधर से उधर घुमाता है, चेहरा कभी पीला तथा कभी लाल पड़ जाता है ZINCUM METALLICUM 200 सप्ताह में एक खुराक ।
बच्चों के रोग➺ दाँत निकलना, मसूड़ों को एक साथ दबाने की उत्कट इच्छा PODOPHYLLINUM पी.-6 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में दाँत निकलने में परेशानी-CALCAREA PHOSPHORICA-6X की हर चार घंटे पर चार गोलियाँ |
बच्चों के रोग➺ बच्चों के दाँत निकलने में परेशानी, रात में दाँत किटकिटाना तथा सिर को घुमाना, डायरिया-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में दाँत निकलने में परेशानी, मसूड़े नीलाभ-लाल, स्पंजी, अत्यंत बेचैनी, रात में चिल्लाता है गोद में रहना चाहता है KREOSOTUM-30 हर चार घंटे पर।
बच्चों के रोग➺ बच्चों के दाँत निकलने में परेशानी दुर्गंधयुक्त, पीड़ा रहित, प्रचुर तथा पानीदार मल-विसर्जन के साथ-PODOPHYLLINUM-30 हर चार घंटे पर।
बच्चों के रोग➺ बच्चे को दस्त, दुर्गंधयुक्त मल तथा मूत्र का होना–BENZOICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ दस्त, दुःख, क्रोध या रोष के कारण COLOCYNTHIS-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे को दस्त, दुर्गंधयुक्त, पतला मल, बलगम के साथ भी हो सकता है, मल-त्याग से पहले दर्द, धोने के बावजूद केवल मल नहीं बल्कि पूरा बदन दुर्गंधयुक्त हो सकता है RHEUM PALMATUM-6 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे को दस्त तथा मरोड़, दाँत निकलने के दौरान CALCAREA PHOSPHORICA-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ दस्त, अधिक वायु तथा आवाज के साथ मल निकलता है-CALCAREA PHOSPHORICA-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ अंडे खाने से दस्त, मछली भी पचाने में असमर्थ Chininum-Arsenicosum-3X दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ टायफॉयड ज्वर में दस्त, रात में बदतर, दिन में बेहतर RHUS TOXICODENDRON-6 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे को दस्त, दाँत निकलने या नैपकिन को गंदे पानी में धोकर इस्तेमाल में लाने के कारण, हरे रंग का पानीदार मल, पीले भोजन जैसे कण नीचे जमे रहते हैं- PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे को दस्त, डर, खासकर परीक्षा का-GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे को दस्त, अधिक मीठा खाने से ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चे को दस्त, मल तेजी से निकलता है CROTON TIGLIUM-30 दिन में तीन बारा।
बच्चों के रोग➺ थुलथुले बच्चों में दस्त, दुर्गंधयुक्त मल, नींद के दौरान माथे पर पसीना CALCAREA CARBONICA-30 की एक खुराक प्रतिदिन
बच्चों के रोग➺ शिशु को दस्त, दर्द रहित, दुर्गंधयुक्त, दाँत निकलने के दौरान दस्त PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ शिशु को दस्त, हरा, पानीदार, दुर्गंधयुक्त मल-CHAMOMILLA-12 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ शिशु को दस्त, हरा पतला दुर्गंधयुक्त मल, गुदा को छीलनेवाला Mercurius Vivus-30 और MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों को बदल-बदलकर दिन में तीन बार लें।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में दाँत निकलने के दौरान परेशानी, बच्चा पूरे दिन प्रसन्न रहता है, रात में रोता है-JALAPA-6 हर चार घंटे पर।
बच्चों के रोग➺ बैठने की अवस्था से अचानक कोई हरकत करने पर परेशानी - AESCULUS HIPPOCASTANUM-30 दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ दूध को आसानी से पचा नहीं पाना-NUX VOMICA-200 रात में एक खुराक प्रतिदिन ।
बच्चों के रोग➺ शिशु के कान में दर्द- CHAMOMILLA-12 दिन में दो बार ।
बच्चों के रोग➺ कानदर्द, खासकर बच्चों को, जो दर्द से रो पड़ते हैं, रात में स्थिति बदतर . PULSATILLA-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ स्वतः मूत्र त्याग, बच्चा पहली नींद के दौरान ही बिस्तर गीला कर देता है - SEPIA-1M की एक खुराक
बच्चों के रोग➺ हाइड्रोसील, बच्चों में ABROTANUM-30 दिन में दो बार
बच्चों के रोग➺ बच्चों में हाइड्रोसिफेलस, बहुत पानी पीने के बावजूद पसीना और मूत्र बहुत कम निकलना- APOCYNUM CANNABINUM-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ मूत्र-त्याग करते समय या उससे पहले शिशु द्वारा रोना, मूत्रमार्ग में सूजन के कारण-BORAX VENETA-6 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ शिशुओं में यकृत की समस्या, बेचैनी के साथ-ARSENICUM ALBUM-6 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ शिशुओं में अस्पष्ट समस्याएँ, जैसे आवाज का लोप, दोषयुक्त स्नायु-तंत्र का विकास, सूखा रोग-THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ बढ़ा हुआ यकृत और प्लीहा, शिशुओं और बच्चों में Calcarea Arsenica-6 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बढ़ा हुआ यकृत और प्लीहा, शिशुओं में पीलिया के साथ THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में सूखा रोग-CALCAREA PHOSPHORICA-6X दिन में तीन बार, एक बार में चार गोलियाँ |
बच्चों के रोग➺ शिशुओं में सूखा रोग, पेट बड़ा और सख्त, गंभीर कब्ज-PLUMBUM METALLICUM-3 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में सूखा रोग, खास निचले अंगों में, त्वचा ढीली होकर लटक जाती है- ABROTANUM-30 दिन में दो बार ।
बच्चों के रोग➺ सूखा रोग, गरदन इस प्रकार पतली हो जाती है मानो त्वचा सूख गई हो, लगातार प्यास लगना, अच्छी तरह खाने के बावजूद बहुत भूख लगना, उदास रहना- NATRIUM MURIATICUM-200 दिन में दो बार। सूखा रोग, पतली गरदन, गरदन की त्वचा में झुर्रियाँ, भूख न लगना SARSAPARILLA OFFICINALIS 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
बच्चों के रोग➺ सूखा रोग, बच्चों के पूरे शरीर को प्रभावित करता है - iodum-30 दिन में तीन बार ।
बच्चों के रोग➺ सूखा रोग, स्क्रॉफुला से ग्रस्त बच्चे, डायरिया के शिकार, सूजी ग्रंथियाँ, फैला पेट, बहुत दुबले हाथ-पैर, खराब पाचन और खून की कमी CALCAREA CARBONICA-6 की एक खुराक प्रतिदिन ।
बच्चों के रोग➺ सूखा रोग, बच्चा हर समय अपनी ओर ध्यान खींचना चाहता है, ढीली त्वचा, पैरों और गरदन की त्वचा ढीली होकर लटक जाती है, पैरों में अधिक कमजोरी-SANICULA AQUA-30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ सूखा रोग, शरीर के ऊपरी अंगों से आरंभ होकर नीचे तक जाता है LYCOPODIUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में जन्मजात विकृति, माता-पिता में सूजाक के इतिहास के कारण, पीले, रेकाइटिस (बच्चों में विटामिन की कमी से होनेवाला रोग), ठिगनापन, कमजोर और मंदबुद्धि, शरीर से दुर्गंध Medorrhinum-1M की एक मासिक खुराक, सुबह-शाम।
बच्चों के रोग➺ रिकेट्स, बच्चों में बड़ा सिर, सोने के दौरान सिर पर पसीना, जो तकिए को गीला कर देता है, बड़ा पेट, मुड़े पैर, पीला और ढीला चेहरा, देर से खड़ा होना और चलना सीखना, नरम हड्डियाँ, जो धीरे-धीरे विकसित होती हैं, दाँत निकलना कठिन और विलंबित, दूध और मांस के प्रति अरुचि, अपाच्य चीजों की इच्छा और रात में दाँत किटकिटाना- CALCAREA CARBONICA- 200 की एक खुराक रोजाना लें।
बच्चों के रोग➺ रिकेट्स, शरीर की हड्डियों में दर्द मानो टूटी हुई हों THERIDION CURASSAVICUM 200 साप्ताहिक।
बच्चों के रोग➺ गोल कृमि – BACILLINUM BURNETT-200 दो सप्ताह में एक बार।
बच्चों के रोग➺ गोल कृमि फंगस के कारण-KALIUM IODATUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
बच्चों के रोग➺ गोल कृमि - TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार जब BACILLINUM BURNETT-200 विफल हो जाए तब इसे आजमाएँ) ।
बच्चों के रोग➺ गोल कृमि, काफी भूख और डायरिया के साथ- CALCAREA CARBONICA- 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
बच्चों के रोग➺ गोल कृमि, सोते समय मुँह से निकलता है- ACETICUM ACIDUM -30 दिन में दो बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों में हकलाहट, धीरे-धीरे अटककर बोलना KALIUM BICHROMICUM – 6 हर छह घंटे पर।
बच्चों के रोग➺ हकलाहट, कोई शब्द बोलने से पहले लंबे समय तक बहुत प्रयास करने की आवश्यकता, चेहरा विकृत हो जाना—STRAMONIUM-6, दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ हकलाहट, पहले शब्द तीन या चार बार दुहराना, कीड़े या पेट की समस्या, बोलने में काफी प्रयास करना पड़ता है, चेहरा विकृत हो जाता है SPIGELIA ANTHELMIA-200 दो सप्ताह में एक बार।
बच्चों के रोग➺ शिशुओं के मुँह की सूजन, मुँह में दर्द- MURIATICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों के मुँह की सूजन- BORAX-30 हर चार घंटे पर। .
बच्चों के रोग➺ दमघोंटू नाभीय हर्निया, शिशुओं और बच्चों में-NUX VOMICA-1M की . सप्ताह में एक खुराक
बच्चों के रोग➺ बच्चों के अंडकोषों का सूख जाना-AURUM METALLICUM 30 की दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ ट्यूबरकुलर ग्रंथियों का बढ़ना, बच्चा कमजोर हो जाता है, पेट बड़ा हो जाता है-CALCAREA IODATA-3X दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों द्वारा दूध का वमन, दूध पीने के साथ ही वमन हो जाता है, बच्चा शिथिल और उनींदा महसूस करता है, यदि दूध पेट में अधिक देर तक रहता है तो वह खट्टा होकर बड़ी मात्रा में वमन के रूप में निकलता है, प्यास का पूर्ण अभाव एथूजा AETHUSA CYNAPIUM 30 की एक खुराक रोजाना।
बच्चों के रोग➺ बच्चों द्वारा वमन, ठंडा पानी पीने की इच्छा, लेकिन उसके पेट में गरम होते ही वमन कर देना-PHOSPHORUS-30 की दिन में एक खुराक ।
बच्चों के रोग➺ बच्चों द्वारा वमन, साफ जीभ, अत्यधिक मिचली के बाद वमन IPECACUANHA -30 दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ शिशुओं में वमन . MERCURIUS DULCIS X दिन में तीन बार।
बच्चों के रोग➺ बच्चों द्वारा वमन, भोजन करने के तुरंत बाद वमन कर देना, अधिक खाने या गरमी के कारण, जीभ पर मोटी सफेद परत-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम (क्रोनिक) ब्रोकियल, नाक से हरे या धूसर रंग का प्रचुर स्राव, अत्यंत दुर्गंधयुक्त बलगम, रात में पसीना आता है, तीसरे दाईं या बाईं पसली में दर्द - COPAIVA OFFICINALIS 6 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ जुकाम (क्रोनिक), , ठंडी हवा में बाहर जाने पर नाक बंद हो जाती है। गरम कमरे में राहत मिलती है – HEPAR SULPHUR 200 सप्ताह में एक खुराक लें।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम (क्रोनिक)- CAPSICUM ANNUUM 30 दिन में तीन बार सेवन करें।
खाँसी जुकाम➺ म्यूकस मेंब्रेन के जुकाम की अवस्था, गाढ़ा पीला दुर्गंधयुक्त बलगम, लंबा तथा पीड़ादायक जुकाम- CISTUS CANADENSIS - 30 दिन में दो बार।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, गाढ़ा रस्सी जैसा चिपकनेवाले पदार्थ का स्राव - KALIUM BICHROMICUM 30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, गाढ़ा पीला-हरा दुर्गंधयुक्त स्त्राव-PULSATILLA-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, पस की तरह तिक्त स्राव – ARUM TRIPHYLLUM-30 की एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ नाक की जड़ का नजला, नाक में पपड़ी जम जाना LYCOPODIUM-200 की सप्ताह में एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, हरा मंद स्राव - SEPIA-30 दिन में दो बार (यदि PULSATILLA दिया जाता है तो मासिक धर्म समय पूर्व तथा अधिक मात्रा में आ सकता है)।
खाँसी जुकाम➺ तेज जुकाम, माथे तथा नाक की जड़ में तेज दर्द तथा दबाव, नाक के ठीक से बहने पर दर्द कम या समाप्त हो जाता है— STICTA PULMONARIA -30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, अकसर नाक से थोड़ी मात्रा में रक्त आता है, रूमाल रक्त लगा रहता है - PHOSPHORUS-200 की कुछ खुराकें।
खाँसी जुकाम➺ आँख, कान तथा गले का नजला - KALIUM MURIATICUM 30 दिन में तीन बार।
खाँसी जुकाम➺ नाक का सूखा नजला, रात में नाक बंद, मुँह से साँस लेनी पड़ती है, नाक बंद होने के कारण सूँ-सूँ करना, बच्चा नाक को मलते हुए नींद से जाग जाता है - LYCOPODIUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, नाक से गाढ़ा तथा तिक्त स्राव, नाक तथा होंठ ठंडे-LAC CANINUM-30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, बलगम नाक से गले तक पहुँचता है, दिन में नाक से प्रचुर स्त्राव, परंतु रात में नाक बंद - NATRIUM CARBONICUM200 की केवल एक खुराक, सप्ताह में एक बार।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, नाक का स्राव सूखकर पपड़ी के रूप में जम जाता है, नाक साफ करने का प्रयास करने पर बहुत कम सफलता मिलती है, माथे तथा आगे के साइनस में पीड़ा, कभी-कभी नाक के परदे में घाव हो जाता है STICTA PULMONARIA-6 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ जुकाम, गाढ़ा पीला स्राव-NATRIUM PHOSPHORICUM दिन में तीन बार । जुकाम, बाद में गले में बलगम गिरना-CORALLIUM RUBRUM-6 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ ठंड से हुए जुकाम में आँखों की समस्या- - DULCAMARA-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ जुकाम के कारण कान के मध्य जलन- MERCURIUS DULCIS 6 X दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ सीने में कमजोरी का एहसास, रोने से इसमें वृद्धि - STANNUM METALLICUM 30 की एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ सीने में बलगम के कारण खाँसी में कठिनाई, बलगम बाहर नहीं निकाल पाते- Ammonium Carbonicum-30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ आसानी से सर्दी-जुकाम लग जाना, जो ठंडी हवा से नाक से सीने तक फैलता है, बुखार की अवस्था में भी ढके रहने की इच्छा – NUX VOMICA 30 हर छह घंटे पर।
खाँसी जुकाम➺ मौसम में परिवर्तन के कारण ठंड के प्रति संवेदनशील, सर्दी-जुकाम तथा ठंड जल्दी लगना – NITRICUM ACIDUM 30 की एक खुराक रोज ।
खाँसी जुकाम➺ ठंड का आघात, ठंडा पीला चेहरा, नीले होंठ, तेज थकान, शरीर के ठंडा होने के बावजूद ढके जाने की इच्छा नहीं — CAMPHORA Q की दो से पाँच बूँदें - दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ जल्दी ठंड लग जाना, आग के पास रहने तथा गरम कपड़े पहनने की इच्छा, रोगी गरम कमरे में रहना चाहता है- ARSENICUM ALBUM-30 हर छह घंटे पर ।
खाँसी जुकाम➺ तुरंत सर्दी-जुकाम लगना, तेज छींकें- NATRIUM CARBONICUM 30 सुबह-शाम
खाँसी जुकाम➺ सर्दी-जुकाम, ताकत तथा भूख कम होना-NATRIUM ARSENICOSUM 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ सर्दी/नाक की सूजन, ठंड के कारण छींक आना, गले में शुष्कता, ज्वर में तथा सूखी खाँसी - ACONITUM NAPELLUS-6 एक घंटे के अंतराल पर।
खाँसी जुकाम➺ सर्दी / नाक की सूजन, ज्वर, खाँसी, बदन दर्द, प्यास बिलकुल नहीं - GELSEMIUM SEMPERVIRENS 6 एक-एक घंटे के अंतराल परदें ।
खाँसी जुकाम➺ सर्दी / नाक की सूजन, अधिक छींक, नाक अधिक बहना ALLIUM CEPA 6 तीन-तीन घंटे के अंतराल पर सर्दी, नाक की सूजन, नाक से बहनेवाला पदार्थ पीलापन या हरापन लिये हुए, शाम को रोग का बढ़ना- PULSATILLA 30 हर तीन घंटे पर ।
खाँसी जुकाम➺ सर्दी, नाक की सूजन, नाक से गाढ़ा या कभी-कभी पतला स्राव - NATRIUM MURIATICUM 6 हर तीन घंटे पर।
खाँसी जुकाम➺ सर्दी, नाक की सूजन, छींक, नाक से पतला और जलनकारी स्राव, कम मात्रा में पानी पीने की इच्छा, अंदर से ठंड महसूस होना ARSENICUM ALBUM - 6 दो घंटे पर।
खाँसी जुकाम➺ सर्दी / नाक की सूजन, छींक से आरंभ होता है, दिन में नाक बहती है तथा रात में सूख जाती है, हलकी कँपकँपी-NUX VOMICA-30 चार चार घंटे पर |
खाँसी जुकाम➺ नियमित रूप से सर्दी-जुकाम रहना BACILLINUM BURNETT 200 की एक खुराक रोज।
खाँसी जुकाम➺ ठंडी हवा में थोड़ी देर भी रहने पर सर्दी-जुकाम लग जाना TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।
खाँसी जुकाम➺ ठंड, बाहर से काफी ठंड महसूस होना, पर ढके जाने पर आपत्ति, जीवनी - . शक्ति के अभाव में अत्यंत थकान-CAMPHORA-6 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ हाथ-पैर ठंडे, परंतु शेष शरीर गरम- - MENYANTHES TRIFOLIATA-30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ सन्निपात की अवस्था, ठंड से, ठंडी जीभ और साँस, पीला चेहरा, अनियमित नाड़ी गति, पसीना चलना, साँस लेने में परेशानी के कारण ऑक्सीजन की आवश्यकता, नजदीक से पंखा झले जाने की इच्छा (पर महिला दूर से हवा चाहती है) - Carbo Vegetabilis-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ सन्निपात, अत्यंत थकान, ठंड लगना तथा पसीना, खासकर माथे पर, ठंडी साँस, पीला चेहरा, अधिक मात्रा में मल-त्याग - VERATRUM ALBUM 6 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ सन्निपात, चेहरा पीला, पसीने से नहाया हुआ (पेचिश के साथ - CARBOLICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ सन्निपात, दर्दरहित मल या बिलकुल ही मल-त्याग न होना- CAMPHORA-6 दिन में दो बार |
खाँसी जुकाम➺ साधारण सर्दी-जुकाम, आरंभिक अवस्था में खाँसी के साथ नाक बहना, छींकें आना तथा दम घुटने का एहसास, बंद कमरे में हालत बदतर - JUSTICIA ADHATODA 30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ साधारण सर्दी-जुकाम, आरंभिक अवस्था में, नाक बंद तथा ठंड लगना –NUX VOMICA 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ साधारण सर्दी-जुकाम, आरंभिक अवस्था में, नाक बाधित, नम मौसम में हालत बदतर- LEMNA MINOR-30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ साधारण सर्दी-जुकाम, आरंभिक अवस्था में, छींक, तिक्त स्राव, खुली हवा में हालत बेहतर – ALLIUM CEPA-30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ बच्चों को सामान्य सर्दी-जुकाम, रात में नाक जाम - SAMBUCUS NIGRA-30 दिन में चार बार ।
खाँसी जुकाम➺ साधारण सर्दी-जुकाम, आरंभिक अवस्था में, छींक, क्षुब्धकारी पानीदार स्राव, नाक बहना तथा कमजोरी-ARSENICUM ALBUM-6 दिन में चार बार |
खाँसी जुकाम➺ सामान्य सर्दी-जुकाम, ठंड लगना, नाक तथा गले में खिचखिचाहट - ACONITUM NAPELLUS-6 दिन में तीन बार या CAMPHORA Q पानी या दूध में चीनी मिलाकर दो बूँदें हर दो घंटे पर, राहत मिलने तक।
खाँसी जुकाम➺ सामान्य सर्दी-जुकाम, जब स्राव गाढ़ा और हरापन लिये हुए पीले रंग का हो जाता है, स्वाद का पता नहीं चलता बार। PULSATILLA-30 दिन में चार
खाँसी जुकाम➺ सामान्य सर्दी-जुकाम, जब स्राव गाढ़ा हो जाता है और प्रातः के समय स्थिति बदतर होती है—KALIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, नाक का बायाँ छेद बंद, मुँह से साँस लेने की मजबूरी रात में छींक, नाक का स्राव लाल धब्बे छोड़ता है तथा नाक की अंदरूनी व बाह्य त्वचा को छील देता है, नाक बहने के बावजूद नाक बंद रहती है ARUM TRIPHYLLUM 200 की एक खुराक रोज ।
खाँसी जुकाम➺ नाक से पानीदार कटु स्राव - Ammonium Muriaticum 30 दिन में तीन बार।
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, गरम कमरे में अधिक बदतर स्थिति, नाक बंद हो जाना— PULSATILLA-30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहने का पुराना रोग, नीलाभ या पीला बलगम - ARSENICUM IODATUM-30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहने का पुराना रोग, गले से गाढ़ा स्त्राव निकलना – NATRIUM CARBONICUM30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, निरंतर छींक, फिर नाक से पानीदार स्राव, जो बाद में गाढ़ा हो जाता है, नाक में जलन होती है, नाक बंद हो जाती है- SABADILLA 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, शुष्क तथा बंद नाक, रात में मुँह से साँस लेनी पड़ती है - AMMONIUM CARBONICUM-30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, रात में सूख जाता है, दिन में बहता है, गरम कमरे में हालत बदतर, ठंडी हवा में बेहतर NUX VOMICA 30 की एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, ठंडे कमरे में निरंतर नाक बहती है, गरम कमरे में रुक जाती है- CALCAREA PHOSPHORICA-6 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, लगातार छींक-ARGENTUM METALLICUM-6 दिन में दो बार |
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, ठंडी वायु के कारण- HEPAR SULPHUR-200 की एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, क्षुब्धकारी नासिका स्राव, परंतु आँख के स्राव से कोई जलन नहीं, गरम कमरे में परेशानी बढ़ती है, कान में दर्द के साथ सिरदर्द - ALLIUM CEPA 6 की एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना - iodum-Q की एक बूँद सीधे जीभ पर
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, निरंतर तेज छींकें, रात में नाक बंद हो जाती है और उसमें पपड़ी जम जाती है, खाँसी-NATRIUM ARSENICOSUM 6 हर चार घंटे पर ।
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, खाँसी, तेज दर्द, खाँसी के दौरान चिपकनेवाला तथा सफेद स्स्राव - KALIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, आँखों से होनेवाला स्त्राव जलन भरा होता है, परंतु नाक से होनेवाला स्राव सामान्य होता है, गरम कमरे में रोग में वृद्धि होती है EUPHRASIA OFFICINALIS - 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, पतला, पानीदार स्राव, जलन, गले में खराश तथा ठंडी वायु में साँस लेना कठिन - Aesculus Hippocastanum.-30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, निरंतर छींक तथा प्रचुर स्राव, ऊपरी होंठ तथा नाक छिलना, बलगम अधिक मात्रा में निकलता है, खाँसी तथा खड़खड़ाहट, शाम को तथा गरम कमरे में स्थिति बदतर, खुली हवा में कम कठिनाई, आँखों में जलन, दर्द तथा टीस-ALLIUM CEPA-30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, छींक, टीस, नम मौसम में बदतर - MERCURIUS SOLUBILIS-200 की एक खुराक  रोजाना
