सूखी खाँसी | ● Aconite 30 : सर्दी लगने सूखी खाँसी के होने पर इस दवा का प्रयोग करना चाहिए। |
सूखी खाँसी | ● Sulphur 200 : जब खाँसी बहुत पुरानी हो जाये तो Sulphur 200 देने से बहुत लाभ होता है। |
सूखी खाँसी | ● Phosphorus 30 : जब दिन-रात लगातार खुश्क खाँसी होती हो। |
सूखी खाँसी | ● Belladonna 30 : गले में खुश्क खाँसी तथा गला खाँसते-खाँसते दुखने लगे। |
सूखी खाँसी | ● Bryonia 30 : ज्यादा खुश्की आने पर तथा जरा सा भी बोलने पर खाँसी आने लगती हो तब यह दवा दी जाती है। |
गीली खाँसी (Wet Cough) | ● Drosera- खाँसते-खाँसते उल्टी हो जाना, ऐसी दशा में इसे दें। |
गीली खाँसी (Wet Cough) | ● Rhus Tox- जब भीग जाने पर खाँसी हो जाती है, तब इसे देना चाहिए। |
गीली खाँसी (Wet Cough) | ● Ipecac- पुरानी खाँसी जिसमें छाती में कफ भरा महसूस होता हो। |
गीली खाँसी (Wet Cough) | ● कैलिसल्फ- पीले रंग का ढीला कफ निकलता है। |
कूकर-खाँसी (Whooping Cough) | ● Drosera 30 : इस दवा की एक ही खुराक से इसमें तत्काल लाभ मालूम पड़ने लगता है। यह कूकर खाँसी (Whooping cough) की सबसे अच्छी दवा है। |
कूकर-खाँसी (Whooping Cough) | ● Phosphorus 200 : जब शाम को कूकर-खाँसी का प्रकोप अधिक मालूम पड़े तो इसमें गला बैठ जाता है तथा ठण्डा पानी पीने की तीव्र इच्छा होती है। |
कूकर-खाँसी (Whooping Cough) | ● Cuprum metallicum 30 : जब दौरा बहुत ही तेज हो। खाँसी में ऐंठन सी महसूस हो और ठण्डा पानी पीने में आराम मिलता हो। पुरानी खाँसी |
कूकर-खाँसी (Whooping Cough) | ● Ipecac 30- पुरानी खाँसी जिसमें छाती में कफ भरा महसूस हो तथा खाँसते-खाँसते उल्टी हो जाती हो। |
कूकर-खाँसी (Whooping Cough) | ● Pulsatilla 30 : पीले रंग का कफ निकलता हो, शाम को बढ़ जाता है। |
कूकर-खाँसी (Whooping Cough) | ● Amonium Carb 30 : वृद्ध लोगों की खाँसी में बहुत ज्यादा कफ का आना। |
कूकर-खाँसी (Whooping Cough) | ● Hepper Sulph 30 : पुरानी खाँसी, खाँसते-खाँसते गला रुंध जाता हो। |
Health tonic | ● Acid Phos Q – शारीरिक और मानसिक थकावट, नपुंसकता, स्वप्न दोष, एकाग्रता की कमी, उदासीनता, दिन के समय नींद आना। (7 – 7 बून्द दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● Avena sativa Q – Neurasthenia, मानसिक overstrain, यौन दुर्बलता, विटामिन और खनिजों से भरपूर। (7 – 7 बून्द दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● Calcarea phos 6X – कैल्शियम के उत्पादन में कमी और हड्डियों के विकास में गड़बड़ी। (4 – 4 टेबलेट दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● China 30 – जनरल टॉनिक humours और थकावट, बीमारियों, नपुंसकता के नुकसान के लिए। |
Health tonic | ● Cinnamomum Q- Convalescence, सभी प्रकार के ब्लीडिंग के लिए है। (7 – 7 बून्द दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● Ginseng Q – विटामिन डी 1, और बी 2 (थायमाइन और राइबोफ्लेविन) के साथ-साथ Sulphur की उच्च मात्रा के साथ इसके खनिज तत्वों के कारण इसका उत्कृष्ट परिणाम है। (7 – 7 बून्द दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● बीमारी से संबंधित वजन में कमी, थकावट, हाइपोस्टेनिया में Hydrastis Q जनरल टॉनिक। (7 – 7 बून्द दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● Magnesium phosphoricum 30 C- केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का स्थिरीकरण, नसों और मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन, नसों का दर्द। (दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● Medicago sativa Q- में अमीनो एसिड होता है, जो शारीरिक संरचना के लिए वरदान हैं। (7 – 7 बून्द दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● Nux Vomica 30C- नसों में ऐंठन का स्थिरीकरण। (दिन में ३ बार) |
Health tonic | ● बुढ़ापे को खुद से दूर रखने के लिए Lycopodium 30 जरूर ले। और बच्चो को आत्मविश्वाश से भरपूर बनाने के लिए भी ये उत्तम औषधि है। |
एलर्जी | ● एलर्जी के लक्षणों के खिलाफ सीधे हार्मोनल प्रभाव के लिए Adrenalinum 6X । (4 गोली दिन में 3 बार), |
एलर्जी | ● एंटीहिस्टामिनिक प्रभाव के लिए Hepar sulphuris 6X। (4 गोली दिन में 3 बार) |
एलर्जी | ● Histaminum 30C एंटीहिस्टामाइन प्रभाव के लिए सबसे अच्छा एंटीएलर्जिक प्रतिक्रिया प्रदान करता है। (दिन में 3 बार) |
एलर्जी | ● Aller-N drop का रिजल्ट भी बहुत बढ़िया है। |
किडनी का होमेओपेथी उपचार | ● 1- Phosphorus 30C दिन में 2 बार। |
किडनी का होमेओपेथी उपचार | ● 1- Urea 6C, 6 बूंद एक चम्मच पानी मे दिन में 3 बार। |
किडनी का होमेओपेथी उपचार | ● 2- NEERI KFT Syrup (आयुर्वेदिक दवा) 2 – 2 चम्मच दिन में 5 बार। |
किडनी का होमेओपेथी उपचार | ● 3- Amyron Syrup (आयुर्वेदिक दवा ) 2 -2 चम्मच दिन में तीन बार। |
किडनी का होमेओपेथी उपचार | ● 4- Dytor 20 (Aloeपैथी) की एक गोली दिन में एक बार । |
किडनी का होमेओपेथी उपचार | ● 5 – ऊपर लिखी दवाइयां सुरु करने के एक हफ्ते बाद PROTINX POWDER की एक चम्मच एक कप दूध में दिन में एक बार शुरू करें। और डब्बा खत्म होने के बाद दूसरा डब्बा 15 दिन बाद दोबारा शुरू करें / अगर क्रिटिनिन ज्यादा बढ़ा हुआ है तो POROTINX POWDER नहीं लेना चाहिए। |
सर्दी, जुकाम – Cold, Catarrh | ● Aconite 30- जब सुखी ठंडी हवा लग कर रोग आया हो, ठंडक महसूस होना, सिर दर्द, आँखों से पानी, छीकें आना, सूखी खांसी, बार – बार बेचैनी तथा भय, खुली हवा में अच्छा लगता है – (3 – 4 खुराक दिन भर में दें ) |
सर्दी, जुकाम – Cold, Catarrh | ● Bryonia 30- चिडचिडापन, तेज सर दर्द के साथ नजला जुकाम, नाक से बहुत पानी बहने के साथ होठ सुखा होना – (दिन में 3-4 बार) |
सर्दी, जुकाम – Cold, Catarrh | ● Pulsatilla 30 – हरा पीला स्राव, स्वाद न रहना, प्यास न हो – (दिन में 3-4 बार ) |
सर्दी, जुकाम – Cold, Catarrh | ● Allium Cepa 30 – सर्दी के कारण लगातार छीकें आती है, गर्म कमरे में जाने से बढ़ती है, नाक से बहुत ज्यादा पानी की तरह का जलनयुक्त स्राव, सिरदर्द, खांसी तथा आवाज बैठी हुई, आँखों में पानी – (2 -3 घंटे के अंतर पर ) |
सर्दी, जुकाम – Cold, Catarrh | ● Arsenic alb 30- नाक से जख्म कर देने वाला स्राव, आँख व नाक में जलन, बेचैनी, थोड़ी – थोड़ी देर में थोडा – थोडा पानी पीने की इच्छा, कमजोरी, बुखार व सिरदर्द l सभी लक्षण गर्मी व गर्म चीजों के उपयोग से घटते हों – (2 -2 घंटे के अंतर पर ) |
सर्दी, जुकाम – Cold, Catarrh | ● Belladonna 30 – गले में व सिर में दर्द, चेहरा तमतमाया हुआ, नींद गायब, खांसी-जुकाम – ( दिन में 3 – 4 बार ) |
सर्दी, जुकाम – Cold, Catarrh | ● कालि बाई 30 – जब नाक से गाढ़ा पीला या हरा, चिपचिपा बलगम निकले – (दिन में 3 – 4 बार ) |
खांसी – Cough | ● Aconite 30- नई सुखी खांसी, खासकर रात में बढ़ जाना, गले के भीतर खरखराहट, ठंडा पानी पीने की इच्छा – (2 -3 घंटे के अंतर पर) |
खांसी – Cough | ● Hepper Sulphur 30 – सुखी या बलगम वाली खासी, सर्दी लगने से बढने वाली, पुरानी खांसी,दिन में कफ अधिक निकलना – (दिन में 3 बार) |
खांसी – Cough | ● Ipecac 30 और Antim Tart 30- सीने में बलगम जमा होने पर भी न निकलना साँस लेने में कष्ट, खासते खांसते उल्टी जैसा होना, हाथ पाव अकड़ जाना, हाफने लगना – (दिन में 3- 4 बार) |
खांसी – Cough | ● Bryonia 30 – खासते हुए छाती में दर्द, हाथ से दबाने से आराम, प्यास ज्यादा, होठ और जीभ सुखा, खून मिला कफ निकलना, खाना खाने के बाद खासी होना – (दिन में 3-4 बार) |
खांसी – Cough | ● खासी के साथ मुंह या नाक से पीला चिपचिपा बलगम निकलना, गाढ़ा तार खिंचने जैसा – (Kali bich 30 और Pulsatilla 30, दिन में 4 बार) |
खांसी – Cough | ● Spongia 30- बिलकुल सुखी खांसी, गले में सुरसुराहट, खासी की आवाज सीटी बजने जैसा हो – (दिन में 3 -4 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● अच्छे भले स्वस्थ, प्रसन्नचित व्यक्तियों में अचानक सूखी ठंड लगने के कारण बेचैनी के साथ ठंड, तेज बुखार, नाड़ी तेज व डर – ( Aconite 30, हर 3 घंटे बाद) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● Ferrum Phos 6x,- कमजोर व्यक्तियों में जब तेज बुखार हो- ( 4-4 गोलियां दिन में 4 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● Belladonna 30,- आंखें लाल, चेहरा लाल तमतमाया हुआ, और तेज बुखार के साथ बेहोशी जैसा – ( दिन में 4 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● Bryonia 30,- प्यास अधिक, बुखार तेज, मुंह सुखा, हंसने से छाती व सिर में दर्द जैसे कि सिर फट जाएगा जो हिलने डुलने से बढ़ता है, इसलिए रोगी चुपचाप लेटा रहता है- ( दिन में 3-4 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● Merc Sol 30,- जब बुखार तेज हो, पसीना खूब आए, परंतु आराम न मिले, मुंह लार से तर, दुर्गंध, जीभ पर दातों के निशान व जीभ मोटी- ( दिन में 3 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● Dulcamara 30,- मौसम बदलते समय रोग; जब दिन में गर्मी व रात में ठंड हो- (3-4 खुराक हर 3 घंटे बाद) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● यदि उपरोक्त दवाओं से फायदा कम हो या ना हो तो Sulphur 30 की एक खुराक देखकर प्रतीक्षा करें। फिर लक्षण साफ होने पर लक्षण अनुसार दवा दें। जिन लोगों को यह रोग बार बार होता है उन्हें Tuberculinum 200 या 1M की एक खुराक महीने में एक बार कुछ महीनों तक देनी चाहिए। |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● जब जरा सी ठंड से भी रोग बढ़ता हो, यहां तक कि हाथ भी उघड़ जाए तो रोग बढ़े। छाती में घड़घड़ाहट और नाक से स्राव रुक रुक कर आए – ( Hepper Sulphur 30, दिन में 3 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● शाम के समय व बाईं करवट लेने से रोग बढ़े, रोगी कराहे और बात भी ना कर पाये, गले में दर्द – ( Phosphorus 30, दिन में 3 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● छाती में घरघराहट, ढीली बलगम वाली खांसी हो मगर बलगम निकल नहीं पाए, जीभ सफेद- (Antim Tart 30, दिन मे 3 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● जब ऊपर की दवाओं से कोई फायदा ना हो और सांस व शरीर ठंडा होते हुए भी रोगी ताजी हवा या पंखा चलाना चाहे- ( Carbo veg 30, दिन में 4 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● यदि दूसरी अवस्था में उपरोक्त दवाओं से फायदा हो मगर बलगम पूरी तरह साफ ना हुई हो; प्यास तथा स्वाद भी वापस न आया हो और ठंडी हवा की इच्छा हो- ( Pulsatilla 30, दिन में 2-4 बार) |
ब्रोंकाइटिस – Bronchitis | ● बायोकेमिक औषधि Kali Sulph 6x भी ऐसी अवस्था में अच्छा काम करती है। ब्रोंकाइटिस रोग अक्सर सोरा (Psora) की वजह से होता है और इसलिए Sulphur एवं Tuberculinum इस रोग की प्रमुख औषधियां हैं। |
साइनुसाइटिस – Sinusitis | ● रोगी ठंडी हवा के प्रति संवेदनशील हो, सिर को ढक कर रखना चाहे, नाक व आंखों के ऊपर दर्द हो- ( Silicea 1M सप्ताह में एक बार) |
साइनुसाइटिस – Sinusitis | ● जब बलगम ठंड से बढ़े – ( Kali bich 30, दिन में 4 बार) |
साइनुसाइटिस – Sinusitis | ● जब रोग दाहिनी ओर ज्यादा हो- (Sanguinaria 30, दिन में 3-4 बार) |
साइनुसाइटिस – Sinusitis | ● जब रोग बाई और ज्यादा हो- ( Spigelia 30, दिन में तीन चार बार) |
इंफ्लुएंजा- Influenza | ● जब रोगी को काफी ठंड महसूस हो और कपकपी आती हो- ( Nux Vomica 30, हर 2 घंटे बाद) |
इंफ्लुएंजा- Influenza | ● शरीर में दर्द, खांसी जुकाम, चुपचाप लेटे रहने की इच्छा हो, प्यास न हो- ( Gelsemium 30, हर 2 घंटे बाद) |
इंफ्लुएंजा- Influenza | ● हड्डियों तथा मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी व बुखार – ( Eupatorium Perfoliatum 30, दिन में चार बार) |
इंफ्लुएंजा- Influenza | ● जब हिलने डुलने से रोग बढ़े, यहां तक की खाँसने तक से भी सिर में दर्द हो जाए, प्यास अधिक हो- ( Bryonia 30, दिन में 4 बार) |
इंफ्लुएंजा- Influenza | ● जब थोड़ी प्यास के साथ हिलने डुलने से रोगी को अच्छा लगे – (Rhus Tox 30, दिन में 4 बार) |
इंफ्लुएंजा- Influenza | ● जब उपरोक्त दवाओं से पूर्ण रुप से फायदा ना हो, बेचैनी हो और रोगी थोड़ी थोड़ी देर में थोड़ा थोड़ा पानी पीना चाहे गर्म पेय से आराम महसूस करें- (Arsenic alb 30, दिन में 4 बार) |
इंफ्लुएंजा- Influenza | ● जब चेहरा लाल हो व बुखार हो, रक्त का जमाव शरीर के ऊपरी भाग में हो – ( Belladonna 30, दिन में 4 बार) |
इंफ्लुएंजा- Influenza | ● गर्म पानी से पैर धोकर सोने से फायदा होता है। Avena Sativa Q, 10-15 बूंद गर्म पानी में मिलाकर दिन में तीन चार बार लेने से आराम आ जाता है। बायोकेमिक औषधि Natrum Sulph 6x बहुत फायदेमंद है। |
सिर दर्द – Headache | ● सिर में रक्त संचय, चेहरा तमतमाया हुआ, दर्द अचानक शुरू हो और अचानक ही खत्म हो – (Belladonna 30, हर 2 -3 घंटे पर) |
सिर दर्द – Headache | ● सिर में दाहिनी तरफ दर्द – (Sanguinaria 30, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● सिर में दर्द, सिर को लपटने से आराम, ठंड से रोग बढ़े – (Silicea 30, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● सिर में बाईं ओर दर्द, रोशनी और शोर बर्दाश्त न हो – (Spigelia 30, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● जब सिर दर्द के साथ खट्टी या पित्तवाली उल्टी हो, सिर दर्द के कारण बुरा हाल हो – (Iris V 30, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का सिर दर्द। जब बच्चा कमजोर हो – (Calcarea Phos 6X, दिन में 3-4 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● धूप में व प्रातः 10-11 बजे सिर दर्द अधिक हो, रोगी को नमक खाने की ज्यादा इच्छा हो – (Natrum Mur 6X या 30, दिन में 3-4 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● सिर दर्द जो जरा सा भी हिलने – डुलने स3 बढ़े व प्यास अधिक हो। कब्ज हो – (Bryonia 30, दिन में 4 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● सिर दर्द होने के बाद पित्त की उल्टी हो और सिर दर्द कम हो जाये – (Chionanthus Virginica Q, 5-10 बूंद, दिन मे 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● सिर दर्द में लगे जैसे कोई सिर में कील ठोक रहा है; धुंए से व मानसिक तनाव से रोग बढ़े – (Ignatia Amara 30 या 200, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● रोगी दर्द के मारे बेहोश तक हो जाए; रोगी चिड़चिड़ा तथा ठंडी तासीर वाला हो। पेट ठीक न रहता हो – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● गुस्से से सिर दर्द बढ़ता हो। रोगी दर्द के प्रति अति संवेदनशील हो – (Chamomilla 30 या 200, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● धूप व लू लगने से सिर दर्द, सूरज की धूप में दर्द का बढ़ना, गर्मी बर्दाश्त न हो – (Glonoine 6 या 30, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● शरीर से बहुत खून बह जाने या अधिक वीर्यपात की वजह से बहुत कमजोरी व सिर दर्द – (China 6 या 30, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● तेल, घी आदि से बनी गरिष्ट चीजें खाने की वजह से सिर दर्द ; प्यास न के बराबर जबकि गला सूखा रहे – (Pulsatilla 30, दिन में 3 बार) |
सिर दर्द – Headache | ● हल्का सुपाच्य भोजन दें। अगर रक्त संचय की वजह से सिर दर्द हो रहा हो तो ठंडे पानी से सिर धोयें। अगर पेट की गड़बड़ी के कारण सिर दर्द हो तो उपवास से फायदा होता है। |
आधा सीसी का दर्द – Migraine | ● धूप लगने, गैस या बिजली की रोशनी में काम करने से रोग बढ़े। सिर में अत्यधिक गर्मी महसूस हो – (Glonoine 30, दिन में 4 बार) |
आधा सीसी का दर्द – Migraine | ● सिर दर्द खास कर बाईं ओर सोने से बढ़े, उल्टी लगने या मासिक स्राव के बाद थोड़ा आराम मिले – (Lachesis 30 या 200) |
आधा सीसी का दर्द – Migraine | ● तीव्र अवस्था मे; जब सिर दर्द असह्य हो – (Damiana Q) |
आधा सीसी का दर्द – Migraine | ● संवेदनशील व्यक्तियों में अचानक खुशी या गम के कारण भयंकर सिर दर्द – (Coffea 30 या 200) |
दमा – Asthma | ● एकाएक तेज दमे का आक्रमण (acute attack) l रोग के शुरू में – जब बेचैनी व मितली हो l – (Aconite Q, Ipecac Q, 10-10 बूंद पहले 1 घंटे के अंतर से अदल-बदल कर व आराम आने पर 3-3 घंटे के बाद दें) |
दमा – Asthma | ● जब रात के 12 बजे रोग बढ़े, बेचैंनी व प्यास अधिक हो – (Arsenic alb 6 या 30, दिन में 4 बार) |
दमा – Asthma | ● दमा के प्रकोप को कम करने के लिए, जब दम घुटे, सांस ठीक से न ली जाय – (Balatta O Q, Senega Q, ग्रिंडीलिया Q व कैशिया सोफोरा Q बराबर मात्रा में मिला कर दें ) |
दमा – Asthma | ● मितली, कलेजे में संकुचन, दम घुटे, जीभ साफ़ हो – (Ipecac 6 या 30, 2-2 घंटे के बाद) |
दमा – Asthma | ● सोने से तकलीफ बढ़े, श्लेष्मा निकलने से आराम आए l प्रौढ़ स्त्रियों में रजःस्राव बंद होने के समय दमा – (Lachesis 30, 3-3 घंटे के बाद) |
दमा – Asthma | ● थोड़ी देर सोने के बाद तकलीफ बढ़े – (Aralia Racemosa Q या 30, दिन में 3 बार) |
दमा – Asthma | ● रोग जब अंग्रेजी दवा(steroids etc) लेने के बाद आए, रोगी ठंडी प्रकृति का हो – (Thuja 1M या 200) |
दमा – Asthma | ● जब इओसिनोफिल्स की मात्रा बढ़ जाए l सांस फूलने लगे – (Thyroidinum 200 या 1M व Lachesis 30) |
दमा – Asthma | ● वाहनों के धुंए या इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन से रोग हो या बढ़ता हो – (Acid Sulph 30, दिन में 3 बार) |
दमा – Asthma | ● जब रोगी सिर्फ खड़ा रह कर सांस ले सके – (Cannabis Indica 200 या 1M) |
दमा – Asthma | ● सूती कपड़ा बुनने व रुई धुनने वाले मजदूरों में – (Gossypium 30, दिन में 3-4 बार) |
दमा – Asthma | ● पत्थर तोड़ने वाले मजदूरों में – (Silicea 30, दिन में 3-4 बार) |
दमा – Asthma | ● फूलों की खुश्बू से – (ऐलेन्थस जी. 30, दिन में 3-4 बार) |
दमा – Asthma | ● गुस्से की वजह से रोग बढ़े – (Chamomilla 200 या 1M) |
दमा – Asthma | ● मल्लाहों का दमा, जहाज पर समुद्र में रहने से ठीक रहे और समुद्र तट पर आने से उभर आए – (Bromium 30, दिन में 3 बार) |
दमा – Asthma | ● मानसिक तनाव या अशांति के कारण, धुएं से बढ़े – (Ignatia Amara 200 या 1M) |
दमा – Asthma | ● बायोकैमिक दवा – (Meg Phos 6X व Kali Phos 6X अदल-बदल कर 3-3 घंटे के बाद) |
दमा – Asthma | ● मांस-मछली, दूध, सफ़ेद चीनी, केक, पेस्ट्री, मैदा के बिस्किट, सफ़ेद डबल रोटी, व मैदा से बनी चीजें न दें l आटा मोटा पिसा इस्तेमाल करें l शहद, सलाद, ताजी सब्जियां, उबला अंडा, पनीर आदि इस्तेमाल करें l रात का भोजन कम व सांयकाल ही कर लें l |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● बीमारी की शुरू की हालत में जब कंपकंपी तेज हो l तेज बुखार, बेचैंनी, प्यास, डर व खुश्क खांसी हो – (Aconite 30, हर आधे घन्टे पर) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● जब रोग रात में 12 बजे के बाद बढ़े, रोगी सुस्त हो, बेचैंनी महसूस करे व थोड़ा-थोड़ा पानी थोड़ी-थोड़ी देर के अंतर से पिये – (Arsenic alb 30, हर 2 घंटे पर) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● तेज बुखार के साथ बेहोशी, चेहरा तमतमाया लाल, ढके हुए अंगों पर पसीना; और खून का मस्तिष्क व छाती में जमाव हो – (Belladonna 30, हर 2 घंटे पर) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● जब बेचैंनी ख़त्म होने पर रोगी चुपचाप पड़ा रहे, हिलने-डुलने से रोग बढ़े, छाती में दर्द व दबाव महसूस हो, खासने से छाती व माथे में दर्द – (Bryonia 30, दिन में 4 बार) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● जब बलगम मवाद की तरह का हो, ठण्ड से रोग बढ़े, रोगी ठंडी प्रकृति का हो – (Hepper Sulph़ 30, दिन में 3-4 बार) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● जब खूब पसीना आये मगर आराम न मिले, रोग रात में बढ़े – (Merc Sol 30, दिन में 3-4 बार) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● सुखी खांसी, छाती में दर्द, खून मिला बलगम, ठंडा पीने की इच्छा l आखिरी अवस्था में – (Phosphorus 30, दिन में 3-4 बार) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● छाती में बलगम घड़घड़ाये मगर फिर भी न निकले; जीभ सफ़ेद – (Antim Tart 30 या 200, 2-3 खुराक) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● आखिरी अवस्था में जब रोगी ठंडा होने लगे, ठंडा पसीना आए – (Veratrum Album 30, 15-20 मिनट पर) |
न्यूमोनिया – Pneumonia | ● छाती को रुई से ढकना अच्छा है पर अनावश्यक रूप से कपड़े न लादें जायें l ठंडी हवा से बचाव करें l खाने पीने में हल्का व थोड़ा गर्म खाना दें l दलिया, कॉर्नफ्लेक्स, दूध, रोटी, गर्म दूध के साथ खजूर व बनफशा दूध में उबालकर देने से लाभ होता है l |
काली खांसी – Whooping Cough | ● रोग की शुरू अवस्था में ; जब काफी बेचैंनी हो – (Aconite 30, हर 2 घंटे बाद) |
काली खांसी – Whooping Cough | ● चेहरा लाल हो, सिर दर्द हो l शरीर की उपरी भाग में रक्त का जमाव हो – (Belladonna 30, 2-3 घंटे पर) |
काली खांसी – Whooping Cough | ● जब ठण्ड लगने के कारण खांसी हो, गले में मछली का कांटा फंसने जैसा आभास हो – (Hepper Sulph़ 30, दिन में 4 बार) |
काली खांसी – Whooping Cough | ● जब बलगम गाढ़ा व तार की तरह खिंचने वाला हो; सुबह के समय ज्यादा हो – (Kali bich 30, दिन में 4 बार) |
काली खांसी – Whooping Cough | ● जब नींद में या नींद के बाद रोग बढ़ता हो l गले के पास कपड़ा तक न सुहाए – (Lachesis 30, दिन में 3 बार) |
काली खांसी – Whooping Cough | ● जब गले के अन्दर आरी चलने जैसी आवाज हो और कुत्ता खांसी हो – (Spongia 6 या 30, दिन में 3 बार) |
काली खांसी – Whooping Cough | ● पुराने रोग में Syphilinum 1M की एक खुराक देकर Pertussin 1M की एक खुराक अगले दिन दें और फिर उपरोक्त दवाओं में से लक्षण के अनुसार जो दवा उचित समझें दें l Drosera Q, 5 बूंद और जस्टिशिया Q, 5 बूंद अदल-बदल कर गर्म पानी में लेने से जल्दी फायदा होता है l |
बाल का गिरना – Falling of hair | ● बाल गुच्छे के रूप में झड़ते हो . कभी यहाँ से कभी वहां से, चकत्ते के रूप में – (Phosphorus 30 या 200, दिन में 2 बार तथा Calcarea phos 6X दिन में 4 बार ) |
बाल का गिरना – Falling of hair | ● सफ़ेद खुश्क रूशी के कारण बालों का झड़ना, बालों का टूटकर गिरना – (Thuja 30, दिन में 3 बार ) |
बाल का गिरना – Falling of hair | ● चिंता तथा मानसिक अवसाद के कारण सिर, भौं, पलकों, तथा, जननांग से बाल झड़ना – (Acid Phos 30, दिन में 3 बार) |
बाल का गिरना – Falling of hair | ● कंघी करने पर बाल टूटना – (Carbo veg, China तथा wiesbaden 30, दिन में 3 बार) |
बाल का गिरना – Falling of hair | ● सिफलिस के कारण बाल झड़ना – (Ustilago Q या 30 तथा Fluoric Acid 30, दिन में 3 बार) |
बाल का गिरना – Falling of hair | ● महिलाओं को प्रसव के बाद बाल झड़ना – (China, Carbo veg, wiesbaden . सभी 30, दिन में 3 बार) |
बाल का गिरना – Falling of hair | ● जब कोई खास कारण पता न चले – (Selenium, Phosphorus, Calcarea phos, Acid Phos) |
बाल का गिरना – Falling of hair | ● बालों को तेजी से बढ़ने और चमक लाने के लिए – (wiesbaden 30, दिन में 3 बार) |
बाल जल्दी सफेद होना – Grey hair | ● मुख्य दवा बाल जल्दी सफ़ेद हो जाना – (Thyroidinum 30 या 200, दिन में तीन बार) |
बाल जल्दी सफेद होना – Grey hair | ● बाल जल्दी सफ़ेद हो जाने की अवस्था में दोनों दवा एक के बाद दूसरी एक एक सफ्ताह के अंतर पर – (Lycopodium 200 और एसिड फास 200) |
बाल जल्दी सफेद होना – Grey hair | ● अगर ऊपर दी गयी दवाओं से लाभ न हो तो – (Pilocarpus 1M, सफ्ताह में 1 बार) |
कान का दर्द – Otalgia | ● जब अचानक ठण्ड लग जाने से कान दर्द शरू हुआ हो – (Aconite 30, हर 2 घंटे पर) |
कान का दर्द – Otalgia | ● असहनीय दर्द जो गर्म सेक से बढे – (Chamomilla 30, हर 2 घंटे पर) |
कान का दर्द – Otalgia | ● अचानक दर्द शुरू हो, कील चुभने सा अभास हो – (Belladonna 30, हर 2 घंटे पर) |
कान का दर्द – Otalgia | ● कान में फुन्सी हो, कान से स्राव आए जिसमे खट्टी बदबू आए – (Hepper Sulphur 30, दिन में 3 बार) |