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, ऊपरी होंठ तथा नाक की सूजन- BARYTA CARBONICA 6 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ नाक बहना, पीलापन लिए हुए गाढ़ी खाँसी- PULSATILLA 30 हर छह घंटे पर ।
खाँसी जुकाम➺ पुरानी खाँसी, युवुला तथा टॉन्सिल में वृद्धि - BARYTA CARBONICA – 6 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, सीने में दर्द, सीने के बाएँ भाग में अधिक दर्द, ठंडे नम मौसम में रोग अधिक बढ़ता है- Natrum sulph-30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ दमावाली खाँसी, गरम पेय पदार्थों से राहत-CHELIDONIUM MAJUS 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खड़खड़ाहट भरी खाँसी- ACONITUM NAPELLUS 30 या SPONGIA TOSTA 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ सूखी आवाजवाली खाँसी-SPONGIA TOSTA-30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, बहुत कठिनाई से थोड़ा भूरे रंग का कफ निकलता है - ARGENTUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, हृदय संबंधी समस्या के साथ - NAJA TRIPUDIANS 6 एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, साथ में जलन भी - JUSTICIA ADHATODA 30 हर चार घंटे पर ।
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, रात में तथा नींद के समय अधिक, गले में खराश, ठंडे मौसम में या हर सर्दी में अधिक CHAMOMILLA-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी ऐसी कि गर्भपात की आशंका-KALIUM BROMATUM-6 दिन में तीन . बार।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, डकार तथा उग्रता के साथ - AMBRA GRISEA - 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ श्वासनली संबंधी खाँसी, सोने के तुरंत बाद खाँसी- ARALIA RACEMOSA-30 दिन में चार बार ।
खाँसी जुकाम➺ श्वासनली संबंधी खाँसी, सूखी खाँसी, लेटने पर आराम - MANGANUM ACETICUM 30 दिन में तीन बार श्वासनली संबंधी खाँसी, खड़खड़ाहट सहित खाँसी तथा छींकें ARSENICUM ALBUM-30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ श्वासनली संबंधी खाँसी, बलगम निकलने में कठिनाई-ANTIMONIUM TARTARICUM 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ गीली खाँसी, खाँसी के दौरान साँस लेने में काफी कठिनाई, रात को खाँसी के साथ पसीना। यदि छींक भी आए तो रोगी हमेशा थका हुआ महसूस करता है – Ammonium Muriaticum 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ गीली खाँसी, बलगम गाढ़ा, पीला या हरा होता है - PULSATILLA 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ काली खाँसी, भोजन का वमन न - IPECACUANHA 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ फ्लू के बाद बने रहनेवाली खाँसी- Ammonium Carbonicum 6 या 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, लंबे धागे जैसा चिपचिपा बलगम-KALIUM BICHROMICUM 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ काली खाँसी, ठंडा पानी पीने पर राहत - CUPRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, खाँसते-खाँसते मल निकल जाए-PHOSPHORUS-6 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, सिर में दर्द, खाँसी के समय सिर को हाथों से पकड़ लेना तथा लेटने पर मजबूर होना, बैठने पर हालत अधिक बुरी, खाँसी के समय शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द - CAPSICUM ANNUUM 6 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, पहली नींद के बाद ACONITUM NAPELLUS-30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, खसरे के बाद - PULSATILLA-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, आधी रात के बाद-SPONGIA TOSTA-30 दिन में तीन बार । खाँसी, लेटने पर अधिक - HYOSCYAMUS NIGER 30 दिन में दो बार या DROSERA ROTUNDIFOLIA-30 की एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, गरम कमरे से ठंडे कमरे में जाने पर बढ़ती है - BRYONIA 6 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, आग देखने पर बढ़ती है - ANTIMONIUM CRUDUM - 30 दिन में दो बार।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, बैठने के बाद बढ़ती है, लेटने पर राहत मिलती है – FERRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार या MANGANUM ACETICUM-30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, ठंडी नम वर्षा ऋतु के दौरान सर्दी-जुकाम के साथ Dulcamara-30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, जैसे ही रोगी का सिर तकिए का स्पर्श करता है, खाँसी का एक ऐंठन भरा दौरा पड़ता है, रोगी घुटन महसूस करता है, कमरे में टहलना पड़ता है या कुरसी पर सोना पड़ता है-CROTON TIGLIUM 30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, दाएँ कंधे के नीचे दर्द के साथ- -CHELIDONIUM MAJUS-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, वृद्धों को रात में लगभग तीन बजे, निरंतर खाँसी से पसीना तथा बेचैनी, फ्लू के हमले के बाद - AMMONIUM CARBONICUM 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, ठंडा पानी पीने पर आराम CAUSTICUM - 200 की एक खुराक रोजाना।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, लेटने पर आराम - MANGANUM ACETICUM-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, रात में खाँसी के दौरान रक्त निकलता है, परंतु दिन निकलता-ARNICA MONTANA-30 दिन में दो बार में नहीं
खाँसी जुकाम➺ किसी संक्रामक रोग के कारण हुई खाँसी - NAJA TRIPUDIANS-6 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, बलगम के साथ - ALUMINA 200 की एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, दमा संबंधी, दमघोंटू, शुष्क-ठंडी वायु में जाने पर दम घुटता है। – HEPAR SULPHUR-30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, दमा से संबंधित, नींद से उठने के बाद अधिक, तेज खाँसी के साथ दम घुटने का एहसास होता है, साँस लेने में कठिनाई । बोलने, पढ़ने, गाने तथा निगलने के दौरान अधिक खाँसी-SPONGIA TOSTA - 200 की एक खुराक रोज ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, गहरी, खोखली, रूखी आवाज में - VERBASCUM THAPSUS 6 चार चार घंटे के अंतराल पर ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, गहरी आवाज, सीने तथा पेट की मांसपेशियों में तेज सिकुड़न, जिसके कारण रोगी को उन्हें हाथों से पकड़ना पड़ता है, आधी रात के बाद खाँसी अधिक तेज-DROSERA ROTUNDIFOLIA-30 की केवल एक खुराक, लक्षण जारी रहने पर दुहराई जा सकती है ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, मवाद जैसा बलगम, दुर्गंधयुक्त GUAIACUM 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, सूखी, थकाऊ तथा दो दौरों में, रात में तथा दाईं करवट सोने पर अधिक - Mercurius Vivus 30 और MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों को बदल-बदलकर दें, दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, ज्वर के साथ, कफ निकलने के बाद आराम - GUAIACUM-6 हर चार घंटे पर दुहराएँ ।
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, गले में खराश, बाईं करवट लेटने और मेहनत करने पर अधिक कष्ट, दम घुटता है, बोलने में असमर्थ, नाड़ी गति अनियमित - NAJA TRIPUDIANS-6 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, ऐंठन के साथ, खाँसी के दौरान मूत्र IPECACUANHA 30 दिन में दो बार विसर्जन -
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, मिचली या वमन के साथ, खाँसी के दौरान दम घुटने का एहसास - IPECACUANHA 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, ठंड या कपड़े बदलते समय कष्ट अधिक, नाक तथा गले को ढकने पर थोड़ा आराम-RUMEX CRISPUS-30 दिन में चार बार सूखी खाँसी, रात में बढ़ जाती है, बलगम निकलने पर राहत महसूस होती है, कभी-कभी वमन भी होता है-BELLADONNA 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, थकानेवाली, गले में खिचखिच, फटी आवाज, खाँसी के दौरान स्वतः मल-मूत्र निकल जाना, ठंड में रहने पर स्थिति अधिक खराब, पूरे शरीर को ढकने पर आराम - RUMEX CRISPUS 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, वमन के साथ, सीने में दर्द, सिरदर्द खाने पीने तथा गरम कमरे में प्रवेश करने पर स्थिति अधिक खराब - BRYONIA 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, ऐंठन के साथ, खाँसने पर राहत नहीं, अधिक खाँसने पर जलन । तब खाँसी बढ़ती ही जाती है - IGNATIA AMARA - 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ सूखी खाँसी, थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाँसी-ARSENICUM ALBUM- 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ हृदय संबंधी कमजोरी या रोग के कारण खाँसी-DIGITALIS-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ ठंड, शुष्क मौसम के दौरान खाँसी, पहली नींद के बाद उसमें तेजी ACONITUM NAPELLUS 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, खड़खड़ाहट की आवाज, अधिक बलगम जमा हो जाना SENEGA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, पेल्विक क्षेत्र में दर्द, शीतल पेय पीने पर आराम, गले में दर्द, लेटने पर खाँसी में वृद्धि, बलगम नहीं निकल पाता - CAUSTICUM-200 की एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, खाँसी के दौरान सीने में दर्द, कंधों के बीच में ठंड का एहसास - Ammonium Muriaticum - 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, खसरे के बाद, रात में सूखी खाँसी, बाद में कफयुक्त हो सकती है, खाँसी के कारण सोने या लेटने में परेशानी, बैठना अनिवार्य-STICTA PULMONARIA 6 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, ठंडी जगह से गरम जगह में जाने पर NATRIUM CARBONICUM30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, गरम से ठंडी हवा में जाने पर बोलने, हँसने, कुछ खाने-पीने या बाईं करवट लेटने पर अधिक तेज खाँसी-PHOSPHORUS-200 दो सप्ताह में एक बार।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, दबी हुई खुजली या हर सर्दी में एक्जीमा होने के कारण PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, वसायुक्त भोजन लेने से, खाँसी के साथ अनैच्छिक मूत्र विसर्जन – PULSATILLA-30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी के समय यदि मल-मूत्र निकल जाए बार । SQUILLA MARITIMA-30 दिन में दो
खाँसी जुकाम➺ खाँसी वृद्धों में, बलगम अत्यंत कठिनाई से तथा लंबे रेशों के रूप में निकलता है - ALUMEN 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ सर्दियों में खाँसी, गरमियों में राहत - Ammonium Carbonicum -30 दिन दो बार।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी के साथ अनैच्छिक मूत्र विसर्जन - TARENTULA CUBENSIS - 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, जलकारी-MENTHA PIPERITA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, जलन, प्रचुर लार के साथ दम घुटने का एहसास - MERCURIUS SOLUBILIS . MERCURIUS CYANATUS-6 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, सुबह के समय अधिक तथा शाम के समय सूखी – RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में दो बार । अधिक खाँसी, हरा तथा मीठा बलगम-STANNUM METALLICUM मेटेलिकम 30 कुछ खुराकें।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, सीने में कफ की खड़खड़ाहट, गठिया प्रकृति का दर्द, जो यहाँ से वहाँ जाता रहता है – KALIUM SULPHURICUM- 200 की एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, दुर्गंधयुक्त कफ के साथ, रोगी को स्वयं भी अपना बलगम तथा साँस दुर्गंधयुक्त लगती है, ऐसी खाँसी सामान्यतः ब्रोंकाइटिस या निमोनिया के बाद होती है - SANGUINARIA CANADENSIS-Q की पानी में दो से तीन बूँदें, दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, अधिकतर सूखी, बाएँ सीने के ऊपरी भाग से लेकर बाएँ कंधे तक दर्द - MYRTUS COMMUNIS 6 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, निश्श्वास से नितंबों में दर्द, ठंडा पानी पीने पर खाँसी में आराम, खाँसी के दौरान स्वतः मूत्र विसर्जन - CAUSTICUM - 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, केवल दिन में – THUJA 6 दिन में तीन बार या EUPHRASIA OFFICINALIS – 200 एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, केवल रात में – PETROLEUM 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, खासकर रात के अंतिम प्रहर में - SPONGIA TOSTA-30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, लेटने पर परेशानी अधिक, बैठने पर आराम (खासकर वृद्ध व्यक्तियों में) – HYOSCYAMUS NIGER 6 दिन में तीन बार । खाँसी, प्रचुर, गाढ़ा तथा हरा कफ, उरोस्थि (ब्रेस्ट बोन) से कफ निकलता प्रतीत होता है। वहाँ से पीठ तक दर्द, काफी कमजोरी महसूस होना तथा रात में पसीना आना-KALIUM IODATUM 200 की एक खुराक रोजाना।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, मवाद भरा, दुर्गंधयुक्त, सीने में दर्द, नमकीन कफ- PHOSPHORICUM ACIDUM 6 दिन में दो बार |
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, फ्लू के बाद ऐंठनयुक्त, रात में बदतर, गाल लाल, रात में पसीना, डकार पर समाप्त होती है- SANGUINARIA CANADENSIS - 30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, ऐंठनयुक्त या दमा की तरह, अत्यंत अवसाद तथा साँस में घरघराहट, बच्चा सख्त हो जाता है और नीला पड़ जाता है— IPECACUANHA 3 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, गोली चलने की आवाज जैसा खँखारना, रात में अधिक - CORALLIUM RUBRUM 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, ऐंठन के साथ, खाँसते समय कफ की निकलती है–CHELIDONIUM MAJUS 6 हर चार घंटे पर छोटी गाँठ मुँह से
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, ऐंठनयुक्त, भोजन का वमन KALIUM CARBONICUM 30 सप्ताह में एक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, ऐंठन के साथ, चिपचिपा बलगम निकलता है - BADIAGA 6 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺  खाँसी, हृदय संबंधी समस्या के साथ- Laurocerasus 200 की एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, रात में ग्यारह बजे आरंभ होती है, गरम स्थान से ठंडे स्थान पर जाने के कारण-RUMEX CRISPUS-30 दिन में तीन बार |
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, गले को ढकने से आरंभ होती है- AMBRA GRISEA -30 दिन में दो बार।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, शाम को आरंभ होती है, पूरी रात रहती है, सुबह पूरी तरह चली जाती है - SYPHILINUM M सप्ताह में एक खुराक ।
खाँसी जुकाम ➺ खाँसी, त्वचा समस्याओं के साथ- CROTON TIGLIUM 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, नम तथा गीली, केवल सुबह जगने के बाद - HEPAR SULPHUR-30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, नम, खाँसी के दौरान सीने में दर्द, दर्द बाएँ फेफड़े के निचले भाग . में स्थित होता है - Natrum sulph 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, सफेद, चिपचिपा कफ- KALIUM MURIATICUM-30 हर छह घंटे पर।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, काली खाँसी, काफी बलगम निकलता है, रेशेदार सफेद कफ, जो बड़ी मात्रा में निकलता है, वमन- COCCUS CACTI--Q की पानी में दो बूँदें, दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, भूरा चिपचिपा बलगम, हँसने से परेशानी बढ़ती है – ARGENTUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, दुर्गंधयुक्त बलगम के साथ, सीने की दाईं ओर पीड़ा - BORAX VENETA-30 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, छाती में बलगम का संचय अधिक हो जाता है, खड़खड़ाहट, साँस लेने में कठिनाई, घरघराहट - SENEGA Q, तब तक हर दो घंटे पर जब तक राहत न मिले ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, प्रचुर मात्रा में कफ निकलना, बैठने के लिए विवश करता है - Phellandrium 30 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, छींक के साथ, आँखों से पानी बहना तथा अनैच्छिक मूत्र विसर्जन, गीली खाँसी तथा खड़खड़ाहट, काफी बलगम निकलना, सुबह के समय गीली खाँसी, शाम की सूखी खाँसी के कारण अधिक थकान SQUILLA MARITIMA-6 दिन में दो बार ।
खाँसी जुकाम➺ खाँसी, खाँसने के साथ रोगी बेहतर महसूस करता है टेरेंटुला या अरेनिया डाइडिमा दोनों दिन में दो दो बार थूक या बलगम में खून आना, प्रचुर मवादयुक्त बलगम और पीड़ायुक्त खाँसी - TRILLIUM PENDULUM 6 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ थूक या बलगम में खून आना, खाँसी, आसानी से खून निकलना, खाँसी वर्षों तक बने रहना- - HAMAMELIS VIRGINIANA-क्यू, पानी में दो पाँच बूँदें, दिन में चार बार
खाँसी जुकाम➺ श्वासनली में बलगम का जमाव, रूखी खड़खड़ाहट, बलगम निकालने में असमर्थता, फेफड़ों का संभावित पक्षाघात - ANTIMONIUM TARTARICUM 30 दिन में दो बार
खाँसी जुकाम➺ नाक का नजला, गाढ़ा पीला स्राव, हरापन लिये हुए और दुर्गंधयुक्त Theridion Curassavicum 30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ नजला, आँखों से पानी निकलने के साथ- - EUPHRASIA OFFICINALIS - 6 हर छह घंटे पर।
खाँसी जुकाम➺ नेफोफेरिंक्स, ठंड और नजला होने की संभावना - CISTUS CANADENSIS 30 हर छह घंटे पर।
खाँसी जुकाम➺ कफ, भूरे रंग का - ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में दो बार लें।
खाँसी जुकाम➺ कफ, कड़वा स्वाद - PULSATILLA-30 दिन में दो बार खाएँ ।
खाँसी जुकाम➺ कफ, नमकीन स्वादवाला- SEPIA 200 की एक खुराक प्रतिदिन या KALIUM IODATUM-30 दिन में दो बार लें।
खाँसी जुकाम➺ कफ, मीठे स्वाद का, अंडे की सफेदी जैसे सफेद या पीले रंग का STANNUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार लें।
खाँसी जुकाम➺ ठंड से काँपना, लेकिन कभी ठंड, कभी गरमी लगना GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में तीन बार या NUX VOMICA-30 दिन में तीन बार ( हलकी सी हरकत से ठंड महसूस होना और आग के पास बैठने की इच्छा) या ARSENICUM ALBUM-30 दिन में तीन बार (कभी ठंड, कभी गरमी लगना; थोड़ी मात्रा में पानी पीने की इच्छा ) या MERCURIUS SOLUBILIS-30 (अधिक मात्रा में पानी पीने की इच्छा, अत्यधिक लार) ।
खाँसी जुकाम➺ छींक और नजला, ठंडे पानी में हाथ डालने से-PHOSPHORUS-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
खाँसी जुकाम➺ निरंतर छींकें- SQUILLA MARITIMA-30 दिन में तीन बार लें।
खाँसी जुकाम➺ सुबह में छींक, आँख और नाक से पानी आना- AMMONIUM PHOSPHORICUM-3X दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ शिशुओं में सूखा नजला, नाक पूरी तरह बंद, साँस लेने या दूध पीने में कठिनाई LYSSINUMSAMBUCUS NIGRA 6 दिन में तीन बार
खाँसी जुकाम➺ अनियमित खाँसी, बलगम की गाँठ, जो खाँसने पर मुँह से उड़ती है - CHELIDONIUM MAJUS-6 हर छह घंटे पर।
खाँसी जुकाम➺ बलगम, भूरे रंग का - ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार ठंड के प्रति संवेदनशील, जो लोग ठंडे और नम मौसम के प्रति संवेदनशील होते हैं, तंत्रिका शूल संबंधी, ठंड से बदतर, ढकने और गरमी में राहत - KALIUM CARBONICUM-30 की एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ ठंड के प्रति संवेदनशील - SULPHUR 200 पहले सप्ताह में, CALCAREA CARBONICA- 200 दूसरे सप्ताह में और TUBERCULINUM - 200 तीसरे सप्ताह में। सब साप्ताहिक खुराक ।
खाँसी जुकाम➺ ठंड के प्रति संवेदनशील - BACILLINUM BURNETT 200 की एक खुराक रोजाना ।
खाँसी जुकाम➺ ठंड के प्रति संवेदनशील - PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक
खाँसी जुकाम➺ गरम और नम मौसम के प्रति संवेदनशील, शाम और नम वायु में स्थिति बदतर Carbo Vegetabilis 200 की एक खुराक रोजाना।
खाँसी जुकाम➺ काली खाँसी, ऐंठन संबंधी, मिचली और वमन, नाक और मुँह से - IPECACUANHA - 200 दिन में दो बार रक्तस्त्राव -. काली खाँसी-क्रोकस कैकटाई-6 दिन में तीन बार दें।
खाँसी जुकाम➺ काली खाँसी, जागने के बाद स्थिति बदतर- - DROSERA ROTUNDIFOLIA दिन में तीन बार, एक सप्ताह तक। पहली खुराक के तुरंत बाद दूसरी खुराक न दें; दोनों में कम-से-कम चार घंटे का अंतर होना चाहिए ।
खाँसी जुकाम➺ काली खाँसी, खाँसी के दौरान अनैच्छिक मूत्र त्याग हो जाना, वमन और दस्त – VERATRUM ALBUM - 30 दिन में तीन बार |
खाँसी जुकाम➺ काली खाँसी, मुँह से चमकीले धागे जैसी लार- COCCINELLA-30 दिन में तीन बार ।