कान का दर्द – Otalgia | ● कान में Plantago Q व मुल्लियन ऑयल (Mullian Oil) डालने से भी बहुत फायदा होता है l |
कान बहना – Otorrhoea | ● गाढ़ा पीला स्राव – (Pulsatilla 30, दिन में 3 बार) |
कान बहना – Otorrhoea | ● जब स्राव बहुत चिपचिपा निकले – (Kali bich 30, दिन में 3 बार) |
कान बहना – Otorrhoea | ● कान बहने की पुरानी बीमारी में – (Silicea 12X या 30, दिन में 3 बार) |
कान बहना – Otorrhoea | ● जब कान बहने के साथ साथ दर्द भी हो – (Hepper Sulphur 30, दिन में 3 बार) |
कान बहना – Otorrhoea | ● जब कान से बदबूदार स्राव आए और अन्य दूसरी दवा से फायदा न हो – (Psorinum 1M, 10 -15 दिन में एक बार) |
कान में आवाज होना – Sound in ear | ● चबाते समय कान में शोर सुनाई देना – (Kali Sulph़ 6X या 30, दिन में 3 बार) |
कान में आवाज होना – Sound in ear | ● गाने की या हिस हिस की आवाज सुनाई देना – (Kali iod 6X या 30, दिन मे 3 बार) |
कान में आवाज होना – Sound in ear | ● कान में रेलगाड़ी चलने की आवाज या चिड़िया की चहचहाट जैसा सुनाई दे – (Kali mur 6X या 30, दिन में 3 बार) |
कान में आवाज होना – Sound in ear | ● मासिक होने से पहले कान में शोर सुनाई दे – (Ferrum met – 3X या 30, दिन में 3 बार) |
कान में आवाज होना – Sound in ear | ● कान में तूफ़ान चलने की आवाज या घंटियों की आवाज आये – (Ledum pal 30, दिन में 3 बार) |
कान में आवाज होना – Sound in ear | ● अपनी हीं आवाज कान में बार बार गूंजे – (Lycopodium 30, दिन में 3 बार) |
आवाज बैठना – Hoarseness | ● पूरी तरह आवाज बैठ जाने पर – (Argentum Metallicum 30, दिन में 3 बार) |
आवाज बैठना – Hoarseness | ● ठंडी हवा से आवाज बैठना – (Arum triph 30, दिन में 3 बार) |
आवाज बैठना – Hoarseness | ● अचानक खुश्क ठंडी हवा लगने से – (Aconite 30, दिन में 3 बार) |
आवाज बैठना – Hoarseness | ● ठंड लगने से या ठंडी चीज खाने से रोग – (Hepper Sulph 30, दिन में 3 बार) |
आवाज बैठना – Hoarseness | ● चिल्लाने या भाषण देने से हुआ रोग – (Arnica 30, दिन में 3 बार) |
आवाज बैठना – Hoarseness | ● Phytolacca Q की 10 बूंद, गुनगुने पानी में मिलाकर गरारे करने से लाभ होता है। |
तुतलाना, हकलाना – Stammering, Lisping | ● जब रोग जुबान मोटी होने के कारण हो – (Natrum Carb 30, दिन में 3 बार) |
तुतलाना, हकलाना – Stammering, Lisping | ● बच्चों का तुतलाना – (Bovista 30, दिन में 3 बार) |
तुतलाना, हकलाना – Stammering, Lisping | ● प्रमुख औषधि। काफी प्रयास करने के बाद ही मुंह से कोई शब्द निकले – (Stramonium 30 या 200) |
तुतलाना, हकलाना – Stammering, Lisping | ● रोगी जब रुक रुक कर बात करें – (Kali Brom 6, दिन में 3 बार) |
तुतलाना, हकलाना – Stammering, Lisping | ● बोलते समय बीच-बीच में शब्द छूट जाए – ( Chamomilla 30,दिन में 3 बार) |
तुतलाना, हकलाना – Stammering, Lisping | ● बोलते समय रोगी गलत शब्दों का प्रयोग करे – (Lycopodium 30, दिन में 3 बार) |
तुतलाना, हकलाना – Stammering, Lisping | ● शब्द मुंह में आते आते मुंह में ही रह जाए – ( Cicuta 30, दिन में 3 बार) |
तुतलाना, हकलाना – Stammering, Lisping | ● रोगी जब सिर्फ कुछ खास शब्दों पर ही अटके – (Lachesis 30, दिन में 2 बार) |
आँख के रोग – Diseases of the Eyes | ● जब आँख की पलकों पर गुहेरी हो जाये – (Staphisagria 30 या Hepper Sulph़ 1M) |
आँख के रोग – Diseases of the Eyes | ● जब आँखों में नेत्र शोथ(Conjunctivitis) हो जाये – (Aconite 30, दिन में 3-4 बार) |
आँख के रोग – Diseases of the Eyes | ● निकट दृष्टि दोष(Myopia) यानि की निकट की वस्तु दिखे परन्तु दूर की वस्तु ठीक से न दिखे तो – (Physostigma 3X या 6, दिन में 3 बार) |
आँख के रोग – Diseases of the Eyes | ● रतौंधी, यानि की रात के अंधेरे में ठीक से न देख पाना – (Physostigma 3X या 6, दिन में 3 बार) |
आँख के रोग – Diseases of the Eyes | ● दिनौंधी, यानि की दिन में ठीक से न देख पाना – (Bothrops 30, दिन में 3 बार और Phosphorus 200, सफ्ताह में 1 बार) |
आँख के रोग – Diseases of the Eyes | ● मोतियाबिंद – (Phosphorus 200, सफ्ताह में 1 बार तथा Kalcarea flour 6 या 12X दिन में 3 बार) |
खुजली – Itch | ● मुख्य दवा, जब रोग नहाने – धोने से बढ़े – (Sulphur 6 या 30, दिन में 3 बार) |
खुजली – Itch | ● शरीर में छोटे छोटे दाने और खुजली, बेचैंनी, ठण्ड से रोग बढ़े – (Rhus Tox 30, दिन में 3 बार) |
खुजली – Itch | ● जब खुजली के साथ थोडा दर्द भी हो – (Psorinum 200, दिन में 2 – 3 बार) |
खुजली – Itch | ● जब रात में खुजली बहुत ज्यादा हो – (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
खुजली – Itch | ● जननेंद्रिय की खुजली में – (Ambra Grisea 30, दिन में 3 बार) |
खुजली – Itch | ● जब खुजली का कारण छोटे छोटे मवाद भरी फुंसियां हो – (Hepper Sulphur 30, दिन में 3 बार) |
खुजली – Itch | ● खुजली इतनी हो की खुजलाते खुजलाते खून निकल आये – (Mezereum 30, दिन में 3 बार) |
फोड़े – फुंसियां – Boils | ● जब दाने लाल हो, दर्द व जलन हो – (Belladonna 30, दिन में 3-4 बार) |
फोड़े – फुंसियां – Boils | ● जब फोड़े या फुंसियों में मवाद बनना शुरू हो जाये – (Merc Sol 30, दिन में 3-4 बार) |
फोड़े – फुंसियां – Boils | ● जब असहनीय दर्द हो एवं फोड़ा पका नही हो – (Hepper Sulph़ 30 और Belladonna 30, हर 2 घंटे पर अदल-बदल कर) |
फोड़े – फुंसियां – Boils | ● छोटे छोटे बहुत सारे दाने, घनी फसल के जैसे – (Arnica 30, दिन में 3 बार) |
फोड़े – फुंसियां – Boils | ● फोड़े पक कर फुट चुके हों तो उन्हें सुखाने के लिए – (Calcarea Sulph 6X या Silicea 12X, दिन में 3-4 बार) |
फोड़े – फुंसियां – Boils | ● जब फोड़े – फुंसियां बार बार हो – (Sulphur 30, दिन में 3 बार) |
फोड़े – फुंसियां – Boils | ● Calendula Q या Echinacea Q गर्म पानी में मिला कर फोड़े – फुंसियों पर लगायें, जल्द आराम मिलेगा l |
बिना मुंह का फोड़ा – Carbuncle | ● बिना मुंह के फोड़े की प्रमुख दवा – (Anthracinum 200) |
बिना मुंह का फोड़ा – Carbuncle | ● बहुत जलन होती है और जैसे फोड़े पर जलते अंगारे रखे हों ऐसा दर्द होता है। गर्म सेक से अच्छा लगता है – (Arsenic 30) |
बिना मुंह का फोड़ा – Carbuncle | ● बहुत बेचैनी व जरा सी भी छुअन बर्दाश्त नहीं होती – (Hepper Sulph 30) |
बिना मुंह का फोड़ा – Carbuncle | ● जब फोड़ा बहुत धीरे धीरे बढ़े उसमें से मवाद आने लगे – (Silicea 12x) |
बिना मुंह का फोड़ा – Carbuncle | ● जब खून में शक्कर की मात्रा ज्यादा होने के कारण फोड़ा ठीक न होता हो – (Syzygium Q, या 30) |
बिना मुंह का फोड़ा – Carbuncle | ● यदि फोड़ा मधुमेह के मरीज को हो तो मधुमेह को किसी भी तरह से नियंत्रण में रखना अति आवश्यक है। |
मुहासे – Pimples | ● मुख्य दवा (चेहरे पर बड़े बड़े कील वाले मुहासे जो माहवारी के समय या कॉफ़ी, मांस आदि खाने से बढे) – (Psorinum 200 या 1M, सफ्ताह में एक बार) |
मुहासे – Pimples | ● जवानी आने के समय मुहासे की दवा – (Asterias rubens 30, दिन में 4 बार) |
मुहासे – Pimples | ● यदि Asterias rubens से फायदा न हो – (Kali Brom 30 और कल्केरिया पिक्रेटा 30, दिन में 4 बार) |
मुहासे – Pimples | ● जब मुहासे सर्दियों में एवं अंडा खाने से बढे – (Streptococcinum 200, दिन में 2-3 बार) |
मुहासे – Pimples | ● जब मुहासों में मवाद हो एवं दर्द हो – (Hepper Sulph़ 30, दिन में 3 बार) |
मुहासे – Pimples | ● मुहासों व त्वचा साफ़ करने के लिए – (Berberis Aquifolium Q, दिन में 3 बार) |
मुहासे – Pimples | ● जब उपरोक्त दवायों से फायदा न हो,रोगी गन्दा रहना पसंद करता हो –(Sulphur 1M, सफ्ताह में 1 बार) |
मुहासे – Pimples | ● जवानी के दिनों में, जब पेट में गैस भी बनती हो – (Carbo veg 30, या 200, दिन में 2 बार) |
मुहासे – Pimples | ● बहुत घी, तेल वाली चीजें न खाएं l हरी सब्जियां व मौसमी फल अधिक खाएं l |
दाद – Ringworm | ● मुख्य दवा – (Bacillinum 200 या 1M, सफ्ताह में 1 बार) |
दाद – Ringworm | ● अंगूठी की तरह गोल आकार वाले दाद के लिए – (Sepia 30, दिन में 3 बार) |
दाद – Ringworm | ● दाद, जिसमे अत्यधिक खुजली हो (खासकर चेहरे पर नाई के यहां के उस्तरे के इस्तेमाल की वजह से) – (Tellurium 30, दिन में 3 बार) |
दाद – Ringworm | ● जननेंद्रिय या अंडकोष के पास दाद जो सर्दियों में बढ़े – (Hepper Sulph़ 30, दिन में 3 बार) |
दाद – Ringworm | ● जब एसिडिटी रहता हो, भूख न लगता हो एवं उपरोक्त दवायों से फायदा न हो – (Sulphur 30, दिन में 3 बार) |
दाद – Ringworm | ● जब दाद जीभ पर हो जाये – (Sanicula 30, दिन मे 3-4 बार) |
दाद – Ringworm | ● Sepia 1M सप्ताह में 1 खुराक और Tellurium 30 रोज दिन में 3 बार लेने से किसी भी तरह का दाद ठीक हो जाता है l |
पित्ती – Urticaria | ● मुख्य औषधि। चकत्तों में डंक चुभने जैसा आभास; जलन व खुजली। सूजन अधिक, प्यास कम या बिल्कुल न हो – (Apis mel 6 या 30, दिन में 4 बार) |
पित्ती – Urticaria | ● यदि एपिस से फायदा न हो – (urtica urens Q या 6, दिन में 4 बार) |
पित्ती – Urticaria | ● चकत्तों में जलन व खुजली, अत्यधिक बेचैनी। थोड़ा-थोड़ा पानी बार-बार पीने की इच्छा – (Arsenic alb 6 या 30, दिन में 3 बार) |
पित्ती – Urticaria | ● चकत्तों में जलन व खुजली, ठंड से रोग बढ़े – (Rhus Tox 30, दिन में 3 बार) |
पित्ती – Urticaria | ● शराब पीने के कारण पित्ती – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
पित्ती – Urticaria | ● गरिष्ठ या अधिक चिकनाई युक्त भोजन करने के कारण पित्ती। प्यास कम, खुली ठंडी हवा में अच्छा लगे – (Pulsatilla 30, दिन में 3 बार) |
पित्ती – Urticaria | ● जब रोग पुराना हो और चकत्तों में खुजली रात को बिस्तर की गर्मी से बढ़े – (Sulphur 30, दिन में 2 बार) |
पित्ती – Urticaria | ● पुराने रोग में जब उपरोक्त दवाओं से फायदा न हो – (Astacus Fluviatilis 30, दिन में 3 बार) |
पित्ती – Urticaria | ● बाह्य प्रयोग के लिए, urtica urens Q, की 10-20 बूंदे एक चौथाई कप पानी मे मिला कर चकत्तों पर लगाएं। |
एग्जीमा – Eczema | ● त्वचा खुश्क, व छिछड़ेदार(Scaly) l रोगी के आँख की पलकें, कान, नाक के अगले हिस्से लाल हो – (Sulphur 30, दिन में 2-3 बार) |
एग्जीमा – Eczema | ● त्वचा खुश्क व छिछड़ेदार(Scaly), खासकर चेहरे व सिर में, बदबूदार स्राव भी निकले – (Psorinum 200, दिन में 2-3 बार) |
एग्जीमा – Eczema | ● त्वचा पर दाने व फुंसियो के कारण अत्यधिक खुजली हो – (Rhus Tox 30, दिन में 3 बार) |
एग्जीमा – Eczema | ● पतला पानी बहना और जहा पानी लगता है वहा भी घाव जैसा हो जाना – (Tellurium 30, दिन में 3 बार) |
एग्जीमा – Eczema | ● जब पानी गाढ़ा बहे – (Graphites -30, दिन में 3 बार) |
एग्जीमा – Eczema | ● सिर के एग्जीमा मे – (Mezereum – 30, दिन मे 3 बार) |
एग्जीमा – Eczema | ● एग्जीमा की बायोकैमिक दवा – (Calcarea Sulph 6X, दिन में 4 बार) |
सोरायसिस – Psoriasis | ● चकत्ते कमर, भुजाओं या कुहनियों के आस पास हो, चमड़े छूटते हों तथा अन्दर से लाल त्वचा निकले, अत्यधिक खुजली – (Kali Ars 30, दिन में 3 बार) |
सोरायसिस – Psoriasis | ● हथेलियों व पंजों पर चकत्ते – (Corallium rubrum 30, दिन में 3 बार) |
सोरायसिस – Psoriasis | ● जब रोग के कारण त्वचा मोटी हो जाये – (Hydrocotyle Q या 30, दिन में 3 बार) |
सोरायसिस – Psoriasis | ● शरीर में जलन के साथ खारिश – (Radium Brom 30, दिन में 3 बार) |
सोरायसिस – Psoriasis | ● जब रोग सर्दियों में बढ़े – (Petroleum 30, दिन में 3 बार) |
सोरायसिस – Psoriasis | ● जब उपरोक्त दवाओं से लाभ न हो – (Carcinosin 200, 2-3 बार) |
सोरायसिस – Psoriasis | ● बायोकेमिक दवा – (Natrum mur और Natrum Sulph़ 12X, दिन में 4 बार) |
मस्से – Warts | ● सभी तरह के मस्सों की मुख्य दवा – (Thuja 30 या 200 या 1M) |
मस्से – Warts | ● छोटे-छोटे बहुत सारे मस्से – (Causticum 30 या 200, दिन में 2-3 बार) |
मस्से – Warts | ● अगर मस्से छूने से दुखे – (Natrum Carb और Sulphur 30, दिन में 3 बार) |
मस्से – Warts | ● होंठ पर के मस्सों के लिए – (Nitric Acid 30 या 200, दिन में 2-3 बार) |
मस्से – Warts | ● जननेन्द्रिय की आगे की त्वचा पर मस्से या शरीर पर बड़े-बड़े काले मस्से – (Sepia 30 या 200) |
मस्से – Warts | ● मस्सों की बायोकेमिक दवा – (Silicea 12X, दिन में 3-4 बार) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● खुश्क व खुरदरी त्वचा के लिए, रोगी जब नहाने से कतराए – (Sulphur 30 या 200) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● खुश्क व खुरदरी त्वचा के लिए जब खारिश के बाद दर्द महसूस हो – (Psorinum 30 या 200) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● औरतों में आंखों के चारों ओर काले धब्बे जब किसी पुराने दुःख के कारण हो – (Staphisagria 30 या 200) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● जब आंखों के चारों ओर काले धब्बे स्नायविक कमजोरी (nervous weakness) के कारण हो – (Phosphorus 30 या 200) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● जब आंखों के चारों ओर काले धब्बे अत्यधिक स्राव (discharge) के कारण हो। चेहरा पीला व आंखें अंदर को धंसी हुई हो – (China 30) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● चेहरा पीला व साथ मे चेहरे व सीने पर पीले या भूरे धब्बे – (Sepia 30 या 200) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● काले या नीले रंग के धब्बों के लिए – (Arsenic 30 व Lachesis 30) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● चेहरे या अन्य किसी अंग पर लाल रंग की धारियां – (Hypericum 30 या 200) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● चेहरे का रंग मुर्दे के समान पीला व आंखों के चारों ओर नीले रंग की पट्टी सी – (Bismuth 30) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● रक्त की कमी (anaemia) के कारण पीलापन – (Ferrum met 3X) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● त्वचा का रंग साफ करने के लिए – (Sarsaparilla 30) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● चेहरे पर निशान जो फोड़े – फुंसियों या मुहासों, आदि के कारण हो – (Silicea 6X व Kali Phos 6X) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● चेहरे पर चेचक के दाग – ( Variolinum 200, Saracina 30, Thiosinaminum 2X) |
सौंदर्य और होम्योपैथी – Beauty Tips | ● खाने में दूध, दही, फल, हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज व सलाद खूब खाएं। |
बिवाइयां – Chilblains | ● मुख्य दवा – (Agaricus 30, दिन में 3 बार) |
बिवाइयां – Chilblains | ● बिवाइयों में सुई चुभने जैसा दर्द, जो शाम को बढ़ता है व ठण्डी हवा से आराम मिलता है – (Pulsatilla 30, दिन में 4 बार) |
बिवाइयां – Chilblains | ● जब बिवाइयों में खुजली, जलन व तेज दर्द हो – (Chamomilla 30, दिन में 3 बार) |
बिवाइयां – Chilblains | ● जब जलन अत्यधिक हो व बेचैनी हो – (Arsenic alb 30, दिन में 3 बार) |
बिवाइयां – Chilblains | ● बिवाइयां जो नम व गहरी हों, खुजली व जलन हो – (Petroleum 30, दिन में 3 बार) |
बिवाइयां – Chilblains | ● जब रोग भीगने(नहाने, धोने) से बढ़े व सर्दियों में ज्यादा हो – (Rhus Tox 30, दिन में 3 बार) |
बिवाइयां – Chilblains | ● खुश्क बिवाइयों की मुख्य दवा। रोगी गन्दा सा दिखे या गन्दा रहना चाहे – (Sulphur 30, दिन में 2 बार) |
बिवाइयां – Chilblains | ● बाह्य प्रयोग के लिए सफेद वैसलीन या नारियल का तेल इस्तेमाल करें। यदि ज़ख्म हो तो Calendula मलहम का प्रयोग करें। मोम या देशी घी मिलाकर लगाने से फायदा होता है। |
नाक के अंदर मांस बढ़ना – Nasal Polypus | ● मुख्य दवा – (Formica Rufa 1x या 3x, दिन में 3-4 बार या लैम्ना माइनर Q, दिन में 3 बार) |
नाक के अंदर मांस बढ़ना – Nasal Polypus | ● यदि नाक से खून आए; हरा, पीला मवाद निकले- (Phosphorus 30, दिन में तीन बार) |
नाक के अंदर मांस बढ़ना – Nasal Polypus | ● रोगी जिस करवट लेटता है उधर का सांस रुक जाता है, पूरी नाक मांस के बढ़ने से बंद हो जाए तो – (Teucrium 6, दिन में 3 बार) |
नाक के अंदर मांस बढ़ना – Nasal Polypus | ● नाक में मांस बढ़ने के साथ-साथ किसी भी गंध का पता ना लगे – (Calcarea Carb 30, दिन में तीन बार) |
नाक के अंदर मांस बढ़ना – Nasal Polypus | ● मांस बढ़ने के साथ-साथ साइनस की शिकायत, बुरी गंध वाला पतला हरा स्राव, गंध का महसूस ना होना – (Thuja 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
नाखूनों के रोग – Nails diseases | ● नाखूनों पर सफेद रंग के दाग हो जाए – (Nitric Acid 30 या 200, दिन में 3 बार) |
नाखूनों के रोग – Nails diseases | ● नाखून मोटे व कड़े हो जाएं, किनारे से खाल छूट जाती है और सहज में ही चूर चूर हो जाते हैं। नाखून की जड़ में सूजन – (Graphites 30 या 200, दिन में 3 बार) |
नाखूनों के रोग – Nails diseases | ● नाखून से मांस का झड़ना व मवाद पड़ जाना। दो अंगुलियों के बीच की जगह में घाव हो जाए – (Eugenia Jambos 30 या 200, दिन में 3 बार) |
नाखूनों के रोग – Nails diseases | ● नाखून की जड़ की जगह पर सूजन व पत्थर की तरह कड़ापन। मवाद में परिवर्तित न होकर कड़ा हो जाने से यह दवा विशेष लाभदायक है – (Calcarea flour 12X या 30, दिन में 3 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● प्रथम अवस्था मे जब सूखी ठंड लगने से टॉन्सिल सूज जाए। तेज बुखार, बेचैनी व घबराहट हो – (Aconite 30, दिन में 3 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● टॉन्सिल चमकीले लाल रंग के, फुले हुए(उनमें जख्म भी हो सकता है), जलन व डंक लगने जैसा दर्द; टॉन्सिल खुश्क महसूस हो पर प्यास न हो – (Apis mel 30, दिन में 3 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● जब बार बार टॉन्सिलाइटिस हो, बच्चा शर्मीली प्रकृति का हो – (Baryta Carb 30 या 200, दिन में 3 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● गला व टॉन्सिल लाल, सूजे हुए, निगलने में दर्द, बुखार – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● जब बुखार के कारण रोगी सुस्त हो व चुपचाप लेटना चाहे, प्यास न हो, टॉन्सिल पर सुरसुराहट हो – (Gelsemium 30, दिन में 3 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● जब टॉन्सिल पकने के कारण असह्य दर्द हो, गला छूने तक से डर लगे, रोगी ठंडी प्रकृति का हो- (Hepper Sulph 30, दिन में 3 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● टॉन्सिल पर जख्म, सांस बदबूदार, खूब लार बहे, रात में दर्द व बुखार बढ़े – (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● जब टॉन्सिल बार बार परेशान करे – (Bacillinum 1M या Tuberculinum 1M, की 1 खुराक 2-3 सफ्ताह के अंतर से दें) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● जब गले मे स्ट्रेप्टोCocaई इंफेक्शन (Streptococci infection) हो – (Streptococcinum 200, 2-3 खुराक) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● जब गले मे स्टेफाइलोCocaई इंफेक्शन (Staphylococci infection) हो – (Staphylococcus 200, 2-3 खुराक) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● बायोकैमिक दवा – (बायो नं. 10, दिन में 4 बार) |
टॉन्सिलाइटिस – Tonsillitis | ● Phytolacca Q, 10 बून्द, एक कप गुनगुने पानी मे डाल कर दिन में 3-4 बार गरारे करें। यदि ठंडा पेय लेने या किसी चीज के खाने से रोग बढ़ता हो तो ऐसी चीज़ों का इस्तेमाल न करें। |
मसूड़ों के रोग – Gum disease | ● मसूड़ों से खून आना, ठंडा और गर्म पानी का लगना (Sensitivity) – (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
मसूड़ों के रोग – Gum disease | ● मसूड़ों में लाल रंग के फोड़े जैसे हो जाना जिनमे दर्द हो – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
मसूड़ों के रोग – Gum disease | ● पायोरिया के लक्षण (मसूड़ों से खून और बदबू आए, या केवल खून आए) – (Carbo veg 3X या 30, दिन में 3 बार) |
मसूड़ों के रोग – Gum disease | ● मसूड़ों से मवाद आए, और ठंडा पेय पीने से दर्द बढे – (Hepper Sulph़ 30, दिन में 3 बार) |
मसूड़ों के रोग – Gum disease | ● जब मसूड़ों से मवाद आने की बीमारी बहुत पुरानी हो – (Silicea 30, दिन में 4 बार) |
दांत दर्द – Toothache | ● मुख्य दवा – (Plantago 30, दिन में 3 बार तथा Plantago Q दांत पर लगाएं) |
दांत दर्द – Toothache | ● जब दांत सड़ने की वजह से दर्द हो – (Kreosotum 30, दिन में 3 बार) |
दांत दर्द – Toothache | ● जब ठण्ड या ठंडा पानी पीने से दर्द बढे – (Silicea 30, दिन में 3 बार) |
दांत दर्द – Toothache | ● जब चबाने से दर्द बढ़े – (Staphisagria 30, दिन में 3 बार) |
दांत दर्द – Toothache | ● मसूड़ों में फोड़ा, जबड़े में सूजन व दर्द हो – (Hekla Lava 3X या 6X, दिन में 3 बार) |
दांत दर्द – Toothache | ● जब गर्म चीज खाने से दर्द बढ़े – (Meg phos 6X दिन में 4 बार) |
दांत दर्द – Toothache | ● मसूड़ों की जड़ों में लाल रंग के फोड़े होने से दर्द – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
दांत दर्द – Toothache | ● कैल्सियम की कमी, दांत पीले व दांतों पर मैल, दांत कमजोर हों – (Calcarea flour 6X, दिन में 3 बार) |
दांत दर्द – Toothache | ● यदि दांत निकलवाने के बाद खून न रुके – (Phosphorus 200, 1 खुराक) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● दाँत की जड़ व मसूड़ों में नासूर हो जाए; ठण्डक से आराम मिले – (Acid flour 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● दाँत में जल्द कीड़ा लगे और दाँत काले पड़ जाए – (Staphysagria 30 व 200, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● दूध के दाँतों में ही कीड़ा लग जाए। दाँत पहले पीला व बाद में काला हो जाए – (Kreosotum 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● कीड़ा लगकर दाँत में घाव हो जाए मसूड़ों में घाव व फोड़े हो जाए – (Hekla Lava 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● हर प्रकार के दंतशूल में लाभदायक – (Plantago 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● दाँत दर्द; जरा से स्पर्श से लगे कि जान निकल जाएगी पर दाँत पर दाँत रख कर जोर से दबाने पर आराम आए – (China 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● दाँत का दर्द, ठंडा पानी मुँह में रखने से घट जाए – (Coffea 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● गर्म चीजें पीने से दाँत का दर्द बढ़े – (Chamomilla 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● दाँत की जड़ में फोड़े, गरम सेक से आराम मिले, ठंडी हवा सहन न हो। काफी समय से चले आ रहे नासूर जो ठीक होने में न आते हों – (Silicea 6X या 30, दिन में 3 बार) |
दंत क्षय – Caries of the teeth | ● दाँत हिले व जरा सा कुछ लगते हीं असहनीय दर्द हो – (Calcarea flour 6X या 30, दिन में 3 बार) |
पीलिया – Jaundice | ● इलाज शुरू करने के पहले दें – (Sulphur 30, की 3 खुराक 2-2 घंटे पर) |
पीलिया – Jaundice | ● जब उबकाई आए, उल्टी लगे, बेचैनी व प्यास जल्दी – जल्दी लगे – (Ipecac 30 और Arsenic alb 30, दिन में 3 बार) |
पीलिया – Jaundice | ● जब उल्टी आनि बंद हो चुकी हो, शरीर में पीलापन नजर आने लगे – (carduus marianus Q या 6, दिन में 3 बार) |
पीलिया – Jaundice | ● जब जिगर (Liver) बढ़ जाये, आंखे पीली व पेशाब पीला – (Chelidonium Q या 6, दिन में 3 बार) |
पीलिया – Jaundice | ● अगर रोगी शराबी हो या शराब पीने से लीवर की बीमारी हुई हो – (Nux Vomica Q या 6 या 30, दिन में 3 बार) |
पीलिया – Jaundice | ● Kalmegh Q, Chelidonium Q, Carica papaya Q, Myrica Q इन सब को बराबर मात्रा में मिला लें और दस – दस बूंद पानी में मिलाकर दिन में 3-4 बार लें l |
पेट दर्द – Colic | ● जब असहनीय दर्द हो, पेट को दबाने से आराम मिले – (Colocynth 30, हर 2 घंटे पर) |
पेट दर्द – Colic | ● जब अधिक चिकनाई युक्त, मांसाहारी भोजन आदि खाने के बाद पेट दर्द हो – (Pulsatilla 30, हर 2 घंटे पर) |
पेट दर्द – Colic | ● अधिक व मसालेदार, गरिष्ठ भोजन के बाद या अपच व बदहजमी के कारण पेट दर्द – (Nux Vomica 30, 2-3 घंटे पर) |
पेट दर्द – Colic | ● पेट में अफारा के कारण दर्द – (Lycopodium 30, दिन में 3 बार) |
पेट दर्द – Colic | ● पेट फूलना, पित्त की उल्टी व मरोड़ के साथ दर्द – (Iris v 30, 2-3 घंटे पर) |
पेट दर्द – Colic | ● खाना कम से कम लें, चिकनाई युक्त खाने से परहेज करें l तरल पदार्थ लें l पेट पर गर्म पानी का सेंक भी कई बार लाभदायक होता है l |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● अधिक मात्रा में या देर से हजम होने वाला भोजन करने के कारण अधिक गैस बने; कब्ज रहे, बार-बार पाखाना आए – (Nux Vomica 30, दिन में तीन बार) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● गैस बनने की प्रवृत्ति रोकने के लिए मुख्य दवा – (Psorinum 30, एक खुराक) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● गरिष्ठ भोजन करने के बाद अधिक गैस बने; अनपचा भोजन पेट में पड़ा रहे। प्यास न हो या बहुत कम हो। जीभ पर गाढ़ी मैल की परत जमी हो – (Pulsatilla 30, दिन में तीन बार) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● अधिक गैस के कारण अफारा। सारा पेट ढोल की तरह फूल जाए। गैस निकलने से भी आराम न मिले। फल खाने से रोग बढ़े – (China 30, दिन में 3 बार) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● पेट में वायु के कारण अफारा आए। खासकर पेट का ऊपरी हिस्सा फूल जाए। डकार आने या गैस निकलने से आराम आए – (Carbo veg 30, दिन में तीन बार) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● कब्ज या कड़े मल के साथ अफारा। खासकर पेट का निचला हिस्सा फूल जाए, खासकर शाम को 5 से 8 बजे तक ज्यादा हो – (Lycopodium 30, दिन में तीन बार) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● पेट में अधिक वायु इकट्ठे होने के कारण अफारा। पेट में तरल पदार्थ गढ़गढ़ बोले – (Asafoetida 30, दिन में तीन बार) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● जब वायु ऊपर या नीचे कहीं से भी न निकले, बहुत परेशानी हो। गर्म डकार आए – (RAPHANUS SATIVUS 30, दिन में तीन बार) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● पेट में गैस के कारण खट्टी डकार आए। खाना बनते समय की खुशबू से उल्टी सी आए – ( Stannum metallicum 30, दिन में तीन बार) |
अजीर्ण, गैस बनना व अफारा आदि – Gastric complaints) | ● वायु इकट्ठा होने के कारण पेट में दर्द हो। खाने की खुशबू से मितली आए। साथ में जोड़ों में दर्द हो – (Colchicum 30, दिन में तीन बार) |
कृमि – Worms | ● कृमि रोग की मुख्य दवा। यह हर तरह के कृमि के लिए इस्तेमाल होती है; बच्चों में चिड़चिड़ापन, हमेशा खाते रहना चाहे – (Cina 30, दिन में 3 बार) |
कृमि – Worms | ● गोल कृमि की मुख्य दवा – (Santoninum 1X या 3X साथ मे मर्क डल 1X दिन में 4 बार) |
कृमि – Worms | ● फीता कृमि की मुख्य दवा – (Cuprum oxydatum nigrum 1X या 3X, दिन में 4 बार, साथ मे Nux Vomica Q, 5-5 बूंद दिन में 3 बार) |
कृमि – Worms | ● सूत कृमि की मुख्य दवा – (Cina Q या 30, दिन में 4 बार) |
कृमि – Worms | ● बायोकैमिक औषधि – (Natrum Phos 6X, दिन में 4 बार) |
पेचिश – Dysentery | ● रोग की प्रथम अवस्था मे जब बुखार, बेचैनी, घबराहट व पेट मे दर्द हो, खास कर सर्दी लगकर रोग पैदा होने पर – (Aconite 30, दिन में 3 बार) |
पेचिश – Dysentery | ● दस्त में खून की मात्रा बहुत ज्यादा व मल की मात्रा कम हो। दस्त आने से पहले, साथ, और बाद में, (tenesmus), मुंह मे लार भर जाना, और फिर भी प्यास लगे। दस्त जाने के बाद भी मरोड़ बनी रहे – (Merc Cor 30, दिन में 4 बार) |
पेचिश – Dysentery | ● दस्त में खून की अपेक्षा आंव की मात्रा बहुत ज्यादा हो – (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
पेचिश – Dysentery | ● जब आंव के साथ उबकाई भी आए – (Ipecac 30, दिन में 3 बार) |
पेचिश – Dysentery | ● नमी वाली जगह पर रहने से या बरसात में रोग वृद्धि – (Rhus Tox 30, दिन में 4 बार) |
पेचिश – Dysentery | ● बायोकैमिक औषधि – (BC- 9, दिन में 4 बार) |
पायोरिया – Pyorrhoea | ● मुख्य दवा – (Carbo veg और Calendula 30, दिन में 3 बार) |
पायोरिया – Pyorrhoea | ● जब मुंह से बहुत बदबू आए व दांत ढीले हो जाए – (Kali Carb 30 या Hekla Lava 6X, दिन में 3 बार) |
पायोरिया – Pyorrhoea | ● दांतों में सडन, बदबू तथा गन्दा खून आए – (Kreosotum 30, दिन में 3 बार) |
पायोरिया – Pyorrhoea | ● मसूड़े काले या लाल हो, बदबू आए, बहुत लार आए, मसूड़ों से खून आए – (Baptisia 30, दिन में 3 बार) |
पायोरिया – Pyorrhoea | ● Calendula Q की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर कुल्ला करना चाहिये l विटामिन सी युक्त भोजन लें एवं ठंडा – गरम पदार्थ एक साथ सेवन न करें l |
कब्ज – Constipation | ● साधारण कब्ज में – (Nux Vomica 30, रोज सोते समय एवं Sulphur 30, रोज सुबह) |
कब्ज – Constipation | ● जब मल बहुत कड़ा बकरी की मेंगनी की तरह का हो – (Alumina 30, दिन में 3 बार) |
कब्ज – Constipation | ● मल बहुत कड़ा व बड़े बड़े लैंड के रूप में निकलता हो और आंव लिपटा हुआ हो – (Graphites 30, दिन में 3 बार) |
कब्ज – Constipation | ● बार – बार पाखाना जाने की इच्छा पर पाखाना होता नहीं; मल सुखा व कड़ा l बैठे रहने की अपेक्षा खड़े होने पर आसानी से पाखाना होता है – (Causticum 30, दिन में 3 बार) |
कब्ज – Constipation | ● मलद्वार में डाट सी लगी हुई अनुभव हो – (Lycopodium 30, दिन में 3 बार) |
कब्ज – Constipation | ● जब कब्ज की वजह से पेट अन्दर को धंसता सा महसूस हो – (Hydrastis Q या 30, दिन में 3 बार) |
कब्ज – Constipation | ● जब मल छोटी – छोटी गोलियों की तरह हो, शौच जाने की हाजत बिलकुल न हो, कई दिन तक पाखाना न होने पर भी कष्ट नहीं होता – (Opium 30, दिन में 3 बार) |
कब्ज – Constipation | ● पानी बहुत मात्रा में पीयें, हल्का सादा भोजन करें, हरी सब्जियां, सलाद व फल प्रचुर मात्रा में खाएं तली हुई व महीन चीजों (मैदा से बने खाद्य पदार्थ) का सेवन बिलकुल न करें l |
आंत उतरना – Hernia | ● दाएं भाग के हर्निया में – (Lycopodium 30, दिन में तीन बार) |
आंत उतरना – Hernia | ● बाएं भाग के हर्निया में; जब कब्ज भी हो – (Nux Vomica 30, दिन में तीन बार) |
आंत उतरना – Hernia | ● जब सख्त कब्ज रहने के कारण हर्निया हो – (Plumbum met 30, दिन में तीन बार) |
आंत उतरना – Hernia | ● जब आंत अचानक बीच में अटक जाए और उसकी वजह से सूजन, जलन वाला दर्द, घबराहट, ठंडा पसीना व मृत्यु भय हो – (Aconite 30, हर आधे घंटे बाद) |
आंत उतरना – Hernia | ● हर्निया की मुख्य दवा; खासकर मोटे व्यक्तियों के लिए – (Calcarea Carb 200, 2-3 खुराक) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● अपेंडिक्स की प्रमुख दवा। दर्द वाली जगह को छूने से दर्द बढ़े – ( Iris Tenax 30, हर 2 घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● अचानक तेज बुखार, बेचैनी, घबराहट व मृत्यु भय – (Aconite 30, हर आधे घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● दर्द के कारण चेहरा लाल, दर्द अचानक उठे और अचानक समाप्त हो जाए – (Belladonna 30, हर आधे घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब दर्द में दाहिनी ओर लेटने से आराम आए। कब्ज हो, अधिक प्यास व बुखार हो, हिलने डुलने से दर्द बढ़े – (Bryonia 30 या 200, हर आधे घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब अपेंडिक्स की जगह कपड़ा तक छू जाने से भी दर्द हो – (Lachesis 30, आवश्यकतानुसार) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब रोग दाहिनी ओर लेटने से बढ़े़े व मवाद पड़ने का डर हो – (Merc Sol 30, हर 2 घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब रोगी दर्द के मारे दोहरा हो जाए, पेट को दबाने से आराम आए – (Colocynth 30, हर 2 घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब रोग पुराना हो जाए व अन्य दवाओं से फायदा न हो – (Sulphur 200, आवश्यकतानुसार) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● अपेंडिक्स की प्रमुख दवा। दर्द वाली जगह को छूने से दर्द बढ़े – ( Iris Tenax 30, हर 2 घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● अचानक तेज बुखार, बेचैनी, घबराहट व मृत्यु भय – (Aconite 30, हर आधे घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● दर्द के कारण चेहरा लाल, दर्द अचानक उठे और अचानक समाप्त हो जाए – (Belladonna 30, हर आधे घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब दर्द में दाहिनी ओर लेटने से आराम आए। कब्ज हो, अधिक प्यास व बुखार हो, हिलने डुलने से दर्द बढ़े – (Bryonia 30 या 200, हर आधे घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब अपेंडिक्स की जगह कपड़ा तक छू जाने से भी दर्द हो – (Lachesis 30, आवश्यकतानुसार) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब रोग दाहिनी ओर लेटने से बढ़े़े व मवाद पड़ने का डर हो – (Merc Sol 30, हर 2 घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब रोगी दर्द के मारे दोहरा हो जाए, पेट को दबाने से आराम आए – (Colocynth 30, हर 2 घंटे बाद) |
अपेंडिक्स की सूजन – Appendicitis | ● जब रोग पुराना हो जाए व अन्य दवाओं से फायदा न हो – (Sulphur 200, आवश्यकतानुसार) |
बवासीर – Piles | ● खूनी या बादी बवासीर की अचूक दवा – (Sulphur 1M की 1 खुराक 15 दिन में 1 बार बाकी दिन Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
बवासीर – Piles | ● जब काले रंग का खून निकले और दर्द बिल्कुल न हो; मलद्वार में तपकन महसूस हो – (Hamamelis Q या 30, दिन में 3 बार) |
बवासीर – Piles | ● खूनी बवासीर की रामबाण दवा – (Dolichos Q, 5-5 बूंद दिन में 3 बार) |
बवासीर – Piles | ● चमकीले लाल रंग का खून निकले – (Millefolium Q, 5-5 बूंद दिन में 3 बार) |
बवासीर – Piles | ● हर बार पाखाना होने के बाद खून की पिचकारी छूटे – (Phosphorus 30, दिन में 3 बार) |
बवासीर – Piles | ● जब गुदा में तिनके फंसे होने का एहसास और दर्द हो, कब्ज हो – (Collinsonia 30, दिन में 3 बार) |
बवासीर – Piles | ● मस्सों में बहुत जलन हो, गर्म पानी से धोने से आराम मिले l बहुत बेचैनी हो – (Arsenic 200, दिन में 2-3 खुराक दें) |
बवासीर – Piles | ● जब मस्सों को ठंडे पानी से धोने से आराम मिले – (Apis mel 30, दिन में 3 बार) |
बवासीर – Piles | ● जब बवासीर के मस्सों में खड़े रहने या बैठे रहने पर दर्द हो मगर चलने – फिरने से आराम मिले – (Ignatia Amara 30, दिन में 3 बार) |
बवासीर – Piles | ● जब मस्सों में खून बहना रुकने के बाद अत्यधिक दर्द हो – (Nitric Acid 1M, हफ्ते में 1 खुराक 3-4 हफ़्तों तक) |
मलद्वार का फटना – Fissure in Ano | ● पाखाना जाते समय तथा बाद में अत्यधिक दर्द हो जो घंटों बना रहे। रोगी बेचैनी के कारण टहलता रहता है – (Nitric Acid 30, दिन में 3 बार) |
मलद्वार का फटना – Fissure in Ano | ● जब दर्द पाखाना आने के पहले थोड़ा कम व पाखाना आने के बाद अधिक हो, आग लगने जैसी जलन हो – (Ratanhia 30, दिन में 3 बार) |
मलद्वार का फटना – Fissure in Ano | ● जब सख्त कब्ज के कारण मलद्वार फट जाए – (Graphites 30, दिन में 3 बार) |
मलद्वार का फटना – Fissure in Ano | ● जब खुश्की के कारण मलद्वार के साथ होंठ तथा मुंह के कोर तक भी फट जाए (आंते भी खुश्क हों) – (Natrum Mur 6X या 30, दिन में 3 बार) |
मलद्वार का फटना – Fissure in Ano | ● जब मलद्वार फटने से स्राव सा बहता रहे और मलद्वार में कतरने जैसा दर्द हो – (Paeonia Q या 30, दिन में 3 बार) |
कांच निकलना – Prolapsus of Anus | ● मुख्य दवा; पाखाना जाते समय या उसके पहले ही कांच निकल आए – (Podophyllum 30 से CM तक) |
कांच निकलना – Prolapsus of Anus | ● जब मलद्वार की संकोचन पेशी थिथिल हो जाने के कारण गुदा बाहर निकल आए। इस थिथिलता के कारण पखाना तक अनजाने में हो जाता है – (Aloe 30, दिन में 3 बार) |
कांच निकलना – Prolapsus of Anus | ● जब पेशाब करते समय कांच निकलने के साथ पखाना तक हो जाए – (Acid Mur 6 या 30, दिन में 3 बार) |
कांच निकलना – Prolapsus of Anus | ● जब पाखाना जाते समय जरा सा जोर लगाने से ही कांच निकल आए – (Ruta 30, दिन में 3 बार) |
कांच निकलना – Prolapsus of Anus | ● गुदा में खुजली के साथ कांच निकलना – (Ignatia Amara 30, दिन में 3 बार) |
कांच निकलना – Prolapsus of Anus | ● गुदा की मांसपेशियों को ताकत देकर रोग ठीक करने के लिए – (Calcarea Flour 12x, दिन में तीन बार) |
कांच निकलना – Prolapsus of Anus | ● बायोकेमिक औषधि – (Ferrum Phos 6x, दिन में चार बार) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● छोटी माता (Chicken Pox) – (Pulsatilla 200, एक खुराक) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● खसरा (Measles) – (Morbillinum 200, एक खुराक) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● चेचक (Small Pox) – (Variolinum 200 या 1M, एक खुराक) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● हैजा (Cholera) – (Cuprum met 30 या 200, एक खुराक) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● डिफ्थिरिया (Diphtheria) – (Diphtherinum 200, एक खुराक) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● फ्लू (Influenza) – (Influenzinum 200, एक खुराक) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● मैनिन्जाइटिस (Meningitis) – (Belladonna 200, एक खुराक) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● मम्पस (Mumps) – (Parotidinum 200, एक खुराक) |
प्रतिरोधक दवाएं – Preventive Medicines | ● काली खांसी (WhoopingCough) – (Pertussin 1M, एक खुराक) |
टायफायड – Typhoid | ● रोग की पहली अवस्था में जब रोगी शांति चाहता है, इसका कारण बहुत दर्द होना है l हिलने डुलने की इच्छा नहीं होती, जीभ सफ़ेद, होंठ खुश्क, कब्ज हो और प्यास ज्यादा लगे – (Bryonia 30, दिन में 3-4 बार, यदि दवा का चुनाव सही है तो रोग शुरू में ही रुक जायेगा l |
टायफायड – Typhoid | ● पहले सफ्ताह में l बच्चों के टायफ़ायड में यह ज्यादा फायदेमंद है l बहुत कमजोरी व सुस्ती, ऊँघना, पलकें भरी, आंखे खोले रहना मुश्किल – (Gelsemium 30, दिन में 3 -4 बार) |
टायफायड – Typhoid | ● सिरदर्द, मल बदबूदार, सांस में भी बदबू, बातों का जवाव देते देते रोगी सो जाए, प्रलाप करे – (Baptisia Q, 5-10 बूंद दिन में 3 – 4 बार, 30 पावर भी दी जा सकती है) |
टायफायड – Typhoid | ● रोगी को पतले दस्त हो, जीभ सख्त व अग्र भाग लाल, शरीर में दर्द, बेचैनी, सुस्ती, रोगी बडबडाता हो और शरीर को इधर उधर घुमाता हो – (Rhus Tox 6 या 30, दिन में 3 – 4 बार) |
टायफायड – Typhoid | ● रोग की बढ़ी हुई अवस्था में, जब रोगी बहुत कमजोर हो जाये, बेचैनी, तेज प्यास l सब लक्षण रात के समय बढ़ जायें खासकर 1 बजे के करीब – (Arsenic 6 या 30, दिन में 2 -3 बार) |
डेंगू बुखार – Dengue Fever | ● हड्डियों में बहुत अधिक दर्द, ठण्ड लगे तो पीठ व हाथ – पैरों में दर्द l पित्त विकार, उल्टी-दस्त – (Eupatorium perfoliatum 30, दिन में 3 -4 बार) |
डेंगू बुखार – Dengue Fever | ● मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द, सुस्ती, ऊँघना या नींद सी आई रहना, चुपचाप लेटे रहने की इच्छा – (Gelsemium 30, दिन में 3 -4 बार) |
डेंगू बुखार – Dengue Fever | ● आँख व चेहरा लाल, तेज सिर दर्द व बुखार, कमर दर्द – (Belladonna 30, दिन में 3 – 4 बार) |
डेंगू बुखार – Dengue Fever | ● शरीर दर्द, बेचैनी, हिलने – डुलने से आराम – (Rhus Tox 30, दिन में 3 -4 बार) |
डेंगू बुखार – Dengue Fever | ● अधिक प्यास, शरीर दर्द, हिलने-डुलने से रोग बढे – (Bryonia 30, दिन में 3 बार) |
चेचक – Small Pox | ● प्रतिरोधक दवा (रोग किसी भी अवस्था में हो, इलाज शुरू करने के पहले जरुर दें) – (Variolinum 200 या 1M, 2-3 खुराक हर 10-15 मिनट पर) |
चेचक – Small Pox | ● तेज बुखार के साथ बेचैनी – (Aconite 30, दिन में 4-5 बार) |
चेचक – Small Pox | ● तेज बुखार, सिरदर्द, रोगी बेहोशी की अवस्था में हो, शोर सहन न हो – (Belladonna 30, दिन में 4-5 बार) |
चेचक – Small Pox | ● जब दानों का का रंग काला हो, दानों से खून बहता हो l बेचैनी और सुस्ती हो l थोडा – थोडा पानी पीने की इच्छा हो – (Arsenic 30, दिन में 3-4 बार) |
चेचक – Small Pox | ● चेचक की किसी भी अवस्था में इस दवा का प्रयोग किया जा सकता है l यदि पहले हीं इसका प्रयोग किया जाये तो रोग की तेजी घाट जाती है l इस दवा में चेचक के दाग दूर करने की भी क्षमता है l – (Antim Tart 30, सिर्फ 3 खुराक हर आधे घंटे पर) |
चेचक – Small Pox | ● जब बहुत जल्दी मवाद भरे दाने निकल आयें मवाद में बदबू हो; इस दवा में प्रतिरोधक तथा उपचारात्मक दोनों गुण हैं – (Thuja 30, दिन में 3 बार) |
चेचक – Small Pox | ● जब चेचक के दाने पकने लगे, गले में जख्म ; खून मिले दस्त हों – (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
छोटी माता – Chicken Pox | ● रोग के शुरू होने पर तेज बुखार व बेचैनी – (Aconite 6 या 30, दिन में 4 बार) |
छोटी माता – Chicken Pox | ● सिर में बहुत रक्त संचय हो और तेज सिर दर्द – (Belladonna 6 या 30, दिन में 4 बार) |
छोटी माता – Chicken Pox | ● दानों में जब बहुत खुजली हो – (Rhus Tox 6X या 30, दिन में 3 बार) |
छोटी माता – Chicken Pox | ● बायोकैमिक दवा – ( Ferrum Phos 6X व Kali Mur 6X) |
मलेरिया बुखार – Malaria | ● बुखार 9 से 11 बजे रात के समय हो l सर्दी थोड़ी देर लगती हो, बुखार ज्यादा देर तक रहता है l सिरदर्द जैसे सिर फट जायेगा l प्यास न लगे, जी मिचलाए, उल्टी लगे – (Ipecac 30, हर 2 घंटे पर) |
मलेरिया बुखार – Malaria | ● बुखार सुबह 8 बजे से दोपहर तक रहे l अन्दर से अत्यधिक सर्दी महसूस हो; रोगी हर समय कपड़ा ओढ़ना चाहे l सुबह के समय जी मिचलाए – (Nux Vomica 30, दिन में 4 बार) |
मलेरिया बुखार – Malaria | ● दिन में 12 बजे के बाद या रात में 12 बजे के बाद बुखार आए l कंपकंपी, बुखार, और पसीने में अनियमितता हो l पसीना आने से रोगी को आराम मिले l थोड़ी – थोड़ी देर में थोड़ा पानी का प्यास – (Arsenic 30, दिन में 3 बार) |
मलेरिया बुखार – Malaria | ● सर्दी दिन के 2-3 बजे के बीच लगे, सर्दी के साथ बुखार, पैर ठंडे रहे l सिर पर ज्यादा पसीना आए – (Calcarea Carb 200, 2-3 खुराक) |
मलेरिया बुखार – Malaria | ● बुखार जब घड़ी की सुई की तरह नियत समय पर आए – (Cedron 30, दिन में 2-3 बार) |
खसरा – Measles | ● प्रतिरोधक दवा (रोग की प्रत्येक अवस्था मे उपयोगी) – (Morbillinum 200 या 1M, 3 खुराक 10-15 मिनट के अंतर से) |
खसरा – Measles | ● प्रथम अवस्था में। तेज बुखार, बेचैनी, प्यास, नाड़ी भारी और तेज – (Aconite 6 या 30, 2-3 घंटे के अंतर पर) |
खसरा – Measles | ● जब दाने ठीक से न निकले, अचानक बैठ जाएं, जिससे सांस लेने में कष्ट हो, गले के अंदर श्लेष्मा घड़घड़ाये। जीभ सफेद – (Antim Tart 30, 3 खुराक, हर 2 घंटे बाद) |
खसरा – Measles | ● जब दाने अचानक बैठ जाये। रोगी खूब बड़बड़ाए। शरीर मे डंक मारने जैसा दर्द, जलन व तनाव – (Apis mel 30, 3 खुराक, हर 2 घंटे पर) |
खसरा – Measles | ● दाने अचानक गायब होने से तेज बुखार और सर्दी। लगातार नाक व आंखों से पानी गिरे, नाक में घाव, आँखें ओर मुंह लाल, सुस्ती, उंघाई – (Gelsemium 6 या 30, दिन में 3-4 बार) |
खसरा – Measles | ● सर्दी पकने पर जब नाक से गाढ़ा बलगम निकले, प्यास न हो (यह दवा प्रतिरोधक दवा के रूप में भी काम आती है) – (Pulsatilla 30, हर 3-4 घंटे के अंतर पर) |
खसरा – Measles | ● बुखार तेज हो, गर्मी सिर को चढ़े, शरीर व माथा गर्म, आंखे व चेहरा लाल – (Belladonna 6 या 30, हर 2 घंटे बाद) |
खसरा – Measles | ● अचानक दाने बैठ जाने के कारण, शरीर बर्फ की तरह ठंडा, रोगी फिर भी शरीर पर कपड़ा न डालना चाहे – (Caphor Q या 6, हर आधे घंटे बाद) |
खसरा – Measles | ● बायोकैमिक दवा – (Kali Mur 6X व Ferrum Phos 6X) |
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस – Gastroenteritis | ● प्रथम अवस्था में जब अत्यधिक प्यास एवं बेचैनी हो, उल्टी और दस्त बार-बार हो – (Arsenic alb 30, और Ipecac 30, हर आधे घंटे बाद) |
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस – Gastroenteritis | ● यदि उल्टी और दस्त लगातार हो, बंद होने का नाम न ले, सारा शरीर ठंडा व नीला पड़ जाए, ठंडा पानी पीने की इच्छा हो – (Veratrum Album 30, दिन में 3-4 बार) |
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस – Gastroenteritis | ● अत्यधिक उल्टी व दस्त के बाद जब रोगी ठंडा पड़ने लगे और हमेशा पंखा करवाना चाहे – (Carbo veg 30, दिन में 3-4 बार) |
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस – Gastroenteritis | ● जीवन रक्षक घोल (नमक, चीनी व पानी का मिश्रण), शिकंजी, ग्लूकोज, या अन्य तरल पदार्थ रोगी को जल्दी जल्दी दें जिससे निर्जलन का उपचार हो। |
हैजा – Cholera | ● हैजा की प्रथम अवस्था में जब शरीर में काफी ठंडक और शक्तिहीनता आने लगे – (Caphor Q, 2-3 बूंद हर 10-15 मिनट बाद) |
हैजा – Cholera | ● जब उल्टी और दस्त काफी मात्रा में हो और ठंडा पसीना आए – (Veratrum Album 30, हर 10-15 मिनट बाद) |
हैजा – Cholera | ● जब उल्टी और दस्तों के साथ ऐंठन प्रबल हो – (Cuprum Met 30, हर आधे घंटे बाद) |
हैजा – Cholera | ● यदि हैजे के रोगी में बेचैनी और जलन के लक्षण प्रधान हो, दस्त काले और बहुत बदबूदार हो – (Arsenic alb 30, हर 10-15 मिनट बाद) |
हैजा – Cholera | ● हैजे की आखिरी अवस्था में या उल्टी दस्त बंद होने की अवस्था में यदि रोगी ठंडा होने लगे, मगर हवा के लिए छटपटाए – (Carbo veg 30, हर 10-15 मिनट बाद) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● मुख्य दवा, सुखी खांसी, खून मिला बलगम। रोग बढ़ जाने पर यह औषधि न दें – (Phosphorus 30, दिन में 3 बार) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● बीच-बीच में प्रतिरोधक दवा के रूप में दें। जिनको खांसी होने के बाद ठीक न होती हो – (Tuberculinum 1M, 2-3 खुराक) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● सुखी खांसी, बलगम खून भरा। सुबह चमकीले लाल रंग का खून व शाम को काला जमा हुआ खून। छाती में हमेशा दर्द बना रहे – (Acalypha indica Q या 3X, दिन में 3 बार) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● रोग की हर अवस्था मे यह दवा उपयोगी है, बहुत कमजोरी, शरीर दुबला पड़ जाए। तेज प्यास। ठंडे पानी से पेट मे बेचैनी, इसलिए रोगी गर्म पानी पीना चाहता है – (Arsenic Iod 6 या 3X, दिन में 4 बार) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● न्यूमोनिया इत्यादि के बाद फेफड़ों में सूजन और फिर क्षय रोग हो जाए। पेशाब गाढ़ा, व कब्ज; बलगम हरा व गाढ़ा। फेफड़ा रोगग्रस्त होकर ठोस हो जाए – (Lycopodium 30, दिन में 2-3 बार) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● बहुत ज्यादा खून की उल्टी या खून मिली खांसी हो तब – (Ficus Religiosa Q, दिन में 3-4 बार) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● फेफड़ा ठोस हो जाए। छाती में बलगम की घड़घड़ाहट। पीला बलगम काफी मात्रा में निकले। कष्ट रात में बढ़े – (Hepper Sulph 30, दिन में 2-3 बार) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● खाँसते – खाँसते रोगी ने जो भी खाया पीया हो उलट दे। खांसी के साथ ऐंठन हो – (Drosera 6 या 30, 2-3 खुराक) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● सामान्य खांसी के साथ बहुत ज्यादा मात्रा में खूब लाल चमकदार खून निकले। दर्द या बेचैनी न हो – (Millefolium Q या 6, दिन में 3-4 बार) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● मानसिक व शरीरिक विकास पूरा न हुआ हो, ठंड से रोग बढ़े। ग्रंथियों में सूजन हो – (Baryta Carb 30, दिन में 3 बार) |