खाँसी जुकाम➺ काली खाँसी, दम घुटना, ऐंठन, बोलने में असमर्थता, साँस फूल जाना, . नीला चेहरा, शरीर का सख्त हो जाना, एक के बाद एक तीन दौरों से मूर्च्छित हो जाना, चेतनता प्राप्त करने के लिए भोजन का वमन हो जाना - CUPRUM METALLICUM-6 दिन में तीन बार ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ टखनों की कमजोरी, कमजोरी से पैर आगे की ओर झुके हुए, हलकी सी थकान से भी टखना काम करने में असमर्थ हो जाता है-NATRIUM CARBONICUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ टखनों की कमजोरी (बच्चों में)-CARBO ANIMALIS-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ पुरानी आर्थराइटिस, गठिया प्रकृति के साथ-फॉरमिक एसिड-6X (यदि गठिया की विकृति प्रक्रिया विकसित हो गई हो तो इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए)।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ आर्थराइटिस, जोड़ों में दर्द और अंगों का वास्तविक संकुचन-CIMEX LECTULARIUS-30, दिन में दो बार। इससे लाभ न होने पर CAUSTICUM-200 की साप्ताहिक खुराक को आजमाना चाहिए। आर्थराइटिस-BRYONIA-30 दिन में दो बार एक सप्ताह तक। यदि लाभ न हो तो RHUS TOXICODENDRON.-30, दिन में दो बार या कॉलचीकम-30 दिन में दो बार। यदि इनसे भी कोई लाभ न हो तो आर्टिका यूरेंस-30 दिन में दो बार। यदि इससे भी लाभ न हो तो LEDUM PALUSTRE-30 दिन में दो बार। आर्थराइटिस, जोड़ों की गरम तथा दर्दयुक्त सूजन, कंडरा तथा अंगों में तीव्र पीड़ा-RHUS TOXICODENDRON.-6 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ अस्थिक्षय, नाक, तालु व नथनों का चिपकना, उनमें घाव होना तथा नाक बंद होना और उनमें पपड़ी जम जाना; रोगी अत्यंत हताश होता है। उसके मन में आत्महत्या के विचार आते हैं-AURUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ सिफलिस से होनेवाले अस्थि रोग, रात में स्थिति बदतर, स्पर्श में अतिसंवेदनशील-ASA FOETIDA-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ टूटी हड्डियों को जल्दी जोड़ने के लिए-SYMPHYTUM OFFICINALE-Q की पानी में पाँच बूंदें सुबह-शाम या SYMPHYTUM OFFICINALE-30 हर चार घंटे पर।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ हड्डियों में दर्द, रात में ज्यादा-MERCURIUS SOLUBILIS-200 की एक खुराक रोजाना।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ शरीर की बड़ी हड्डियाँ झुक जाती हैं–CALCAREA CARBONICA-200 दो सप्ताह में एक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ टूटी हड्डियों को जोड़ने के लिए SYMPHYTUM OFFICINALE-एम सप्ताह में दो/तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ टायफाइड ज्वर के बाद हड्डियों में दर्द तथा अत्यंत संवेदनशीलता -MANGANUM ACETICU-200 की एक खुराक। इसे जल्दी-जल्दी नहीं दुहराया जाना चाहिए।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ हड्डियों का न जुड़ना, रात में हड्डियों में दर्द CALCAREA PHOSPHORICA-6 दिन में चार बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ तालु तथा कान के पीछे की हड्डी का क्षरण, हड्डियों के सिफलिस या पारे संबंधी समस्या के कारण, रात में बदतर-AURUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ रीढ़, दाँत तथा लंबी हड्डियों का अस्थिक्षय-Acid Fluoric-6 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ रीढ़ की हड्डी का क्षरण-SYPHILINUM-CM की एक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ उपास्थि (कॉर्टिलेज) वर्धनतथा दर्द-ARGENTUM METALLICUM-30 की एक खुराक रोजाना।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गर्भावस्था के दौरान मरोड़ तथा दर्द-VIBURNUM OPULUS आधा कप पानी में दो से पाँच बूंदें, दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ पिंडलियों में मरोड़ तथा रात में तलवों में मरोड़-SULPHUR-30 सुबह तथा दोपहर।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ पैरों, पिंडलियों या जाँघ में मरोड़, सामान्यतः दाईं ओर, अवसाद के साथ-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ कुहनियों के जोड़ों में मरोड़-RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ मांसपेशियों के समूह में मरोड़, कभी-कभी उभरता है, लार बहना, मीठा धातु जैसा स्वाद-CUPRUM METALLICUM-200 की एक खुराक रोज।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को, पियानो तथा वायलिन वादकों में और लेखकों के हाथ-पैरों में मरोड़-MAGNESIUM PHOSPHORICUM-30 दिन में तीन बार लें।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ शरीर के किसी भाग में मरोड़-CICUTA VIROSA-Q पाँच बूंदें रोजाना या LITHIUM CARBONICUM-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ लंबे (लगातार) कार्य के कारण मरोड़-MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ खासकर बाँहों तथा पैरों में मरोड़-CUPRUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ मरोड़,हिस्टीरिया संबंधी वात के कारण Valeriana-3X दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ शरीर के किसी भी अंग में मरोड़-BELLADONNA-6 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ पिंडली की मांसपेशियों तथा जाँघों में मरोड़-VERATRUM ALBUM-6 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ मरोड़, पानी, किसी तरल पदार्थ या चमकीली वस्तु की ओर देखने पर-STRAMONIUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ रीढ़ की हड्डी का गोल होना, बढ़ते वयस्कों में THERIDION-200 सप्ताह में एक बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ हड्डियों का फ्रैक्चर-SYMPHYTUM OFFICINALE-Q पानी में पाँच बूंदें सुबह-शाम।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ अस्थि फ्रैक्चर-ARNICA-30 फैक्चर के तुरंत बाद दिए जाने पर वह तत्काल मांसपेशियों की जकड़न में राहत देती है।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, दर्द का स्थान बदलता है-KALIUM BICHROMICUM-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया तथा अन्य परेशानियाँ, दुर्गंधयुक्त मूत्र, रात में अधिक बुरी स्थिति–BENZOICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, ठंडे तथा नम मौसम में अधिक परेशानी, जोड़ों में दर्द, तंत्रिका- शूल, रात में बदतर-PHYTOLACCA-200 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ स्थायी गठिया, जोड़ों में कड़ापन और आर्टिकुलेटर रूमेटिज्म-FORMICA RUFA-6 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ अंगूठे का गठिया, पास आ रहे व्यक्ति द्वारा छुए जाने या चोट लगने का भय-ARNICA MONTANA-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया का दर्द, अत्यधिक मूत्र-त्याग होने पर कुछ आराम–BENZOICUM ACIDUM-6, दिन में तीन बार (दर्द का स्थान बदलता है)।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया का दर्द, जब मूत्र में लाल सेडिमेंटेशन हो तो अच्छा महसूस करना और जब सेडिमेंटेशन न हो तो गठिया का दर्द फिर उभर आता है- LYCOPODIUM-200 की एक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया का दर्द, यूरिक एसिड की उपस्थिति के कारण-URTICA URENS-Q की पाँच बूँदें हलके गरम पानी में मिलाकर, चार घंटों के अंतराल पर।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया का दर्द, कंधों के जोड़ में KALIUM BICHROMICUM-30 दिन में दो बार या SYPHILINUM-1M की एक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया का दर्द, जब रक्तस्राव न हो तो दर्द होता है, जबकि रक्तस्राव होने पर दर्द गायब हो जाता है-SABINA-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, तलवे पर कॉर्न के साथ-ANTIMONIUM CRUDUM-एम की एक साप्ताहिक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, पैरों को ठंडे पानी में रखने पर राहत-LEDUM PALUSTRE-200 की रोजाना एक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, वर्षा तथा नम मौसम में-DULCAMARA-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, सर्दियों में कोई समस्या नहीं-CAUSTICUM-200 की एक खुराका
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, गले में कड़ापन-LACHNANTHES TINCTORIA-30 की एक खुराक प्रतिदिन।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, कंधों के जोड़ों में SYPHILINUM-1M की एक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द तथा गरदन में दर्द-EUPATORIUM PERFOLIATUM-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, जोड़ों में सूजन, दबाने पर एक गहरा धब्बा बनता है, गरमी से
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ जोड़ों में राहत-COLCHICUM AUTUMNALE-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया-संबंधी परेशानियाँ, गुरदे के क्षेत्र में जलन तथा पीड़ा, सुन्नपन, सख्ती तथा लँगड़ापन–Berberis Vulgaris Q की पाँच बूँदें दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ आर्थराइटिस, ठंडे, नम मौसम में स्थिति बदतर-ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया रोगियों में अधिक चिड़चिड़ाहट, भोजन के विचार या गंध से मिचली आती है, ठंड से खराब स्थिति और गरमी में आराम, चलने-फिरने, नम और ठंडे मौसम से बदतर-COLCHICUM AUTUMNALE (COLCHICUM)-12 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ उँगलियों के जोड़ों का बढ़ना-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ एड़ी में दर्द (स्थायी)- Valeriana-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ एड़ी में दर्द-AGARICUS MUSCARIUS-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ एडियों में सूजन, तलवे में दर्द, दबाव के साथ नहीं चल सकते-LEDUM PALUSTRE-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ एड़ी और तलवे में दर्द, जोड़ों में सूजन के साथ दर्द, जोड़ लाल, तलवे का गठिया-MANGANUM ACETICUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ शुष्कता से एडियों का फटना-ALUMINA-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ जूते या किसी अन्य चीज की रगड़ से एड़ी में दर्द-ALLIUM CEPA-30 की एक खुराक रोजाना।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ हड्डियों में सूजन, स्क्रोफोलस, सिफलिस तथा मानसिक रोगग्रस्त व्यक्तियों में-PHOSPHORICUM ACIDUM-12 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ जोड़ों का चटकना, चलने के दौरान-CALCAREA FLUORICA-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ कुरसी से उठने पर खड़ा होना मुश्किल हो जाता है, उठने के लिए कई प्रयास करने पड़ते हैं-RUTA GRAVEOLENS-200 की एक खुराक रोजाना।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ चलने के दौरान पैरों का मुड़ जाना-NATRIUM CARBONICUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ अस्थिशोथ (माइलाइटिस) मरोड़ और थकान के साथ-PICRIC ACID-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ नाखूनों का भुरभुराना-SILICEA-30 या GRAPHITES-30, दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ नाखूनों का तेजी से बढ़ना, लेकिन विकृत होना-Acid Fluoric-30 हर छह घंटे पर।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ नाखूनों का टूटना, अनियमित आकार के होना, अँगूठे का नाखून मांस में घुस जाना-THUJA-30 की एक खुराक प्रतिदिन।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ नाखूनों का मोटा होना और आकार विकृत होना-GRAPHITES-200 की सप्ताह में एक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ नाखूनों का पीला पड़ना-Ammonium Carbonicum-30 दिन में दो बार। 
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ पिंडलियों में दर्द-CALCAREA FLUORICA-200 सुबह के समय और NATRIUM MURIATICUM-200 शाम के समय, एक सप्ताह तक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया के कारण दर्द, गुरदे में, गॉल ब्लेडर तथा पीठ में दर्द-Berberis Vulgaris Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार। 
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ बाएँ कॉलर बोन के नीचे दर्द, जो दाईं ओर जाता है-AURUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ बाएँ कॉलर बोन के नीचे दर्द-Sumbul-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ मांसपेशियों, हड्डियों, रीढ़ की हड्डी, घुटनों, जाँघों आदि में दर्द-CINA-Q की दो से तीन बूंदें, दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ चलने के दौरान पैरों की एडियों और उँगलियों में दर्द-LEDUM PALUSTRE-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ जोड़ों में दर्द, गठिया के कारण-ARGENTUM METALLICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ छोटे जोड़ों में दर्द, जो हिलने-डुलने से बढ़ जाता है—ACTAEA RACEMOSA-Q की पानी में दो बूंदें, दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ तलवे और एड़ी में दर्द-Natrum sulph-200 दो सप्ताह में एक बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ चलने और खड़े होने के दौरान पैरों में दर्द, लेकिन एड़ी पर वजन देने से कोई दर्द नहीं, चुभनेवाला और जलन भरा दर्द-BERBERIS VULGARIS-Q की पाँच बूंदें दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ पैरों, जोड़ों और हड्डियों में पीड़ा-MAGNESIUM MURIATICUM-200 की एक खुराक रोजाना।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ टिबिया (पैर की मोटी नली) की हड्डी में दर्द-Magnesium oxydatum-200 की एक खुराक रोजाना।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ दर्द बाएँ सीने से शुरू होता है, फिर बाएँ कंधे तक और फिर बाईं बाँह तक जाता है-OXALICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ हड्डियों में तेज दर्द, पूरे शरीर में दर्द के साथ ज्वर-EUPATORIUM PERFOLIATUM-30 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ सभी उँगलियों के जोड़ों में दर्द और सूजन-CAULOPHYLLUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ दाँत और जबड़े की हड्डियों में दर्द, मानो वे टूट जाएँगे-Ammonium Carbonicum-30 दिन में दो बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ परिश्रम से दर्द; पेट, नितंबों और हाथ-पैरों में तनाव, भय, दर्द महसूस होता है-CALCAREA CARBONICA-6 दिन में तीन बार।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ दर्दधीरे-धीरे चरम स्थिति तक पहुँचता है और धीरे-धीरे कम होता है-STANNUM METALLICUM-30 की कुछ खुराकें।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ एडियों में दर्द मानो घाव हो-MAGNESIUM MURIATICUM-200 की एक खुराका लंबी हड्डियों, खासकर टिबिया में दर्द-MEZEREUM-200 की एक खुराक, यदि दर्द बरकरार रहे तो दुहराया जा सकता है।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ पोलियो-CAUSTICUM-1M की एक खुराक, उस दिन कोई अन्य ओषधि नहीं और बाद के सात दिनों तक CALCAREA CARBONICA-30 दिन में तीन बार और आठवें दिन CAUSTICUM-1M की एक खुराक दुहराएँ। एक माह तक यही दुहराएँ। इसके बाद कुछ प्रतिक्रिया होगी। साथ-साथ पैरों में नीचे से ऊपर की ओर मालिश भी करें।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया संबंधी रोग, नम मौसम में स्थिति बदतर, रोगी को बिस्तर से उठने पर मजबूर करता है, उन्माद से पीड़ित होता है-VERATRUM ALBUM-30 दिन में दो बार ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया संबंधी रोग और आर्थराइटिस, जोड़ों में सूजन CAUSTICUM-200 सप्ताह में एक खुराक ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया संबंधी शिकायतें, खासकर कंधों में, घुमंतू दर्द, जोड़ सख्त, लेकिन ज्वर नहीं-CARBONEUM SULPHURATUM 200 की एक खुराक रोजाना लें।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया संबंधी संकुचन और मांसपेशियों का खिंचना CAUSTICUM-200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया ज्वर, हर हड्डी में दर्द और अधिक थकान - EUPATORIUM PERFOLIATUM-30 हर छह घंटे पर ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, जोड़ों में दर्द, दर्द एक केंद्र से फैलता है - Berberis Vulgaris-Q की दो-तीन बूँदें, दिन में दो बार लें । गठिया, शरीर के ऊपरी भाग से नीचे की ओर जाता है - KALIUM MURIATICUM 30 दिन में दो बार
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, छोटे जोड़ों में, जोड़ों में दर्द और सख्ती - CAULOPHYLLUM-30 हर छह घंटे पर दोहराएँ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, सूजाक संबंधी, ठंडे मौसम में स्थिति बदतर- -CALCAREA SULPHURICA-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, मांसपेशी संबंधी, सख्त गरदन, सिर को घुमा नहीं सकते - ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार गठिया, गैस्ट्रिक समस्याओं और अतिसार के साथ KALIUM BICHROMICUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन लें । 
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, सूजाक संबंधी, दर्दयुक्त और सख्त टखने, तलवे संवेदनशील, जिसके कारण चलने में परेशानी, दिन में दर्द- Medorrhinum- सीएम की एक खुराक ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, केवल रात के समय दर्द - SYPHILINUM - सीएम की एक खुराक।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, किसी दमित बीमारी के कारण-ABROTANUM-30 दिन में तीन बार ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, जोड़ों से हृदय तक जाता है-KALMIA LATIFOLIA-6 हर छह घंटे पर।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, ऊपर से निचले अंगों तक जाता है, अचानक स्थान बदलता है, हलकी सी गति से बदतर–KALMIA LATIFOLIA - 6 हर छह घंटे पर । पसीने या ठंडे नम मौसम से - DULCAMARA 200 की एक खुराक प्रतिदिन । 
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, दाएँ जोड़ों में, हृदय समस्या के साथ - CACTUS GRANDIFLORUS Q की दो से पाँच बूँदें पानी में रोजाना ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, अस्थिर दर्द, निरंतर एक अंग से दूसरे अंग में जाते हुए, हृदय को प्रभावित करना, दर्द का नीचे से ऊपर जाना-LAC CANINUM 200 की एक खुराक रोजाना ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, हृदय संबंधी समस्याओं के साथ हड्डियों में दर्द - KALIUM SULPHURICUM-30 दिन में दो बार लें।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, शरीर के किसी अंग के जोड़ में दर्द, परिवर्तनशील और घुमंतू प्रवृत्ति का दर्द - KALIUM SULPHURICUM-30 दिन में दो बार ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, असहनीय दर्द, घुमंतू और एक जोड़ से दूसरे जोड़ में जाने की प्रवृत्ति, ऊपर नीचे और नीचे से ऊपर की ओर, सूजन के साथ या बिना सूजन के स्थान का परिवर्तन, अधिक कमजोरी, शक्तिहीनता और अंगों की सख्ती, हृदय संबंधी समस्याओं को जन्म-COLCHICUM AUTUMNALE (COLCHICUM)-30 हर छह घंटे पर दोहराएँ ।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, शरीर के निचले भाग से आरंभ होता है और ऊपर की ओर अन्य . अंगों की ओर जाता है; गठिया से पीड़ित अंग दुबला हो जाता है; तलवों पर दबाव के कारण ठीक से चलने में परेशानी, तलवों और पैरों को ठंडे पानी में रखना जरूरी, पसीना नहीं खुराक प्रतिदिन लें। LEDUM PALUSTRE 200 की एक
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, जोड़ों में सूजन, दबाने पर गड्ढा बन जाता है, अधिक नम और ठंडे तथा गरम और शुष्क मौसम में बढ़ जाता है - COLCHICUM AUTUMNALE-Q की पानी में कुछ बूँदें, दिन में तीन बार लें।
हड्डी तथा जोड़ों के रोग➺ गठिया, ठंडी हवा का असहनीय होना और चलने-फिरने पर अधिक दर्द – RHUS TOXICODENDRON-6 और BRYONIA - 6 एक-एक करके हर तीन घंटे पर। यदि इससे लाभ न हो तो पोटेंसी बढ़ाई जा सकती है। अगर गठिया सूजाक के कारण है तो SARSAPARILLA OFFICINALIS-30 लाभदायक है। अगर गठियाएक स्थान से दूसरे स्थान तक जाता है तो PULSATILLA-6 या 30 दिन में दो बार लें। गठिया के आरंभ होने पर ACONITUM NAPELLUS 6 दिन में तीन बार या
पीठदर्द बदन दर्द➺ थकान, मांसपेशियों और कंडराओं के तनाव से पीठदर्द बदन दर्द-CALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठ के छोटे से बिंदु पर कमजोरीऔर पक्षाघात की तरह महसूस होना । . खड़े होने या चलने में परेशानी, पैरों के तलवे बेजान लगना, जाँघों में दर्द - COCCULUS INDICUS 30 हर छह घंटे पर।
पीठदर्द बदन दर्द➺ सख्त और संवेदनशून्य पीठ, बैठने या खड़े होने की स्थिति में दर्द - Berberis Vulgaris Q दिन में दो बार, दो से पाँच बूँदें।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द (कमरदर्द), जीवनी द्रव की कमी के कारण, बैठने से अधिक दर्द तथा खड़े होने या चलने पर आराम - COBALTUM METALLICUM - 1M दो सप्ताह में एक बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द (कमरदर्द) के साथ सख्ती महसूस होना, गरमी बढ़ने तथा चलने से अधिक खराब अवस्था - GUAIACUM-6 दिन में दो बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, लेटने से आराम - KALIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, रात में सोते समय, सुबह और बिस्तर से उठने से पहले अधिक दर्द-Staphysagria-30 दिन में दो बार
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, लगातार हलका दर्द, चलने या झुकने पर अधिक दर्द - AESCULUS HIPPOCASTANUM एच. 6 दिन में तीन बार
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, ठंड लगने के कारण – DULCAMARA 200 की एक खुराक।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, गुरदे तथा मूत्राशय की समस्या के कारण - TEREBINTHINA - 200 की साप्ताहिक खुराक ।.