फेफड़ों की टी.बी. – Pulmonary Tuberculosis | ● बायोकैमिक दवा – (Calcarea Phos 6X, दिन में 3 बार) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● मुख्य औषधि – (Latrodectus 6 या 30, दिन में 3 बार) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● जब हृदय की गति बहुत तेज हो। बाईं ओर घूमने से हृदय में सुई चुभने जैसा दर्द हो – (Iberis Q, 5-10 बूंद) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● जब लगे कि हृदय काम करना ही बंद कर देगा – ( Digitalis Q या 30, दिन में 4 बार) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● जब दर्द के कारण बाईं ओर न लेटा जाए – (Spigelia 30, दिन में 4 बार) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● हृदय को ताकत देने के लिए – (Cactus Q व Crataegus Q, पानी मे मिला कर) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● जब अत्यधिक बेचैनी, कमजोरी, प्यास व जलन हो; ऐसा लगे जैसे कि प्राण निकलने ही वाले हैं – ( Arsenic 30, हर 15-20 मिनट बाद) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● जब पेट में वायु के दबाव के कारण हृदय दर्द हो, रोगी खुली हवा या पंखा चाहे – ( Carbo veg 30, दिन में 3 बार) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● जब दर्द हृदय की मांसपेशियां कमजोर होने के कारण हो – (Strophanthus Q, दिन में 3 बार) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● जब दर्द के कारण रोगी गश खा जाए, बायां हाथ सुन्न हो जाए – (Naja 6 या 30, दिन में 3-4 बार) |
दिल का दर्द – Angina pectoris | ● बायोकेमिक औषधि – ( Meg Phos 6X व Kali Phos 6X) |
डर – Fears | ● सड़क पार करने, अकेले रहने, और तूफान से डर – (Phosphorus 30 या 200) |
डर – Fears | ● भीड़ का डर – (Argentum nitricum 30 या 200) |
डर – Fears | ● अंधेरे का डर – (Belladonna 30, Stramonium 200, Kali Brom 30) |
डर – Fears | ● परीक्षा का डर – (Anacardium 200, Lycopodium 200, Silicea 200) |
डर – Fears | ● बच्चों में गोद से या झूले से गिर जाने का डर – (Gelsemium 30, Borax 30) |
डर – Fears | ● पिछली डर वाली बातें याद करके डर लगना – (Opium 200) |
डर – Fears | ● ऊंचाई का डर – (Argentum nitricum 200, Pulsatilla 200, Staphysagria 200) |
डर – Fears | ● बारिश से डर – (elaps corallinus 30, Naja 30) |
डर – Fears | ● अजनबियों का डर – (Baryta Carb 200) |
डर – Fears | ● किसी से बात करने, छूने, या देखने का डर – (Antim Crud 200) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● प्रमुख दवा। गर्भावस्था में चिकित्सक की देखरेख में ही लें – ( Rauvolfia Q, 10-15 बूंद पानी मे मिलाकर कर दिन में 3 बार) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● कनपटियों में दर्द, गर्मी व धूप से रोग बढ़े – (Glonoine 6 या 30, दिन में 3 बार) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● सिर हिलाते ही चक्कर आना, अविवाहितों के लिए खास दवा – (Conium Mac 30 या 200 2-3 खुराक) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● जब नींद से उठने के बाद रोग बढ़े। खुले कपड़े पहनने की इच्छा हो – (Lachesis 200 या 1M, 2-3 खुराक) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● मोटे व्यक्तियों में जो मांसाहारी भोजन ज्यादा लेते हैं -(Allium Sativa Q) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● दुखी लोगों में जिनमें नमक खाने की इच्छा ज्यादा हो – ( Natrum mur 200 या 1M, 2-3 खुराक) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● अचानक बुरी खबर या घबराहट के कारण रोग – (Gelsemium 200 या 1M 2-3 खुराक) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● बूढ़े लोगों के लिए – (Bayta Mur 3X, दिन में 3 बार) |
रक्तचाप का बढ़ना – High Blood Pressure | ● सिर दर्द, घबराहट, त्वचा लाल व गर्म लेकिन प्यास ना हो- ( Belladonna 30, दिन में 2-3 बार) |
निम्न रक्तचाप – Low Blood Pressure | ● अधिक स्राव (उल्टी-दस्त, वीर्य, खून) के कारण – (China Q या 6, दिन में 3 बार) |
निम्न रक्तचाप – Low Blood Pressure | ● धूप में बेहोश हो जाना नमक की इच्छा ज्यादा हो – (Natrum mur 6X या 30, दिन में 3 बार) |
निम्न रक्तचाप – Low Blood Pressure | ● कमजोरी व पेट में वायु के कारण; रोगी खुली हवा चाहे – (Carbo veg 6 या 30, दिन में 3 बार) |
निम्न रक्तचाप – Low Blood Pressure | ● कमजोर व बढ़ती उम्र के लोगों में -(Calcarea Phos 6X, दिन में 3 बार) |
निम्न रक्तचाप – Low Blood Pressure | ● जब नब्ज़ क्षीण व धीमी हो, दिल पर बोझ सा महसूस हो – (viscum album Q, 5-15 बूंद, दिन में 3 बार) |
निम्न रक्तचाप – Low Blood Pressure | ● जब लगे कि हरकत बंद करते ही दिल काम करना बंद कर देगा – (Gelsemium 30, दिन में 3 बार) |
निम्न रक्तचाप – Low Blood Pressure | ● खाने पीने में पौष्टिक व संतुलित आहार लें। चिंता ना करें। फल व सब्जियां प्रचुर मात्रा में लें। |
शायटिका – Sciatica | ● जब दर्द खास कर दायीं टांग में हो, दर्द कूल्हे से घुटने या एड़ी तक जाय, चलते चलते टांग सुन्न हो जाए, दर्द वाली टांग का घुटना मोड़ कर लेटने से आराम आये – (Colocynth 200 या 1M, दिन मे 2 बार) |
शायटिका – Sciatica | ● दर्द के साथ सुन्न हो जाना, टांग को पेट के साथ सिकोड़ कर लेटने से और कुर्सी पर बैठने से आराम, चलने फिरने से दर्द बढ़े – (Gnaphalium 200 या 1M, दिन में 2 बार) |
शायटिका – Sciatica | ● अधिक मेहनत करने या ठण्ड लगने के कारण रोग, चलने फिरने से आराम – (Chamomilla 30 या 200, दिन में 3 बार) |
शायटिका – Sciatica | ● अधिक मेहनत करने या ठण्ड लगने के कारण रोग, चलने फिरने से आराम – (Chamomilla 30 या 200, दिन में 3 बार) |
शायटिका – Sciatica | ● जब दर्द असहनीय हो – (Medorrhinum 200 या 1M 2-3 खुराक) |
शायटिका – Sciatica | ● जब दर्द नीचे से ऊपर को जाए – (Kalmia Latifolia 200, दिन में 3 बार) |
शायटिका – Sciatica | ● जब ठंडी पट्टी से आराम आये – (Ledum pal 200 या 1M, दिन में 2 बार) |
शायटिका – Sciatica | ● (इन दवाओं के साथ साथ Meg phos 6X दिन में 4 बार लेना चाहिये) |
कशेरुका का खिसकना – Slip disc | ● प्रमुख दवा – (Arnica 200 या 1M, आवश्यकतानुसार) |
कशेरुका का खिसकना – Slip disc | ● मेरुदंड के क्षय विकार आदि में – (Silicea 6x या 30, दिन में 4 बार) |
कशेरुका का खिसकना – Slip disc | ● हड्डियों के बढ़ जाने या क्षय विकार आदि के कारण रोग – (Hekla Lava 6x या 1M, दिन में 4 बार) |
कशेरुका का खिसकना – Slip disc | ● जब रोग जोड़ों तक में घुस जाए – (Aurum Met 30 या 200, दिन में 3 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● ठंडी हवा लगने के कारण अचानक दर्द – (Aconite 30, हर 2 घंटे बाद) |
कमर दर्द – Backache | ● जब दर्द चलने – फिरने से घटे, ठंड व लेटे रहने से बढ़े – (Rhus Tox 200, दिन में 3 बार, Calcarea Flour 6X या 12X, दिन में 4 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● यदि सेकने से आराम हो – (Meg phos 6X या 30, दिन में 4 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● जब दर्द ठंड व चलने फिरने से बढ़े – (Bryonia 30 या 200, दिन में 3 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● कमर के निचले हिस्से में (रीढ़ की हड्डी के निचले भाग) झटका आने का दर्द – (Aesculus Hipp 6 या 30, दिन में 3 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● कमर दर्द जैसे की कुछ चुभ रहा हो, कमजोरी व पसीना, सुबह 3-4 बजे दर्द बढ़े – (Kali Carb 30 या 200, दिन में 3 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● ज्यादा काम करने या चोट लगने के कारण दर्द – (Arnica 30 या 200, दिन में 3 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● मोटे थुलथुले लोगों में नहाते समय कमर दर्द – (Calcarea Carb 200, सप्ताह में एक बार) |
कमर दर्द – Backache | ● चिडचिडे. ठंडी प्रकृति वाले रोगियों में l लेटे-लेटे कमर दर्द जिसकी वजह से रोगी करवट भी बैठ कर ही बदल सके – (Nux Vomica 30 या 200, दिन में 3 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● सोने व आराम करने से अच्छा लगे, कमर के निचले हिस्से में दर्द (खासकर औरतों में ) – (Pulsatilla 30, दिन में 3 बार) |
कमर दर्द – Backache | ● कमर दर्द में डकारे आने से आराम आये – (Sepia 30, दिन में 3 बार) |
स्नायु की सूजन – Neuritis | ● ठंडी हवा लगने की वजह से रोग – (Aconite 30, दिन में 3 बार) |
स्नायु की सूजन – Neuritis | ● स्नायु में टपकन की तरह दर्द, बहुत तेज बुखार, दर्द अचानक आता है व अचानक चला जाता है – (Belladonna 30, दिन में तीन बार) |
स्नायु की सूजन – Neuritis | ● जब स्नायु चोट लगने की वजह से कुचला जाए। उदाहरणस्वरूप उंगलियों के पीस जाने से, नाखूनों पर चोट लगने से। इस रोग की मुख्य दवा है – (Hypericum 6 या 30, दिन में तीन बार) |
स्नायु की सूजन – Neuritis | ● स्नायु में दर्द जो धीरे-धीरे शुरू हो व धीरे-धीरे खत्म हो। दर्द किसी भी अंग में हो यह लक्षण पाए जाने पर यही औषधि देनी चाहिए – ( Stannum metallicum 30, दिन में 3 बार) |
स्नायु की सूजन – Neuritis | ● स्नायु में दर्द जैसे बिजली का करंट दौड़ गया हो। स्नायु दर्द के दौरे पड़ने लगे – (Plumbum Met 30, दिन में 3 बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● आत्म ग्लानि (प्यार में धोखा), भय, शोक के कारण रोग – (Ignatia Amara 200 या 1M) |
मिर्गी – Epilepsy | ● त्वचा रोग दब जाने के कारण। दौरे से पहले छाती व पेट मे तनाव । दौरा पड़ने पर ज़बान कट जाती है। सिर एक तरफ को झुक जाता, पेशाब निकल जाता है। पानी पीने से रोग में आराम – (Causticum 30, दिन में 3 बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● रोग की लहर घुटनों से उंगलियों व अंगूठो से उठे और फिर पेट के निचले हिस्से तक जाए। रोगी अचानक दौरा पड़ने के कारण चीख के साथ गिर पड़ता है और दौरे के बाद सो जाता है -(Cuprum Met 30, दिन में 3 बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● जब दौरे नींद के दौरान आए। रोग की लहर नाभि के आस पास से शुरू हो। पूर्णिमा को या उसके आस पास दौरे आए – (Silicea 1M, 15 – 20 दिन में एक बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● मोटे लोगों में भय के कारण दौरे जो कि पूर्णिमा के आस पास आए। रोग की लहर नाभि के आस पास से ऊपर उठे और ऐंठन बढ़ती जाये। पानी पीने से रोग बढ़े। दौरे रात के समय ज्यादा आये – (Calcarea Carb 1M, 15-20 दिन में एक बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● हस्त मैथुन या ज्यादा वीर्यह्रास के कारण दौरे। रोग की लहर नाभि के आसपास से शुरू हो, रोगी बेहोश हो जाये – ( Bufo Rana 30 या 200, दिन में 2 बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● जब दौरा सुबह के समय हर 2-3 सफ्ताह बाद आए – ( Sepia 200 या 1M, 10-15 दिन में एक बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● बच्चों में जब किसी खास रोग के दब जाने से इस रोग की शुरुआत हो। उत्तेजना से रोग बढ़े – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● जब दौरे अचानक और जल्दी जल्दी आये। किसी भी मामूली कारण (भय, आतंक, हस्तमैथुन आदि) से दौरे पड़ने लगे – (Artemisia Vulgaris Q या 6, दिन में 3 बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● जब शरीर अचानक अकड़ जाए और अंग फड़कने लगे और इसके बाद काफी कमजोरी आ जाये, जबड़े अकड़ जाये – (Cicuta Virosa 6 या 30, दिन में 3 बार) |
मिर्गी – Epilepsy | ● चिड़चिड़े, तुनक मिजाज रोगी जो अक्सर कब्ज से पीड़ित हो – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● तोड़ – फोड़, गाली – गलौच, दूसरों पर थूकना; बोलने व काम करने में अत्यधिक तेजी। चेहरा लाल, प्रकाश असहनीय – (Belladonna 30 या 6, दिन में 3 बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● बेहूदी हरकतें करना, चिल्लाना, हँसना, ईर्ष्यालु और शंकाशील, बकवास करना, गुप्तांगो पर हमेशा हाथ रखना – (Hyoscyamus 30 या 200, दिन में 3 बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● चेहरा लाल, बहुत बकवास करना, ऊंचा बोलना, गाने गाना, गाली देना, मारना, मुँह से सीटी बजाना, कपड़े फाड़ डालना। रोगी अंधेरे से डरता है मगर चमकती हुई चीज या पानी को देख कर दौरा पड़ जाता है। मौत का डर हर समय रहता है। ऐसा लगता है जैसे उसका कोई अंग बहुत बड़ा हो गया है – (Stramonium 30 या 200, दिन में 3 बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● जब समय, दूरी व स्थान का ज्ञान न रहे। भुल्लकड़पन, मजेदार बातों में खोया रहे, हंसना शुरू करे तो हंसता ही रहे, उंगली नचाता रहे, आदि – (Cannabis Indica 6 या 30, दिन में 3 बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● अपने आप को मानसिक व शारीरिक रूप से बहुत बड़ा व बाकी सब को बहुत छोटा समझे – (Platinum 200 या 1M, 10-15 दिन में एक बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● चेहरा पीला व बेहद कमजोरी। बाकी लक्षण Stramonium की तरह हो। छेड़ते ही बकवास शुरू कर दे – (Veratrum Album 30, दिन में 3 बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● जब आत्महत्या का आवेग हो – (Aurum Met 200 या 1M, 2-3 खुराक दें) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● अपने को धनवान, राजा समझे। चिथड़े पहन कर भी सोचे कि बहुत सुंदर वस्त्र पहने हैं – (Sulphur 30 से 10M तक जरूरत अनुसार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● औरतों में मासिकधर्म दब जाने के कारण रोग – (Pulsatilla 200 या 1M की 2-3 खुराक) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● निराशा, शोक, चिंता व डर, आदि के कारण रोग – (Ignatia Amara 200या 1M, दिन में 2-3 बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● कसमें खाना, लगे जैसे कि किसी दूसरी आत्मा के अधीन है – (Anacardium 30 या 200, दिन में 2-3 बार) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● सिर में चोट लगने के कारण रोग, छुए जाने का डर – (Arnica 200 या 1M, 2-3 खुराक) |
उन्माद (पागलपन) – Insanity | ● दुःखी मन, रंज, गम के कारण रोग। रोगी अकेला रहना चाहता है ताकि रो सके। सांत्वना बुरी लगती है – (Natrum Mur 200 या 1M की 2-3 खुराक) |
नींद न आना – Insomnia | ● प्रमुख दवा – ( Passiflora Q, 20 बून्द सोते समय) |
नींद न आना – Insomnia | ● जब किसी खुशखबरी के कारण नींद न आए – (Coffea 200, 2-3 खुराक) |
नींद न आना – Insomnia | ● जब डर, आतंक या किसी बुरी खबर के कारण नींद न आए – (Gelsemium 30, दिन में 3 बार) |
नींद न आना – Insomnia | ● निराशा या दुःख, किसी निकट संबंधी की मौत के कारण नींद न आये – (Ignatia Amara 200 या 1M, की 3 खुराक) |
नींद न आना – Insomnia | ● मस्तिष्क में रक्त संचय के कारण नींद न आना – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
नींद न आना – Insomnia | ● जब लगातार विचारों के कारण मस्तिष्क आराम न पा सके – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
नींद न आना – Insomnia | ● जरा सी आवाज से नींद टूट जाय और फिर न आए – (Sulphur 30, दिन में 2 बार) |
नींद न आना – Insomnia | ● खास कर बूढ़े व्यक्तियो में जब दिन में तो नींद आये मगर रात में नहीं – (Phosphorus 30, दिन में 2 बार) |
नींद न आना – Insomnia | ● चिन्ताओं के कारण नींद न आये – (Ambra grisea 30, दिन में 2-3 बार) |
नींद न आना – Insomnia | ● बायोकैमिक औषधि – (Ferrum Phos 30 X, सोते समय) |
उबासियाँ (जम्हाई) – Yawning | ● नींद न आए पर उबासियां लगातार आती रहे- (Aconite 30, दिन में 3 बार) |
उबासियाँ (जम्हाई) – Yawning | ● खाना खाने के बाद उबासियां आए – (Lycopodium 30, दिन में 3 बार) |
उबासियाँ (जम्हाई) – Yawning | ● सोकर उठने के बाद उबासियां इतनी ज्यादा कि लगे जबड़ा ही हिल जाएगा – (Ignatia Amara 30 या 200) |
उबासियाँ (जम्हाई) – Yawning | ● उबासियों के साथ शरीर में ठिठुरन महसूस हो – (Natrum Mur 30) |
उबासियाँ (जम्हाई) – Yawning | ● उबासियों के साथ डकारें भी आए – (Sulphur 30 या 200) |
उबासियाँ (जम्हाई) – Yawning | ● उबासियों के साथ अंगड़ाइयां आए, लगे कि रोगी सारी रात सो नहीं पाएगा – (Chelidonium 6 या 30) |
हिचकी – Hiccough | ● दुख, निराशा या मानसिक उद्वेग, बेचैनी और रोते-रोते हिचकी आने लगे। तंबाकू खाने या खाने-पीने के बाद हिचकी आए – (Ignatia Amara 30, दिन में 3-4 बार) |
हिचकी – Hiccough | ● सब प्रकार की हिचकियों में रामबाण दवा – (Ginseng Q, 5-5 बूंद, हर आधे घंटे बाद) |
हिचकी – Hiccough | ● हिचकी के कारण सारे शरीर में झटका सा लगना; शाम के समय और खड़े होने पर हिचकी का बढ़ना – (Agaricus 6 या 30, आवश्यकतानुसार) |
हिचकी – Hiccough | ● भोजन या धूम्रपान के बाद बार-बार हिचकी और पेट फूलने का एहसास हो – ( Lycopodium 30, दिन में तीन बार) |
हिचकी – Hiccough | ● कब्ज व अपच के कारण हिचकी; खाना खाने से बढ़े – (Nux Vomica 30, दिन में चार बार) |
हिचकी – Hiccough | ● खाने के बाद हिचकी आए – (Cyclamen 30, दिन में 3 बार) |
हिचकी – Hiccough | ● बायोकेमिक औषधि – (Natrum Mur 6x, दिन में तीन बार) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● मुख्य दवा। – (Crataegus Q, 5-15 बूंद, दिन में 4 बार) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● जब धड़कन के कारण लगे की दिल काम करना ही बंद कर देगा। भय, घबराहट व मृत्यु भय हो – ( Aconite 30) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● चोट लगने के कारण धड़कन का बढ़ना – ( Arnica 30 या 200, 3-4 खुराक) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● ऐसा लगे कि दिल लोहे के शिकंजे में जकड़ा है – (Cactus Q, 5-15 बूंद दिन में 5 बार) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● जब धड़कन रक्त स्राव या अन्य स्राव के कारण बढ़े – ( China Q या 30, दिन में 4 बार) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● जब नशीले पदार्थों (तम्बाकू आदि) के सेवन के कारण रोग हो। मन दुखी व हृदय में दर्द हो – ( Spigelia 30, दिन में 3 बार) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● जब लगे कि कुछ ना कुछ हरकत करते रहना चाहिए, नही तो कहीं दिल काम करना ही बंद ना कर दे – (Gelsemium 30, दिन में 3 बार) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● जब चलते समय लगे कि दिल हिल रहा है। निराशा व आत्महत्या की इच्छा हो – (Aurum Met 200, 2-3 खुराक) |
दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation | ● जब बाएं करवट लेटने से धड़कन बढ़े – (Phosphorus 30 या 200, 2-3 खुराक) |
स्नायु शूल – Neuralgia | ● दाएं चेहरे का स्नायु शूल – (Sanguinaria 30, दिन में 3 बार) |
स्नायु शूल – Neuralgia | ● जब गर्म सेक से आराम हो – (Meg Phos 6x या 30, दिन में चार बार) |
स्नायु शूल – Neuralgia | ● बाएं चेहरे का स्नायु शूल – (Spigelia 30, दिन में 3-4 बार) |
स्नायु शूल – Neuralgia | ● ठंडी हवा से चेहरे का स्नायु शूल – (Aconite 30, हर 2 घंटे बाद) |
स्नायु शूल – Neuralgia | ● हाथों में व छाती में दर्द, चलने फिरने से घटे – (Rhus Tox 30 या 200, दिन में 3 बार) |
स्नायु शूल – Neuralgia | ● चोट लगने के कारण स्नायु शूल – (Arnica 30 या 200, दिन में 3 बार) |
हिस्टीरिया – Hysteria | ● जब औरतों में मासिक बंद होने के कारण रोग हो। – (Pulsatilla 30 या 200, दिन में 3 बार) |
हिस्टीरिया – Hysteria | ● ऐसे रोगी, खासकर औरतें, जो दौरे में भी दूसरों को घृणा की दृष्टि से देखे – (Platinum 200, दिन में 2 बार) |
हिस्टीरिया – Hysteria | ● जब आत्महत्या का विचार प्रबल हो – (Aurum Met 200 या 1M, की 3 खुराक) |
हिस्टीरिया – Hysteria | ● मासिक के समय दौरा। शंका जैसे कोई जहर खिला देगा – (Hyoscyamus 30 या 200, दिन में 3 बार) |
हिस्टीरिया – Hysteria | ● जब कब्ज, पेट फूलना, हिचकी, आदि लक्षण भी हो – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
हिस्टीरिया – Hysteria | ● दौरे के साथ नींद न आना, सिरदर्द, जैसे कोई सिर में कील ठोंक रहा है – (Coffea 30, दिन में 3 बार) |
क्रोध – Anger | ● बच्चों का गुस्सा, गोद मे उठाने से शांत हो जाना। क्रोध के कारण दस्त, खांसी, आदि। – (Chamomilla 200 या 1M, सफ्ताह में एक बार) |
क्रोध – Anger | ● क्रोध या अपमान के दुष्परिणाम, दूसरे लोगों की प्रतिक्रिया से चिंतित होना – (Staphysagria 200 या 1M, सफ्ताह में 1 बार) |
क्रोध – Anger | ● चिड़चिड़ा स्वभाव, बदले की भावना, झुंझलाहट, कोई भी रुकावट पसंद नहीं। – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
क्रोध – Anger | ● ऐसे लोग जो झगड़े को तत्पर रहते हैं – (Lycopodium 30 या 200, दिन में 2 बार) |
क्रोध – Anger | ● बच्चों में पेट मे कीड़ा के कारण चिड़चिड़ापन। – (Cina 200, दिन में 2 बार) |
क्रोध – Anger | ● मोटे थुलथुले लोगों में गुस्सा – (Calcarea Carb 200 या 1M, दिन में 2 बार) |
क्रोध – Anger | ● तेज गुस्सा, गुस्से के समय जो भी पास आये उसे मार देना चाहे – (Iodium 200, दिन में 2 बार) |
क्रोध – Anger | ● गर्भावस्था के दौरान गुस्सा। – (Nux moschata 30, दिन में 2 बार) |
सिर चकराना – Vertigo | ● सिर में ऐसा चक्कर आये लगे जैसे कि नशा किया है, मितली हो। लेटने के बाद उठते-बैठते सिर में चक्कर आए जिसकी वजह से रोगी को फिर से लेटना पड़े – (Cocculus indicus 30 या 200, दिन में 3 बार) |
सिर चकराना – Vertigo | ● सिर झुकाने या चलने से चक्कर आए, एक के बदले दो या सिर्फ आधा दिखाई दे। चलते हुए बाईं ओर को लड़खड़ा जाए – (Aurum Met 30 या 200, दिन में 3 बार) |
सिर चकराना – Vertigo | ● थोड़ा सा भी सिर हिलाने या करवट बदलने पर चक्कर आए, रक्त की कमी के कारण सिर में चक्कर आए, अविवाहितों के लिए खास फायदेमंद – (Conium Mac मैक 30 या 200, दिन में 3 बार) |
सिर चकराना – Vertigo | ● ऐसा लगे कि घर द्वार व सभी चीजें चक्के की तरह घूम रहे हैं; सिर में बेहद जलन – (Cadmium 30 या 200, दिन में 3 बार) |
सिर चकराना – Vertigo | ● सुबह बिस्तर से उठते हीं सिर में चक्कर आए। ऐसा लगे कि मस्तिष्क ढीला हो गया है, जिस ओर सिर घुमाये उसी ओर मस्तिष्क लुढ़कता सा लगे – (Ammonium carb 30 या 200, दिन में 3 बार) |
सिर चकराना – Vertigo | ● सिर चकराए ऐसा लगे कि सिर हल्का व खाली हो गया है – (Mancinella 30 या 200, दिन में 3 बार) |
सिर चकराना – Vertigo | ● ऊंची इमारत को देखने से सिर चकराए, सिरदर्द हो, रोगी को ऐसा लगे कि सिर बड़ा हो गया है और उसमें कुछ रेंग रहा है – (Argentum nitricum 30 या 200, दिन में 2-3 बार) |
मोटापा – Obesity | ● मुख्य औषधि – (Phytolacca बेरी Q, 10-15 बूंद, दिन में 3 बार) |
मोटापा – Obesity | ● जब रोगी मोटा थुलथुला हो (सोते समय सिर में खूब पसीना आए) – (Calcarea Carb 200 या 1M) |
मोटापा – Obesity | ● जब Calcarea Carb से फायदा न हो (गले मे गॉयटर हो) – (fucus ves Q, 20-30 बूंद, हर 4 घंटे पर) |
मोटापा – Obesity | ● जब मोटापा पेट की गड़बड़ी के कारण हो, कब्ज हो, जीभ पर सफेद परत जमी हो – (Antim Crud 30 या 200) |
मोटापा – Obesity | ● जब थायराइड ग्रंथि की गड़बड़ी के कारण मोटापा हो – (Thyroidinum 30, 200) |
मोटापा – Obesity | ● औरतों के लिए। जब कब्ज रहता हो – (Graphites 30) |
मोटापा – Obesity | ● जब मोटापे के साथ खून की कमी (anaemia) हो – (Ferrum met 3X, या 6) |
मोटापा – Obesity | ● जब कमर के निचले हिस्से से जांघों तक ज्यादा चर्बी चढ़ी हो – (Ammonium Mur 3X, 200) |
टेटनस (धनुष्टन्कार) – Tetanus | ● मुख्य दवा – (Ledum pal 200) |
टेटनस (धनुष्टन्कार) – Tetanus | ● यदि कील आदि चुभने के बाद समय पर Ledum pal न दिया गया हो – (Hypericum 200) |
टेटनस (धनुष्टन्कार) – Tetanus | ● (आजकल काफी होमियोपैथ ऐसी चोट जो लोहे के औजार, कील, या सड़क पर रगड़ आदि के कारण हो – Arnica 200, Ledum pal 200, व Hypericum 200, तीनों दवाएं देते हैं। ये दवाएं 1M पोटेन्सी में भी दी जा सकती है।) |
लकवा – Paralysis | ● सारे शरीर में कमजोरी, भारीपन, मांस पेशियों की शिथिलता, सुन्नपन। भिन्न-भिन्न अंगों में समन्वय नहीं रहता, सारे अंग ढीले पड़ जाते हैं। – (Gelsemium 30, दिन में 3 बार) |
लकवा – Paralysis | ● पैरों में स्पर्श का अनुभव नहीं होता। पिन चुभने पर भी दर्द नहीं होता। टांगे इतनी भारी हो जाती है कि उन्हें घसीट कर चलना पड़ता है। बैठे-बैठे टांगे भारी महसूस होती है। मेरुदंड के क्षय के कारण टांगों का पक्षाघात – (Alumina 30, दिन में 3 बार) |