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, यौन उत्पीड़न या हस्तमैथुन के कारण-NUX VOMICA 1 M की सप्ताह में एक खुराक।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, भारीपन, आराम करने से दर्द में वृद्धि, काम में लगे रहने पर बेहतर, चलने-फिरने के पहले प्रयास पर दर्द तथा कठिनाई, परंतु चलने फिरने पर बेहतर; हलकी गरम सिंकाई करने या गरमियों के दौरान सूखी हवा लेने पर आराम, मांसपेशियों में अकड़न, नम वायु या गरमी से ठंड में आने पर दर्द में बढ़ोतरी, ठंड सहन करने में अक्षमता-RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में दो बार।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, बैठने की अवस्था में AGARICUS MUSCARIUS-200 की रोज एक खुराक ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, दर्द जाँघों और पैरों तक जाता है, लंबी दूरी तक चलने में असमर्थ, बैठने तथा दबाने से दर्द में आराम-KALIUM CARBONICUM-200 की एक खुराक नित्य लें।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, दर्द दोनों गुरदों से पैरों की ओर जाता है, पूरी पीठ में दर्द और सुन्नता रहती है - OXALICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार )
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, सख्त चीज पर लेटने से आराम NATRIUM MURIATICUM - 200 की एक खुराक रोजाना ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द में आराम के लिए RHUS TOXICODENDRON-200 या PULSATILLA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, बैठने, लंबी दूरी तक चलने तथा आराम के कारण, पीठ के बल लेटने पर आराम - RUTA GRAVEOLENS 200 की प्रतिदिन एक खुराक ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, सुपरासेकरल भाग के पास असहनीय दर्द, जो दाईं साइटिका तंत्रिका तक फैलती है, आराम तथा पहली गति से अधिक बदतर, रीढ़ की हड्डी अत्यंत संवेदनशील, जिसे छूना या दबाना कष्टकारी हो सकता है - LAC CANINUM 200 एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार तो खुराक दुहरा लें।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, गर्भाशय के रक्तस्राव के साथ-VARIOLINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक दर्द रहने पर एक खुराक और ले लें।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, घुटनों के बल झुकने से अधिक दर्द- SEPIA 30 दिन में तीन बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, चलने से बढ़ता है- ALOE SOCOTRINA 6 दिन में तीन बार . पीठदर्द, बैठने पर बढ़ता है तथा टहलने से आराम मिलता है Valeriana 3X दिन में तीन बार या ZINCUM METALLICUM 200 दो में सप्ताह एक बार।
पीठदर्द बदन दर्द➺ बदनदर्द- RHUS TOXICODENDRON 200 यात्रा से पहले दो दिनों तक दिन में चार बार।
पीठदर्द बदन दर्द➺ बदनदर्द- CALCAREA FLUORICA 6X दिन में दो बार, पाँच टेबलेट पानी में डालकर लें।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठ के नीचे रीढ़ की हड्डी में ठंड महसूस होना-GELSEMIUM SEMPERVIRENS-30 दिन में दो बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पूरे शरीर में पीड़ा, खासकर रीढ़, घुटनों तथा जाँघों में पीड़ा, जोड़ों व . हड्डियों में मोच-सी महसूस होना- CINA 30 दिन में दो बार
पीठदर्द बदन दर्द➺ कमरदर्द, पीठ में सख्ती का एहसास, उठने में कठिनाई, उठने में हाथों का सहारा लेना, पीठदर्द से पूरे शरीर में फैलता है जो पैरों तक जाता है, मूत्र में लाल जमाव, अधिक कमजोरी-Berberis Vulgaris 30 दिन में तीन बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठ में दर्द, मानो रीढ़ की हड्डी में गरम लोहा घुसा दिया गया हो - ALUMINA 200 की एक खुराक ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ रीढ़ की हड्डी में दर्द, मानसिक लक्षणों के साथ संबंधित, जैसे यदि रीढ़ की हड्डी में दर्द होता है तो कोई मानसिक लक्षण नहीं और जब दर्द नहीं होता है तो मानसिक लक्षण विकसित होते हैं- PLATINUM METALLICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ रीढ़ की हड्डी तथा पीठ में दर्द और जड़ता-GRAPHITES-30 दिन में दो बार।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, आराम करने पर स्थिति खराब, गरमी मिलने पर राहत - CALCAREA FLUORICA 6 दिन में तीन बार
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठ के निचले भाग में दर्द, वहाँ से पैरों, दोनों गुरदों तक जाता है, कंधों से उँगलियों तक जड़ता - OXALICUM ACIDUM 30 हर छह घंटे पर।
पीठदर्द बदन दर्द➺ दाएँ कंधे में दर्द, यकृत-विकार के कारण जीभ सफेद हो जाना— LYCOPODIUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ रीढ़ की हड्डी और पीठ में दर्द, साँस लेने में कठिनाई-SPIGELIA ANTHELMIA 30 दिन में दो बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ रीढ़ की हड्डी में दर्द, आराम करने और शारीरिक परिश्रम से बढ़ जाता है। - Valeriana-200 की एक खुराक ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठ के ठीक नीचे दर्द, खड़े होने, झुकने और चलने से बढ़ता है - AESCULUS HIPPOCASTANUM-30 दिन में दो बार
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठ के अंतिम वर्टीब्रा के ठीक नीचे दर्द, बैठने के दौरान दर्द, चलने फिरने से दर्द में राहत - AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में तीन बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, खड़े होने या टहलने पर राहत, लेकिन अपने स्थान से उठते समय तेज दर्द – ARGENTUM NITRICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, रोगी को पागल बना देता है; उसे असहनीय प्रतीत होता है - CHAMOMILLA 30 दिन में दो बार ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, आवधिक और ऐंठन संबंधी, रोगी दर्द के कारण चिल्लाता है। - CAULOPHYLLUM-30 दिन में दो बार
पीठदर्द बदन दर्द➺ पीठदर्द, नितंबों से होकर जाँघों तक जाता है - ACTAEA RACEMOSA-30 हर छह घंटे पर दुहराएँ।
पीठदर्द बदन दर्द➺ रीढ़ संबंधी समस्याएँ, दुर्व्यसनों के कारण होनेवाले रोगों से- Acid Fluoric 30 दिन में दो बार |
पीठदर्द बदन दर्द➺ रीढ़ और पीठ में कमजोरी, रीढ़ में जलन और स्पाइनल कॉर्ड का नरम हो जाना—PICRIC ACID-6 की दिन में एक खुराक ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ अंग-संचालन में अक्षमता (चलने में), बंद आँखों के साथ या अँधेरे में चलने में असमर्थता, आँखें बंद करने पर गिर जाना - ALUMINA 30 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ अंग-संचालन में अक्षमता, अनिश्चितता के साथ चलना, रास्ते में कुछ भी आने पर लड़खड़ाना-AGARICUS MUSCARIUS 30 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ शक्तिहीनता, मल सख्त न होने के बावजूद मल त्याग में अत्यंत कठिनाई होती है, मूत्र विसर्जन धीरे-धीरे होता है हिपर SULPHURICUM ACIDUM 200 की सप्ताह में एक खुराक
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ लगातार वजन घटते जाना—BACILLINUM BURNETT 200 दो सप्ताह में एक बार |
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ सहवास के बाद साँस लेने में कठिनाई-ASA FOETIDA-6 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी (सामान्य), गरम मौसम में, लंबी बीमारी के बाद, अत्यधिक यौन सक्रियता के कारण, मानसिक तथा शारीरिक मेहनत के कारण, लेटने और सोने की इच्छा, चलने पर टाँगों में कमजोरी महसूस होना - SELENIUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी अत्यधिक, जीवनी द्रव के अभाव के कारण, गंभीर बीमारियों के बाद या बिना किसी कारण के, थोड़ा भी चलने फिरने पर पसीना छूटना, , लेटने की इच्छा-PSORINUM 200 की एक खुराक ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ तंत्रिका संबंधी तथा मानसिक कमजोरी, बुरी आदतों के कारण Acid Fluoric-6 हर चार घंटे पर ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी, गंभीर रोगों से जूझने के बाद - PHOSPHORICUM ACIDUM-12 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी, लू के दुष्प्रभावों के कारण, गरमियों में बार-बार सिरदर्द - NATRIUM CARBONICUM30 सुबह-शाम
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी, जीवनी द्रवों के अभाव के कारण, रक्तस्त्राव, थकानेवाला डायरिया, गंभीर मलेरिया - CHINA OFFICINALIS (सीना ) 30 दिन में तीन बार लें ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ अच्छी तरह खाने के बाद भी भूख महसूस होना- CASCARA SAGRADA--Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ अच्छी तरह खाने के बावजूद कमजोर होते जाना— BACILLINUM BURNETT 200  की एक खुराक रोजाना ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ लगातार कमजोरी, खासकर निचले अंगों में - ARGENTUM NITRICUM 30 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ अधिक कमजोरी, अच्छी तरह खाने के बावजूद शरीर कमजोर होना TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी, अच्छी तरह खाने के बाद भी वजन घटना- ABROTANUM 30 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थकान तथा व्याकुलता, अधिक अध्ययन के कारण NATRIUM CARBONICUM30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थकान, रात में जगने से-NUX VOMICA-6 दिन में तीन बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थकान, शारीरिक या मानसिक कार्य अधिक करने से या कम सोने के कारण - CUPRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ अधिक कमजोरी, अंदर से काँपना- SULPHURICUM ACIDUM 30 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ हाथ-पैर ठंडे, अनियमित नाड़ी गति तथा साँस-CRATAEGUS OXYACANTHA-30 दिन में तीन बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ किसी प्रकार का दर्द, मानसिक या शारीरिक परिश्रम के कारण - AETHUSA CYNAPIUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थॉयराइड ग्रंथि में सूजन, उसका बढ़ना, छूने और दबाव के प्रति संवेदनशील - KALIUM IODATUM-30 दिन में तीन बार
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थकान का एहसास और पूरे शरीर में दर्द, खासकर पैरों में, अत्यंत बेचैनी - MAGNESIUM CARBONICUM- 30 की एक खुराक, पर जल्दी जल्दी न दुहराएँ ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थकान का एहसास, पूरे शरीर में, दिमाग की कमजोरी, उदासीनता, इच्छा शक्ति का अभाव, लेटने की इच्छा, पैरों में अत्यंत भारीपन, जमीन से उसे उठाने में असमर्थ, पीठदर्द, उसके निचले हिस्से में थोड़ी जलन PICRIC ACID-6 दिन में दो बार
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थोड़ी सी भी मेहनत करने पर थक जाना-NUX MOSCHATA-30 की एक खुराक रोजाना ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थकान और चक्कर आना, थोड़ी सी भी मानसिक थकान से- ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थोड़ा चलने और शारीरिक मेहनत के कारण थकान - SEPIA-30 दिन में तीन बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थोड़ा भी चलने पर थकान का एहसास - Carbo Vegetabilis 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ सामान्य थकान, मानसिक कार्य करने में असमर्थ, सोचने में कठिनाई PICRIC ACID-6 दिन में तीन बार
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ किसी प्रकार की थकान - स लें। - Sterculia Acuminata-Q की दो से पाँच बूँदें रोजाना
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ हलकी सी मेहनत से भी थकान, अधिक पसीना आना, निरंतर सिरदर्द, थकान के साथ हृदय का धड़कना, पसीने में खट्टी गंध, वसायुक्त और भारी शरीर, जल्दी मासिकस्राव होना, हाथ-पैर ठंडे, मसालेदार और तला हुआ भोजन पसंद करना, हमेशा चिंतित और आशंकित रहना CALCAREA CARBONICA-30 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ थकान, सीढ़ियाँ उतरते समय - STANNUM METALLICUM - 6 की एक खुराक रोजाना ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी के लिए टॉनिक, गंभीर रोग से पीड़ित होने के बाद, स्नायविक कमजोरी, ठंड के प्रति संवेदनशील, चलने से कमजोरी महसूस होना CHININUM ARSENICOSUM 6 दिन में तीन बार
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोर स्मरणशक्ति - PHOSPHORICUM ACIDUM 30 सुबह में रोजाना एक खुराक ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोर स्मरणशक्ति - ANACARDIUM ORIENTALE 3X दिन में दो बार
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी और दस्त, वृद्ध व्यक्तियों को - NITRICUM ACIDUM 30 की एक खुराक रोजाना ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ महिलाओं को कमजोरी में - ALETRIS FARINOSA-Q पाँच बूँदें, सुबह शाम लें।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कलाई की कमजोरी, इसलिए पियानो या हारमोनियम नहीं बजा सकते, लिख नहीं सकते और उँगलियों की गतिविधियों को समन्वित नहीं कर सकते-PLUMBUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ कमजोरी या शक्तिहीनता, काँपना, मूर्च्छा, दाईं ओर का पक्षाघात, जो धीरे-धीरे आता है- CAUSTICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ क्लोरोफॉर्म के प्रयोग के बाद कमजोरी-ACETICUM ACIDUM -30 दिन में तीन बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ मासिक धर्म के दौरान कमजोरी, खासकर उँगलियों की - COCCULUS INDICUS-30 दिन में दो बार ।
कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार➺ सुबह बिस्तर से उठने के बाद काफी कमजोरी महसूस करना SYPHILINUM M की एक खुराक ।
मुँह और दांतों के रोग➺ नथनों और मुँह के कोनों में दर्द, उनका फटना और पपड़ीदार होना ANTIMONIUM CRUDUM.-30 दिन में दो बार लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ मसूड़ों के किनारे स्पष्ट नीली रेखाएँ PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में दो बार। CARBO VEGETABILIS-200 की हर तीन घंटे पर एक खुराक
मुँह और दांतों के रोग➺ जरूरी द्रवों की कमी के कारण उत्पन्न रोग-PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह की शुष्कता, जीभ की शुष्कता का एहसास सा होता है, परंतु असली नहीं, प्यास न लगना-NUX MOSCHATA-30 की रोजाना एक खुराक ।
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह की दुर्गंध-PODOPHYLLINUM-30 पंद्रह दिनों तक दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ क्षतिग्रस्त मसूड़े, कृत्रिम दाँतों का प्रयोग करने के कारण ARNICA 200 की तीन खुराकें और यदि इससे राहत न मिले तो HYPERICUM PERFORATUM-200 की एक खुराक तथा आवश्यकता पड़ने पर दुहराएँ।
मुँह और दांतों के रोग➺ मसूड़ों से खून निकलना MERCURIUS SOLUBILIS-6 तथा FERRUM PHOSPHORICUM-12X हर तीन घंटे पर बारी-बारी से लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ मसूड़ों से खून निकलना, नीलाभ जीभ तथा स्पंजी मसूड़े-CARBO VEGETABILIS
मुँह और दांतों के रोग➺ मसूड़ों में फोड़े, दाँत में दर्द के साथ-BELLADONNA-30 तथा MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों को तीन घंटे के अंतराल पर बारी-बारी से लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ मसूड़ों में सूजन, खून आना, दाँतों में दर्द, मवाद पड़ना, मुँह से दुर्गंध आना, मसूड़ों के ढीलेपन के कारण दाँतों का कमजोर पड़ना, मसूड़ों पर नीलाभ लाल धारियाँ – MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में तीन बार
मुँह और दांतों के रोग➺ सूजे हुए तथा स्पंजी मसूड़े, खून निकलना, बैंगनी हो जाना LACHESIS 200 की एक खुराक।
मुँह और दांतों के रोग➺ मसूड़ों में सूजन, फोड़ा, स्पंजी NITRICUM ACIDUM-30 की कुछ खुराकें।
मुँह और दांतों के रोग➺ होंठों का फटना, किसी भी कारण से ANTIMONIUM CRUDUM 30 या NITRICUM ACIDUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मुँह और दांतों के रोग➺ होंठ, नाक और कपोल में छिद्र, ठंडा, लाल और रक्तिम लगता है, दर्द के बाव्जूद रोगी उन्हे छेडता रहता है - ARUM TRIPHYLLUM ३० की एक खुराक प्रतिदिन
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह में दर्द, नमकीन या खट्टा भोजन करने से बढ़ता -BORAX-6 दिन में
मुँह और दांतों के रोग➺ जीभ पर लाल किनारोंवाली पीली परत-CHELIDONIUM MAJUS-30 दिन में तीन . जीभ पर पतली पीली परत-KALIUM SULPHURICUM-200 एक खुराक प्रतिदिन
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह का घातक रोग, गहरे घावों से भरा, दुर्गंधयुक्त साँस और अधिक कमजोरी–MURIATICUM ACIDUM-30 हर छह घंटे पर।
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह से दुर्गंध-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार, पंद्रह दिनों तक।
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह का अल्सर बार-बार उभरना - SULPHURICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह का अल्सर, लार में वृद्धि के साथ-MERCURIUS SOLUBILIS-200 दो खुराक रोजाना।
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह का अल्सर, धूसर मेंब्रेन- MERCURIUS CYANATUS 30 की एक खुराक, लक्षण बरकरार रहे तो खुराक को दुहराएँ।
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह के कोने फट जाते हैं। उनमें घाव और खुजली, उदासीनता, अत्यधिक लार के साथ मुँह की सूजन-NITRICUM ACIDUM-30 की कुछ खुराक ।
मुँह और दांतों के रोग➺ जीभ पर लाल त्रिकोण-रस. टॉक्स.-30 दिन में तीन बार। जीभ पर मटमैली सफेद परत-KALIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ गायकों या वक्ताओं के स्वर के आरोह में परिवर्तन ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ मुँह, मसूड़ों या कपोल के पूरे छिद्र की संवेदनशून्यता, दर्दयुक्त फोड़े, दुर्गंधयुक्त साँस-MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार
मुँह और दांतों के रोग➺ बच्चों के दुग्धपान से संवेदनशून्यता, सफेद सा घाव – MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार
मुँह और दांतों के रोग➺ संवेदनशून्यतामें मुँह को पानी या किसी अन्य द्रव से गीला रखने पर आराम- BRYONIA 30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ जीभ, मुँह, कपोलों के अंदर की ओर अत्यंत गरमी तथा मुँह की शुष्कता के साथ संवेदनशून्यता- BORAX-6 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ संवेदनशून्यता, मुँह में सफेद फोड़े-KALIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ ठंड लगने, सर्दी या ठंड में लगातार बोलने या काम करने से आवाज बैठना - ARUM TRIPHYLLUM-30 दिन में तीन बार लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ ठंड लगने से कंठावरोध-SPONGIA TOSTA-30 दिन में तीन बार। गला बैठने में अन्य उपचार विफल हो जाने पर-साइना-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ गाने में स्वरावरोध, शाम में स्थिति अधिक बदतर-PHOSPHORUS-30 एक खुराक लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ आवाज बैठना, सुबह के समय अधिक परेशानी CAUSTICUM-6 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँत निकालने/उखाड़ने के बाद रक्तस्त्राव होना-ARNICA- 1M या PHOSPHORUS-30 दिन में दो बार
मुँह और दांतों के रोग➺ घातक डिप्थीरिया (कंठ रोग), नाक या मुँह से रक्तस्राव-CROTALUS HORRIDUS हॉरीडस-30 दिन में दो बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, दाएँ भाग में, दाईं से बाईं ओर जाता है, सोने के बाद तथा शीतल पेय पदार्थों के सेवन के बाद हालत बदतर- LYCOPODIUM 30 दिन में तीन बार लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया (कंठशोथ संबंधी) ACETICUM ACIDUM -6 दिन में दो बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, नाक बंद होने के कारण बच्चा सो नहीं पाता Ammonium Carbonicum-6, दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, तेज विकास, अत्यंत थकान, शरीर में टूटन, केवल तरल पदार्थ निगल सकते हैं, दुर्गंधयुक्त स्राव-BAPTISIA TINCTORIA-200 दिन में एक बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, बाई से दाई ओर जाता है, गरम पेय पदार्थों को पीने पर अधिक बुरी स्थिति, देखने में गहरा बैंगनी लगता है, नींद के बाद हालत बदतर, गले के आस-पास तंग कपड़े सहन नहीं कर सकते-LACHESIS - 200 की एक खुराक रोजाना।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, गैंगरीन संबंधी, निगलने में अत्यंत परेशानी, साँस में दुर्गंध MERCURIUS CYANATUS 30, एक या दो खुराक पर्याप्त हैं (घातक प्रकार के डिप्थीरिया के लिए बेहतरीन दवा ) |
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, दाईं ओर का, गहरा लाल, साँस में दुर्गंध, गाँठ का एहसास, गरम पेय से बदतर – MERCURIUS IODATUS FLAVUS-6 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, गले से रस्सीनुमा रेशेदार स्त्राव, जो कंठ तक जाता है KALIUM BICHROMICUM-30 दिन में तीन बार
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, डिप्थीरिया के कारण जमा पदार्थ चमकीला दिखता है, लक्षण बदलते रहते हैं, रोगी की याददाश्त कमजोर हो जाती है, भुलक्कड़पन, बेचैनी तथा चिड़चिड़ापन-LAC CANINUM-200 की एक
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, शरीर दुखना, उच्च तापमान, नाड़ी गति तेज, गरमी से आराम -PYROGENIUM-200 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, गहरे रंग के जमा पदार्थों के साथ, साँस में दुर्गाधि-TARENTULA CUBENSIS-30 दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, नाक से रक्तस्राव, अत्यंत थकान, कमजोरी के कारण खड़े होने में परेशानी, रोग के आरंभ में सन्निपात-MERCURIUS CYANATUS-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, अत्यंत थकान, मुँह से दुर्गंध, निगलने में काफी कठिनाई CHININUM ARSENICOSUM-3 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, ठंड, नील रोग, पसीना, कंपन, रक्तस्त्राव की प्रवृत्ति, भूरी या काली जीभ के लक्षणों के साथ-MERCURIUS CYANATUS-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, दाई ओर बदतर, दाई ओर पीडा, जो कान तक फैलती है, गले में तेज दर्द, उच्च ज्वर, निगलने पर पीड़ा बार। TARENTULA HISPANICA-6 दिन में चार
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया संबंधी पक्षाघात, गले का पक्षाघात, सेप्टिक की अवस्था के बाद निचले अंगों का पक्षाघात-COCCULUS INDICUS-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, गले में जलन तथा शुष्कता, निगलने में कठिनाई, गले में गाँठों का एहसास तथा उसे निगलने की इच्छा, टॉन्सिल, गले की घंटी तथा गले का पृष्ठभाग राख के रंग के श्लेष्मा से आच्छादित होता है, दर्द गले से कानों तक जाता है–PHYTOLACCA 200 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, कंठ तथा नाक में दर्द- MERCURIUS CYANATUS 200 सप्ताह में एक खुराक ।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, दाई ओर का, दाई से बाई ओर जाता है, सोने तथा तल पेय पदार्थ के बाद अधिक बुरी स्थिति-LYCOPODIUM 30 की एक खुराक रोजाना।
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, दुर्गंधयुक्त साँस के साथ, तरल पदार्थ निगलने में कुछ दर्द में CARBOLICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार
मुँह और दांतों के रोग➺ डिप्थीरिया, गले की सूजन, मेंब्रेन का निर्माण दाई ओर से शुरू होता है, साँस में दुर्गंध तथा मोटी जीभ, जिस पर दाँतों की छाप होती है, जीभ के नीचे मोटी पीली परत-Mercurius Protoiodatus. आयोडाइड-200 की एक खुराक रोजाना लक्षण बरकरार रहने तक, परंतु जल्दी-जल्दी नहीं दुहराया जाना चाहिए।
मुँह और दांतों के रोग➺ कुछ पीने में कठिनाई, घूँट-घूँटकर पीना संभव-KALIUM NITRICUM-6 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ गले की शुष्कता, कंठ, श्वासनली-SPONGIA TOSTA-30 दिन में दो बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ गले तथा शरीर की शुष्कता, इसके बावजूद प्यास न लगना-NUX VOMICA-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
मुँह और दांतों के रोग➺ चेहरे का गरम तथा लाल होना, हाथ-पैर ठंडे, गालों की लालिमा, चेहरे की ओर रक्त संचार STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ चेहरे पर तंत्रिका-शूलया दाँत दर्द, खाने या जबड़ों की क्रिया से दर्द तेज . होना, गरमी से आराम MEZEREUM 200 की कुछ खुराक।
मुँह और दांतों के रोग➺ चेहरे का पक्षाघात, खासकर ठंडी हवा में निकलने के कारण दाई ओर का -CAUSTICUM-200 की एक साप्ताहिक खुराक ।
मुँह और दांतों के रोग➺ घेंघा-यदि iodum-30 से राहत न मिले तो BROMIUM-30 दिन में दो बार लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ घेंघा - iodum-1M पूर्णिमा के अगले दिन एक मासिक खुराक । घेंघा, तेज नाड़ी, तेज सिरदर्द, चेहरे तक रक्त का तेज संचार GLONOINUM 30 हर छह घंटे पर।
मुँह और दांतों के रोग➺ घेंघा, हृदय का धड़कना साफ दिखाई पड़ता है-SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ घेंघा, थॉयराइड की अति सक्रियता, आँखें बाहर की तरफ निकली हुई, हृदय का धड़कना, मेहनत करने पर साँस लेने में परेशानी, बेचैनी, गरम कमरे में स्थिति अधिक बदतर, रात में दम घुटने का एहसास-SPONGIA TOSTA-6 दिन में तीन बार लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ घेंघा, संकुचन का एहसास, अच्छी भूख लगने तथा अच्छी तरह खाने के . बावजूद वजन कम होना, गरमी से काँपना और ठंडे कमरे में बेहतर महसूस करना- iodum-30 हर छह घंटे पर।
मुँह और दांतों के रोग➺  वाहिनी-प्रेरक अवरोधों, लाल गाल, हथेलियों तथा तलवों में जलन, नाक तथा गले में शुष्कता और जलन, तिक्त स्राव आदि से संबंधित रोग SANGUINARIA CANADENSIS-30 दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ पैरों के दबे पसीने के कारण हुए रोग-SILICEA 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
मुँह और दांतों के रोग➺ अपमान या कष्टकर बातों के कारण परेशानी-STAPHYSAGRIA-30 तीन बार। दिन में
मुँह और दांतों के रोग➺ पेशियों की कमजोरी, जैसे जीभ का लकवा, गुदा तथा मूत्राशय के कष्ट, गुदा या गुप्तांगों में घाव, हृदय की धड़कन तेज होना आदि-MURIATICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ हिचकी, खाने के बाद या तंबाकू की गंध से IGNATIA AMARA-30 एक माह तक दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँत की जड़ सड़ जाना। पहले दाँत का इनेमल सख्त हो जाता है और फिर उखड़ जाता है—MEZEREUM-30 की एक खुराक रोजाना।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतों का काला पड़ना या उनपर काली धारियाँ, दाँत टूटते हैं और टुकड़े हो जाते हैं–Staphysagria-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँत निकलने के दौरान ऐंठन, अचानक दौरा पड़ता है, उच्च ज्वर, सिर गरम और ठंडे पैर–BELLADONNA-30 दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँत निकलवाने के बाद रक्तस्राव - TRILLIUM PENDULUM पेंडुलम-6 दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ तेज दाँतदर्द, दर्द चेहरे से शुरू होकर कान तक जाता है – MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ रात में दाँतदर्द, ठंडी चीजें खाने-पीने से स्थिति बदतर, गरमी और दबाव से राहत-MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 की एक खुराक रोजाना।