लकवा – Paralysis | ● जरा सा भी स्पर्श सहन नहीं होता। अंगों में डंक लगने और फाड़ने जैसी वेदनाएं। सुन्नपन, कुछ एक मांसपेशियों के पक्षाघात में उपयोगी, जैसे कलाई का झूल पड़ना(wrist drop), पैर का झूल पड़ना(foot drop) आदि। अत्याधिक कब्ज – (Plumbum Met 30, दिन में 3 बार) |
लकवा – Paralysis | ● किसी भी प्रकार के पक्षाघात में उपयोगी। ज्यादातर दाईं तरफ का पक्षाघात। ठंडी हवा लगने से टाइफाइड या डिप्थीरिया के कारण पक्षाघात – (Causticum 200, 2-3 खुराक हफ्ते में एक बार) |
लकवा – Paralysis | ● पक्षाघात जो क्रमशः नीचे से ऊपर के अंगों की तरफ जाता है। आंख बंद करते ही रोगी को पसीना आने लगता है। सिर को इधर या उधर करने में चक्कर आता है – (Conium Mac 30, हर 2 घंटे बाद) |
लकवा – Paralysis | ● चोट लगने से पक्षाघात। काफी रोगी इस दवा से लाभ पाते हैं – (Arnica 1M, 2-3 खुराक) |
लकवा – Paralysis | ● अगर रह्युमेटिज्म(rheumatism) के कारण टांगों में पक्षाघात हो। बहुत बेचैनी हो वह रोगी हरकत करते रहना पसंद करें – (Rhus Tox 30, दिन में 3 बार) |
लकवा – Paralysis | ● टांगों में बेहद अकड़ाहट। बैठते हुए रोगी टांग न फैला सके। पिंडलियां अत्यधिक तनी हुई। रोगी सामने झुक कर बैठता है। कठिनाई से ही तन कर सीधा हो सकता है – (Lathyrus 6 या 30, दिन में 3 बार) |
लकवा – Paralysis | ● आधे चेहरे का पक्षाघात। रोगी बोल नहीं पाता। रोगी को अपने चेहरे पर मकड़ी का जाला सा चिपका अनुभव होता है – (Graphites 30, दिन में 3 बार) |
तिल्ली (प्लीहा) के विकार – Diseases of the Spleen | ● तिल्ली के रोगों की मुख्य दवा – (Ceanothus Q दिन में 3 बार) |
तिल्ली (प्लीहा) के विकार – Diseases of the Spleen | ● मलेरिया बुखार के बाद तिल्ली के रोग – (Natrum Mur 6x या 30, दिन में 3 बार) |
तिल्ली (प्लीहा) के विकार – Diseases of the Spleen | ● जब बेचैनी हो व अधिक प्यास लगे – (Arsenic alb 30, दिन में 3 बार) |
तिल्ली (प्लीहा) के विकार – Diseases of the Spleen | ● मलेरिया ज्वर में क्विनिन का अधिक सेवन होने के बाद प्लीहा का बढ़ जाना – (Arsenicum Iodatum 30 या 200, दिन में 2 बार) |
तिल्ली (प्लीहा) के विकार – Diseases of the Spleen | ● रक्तहीनता, अधिक कमजोरी, यकृत तथा प्लीहा दोनों ही बढ़े हुए हों – (Ferrum arsenicum 30 या 200, दिन में 3 बार) |
तिल्ली (प्लीहा) के विकार – Diseases of the Spleen | ● प्लीहा खूब बढ़ी हुई। ज्वर में रोगी को हमेशा ठण्ड लगे, शीत से रोगी मानो जम सा जाता है – (Aranea Diadema 30 या 200, दिन में 3 बार) |
तिल्ली (प्लीहा) के विकार – Diseases of the Spleen | ● प्लीहा पर इस औषधि की मुख्य क्रिया है – (Andersonia Q या 6, दिन में 3 बार) |
तिल्ली (प्लीहा) के विकार – Diseases of the Spleen | ● ज्वर के साथ प्लीहा का बढ़ना, इतना दर्द कि हाथ भी नहीं लगाया जाता। प्लीहा खूब बड़ी व कड़ी रहती है उस पर हाथ लगाने से उसकी तह कटी-कटी सी मालूम देती है – (Eucalyptus globulus 30 या 200, दिन में 3 बार) |
चोट – Injury | ● सिर में चोट लगने पर – (Arnica 200, 3 खुराक फिर बाद में Natrum Sulph 200 की कुछ खुराक) |
चोट – Injury | ● अचानक चोट लगना, लड़ाई – झगड़ा, मारपीट के बाद – (Arnica 200 या 1M की 3 खुराक, Arnica Q चोट वाले जगह पर लगायें) |
चोट – Injury | ● चोट के कारण जख्म; यदि जख्म बड़ा हो तो डॉक्टर से टांके लगवाएं – Ferrum Phos 1X या 3X का पाऊडर जख्म पर छिड़क कर Calendula Q से पट्टी करें) |
चोट – Injury | ● खून (चोट आदि के कारण) बहना रोकने के लिए- बर्फ या ठंडे पानी की पट्टी बांधनी चाहिये – (Calendula Q ठंडे पानी में मिलाकर पट्टी करें) |
चोट – Injury | ● तेज चाकू, छुरी आदि से कटने के कारण खून बहना रोकने के लिए – (Staphisagria Q की पट्टी करें व 30, खाएं) |
चोट – Injury | ● नसों की चोट व सुई, पिन व कील आदि चुभने से जब खून कम निकले मगर दर्द ज्यादा हो – (Hypericum Q की पट्टी करें व 200 पोटेन्सी दिन में 3 बार खायें) |
चोट – Injury | ● हड्डी टूटने पर x-ray करा कर प्लास्टर अवश्य करायें व साथ में खाएं – (Symphytum 3X या 6, दिन में 3 बार, साथ में Calcarea Phos 6X दिन में 3 बार) |
चोट – Injury | ● जब चोट या भय के कारण रोगी बेहोश हो जाये एवं शरीर ठंडा हो जाये – (Caphor Q, 5-5 बूंद 10 मिनट पर) |
चोट – Injury | ● मोच आना – (Arnica 200 की 2-3 खुराक, बाद में Ruta 30, दिन में 3 बार) |
आग से जलना – Burns | ● मुख्य दवा; जब बेहद जलन हो – (Cantharis 6 या 30 हर 2 घन्टे पर) |
आग से जलना – Burns | ● जब ज्यादा जलने के कारण जख्म हो जाये – (Calendula Q, पानी में मिला कर साफ़ करें) |
आग से जलना – Burns | ● जब ज्यादा जलने के कारण भय, बेचैनी व घबराहट आदि हो – (Aconite 30, दिन में 4 बार) |
आग से जलना – Burns | ● यदि तेज प्यास, कमजोरी व मृत्यु भय हो – (Arsenic alb 30, दिन में 3 बार) |
आग से जलना – Burns | ● यदि जख्मों में मवाद पड़ने लगे व बेहद दर्द हो – (Hepper Sulph़ 30, दिन में 3 बार) |
आग से जलना – Burns | ● यदि जख्म सड़ने लगे – (Silicea 30, दिन में 3 बार) |
आग से जलना – Burns | ● गर्म पानी या तेल से जलने पर जब तक छाले न बनें हों – (Urtica urens Q, और पानी 1:10 के अनुपात में मिला कर लगायें) |
आग से जलना – Burns | ● जलने के बाद जब बार – बार जख्म हो – (Causticum 30, दिन में 3 बार) |
बेहोशी – Unconsciousness | ● जब बेहोशी गुस्से के बाद या मानसिक कष्ट के कारण हो – (Chamomilla 200, 3 खुराक) |
बेहोशी – Unconsciousness | ● जब मानसिक दुःख, प्यार में धोखा या बुरी खबर के कारण रोग हो – (Ignatia Amara 200 या 1M की 3 खुराक) |
बेहोशी – Unconsciousness | ● जब अचानक भय के कारण रोग हो – (Aconite 30, 2-3 खुराक) |
बेहोशी – Unconsciousness | ● अधिक खून बह जाने, उल्टी, या दस्त हो जाने के कारण – (China 30, दिन में 3-4 बार) |
बेहोशी – Unconsciousness | ● पुरानी दुर्घटना आदि की याद आने से या डर जाने के कारण बेहोशी – (Opium 200 या 1M, 3 खुराक) |
बेहोशी – Unconsciousness | ● लगातार जागने के कारण – (Nux Vomica 30 या 200, 3-4 खुराक) |
बेहोशी – Unconsciousness | ● तेज दर्द या अचानक कोई ख़ुशी होने के कारण – (Coffea 30 या 200, 2-3 खुराक) |
बेहोशी – Unconsciousness | ● ठण्ड या बर्फ गिरने के कारण – (Caphor Q की कुछ बूंदें पानी में मिला कर) |
यात्रा के दौरान उल्टी – Travel Sickness | ● कार, बस या जहाज में यात्रा करने से उल्टी – (cocculus indicus 30, हर 1 घन्टे बाद) |
यात्रा के दौरान उल्टी – Travel Sickness | ● सिगरेट का धुआं बुरा लगे, चक्कर आये व जी मिचलाए – (Staphisagria 30, हर आधे घंटे बाद) |
यात्रा के दौरान उल्टी – Travel Sickness | ● आँख बंद करने, पानी पीने, व पानी की ओर देखने से उल्टी – (Theridion 30, 3-4 खुराक) |
यात्रा के दौरान उल्टी – Travel Sickness | ● खट्टी उल्टी; कम सोने के कारण कष्ट बढ़े – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
लू लगना – Sun Stroke | ● मुख्य दवा – (Glonoine 6 या 30, हर आधे घंटे पर) |
लू लगना – Sun Stroke | ● माथा तेज गर्म, आंखे लाल व तेज बुखार – (Belladonna 6 या 30, हर आधे घंटे पर) |
लू लगना – Sun Stroke | ● बुखार तेज, चुपचाप पड़े रहने की इच्छा, प्यास न लगे – (Gelsemium 6 या 30, हर आधे घंटे पर) |
लू लगना – Sun Stroke | ● दिन में 11-12 बजे रोग(सिरदर्द, बुखार) ज्यादा रहे – (Natrum Mur 6 या 30, हर आधे घंटे पर) |
लू लगना – Sun Stroke | ● लू लगने के कारण तेज बुखार, छाती व माथे में रक्त संचय l रोगी ठंडा होने लगे – (Veratrum viride 3X या 6, हर 15 मिनट पर) |
लू लगना – Sun Stroke | ● गर्मियों में कच्चे आम का पन्ना व प्याज खाना लाभदायक है l सिर व शरीर को धूप में ढंक कर रखें l खालीपेट कभी बाहर न निकलें l |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● शराब ज्यादा पीने के कारण बेहोशी – (Opium 30, हर 15-20 मिनट पर) |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● जब कोई बच्चा गलती से शराब पी ले। मिर्च मसाले ज्यादा खाने के दुष्परिणाम – (Nux Vomica 30, हर आधे घंटे बाद) |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● जब शराब पीने के कारण चेहरा लाल व तमतमाया हुआ हो – (Belladonna 30, 2-3 खुराक दें) |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● कॉफी ज्यादा पीने के कारण अनिद्रा; सिर दर्द, कब्ज आदि – (Nux Vomica 30, 3-4 खुराक दें) |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● धूम्रपान व आयरन (टॉनिक आदि) के दुष्परिणाम – (Pulsatilla 30, दिन में 3 बार) |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● खट्टी चीज या खट्टे फल खाने के बाद रोग बढ़े – (Lachesis 30, दिन में 3 बार) |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● अफीम के दुष्परिणाम के लिए – (Plumbum Met 200, रात में सोते समय दें) |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● मरकरी या मरकरी युक्त दवाओं के दुष्परिणाम – (Hepper Sulph 6 या 30, दिन में 3 बार) |
मादक द्रव्यों और खराब भोजन के दुष्परिणाम – Bad effects of food and drinks, etc | ● बासी या सड़ा भोजन करने के बाद रोग – (Arsenic alb 30, हर 2 घंटे बाद) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● मुख्य दवा, खासकर नम्र स्वभाव के बच्चों के लिए – (Pulsatilla 30) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● पहली नींद के दौरान – (Cousticum 30 या 200) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● अगर Cousticum काम न करे – (Gelsemium 30) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● जब चुपचाप बैठे बैठे या पहली नींद के बाद बिस्तर में पेशाब हो – (Rhus Tox 30 या 200) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● जब पेशाब परिमाण में बहुत ज्यादा हो – (Plantago 30) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● बच्चे को रात में जगाना मुश्किल हो – (Kreosotum 30) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● जब बच्चा पेशाब सिर्फ आदत की वजह से करे; और कोई लक्षण न हो – (aceticum acidum 6 या 30) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● पेट में कीड़े की वजह से बिस्तर में पेशाब करना – (Silicea 30 और Cina ) |
बिस्तर में पेशाब करना – Bed Wetting | ● जब पेशाब बिस्तर पर लेटते हीं या कुछ समय बाद हो – (Sepia 30 या 200) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● जब टांगें पहले पतली पड़ जाये और शरीर का उपरी हिस्सा बाद में – (Abrotanum 30, दिन में 3 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● जब सूखे रोग के कारण बच्चा बूढ़ा जैसा दिखने लगे – (Ambra Grisea 30, दिन में 3 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● अच्छा खाते पीते हुए भी कमजोरी महसूस हो, शरीर का उपरी हिस्सा (गर्दन) पहले पतला पड़े व निचला हिस्सा बाद में – (Natrum Mur 6 या 30, दिन में 3 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● जब कमजोरी महसूस न हो लेकिन पूरा शरीर सूखता चला जाए – (Iodium 30 या 200, दिन में 2 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● शरीर के सब अंग सूखने लगे, पेट फूल जाए – (Sulphur और Calcarea Carb 30 या 200, दिन में 2 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● जब सुखा रोग में पेट अन्दर की ओर धंस जाये – (Calcarea Phos 6 या 6X, दिन में 4 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● बोतल से दूध पीने वाले बच्चों में सुखा रोग, पेट फूला हुआ – (Natrum Phos 6X या 30, दिन में 3 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● असाध्य सुखा रोग में जब पेट फूला हो व नाभि के आसपास बहुत दर्द हो, कब्ज हो – (Plumbum met 30 या 200, दिन में 2-3 खुराक) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● जब शारीरिक व मानसिक दोनों विकास नगण्य हो – (Baryta Carb – 200 या 1M) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● दुबले-पतले बच्चों में शक्ति की कमी, शरीर पर मांस न के बराबर, पेट कद्दू की तरह बड़ा, मांसपेशियां अपुष्ट, दूध न पचे – (Silicea 30, दिन में 3 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● माथा बड़ा और शरीर दुबला पतला, पोषण की कमी की वजह से दुबलापन और अस्थि विकार पेट अंदर धंसा हुआ, गर्दन बहुत पतली जो की सिर को न संभाल पाए, बालक मुर्ख सा दिखता हो – (Calcarea Phos 6 या 6X, दिन में 3 बार) |
सुखा रोग व शक्ति की कमी – Rickets and Marasmus | ● सिर बड़ा, खूब भूख, खाता भी है और कमजोरी भी रहता हो, झुर्रियां पड़ जाती है, चमड़ी लटकने लगती है – (Sulphur 30, दिन में 2 बार) |
बच्चों में हड्डियों का मुलायम होना – Rickets | ● मोटे थुलथुले बच्चों में, रात में खूब पसीना आता है। पाखाने में खट्टी गंध। शरीर में जगह जगह फूली ग्रंथियां – (Calcarea Carb 200, दिन में 2 बार) |
बच्चों में हड्डियों का मुलायम होना – Rickets | ● दूसरी मुख्य दवा। दुबले पतले बच्चों में, शरीर पर मांस न के बराबर, पेट कद्दू की तरह बड़ा। मांस पेशियां पुष्ट नहीं होती। दूध पचता नहीं – (Silicea 30, दिन में 3 बार) |
बच्चों में हड्डियों का मुलायम होना – Rickets | ● माथा बड़ा और शरीर दुबला पतला। पोषण की कमी की वजह से दुबलापन और अस्थि विकार। पेट अंदर को धंसा हुआ। गर्दन बहुत पतली जो कि सिर को न संभाल पाए। बालक मूर्ख सा दिखता है – (Calcarea Phos 6x, दिन में 4 बार) |
बच्चों में हड्डियों का मुलायम होना – Rickets | ● सिर बड़ा, खूब भूख, खाता भी है और कमजोर भी होता जाता है। बुढा लगता है, झुर्रियां पड़ जाती है। चमड़ी लटकने लगती है – (Sulphur 30, दिन में दो बार) |
पोलियो – Polio | ● पेट तथा आंतों में शक्तिहीनता के कारण बच्चा दूध पीते ही उसे ऐसे ही उलट देता है। हाथ पैरों में सुन्नपन। सिर को संभाले रहने कि व खड़े होने की शक्ति नहीं रहती। मुट्ठी भींच जाती है – (Aethuja 30, दिन में 3 बार) |
पोलियो – Polio | ● जब पोलियो के साथ सख्त कब्ज भी हो – (Plumbum Met 30, दिन में 3 बार) |
पोलियो – Polio | ● इन्फ्लूएंजा आदि बीमारियों के बाद जब अंगों में कमजोरी, टांगों में कड़ापन महसूस होता है। बहुत थकान, बच्चा सुस्त पड़ा रहता है। – (Lathyrus 6, दिन में 3 बार) |
पोलियो – Polio | ● टांगे सुन्न व झनझनाहट, चीटियां सी चलती है, रोगी बदन पर कपड़ा नहीं ओढ़ना चाहता – (Secale cornutum 30, दिन में 3 बार) |
बच्चों में ऐंठन – Convulsions | ● जब ऐंठन का कारण समझ ना आए – (Ignatia Amara 30) |
बच्चों में ऐंठन – Convulsions | ● अगर तेज बुखार के कारण बेहोशी सी के साथ ऐंठन हो – (Belladonna 30) |
बच्चों में ऐंठन – Convulsions | ● अगर गुस्से के साथ शरीर में ऐंठन आए। एक गाल लाल व गर्म और दूसरा पीलापन लिए ठंडा – (Chamomilla 30) |
बच्चों में ऐंठन – Convulsions | ● रोग जब कीड़ों के कारण हो – (Cina 30 व साथ मे सप्ताह में Sulphur 200 की 1 खुराक दें) |
बच्चों में ऐंठन – Convulsions | ● अगर मन में बैठे किसी डर के कारण रोग हो – (Opium 200) |
बच्चों में ऐंठन – Convulsions | ● जब मितली व उल्टी हो, छाती पर बोझ सा लगे – (Ipecac 30) |
बच्चों में ऐंठन – Convulsions | ● जब उपरोक्त दवाओं से फायदा ना हो – (Tuberculinum 200) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● प्राथमिक विलम्ब में, कन्या संवेदनशील व बात बात पर रो देती हो, गर्मी सहन न होती हो – (Pulsatilla30 या 200, दिन में 2-3 बार) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● स्वभाव चिडचिडा, उदासी, एकान्त में रहने की इच्छा, मासिक बहुत ही कम या बिलकुल बंद हो जाए l सफ़ेद पानी, कब्ज, योनि में भारीपन – (Sepia 30 या 200) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● मासिक न होने पर सिर दर्द, ठंड लगना व कब्ज – (Natrum Mur 30, दिन में 3 बार) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● खून की कमी की वजह से मासिक न हो – (Ferrum Met 30, दिन में 3 बार) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● डर या अचानक सर्दी लग जाने से मासिक न होना, बुखार, प्यास, व बेचैनी – (Aconite 30, दिन में 3 बार) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● मासिक धर्म न होकर नाक या मुंह से खून निकलने लगे – (Bryonia 30, दिन में 3 बार) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● कमजोरी के कारण मासिक धर्म न होना – (China 30, दिन में 3 बार) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● दिल घबराना, पेट दर्द, मसूड़ों व गालों में सूजन, सफेद पानी – (Kali Carb 30, दिन में 3 बार) |
मासिक धर्म में विलंब – Amenorrhoea | ● अगर सही लक्षण के अनुसार दवा देने से भी लाभ न हो तो उस दवा के साथ Sulphur 200 या 1M की एक खुराक दें l |
अनियमित मासिक स्राव – Irregular Menstruation | ● बहुत देर से और बहुत थोड़ी मात्रा में मासिक स्राव, संवेदनशील व गर्म प्रकृति की स्त्रियों में विशेष लाभदायक – (Pulsatilla 30 या 200) |
अनियमित मासिक स्राव – Irregular Menstruation | ● देर से और थोड़ी मात्रा में मासिक स्राव – (Conium Mac 30 या 200) |
अनियमित मासिक स्राव – Irregular Menstruation | ● हर 15 दिन में मासिक स्राव – (Ignatia Amara 30 या 200, दिन में 2-3 बार) |
अनियमित मासिक स्राव – Irregular Menstruation | ● अनियमित मासिक की मुख्य दवा – (Senecio Aureus Q, 10-15 बूंद दिन में 3 बार पानी के साथ) |
अनियमित मासिक स्राव – Irregular Menstruation | ● नियमित समय से पहले मासिक स्राव, स्राव होने के पहले तेज दर्द – (Ammonium Carb 30, दिन में 3 बार) |
अनियमित मासिक स्राव – Irregular Menstruation | ● स्राव चमकीले लाल रंग का, मात्रा में अधिक व समय से पहले, बहुत कमजोरी हो – (Ipecac 30, दिन में 3 बार) |
ऋतू शूल – Dysmenorrhoea | ● मासिक धर्म के पहले कमर में तेज दर्द, ठण्ड लगना, जी मिचलाना – (Caulophyllum 30, दिन में 3 बार) |
ऋतू शूल – Dysmenorrhoea | ● चिडचिडी, क्रोधित व उत्तेजित स्वभाव की स्त्रियों में, मासिक के एक-दो दिन पहले से ही पेट में तेज दर्द, काले रंग के रक्त का मासिक स्राव – (Abroma augusta Q) |
ऋतू शूल – Dysmenorrhoea | ● बहुत तेज दर्द के साथ अधिक मात्रा में मासिक स्राव, प्रशव वेदना की तरह दर्द – (Chamomilla 30 या 200) |
ऋतू शूल – Dysmenorrhoea | ● नियमित समय से बहुत पहले मासिक स्राव, बहुत कम मात्रा में, कमर दर्द जैसे की कमर टूट गयी हो, पेट दर्द – ( Cocculus indicus 30) |
ऋतू शूल – Dysmenorrhoea | ● मासिक स्राव बहुत मात्रा में हर दसवें या पंद्रहवे दिन हो; काला, थक्केदार, दुर्गन्धयुक्त स्राव – (Ignatia Amara 30 या 200) |
ऋतू शूल – Dysmenorrhoea | ● स्राव कम होने पर दर्द बढ़ जाता है; और स्राव ज्यादा होने पर दर्द कम हो जाता है, स्राव बहुत देर से व कम मात्रा में होता है – (Lachesis 30) |
मासिक रुक जाना – Amenorrhoea | ● डर या अचानक सर्दी लग जाने से मासिक न होना, बुखार प्यास व बेचैनी – (Aconite 30, दिन में 3 बार) |
मासिक रुक जाना – Amenorrhoea | ● पैर में सर्दी लग कर या ज्यादा ठंडी हवा लग जाने से मासिक बंद हो जाना, मासिक के बदले सफ़ेद पानी आना – (Pulsatilla30 या 200) |
मासिक रुक जाना – Amenorrhoea | ● मासिक बहुत थोडा हो या बंद हो जाये, सफ़ेद पानी, कब्ज, व योनि में भारीपन महसूस होना – (Sepia 30 या 200) |
मासिक रुक जाना – Amenorrhoea | ● मासिक न होने पर सिरदर्द, ठण्ड लगना व कब्ज – (Natrum Mur – 200 या 1M) |
मासिक रुक जाना – Amenorrhoea | ● खून की कमी से मासिक न होता हो – (Ferrum Met 3X या 30) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● ज्यादा रक्त स्राव से बहुत कमजोरी, रक्त स्राव बहुत समय तक लगातार होता रहे – (China 30, दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● बहुत अधिक काला व थक्केदार स्राव। हर दसवें या पंद्रहवे दिन रज:स्राव – (Ignatia Amara 200, दिन में 2 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● गर्भाशय की कमजोरी के कारण बहुत अधिक मात्रा में रक्त स्राव – (Janosia ashoka Q, 15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● गर्भाशय से चमकीले लाल रंग का काफी रक्तस्राव। जी मिचलाना एवं प्रसव वेदना की तरह दर्द – (Ficus Religiosa Q,15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● रोगी स्वस्थ भी नहीं हो पाता कि अगले महीने का रक्तस्राव शुरू हो जाता है – (Thlaspi Bursa Pastoris Q, 15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● चिड़चिड़ी व उग्र स्वभाव की स्त्रियों में असहनीय दर्द के साथ काला थक्केदार रक्त स्राव – (Chamomilla 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● प्रसव के बाद बहुत रक्तस्राव। गर्भाशय में ऐंठन की तरह दर्द – (caulophyllum 30, दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● दुर्गंधयुक्त काला थक्केदार स्राव। सोने या लेटने पर स्राव बढ़े, उठकर बैठने पर स्राव बंद हो – (Kreosotum 30, दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● अविवाहिता स्त्रियों में गर्भाशय से बहुत मात्रा में रक्त स्राव। रात को सोने के बाद बढ़े – (Meg Mur 30, दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● गर्भाशय से चमकीला लाल रंग का गर्म रक्तस्राव, गर्भाशय में बहुत दर्द हो – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● बहुत अधिक कामेच्छा। पहले मासिक का स्राव खत्म होने से पहले ही दूसरे मासिक का स्राव शुरू हो जाए – (Sabina 30, दिन में 3 बार) |
दो मासिक धर्म के बीच रक्त स्राव – Metrorrhagia | ● गर्भाशय में प्रसव वेदना जैसा दर्द व दुर्गंधयुक्त काला रक्त स्राव। शरीर ठंडा हो मगर फिर भी शरीर पर कपड़ा पसंद ना हो – (Secale cornutum 30, दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● हर प्रकार के अति रज: में लाभकारी है। कभी-कभी गर्भाशय में ट्यूमर होने की वजह से भी ज्यादा रक्त स्राव होता है। – (Hydrastis Q, 15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● मासिक स्राव समय से पहले व बहुत मात्रा में हो, खासकर मोटी थुलथुली स्त्रियों में – (Calcarea Carb 30 या 200, दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● ज्यादा मात्रा में काले रंग का स्राव व बेहद कमजोरी – (China 30, दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● दर्द के साथ बहुत अधिक मात्रा में बहुत दिन तक रहने वाला स्राव – (Thlaspi Bursa Pastoris Q,15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● पेट के निचले हिस्से में बहुत भारीपन के साथ अधिक मात्रा में काले रंग का रक्त स्राव। प्रसव वेदना की तरह दर्द – (Aletris Farinosa Q,15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● बहुत अधिक मात्रा में व बहुत दिनों तक रहने वाला रक्तस्राव – (Janosia ashoka Q,15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● चोट लगने के कारण चमकीले लाल रंग का रक्त स्राव – (Arnica 30 या 200, दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● मासिक धर्म समय से बहुत पहले व बहुत अधिक हो, जी मिचलाना और पेट में बेहद दर्द – (Borax 30, दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● चमकीले लाल रंग का गर्म रक्त स्राव। सिर में दर्द, चक्कर, आंखें लाल। गर्भाशय में दबाव – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● गर्भाशय से बहुत अधिक रक्तस्राव हो – (Trillium Q, 15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● मानसिक शोक व दु:ख के कारण ज्यादा रक्त स्राव होने पर – (Ignatia Amara 30, दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● बहुत चमकीले लाल रंग का पतला रक्त स्राव। जरा से झटके से बहुत मात्रा में खून निकलना। जी मिचलाना व पेट दर्द – (Ipecac 30, दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● बिना दर्द के बहुत ज्यादा मात्रा में रक्त स्राव – (Millefolium Q, 15-20 बूंद आधे कप पानी के साथ दिन में 3 बार) |
मासिक का ज्यादा होना – Menorrhagia | ● प्रौढ़ उम्र की स्त्रियों में मासिक धर्म बंद होने के पहले बहुत मात्रा में रक्त स्राव – (Lachesis 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
रजोनिवृत्ति – Menopause | ● मुख्य औषधि। गर्मी की लपटें महसूस होना, चिड़चिड़ापन, पसीना आना, नींद से उठने के बाद तकलीफ बढ़ना – (Lachesis 200, दिन में दो बार) |
रजोनिवृत्ति – Menopause | ● चेहरा एकदम गर्म हो जाना व हल्का पसीना आना। सिर में गर्मी, पैर ठंडे व पेट में कमजोरी – (Sulphur 30 या 200, दिन में दो-तीन बार) |
रजोनिवृत्ति – Menopause | ● लंबी, पतली, उदासीन औरतों के लिए जब अचानक गर्मी की लपटें महसूस हो। सफेद पानी व कमर के निचले हिस्से में दर्द हो, ठंड लगे – (Sepia 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
रजोनिवृत्ति – Menopause | ● जब रोग-लक्षण बदलते रहे। लक्षण बताते समय रोगिनी रो पड़े – (Pulsatilla 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
रजोनिवृत्ति – Menopause | ● चिड़चिड़े व झगड़ालू स्वभाव की स्त्रियों में काफी मात्रा में रज:स्राव। कब्ज भी हो – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● गर्भाशय संबंधी रोगों की मुख्य दवा, पेट के निचले हिस्से में लगातार बोझ बाने रहना जैसे की भीतर के सभी अंग बाहर निकल पड़ेगें, पतला दुधिया त त्वचा को छीलने वाला कम मात्रा में स्राव, सख्त कब्ज – (Sepia 30 या 200) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● त्वचा छीलने वाला ज्यादा देर तक रहने वाला स्राव, जलन पैदा करने वाला, बहुत कमजोरी और कमर दर्द के साथ – (Kreosotum 30) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● साधारण प्रदर में जब श्लेष्मा का रूप मलाई जैसा होता है; रोगिणी बात बात पर रोती है – (Pulsatilla 30 या 200) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● जलन पैदा करने वाला स्राव, खुजली और छीलन के साथ, रात में बढ़ता है – (Mercurius 30) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● दही या अंडे की सफेदी जैसा स्राव, गर्म पानी बहने जैसा अहसास – (Borax 30) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● पतला, दुधिया स्राव, बच्चियों में श्वेत प्रदर – (Calcarea Carb 30) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● स्राव इतना अधिक की टांगों तक बह जाता हो, पतला पानी जैसा स्राव, कब्ज रहता हो – (Alumina 30 या 200) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● मासिक धर्म की जगह श्वेत प्रदर होना, गुप्तांगों में खुजली व दानें, कब्ज – (Graphites 30) |
श्वेत प्रदर – Leucorrhoea | ● जब उपरोक्त दवायों से फायदा न हो – (Medorrhinum 200 की एक खुराक 4-5 दिन के अंतर से) |
बांझपन – Sterility | ● बांझपन की मुख्य दवा l मासिक धर्म की अनियमितता, श्वेत प्रदर, व कब्ज – (Sepia 30) |
बांझपन – Sterility | ● यदि डिम्ब ग्रंथियां व स्तन ग्रंथियां सिकुड़ व सुख गई हो – (Baryta Carb 30) |
बांझपन – Sterility | ● गर्भाशय संबंधी विकारों के कारण बांझपन – (Aurum muriaticum natronatum 3X) |
बांझपन – Sterility | ● श्वेत प्रदर की अधिकता के कारण – (Borax 6 या 30) |
बांझपन – Sterility | ● स्त्री में कामेच्छा बिलकुल खत्म हो गयी हो (महीने में एक बार CM पावर की खुराक दें – (Onosmodium 30 या CM) |
बांझपन – Sterility | ● मानसिक उदासीनता के कारण – (Aurum Met 200 या 1M) |
बांझपन – Sterility | ● श्वेत प्रदर के कारण बांझपन l जननांगों में बेहद बदबूदार पसीना, व टांगों और हाथों पर बाल – (Thuja 30 या 200) |
स्तन में फोड़ा या सूजन – Abscess, Mastitis | ● सूजन की प्रथम अवस्था में जब स्तन लाल व कड़े हों – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
स्तन में फोड़ा या सूजन – Abscess, Mastitis | ● मवाद हो जाने पर, जरा सा स्पर्श भी सहन न हो – (Hepper Sulph 30, दिन मे 3 बार) |
स्तन में फोड़ा या सूजन – Abscess, Mastitis | ● बच्चे का सिर लगने, चोट लगने या दूध इकट्ठा हो जाने से स्तनों में सख्त गांठे हो जाने पर – (Phytolacca 30, दिन मे 3 बार) |
स्तन में फोड़ा या सूजन – Abscess, Mastitis | ● दूध इकट्ठा हो जाने पर स्तन बहुत कड़ा हो जाए – (Bryonia 200) |
स्तन में फोड़ा या सूजन – Abscess, Mastitis | ● स्तन की रंगत फोड़े की वजह से नीली या जामुनी हो जाने पर – (Lachesis 30) |
स्तनाग्रो की दुखन – sore nipples | ● निप्पल के सूजन व फटने पर – (Sepia 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
स्तनाग्रो की दुखन – sore nipples | ● निप्पल पर जख्म हो जाएं व उनसे गोंद जैसा चिपचिपा स्राव निकलने पर – (Graphites 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
स्तनाग्रो की दुखन – sore nipples | ● स्तनों के जख्मों को Calendula लोशन (आधा प्याला पानी में एक चम्मच Calendula Q) से धोएं। बच्चे को दूध पिलाते समय स्तनों को साफ पानी से अवश्य धो लें। |
स्तनाग्रो में दर्द – Painful Nipples | ● शिशु के स्तनपान करने के बाद निप्पल दर्द करने लगे – (Phellandrium 6, दिन में 3 बार) |
स्तनाग्रो में दर्द – Painful Nipples | ● स्तनपान कराते समय दर्द स्तन से चलकर पीठ की तरफ जाने लगे – (Croton Tiglium 6 या 30, दिन में 3 बार) |
स्तन सुख जाना – Atrophy | ● स्तन को उनके प्राकृतिक रूप व आकार में लाने की मुख्य दवा – (Onosmodium CM, महीने में एक बार) |
स्तन सुख जाना – Atrophy | ● स्तन के सुख जाने या बहुत ज्यादा बढ़ जाने में उपयोगी – (Chimaphila Q या 30) |
स्तन सुख जाना – Atrophy | ● स्तन जो बहुत अच्छे गोलाई लिए हुए थे अचानक सुख जाने पर – (Nux moschata 3X या 30) |
स्तन सुख जाना – Atrophy | ● स्तन सुख जाने व त्वचा लटक जाने पर – (Conium Mac 200 या 30) |
स्तन सुख जाना – Atrophy | ● स्तन सुख जाने एवं शरीर की अन्य ग्रंथियों के बढ़ जाने या सूज जाने पर – (Iodium 30) |
स्तन सुख जाना – Atrophy | ● गर्भाशय के विकारों व मासिक बहुत देर से होने पर स्तनों का सुख जाना – (Sabal Serrulata Q) |
स्तनों का बढ़ जाना – Hypertrophy | ● स्तन बहुत बढ़ जाए व भारी लगे – (Phytolacca 200) |
स्तनों का बढ़ जाना – Hypertrophy | ● स्तनों में बहुत ज्यादा दूध हो जाने पर दूध कम कर प्राकृतिक रूप में लाने के लिए – (Fragaria Vesca 30) |
स्तनों का बढ़ जाना – Hypertrophy | ● स्तन बहुत बढ़ जाने पर अत्यंत उपयोगी – (Conium Mac 200) |
स्तनों का बढ़ जाना – Hypertrophy | ● स्तन के बढ़ जाने अथवा सुख जाने, दोनों में उपयोगी – (Chimaphila Q या 30) |
स्तनों में दूध कम | ● स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए – (Calcarea Carb 30 या 200 या Lactuca Virosa Q) |
स्तनों में दूध कम | ● स्तनों में दूध कम करने के लिए – (Lac Vaccinum Defloratum 6 या 30) |
स्तनों में दूध कम | ● स्तनों का दूध बिलकुल बंद करने के लिए – (Chionanthus virginicus Q) |
स्तनों में दूध कम | ● स्तनों में दूध बिलकुल न हो तो दूध बढ़ाने के लिए – ( Sabal Serrulata Q) |
स्तनों में दूध कम | ● शिशु को दूध पिलाने वाली माताओं में दूध बढ़ाने के लिए – (Ricinus Communis 6 या 30) |
स्तनों में दूध कम | ● स्तनों से जब दूध के साथ रक्त भी आये – (Bufo Rana 30) |
स्तनों में दूध कम | ● प्रसव के बाद स्तनों में दूध न आने पर – (Secale cornutum 30 या 200) |
स्तनों में दूध कम | ● इस दवा को देने से दूध की मात्रा भी बढ़ती है और दूध सुपाच्य हो जाता है – (Alfalfa Q) |
खांसी – Cough | ● लगातार खांसी हो जिससे गर्भपात होने की आशंका हो – (Kali bich 30, दिन में 3 बार) |
खांसी – Cough | ● खुश्क थका देने वाली खांसी जो रात में ज्यादा हो – (Kali Brom 30, दिन में 3 बार) |
खांसी – Cough | ● खुश्क खांसी, खांसते समय पेशाब तक निकल आए – (Causticum 30, दिन में 3 बार) |
खांसी – Cough | ● खासते खासते मुंह लाल हो जाए – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
इच्छाएं – Desires | ● ठंडी, नमकीन व तीखी चीजों की इच्छा – (Veratrum Album 30, दिन में 3 बार) |
इच्छाएं – Desires | ● मीठा व अचार खाने की इच्छा – (Sulphur 30, दिन में 3 बार) |
इच्छाएं – Desires | ● नमक व नमकीन चीजें खाने की इच्छा – (Natrum Mur 30 एवं Nitric Acid 30, दिन में 3 बार) |
इच्छाएं – Desires | ● चूना, मिट्टी, चौक आदि खाने की इच्छा – (Calcarea Carb 30, दिन में 3 बार) |
इच्छाएं – Desires | ● कोयला, चौक, चुना आदि खाने की इच्छा – (Alumina 30, दिन में 3 बार) |
सूजन – dropsy | ● जब पैरों व मुंह पर सूजन हो; प्यास न हो – (Apis mel 30) |
सूजन – dropsy | ● जब सूजन जिगर की वजह से हो – (Apocynum Q) |
सूजन – dropsy | ● जब सूजन के साथ धड़कन ज्यादा हो – (Digitalis 30) |
सूजन – dropsy | ● जब प्यास थोड़ा-थोड़ा पानी पीने के लिए जल्दी-जल्दी लगे, बेचैनी हो – (Arsenic alb 30) |
उल्टियां – Morning sickness | ● जब उल्टियां शुरू हो। पेट मे वायु हो, कब्ज हो, मुंह से खट्टा या कड़वा पानी आए। जीभ पर सफेद लेप हो – (Nux Vomica Q व Antim Crud 6, अदल बदल कर दें) |
उल्टियां – Morning sickness | ● जब उल्टियां रुकने का नाम न लें – (Symphoricarpus Racemosus 200) |
उल्टियां – Morning sickness | ● पेट मे वायु हो, ज़बान साफ हो – (Ipecac 30) |
उल्टियां – Morning sickness | ● यात्रा के दौरान उल्टियां ज्यादा हो। खाने की गंध से मिचली बढ़े – (Colchicum 30) |
उल्टियां – Morning sickness | ● खाते समय नींद आए। चलते समय मिचली हो – (Kali Carb 30) |
उल्टियां – Morning sickness | ● पानी को देखने से उल्टियां बढ़े, नहाते समय रोगिणी आंखें बंद करके नहाए – (Phosphorus 30) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● प्रसव का दर्द तेज व नियमित करने के लिए – (Pulsatilla 1M) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● जब Pulsatilla से फायदा न हो – (Gossypium Q) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● जब दर्द काफी समय तक रहने के बाद कम हो जाए – (caulophyllum 30 या 200) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● दुर्बल या रक्तहीन औरतों में जब प्रसव पीड़ा बंद हो जाए या कम हो जाए – (secale cornutum 200) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● जब चिड़चिड़ी औरत प्रसव वेदना सहन न कर चिल्लाए – (Chamomilla 200 या 1M) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● जब दर्द के साथ पेशाब और पाखाने की हाज़त हो – (Nux Vomica 200) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● जब तेज प्रसव दर्द अचानक आए, जाए, चेहरा व आंखे लाल, जरा सा झटका लगते ही तकलीफ बढ़े – (Belladonna 200) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● जब दर्द के साथ तेज मितली रहे – (Ipecac 30 या 200) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● जब दर्द बंद होकर रोगिणी पसीने से तर होकर बर्फ की तरह ठंडी हो जाए मगर फिर भी कपड़ा ओढ़ना पसंद न करे – (Caphor 30 या 200) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● बायोकैमिक औषधि – (Kali Phos 6X) |
प्रसव वेदना – Labour pains | ● प्रसव सरल करने के लिए गर्भ के अंतिम माह में 15 दिन तक caulophyllum 30, रोज एक खुराक दें। |
गर्भाशय का अपनी जगह से हटना – Prolapse of uterus | ● मुख्य औषधि। रोगिणी योनिद्वार को हाथ से दबाकर रखना चाहती है। उसे लगता है कि अगर ऐसा नहीं करेगी तो गर्भाशय योनिद्वार से बाहर निकल पड़ेगा – (Sepia 1M या 10M, 15 दिन में एक खुराक) |
गर्भाशय का अपनी जगह से हटना – Prolapse of uterus | ● श्वेत प्रदर बहुत मात्रा में हो व गर्भाशय अपने स्थान से हट जाए, लेटने पर रोग बढ़ना – (Pulsatilla 30 या 200, दिन दो या तीन बार) |
गर्भाशय का अपनी जगह से हटना – Prolapse of uterus | ● यदि चोट लगने या गिरने की वजह से गर्भाशय अपने स्थान से हट जाए – (Arnica 1M, सप्ताह में एक बार) |
गर्भाशय का अपनी जगह से हटना – Prolapse of uterus | ● ऐसा लगे कि योनीपथ से पेट की सभी नस नाड़ियां बाहर निकल पड़ेगी। सिर में रक्त का बहुत दबाव व टपकन की तरह दर्द होना – (Belladonna 30, दिन में तीन बार) |
गर्भाशय का अपनी जगह से हटना – Prolapse of uterus | ● ऐसा अनुभव हो कि गर्भाशय योनि से बाहर निकल पड़ेगा। बार-बार पेशाब जाने की इच्छा। Sepia से आराम ना आने पर दें – (Lilium tigrinum 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
गर्भाशय का अपनी जगह से हटना – Prolapse of uterus | ● जब पुरानी सूजन के कारण गर्भाशय बाहर निकलने लगे – (Aurum Muriaticum Natronatum 3X, दिन में 3 बार) |
तंतु ट्यूमर तथा कैंसर आदि – fibroid and cancer | ● गर्भाशय की दीवार में फाइब्रॉएड होने पर – (Pulsatilla 1M, सप्ताह में एक बार) |
तंतु ट्यूमर तथा कैंसर आदि – fibroid and cancer | ● Pulsatilla से आराम ना होने पर दें। सारा गर्भाशय फाइब्रॉएड से भरा रहता है तो – (Kali Iod 3X या 30, दिन में 3 बार) |
तंतु ट्यूमर तथा कैंसर आदि – fibroid and cancer | ● डिंबकोष व गर्भाशय में ट्यूमर अथवा कैंसर में लाभदायक। स्तन में ट्यूमर होने पर। ट्यूमर जो बहुत कड़े हों वह उनमें दर्द हो – (Hydrastis Q, 15-20 बूंद आधा कप पानी के साथ, दिन में दो या तीन बार) |
तंतु ट्यूमर तथा कैंसर आदि – fibroid and cancer | ● कैंसर में दूसरी उपयोगी दवा – (Arsenic Iod 3X या 6, दिन में 3 बार) |
तंतु ट्यूमर तथा कैंसर आदि – fibroid and cancer | ● हर प्रकार के ट्यूमर में उपयोगी – (Calcarea Iod 3X या 30, दिन में 3 बार) |
तंतु ट्यूमर तथा कैंसर आदि – fibroid and cancer | ● बहुत सख्त ट्यूमर और कैंसर में उपयोगी – (Conium Mac 30, दिन में 3 बार) |
तंतु ट्यूमर तथा कैंसर आदि – fibroid and cancer | ● हफ्ते में एक बार देने पर ट्यूमर और कैंसर में लाभ होता है – (Carcinosinum 1M) |
तंतु ट्यूमर तथा कैंसर आदि – fibroid and cancer | ● गर्भाशय के किसी भी प्रकार के विकार, ट्यूमर व कैंसर के लिए – (Thuja 200 या 1M, सप्ताह में एक बार) |
गर्भावस्था के दौरान तकलीफें – Ailments during pregnancy | ● मुख्य औषधि। सारे शरीर में सूजन। प्यास बिल्कुल नहीं लगती – (Apis mel 6 या 30, दिन में 3 बार) |
गर्भावस्था के दौरान तकलीफें – Ailments during pregnancy | ● पेशाब बूंद बूंद करके व तीव्र जलन के साथ आए व पेशाब करने के बाद भी जलन बनी रहे – (Cantharis 30, दिन में 3 बार) |
गर्भावस्था के दौरान तकलीफें – Ailments during pregnancy | ● पेशाब में रुकावट हो, पेशाब बूंद बूंद करके आए – (Terebinthina Q, दिन में 3 बार आधा कप पानी के साथ 15-20 बूंद) |
गर्भावस्था के दौरान तकलीफें – Ailments during pregnancy | ● गर्भावस्था के आखिरी चरण में – (Phosphorus 30, दिन में 3 बार) |
गर्भावस्था के दौरान तकलीफें – Ailments during pregnancy | ● रोग की तीव्र अवस्था में नमक कम से कम दें। हल्का सुपाच्य भोजन या सिर्फ दूध ही दें। |
गर्भावस्था के दौरान तकलीफें – Ailments during pregnancy | ● गर्भावस्था के दौरान रोटी की इच्छा बिल्कुल ना हो, खाने तक का विचार आने से जी घबराए – (Sepia 30 या 200, दिन में दो-तीन बार) |
गर्भावस्था के दौरान तकलीफें – Ailments during pregnancy | ● गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह के खाने की इच्छा ना हो – (Laurocerasus 30, दिन में 3 बार) |
गर्भपात – Abortion or miscarriage | ● गर्भावस्था के किसी भी महीने में गर्भपात – (viburnum prunifolium Q) |
गर्भपात – Abortion or miscarriage | ● गर्भावस्था में शुरू के महीनों में गर्भपात – (Viburnum opulus Q) |
गर्भपात – Abortion or miscarriage | ● गर्भावस्था के पहले महीनों में गर्भपात – (Crocus sativus Q) |
गर्भपात – Abortion or miscarriage | ● गर्भावस्था के दुसरे महीनों में गर्भपात – (Kali Carb 200 या 1M) |
गर्भपात – Abortion or miscarriage | ● गर्भावस्था के तीसरे महीनों में गर्भपात – (Sabina 30) |
गर्भपात – Abortion or miscarriage | ● गर्भावस्था के चौथे महीनों में गर्भपात – (Apis Mel 30 या 200) |
गर्भपात – Abortion or miscarriage | ● गर्भावस्था के पांचवे – सातवे महीनों में गर्भपात – (Sepia 30 या 200) |
गर्भपात – Abortion or miscarriage | ● गर्भावस्था के सातवे महीने के बाद गर्भपात – (Opium 200 या 1M) |
कामोन्माद – Nymphomania | ● स्त्री में अत्यधिक कामोत्तेजना। खासकर अविवाहित स्त्रियों में; उत्तेजना इतनी ज्यादा कि हर किसी से संबंध बनाना चाहे – (Platinum 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
कामोन्माद – Nymphomania | ● अगर Platinum से आराम ना आए। रोगिणी अंग उघाड़े। कामवासना रोकना उसके वश से बाहर हो जाए – (Phosphorus 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
कामोन्माद – Nymphomania | ● जननांगों में जरा सा भी स्पर्श होने से अत्याधिक कामोत्तेजना हो – (Murex purpurea 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
कामोन्माद – Nymphomania | ● जब योनि में कृमि (worms) पहुंच जाने के कारण योनि को खुजलाने से कामोत्तेजना हो – (Caladium seguinum 30, दिन में 3 बार) |
कामोन्माद – Nymphomania | ● स्वत: ही जननांगों में बेहद खुजली व बेचैनी, कामोत्तेजना, आलिंगन की इच्छा – (Agaricus 30, दिन में 3 बार) |
कामोन्माद – Nymphomania | ● जब कामोत्तेजना के साथ श्वेत प्रदर की तकलीफ भी हो – (Sepia 30 एवं Pulsatilla 30, दिन में 3 बार, एक के बाद दूसरी दवा दें) |
कामोन्माद – Nymphomania | ● रोगिणी बहुत अश्लील हरकतें करती है। अपने जननांगों को उघाड़ती है, बेशर्म हो जाती है – (Hyoscyamus 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
कामोन्माद – Nymphomania | ● मासिक धर्म के दौरान बेहद कामोत्तेजना – (Stramonium 30 या 200, दिन में दो या तीन बार) |
लिंग की आगे की त्वचा पीछे न खिंचे – Phimosis | ● मुख्य दवा – Merc Iod 3X) |
लिंग की आगे की त्वचा पीछे न खिंचे – Phimosis | ● जब दर्द के साथ स्खलन हो – (Hepper Sulph़ 6 या 30) |
लिंग की आगे की त्वचा पीछे न खिंचे – Phimosis | ● जब रोग उपदंश (syphilis) के कारण हो – (Merc Sol 6 या 30) |
लिंग की आगे की त्वचा पीछे न खिंचे – Phimosis | ● जब रोग अचानक सूजन के कारण हो – (Aconite 30) |
लिंग की आगे की त्वचा पीछे न खिंचे – Phimosis | ● बच्चों में दुर्गन्धित मवाद के साथ – (Sulphur 6 या 30) |
वीर्यपात(स्वप्नदोष)- Spermatorrohea | ● स्वप्नदोष, वीर्यपात के कारण दुर्बलता व भुल्लकड़पन, लिंग कमजोर, सहवास के समय जल्दी वीर्यपात – (Acid Phos – Q) |
वीर्यपात(स्वप्नदोष)- Spermatorrohea | ● अधिक वीर्यपात, हस्तमैथुन आदि की वजह से कमजोरी, लिंग कमजोर, तनाव न हो, ठंडा व ढीलापन, कामवासना अधिक मगर शक्ति कम – (Agnus castus Q या 6) |
वीर्यपात(स्वप्नदोष)- Spermatorrohea | ● जब स्वप्नदोष या अधिक वीर्यपात के कारण बहुत कमजोरी हो, चक्कर आये – (China 6,30 या Staphisagria 30) |
वीर्यपात(स्वप्नदोष)- Spermatorrohea | ● शीघ्र वीर्य पतन की मुख्य दवा – (Selenium 6 या 30) |
वीर्यपात(स्वप्नदोष)- Spermatorrohea | ● दिल की धड़कन के साथ वीर्य स्खलन – (Digitalis 6 या 30) |
वीर्यपात(स्वप्नदोष)- Spermatorrohea | ● जवान लड़कों में वीर्य स्खलन – (Kali Brom 6 या 30) |
वीर्यपात(स्वप्नदोष)- Spermatorrohea | ● जब वीर्य खून मिला हो – (Causticum 30) |
वीर्यपात(स्वप्नदोष)- Spermatorrohea | ● लिंग में तनाव होने के पहले ही वीर्य स्खलन – (Sulphur 30 या 200) |
पुरुषों में लिंग के रोग – Troubles of penis | ● लिंग में सहवास के दौरान जलन व अगले दिन सूजन – (Kreosotum 30) |
पुरुषों में लिंग के रोग – Troubles of penis | ● सुबह के वक्त लिंग में जलन व तनाव – (Meg Mur 6 या 30) |
पुरुषों में लिंग के रोग – Troubles of penis | ● पेशाब की शिकायत के साथ जलन – (Pareira brava Q) |
पुरुषों में लिंग के रोग – Troubles of penis | ● ऐसा महसूस हो जैसे लिंग है ही नहीं – (Coca 6 या 30) |
पुरुषों में लिंग के रोग – Troubles of penis | ● लिंग ठंडा रहे – (Lycopodium 30 या 200) |
पुरुषों में लिंग के रोग – Troubles of penis | ● लिंग में खारिश – (Causticum 30) |
पुरुषों में लिंग के रोग – Troubles of penis | ● रात के समय दर्द के साथ तनाव – (Capsicum annum 30) |
पुरुषों में लिंग के रोग – Troubles of penis | ● बच्चा अपना लिंग पकड़कर खींचता रहे – (Merc Sol 30) |
हस्तमैथुन – Masturbation | ● एकान्त में बैठ कर हस्तमैथुन की प्रबल इच्छा; दिमागी कमजोरी – (Bufo Rana 30 या 200) |
हस्तमैथुन – Masturbation | ● हस्तमैथुन की प्रबल इच्छा, उत्तेजक स्वप्न, वीर्य स्खलन – (Ustilago Q) |
हस्तमैथुन – Masturbation | ● जवानी आने के पहले ही हस्तमैथुन की आदत – (Platina 30 या 200) |
हस्तमैथुन – Masturbation | ● हस्तमैथुन की आदत, लिंग कमजोर व ढीला – (Caladium seguinum 30) |
हस्तमैथुन – Masturbation | ● अत्यधिक कामेच्छा के कारण हस्तमैथुन की तीव्र इच्छा – (Origanum Majorana 30) |
हस्तमैथुन – Masturbation | ● बच्चों में हस्तमैथुन की आदत – (Staphisagria 30) |
हस्तमैथुन – Masturbation | ● अविवाहितों में हस्तमैथुन व इसके कारण रोग – (Conium Mac 30 या 200) |
हस्तमैथुन – Masturbation | ● हस्तमैथुन के कारण लिंग में तनाव न रहे – (Agnus castus 30) |
नपुंसकता – Impotency | ● मुख्य दवा – (Damiana Q) |
नपुंसकता – Impotency | ● कामेच्छा न हो, लिंग में तनाव न हो, पाखाना व पेशाब के साथ वीर्य पतन – (Nuphar luteum Q) |
नपुंसकता – Impotency | ● हस्तमैथुन की आदत के कारण – (Caladium seguinum 30) |
नपुंसकता – Impotency | ● ज्यादा उम्र होने के कारण – (Lycopodium 200) |
नपुंसकता – Impotency | ● उपदंश (syphilis) के कारण – (Kali iod 30 या 200) |
नपुंसकता – Impotency | ● कामवासना में ज्यादा लिप्त रहने के कारण – (Staphisagria 30 या 200) |
नपुंसकता – Impotency | ● मोटे थुलथुले लोगों में – (Calcarea Carb 200) |
शुक्राणु का कम या न होना – Azoospermism | ● मुख्य दवा – (Damiana Q) |
शुक्राणु का कम या न होना – Azoospermism | ● जब रोग नामर्दी के लक्षणों के साथ हो – (Conium Mac 30 या 200) |
शुक्राणु का कम या न होना – Azoospermism | ● प्रबल कामेच्छा(अंडकोषो की सूजन भी हो सकती है) – (Strychninum 3X या 30) |
शुक्राणु का कम या न होना – Azoospermism | ● जब कामेच्छा बिलकुल न हो – (Chininum sulph 6 या 30) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के बाद कमजोरी – (Selenium 6 या 30) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के बाद बहुत पसीना – (Natrum Carb 6 या 30) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● हमेशा कामवासना भरे विचारों में लिप्त – (Staphisagria 30) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के समय शीघ्र पतन – (Titanium 3X) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के बाद उल्टी – (Moschus 6 या 30) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के बाद पेशाब की नली में दर्द – (Cantharis 30) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के बाद दांत दर्द – (Daphne indica Q या 6) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के समय शर्म या हीन भावना के कारण लिंग में उत्तेजना न होना – (Strychninum फ़ॉस 3X) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● पूरा तनाव होने के पहले ही वीर्य पतन – (Sulphur 30 या 200) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास की क्रिया करते हीं सांस की तकलीफ हो – (Ambra Grisea 6 या 30) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास की क्रिया के बाद कमर दर्द व आँख की कमजोरी – (Kali Carb 30 या 200) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के बाद पेशाब की परेशानी – (Sabal Serrulata Q या 6) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास की क्रिया के बाद लिंग में जलन – (Kreosotum 6 या 30) |
सहवास विकार – Ailments of coition | ● सहवास के दौरान दौरा – (Bufo Rana 30) |
उपदंश – Syphilis | ● रोग के शुरू में जब जख्म की शुरुआत हो – (Merc Sol 6 या 30) |
उपदंश – Syphilis | ● जख्म गहरे, जुवान, लैरिंक्स या फेफड़ों में सूजन, नाक छीलने वाला स्राव, आदि – (Kali Iod 6 या 30) |