मुँह और दांतों के रोग➺ रुक-रुककर होनेवाला दाँतदर्द, मुँह में बर्फ रखने से राहत, लेकिन जब बर्फ पानी में बदल जाता है तो दर्द फिर लौट आता है-COFFEA CRUDA-30, दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँत निकालने के बाद दाँतदर्द, रक्तस्राव, साथ ही यदि कृत्रिम दाँत जबड़े को चोट पहुँचाए-ARNICA MONTANA-30 चार घंटे के अंतराल पर।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, मुँह में कुछ काटने और चबाने से बढ़ता है–STAPHYSAGRIA 30 चार घंटे के अंतराल पर
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, ठंडे पानी से बढ़ता है- SILICEA-30 हर तीन घंटे पर।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, हमेशा चाय पीने के बाद-THUJA-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, दबाने और ठंडा पानी पीने से राहत-BRYONIA-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, ठंडे पानी, ठंडी हवा से राहत-Natrum sulph-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, बर्फीला ठंडा पानी पीने से राहत-FERRUM METALLICUM-30 दिन में दो बार लें।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, खाने के दौरान राहत-IGNATIA AMARA-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, मुँह, दाँत तथा मसूड़ों में ठंडक का एहसास, अत्यधिक लार COCCINELLA-30 की एक खुराक प्रतिदिन
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, दंतक्षय के कारण, रात में स्थिति खराब, मुँह में हवा घुसने राहत, हलके से स्पर्श से भी दर्द- MEZEREUM-30 हर छह घंटे पर। दाँतदर्द, नर्व एक्सपोजर के कारण, प्रभावित अंग की ओर से लेटने और चुप रहने से राहत-HYPERICUM PERFORATUM-3 हर छह घंटे पर।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, मासिक धर्म के दौरान, मुँह में हवा जाने या ठंडे पेय पदार्थ पीने से स्थिति बदतर- -Staphysagria-30 दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, गर्भावस्था के दौरान या अकलदाढ़ निकलने से, रात में स्थिति खराब- MAGNESIUM CARBONICUM-6 की एक खुराक रोजाना ।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, खासकर अधिक कॉफी पीनेवाले लोगों में, सड़े दाँत में असहनीय दर्द, मासिक धर्म से पहले बढ़ जाता है COFFEA-30 हर दो घंटे के अंतराल पर।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, मौसम या तापमान में परिवर्तन से- Ammonium Carbonicum-6 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, ठंडा पानी पीने से MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, तंबाकू चबाने और धूमपान से, ठंडी हवा लगने या पानी पीने से . स्थिति बदतर, खाने और लेटने से राहत-SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, दाँत से आवाज गुजरने से, ठंडे पानी के प्रति संवेदनशील दाँत THERIDION CURASSAVICUM-उएक्स पानी में एक बूंद मिलाकर रोजाना।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, किसी गरम चीज का सेवन करने से, गरम कमरे में प्रवेश करने से . या मासिक धर्म अथवा गर्भावस्था के दौरान CHAMOMILLA 200 की एक खुराक रोजाना।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, सड़े दाँत में, रात में स्थिति बदतर, राहत के लिए उठकर टहलना जरूरी (इस प्रकार का दाँतदर्द अधिकांशतः गर्भवती महिलाओं में पाया जाता है) MAGNESIUM MURIATICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, बाएँ निचले दो सिरोंवाले दाँत में, रात में और ठंडा पानी पीने से . स्थिति बदतर- MERCURIUS IODATUS रुबर-30 हर छह घंटे पर।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, चुभनवाला दर्द, चेहरे या कान तक जाता है, प्रचुर लार और स्पंजी मसूड़े – Mercurius Vivus और MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द-PLANTAGO MAJOR मेजर एक विशिष्ट उपचार है। इसे आंतरिक और बाह्य- दोनों रूपों में इस्तेमाल करना चाहिए। PLANTAGO MAJOR-Q बाहर से और खाने के लिए PLANTAGO MAJOR-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, खाने के दौरान, किसी गरम या ठंडी चीज से दाँत का स्पर्श होने से स्थिति अधिक बदतर-KALIUM CARBONICUM-30 सप्ताह में एक खुराक ।
मुँह और दांतों के रोग➺ दाँतदर्द, गरम चीजों और गरम कमरे से स्थिति बदतर, मुँह में ठंडा पानी रखने से राहत, गर्भावस्था के दौरान दाँतदर्द-PULSATILLA-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ जीभ के शुष्क होने के बावजूद पानी पीने की इच्छा नहीं- PULSATILLA 30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ नम जीभ, इसके बावजूद पानी पीने की इच्छा-MERCURIUS SOLUBILIS  MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार।
मुँह और दांतों के रोगजीभ में जलन और जड़ता-KALIUM ARSENICOSUM-30 हर छह घंटे पर।
मुँह और दांतों के रोग➺ जीभ पर सफेद परत, जो परतों में उतरती है और गहरे लाल नाजुक धब्बे पड़ जाते हैं-TARAXACUM OFFICINALE-30 दिन में तीन बार ।
मुँह और दांतों के रोग➺ ठंडी, शिथिल और काँपती जीभ-CAMPHORA-6 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ जीभ पर मोटी सफेद परत-ANTIMONIUM CRUDUM-200 की एक खुराक रोजाना।
मुँह और दांतों के रोग➺ जीभ गंदी, हरी, मटमैली या भूरी परत-Natrum sulph-30 दिन में तीन बार।
मुँह और दांतों के रोग➺ बड़ी, शिथिल जीभ, साफ, लाल, फटी हुई, बोलने में परेशानी PYROGENIUM-200 एक खुराक ।
मुँह और दांतों के रोग➺ जीभ का काँपना, उसे बहुत कठिनाई से बाहर निकाल पाना, जीभ अत्यंत शुष्क और निचले दाँतों के नीचे दबी हुई LACHESIS -200 की एक खुराक।
मुँह और दांतों के रोग➺ शरीर का काँपना, स्नायविक उत्तेजना से-Staphysagria-30 दिन में तीन
गला और आवाज➺ सोते समय गले में साँस अटकने का एहसास चेलिरियाना-एक्स दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ पूरी तरह आवाज चले जाना, गरम वातावरण में ठंडा पानी पीने के कारण - CROTON TIGLIUM 30 हर छह घंटे पर या ARUM TRIPHYLLUM-30 दिन में तीन बार लें।
गला और आवाज➺ आवाज का फटना और ध्वनि लोप, ठंड के आघात से .IPECACUANHA-30 दिन में तीन बार ।
गला और आवाज➺ गले में रूखापन, लेरिंक्स में जलन और सूजन-अमोनियम CAUSTICUM-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ गायकों की आवाज का फटना, गाना शुरू करते उभर जाता है, लंबे समय तक गाना गाने के बाद SELENIUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ आवाज का फटना, बात करने, गाने या जोर से पढ़ने पर अधिक कष्ट आर्जेटम मेटलिकम-30 दिन में तीन बार
गला और आवाज➺ आवाज का फटना, वायु के विपरीत चलने पर-NUX MOSCHATA-30 की एक खुराक रोजाना।
गला और आवाज➺ आवाज का फटना, सुबह सीने में दर्द, खाँसी के दौरान सीना जकड़ जाना -EUPATORIUM PERFOLIATUM-30 दिन में दो बार ।
गला और आवाज➺ आवाज का फटना, ठंडे, नम मौसम में आवाज का लोप, खँखारना, निरंतरजमा बलगम को गले से साफ करने का प्रयास करना, गले में दर्द और सख्ती, लेरिजाइटिस-MANGANUM ACETICUM-6 हर चार घंटे पर।
गला और आवाज➺ आवाज का फटना, गाना शुरू करने पर जो थोड़े समय के लिए गाने पर समाप्त हो जाता है RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ आवाज चले जाना, निरंतर बात करने के कारण-ARUM TRIPHYLLUM 30 हर छह घंटे पर।
गला और आवाज➺ आवाज का हस, कंठ की मांसपेशियाँ निष्क्रिय होने के कारण, जोर से नहीं बोल सकते, सुबह स्थिति अधिक बदतर, अचानक आवाज चले जाना -CAUSTICUM-200 सप्ताह में एक खुराक।
गला और आवाज➺ सख्त गरदन और कंधों में दर्द, ठंडे, नम मौसम में बदतर-GUAIACUM-6 हर छह घंटे पर।
गला और आवाज➺ सख्त गरदन, सिर एक ओर झुका हुआ, गरदन की ऐंठन-LACHNANTHES TINCTORIA-6 सप्ताह में दो बार ।
गला और आवाज➺ गरदन में विशेषतः दाई ओर सख्ती, ग्रंथियों की सूजन के साथ PHYTOLACCA-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ धार्मिक वक्ताओं, अभिनेताओं और गायकों के गले में दर्द, लगातार बोलने से बदतर, रूखी आवाज, अनियंत्रणीय और परिवर्तनशील-ARUM TRIPHYLLUM -30 दिन में दो बार
गला और आवाज➺ दुखता गला-BELLADONNA-6 या 30 दिन में दो बार ।
गला और आवाज➺ दुखता गला-PHYTOLACCA-Q और CIMICIFUGA RACEMOSA-Q को बराबर मात्रा में मिलाएँ और दो घंटे के अंतराल पर पाँच बूँदें दें।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, प्रवक्ताओं, वकीलों में DROSERA ROTUNDIFOLIA-12 एक खुराक प्रतिदिन
गला और आवाज➺ गले में दर्द, फेरिंक्स और टॉन्सिलों का गहरे बैंगनी रंग का होना, निगलने में परेशानी -PHYTOLACCA-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ निगलने में कठिनाई, तरल पदार्थ के अलावा कुछ भी निगलने में असमर्थता, गले में अवरोध महसूस होना, थोड़ा सा भी भोजन करने से दम घुटने का एहसास-BARYTA CARBONICA-30 दिन में दो बार ।
गला और आवाज➺ ठोस पदार्थ को आसानी से निगल लेना, लेकिन तरल को निगलने में परेशानी - IGNATIA AMARA-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ गले की बीमारी, दर्द, खुरचन, रूखापन, गले में किरच का एहसास ARGENTUM NITRICUM-30 की एक खुराक।
गला और आवाज➺ गले की बीमारी, कंठ की बाई ओर BROMIUM-3 दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ गले की बीमारी, पैरों का पसीना दबने के बाद-SILICEA-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ गले का रोग, पैरों के नियंत्रित पसीने से विकसित होता है BARYTA CARBONICA-30 दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ गले में जलन, गरम पेय पदार्थ पीने से स्थिति बदतर-PHYTOLACCA-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ गले में चिपचिपा बलगम, इसलिए उसे निकालना कठिन, बार-बार खाँसने की जरूरत SENEGA-30 हर छह घंटे पर। - MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ गले का फटापन और ध्वनि-लोप, अधिक गरमी से BROMIUM-30 दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ आवाज का फट जाना, आवाज पर जोर देने से–फेरम पिकराटा-6X इसे ARNICA-30 के साथ बदलकर लें, हर चार घंटे पर।
गला और आवाज➺ आवाज का फट जाना, मिठाई खाना अत्यंत पसंद-ARGENTUM NITRICUM-200 दिन में दो बार, एक सप्ताह तक, आकस्मिक रूखापन और आवाज का लोप, सूखी खाँसी- ACONITUM NAPELLUS-30 तीन घंटे के अंतराल पर।
गला और आवाज➺ आवाज का फट जाना, बिना दर्द के Carbo Vegetabilis-30 दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ आवाज का फट जाना, घंटों तक लगातार बोलने और उसके बाद ठंडे स्थान में जाने या ठंडी चीजें खाने से ARUM TRIPHYLLUM-200 दिन में एक बार।
गला और आवाज➺ गले में किरच महसूस होना- ALUMINA 200 की एक खुराक रोजाना या NITRICUM ACIDUM-200 की एक खुराक रोजाना या HEPAR SULPHUR-200 की एक खुराक रोजाना।
गला और आवाज➺ गले में दर्द- अमोनिया NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार ।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, निगलने में परेशानी-VARIOLINUM-200 साप्ताहिक खुराक।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, सूखी ठंड, अधिक ज्वर और बेचैनी के कारण ACONITUM NAPELLUS-6 दो घंटे के अंतराल पर।
गला और आवाज➺ गले में दर्द-PHYTOLACCA 200 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
गला और आवाज➺ गले में दर्द मीठी चीजें खाने पर-SPONGIA TOSTA-6 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, गठिया से संबंधित ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार ।।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, चुभन जैसा महसूस होना और गाँठ, जो एक से दूसरी ओर जाती है, स्पर्श से गरदन दुखती है, दर्द कानों तक फैलता है—लैक CONIUM MACULATUM-30 दिन में तीन बार ।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, केवल तरल पदार्थ निगल सकते हैं, दर्दहीन टॉन्सिल, नरम तालु और पेरोटिड में सूजन-BAPTISIA TINCTORIA-30 दिन में तीन
गला और आवाज➺ गले में दर्द, सार्वजनिक वक्ताओं में, अकसर गला साफ करने की - ALUMINA-200 की एक खुराक रोजाना।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, गरम पेय पदार्थ पीने से दर्द में आराम, सबमैक्सीलरी ग्रंथियों का बढ़ जाना - MERCURIUS IODATUS फ्लेक्स 30 हर तीन घंटे पर।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, किसी चीज को निगलने में कठिनाई, गले में किरच जैसा एहसास-NITRICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, संकुचन के साथ-APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, खासकर गायकों, वक्ताओं, शिक्षकों में, गले में खिचखिच, आवाज का फट जाना- HELONIAS DIOICA-30 दोनों चार घंटे के अंतराल पर लें।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, गरम चीज निगलने में कठिनाई-PHYTOLACCA 30 तीन घंटे के अंतराल पर।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, उपर्युक्त दवाओं से लाभ न हो तो ARUM TRIPHYLLUM-6 हर चार घंटे पर आजमाएँ।
गला और आवाज➺ गले में सूजन, बाहर से पर भी दर्द- LACHESIS -30 आधे घंटे के अंतराल पर तीन खुराक ।
गला और आवाज➺ गले में जलन, गरम चीज खाने या पीने से राहत-ARSENICUM ALBUM-30, दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ कुछ खाने से गला अवरुद्ध होना-COCCULUS INDICUS-30 की एक खुराक रोजाना लें।
गला और आवाज➺ गला दुखना, आवाज का फटना और शुष्कता, शुष्कता के कारण निरंतर खँखारना; लंबे समय के बाद कुछ कफ बाहर निकलता है। गरम भोजन तथा पेय पदार्थ से अस्थायी राहत, गले में किरच होने का एहसास ALUMINA-200 की एक खुराक ।।
गला और आवाज➺ गले में लगातार कफ होने के कारण जल्दी-जल्दी साफ करने की जरूरत, कफ के कारण ठीक से गा नहीं सकते-SELENIUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ सुबह के समय गले में रूखापन, लेकिन दर्द नहीं-CALCAREA CARBONICA- 30 दिन में दो बार ।
गला और आवाज➺ गले में बाईं ओर ग्रंथियों की सूजन-MERCURIUS IODATUS रूबर-6 दिन में तीन बार ।
गला और आवाज➺ स्पर्श या दबाव के प्रति संवेदनशील गला, ठोस पदार्थ के साथ लार या तरल पदार्थ को निगलना कठिन। गले का दर्द कानों तक जाता है, गरम पेय पदार्थ पीने और सोने के बाद स्थिति बदतर-LACHESIS 200 की एक खुराक ।
गला और आवाज➺ गले में दर्द, गहरे बैंगनी रंग का, सूजन, दर्द, लेकिन निगलने के दौरान कोई दर्द नहीं, गले की घंटी का नीचे की ओर लटकना-NATRIUM ARSENICOSUM 30 दिन में तीन बार ।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, जलन और चुभनयुक्त पीड़ा, अधिक दर्द, गले का संकुचन, टॉन्सिल में सूजन, गहरा लाल-CAPSICUM ANNUUM-30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), कोई भी गरम चीज निगलने में कठिनाई-PHYTOLACCA 200 हर दो घंटे पर
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, (गलतुंडिका शोथ), गले की ग्रंथियों के सख्त होने के . साथ पुरानी टॉन्सिलाइटिस-BARYTA IODATA-6 दिन में तीन बार और CALCAREA IODATA-200 सप्ताह में एक बार जिस दिन यह दिया जाए उस दिन BARYTA IODATA नहीं दिया जाना चाहिए।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), गले की ग्रंथियाँ सुस्पष्ट बाहरी गले पर तंग कपड़े सहन न होना-LACHESIS 30 हर चार घंटे पर।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), बार-बार उभरना, परिवार में तपेदिक का इतिहास-TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक खुराक।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), पुराना, बड़ा और सख्त टॉन्सिलBARYTA MURIATICA-30 दिन में दो बार, चार दिनों तक, उसके बाद पाँचवें दिन THUJA-200 और अगले चार दिनों तकBARYTA MURIATICA-30, फिर पहले की तरह पाँचवें दिन THUJA-200 की एक खुराक । राहत मिलने तक यह क्रम जारी रखें।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), उच्च तापमान के साथ BELLADONNA-30 हर दो घंटे पर।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, ठंडी हवा में निकलने के कारण-RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार ।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, बच्चों मेंBARYTA MURIATICA-200 की एक खुराक रोजाना।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, मवादयुक्त, ठंडे पदार्थ का सेवन करने से बार-बार टॉन्सिलाइटिस का आक्रमण, लिंफ ग्रंथियों का बढ़ जाना— Baryta Carbonica 200 की एक खुराक रोजाना।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, ठंडी हवा में जाने से-BELLADONNA-30 दिन में दो बार । टॉन्सिलाइटिस-BARYTA CARBONICA 30 की केवल दो खुराक और BACILLINUM BURNETT 200 पंद्रह दिनों में एक बार।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, ठंड से, बाई से दाई ओर जाता है, गरम पेय पदार्थ पीने से राहत- SABADILLA 30 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, मवाद के साथ-PHYTOLACCA-Q दो से चार बूँदें, दिन . में दो बार।
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, ठंड में निकलने से बार-बार आक्रमण- PSORINUM-1M, सप्ताह में एक खुराक
गला और आवाज➺ टॉन्सिलाइटिस, गरम पेय पदार्थ पीने से राहत, गले में तीव्र जलन, बार बार मवाद बनना-GUAIACUM-6 दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ बढ़ा हुआ टॉन्सिल-AGRAPHIS NUTANS-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ बढ़ा हुआ टॉन्सिल-CALCAREA IODATA-6X दिन में तीन बार।
गला और आवाज➺ सख्त टॉन्सिल-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार (जब BARYTA CARBONICA विफल हो जाए)।
गला और आवाज➺ टॉन्सिल, मुँह में दुर्गंध के साथ- - MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ लाल सूजा हुआ टॉन्सिल, सफेद धब्बे, जो एकजुट होकर पैच बनाते हैं; दर्द कानों तक पहुँचता है, सिर, पीठ और पैरों में दर्द PHYTOLACCA-20 की एक खुराक प्रतिदिन।
गला और आवाज➺ ध्वनि एकांतरण, गायकों और सार्वजनिक वक्ताओं का ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।
गला और आवाज➺ आवाज की भर्राहट, बोलने, गाने और जोर से पढ़ने से बदतर-ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
गला और आवाज➺ ध्वनि-लोप, खाँसी और गरम स्थान से ठंडे स्थान पर जाने के कारण PHOSPHORUS-30 की एक खुराक ।
गला और आवाज➺ आवाज का लोप, गायकों में ALUMINA-200 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
गला और आवाज➺ पूर्ण ध्वनि-लोप, गरम वातावरण में ठंडा पानी पीने से क्रोटन टिंग्लियम-30 हर चार घंटे पर।
गला और आवाज➺ अचानक आवाज चले जाना-SELENIUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार लें।
गला और आवाज➺ गले के पक्षाघात से ध्वनि-लोप- CAUSTICUM - 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
गला और आवाज➺ ध्वनि-लोप या अनियंत्रणीय, गाने या उच्च सुर में बात करने का प्रयास करने पर आवाज का टूटना, गले में रूखापन-ऑरम ट्राइफिलम-30 की एक खुराक रोजाना। आवाजों को सहन न कर पाना-THERIDION CURASSAVICUM-30 दिन में तीन बार।
मानसिक रोग➺ कोमा या उनींदेपन के साथ तकलीफ-ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में दो बार।
मानसिक रोग➺ प्रेम में निराशा से होनेवाली मानसिक परेशानी HYOSCYAMUS NIGER 200 साप्ताहिक खुराक ।
मानसिक रोग➺ प्रेम में विफलता से उत्पन्न मानसिक कष्ट LACHESIS-30 दिन में तीन बार।
मानसिक रोग➺ भय, क्रोध, शर्म, प्रसन्नता आदि भावनाओं से उत्पन्न उद्विग्नता OPIUM 200 रोजाना एक खुराक।
मानसिक रोग➺ यौन अतिशयता, जो दिमाग और दिल में भ्रम उत्पन्न करती है, हृदय की . तेज गति का कारण होती है-LILIUM TIGRINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
मानसिक रोग➺ आकस्मिक खुशी-OPIUM-30 दिन में तीन बार। मौत का भय ACONITUM NAPELLUS-30, इसके बाद ARSENICUM ALBUM-30, हर चार  घंटे पर।
मानसिक रोग➺ पराजय की भावना के साथ चिंता, सावधानी, दुःख, भय, आघात (अकेले रहने पर अधिक) ARSENICUM ALBUM-30 दिन में दो बार।
मानसिक रोग➺ मेरु रज्जु (स्पाइनल कॉर्ड) या तंत्रिकाओं से संबंधित रोग-AMBRA GRISEA 30 दिन में दो बार (इसे शाम को न दें) |
मानसिक रोग➺ अत्यधिक मानसिक कार्य के कारण थकान-Boric Acid-6 दिन में तीन बार ।
मानसिक रोग➺ दुःख, प्रेम में निराशा, दुःखद समाचार, गृहासक्ति - IGNATIA AMARA आमेर-6 दिन में तीन बार।
मानसिक रोग➺ आकस्मिक उद्वेग या लॉटरी लगने जैसे खुशनुमा आश्चर्य के दुष्परिणाम COFFEA CRUDA-200 की एक खुराक रोजाना।
मानसिक रोग➺ निरंतर भय और पसीने से उत्पन्न बीमारियां- ACONITUM NAPELLUS-30 दिन में दो बार।
मानसिक रोग➺ सिर और चेहरे की ओर रक्त का तेज प्रवाह-BELLADONNA-6 दिन में तीन बार।
मानसिक रोग➺ ऐसा प्रतीत होना कि मस्तिष्क ढीला है और हिल रहा है SULPHURICUM ACIDUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
मानसिक रोग➺ माथे में गोला-सा महसूस होना। यह सिर को हिलाने के बाद भी महसूस होता रहता है-STAPHYSAGRIA-30 दिन में तीन बार ।
मानसिक रोग➺ न्यूरोसिस तथा मेलनकोलिया (अवसाद) के कारण चिंता-AMBRA GRISEA 30 दिन में दो बार ।
मानसिक रोग➺ किसी भी कारण से चिंता-PLUMBUM METALLICUM-30 या PLATINUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
मानसिक रोग➺ दिमागी थकान, पश्च कपाल (ऑक्सीपुट) के ठंडेपन के साथ PHOSPHORUS-200 दो सप्ताह में एक बार।
मानसिक रोग➺ दिमागी थकान, सिर के पिछले भाग में दर्द, माथा ठंडा, मस्तिष्क का आधार गरम-ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।
मानसिक रोग➺ दिमाग की परेशानी, दबा हुआ मूत्र, तलछट के साथ लाल या काला ABIES NIGRA-6 दिन में दो बार ।
मानसिक रोग➺ अवसाद, मित्र या प्रेमी के खोने के कारण, संपत्ति अथवा पद . कारण, अपूर्ण सहवास या अति सहवास के कारण, सफेद बाल, चिंतित चेहरा-PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में दो बार।
मानसिक रोग➺ विक्षिप्तता, गहन असहाय-बोध के साथ चुपचाप तथा उत्साहविहीन बैठना-PICRIC ACID-6 दिन में चार बार।
मानसिक रोग➺ भूलने की आदत, यह भूल जाना कि क्या कहना था, दिमाग में दूसरे विचार या विचारों के जमघट के कारण कोई भी विचार या घटना याद करने में असमर्थता; समय तथा स्थान का भ्रम- CANNABIS INDICA-30 दिन में तीन बार लें।
मानसिक रोग➺ पागलपन, अधिक पढ़ने के कारण-STRAMONIUM-200 की एक खुराक लें।
मानसिक रोग➺ चक्कर आने के साथ मानसिक विक्षिप्तता, बिस्तर से उठते समय विषाक्तता महसूस करना-COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर।
मानसिक रोग➺ मानसिक अव्यवस्था, अवसाद के कारण-KALIUM PHOSPHORICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
मानसिक रोग➺ मानसिक जड़ता, इसके कारण यह बताने में असमर्थ कि वह क्या कहना चाहता है, क्योंकि वह उन शब्दों को याद नहीं कर पाता, जो बोलना है-PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
मानसिक रोग➺ मानसिक तनाव, कमजोरी उत्पन्न होना-ARSENICUM ALBUM-30 दिन में दो बार।
मानसिक रोग➺ मानसिक थकान, जिसके कारण मानसिक कार्य करने में परेशानी-नेट्रम . CARBO VEGETABILISनिकम-30 दिन में दो बार ।
मानसिक रोग➺ मानसिक थकान-NATRIUM CARBONICUM-30, ARGENTUM NITRICUM-30 दोनों में से एक या दोनों दिन में तीन बार।
मानसिक रोग➺ सम्मान को ठेस लगने से या प्रेम में निराशा से मानसिक समस्या-VERATRUM ALBUM-200 दिन में तीन बार।
मानसिक रोग➺ मानसिक कमजोरी, अधिक यौन सक्रियता के कारण। कुछ भी करने की इच्छा नहीं- PHOSPHORUS 30 की दो-चार खुराकें।
पेट के रोग➺ गरिष्ठ भोजन के बाद पेट फूलना -NUX VOMICA-30 तीन दिनों तक दिन में तीन बार और चौथे दिन PULSATILLA-200 एक खुराक प्रतिदिन लें।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, पेट से वायु निकालने के लिए CALCAREA PHOSPHORICA-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ अप्राकृतिक चीजें, जैसे चॉक, मिट्टी, कोयला इत्यादि खाने की CALCAREA PHOSPHORICA-12X रोजाना तीन बार।'
पेट के रोग➺ भूख में कमी-Carica Papaya-30 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ प्लीहा की बाई ओर दर्द, पेट में लगातार दर्द-CHIONANTHUS VIRGINICA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
पेट के रोग➺ पेट में गड़गड़ाहट, पेट फूल जाता हो - THUJA-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ बच्चों का पेट बढ़ना-SULPHUR-1M दो सप्ताह में एक बार, केवल सुबह के समय।
पेट के रोग➺ पेट की वायु तथा यकृत (लीवर) में हुए संक्रमण के कारण उत्पन्न पेट के रोग-मल-त्याग तथा पेट से अपानवायु निकलने पर आराम मिलता है NATRIUM ARSENICOSUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ उदरशूल (तेज पेटदर्द), गरम सिंकाई से आराम MAGNESIUM PHOSPHORICUM-12 X हर घंटे।
पेट के रोग➺ अम्लता (एसिडिटी), सभी खाद्य पदार्थ खट्टे और अप्रिय लगते हैं, जलन में पानी पीने से अस्थायी राहत मिलती है-SANICULA AQUA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ अत्यधिक अम्लता, जीभ के पिछले हिस्से पर पीली परत, खट्टी डकार और वमन-NATRIUM PHOSPHORICUM 30 छह-छह घंटे पर
पेट के रोग➺ अम्लता, पेट में खट्टापन महसूस होना, दाँतों को खट्टा बनानेवाला वमन SABINA-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ अम्लता, , सीने में जलन, खट्टी डकार और वमन, एलोपैथिक दवाओं में मैग्नीशिया के इस्तेमाल के कारण MAGNESIUM CARBONICUM-6 दो सप्ताह में एक बार लें।
पेट के रोग➺ खट्टी डकार, वमन, कलेजे की जलन के साथ अम्लता LYCOPODIUM-30 दिन में एक खुराक ।
पेट के रोग➺ तीव्र पेचिश MERCURIUS SOLUBILIS-6 या COLOCYNTHIS-6 या दोनों . अदल-बदलकर दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ पेट में जलन, खाने के बाद राहत मिलती है PHOSPHORUS-200 एक खुराक ।
पेट के रोग➺ विशिष्ट डायरिया के साथ होनेवाले रोग-CROTON TIGLIUM-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ पेट में मरोड़, तेज दर्द, हिचकी, पानीदार वमन, ऐंठन, चलने का प्रयास करने पर कंपन, पैरों की पिंडलियों में मरोड़, मध्य रात्रि के बाद अधिक तेज, बिस्तर से उठकर खड़े होने पर राहत महसूस होना- -CUPRUM ARSENICOSUM-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ बहुत तेज मिचली, वमन, ठंडा पसीना और अत्यंत बेचैनी LOBELIA INFLATA-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कमजोरी और दुर्बलता, लीवर का बढ़ना- INSULINUM X एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ अपेंडिसाइटिस, बाहर से महसूस किया जा सकता है, दाएँ भाग में अत्यंत पीड़ा-BAPTISIA TINCTORIA-3X दिन में तीन बार या दिन में एक बार।
पेट के रोग➺ अपेंडिसाइटिस, दाएँ भाग में पीड़ा-Iris Tenax 200 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ अपेंडिसाइटिस, दाएँ भाग में दर्द, चमडी छूने तक से अधिक दर्द . BELLADONNA-3X दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ क्षुधा-विकार NATRIUM PHOSPHORICUM-30 दिन में तीन बार । .
पेट के रोग➺ किसी भी कारण से भूख में कमी-LOBELIA INFLATA-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ भूख में कमी, तेजी से दुबले होते जाना और वमन-iodum-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ भूख में कमी, मुँह का कड़वा स्वाद, परतदार जीभ-CARDUUS MARIANUS-6 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ भूख में कमी, मुँह में धात्विक स्वाद, अत्यधिक लार – Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS-200 दोनों रोजाना एक खुराक ।
पेट के रोग➺ भूख में कमी, धात्विक स्वाद-COCCULUS INDICUS- 200 एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो खुराक दुहराई जा सकती है।
पेट के रोग➺ क्षुधा- BRYONIA-6 या NUX VOMICA-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ BRYONIA-6 (तेज प्यास के साथ) और NUX VOMICA-6 (तेज भूख, खासकर बदहज्मी के दौरे के लगभग एक दिन पहले)
पेट के रोग➺ भोजन में अरुचि-NATRIUM MURIATICUM-200 एक खुराक रोज। आलू खाने से अरुचि-ALUMINA 200 एक खुराक रोज।
पेट के रोग➺ वसायुक्त भोजन, पेस्ट्री आदि से अरुचि-PULSATILLA-200 दिन में एक खुराक।
पेट के रोग➺ खट्टी डकार-ASA FOETIDA-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ खट्टी डकार, कोई राहत नहीं CINA MARITIMA-6 या 30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ खट्टी डकार से अस्थायी राहत-Carbo Vegetabilis-6 या 30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पित्त-संबंधी उदरशूल के बाद पीलिया, मिट्टी के रंग का मल या पित्ताशय की पथरी के कारण उदरशूल-Berberis Vulgaris Q दिन में दो बार पाँच पाँच बूदें।
पेट के रोग➺ अनियमित मल-विसर्जन (जैसे कब्ज या डायरिया)- MANGANUM ACETICU-30 एक खुराक रोज।
पेट के रोग➺ गुरदे का रोग, पेट में दर्द, पेट में सिकुडन, वमन, तेज हिचकियाँ, . एल्ब्युमिनेरिया (मूत्र में एल्ब्युमिन का होना), उच्च रक्तचाप, कब्ज - PLUMBUM METALLICUM – 6
पेट के रोग➺ आमाशय भित्ति में दर्द (कार्डिएल्जिया), ऐंठन के साथ तेज दर्द तथा दबाव, वमन- CUPRUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ हैजा-Secale cornutum-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ प्रारंभिक हैजा, डायरिया, पतला मल, कमजोरी, भूख और प्यास, गरदन में पीड़ा महसूस होती है— NATRIUM MURIATICUM-200 एक खुराक रोज।
पेट के रोग➺ प्रारंभिक हैजा, हरा पानीदार मल, उदरशूल तथा मरोड़, मरोड़ के दौरान . आँखें नीचे की ओर झुक जाती हैं, ऊपरी होंठ तथा नाक के छिद्र में मोती जैसी सफेदी-AETHUSA CYNAPIUM AETHUSA CYNAPIUM-30 एक खुराक रोज
पेट के रोग➺ प्रारंभिक हैजा, भोजन जल्दी-जल्दी करता है, मल पानीदार और प्रचुर . मात्रा में आता है, अत्यंत दुर्गंधयुक्त वमन अधिक मात्रा में होता है, प्यास अधिक लगती है, पानी पीने के साथ ही उसकी उलटी हो जाती है, लोगों का साथ पसंद करता है, पैरों, पिंडलियों तथा जाँघों में तेज ऐंठन, पानीदार दर्द रहित मल-PODOPHYLLINUM-200 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ प्रारंभिक हैजा, पसीना, अधिक पानी पीने की इच्छा, मिचली तथा वमन, चलने से हालत अधिक खराब- CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ प्रारंभिक हैजा, हरा पानीदार मल, ठंड लगना, नीलापन तथा मूर्च्छा के दौरे - Laurocerasus-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ प्रारंभिक हैजा, मिचली, चावल के पानी जैसा वमन, पसीना, लेकिन बच्चा पेट को नंगा रखना चाहता है-TABACUM-200 हर मल त्याग के बाद दें।
पेट के रोग➺ प्रारंभिक हैजा, कमजोर तथा दुबले बच्चों में वमन तथा डायरिया, दुर्गंधयुक्त मल-Medorrhinum-200 दो सप्ताह में एक खुराक।
पेट के रोग➺ एशियाई हेजा, पहले शरीर में अत्यंत ठंड महसूस होना, आकस्मिक थकान तथा बिलकुल पसीना नहीं आना-Camphora-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ हैजा के बाद अत्यधिक कमजोरी, पेट में गैस बनना तथा पेट का फूलना Carbo Vegetabilis-30 दिन में दो बार लें।
पेट के रोग➺ हेजा की अत्यंत खराब अवस्था, माथे पर बहुत पसीना, प्रचुर वमन तथा डायरिया, अधिक मात्रा में ठंडा पानी पीने की इच्छा, ऐंठन तथा थकान VERATRUM ALBUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ हैजा, नाड़ी गति अनियमित तथा साँस लेने में परेशानी NAJA TRIPUDIANS-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ हैजा, वमन तथा डायरिया अधिक अंतराल पर, ठंडा शरीर, शरीर की नीली रंगत–CAMPHORA-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ हैजा - NAJA TRIPUDIANS-30 या कोबरा-30 एक खुराक । यदि लक्षण बरकरार रहें तो खुराक दुहरा सकते हैं।
पेट के रोग➺ हैजा- RICINUS COMMUNIS-6 हर चार घंटे पर लें।
पेट के रोग➺ हैजे की गंभीर अवस्था-Carbo Vegetabilis-30 हर आधे घंटे पर।
पेट के रोग➺ हैजे में ठंडे पसीने के साथ वमन तथा डायरिया, मल का रंग काला, थोड़ा थोड़ा पानी पीने की इच्छा, अत्यंत थकान, दुर्गंधयुक्त मल तथा उलटी, बेचैनी व मौत का भय - ARSENICUM ALBUM-30 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ हैजा, पेट तथा पैरों की पिंडलियों में मरोड–CUPRUM METALLICUM-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ हैजा, मिचली तथा वमन के प्रमुख लक्षणों के साथ IPECACUANHA-200 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ हैजा, वृद्धावस्था में होनेवाले गैंगरीन आदि में शरीर अत्यंत ठंडा हो जाना, फिर भी रोगी खुद को ढकना सहन नहीं कर पाता-Secale cornutum-200 कुछ खुराक ही बहुत राहत पहुँचाएँगे और रोग की वृद्धि को नियंत्रित करेंगी।
पेट के रोग➺ उदरशूल के साथ डायरिया CALCAREA PHOSPHORICA-6 दिन में चार बार।
पेट के रोग➺ कुछ भी खाने या पीने के बाद उदरशूल-STAPHYSAGRIA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ बार-बार उदरशूल - यदि COLOCYNTHIS से राहत न मिले तो पूर्ण उपचार के लिए KALIUM CARBONICUM-200 की एक खुराक
पेट के रोग➺ पित्ताशय की पथरी के कारण उदरशूल, प्रतिदिन निश्चित समय पर, भोजन करने के बाद रात में कष्ट अधिक, झुकने पर बेहतर- COLOCYNTHIS 6 या CINA MARITIMA-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ गुरदे में पथरी के कारण उदरशूल- MAGNESIUM PHOSPHORICUM-30 कुनकुने पानी में हर आधे घंटे पर या Berberis Vulgaris Q पानी में पाँच बूँदें या BELLADONNA-1X पाँच बूँदें हर आधे घंटे पर, राहत मिलने तक।
पेट के रोग➺ उदरशूल नाभि के पास, कँपकँपी, मल-त्याग में परेशानी, मल-त्याग के बाद फिर शौचालय जाने की इच्छा RHEUM PALMATUM-6 हर मल-त्याग के बाद एक खुराक।
पेट के रोग➺ उदरशूल, झुकने या पेट पर किसी वस्तु से दबाव डालने पर बेहतर, ऐंठनयुक्त पीड़ा, चक्कर आना, पिंडलियों में मरोड़, डायरिया, रात में तथा भोजन के बाद हालत बदतर-COLOCYNTHIS-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ उदरशूल, पैरों को पेट की ओर मोड़ने पर राहत-COLOCYNTHIS-6, 15 मिनट के बाद एक खुराक लें।
पेट के रोग➺ उदरशूल, निचली आँतों की निष्क्रियता के साथ COLLINSONIA CANADENSIS 3 दिन में तीन बार (यदि COLOCYNTHIS और नक्स से लाभ न हो)
पेट के रोग➺ तेज उदरशूल, वात दर्द से राहत पाने के लिए रोगी को दोहरा होना पड़ता है, गरमी तथा तेज दबाव से बेहतर-PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ उदरशूल, रोगी को दोहरा होने के लिए विवश होना पड़ता है, राहत पाने के लिए टहलता है, काफी थका हुआ महसूस करता है, माथे पर ठंडा पसीना VERATRUM ALBUM-6 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ उदरशूल, तेज दबाव या पेट के बल लेटने पर आराम, पेट में कीड़े STANNUM METALLICUM-200 सप्ताह में एक खुराक।
पेट के रोग➺ उदरशूल, रोगी दोहरा होने के लिए विवश, गरमी, दबाव तथा रगड़ से कुछ आराम-MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 गरम पानी में मिलाकर दिन में दो बार (COLOCYNTHIS से लाभ न होने पर)।
पेट के रोग➺ उदरशूल, पित्ताशय की पथरी से लीवर के आस-पास पीड़ा तथा भरे होने का असुविधाजनक एहसास, पित्त का वमन, यकृत की विकृति के कारण जलोदर, लीवर के दाएँ भाग में पीड़ा, चलने-फिरने पर अधिक दर्द, दाएँ डेल्टा जैसे क्षेत्र में पीड़ा तथा बाईं करवट सोने पर रोगभ्रम-CARDUUS MARIANUS-30 दिन में तीन बार लें।
पेट के रोग➺ उदरशूल वायु से, दर्द नाभि-क्षेत्र से आरंभ होता है और फिर पूरे पेट तथा हाथ-पैरों में भी फैल जाता है, आगे की ओर झुकने पर अधिक बढ़ता है, शरीर को सीधा करने पर राहत मिलती है-DIOSCOREA VILLOSA-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ उदरशूल, दोहरा होना पड़ता है, मल-त्याग से ठीक पहले दर्द बढ़ जाता है, उसके बाद भी राहत नहीं मिलती, खड़े होने पर अधिक दर्द-RHEUM PALMATUM-6 हर बार मल-त्याग के बाद एक खुराक।
पेट के रोग➺ क्रोनिक कब्ज, गुदा भरा हुआ तथा गुदाद्वार में बाधा महसूस होना, चिकना मल, मल-त्याग करने की निरंतर इच्छा, मल-त्याग के बाद भी संतुष्टि नहीं, मल-त्याग के लिए कई दिनों तक इच्छा न होना, चेहरे पर गोलाकार काले धब्बे, घर के कामों में ध्यान नहीं, पति तथा बच्चों से जुड़ाव का अभाव - SEPIA 30 दो सप्ताह में एक बार।
पेट के रोग➺ दुःसाध्य कब्ज, गुदा बँधा हुआ महसूस होना, मशीन द्वारा गुदा को खोले जाने पर अधिक पीड़ा-SYPHILINUM 200 सप्ताह में एक खुराक।
पेट के रोग➺ कब्ज के साथ पीठदर्द- SELENIUM METALLICUM-30 सुबह-शाम तथा भोजन के बाद, KALIUM PHOSPHORICUM-6X कुनकुने पानी में पाँच गोलियाँ लें।
पेट के रोग➺ गंभीर कब्ज- GRAPHITES-30 दिन में तीन बार या NUX VOMICA-30 दिन में तीन बार या BRYONIA-30 केवल सुबह एक खुराक।
पेट के रोग➺ पुराना कब्ज-LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ कब्ज, सूखा मल, आँत की सुस्ती के कारण मसूड़ों के किनारे पर नीलाभ रंग-PLUMBUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ कब्ज, जिद्दी कब्ज, मल एक नरम गोले की तरह मलद्वार से चिपका रहता है PLATINUM METALLICUM-30 एक खुराक रोज।
पेट के रोग➺ कब्ज, गुदा की जड़ता के कारण, काला मल-PYROGENIUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, तीव्र मल त्याग की इच्छा, परंतु इसके लिए जाने में भय, पेट के ऊपरी भाग में तेज दर्द- IGNATIA AMARA अमारा-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज-लंबा, पतला, सूखा और सख्त मल अत्यंत कठिनाई से निकलता है-PHOSPHORUS-30 एक खुराक ।
पेट के रोग➺ कब्ज, मल त्याग करने की विफल इच्छा-NUX VOMICA-200 रात में सोने से पहले एक खुराक या NUX VOMICA-Q पानी में दो बूँदें दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, निष्क्रियता या आकस्मिक चोट से RUTA GRAVEOLENS जी-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, शुष्क तथा सख्त मल अधिक जोर लगाने पर निकलता है, मल त्याग करने में अत्यंत परेशानी-LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 सुबह शाम।
पेट के रोग➺ कब्ज, गुदा का पक्षाघात या आँतों की निष्क्रियता TABACUM-30 दिन में तीन बार
पेट के रोग➺ कब्ज, मल-त्याग की विफल इच्छा, ठंडा दूध पीने से राहत— iodum 30 सप्ताह में एक खुराक ।
पेट के रोग➺ कब्ज, दस्तावर एनिमा लेने के बाद अधिक गंभीर, मल-त्याग में कठिनाई, बेचैनी, सिर पर मालिश या रसगड़ से राहत- TARENTULA HISPANICA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, जब तक अधिक मल एकत्र न हो तब तक मल-त्याग की इच्छा नहीं। सख्त मल, गाँठदार, गुदा से चिपक जाता है, मल-त्याग के लिए जोर लगाना पड़ता है ALUMINA -30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, अधिक मल-संचय होने तक मल-त्याग की इच्छा नहीं, अत्यंत कठिनाई से मल-त्याग, आंशिक रूप से निकलता है, कभी-कभी वापस चला जाता है, मशीन द्वारा निकालना पड़ सकता है- SANICULA AQUA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, गुदा की निष्क्रियता के कारण मल त्याग की इच्छा नहीं। सख्त, बड़ा, गहरे रंग का और शुष्क मल- BRYONIA-30 दिन में तीन बार लें।
पेट के रोग➺ कब्ज, मोटापे के साथ-PHYTOLACCA बेरी-Q पाँच बूँदें दिन में दो बार और CALCAREA CARBONICA 200 पंद्रह दिनों में एक बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, मूत्र-त्याग की तीव्र इच्छा-SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ जिद्दी कब्ज, अत्यधिक गैस तथा बवासीर की परेशानी, एक या दो सप्ताह में मल त्याग। इस कारण दो या तीन दिनों तक कमजोरी महसूस होना COLLINSONIA CANADENSIS-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ गर्भवती महिला तथा शिशुओं को कब्ज-ALUMINA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज उन लोगों में जो आसानी से नहीं जाग सकते, परंतु आसानी से सो जाते हैं, लंबे समय तक खड़े नहीं रह सकते, बंद तथा खुले स्थानों में असुविधा महसूस करते हैं-NUX MOSCHATA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, सूखा, सख्त तथा गोल मल-CIMEX LECTULARIUS-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, सख्त तथा गाँठदार मल, इतना सूखा कि जला हुआ सा लगे, अधिक तथा पीड़ादायक मल-SULPHUR-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, सख्त गोले की तरह मल, कब्ज के साथ बारी-बारी से डायरिया भी होता है-CHELIDONIUM MAJUS-30 दिन में तीन बार
पेट के रोग➺ कब्ज, बलगम के साथ सख्त मल-Terminalia Chebula-30 दिन में तीन बार लें।
पेट के रोग➺ कब्ज, सख्त, सूखा, टूटा हुआ तथा निकलने में कठिन मल, कभी-कभी मल बलगम से ढ़का होता है- Ammonium Muriaticum-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, मल को मशीनी प्रक्रिया द्वारा निकालना पड़ता है। सिरदर्द के साथ सख्त मल निकलता है-ALOE SOCOTRINA-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, मल को मशीनी प्रक्रिया द्वारा निकालना पड़ता है-CALCAREA CARBONICA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, गाँठदार तथा बड़ी मात्रा में मल, बलगम के धागे, अकसर मल के बाद बलगम निकलता है, मल-त्याग के बाद काफी दर्द, धोने पर गुदा में दर्द - GRAPHITES-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ कब्ज, आंशिक रूप से निकलने के बाद मल वापस चला जाता है–THUJA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, मल-त्याग नियमित रूप से होता है, परंतु सख्त तथा असंतोषजनक, मासिक धर्म के दौरान अधिक मात्रा में भेड़ के गोबर की तरह मल, गुदा की निष्क्रियता के कारण गुदा संकुचित या जख्मी, मल-त्याग के बाद रक्तस्राव या जलन, जिससे बाद में दर्द होता है—NATRIUM MURIATICUM-200 एक खुराक रोज।
पेट के रोग➺ कब्ज– SULPHUR-30 सुबह एक खुराक । NUX VOMICA-30 रात में एक खुराक । HYDRASTIS CANADENSIS केनाडेन्सिस-Q शाम को पानी में पाँच बूँदें मिलाकर लें।
पेट के रोग➺ कब्ज, मल इतने बड़े आकार का होता है वह निकल मशीनी प्रक्रिया द्वारा निकालना पड़ता है-SELENIUM METALLICUM-200
पेट के रोग➺ कब्ज, मटमैली पीली जीभ, पतली शिथिल, जिस पर दाँतों की छाप दिखती है— HYDRASTIS CANADENSIS केनाडेन्सिस-30 सुबह-शाम लें।
पेट के रोग➺ कब्ज, गुदा के स्पिलटर संपिलटर की कमजोरी, बड़े टुकड़ों में ठोस मल निकलता है-ALOE SOCOTRINA-200 कुछ खुराकें।
पेट के रोग➺ कब्ज, डायरिया के साथ-CARDUUS MARIANUS-30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ कब्ज, मल त्याग की विफल इच्छा-NUX VOMICA-Q पानी में दो बूंदे, . दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ कब्ज, तीव्र दुर्गंधयुक्त साँस-CARBOLICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ कब्ज, गुदा में खुजली के साथ-SULPHUR-30 सुबह में तथा NUX VOMICA-30 रात में।
पेट के रोग➺ कब्ज, तीव्र गैस तथा डकार भी-CARBONEUM SULPHURATUM-30 हर छह घटेपर।
पेट के रोग➺ शरीर कमजोर हो जाना, एनीमिया का शिकार, खराब पाचन शक्ति, अम्लता, बदहज्मी, तंत्रिका शूल, गैस तथा लीवर की समस्या-KALIUM CARBONICUM-30 केवल एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो दुहराया जा सकता है।
पेट के रोग➺ निरंतर मल-त्याग तथा मूत्र-त्याग की इच्छा LILIUM TIGRINUM 2003 दो सप्ताह में एक खुराक ।
पेट के रोग➺ दुर्गंधयुक्त मल, बदबूदार बात के साथ; मल स्वतः निकल इसके बाद जलन होती है, नरम मल भी कठिनाई से निकलता है-Carbo Vegetabilis-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, आइसक्रीम तथा फलों से CALCAREA PHOSPHORICA-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त पुराना - CHAPARRO AMARGOSO-Q या X पानी में दो-तीन बूँदें, दिन में तीन RHEUM PALMATUM-30 प्रत्येक मल-त्याग के बाद एक खुराक आवाज के साथ, लीवर की समस्या के कारण, नम मौसम में परेशानी बढ़ती है Natrum sulph-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, खट्टी चीजें खाने के बाद, गर्भावस्था के दौरान, तूफानी मौसम में और हमेशा दिन में, हमेशा भूख का एहसास-PETROLEUM-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त-ALOE SOCOTRINA-200 हर दो घंटे पर तब तक जब तक दें, दस्त कम न हो जाएँ।
पेट के रोग➺ दस्त, जलोदर के साथ-Apocynum cannabinum-Q दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, , किसी भी प्रकार का-Trombidium-30 दिन में तीन बार । बार।
पेट के रोग➺ दस्त, गंदे पानी पीने के कारण-ZINGIBER OFFICINALE-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ दस्त, मानसिक समस्याओं, उत्तेजना या भावना के कारण GELSEMIUM SEMPERVIRENS-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ बच्चों में दस्त, दाँत निकलने के दौरान, हरा मल, सड़े अंडों जैसी दुर्गंध, उदरशूल, पेट फूला हुआ लगना CHAMOMILLA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, वसंत ऋतु के दौरान बदहज्मी में बदल जाता है-ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार दस्त, गरमियों के दौरान, गुदा में दर्द, गंदे पानी जैसा मल, चलने-फिरने से स्थिति अधिक खराब- BRYONIA-200 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ दस्त, सुबह (पाँच से दस बजे तक), मल-त्याग की आकस्मिक इच्छा, पीडा रहित दुर्गंधयुक्त मल प्रचुर मात्रा में, तपेदिक से संबद्ध-RUMEX CRISPUS-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, सुबह-सुबह दस बजे तक बढ़ता है, दोपहर में रुक जाता है और शाम को सामान्य मल-त्याग होता है, बीच-बीच में कब्ज भी होता है—PODOPHYLLINUM-30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ दस्त, सुबह-सुबह, जोर लगाकर काफी वायु तथा आवाज के साथ निकलता है- THUJA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, सुबह-सुबह, मल अचानक जोर के साथ निकलता है, अत्यंत कमजोरी, प्रचुर मात्रा में मल के साथ पसीना-TUBERCULINUM-200 सप्ताह में एक बार।