उपदंश – Syphilis | ● जब रोग पुराना हो – (Syphilinum 200, 30) |
उपदंश – Syphilis | ● जब रोग के कारण जांघों में गांठ, दर्द, व सूजन हो – (Phytolacca 30 या 200) |
उपदंश – Syphilis | ● जब रोग के कारण दर्द बहुत हो – (Nitric acid 30 या 200) |
उपदंश – Syphilis | ● जब जख्म सड़ने लगे व जलन हो – (Arsenic 30 या 200) |
उपदंश – Syphilis | ● जब जख्म पकने पर पीव भर जाये – (Silicea 12X या 30) |
सुजाक – Gonorrhoea | ● रोग के शुरू में जब पेशाब करते समय भयंकर दर्द l मवाद के कारण मूत्रद्वार बंद, पेशाब बूंद-बूंद कर आये – (Cannabis sativa 30 या 200) |
सुजाक – Gonorrhoea | ● जब पेशाब जलन के साथ खून मिला हुआ, बूंद-बूंद कर आये – (Cantharis 6 या 30 और Thuja 200 या 1M) |
सुजाक – Gonorrhoea | ● जब sujak के कारण जननांग पर मस्से हो l – (Medorrhinum 200 या 1M) |
सुजाक – Gonorrhoea | ● पुराना रोग, गठिया, आदि; ठण्ड से परेशानी – (Merc Sol 30 या 200) |
सुजाक – Gonorrhoea | ● रोग दबाने के कारण मूत्र नली में अत्यधिक दर्द – (Nitric Acid 30 या 200) |
सुजाक – Gonorrhoea | ● बायोकेमिक दवा – (Kali Sulph़ – 6X) |
अंडकोष में पानी – Hydrocele | ● बाएं अंडकोष का रोग, धीरे-धीरे रोग वृद्धि – (Pulsatilla 30 या 200) |
अंडकोष में पानी – Hydrocele | ● दायें अंडकोष का रोग, आंधी-तूफान में रोग बढ़े – (Rhododendron 30) |
अंडकोष में पानी – Hydrocele | ● जब अंडकोष बढ़ता ही चला जाये, डंक मारने सा दर्द – (Apis Mel 30 या 200) |
अंडकोष में पानी – Hydrocele | ● लड़कपन के दौरान – (Silicea 200 या 1M) |
अंडकोष में पानी – Hydrocele | ● छोटे बच्चों में – (Graphites 30 या 200) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● रोग की शुरुआत में – (Pulsatilla 30 या 200) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● जब रोग अचानक बुखार के साथ हो – (Aconite 30) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● सूजन लाल व गर्म हो – (Belladonna 30) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● सूजन केवल ऊपरी थैली में हो और डंक मारने के समान दर्द हो – (Apis mel 30 या 200) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● सूजन के साथ बहुत जलन व बेचैनी हो – (Arsenic alb 30 या 200) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● चोट लगने के कारण रोग; कुचले जाने जैसा दर्द – (Arnica 200 या 1M) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● सूजन के साथ अकड़न – (Hamamelis 30) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● सूजन पत्थर की तरह सख्त, जलने व कटने जैसा दर्द – (Conium Mac 200 या 1M) |
अंडकोष की सूजन – Orchitis | ● बायोकैमिक दवा – (Meg Phos 6X) |
बुढ़ापे की खास दवाएं – some important medicines | ● बुढ़ापे में बच्चों की सी हरकत करना। बुद्धि ह्रास – (Baryta Carb 200 या 1M) |
बुढ़ापे की खास दवाएं – some important medicines | ● जब 50 वर्ष की उम्र में ही 80 वर्ष की उम्र लगे, याददाश्त कम, शरीर के अंगों का स्वतः हिलना – (Ambra Grisea Q या 30) |
प्रोस्टेट ग्रंथि – Prostatitis and prostatocystitis | ● मुख्य दवा – (Pulsatilla 30 या 200) |
प्रोस्टेट ग्रंथि – Prostatitis and prostatocystitis | ● जब रोग की शुरुआत हो। अण्डकोषों में भी दर्द; छूने से बढ़े, पेशाब में रुकावट हो – (Sabal serrulata Q) |
प्रोस्टेट ग्रंथि – Prostatitis and prostatocystitis | ● जब रोग चोट लगने के कारण हो – (Arnica 30 या 200) |
प्रोस्टेट ग्रंथि – Prostatitis and prostatocystitis | ● जब कष्ट रात के समय बढ़े – (Merc Sol 30) |
प्रोस्टेट ग्रंथि – Prostatitis and prostatocystitis | ● जब पेशाब रुक-रुक कर बूंद-बूंद आए – (Pareira brava Q) |
प्रोस्टेट ग्रंथि – Prostatitis and prostatocystitis | ● जब रोग पुराना हो और उपरोक्त दवाएं काम न करें – (Sulphur 200, 1M) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● जब पेशाब बूंद बूंद कर दर्द के साथ आए, जलन हो, कभी खून आए, और मूत्र नली में लोहे के गर्म सलाख डालने जैसा दर्द हो – (Cantharis 30, दिन में तीन बार) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● सूजन के कारण पेशाब की एक बूंद तक भी अत्यंत पीड़ा के साथ निकले। पेशाब काला, लाल या भूरा और सड़ांध वाला हो, बेहद बेचैनी हो – (Tarentula hispanica 30, दिन में तीन बार) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● जब रोगी पेशाब जाते समय दर्द के मारे चीख उठे, दर्द जांघ से नीचे की ओर फैले – (Pareira brava Q या 6, आवश्यकतानुसार) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● जब दर्द के साथ खून मिला गर्म पेशाब आए, जोर लगाने के बाद कुछ बुंद ही निकले – (Apis mel 30, दिन में तीन बार) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● जब पेशाब में खून व एल्बुमिन आदि आए तथा जलन व कटने जैसा दर्द हो – (Terebinthina Q, 10-15 बूंद आवश्यकतानुसार) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● नवविवाहित स्त्रियों को जब कष्ट संभोग के बाद हो – ( Staphysagria 30, दिन में तीन बार) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● जब दर्द के मारे रोगी कापने लगे – (Pulsatilla 30, दिन में तीन बार) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● जब बीमारी सुजाक(Syphilis) के कारण हो – (Cannabis Indica 30, दिन में तीन बार) |
मूत्राशय प्रदाह – Cystitis | ● रोग की पुरानी अवस्था में जब पेशाब रात के समय बार-बार हो और पेशाब के साथ गाढ़ा, डोरी की तरह का श्लेष्मा निकले, दर्द न हो – (Chimaphila 30, दिन में तीन बार) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● बच्चों में जब पेट में कीड़ों की वजह से हो – (Cina 30, दिन में तीन बार) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● जब पेशाब में घोड़े के पेशाब जैसी बदबू हो – (Nitric Acid 30, दिन में तीन बार) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● जब नींद में ऐसा महसूस हो कि रोगी पेशाब घर में ही पेशाब कर रहा है – (Kreosotum 30, दिन में तीन बार) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● जब पेशाब सिर्फ दिन में ही ज्यादा हो – (Silicea 30, दिन में तीन बार) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● मूत्र तंत्र की शिथिलता के कारण रोग – (Causticum 30, दिन में तीन बार) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● रोग पुराना हो जाने पर – (Sulphur 200, एक खुराक) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● बूढ़ों को यह रोग होने पर – (Conium Mac 30, दिन में तीन बार) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● नम्र स्वभाव के रोगियों को; जब हर समय ध्यान पेशाब में ही लगा रहता है – (Pulsatilla 30, दिन में तीन बार) |
अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination | ● स्त्रियों में लगातार पेशाब हो; लगे की योनिपथ से गर्भाशय ही बाहर निकल जाएगा – (Podophyllum 30, दिन में तीन बार) |
गुर्दे में या मूत्र पथरी – Renal Calculus | ● गुर्दे में असहनीय दर्द, खासकर जब दर्द बाईं तरफ हो और मूत्र द्वार तक फैले; बार बार पेशाब की इच्छा (दर्द दाईं ओर भी हो सकता है) – (Berberis Vulgaris Q, 5-10 बूंद, हर 15 मिनट के अंतर से या आवश्यकता अनुसार) |
गुर्दे में या मूत्र पथरी – Renal Calculus | ● पुराने रोग में; पेशाब गाढ़े लाल रंग का, पेट में वायु की अधिकता, दाएं तरफ दर्द, कभी कभी पेशाब में रुकावट – (Lycopodium 30, सुबह शाम दें) |
गुर्दे में या मूत्र पथरी – Renal Calculus | ● मूत्र पथरी के दर्द में इतनी तकलीफ हो कि रोगी दर्द के कारण लेटने लगे, बूंद बूंद पेशाब आए – (Pareira brava 30, दिन में तीन बार) |
गुर्दे में या मूत्र पथरी – Renal Calculus | ● पेशाब में बहुत तेज जलन व दर्द; पेशाब गाढ़ा व खून मिला। धुंधला, कालापन लिए हो – (Terebinthina Q, 5-5 बूंद, दिन में 3 बार) |
गुर्दे में या मूत्र पथरी – Renal Calculus | ● पेशाब में सफेद चूर्ण, खासकर बाएं तरफ दर्द – (Hydrangea Q, 5-10 बूंद, दिन में तीन बार) |
गुर्दे में या मूत्र पथरी – Renal Calculus | ● पेशाब के अंत में असहनीय दर्द; खड़े होकर पेशाब करने से पेशाब आसानी से हो जाए। गर्म खाने पीने से तकलीफ बढ़े पर गर्म सेक से आराम हो – (Sarsaparilla Q या 6, दिन में तीन बार) |
गुर्दे में या मूत्र पथरी – Renal Calculus | ● गुर्दे व मूत्राशय में सूजन; तेज कटने-फटने जैसा दर्द, पेशाब मुश्किल से हो, पेशाब की जगह बूंद बूंद करके खून आए – (Cantharis 30, दिन में तीन बार) |
गुर्दे में या मूत्र पथरी – Renal Calculus | ● बायोकेमिक औषधि – (Meg Phos 6x, हर 2 घंटे बाद) |
पेशाब में रुकावट – Strangury | ● जब ठंड या किसी अन्य कारणों से अचानक पेशाब रुक जाए – (Caphor Q, सुंघाएं) |
पेशाब में रुकावट – Strangury | ● ठंडी, सूखी हवा लगने के कारण पेशाब रुक जाए – (Aconite 30, आधे घंटे के अंतर से) |
पेशाब में रुकावट – Strangury | ● पेशाब में घोड़े के पेशाब जैसी बदबू होने पर – (Nitric Acid 30, दिन में तीन बार) |
पेशाब में रुकावट – Strangury | ● पेशाब में अत्यधिक बदबू होने पर – (Acid Benz 30, दिन में 3-4 बार) |
पेशाब में रुकावट – Strangury | ● चोट लगने के कारण रोग – (Arnica 30 या 200, 2-3 खुराक दें) |
पेशाब में रुकावट – Strangury | ● पेशाब की नली में जलन, पेशाब बूंद-बूंद कर आए – (Cantharis 30, दिन में तीन बार) |
पेशाब में रुकावट – Strangury | ● पुराने सुजाक के कारण पेशाब की रुकावट – (Cannabis Sativa 30 या 200 की 2-3 खुराक) |
पेशाब में रुकावट – Strangury | ● पेशाब थोड़ा थोड़ा, बहुत बदबूदार; साथ में खून हो। पेट में अफारा – (Terebinthina Q या 6, दिन में तीन बार) |
बहुमूत्र या मधुमेह – Diabetes | ● प्रमुख दवा – (Syzygium Q, दिन में चार बार) |
बहुमूत्र या मधुमेह – Diabetes | ● पेशाब में जलन व एल्बुमिन – (Terebinthina Q, 8-10 बूंद, दिन में 4 बार) |
बहुमूत्र या मधुमेह – Diabetes | ● हाथ पैरों में जलन, पित्त की अधिकता – (Cephalandra Indica Q, दिन में 4 बार) |
बहुमूत्र या मधुमेह – Diabetes | ● बहुमुत्र के साथ जोड़ों में दर्द – (Lacticum acidum 3x या 6, दिन में तीन बार) |
बहुमूत्र या मधुमेह – Diabetes | ● बायोकेमिक औषधि – (Natrum Sulph 12x व Natrum Phos 12x, दिन में चार बार) |
प्यास – Thirst | ● बुखार में गर्मी की हालत में प्यास न हो – (China 30) |
प्यास – Thirst | ● अत्यधिक प्यास लगे – (Lycopus Virginicus 6) |
प्यास – Thirst | ● जब प्यास के कारण नींद तक न आए – (Allium Sativa 30 ) |
प्यास – Thirst | ● जब मरीज पानी बहुत पीता है और खाना कम खाता है – (Sulphur 30 या 200) |
प्यास – Thirst | ● Sulphur से आराम न आने पर जब प्यास बहुत हो व भूख बिल्कुल खत्म हो जाए – (Digitalis 30) |
प्यास – Thirst | ● मुंह खुश्क। थोड़ी-थोड़ी देर में थोड़े-थोड़े पानी की प्यास। अमिट प्यास – (Arsenic alb 30) |
प्यास – Thirst | ● खाने की इच्छा समाप्त हो जाने पर। ठंडे पानी की प्यास – (Calcarea Ars 30) |
प्यास – Thirst | ● गले मे तीव्र जलन, प्यास बहुत अधिक – (Cantharis 30) |
प्यास – Thirst | ● मुंह खुश्क रहने पर भी प्यास न हो – (Pulsatilla 30) |
प्यास – Thirst | ● बुखार में ठंड लगने की अवस्था में भी बेहद प्यास – (Natrum Mur 30) |
प्यास – Thirst | ● प्यास बहुत अधिक। रोगी हर बार खूब पानी पिए – (Bryonia 30) |
प्यास – Thirst | ● बुखार में तेज प्यास लगे – ( Aconite 30 ) |
प्यास – Thirst | ● मुंह लार से तर होते हुए भी प्यास लगे – (Merc Sol 30) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Urtica urens Q – मुख्य दवा l जब पेशाब में यूरिक एसिड व युरेट्स काफी मात्रा में आये – (10 बूंद दिन में 3 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Colchicum 30- छोटे जोडों में दर्द व सुजन, दर्द कटने या चुभने जैसा; रात में या चलने फिरने से बढ़े – (दिन में 3 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Pulsatilla 30- जब दर्द एक जोड़ से दुसरे जोड़ में चलता-फिरता रहे – (दिन में 4 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Ledum pal 30- रोग खासकर पैर के अंगूठे में सूजन के साथ l ठण्ड या बर्फ की पट्टी से रोग घटे l दर्द नीचे से ऊपर की ओर जाये – (दिन में 4 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Aconite 30- जब रोग अचानक ठंड के कारण शुरू हो – (दिन में 4 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Sulphur 30- जब गठिया रोग चर्म रोगों के साथ शुरू हो – (दिन में 3 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Rhus Tox 30 या 200- जब रोग ठण्ड से बढ़े l सेकने व चलने फिरने से आराम आये – (दिन में 3 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Calcarea Carb 30 या 200- मौसम बदलने के साथ रोग की पुनरावृत्ति – (दिन में 3 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Staphisagria 30 या 200- हाथ पैर के छोटे छोटे जोड़ों में दर्द व सूजन – (दिन में 3 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● शराबियों में जोड़ों का दर्द – (Nux Vomica 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Stellaria media Q,- जब दर्द स्थान बदलता रहे l हिलने डुलने से रोग बढ़े – (दिन में 3 बार) |
जोडों का दर्द, गठिया व वात रोग – Gout, Rheumatism and Arthritis | ● Lycopodium 30,- अंगुलियों के जोडों का दर्द – (दिन में 3 बार) |
रोग के दबाने या रोग के बाद के विकार – Ailments after suppression of diseases | ● दस्त रोकने के कारण रोग – (Abrotanum 30 या 200) |
रोग के दबाने या रोग के बाद के विकार – Ailments after suppression of diseases | ● खसरे, टाइफाइड आदि के दब जाने से दमा – (Ipecac 30) |
रोग के दबाने या रोग के बाद के विकार – Ailments after suppression of diseases | ● बच्चों में त्वचा के दाने दब जाने से बहरापन, दमा आदि – ( Pulsatilla 30) |
रोग के दबाने या रोग के बाद के विकार – Ailments after suppression of diseases | ● पित्ती दब जाने के कारण रोग – (Apis mel 30) |
रोग के दबाने या रोग के बाद के विकार – Ailments after suppression of diseases | ● जब दाने ठीक से उभरने से पहले ही दबा दिया जाए – (Zincum Met 30) |
रोग के दबाने या रोग के बाद के विकार – Ailments after suppression of diseases | ● त्वचा के दाने दब जाने के कारण दस्त – (Bryonia 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● कड़वी चीजें खाने की इच्छा – (Digitalis 30, Natrum Mur 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● पत्ता गोभी खाने की इच्छा – (Cicuta V 30, Conium Mac 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● कोयला खाने की इच्छा – (Alumina 30, Cicuta V 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● मिट्टी, चूना, चॉक रेत, कोयला, आदि खाने की इच्छा – (Alumina 30, Nitric Acid 30, Nux Vomica 30, tarentula hispanica 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● अंडा खाने की इच्छा – (Calcarea Carb 30, Pulsatilla 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● चिकनाई वाला खाना खाने की इच्छा – (Calcarea Phos 30, Mezereum 30, Nux Vomica 30, Nitric Acid 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● मछली खाने की इच्छा – (Natrum Mur 6x, Natrum Phos 6x, Phosphorus 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● फल खाने की इच्छा – (Alumina 30, Carbo veg 30, Acid Phos 30, Acid Sulph 30, Veratrum Album 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● शहद खाने की इच्छा – (Sabadilla 30, Veratrum Album 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● आइसक्रीम खाने की इच्छा – (Calcarea Carb 30, Phosphorus 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● दूध पीने की इच्छा – (Aurum Met 30, Chelidonium 30, Merc Sol 30, Rhus Tox 30, Sabadilla 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● ठंडा दूध पीने की इच्छा – (Apis mel 30, Acid Phos 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● अचार खाने की इच्छा – (Antim Crud 30, Hepper Sulph 30, Lachesis 30, Sulphur 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● रेत खाने की इच्छा – (tarentula hispanica 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● ओएस्टर (Oyester) खाने की इच्छा – (Bryonia 30, Calcarea Carb 30, Lachesis 30, Lycopodium 30, Natrum Mur 30, Rhus Tox 30) |
प्रबल इच्छाएं – Desires | ● सुअर का गोश्त (pork) खाने की इच्छा – (Calcarea Phos 30, Crotalus horridus 30, Mezereum 30 |
अरुचि – Aversions | ● नहाने से – (Sulphur 30 या 200) |
अरुचि – Aversions | ● अंधेरे से – (Sanicula 30) |
अरुचि – Aversions | ● खेलने से (बच्चों में) – (Baryta Carb 200) |
अरुचि – Aversions | ● स्कूल जाने से – (Calcarea Phos 6x या 200) |
अरुचि – Aversions | ● गणित से – (Lycopodium 30 या 200) |
अरुचि – Aversions | ● डबल रोटी व मक्खन से – (Cyclamen 30) |
अरुचि – Aversions | ● प्रकाश से – (tarentula hispanica 30) |
अरुचि – Aversions | ● अंडों की गंध से – (Colchicum 30) |
अरुचि – Aversions | ● प्याज, लहसुन से – (Sabadilla 30) |
अरुचि – Aversions | ● नमक से – (Phosphorus 30) |
अरुचि – Aversions | ● माँ के दूध से – (Silicea 12x या 30) |
अरुचि – Aversions | ● बच्चों को, माँ के दूध नमकीन होने के कारण – (Calcarea Phos 6x या 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● जब रोगी कहे कि रोग फलां साल में फलां शिकायत के होने के बाद से है – (Carbo Veg 30 या 200) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● गुस्से के बाद (अपच, सांस रोग, आदि) – (Chamomilla 30 या 200) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● बिजली गिरने, कौंधने, आदि से अंधापन – (Phosphorus 200) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● रोने से खाँसी – (Arnica 30 या 200) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● गर्म दूध पीने से दस्त – (Sepia 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● मीठा खाने से दस्त – (Argentum Nit 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● अचानक डर के कारण रोग – (Aconite 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● गर्म कॉफी पीने से दस्त – (Natrum Mur 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● ठंडा, बासी, सड़ा भोजन खाने पीने से उल्टी, दस्त – (Arsenic alb 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● नहाने से सिर दर्द – (Antim Crud 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● कॉफी पीने से सिरदर्द – (Nux Vomica 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● धूप(सूरज की गर्मी) से सिरदर्द व उल्टी – (Glonoine 6 या 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● जहरीले घाव (जो ठीक होने में ना आये) – (Lachesis 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● रात में जागने से अपच – (Nux Vomica 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● चिकनाई युक्त या गरिष्ठ भोजन से अपच आदि – (Pulsatilla 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● चोट लगने के कारण रोग – (Arnica 30 या 200) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● यात्रा के दौरान उल्टी या मिचली – (Cocculus indicus 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● खाना बनने की गंध से उल्टी या मिचली – (Sepia 30 या 200) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● धुंए (मोटर गाड़ियों, फैक्टरी आदि के धुंए से खासकर शहरों में) से रोग बढ़े – (Acid Sulph 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● गीले (wet) मौसम में शायटिका, दर्द आदि – (Rhus Tox 200 या 1M) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● मानसिक उत्तेजना से टट्टी लगना या टट्टी की हाजत – (Gelsemium 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● मन में पुरानी दहशत के कारण हाथ-पैर कांपना – (Opium 200 या 1M) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● क्लोरो-माइसिटिन का बुरा असर – (Carbo Veg 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● डी. पी. टी. के बाद हुए रोग – (Calcarea Sulph 1M या 10M एक खुराक) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● बिजली के झटके के बाद हुए रोग – (Morphinum 200) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● किसी प्रियजन की मृत्यु के कारण हुए रोग; दुःख – (Ignatia Amara 200 या 1M) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● बाल कटवाने के कारण हुए रोग – (Belladonna 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● फ्लू के बाद हुए रोग – (Gelsemium 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● तरबूज खाने के बाद हुए रोग – (Zingiber 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● रेलयात्रा में पेट दर्द – (Carbo Veg 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● तेज गंध (सुगंध या दुर्गंध) से रोग बढ़े – (Phosphorus 30 या 200) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● न्यूमोनिया के बाद हुए रोग – (Kali Carb 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● धूप में लगातार काम करने से हुए रोग – (Natrum Carb 30) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● टायफाइड के बाद हुए रोग – (Psorinum 200 या 1M) |
रोगों के कुछ खास कारण – Causations | ● तैरने या पानी मे गिर जाने के बाद रोग – (Antim Crud 30 या 200) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● प्यास बिल्कुल नहीं। त्वचा खुश्क, पीली मोम जैसी; पेशाब बहुत थोड़ा। गर्मी में कष्ट बढ़ता है; ठंडक से आराम आता है। शरीर मे डंक मारने जैसा दर्द – (Apis mel 6 या 30) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● तेज प्यास, पर पानी पीते ही उल्टी हो जाती है। ठंड अच्छी नही लगती – (Apocynum Q) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● कहीं भी सूजन होने पर उपयोगी – (Thlaspi bursa pastoris Q) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● गुर्दे में विकार आने की वजह से सूजन – (Terebinthina Q) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● बेचैनी, परेशानी, प्यास ज्यादा। छाती, दिल, जिगर, तथा गुर्दे की बीमारी की वजह से सूजन – (Arsenic alb 30) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● हृदय रोग के कारण सूजन, नाड़ी धीमी व कमजोर, पेशाब थोड़ा, काले रंग का, एल्बुमिन मिला हुआ। ठंडा पसीना – (Digitalis 30) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● पेशाब या तो बहुत थोड़ा आता है या आता ही नहीं। मरीज बेहोशी में सोया रहता है; सब इंद्रियां शिथिल हो जाती है – (Helleborus 6 या 30) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● कमजोर करने वाली बीमारी के बाद सूजन – (China 6) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● किसी रुके या दबे हुए चर्म रोग के कारण सूजन – (Sulphur 30) |
सूजन (जलोदर) – Dropsy | ● दवाएं आवश्यकतानुसार दिन में 2-3 बार दी जा सकती हैं। नमक खाना बंद कर देना चाहिए। हल्का और सादा भोजन लें। |
पसीना – Perspiration | ● केवल सिर पर पसीना या शरीर के सिर्फ एक भाग पर खट्टा तथा ठंडा पसीना – (Calcarea Carb 30 या 200) |
पसीना – Perspiration | ● पसीने के कारण सारा सिर, माथा, गला, मुंह सब भीग जाते हैं। पसीना बहुत बदबूदार जो पांव में घाव तक कर देता है – (Silicea 30 या 200) |
पसीना – Perspiration | ● सिर को छोड़कर बाकी सारे शरीर पर पसीना – (Rhus Tox 30) |
पसीना – Perspiration | ● बगलों में बहुत दुर्गन्धित पसीना – (Petroleum 30) |
पसीना – Perspiration | ● बहुत कमजोरी से या घातक रोग के बाद ज्यादा पसीना आए – (China 30) |
पसीना – Perspiration | ● आंख बंद करते हीं या सोते ही पसीना आए – (Conium Mac 30 या 200) |
पसीना – Perspiration | ● शरीर के बिना ढके हिस्से पर पसीना आए – (Thuja 30) |
पसीना – Perspiration | ● शरीर को अत्यंत कमजोर कर देने वाला पसीना – (Phosphorus 30) |
पसीना – Perspiration | ● संगीत का आनंद लेते समय ज्यादा पसीना आना – (tarentula hispanica 30) |
पसीना – Perspiration | ● नींद से जागते ही पसीना आए – (sambucus nigra 30) |
पसीना – Perspiration | ● टायफाइड आदि रोगों के बाद दिन-रात पसीना आए। जरा सा हिलने-डुलने से पसीना बढ़े – (Psorinum 200) |
पसीना – Perspiration | ● रोगी जिस करवट लेटे उसकी दूसरी ओर पसीना आए – (Acid Benzोइक 30) |
पसीना – Perspiration | ● पसीने से कपड़े पर पीला दाग पड़े – (Carbo animalis 30) |
पसीना – Perspiration | ● सारे शरीर में बेहद पसीना, खास कर जननांगों में – (Acid Phos Q, या 6) |
पसीना – Perspiration | ● चलते समय बहुत पसीना आए। खाते समय ठंडा पसीना आए – (Merc Sol 30) |
पसीना – Perspiration | ● श्लेष्मिक झिल्लियों की बेहद खुश्की की वजह से आंख, नाक, जीभ, मुंह, गला, व होंठ खुश्क व सूखे हुए। पसीना बिल्कुल न आए – (Nux moschata 6 या 30) |
पसीना – Perspiration | ● पसीना रुक जाने से खून भरी टट्टियाँ आने लगे – (Nux Vomica 30) |
पसीना – Perspiration | ● पसीना रुक जाने से जुकाम या बुखार होने पर – (Aconite 30) |
पसीना – Perspiration | ● पसीने की हालत में भीग जाने पर (सर्द गर्म हो जाने पर) खांसी, जुकाम, या बुखार हो – (Rhus Tox 30 या 200) |
पसीना – Perspiration | ● दवाओं का सेवन आवश्यकता अनुसार दिन में 2 या 3 बार किया जा सकता है। |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● पेट के बल सोना – (Medorrhinum 1M, 2-3 खुराक) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● बच्चे जिनका पेट ज्यादा खाने व कीड़ों के कारण बड़ा हो; पेट के बल सोये। पालने में अच्छी नींद आए, तेज थपकियों के बाद हीं बच्चा सो पाए – (Cina 30 या 200) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● बच्चा दूध उलटने के बाद गहरी नींद सोये – (Aethuja 30) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● नींद में डरावने सपने देखना, चिल्लाना, दाँत किटकिटाना – (Kali Brom 30) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● नींद के दौरान आँखे आधी खुली रहें – (Lycopodium 30 या 200) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● रोगी दिन में सोए व रात में रोए – (Jalapa 30) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● खुशी के कारण नींद न आए – (Coffea 30 या 200) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● मानसिक तनाव के कारण नींद न आए – (Nux Vomica 30 या 200) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● नींद में सुबकियां आए – (Aurum Met 200 या 1M) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● पढ़ने से नींद आए – (Meg Phos 6x या 30) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● नींद में बोलना – (Pulsatilla 30) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● अंधेरे में न सो पाना – (Stramonium 30 या 200) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● अचानक नींद टूट जाए और नीचे की ओर गिरने का भय हो – (Borax 30) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● नींद न आना (मुख्य दवा) – ( Passiflora Q, 20 बूंद सोते समय) |
नींद विकार – Disordered Sleep | ● बायोकैमिक दवा – (Ferrum Phos 30x व Kali Phos 6x) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● जब लड़कियों को मासिक स्राव की बजाय नाक से खून आए – (Pulsatilla 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● नकसीर की रामबाण दवा – (Bryonia Q, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● सुबह उठने पर, मुँह धोने से नकसीर फूटे या खाना खाने के बाद नाक से खून आए – (Ammonium Carb 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● चोट लगने के कारण नाक से खून आए – (Arnica 30 या 200, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● नाक से खून आए जो जल्दी न जमता हो – (Phosphorus 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● जब बच्चा नाक छीलकर खून निकाल लेता हो – (Arum triph 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● नाक से चमकीला खून आये – (Millefolium Q, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● जब नाक से कालापन लिए खून आए – (Hamamelis Q, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● जब नाक से खून रात में आए और नाक में ही जमा हो जाए – (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● जब नाक से खून रात में आए और नाक में ही जमा हो जाए – (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● काली खांसी, स्कारलेटिना, मियादी बुखार, डिफ्थीरिया के दौरान नाक से गाढ़ा खून आए – (Acid Mur 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● सर्दी जुकाम के दौरान नाक से खून आए – (Ipecac 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● गर्मी या धूप में रहने से नाक से खून आए – (Lachesis 30, दिन में 3 बार) |
नकसीर फूटना – Epistaxis | ● बायोकैमिक दवा – (Ferrum Phos 6X, दिन में 3 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● गर्दन का शोथ(cervical Spondilitis)। ऐसा लगे कि किसी ने हड्डियां चाकू से खुरच दी है। मेरुदंड की कमजोरी, काम करने से रोग बढ़े। गर्माहट से आराम आए – (Acid Phos 30, दिन में 3 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● रीढ़ की हड्डियों में तेज दर्द, ऐसा लगे जैसे हड्डियां टूट गई हो। चक्कर आए जो आंखें खोलने से बढ़े – (Theridion 30, दिन में 3 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● कमर के बीच के हिस्से (lumbar and sacral) में दर्द हो जो दाएं कंधे तक जाए – (Chloromycetin 30, दिन में 3 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● कमर के निचले हिस्से का शोध व मेरुदंड की कशेरुकाओं की गड़बड़ी व कमजोरी(deformities and softening)। खासकर मोटे थुलथुले रोगियों के लिए। रोगी को ठंड ज्यादा लगे व हाथ पैर ठंडे रहे – (Calcarea Carb 200 या 1M, सप्ताह में एक बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● कमर के सबसे निचले हिस्से(coccyx) में जलन(intercurrent remedy) के साथ दर्द – (Sulphur 200 या 1M, 15 दिन में 1 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● रक्ताल्पता के रोगी जो लंबाई में तो खूब बढ़ जाते हैं मगर शरीर कमजोर ही रहता है नमक व ठंडे पेय की तीव्र रूचि व अंधेरे से डर लगता है। जलन के साथ तेज कमर दर्द जो सिर तक जाता है – (Phosphorus 30 या 200, दिन में 2 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● कमर व कंधों के बीच में दर्द। कमर के बीच के हिस्से(lumbar and sacral) में दर्द। शारीरिक व मानसिक कमजोरी। चक्कर आएं। खासकर अविवाहित रोगियों के लिए – (Conium Mac 200 या 1M, 15 दिन में 1 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● कमर के निचले हिस्से में दर्द व कमजोरी। मेरूदंड में जलन जो चूतड़ों तक जाए व चलने से बढ़े – (Kali Carb 30 या 200, हर 6 घंटे बाद) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● ठंड लगने, वजन उठाने या भीग जाने के कारण कमर दर्द, गर्माहट व चलने-फिरने से आराम – (Rhus Tox 200 या 1M, दिन में 2 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● कमर के बीच के हिस्से (lumbo-sacral) में दर्द जो हिलने-डुलने से बढ़े। कमर के निचले हिस्से(small of back) में कड़ापन व सुई चुभने सा दर्द – (Bryonia 30, दिन में 3 बार) |
मेरुदंड का शोथ – Spondilitis | ● जब मेरुदंड की शोथ के कारण कमर दर्द दिन के समय ज्यादा हो व समुद्र के किनारे बढ़े – (Medorrhinum 200 या 1M, सप्ताह में एक बार) |
कीड़े या किसी जानवर का काटना – Insect or Animal Bites | ● ततैया, बिच्छू, आदि के काटने पर – (Apis Mel 30, 1-2 घंटे पर) |
कीड़े या किसी जानवर का काटना – Insect or Animal Bites | ● मधुमक्खी के काटने पर – (Carbolic acid 6 या 30 और Apis Mel 30, दिन में 4-5 बार) |
कीड़े या किसी जानवर का काटना – Insect or Animal Bites | ● पागल कुत्ते, बिल्ली, गीदड़ आदि के काटने पर अस्पताल में टीके लगवाएं एवं साथ में – (Hydrophobinum 200, 3 खुराक व बाद में Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
कीड़े या किसी जानवर का काटना – Insect or Animal Bites | ● मकड़ी मलना – (Ledum pal 200, दिन में 3 खुराक) |
दिमाग़ी कमजोरी – Mental weekness | ● प्रमुख दवा (खासकर बढ़ती उम्र के नौजवानों में) – (Acid Phos Q, 5-10 बूंद, पानी के साथ) |
दिमाग़ी कमजोरी – Mental weekness | ● जब थोड़ी सी दिमाग़ी मेहनत से परेशानी लगे – (Picric acid 30, दिन में 3 बार) |
दिमाग़ी कमजोरी – Mental weekness | ● जब परिश्रम करने की इच्छा न हो। अत्यधिक स्नायविक दुर्बलता – (Phosphorus 30 या 200, की 3 खुराक) |
दिमाग़ी कमजोरी – Mental weekness | ● मितली, कलेजे में संकुचन, दम घुटे, जीभ साफ़ हो – (Ipecac 6 या 30, 2-2 घंटे के बाद) |
दिमाग़ी कमजोरी – Mental weekness | ● निराशा, शोक व दुःख के कारण रोग। – (Ignatia Amara 30 या 200, दिन में 3 बार) |
दिमाग़ी कमजोरी – Mental weekness | ● मानसिक परिश्रम करने वाले, चिड़चिडे स्वभाव के रोगी जिन्हें अक्सर कब्ज रहता है – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
दिमाग़ी कमजोरी – Mental weekness | ● बायोकैमिक औषधि – (Kali Phos 6X या Five Phos 6X) |
भूख न लगना – Anorexia | ● मुख्य दवा; जब कोई खास कारण पता न चले – (Lecithin 3X, दिन में 3 बार) |
भूख न लगना – Anorexia | ● मसालेदार या गरिष्ठ भोजन अधिक मात्रा में खा लेने के बाद – (Nux Vomica 30, दिन में 3 बार) |
भूख न लगना – Anorexia | ● भूख न लगना, परन्तु खाना शुरू करने पर भूख का लौट आना – (China 30, दिन में 3 बार) |
भूख न लगना – Anorexia | ● थोड़ा सा खाने से हीं पेट भर जाए, गर्म खाना – पीना अच्छा लगे, मीठा खाने की इच्छा, पेट में गैस भरी रहती हो – (Lycopodium 30, दिन में 3 बार) |
भूख न लगना – Anorexia | ● मुंह से वायु निकलना; डकारें, हाथ – पैर ठन्डे, छाती में दर्द – (Carbo veg 30, दिन में 3 बार, भोजन से आधे घंटे पहले) |
भूख न लगना – Anorexia | ● किसी बीमारी के बाद भूख न लगना – (जैन्शियाना ल्युटिया Q, 5 बूंद पानी में 3 बार) |
सादा बुखार – Simple Fever | ● ठंड लगने से बुखार, प्यास, बेचैनी, मृत्यु का भय – (Aconite 30, हर 2 घंटे पर) |
सादा बुखार – Simple Fever | ● जब पसीना और प्यास बिलकुल न हो – (Gelsemium 30, हर 2 घंटे पर) |
सादा बुखार – Simple Fever | ● आंख चेहरा लाल, हाथ पैर ठंडे, तेज बुखार के दौरान बच्चा चौंक उठे – (Belladonna 30, हर 2 घंटे पर) |
सादा बुखार – Simple Fever | ● चुपचाप लेटे रहने की इच्छा, हिलने डुलने से रोग बढ़े, रोगी पानी देर से मगर काफी मात्रा में पिए, जीभ सफ़ेद – (Bryonia 30, हर 2 घंटे पर) |
सादा बुखार – Simple Fever | ● भीगने के कारण बुखार, शरीर में दर्द, पतले दस्त, जीभ का अगला भाग लाल – (Rhus Tox 30, हर 2 घंटे पर) |
सादा बुखार – Simple Fever | ● ठंडा, बासी खाना या खराब पानी पीने के कारण बुखार, बेचैनी व थोडा थोडा पानी जल्दी जल्दी पीने की इच्छा – (Arsenic 30, हर 2 घंटे पर) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● जब बच्चे का विकास बहुत धीमे हो, जैसे चलना, बोलना, दांत निकलना, वजन बढ़ना आदि – (Baryta Carb 200, या 1M) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● जब अंडकोष नीचे न उतरे – (Aurum muriaticum natronatum 6 या 30) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● जब दूध से एलर्जी हो – (Tuberculinum 200 या 1M) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● बच्चों से खट्टी बू आये – (Hepper Sulph़ 30, Acid Sulph़ 30) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● बच्चा देर से बातचीत करना सीखे – (Natrum Mur 30) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● बच्चा देर से चलना सीखे – (Calcarea Carb 200 या 1M) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● कमजोरी के कारण सिर का बोझ न संभाल सके – (Aethuja 30) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● शारीरिक व मानसिक कमजोरी – (Zincum Met 30) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● डर या सजा के कारण गुमसुम होना – (Ignatia Amara 200 या 1M) |
बच्चों के लिए कुछ खास दवाएं – Some important medicines for Children | ● बच्चे को ठण्ड ज्यादा महसूस हो – (Silicea 200 या 1M) |
डर – Fears | ● सड़क पार करने, अकेले रहने, और तूफान से डर – (Phosphorus 30 या 200) |
डर – Fears | ● भीड़ का डर – (Argentum nitricum 30 या 200) |
डर – Fears | ● अंधेरे का डर – (Belladonna 30, Stramonium 200, Kali Brom 30) |
डर – Fears | ● परीक्षा का डर – (Anacardium 200, Lycopodium 200, Silicea 200) |
डर – Fears | ● बच्चों में गोद से या झूले से गिर जाने का डर – (Gelsemium 30, Borax 30) |
डर – Fears | ● पिछली डर वाली बातें याद करके डर लगना – (Opium 200) |
डर – Fears | ● ऊंचाई का डर – (Argentum nitricum 200, Pulsatilla 200, Staphysagria 200) |
डर – Fears | ● बारिश से डर – (elaps corallinus 30, Naja 30) |
डर – Fears | ● अजनबियों का डर – (Baryta Carb 200) |
डर – Fears | ● किसी से बात करने, छूने, या देखने का डर – (Antim Crud 200) |
कामेच्छा – Desire | ● तीव्र कामेच्छा – (tarentula hispanica 200 या 1M) |
कामेच्छा – Desire | ● जब रोगी एक औरत से संतुष्ट न होकर दाएं बाएं जाए और भोली-भाली औरतों पर बुरी नजर डाले। अपने इष्ट मित्रों व बच्चों से लगाव न हो – (Acid flour 200 या 1M) |
कामेच्छा – Desire | ● रोगी हमेशा बुरे विचारों से घिरा रहे – (Staphysagria 200 या 1M) |
कामेच्छा – Desire | ● जब तीव्र कामेच्छा के कारण हस्तमैथून के लिए विवश हो – (Origanum Majorana 30 या 200) |
कामेच्छा – Desire | ● नामर्दी के लक्षणों के साथ तीव्र कामेच्छा – (Caladium seguinum 30) |
कामेच्छा – Desire | ● शराबियों में – (Nux Vomica 30 या 200) |
कामेच्छा – Desire | ● विचार मात्र से वीर्य पतन – (Conium Mac 30 या 200) |
कामेच्छा – Desire | ● न चाहते हुए भी काम वासना पूर्ण विचार व लिंग में तनाव – (Phosphorus 30 या 200) |
कामेच्छा – Desire | ● आदमियों में लड़कों के साथ काम वासना, समलैंगिक सहवास – (Platinum 200 या 1M) |
कोढ़ – Leprosy | ● मुख़्य औषधि (इलाज शुरू करने के लिए) – (Sulphur C M, 2-3 खुराक) |
कोढ़ – Leprosy | ● इस रोग की दूसरी मुख्य दवा। इसमें त्वचा बहुत मोटी हो जाती है व त्वचा से छिछड़े (Scale) से झड़ते हैं – (Hydrocotyle 30, दिन में 3 बार) |
कोढ़ – Leprosy | ● अन्य दवाइयों के साथ यह औषधि 15-20 दिन में 1 बार दें – (Bacillinum testium 200, कुछ महीनों तक) |
कोढ़ – Leprosy | ● जब फटी हुई त्वचा में से चिपचिपा स्राव निकले – (Graphites 30, दिन में 3 बार) |
कोढ़ – Leprosy | ● कोढ़ के साथ शरीर पर उपदंश (Syphilis) के दानें व चकत्ते हों – (Thyroidinum 200 व Syphilinum 1M, 2-3 खुराक) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● मटर व फलियों से रोग वृद्धि – (Petroleum 30, Ferrum Phos 30, Pulsatilla 30, Sepia 30, Bryonia 30, Calcarea Carb 30, China 30, Kali Carb 30, Lycopodium 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● छाछ (मट्ठा) पीने से रोग वृद्धि – (Pulsatilla 30, Sepia 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● पत्तागोभी खाने से रोग वृद्धि – (Bryonia 30, China 30, Lycopodium 30, Petroleum 30, Phosphorus 30, Pulsatilla 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● गाजर खाने से रोग वृद्धि – (Calcarea Carb 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● गंदा पानी पीने से रोग वृद्धि – (Lycopodium 30, Caphor Q, Zingiber 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● अंडा खाने से रोग वृद्धि – (Calcarea Carb 30, Colchicum 30, Pulsatilla 30, Sulphur 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● अंडों की गंध से रोग वृद्धि – (Colchicum 30, Ferrum arsenicum 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● खट्टी चीजों से रोग वृद्धि – (Lachesis 30, Natrum Carb 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● शहद खाने से रोग वृद्धि – (Phosphorus 30, Bryonia 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● गर्म चीज खाने से रोग वृद्धि – (Pulsatilla 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● आइसक्रीम खाने से रोग वृद्धि – (Arsenic alb 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● मांस की गंध से रोग वृद्धि – (Arsenic alb 30, Colchicum 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● मुर्गे का मांस (Chicken) खाने से रोग वृद्धि – (Nux Vomica 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● तरबूज खाने से रोग वृद्धि – (Acid flour 30, Zingiber 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● ठंडा दूध पीने से रोग वृद्धि – (Kali Iod 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● गर्म दूध पीने से रोग वृद्धि – (Sepia 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● माँ का दूध पीने से रोग वृद्धि – (Cina 30, Natrum Carb 30, Silicea 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● घी, तेल, चिकनाई खाने से रोग वृद्धि – (Pulsatilla 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● काली मिर्च खाने से रोग वृद्धि – (Arsenic alb 30, China 30, Cina 30, Nux Vomica 30, Sepia 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● आलू खाने से रोग वृद्धि – (Alumina 30, Pulsatilla 30, Merc Sol 30, Sepia 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● मिर्च-मसाले वाला खाना खाने से रोग वृद्धि – (Nux Vomica 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● स्ट्रॉबेरी खाने से रोग वृद्धि – (Sepia 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● मीठा खाने से रोग वृद्धि – (Argentum nitricum 30, Chamomilla 30, Natrum Carb 30) |
खाने पीने की चीजों से रोग वृद्धि – Aggravation from food and drinks | ● चाय पीने से रोग वृद्धि – (China 30, Coffea 30, Sepia 30) |
गले मे दर्द – Pain in Throat | ● अचानक सूखी ठंड लगने के कारण गले मे दर्द, तेज बुखार, बेचैनी – (Aconite 30, दिन में 3 बार) |
गले मे दर्द – Pain in Throat | ● गला लाल, सूजा हुआ, निगलने में परेशानी, गले मे सुई गड़ने जैसा दर्द – (Belladonna 30, दिन में 3 बार) |
गले मे दर्द – Pain in Throat | ● गला सूजा हुआ, सूजी हुई जगह चमकीली, लाल; प्यास न हो, गले मे डंक मारने जैसा दर्द – (Apis mel 30, दिन में 3 बार) |
गले मे दर्द – Pain in Throat | ● गला पकने से मवाद हो जाए और दर्द हो – (Hepper Sulph 30, दिन में 3 बार) |
गले मे दर्द – Pain in Throat | ● गले मे दर्द; बहुत लार आए, मवाद बनने की पहली अवस्था में – (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
गले मे दर्द – Pain in Throat | ● गले मे दर्द, जो ठंडी चीजें पीने से घटे – (Phytolacca 30, दिन में 3 बार) |
गले मे दर्द – Pain in Throat | ● जब गले को ढकना या लपेटना असह्य हो – (Lachesis 30, दिन में 3 बार) |
छोटी माता – Chicken Pox | ● रोग के शुरू होने पर तेज बुखार व बेचैनी – (Aconite 6 या 30, दिन में 4 बार) |
छोटी माता – Chicken Pox | ● सिर में बहुत रक्त संचय हो और तेज सिर दर्द – (Belladonna 6 या 30, दिन में 4 बार) |
छोटी माता – Chicken Pox | ● दानों में जब बहुत खुजली हो – (Rhus Tox 6X या 30, दिन में 3 बार) |
छोटी माता – Chicken Pox | ● बायोकैमिक दवा – ( Ferrum Phos, व Kali Mur 6X) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ मोटी व थुलथुली हो एवं उस पर दांतो के निशान पड़े हों, लार आए, सफेद मैल जमी हो- (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जब जीभ पर घाव हो जाए, खिचाव हो- (Borax 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● मुंह में व जीभ पर घाव; खून बहता रहे। मुंह से दुर्गंध आए- (Acid Sulph 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ बहुत लंबी मालूम दे जैसे दातों में लग रही है। गले में घाव, मुंह बहुत सुखा, निगलने में परेशानी हो- (Aethuja 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ पर घाव हो जो धीरे-धीरे गले में फैल जाए, जीभ बीच मे फटी हुई हो। लगातार खून मिला लार टपके। मुंह से बदबू आए- (Nitric Acid 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ नक्शे की तरह चित्रित हो एवं ऐसा लगे जैसे कि जीभ पर बाल पड़ा है- (Natrum Mur 30 या 200, दिन में 2 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● ऐसा लगे जैसे जीभ जली हुई है टपकन का सा दर्द महसूस हो- (Belladonna 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ की नोक पर घाव हो- (Phytolacca 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ की नोक त्रिभुजाकार लाल रंग की हो- (Rhus Tox 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ मोटी व थुलथुली हो एवं उस पर दांतो के निशान पड़े हों, लार आए, सफेद मैल जमी हो- (Merc Sol 30, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जब जीभ पर घाव हो जाए, खिचाव हो- (Borax 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● मुंह में व जीभ पर घाव; खून बहता रहे। मुंह से दुर्गंध आए- (Acid Sulph 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ बहुत लंबी मालूम दे जैसे दातों में लग रही है। गले में घाव, मुंह बहुत सुखा, निगलने में परेशानी हो- (Aethuja 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ पर घाव हो जो धीरे-धीरे गले में फैल जाए, जीभ बीच मे फटी हुई हो। लगातार खून मिला लार टपके। मुंह से बदबू आए- (Nitric Acid 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ नक्शे की तरह चित्रित हो एवं ऐसा लगे जैसे कि जीभ पर बाल पड़ा है- (Natrum Mur 30 या 200, दिन में 2 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● ऐसा लगे जैसे जीभ जली हुई है टपकन का सा दर्द महसूस हो- (Belladonna 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ की नोक पर घाव हो- (Phytolacca 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● जीभ की नोक त्रिभुजाकार लाल रंग की हो- (Rhus Tox 30 या 200, दिन में 3 बार) |
जीभ के विकार – Affection of Tongue | ● बोरिक एसिड Boric Acid 20 ग्रेन, 1 औंस ग्लिसरीन में मिलाकर जीभ पर बाहरी प्रयोग से लाभ होता है। |
जीभ व मुंह के छाले – Aphthae | ● Hepper Sulph़ 30- मुंह में छाले, जिनमे बहुत दर्द हो – (दिन में 3 बार) |
जीभ व मुंह के छाले – Aphthae | ● Borax 30- बच्चों के मुंह में छाले – (दिन में 3 बार) |
जीभ व मुंह के छाले – Aphthae | ● Merc Sol 30- बहुत लार आना, जीभ मोटी हो जाना – (दिन में 3 बार) |
जीभ व मुंह के छाले – Aphthae | ● Nitric Acid 3 या Hepper Sulph़ 30- जीभ में छाले – (दिन में 3-4 बार) |
जीभ व मुंह के छाले – Aphthae | ● Natrum mur 6X- जीभ व मुंह के छाले का बायोकेमिक दवा – (4 गोली दिन में 3 बार) |
जीभ व मुंह के छाले – Aphthae | ● Natrum mur 6X व Kali Mur 6X मिलाकर लेने से विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स की कमी की पूर्ती होती है व छालों में आराम मिलता है l |