पेट के रोग➺ दस्त, अशुद्ध पानी पीने से CAMPHORA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, दूध के कारण, दूध से अरुचि, दूध तथा वसायुक्त पदार्थ खाने पर खट्टी डकारें आती हैं, हृदय संबंधी समस्या तथा दिल का तेजी से धड़कना NATRIUM CARBONICUM-6 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, खट्टी शराब से ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, ठंडा भोजन या ठंडे पेय पदार्थ लेने पर, गरमी के मौसम में फल, अंडे, मछली खाने पर, कभी-कभी अनियमित ज्वर भी रहता है- CHININUM ARSENICOSUM-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ दस्त, अत्यंत दुर्गंधयुक्त, भूरा या काला-PYROGENIUM-6 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ दस्त, सुबह-सुबह, आकस्मिक मल, पानीदार व काला तथा दुर्गंधयुक्त BACILLINUM BURNETT 200 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ दस्त, सुबह में, मल का रंग कालापन लिये हुए भूरा, दुर्गंधयुक्त SULPHUR-30 दिन में दो बार। यदि इससे लाभ न हो तो BACILLINUM BURNETT-200 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ दस्त, अनैच्छिक, सफेद जेली जैसे बलगम से ढका हुआ— HELLEBORUS NIGER-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, भुने हुए अंडों जैसा, दुर्गंधयुक्त, देर तक रखने पर मल का रंग घास जैसा हरा हो जाता है, दो बार हुए मल एक जैसे नहीं, गुदा को छील देता है, भोजन के बाद मल-त्याग की जल्दी-SANICULA AQUA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त NATRIUM MURIATICUM-200 शाम में तथा CALCAREA SULPHURICA-200 सुबह में।
पेट के रोग➺ दस्त, शिशुओं तथा कुपोषण के शिकार बच्चों को, नसों की सूजन तथा वमन के साथ – THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, बिना पचा भोजन, वायु निकलते समय स्वतः मल निकल जाना, थोड़ी-से-थोड़ी वायु निकलने के साथ भी मल निकलना-OLEANDER-200 एक खुराक, यदि लक्षण जारी रहें, तभी दुहराएँ।
पेट के रोग➺ दस्त, रात में बिना पचा मल, पीड़ा रहित, अच्छी भूख-FERRUM METALLICUM-6 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, पीड़ा रहित, कमजोर न करनेवाला, दुर्गंधयुक्त मल स्वतः निकल जाता है-PHOSPHORICUM ACIDUM-6 चार बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, पीड़ा रहित, वायु के साथ पानीदार तथा नाश्ते के बाद - THUJA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, प्रचुर मात्रा में, पानीदार, चौड़े मुँहवाले मलद्वार के साथ PHOSPHORUS-200 कुछ खुराकें ।
पेट के रोग➺ दस्त, , चीनी खाने या मीठा पीने के तुरंत बाद, मल में हरा बलगम ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, , नहाने के बावजूद बच्चे के पूरे शरीर से खट्टी गंध, अम्लीय पदार्थ खाने की चाह-HEPAR SULPHUR-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, भूरा मल, तरल में बिना पचे हुए पदार्थ और असहनीय दुर्गंध होती है -GRAPHITES-1M एक खुराक ।
पेट के रोग➺ दस्त, हरा मल तथा झागदार मैल, मल-त्याग से पहले उदरशूल, जो मल त्याग के बाद बढ़ जाता है-MAGNESIUM CARBONICUM-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, मूत्र त्याग करते समय या मूत्र-त्याग के साथ वायु छोड़ते समय स्वतः मल निकल जाता है-MURIATICUM ACIDUM-6 दिन में चार बार
पेट के रोग➺ दस्त, प्रचुर मात्रा में मल, पीला या हरा पानीदार, दुर्गंधयुक्त, सुबह गरम मौसम तथा दाँत निकलने के दौरान रोग में वृद्धि, आधी आँखें बंद करके सोना तथा सुबह में सिर को इधर से उधर हिलाना, बिना वमन के मिचली आना-PODOPHYLLINUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ दस्त, पतला तथा काला मल, असहनीय दुर्गंध के साथ अनैच्छिक रूप से निकल जाता है-CARBOLICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, शिशुओं तथा कुपोषण के शिकार बच्चों को, नसों की सूजन तथा वमन के साथ THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, बिना पचा भोजन, वायु निकलते समय स्वतः मल निकल जाना, थोड़ी-से-थोड़ी वायु निकलने के साथ भी मल निकलना-OLEANDER-200 एक खुराक, यदि लक्षण जारी रहें, तभी दुहराएँ।
पेट के रोग➺ दस्त, रात में बिना पचा मल, पीड़ा रहित, अच्छी भूख-FERRUM METALLICUM-6 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, पीड़ा रहित, कमजोर न करनेवाला, दुर्गंधयुक्त मल स्वतः निकल जाता है-PHOSPHORICUM ACIDUM-6 चार बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, पीड़ा रहित, वायु के साथ पानीदार तथा नाश्ते के बाद THUJA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, प्रचुर मात्रा में, पानीदार, चौड़े मुँहवाले मलद्वार के साथ PHOSPHORUS-200 कुछ खुराकें।
पेट के रोग➺ दस्त, चीनी खाने या मीठा पीने के तुरंत बाद, पल में हरा बलगम भी ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, नहाने के बावजूद बच्चे के पूरे शरीर से खट्टी गंध, अम्लीय पदार्थ खाने की चाह-HEPAR SULPHUR-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, भूरा मल, तरल में बिना पचे हुए पदार्थ और असहनीय दुर्गंध होती है - GRAPHITES-1M एक खुराक।
पेट के रोग➺ दस्त, हरा मल तथा झागदार मैल, मल-त्याग से पहले उदरशूल, जो मल त्याग के बाद बढ़ जाता है- MAGNESIUM CARBONICUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ दस्त, मूत्र त्याग करते समय या मूत्र-त्याग के साथ वायु छोड़ते समय स्वतः मल निकल जाता है MURIATICUM ACIDUM-6 दिन में चार बार।
पेट के रोग➺ दस्त, प्रचुर मात्रा में मल, पीला या हरा पानीदार, दुर्गंधयुक्त, सुबह गरम मौसम तथा दाँत निकलने के दौरान रोग में वृद्धि, आधी आँखें बंद करके सोना तथा सुबह में सिर को इधर से उधर हिलाना, बिना वमन के मिचली आना-PODOPHYLLINUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ दस्त, पतला तथा काला मल, असहनीय दुर्गंध के साथ अनैच्छिक रूप से निकल जाता है CARBOLICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, पानीदार, प्रचुर, पीड़ा रहित तथा दुर्गंधयुक्त मल- BISMUTHUM SUBNITRICUM - 30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, पीला, लाल या पारदर्शी मल, जेली जैसा बलगम अधिक मात्रा में निकलता है, वायु निकलते समय या मूत्र-त्याग करते समय मल स्वतः निकल जाता है, गुदा भारी तथा द्रव से भरा हुआ महसूस होता है, मल त्याग से तुरंत पहले पेट में काफी गड़गड़ाहट तथा पेल्विस और पेट में वजन महसूस होना, खाने-पीने के बाद अधिक वृद्धि-ALOE SOCOTRINA-6 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ दस्त, आकस्मिक तथा मिचली और वमन के साथ, कमजोरी, ठंडा पसीना तथा बेहोशी-TABACUM-6 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, मल तेजी से अचानक बाहर निकलता है, पीला पानीदार मल, जैसे ही रोगी कुछ खाता-पीता है, दस्त शुरू हो जाता है, गरमियों के दौरान अधिक-CROTON TIGLIUM-6 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, अचानक मल त्याग की इच्छा, मल एक बार में बाहर आ जाता है, कभी-कभी पानीदार तथा पीला, मल-त्याग के बाद काफी राहत, कभी कभी मल त्याग के बाद जलन- GAMBOGIA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, सामान्यतः रात में, दूषित भोजन या पानी पीने के बाद, दो बार के मल एक प्रकार के नहीं PULSATILLA-6 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ दस्त, पानीदार, पेट में तीव्र पीड़ा, वमन तथा चेहरे पर ठंडा पसीना VERATRUM ALBUM-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ दस्त, पानीदार-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, पानीदार, साबूदाना जैसे सफेद तत्त्व, सुबह में बदतर, वृद्धों मासिक धर्म के दौरान दस्त-PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, पानीदार, पीला या सफेद, पीड़ा रहित तथा कमजोरी के साथ PHOSPHORICUM ACIDUM-6 हर छह घंटे पर लें।
पेट के रोग➺ दस्त, कब्ज के साथ, खासकर वृद्धों में ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ दस्त, ठंड लगने पर उदरशूल के साथ-DULCAMARA-200 एक खुराक।
पेट के रोग➺ दस्त, दुर्गंधयुक्त मल के साथ, जो अपने आप निकल जाता है— Cynodon dactylon-Q पाँच बूँदें हर दो घंटे पर।
पेट के रोग➺ दस्त, साथ में बदन दर्द या गले में दर्द भी VARIOLINUM-200 एक दिन छोड़कर एक खुराक ।
पेट के रोग➺ दस्त, वमन के साथ, केवल शीतल पेय पीने की इच्छा VERATRUM ALBUM-30 हर दो घंटे पर।
पेट के रोग➺ दस्त, पीला पानीदार, अधिक जोर के साथ बाहर निकलता है, बच्चों को अधिक ठंडा पानी पीने पर GRATIOLA-6 दिन में दो बार। ➺ दस्त, यात्रा से पहले बेचैनी के कारण-GELSEMIUM SEMPERVIRENS 200 केवल एकखुराक ।
पेट के रोग➺ वसायुक्त पदार्थों को पचा नहीं पाना PULSATILLA-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ पाचन शक्ति को बेहतर बनाने के लिए Carica Papaya-Q भोजन करने के आधे घंटे पहले पाँच बूँदे ।
पेट के रोग➺ कमजोर पाचन शक्ति, साधारण भोजन भी नहीं पचता, पेट में अत्यधिक गैस बनना, लेटने पर हालत अधिक खराब, खाने या पीने के बाद ऐसा लगना कि पेट फट जाएगा-Carbo Vegetabilis-6 दिन में तीन बार। ➺ गंभीर पेचिश, उच्च तापमान, त्याग, पानी पीने के बाद तेज ठंड लगना, खून जैसा मल, मल-त्याग करने की बार-बार इच्छा - MERCURIUS CORROSIVUS-6 हर मल-त्याग के बाद दें।
पेट के रोग➺ पेचिश एंडामीबिक-एमेटिन हाइड्रोक्लोराइट-2 X दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ वृद्ध व्यक्ति को पेचिश, दुर्गंधित मल-BAPTISIA TINCTORIA-6 दिन में तीन बार लें।
पेट के रोग➺ गंभीर पेचिश, भूरा व पतला मल, भोजन तथा पेय पदार्थों से अधिक बदतर, मल-त्याग से पहले और बाद में पेटदर्द-TROMBIDIUM MUSCAE-6 हर तीन घंटे पर
पेट के रोग➺ पेचिश, वसंत ऋतु के दौरान VARIOLINUM 200 सप्ताह में एक खुराक।
पेट के रोग➺ पेचिश, पतझड़ के दौरान बार-बार सफेद या रक्तिम बलगम का स्राव, ऐसा लगता है जैसे म्यूकस मेंब्रेन को आँत से खुरच दिया गया हो, पेट का फूलना- -COLCHICUM AUTUMNALE-200 केवल कुछ खुराकें, जब भी लक्षण उभरें, दुहरा सकते हैं।
पेट के रोग➺ पेचिश, स्वतः मल निकलना-ALOE SOCOTRINA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ पेचिश - क्रम में NUX VOMICA-6 या ALOE SOCOTRINA-6 या MERCURIUS SOLUBILIS-6 यदि इनसे लाभ न हो तो CALCAREA SULPHURICA-200 सुबह में तथा NATRIUM MURIATICUM-200 शाम में।
पेट के रोग➺ पेचिश, मल में खून, पतला हरे रंग का और दर्द के साथ निकलता है, बार बार मल-त्याग की इच्छा, रात में तीव्र उदरशूल- Mercurius Vivus 30 और MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ पेचिश, बलगम तथा खून के साथ, दो बार किए गए मल एक प्रकार के नहीं, ठंड महसूस होना- PULSATILLA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ पेचिश, मिचली तथा वमन, पतझड़ के मौसम में हरा बलगम तथा खून, . जब रातें ठंडी और दिन गरम होते हैं- IPECACUANHA-200 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ पेचिश, दर्द के साथ, मल-त्याग के बाद राहत, ढीला तथा पतला मल . Atista indica-6 चार घंटे के अंतराल पर।
पेट के रोग➺ पेचिश, नाभि के आस-पास तेज दर्द, पीला बलगम-युक्त मल-Aegle Folia-6 या Aegle Marmelos-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ पेचिश या दस्त, केवल दिन में PETROLEUM-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ पेचिश, भरपूर मात्रा में मल विसर्जित होता है-FERRUM PHOSPHORICUM 30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ पेचिश, पतला, मेंब्रेन को खुरचने जैसा बलगम-CARBOLICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ पेचिश, मल-त्याग के बाद एक या दो घंटों तक तेज दर्द-NITRICUM ACIDUM-3 कुछ खुराकें।
पेट के रोग➺ पेचिश, दस्त की तरह, कम-से-कम भोजन या पेय पदार्थों के बाद भी फिर जारी, अकसर उदरशूल के साथ-COLOCYNTHIS-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेचिश, मल-त्याग के बाद लगातार दर्द- MERCURIUS SOLUBILIS-30 . प्रत्येक बार के मल के बाद एक खुराक ।
पेट के रोग➺ पेचिश, पेट में गड़गड़ाहट, केवल गाढ़ा बलगम या मल के साथ चिपका हुआ बलगम निकलता है, मल-त्याग के बाद गुदा में तेज जलन- ALOE SOCOTRINA-6 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ पेचिश, पतला, रक्त मिला हुआ मल, उदरशूल, बेहाशी, मल-त्याग के बाद ठंड का एहसास- - MERCURIUS SOLUBILIS- 200 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ पेचिश, हर बार मल-त्याग के बाद कुछ समय के लिए दर्द से काफी राहत मिलती है NUX VOMICA-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ बदहज्मी (पुराना अपच) CALCAREA SULPHURICA-200 सुबह में तथा NATRIUM MURIATICUM - 200 शाम में, एक दिन छोड़कर।
पेट के रोग➺ बदहज्मी, शराबियों को, पूर्वाह्न ग्यारह बजे खाने की इच्छा, दोपहर के भोजन के समय तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते- SULPHUR-30 दिन में तीन बार। ➺ बदहज्मी वृद्धों को, कमजोरी अधिक-NUX MOSCHATA-200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
पेट के रोग➺ बदहज्मी, वृद्धों को ABIES NIGRA-30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ बदहजमी, खाने के बाद पेट फूल जाता है, छूने पर दर्द, ऐसा भरा हुआ लगता है मानो फट जाएगा, गैस अधिक बन जाती है-KALIUM CARBONICUM-200 एक खुराक ।
पेट के रोग➺ बदहज्मी, खाने के बाद दस्त की प्रवृत्ति-Aurum Muriaticum Natronatum-3X दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺बदहज्मी, पेट में जलन या ठंड का एहसास, पेट में काफी गैस COLCHICUM AUTUMNALE-200, तब तक लें जब तक ठीक न हो जाएँ।
पेट के रोग➺ बदहजमी, गंध की अति संवेदनशीलता के साथ, भोजन बनने की गंध भी मिचली तथा वमन का कारण बन सकती है- STANNUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ बदहजमी, वमन के साथ-SULPHUR 30 सुबह में तथा NUX VOMICA-30 रात में सोते समय।
पेट के रोग➺ डकार, तेज आवाज के साथ-ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ डकार, खट्टा वमन, हरा डायरिया NATRIUM MURIATICUM-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ डकार, खाने के बाद, भोजन दिन भर पेट में रहता है और रात में वमन से निकल जाता है; ब्रेड, मक्खन, मांस, बीयर, चाय आदि खाने-पीने की इच्छा होती है, जिसकी इजाजत पेट नहीं देता। खाने के बाद भी पेट में खालीपन का एहसास और गंभीर कब्ज से पीड़ित होना HYDRASTIS CANADENSIS-Q दो से तीन बूँदें दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ पेट में अत्यधिक वात, डकार आने से भी राहत नहीं, फल खाने के बाद बढ़ जाना, पेट का असुविधाजनक फुलाव, डकार आना, लेकिन डकार या मल त्याग से राहत नहीं CINA MARITIMA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ अत्यधिक वात-Carbo Vegetabilis-30 दिन में तीन बार लें।
पेट के रोग➺ वात, जो हृदय पर दबाव का कारण बनती है, हमेशा पेट में -ABIES CANADENSIS-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ वात, पेट अत्यंत फूला हुआ, खासकर भोजन के बाद, जो सीने तथा पेट पर दबाव डालता है NUX MOSCHATA-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ वात, गैस के कारण पेट अत्यधिक फूला हुआ, ऐसा लगना कि पेट फट जाएगा-COLCHICUM AUTUMNALE-12 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ वात, वायु का अत्यधिक जमा हो जाना, सभी का दबाव ऊपर की ओर, ऐसा लगना कि ऊपर की ओर दबाव के कारण पेट फट जाएगा ASA FOETIDA-6 दिन में चार बार ।
पेट के रोग➺ वात, भोजन के तुरंत बाद-KALIUM BICHROMICUM-30 दिन में तीन बार लें।
पेट के रोग➺ वात, अत्यधिक आवाज के साथ, अधिकांशतः पेट में और ऊपर की ओर दबाव- LYCOPODIUM-200 सप्ताह में एक खुराक ।
पेट के रोग➺ वात, यदि पेट का ऊपरी भाग गैस से भरा हो तो LYCOPODIUM-200 की एक खुराक प्रतिमाह और यदि पूरा पेट गैस से भरा हो तो Carbo Vegetabilis-30 दिन में दो बार। यदि CINA MARITIMA-30 दिन में दो बार लें। वात पेट के मध्य में स्थित हो तो
पेट के रोग➺ वात, पेट में, पाचन में परेशानी-ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ वात, पेट का सख्त महसूस होना, डकार नहीं, वायु निकलना-RAPHANUS SATIVUS-Q दो-तीन बूँदें, दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ पित्ताशय की पथरी-थलेप्सी बी.पी. Q, CHELIDONIUM MAJUS Q, कार्डस एस.क्यू और Berberis Vulgaris-Q । इन सभी को समान मात्रा में मिलाएँ। इस मिश्रण की पाँच बूँदें पानी में डालकर दिन में तीन बार या Cholesterinum-3X दिन में दो बार लें। ➺ पित्ताशय शूल, मिचली और उलटी के साथ, नाभि के पास तेज उदरशूल, शीतल पेय पीने या आइसक्रीम खाने से दर्द- IPECACUANHA-20 की एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ पित्ताशय शूल, गति तथा थकान से और ठंडे मौसम में स्थिति खराब, दोहरे होने और लेटने से आराम MANGANUM ACETICU-6 चार घंटे पर ।
पेट के रोग➺ पित्ताशय की पथरी-CANTHARIS VESICATORIA-3 तीन-चार दिनों तक पानी में प्रत्येक सुबह यह पथरी का बनना रोक देगा। इसके बाद SILICEA-12X दिन में पाँच बार, यह पत्थरों को बाहर निकाल देगा।
पेट के रोग➺ पित्ताशय की पथरी, लीवर के स्थान पर उदरशूल, चक्कर आना, मुँह का स्वाद खराब, त्वचा का पीला पड़ना, दर्द के कारण लेटने में परेशानी, शरीर को आगे झुकाकर कुरसी पर बैठना-CARDUUS MARIANUS 6 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ पित्ताशय की पथरी, दाएँ कंधे के नीचे दर्द के साथ, पीठ तक बढ़ता तेज दर्द-CHELIDONIUM MAJUS-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ गैस का बनना- CINA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ गैस्ट्रिक रोग, हर बार भोजन करने के बाद तेज डकार, पेट में अधिक वायु, तेज आवाज के साथ वायु निकलना-ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार
पेट के रोग➺ गैस्ट्रिक तथा आँतों का रोग, , जीभ पर दूधिया सफेद परत-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ गैस्ट्रिक की परेशानी, भोजन पचने में परेशानी, प्यास न लगना और खट्टे . फल खाने की इच्छा, दूध से अरुचि-ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ गैस्ट्रिक समस्याएँ, पुराने शराबियों में अधिक, पेट में जलन तथा वमन CADMIUM SULPHURATUM-200 एक खुराक रोजाना लें।
पेट के रोग➺ गैस्ट्रो-इंटेराइटिस, वसंत के मौसम में VARIOLINUM-200 साप्ताहिक खुराक ।
पेट के रोग➺ ग्लोबस हिस्टेरिकस, ऐसा महसूस होना कि एक गोला पेट से गले तक उठ रहा है। इस कारण दम घुटने का एहसास-CACTUS GRANDIFLORUS-3 दिन में तीन बार लें।
पेट के रोग➺ खाली रहने पर पेट में तेज दर्द, लगातार खाने के बाद राहत PETROLEUM 30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ गंभीर हेपेटाइटिस, लीवर संकुचित या विस्तारित, दाएँ हाइपोकॉण्ड्रियम में तेज पीड़ा, हिलने-डुलने या मुद्रा बदलने से अधिक दर्द, दाएँ करवट या दर्द की ओर से लेटने पर राहत-BRYONIA-200 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ बाईं ओर का हार्निया-NUX VOMICA 200 एक खुराक प्रतिदिन ले।
पेट के रोग➺ हार्निया-OPIUM-30 या BELLADONNA-30 या NUX VOMICA-200 सप्ताह में दो बार, लक्षणों के अनुसार।
पेट के रोग➺ हार्निया, दाई ओर का, खास तौर पर बच्चों में- LYCOPODIUM-1M एक साप्ताहिक खुराक ।
पेट के रोग➺ सामान्य हार्निया TABACUM-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ हार्निया, उदर-वायु के साथ संकुचित, खासकर नाभीय NUX VOMICA के विफल होने पर COCCULUS INDICUS-200 रोजाना एक खुराक दें।
पेट के रोग➺ तेज भूख लगने के बावजूद दुर्बलता, अच्छी तरह खाने के बाद भी, तीव्र खुजली, पेट तथा लीवर के क्षेत्र में भारीपन तथा असुविधा का एहसास, जो खाना पचने के साथ ठीक हो जाता है, हमेशा नींद आती रहती है NATRIUM MURIATICUM-200 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ तेज भूख, जिसके बाद बिलकुल भूख नहीं लगती, कीड़ों से संबंधित हो सकता है CINA MARITIMA-200 एक खुराक, जल्दी दुहराने की जरूरत नहीं।
पेट के रोग➺ तेज भूख, पेट भरकर खाने के तुरंत बाद फिर से भूख लग जाना, मिष्टान्न . या अन्न चीजें खाने की चाहत, बच्चे माँ का दूध नहीं पीना चाहते CINA MARITIMA-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ तेज भूख, फिर बिलकुल भूख न लगना-FERRUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ भूख, विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने की इच्छा, लेकिन कुछ ग्रास के बाद मिचली आने लगती है- RHEUM PALMATUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ अकसर खाते रहना जरूरी अन्यथा मूर्च्छित हो जाना, भोजन करने के तत्काल बाद भूख लगना, रात में भी भूख लगना, खाने के बाद राहत महसूस करना- PHOSPHORUS- 200 कुछ खुराकें।
पेट के रोग➺ तेज भूख, खाने के बाद राहत, लेकिन बढ़ती कमजोरी, केवल खाने के दौरान बेहतर महसूस करना-iodum-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ हमेशा भूख लगना, खाने के बाद भी भूख लगना-SARRACENIA PURPUREA-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ भूख महसूस करना, लेकिन थोड़ा सा खाने के बाद ही भोजन छोड़ देना LYCOPODIUM-200 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ मल-त्याग के तुरंत बाद भूख लगना-PETROLEUM-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ दोपहर में काफी भूख लगना, लेकिन सुबह बिलकुल भूख न लगना ABIES NIGRA-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ अपच, डकार, उदरवायु और अम्लता। नियमित दिनचर्या में परिवर्तन के कारण, खाने में अविवेकी-NUX VOMICA-200 सुबह-शाम कुछ दिनों तक।
पेट के रोग➺ अपच, सब्जी तथा स्टार्चयुक्त भोजन के कारण सुबह-शाम । NATRIUM CARBONICUM30
पेट के रोग➺ अपच-PULSATILLA-6 दिन में तीन बार, अधिक वसायुक्त भोजन लेने और अन्य मामलों में NUX VOMICA 6 हर घंटे पर लें।
पेट के रोग➺ लिवर साइरोसिस, खासकर हाइपरट्रोपिक रूप में MERCURIUS DULCIS X दिन में तीन बार। यकृत संबंधी गड़बड़ी, बढ़ा हुआ लिवर, दबाने से संवेदनशील, बाई करवट सोने पर बदतर, दाए करवट सोने पर ऐसा लगना मानो यकृत को खींचा जा रहा है, चलने के दौरान लिवर में दर्द-MAGNESIUM MURIATICUM-6 एक खुराक रोज।
पेट के रोग➺ यकृत संबंधी समस्या, यकृत में दर्द, दाहिनी करवट सोने पर दर्द से राहत, पीलिया- SEPIA -30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ बढ़ा हुआ यकृत-CHIONANTHUS VIRGINICA-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ बढ़ा हुआ यकृत, दर्द रहित, स्थायी डायरिया या एक्जीमा के साथ INSULINUM उएक्स हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ लीवर का बड़ा होना - ARSENICUM ALBUM-6 सुबह 7 बजे) और दोपहर (3 बजे) प्रतिदिन । अन्य ओषधियाँ हैं BRYONIA-30 दिन में दो बार। CHELIDONIUM MAJUS-30, LEDUM PALUSTRE-30, Ammonium Carbonicum-30 या LYCOPODIUM 30 सभी दिन में दो बार, ओषधियों के लक्षणों के अनुसार।
पेट के रोग➺ बच्चों में लीवर का बढ़ना-Natrum sulph-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ लीवर बड़ा होना, बाई करवट सोने पर आराम-Natrum sulph-30 तीन बार ।
पेट के रोग➺ लीवर में सूजन-CHELIDONIUM MAJUS-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ लीवर की अति सक्रियता-JUGLANS REGIA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ सुस्त लीवर - ARSENICUM ALBUM-30 दिन में सुबह और दोपहर दो बार।
पेट के रोग➺ लीवर संबंधी समस्या, लीवर के क्षेत्र में दर्द और भारीपन, बाई करवट सोने पर अधिक बुरी स्थिति, कब्ज या डायरिया या दोनों, दमित श्वास-PTELEA TRIFOLIATA 30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ दस्त, कमजोरी, मिचली और वमन के साथ ARSENICUM ALBUM-6 हर घंटे दस्त के ठोस होने तक, इसके बाद हर छह-छह घंटे पर तब तक दें जब तक हालत सामान्य न हो जाए।
पेट के रोग➺ दस्त, वसायुक्त तले भोजन से जैसे केक, पेस्ट्री आदि से PULSATILLA-200 दिन में तीन बार, दो दिनों तक।
पेट के रोग➺ दस्त, वायु के साथ मल निकल जाना-ALOE SOCOTRINA-200 हर दो घंटे पर तब तक दें जब तक दस्त नियंत्रित न हो जाएँ।
पेट के रोग➺ मिचली और वमन, छोटे अंतराल पर कम मात्रा में प्यास-ARSENICUM ALBUM-30 हर तीन घंटे पर
पेट के रोग➺ मिचली और वमन, वमन के बाद बेहतर महसूस होना, प्यास न लगना ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में तीन बार। यदि कोई राहत न मिले और लगातार मिचली हो तो IPECACUANHA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ मिचली, सिर को ऊपर उठाते समय चक्कर आना-COCCULUS इंडिक्स-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ मिचली, अपनी ही साँस से SULPHUR-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ मिचली, थोड़ा भी हिलने-डुलने पर, खासकर आँखों को बंद करने पर, वाहन में चढ़ने या यात्रा करने पर-Theridion Curassavicum-3X पानी में एक बूँद, दिन में दो बार लें।
पेट के रोग➺ मिचली, वमन नहीं- PODOPHYLLINUM-6 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ मिचली, वमन से राहत नहीं, अकसर गैस्ट्रिक समस्या के साथ IPECACUANHA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ मिचली, कड़वे द्रव की डकार के साथ-CINA-30 दिन में तीन बार या ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ पेट में दर्द, भोजन के बाद बढ़ जाता है-ABIES NIGRA-30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ मरोडयुक्त दर्द- MAGNESIUM PHOSPHORICUM-6X या अधिक या CUPRUM METALLICUM-3X या अधिक पोटेंसी का या BRYONIA-3X या अधिक पोटेंसी का, दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ असहनीय दर्द CHAMOMILLA 6 या SILICEA-1X अन्य उपचार हैं ACONITUM NAPELLUS 6 तेज गठिया संबंधी दर्द के लक्षण दिखने पर CHAMOMILLA-30 तीव्र तंत्रिका-शूल के लिए COFFEA-30 स्थानांतरित होते दर्द के लिए PULSATILLA-6 और तीव्र पीड़ा के लिए-BELLADONNA-6। ये सभी ओषधियाँ दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ घुमंतू दर्द- MAGNESIUM PHOSPHORICUM-6X या अधिक पोटेंसी की या 200 या अधिक, एक खुराक प्रतिदिन । मरोड़ के साथ दर्द-एबिस्थिनम-6 दिन में तीन बार
पेट के रोग➺ पेट दबाने से दर्द में वृद्धि-FERRUM PHOSPHORICUM 6X या KALIUM MURIATICUM-6X दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ छोटी आँत के अग्र भाग में दर्द, खाने से और बढ़ता है— Natrum sulph-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेट में दर्द, शरीर के सभी अंगों में फैलता है, मलने या जोर से दबाने पर राहत- PLUMBUM METALLICUM-6 दिन में तीन बार। पेट दर्द, स्पर्श और गति के प्रति संवेदनशील-PLUMBUM METALLICUM-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ पेट के निचले हिस्से में मरोड्युक्त दर्द, प्रोइन तक फैलता है CAULOPHYLLUM-6 दिन में तीन बार
पेट के रोग➺ पेट में लगातार दर्द, गति होने पर स्थिति बदतर, लेकिन डकार और के बाद राहत-CHELIDONIUM MAJUS-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ खट्टी डकार तथा वमन, गर्भावस्था के दौरान-ACETICUM ACIDUM -3 दिन में .
पेट के रोग➺ खट्टी चीजों के प्रति अरुचि, उन्हें खाने पर दस्त-FERRUM METALLICUM 30 दो बार।
पेट के रोग➺ प्लीहा और यकृत में दर्द, पीलिया और अत्यधिक लार उत्पन्न होना iodum-30 दिन में एक खुराक।
पेट के रोग➺ बढ़ा हुआ प्लीहा, मलेरिया के निरंतर आक्रमण के कारण- CHIONANTHUS VIRGINICA-Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ प्लीहा में तीव्र पीड़ा और भारीपन महसूस होना- CEANOTHUS AMERICANUS-Q पानी में कुछ बूँदें, दिन में चार बार।
पेट के रोग➺ पेट के विकार, बुरा स्वाद, मुँह में लगातार सफेद झाग आना, सड़े अंडों जैसे स्वादवाला स्राव, दूध नहीं पचता-MAGNESIUM MURIATICUM-30 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ पेट में भारीपन, खाने के बाद-PULSATILLA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेट में दर्द, भोजन के तुरंत बाद अथवा दो या तीन घंटे बाद स्थिति बदतर, पाचन होने तक रहता है-NUX VOMICA-200 रात में एक खुराक ।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, जब पेट खाली हो, खाने पर राहत-ANACARDIUM ORIENTALE-200 सुबह में एक खुराक ।
पेट के रोग➺ पेट में मरोड़ या ऐंठन, चिकनी जीभ, ऐसा महसूस होना मानो शरीर को किसी जंजीर से सख्ती से बाँध दिया गया हो-MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 एक खुराक रोजाना ।
पेट के रोग➺ खट्टी डकार, चीनी खाने से पेटदर्द बढ़ता है, रात में पेट में दर्द, अपान वायु निकलने से राहत, पेट और गले में जलन-OXALICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ उदर वायु, साँस लेने में कठिनाई, ऐसा लगना मानो कोई गोला पेट से गले की ओर बढ़ रहा है- ASA FOETIDA-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेट में आवाज, ऐसा लगना मानो अंदर कुछ चल रहा है, मल की काफी गैस निकलती है- LACHNANTHES TINCTORIA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेट में आवाज के साथ वायु घूमना- THUJA-30 दिन में तीन बार लें।
पेट के रोग➺ खाने के एक या दो घंटे बाद पेट में दबाव, पत्थर सा महसूस होना -NUX VOMICA-30 दिन में दो बार (खाने के तुरंत बाद) या KALIUM BICHROMICUM 30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ खाने के तुरंत बाद पेट में दबाव-NUX MOSCHATA-30 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ तेज पेटदर्द, मूर्च्छा भी TABACUM-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कभी-कभी होनेवाला पेटदर्द-KALIUM CARBONICUM-30 एक खुराक (यह दर्द के समय न दें, अन्यथा दर्द बढ़ जाएगा)।
पेट के रोग➺ पेटदर्द या पेट में भारीपन, खाने के दो घंटे बाद और जब तक भोजन पेट में रहता है तब तक जारी–NUX VOMICA-200 रात में एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, कमजोरी, मूर्च्छा उत्पन्न करता है-HYDRASTIS-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, भोजन के बाद, बदहज्मी, ऐसा महसूस होना मानो पेट में उबला हुआ अंडा हो, ठंडे पानी से नहाने से, अत्यधिक खाने और कच्ची सब्जियाँ खाने से ABIES NIGRA-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, मल त्याग से पहले COLCHICUM AUTUMNALE-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, दबाने पर बेहतर-COLOCYNTHIS-6 दिन में चार बार या STANNUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, खाने, लेटने और गरम पेय पदार्थ पीने या भोजन करने पर राहत GRAPHITES 30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, गरमी और दबाव से बेहतर, पैरों को पेट की ओर मोड़ने पर आराम - MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 हलके गरम पानी में, जब तक दर्द रहे।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, खाने के तुरंत बाद PLUMBUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ पेटदर्द, मरोड़ के साथ, तेज दर्द, वमन-CUPRUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ हरे रंग का मल, गुदा में दर्द - MERCURIUS DULCIS 6X दिन में तीन में बार।
पेट के रोग➺ नरम मल, काफी कठिनाई के बाद मल-त्याग- - ALUMINA-30 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ पानीदार मल-PODOPHYLLINUM-6 हर बार मल त्याग के बाद। .
पेट के रोग➺ केवल पीछे की ओर झुकने पर ही मल-त्याग-Medorrhinum-1M सप्ताह में एक खुराक
पेट के रोग➺ नरम मल के लिए भी काफी जोर लगाने की जरूरत, गुदा की निष्क्रियता के कारण- ALUMINA 200 एक खुराक
पेट के रोग➺ पानीदार मल, गुदा से निकलते समय पीड़ादायक, कपड़े पर पीला छोड़ निशान जाता है-ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में चार बार।
पेट के रोग➺ झागदार या घास जैसे हरे रंग का मल, बलगमयुक्त या पानीदार, चिपचिपा, उदरशूल और मिचली के साथ-IPECACUANHA 200 एक खुराक रोजाना दें।
पेट के रोग➺ चाय पीने के तुरंत बाद मल-त्याग की इच्छा-THUJA-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ सुबह बिस्तर से उठने के तुरंत बाद मल-त्याग की इच्छा-SULPHUR-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ हरा मल, डायपर रहने पर हरे रंग में बदल जाता है, काफी आवाज के साथ होना–ARGENTUM NITRICUM-200 सप्ताह में एक खुराक।
पेट के रोग➺ हरे रंग का मल, वायु के साथ निकलता है-CALCAREA PHOSPHORICA-30 तीन बार।
पेट के रोग➺ सख्त और सूखा मल, गाँठदार, सप्ताह में दो या तीन बार होता है ALUMINA-30 दिन में तीन बार ।
पेट के रोग➺ खाने के तुरंत बाद मल-त्याग की इच्छा-ALOE SOCOTRINA-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ मल-त्याग करके कभी संतुष्टि नहीं, बार-बार जाने की इच्छा-NUX VOMICA-200 केवल रात में।
पेट के रोग➺ हरे रंग का बलगमयुक्त मल-MAGNESIUM CARBONICUM-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ केवल खड़ी स्थिति में मल त्याग CAUSTICUM-200 एक खुराक रोजाना लें।
पेट के रोग➺ मल-त्याग के बाद आराम महसूस करना, कोई ऐंठनयुक्त दर्द नहीं-NUX VOMICA-6 दिन में तीन बार
पेट के रोग➺ मल-त्याग के बाद भी पेट में ऐंठन-MERCURIUS SOLUBILIS-30 सुबह शाम। जल्दी-जल्दी मल त्याग-COLCHICUM AUTUMNALE-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ चावल के पानी की तरह प्रचुर मल, थकाऊ, पिंडलियों में ऐंठन, ठंड लगना और निपात-VERATRUM ALBUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ तारकोल की तरह मल बलगमयुक्त-LEPTANDRA VIRGINICA -30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ लंबे समय तक रखने पर मल हरे रंग का हो जाता है, खट्टी गंध के साथ RHEUM PALMATUM-6 हर बार मल त्याग के बाद एक खुराक
पेट के रोग➺ कम कफ और अधिक रक्त के साथ मल-MERCURIUS SOLUBILIS-6 दिन में तीन बार
पेट के रोग➺ सफेद जेली जैसे बलगम के साथ मल, आँत में खुरचन महसूस होना, पेट में भयंकर मरोड़-COLCHICUM AUTUMNALE (COLCHICUM)-12 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ बलगमयुक्त और कुछ रक्त के साथ मल-MERCURIUS SOLUBILIS-30 सुबह-शाम।
पेट के रोग➺ कफयुक्त हरा मल-MERCURIUS SOLUBILIS-200 एक खुराक रोज।
पेट के रोग➺ कई बार मल त्याग, सूर्यास्त से सूर्यादय तक दर्द और अन्य लक्षणों में तेजी- COLCHICUM AUTUMNALE-200 हर बार मल त्याग के बाद एक खुराक ।
पेट के रोग➺ मरोड़ और तेज दर्द, मल-त्याग से पहले, दौरान और बाद में, मटमैले रंग का रक्तिम और चिपचिपा मल-MERCURIUS SOLUBILIS-30 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ वमन और दस्त-ARSENICUM ALBUM-30 और IPECACUANHA 30 घंटे पर बदल-बदलकर लें।
पेट के रोग➺ वमन और दस्त, ठंड महसूस करना और शरीर में ऐंठन–CUPRUM METALLICUM 30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ वमन और दस्त, आकस्मिक हमला, शरीर में ठंड महसूस होना- CAMPHORA-Q चीनी में एक बूँद।
पेट के रोग➺ वमन और दस्त, अधिक मात्रा में पानी पीने की इच्छा-VERATRUM ALBUM-30 हर दो घंटे पर।
पेट के रोग➺ गैस्ट्रिक अल्सर में उलटी-GERANIUM MACULATUM-200 एक खुराक रोजाना लें।
पेट के रोग➺ बिना मिचली के अचानक वमन, खाने के दौरान, पानी पेट तक पहुँचते ही उलटी हो जाती है, भोजन कुछ समय तक रहता है- Bismuth-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ मसालेदार भोजन करने पर उलटी होना-NUX VOMICA-30 दो घंटे के अंतराल पर।
पेट के रोग➺ किसी भी कारण से वमन-Apomorphinum-6 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ सिर को उठाने पर वमन-STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ गर्भावस्था के दौरान उलटी-KALIUM CARBONICUM-30 केवल एक खुराक या SULPHUR-30, सुबह-शाम एक-एक खुराक रोजाना या SEPIA-30 दिन में दो बार या ARSENICUM ALBUM-6 हर चार घंटे पर।
पेट के रोग➺ खाने के तुरंत बाद और मध्य रात्रि के बाद उलटी-FERRUM METALLICUM – 30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ शीतल पेय या आइसक्रीम लेने के तुरंत बाद वमन, मध्य रात्रि में बढ़ जाता है- ARSENICUM ALBUM-6 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ जन्म के बाद शिशुओं द्वारा बमन, बाधित विकास, बड़ा पेट, भूख समाप्त ज्या अत्यधिक हो जाना THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ सुबह और दोपहर से पहले पित्त का वमन, सुबह 7 से 9 बजे के बीच EUPATORIUM PERFOLIATUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ काले रंग के पदार्थ का वमन-BOTHROPS LANCEOLATUS-6 दिन में दो बार लें।
पेट के रोग➺ मल संबंधी पदार्थ का वमन-OPIUM-30 दिन में दो बार खाएँ।
पेट के रोग➺ खट्टी चीजों का वमन, पेट में एसिड NATRIUM PHOSPHORICUM-30एक्स चार गोलियाँ | इसे NUX VOMICA-30 के साथ हर चार घंटे पर बदलकर लें।
पेट के रोग➺ रेशेदार, चमकीले, बलगमयुक्त पदार्थ का वमन-IRIS VERSICOLOR-30 दिन में दो बार ।
पेट के रोग➺ पानी के पेट में पहुँचते ही उसका वमन, ठंडा पानी पीने की इच्छा PHOSPHORUS-30 एक खुराक ।
पेट के रोग➺ हठी वमन, भूरे कॉफी के रंग का और दुर्गंधित-PYROGENIUM-6 हर छह घंटे पर।
पेट के रोग➺ पेट से विष निकालने के लिए वमन-LOBELIA INFLATA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ वमन तीव्र, खाया गया सबकुछ खट्टा होकर बाहर निकल आता है PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ वमन, पित्त का हरा स्राव Natrum sulph-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ वमन, तेज मिचली, थकान, सामान्य ठंड लगना, ठंडा पसीना और नींद आना-ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में दो बार।
पेट के रोग➺ वमन, मिचली के साथ-Apomorphinum-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ पेट में कीड़े, वमन, मिचली और मुँह में नमकीन स्वाद- CINA-200 सप्ताह में एक बार और NATRIUM PHOSPHORICUM-6X पाँच गोलियाँ गरम पानी के साथ, सुबह-शाम ।
पेट के रोग➺ सभी प्रकार के कीड़े, गुदा में खुजली, बच्चों में निरंतर दर्द, सिरदर्द, मीठा खाने की अधिक इच्छा, भोजन के प्रति अरुचि, मिचली और वमन SABADILLA-30 दिन में तीन बार कमि, नाक खोदना, नींद के दौरान दाँत किटकिटाना, नींद में उछलना या . झटके खाना-CINA 1 M कुछ खुराक, जब लक्षण बरकरार रहें तो दुहराएँ।
पेट के रोग➺ पिनकृमि CINA 200 सप्ताह में एक बार और अगले सप्ताह BRYONIA-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
पेट के रोग➺ कृमि को बाहर निकालने के लिए-CINA-30 दिन में दो बार, दो सप्ताह तक। यह विफल रहे तो TEUCRIUM MARUM VERUM-Q पानी में दस बूँदें डालकर एक चम्मच दिन में चार बार या STANNUM METALLICUM-30 दिन में दो बार । ➺ पेट में कृमि, खासकर बच्चों में, दाँत किटकिटाना और नाक खोदना CINA MARITIMA-200 एक खुराक रोजाना।
पेट के रोग➺ पेट में कृमि, नाभि में दर्द, गुदा में खुजली, दुर्गंधित साँस, आँखों की समस्याएँ और हृदय-संबंधी लक्षण-SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार।
पेट के रोग➺ कृमि, गोल कृमि या फीता कृमि से परेशानी, साँस में दुर्गंध, सूखी खाँसी, मलद्वार में खुजली-Terebinthina- 200 सप्ताह में एक खुराक ।
पेट के रोग➺ कृमि पीड़ित, बेचैनी, क्रोध, दुःख-COCCULUS INDICUS-30 सुबह-शाम